Thursday, May 15, 2025
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खास खबर : दून के 4 केंद्रीय विद्यालयों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों के लिए इंटरव्यू 14 मार्च से

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देहरादून, केन्द्रीय विद्यालय Recruitment 2022 के तहत देहरादून में संचालित चार केंद्रीय विद्यालयों में पीजीटी टीजीटी पीआरटी संगीत शिक्षक नृत्य शिक्षक योग शिक्षक खेल कोच काउंसलर डॉक्टर नर्स आदि पदों के लिए वॉक-इन-इंटरव्यू का आयोजन 14 मार्च 2022 से किया जाना निर्धारित हैं। केंद्रीय विद्यालय देहरादून में टीचिंग की नौकरी की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए काम की खबर। देहरादून में स्थित चार केंद्रीय विद्यालयों द्वारा विभिन्न टीचिंग और नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती के लिए संयुक्त रूप से विज्ञापन 22 फरवरी 2022 को जारी किया गया है।

विज्ञापन के अनुसार केंद्रीय विद्यालय संख्या 1, केंद्रीय विद्यालय संख्या 2, केंद्रीय विद्यालय बीरपुर और केंद्रीय विद्यालय अपर कैंप में विभिन्न विषयों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी), ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी), प्राइमरी टीचर (पीआरटी) और अन्य पदों पर शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए संविदा के आधार पर भर्ती की जानी है। इन पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन केंद्रीय विद्यालयों द्वारा 14 मार्च से 16 मार्च तक आयोजित किए जाने वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि, उम्मीदवारों की अधिक संख्या होने पर लिखित परीक्षा भी आयोजित की जा सकती है।केंद्रीय विद्यालय देहरादून में वॉन-इन-इंटरव्यू |

 

केंद्रीय विद्यालय संख्या 1, संख्या 2, बीरपुर और अपर कैंप में विभिन्न पदों के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार सम्बन्धित विद्यालय की वेबसाइट से भर्ती विज्ञापन और अप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। उम्मीदवारों को इस फॉर्म को पूरी तरह से भरकर और अपने प्रमाण-पत्रों की मूल प्रतियों के साथ-साथ स्व-प्रमाणित प्रतिलिपियों व फोटो के साथ निर्धारित तारीख पर सुबह के समय स्कूल परिसर में उपस्थित होना होगा।

देहरादून के चारों केंद्रीय विद्यालय में इन पदों के लिए होनी है संविदा भर्ती :
पीजीटी – हिंदी, गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, वाणिज्य, राजनीति विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान।
टीजीटी – हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान।
प्राथमिक शिक्षक (पीआरटी)
कंप्यूटर प्रशिक्षक
खेल शिक्षक (खेल प्रशिक्षक)
योग शिक्षक
संगीत और नृत्य शिक्षक
अकादमिक परामर्शदाता
चिकित्सक
नर्स

क्या है नई और पुरानी पेंशन (Pension) स्कीम, यहां समझें पूरा अंतर

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Pension Scheme : राजस्थान सरकार द्वारा पेंशन (Pension) को लेकर की गई घोषणा से एक बार फिर से पेंशन मुद्दा चर्चा में है. राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू होने के बाद रिटायर्ड होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी.

पुरानी पेंशन लागू होने से अंशदायी पेंशन योजना खत्म होगी 2004 से पहले वाली पुरानी पेंशन प्रणाली फिर से बहाल होगी. पुरानी पेंशन योजना के तहत इसमें वेतन की आधी पेंशन मिलेगी. जबकि नए पेंशन सिस्टम में कर्मचारियों को खुद पैसा कटवाना होता था. इसके साथ ही अब पुरानी पेंशन बहाल होने से एक अप्रैल 2022 से संविदाकर्मियों की सैलरी 20 फीसदी बढ़ेगी.

 

क्या है नई पुरानी स्कीम में अंतर :

पुरानी पेंशन स्कीम

– जीपीएफ की सुविधा.
– पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.
– रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50 फीसद गारंटी.
– पूरी पेंशन सरकार देती है.
– रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में 16.5 माह का वेतन.
– सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर
20 लाख कर दी.
– सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी.
– हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा.
– जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं.
– रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति.

नई पेंशन स्कीम

– जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
– वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.
– निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
– नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
– रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
– पारिवारिक पेंशन खत्म
– लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार
रिफंडेबल लिया जा सकता है)
– रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा.
– नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.
– महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा.

जल जीवन मिशन के तहत जल शासन को मजबूत करना जरूरी : प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 तक देश के हर घर को नल के जल से जोडऩे की योजना का लक्ष्य हासिल करने में सामूहिक प्रयास को जरूरी बताते हुए कहा है कि योजना के क्रियान्वयन में यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि मिशन के तहत कहीं कोई छूटना नहीं चाहिए।
मोदी ने बुधवार को वेबिनार के जरिये जल जीवन मिशन से जुड़े सभी पक्षों से बात करते हुए कहा कि देश के हर ग्रामीण को स्वच्छ जल का हक है और जल जीवन मिशन के तहत देश में हर नागरिक के जल अधिकार को जल शासन के माध्यम से मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत इस साल चार करोड़ पानी कनेक्शन दिए जाने हैं। उन्होंने इस लक्ष्य को हसिल करने की बात करते हुए कहा कि यह काम पूरा करने के साथ ही प्रत्येक राज्य सरकार को मिशन के तहत पाइपलाइनों की गुणवत्ता के साथ ही उपलब्ध कराये जाने वाले पानी की गुणवत्ता के बारे में बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मोदी ने कहा, इस योजना की प्रमुख विशेषताओं में से एक यह है कि ग्राम स्तर पर जल और जमीन को लेकर लोगों में अपना होने की भावना होनी चाहिए और इसके जरिये जल शासन को मजबूत किया जाना चाहिए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें 2024 तक हर घर में नल का पानी पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर गांव में लोगों को 2024 तक नल से स्वच्छ जल मिले, बजट में गांव के लिए जो निधि आवंटित की गई है उसका पूरा इस्तेमाल होना चाहिए। इससे गांव में बदलाव आए और देश के हर नागरिक को उसका अधिकार मिले। इस दिशा में सभी को नई रणनीति के तहत काम कर सफलता हासिल करनी होगी।

RBI Rules: डैमेज नोट बदलने के लिए आरबीआई ने बनाया नियम! जान लीजिए फायदे में रहेंगे

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नई दिल्ली: RBI Rules: अगर आपके पास फटा या टेप चिपका हुआ नोट है और आप ये नोट कहीं दे नहीं पा हैं क्योंकि दुकानदार भी इसे लेने से मना करते हैं. तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है.

आपको इस नोट के बदले सही नोट मिल जाएंगे. इस टेप चिपके हुये नोट को बदलने के लिए आरबीआई ने नियम बनाए हैं. आइए जानते हैं कि बैंक नियमों के अनुसार, इन नोट को आप कैसे बदल सकते हैं और कैसे आप पूरे पैसे वापस पा सकते हैं. यानी कैसे इस टेप चिपके नोट को आप वैध बना सकते हैं.

क्या कहते है बैंक के नियम?

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ (RBI) के साल 2017 के एक्सचेंज करेंसी नोट नियमों के अनुसार, अगर एटीएम से आपको कटे-फटे नोट मिलते हैं तो इन्हें आप आसानी से बदल सकते हैं. और कोई भी सरकारी बैंक (PSBs) नोट बदलने से इंकार नहीं कर सकते. ऐसे नोट को बैंक लेने से मना नहीं कर सकते हैं.ये है नोट बदलने का तरीका

अगर आपका नोट टुकड़ों में फटा हो तो भी बैंक इसे बदलेगा. यहां तक कि फटे नोट का कोई हिस्सा गायब भी हो तो उसे एक्सचेंज किया जा सकता है.अगर किसी नोट का हिस्सा पूरी तरह से फटा हो, पूरा हिस्सा कट गया हो या पूरा नोट जला हो तो उसे सिर्फ आरबीआई के इश्यू ऑफिस में बदला जा सकता है. इसके लिए आप एक फॉर्म भरकर सरकारी बैंक, प्राइवेट बैंक के करंसी चेस्ट या आरबीआई के इश्यू ऑफिस में जाकर बदल सकते हैं.

पूरे पैसे मिलेंगे वापस

आपके नोट की हालत और नोट वैल्यू पर यह निर्भर करता है कि आपको पूरे पैसे वापस मिलेंगे या नहीं. थोड़े-बहुत कटे फटे नोट की स्थिति में पूरे पैसे मिल जाते हैं, लेकिन अगर नोट ज्यादा फटा है तो आपको कुछ प्रतिशत पैसा वापस मिलेगा. उदाहरण से समझें- अगर 50 रुपये से कम वैल्‍यू वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्‍य नोट के 50 फीसदी से ज्‍यादा बड़ा है तो इस नोट के बदलने पर उसकी पूरी वैल्‍यू मिलेगी. अगर 50 रुपये से अधिक वैल्‍यू वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्‍य नोट की तुलना में 80 फीसदी या इससे ज्‍यादा है तो इस नोट के बदलने पर आपको पूरी कीमत मिलेगी.
वहीं, अगर 50 रुपये से अधिक वैल्‍यू वाले नोट का सबसे बड़ा टुकड़ा सामान्‍य नोट के 40 से 80 फीसदी के बीच होता है तो आपको उस नोट के वैल्‍यू की आधी कीमत ही मिलेगी. अगर 50 रुयपे से अधिक वैल्‍यू वाले एक ही नोट के दो टुकड़े हैं और ये दोनों टुकड़े सामान्‍य नोट के 40 फीसदी तक हैं तो आपको नोट के पूरी वैल्‍यू के बराबर कीमत मिलेगी. 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के नोटों को बदलने पर आधी कीमत नहीं मिलती है. यानी अब आप बिना घाटे के अपने पैसे बदल सकते हैं.
ऐसे करें शिकायत

अगर आपको कोई बैंक कटे-फटे नोट बदलने के लिए मना करे तो https://crcf.sbi.co.in/ccf/ under General Banking// Cash Related category में आप इसकी शिकायत भी कर सकते हैं. यह लिंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम के लिए है. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, कोई भी बैंक एटीएम से निकले कटे-फटे नोट को बदलने से इंकार नहीं कर सकता. साथ ही इसके बावजूद अगर बैंक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती हैं. कस्टमर की शिकायत के आधार पर बैंक को 10 हजार तक का हर्जाना भी भरना पड़ सकता है.(साभार -ज़ी न्यूज़ )

व्हाट्सऐप ने भारत में लॉन्च किया ‘Safety in India’जानिए कैसे आपको ऑनलाइन रखेगा सुरक्षित

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व्हाट्सऐप ने एक समर्पित ‘सेफ्टी इन इंडिया’ रिसोर्स हब लॉन्च किया, जिसमें लोगों को ऑनलाइन सुरक्षित रहने में मदद करने के लिए कई सुरक्षा उपायों के बारे में बताया गया है. इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए व्हाट्सऐप के सप्ताह भर चलने वाले अभियान #TakeCharge के बाद रिसोर्स हब का शुभारंभ हुआ.

व्हाट्सऐप ने एक बयान में कहा ने कहा, “हमारे यूजर्स की सुरक्षा व्हाट्सऐप पर हम जो कुछ भी करते हैं उसके मूल में है और एक समर्पित ‘सेफ्टी इन इंडिया’ रिसोर्स हब लॉन्च करना यूजर्स को उनकी ऑनलाइन सुरक्षा को कंट्रोल करने के लिए शिक्षित और सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का एक तरीका है.”

व्हाट्सऐप ने कहा “पिछले कुछ सालों में हमने यूजर्स सुरक्षा और गोपनीयता बढ़ाने में मदद के लिए महत्वपूर्ण उत्पाद में बदलाव किए हैं. लगातार प्रोडक्ट इनोवेशन के अलावा हमने लगातार आधुनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंटिस्ट, एक्सपर्ट्स और प्रोसेस में भी इनवेस्ट किया है ताकि यूजर्स सुरक्षा का समर्थन करें,”.

रिसोर्स हब ऑनलाइन सुरक्षा, गोपनीयता और सुरक्षा के आसपास कई जरूरी सब्जेक्ट की रिसर्च करता है, कॉमन मिथ्स को दूर करता है, इसके अलावा जागरूकता पैदा करता है कि कैसे यूजर्स आज की डिजिटल रूप से जुड़ी दुनिया में संभावित साइबर घोटालों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

‘सेफ्टी इन इंडिया’ हब के माध्यम से, व्हाट्सऐप का टारगेट अलग अलग सुरक्षा उपायों और इन-बिल्ट प्रोडक्ट फीचर्स के बारे में जागरूकता पैदा करना है जो यूजर्स को सेवा का उपयोग करते समय अपनी सुरक्षा को कंट्रोल करने के लिए सशक्त बनाता है.

रिसोर्स हब एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के बारे में भी बताता है जिसे व्हाट्सऐप इंडिया स्पेसिफिक प्रोसेस के साथ हाइलाइट करता है जो गलत सूचना के प्रसार और प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को रोकने में मदद करता है.

व्हाट्सऐप ने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह संसाधन यूजर्स को उनकी गोपनीयता की रक्षा करने और इंटरनेट को सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए आवश्यक जानकारी से लैस करेगा.”

उत्तराखंड में 156 नए कोरोना केस, एक मौत

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देहरादून। उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर प्रदेश में 156 नए कोरोना मरीज मिले हैं। ऐसे में एक्टिव केसों की संख्या 1,026 हो गई है। जबकि 1 कोरोना मरीज की मौत हुई है। वहीं, 206 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 1.56% है.उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 90,865 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 86,400 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 95.09% है.।
उत्तराखंड में 24 घंटे में 1 कोरोना मरीज की मौत हुई है। यह मौत हरिद्वार के एक अस्पताल में हुई है। बीते रोज भी 1 मरीज की मौत हुई थी। प्रदेश में इस साल एक जनवरी से अभीतक 258 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा देहरादून में 53 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं, अल्मोड़ा में 14, बागेश्वर में 4, चमोली में 16, चंपावत में 7, हरिद्वार में 15, नैनीताल में 8, पौड़ी में 6, रुद्रप्रयाग में 17, टिहरी में 1, उधम सिंह नगर में 3 और उत्तरकाशी में 2 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं।
उत्तराखंड में बुधवार को 12,543 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 78,68,753 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 2,34,344 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है।

सुद्दोवाला जंगल में छात्र का शव मिलने से सनसनी

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देहरादून।  प्रेम नगर थाना क्षेत्र के जंगलों में छात्र का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। शव सुद्दोवाला में बाला देवी सुंदरी मंदिर के पास जंगल में मिला। स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की और पंचनामा भरकर शव को कब्जे में लिया। मृतक के शरीर पर चोट और रगड़ के कई निशान मिले हैं। छात्र का शिनाख्त 23 वर्षिय लखीमपुर खीरी निवासी सत्कर्ष तिवारी के रूप में हुई है, जो प्रेम नगर में रहता था और बीएफआईटी कॉलेज का छात्र था।

जानकारी के मुताबिक, सत्कर्ष मंगलवार 22 फरवरी को अपने एक दोस्त के साथ विकासनगर गया था। सत्कर्ष का दोस्त तो टैक्सी बुक करके देहरादून लौट आया था, लेकिन सत्कर्ष बाइक आ रहा था। इसी बीच क्या हुआ इसकी किसी को जानकारी नहीं है। अगले दिन बुधवार को उसका सत्कर्ष का शव सुद्दोवाला में बाला देवी सुंदरी मंदिर के पास जंगल में मिला। प्रेमनगर थाना प्रभारी कुलदीप पंत ने बताया कि जंगलों में शव की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मौके पर मौजूद लोगों के जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। छात्र की बाइक भी घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही मिली है। प्रथम दृष्यता मामला सड़क दुर्घटना का लग रहा है, क्योंकि छात्र की बाइक पर पेड़ से टकराने के निशान मिले हैं। छात्र के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है।

रोजगार निर्माण में मदद करेगा किसान विकास ट्रस्ट

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मसूरी। जौनपुर प्रखंड के कांडीखाल गांव में स्वरोजगार के लिए स्थापित प्रशिक्षण केंद्रों को किसान विकास ट्रस्ट पटना सहयोग करेगा। पहाड़ के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने और प्रशिक्षित करने के लिए कांडीखाल में साबुन, फर्नीचर एंड वुडक्राफ्ट, हैंडलूम, पत्तल निर्माण, सिलिाई, डेयरी आदि की स्थापना की गई है। जिसमें आसपास के क्षेत्र के दर्जनों युवाआंे को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लेकिन, बीतने दो तीन सालों से कारोनो के चलते सभी संेटर बंद पड़े हैं। जबकि, सभी यूनिटों का कच्चा माल खराब होने से काफी नुकसान भी हुआ है। इन सेंटरों को दोबारा शुरू करने के लिए किसान विकास ट्रस्ट आगे आया है। सेंटर के संचालक जबरसिंह, गोबिंद, स्वाती आदि ने बताया कि कोरोना के चलते सेंटर बंद हो गए थे। इससे हजारों रूपये का कच्चा माल भी खराब हो गया। जिसकी पूर्ति किसान विकास ट्रस्ट करेगा। सेंटर शुरू होने से जहां दर्जनों स्थानीय युवकों को रोजगार मिलेगा, वहीं प्रशिक्षण भी दिया जा सकेगा।

 

लंढौर बाजार में वाहनों के खडा होने से व्यवसायियों को हो रहा नुकसान

मसूरी। पर्यटन नगरी में पार्किग की कमी के कारण वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं जिसके कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह हाल पूरी मसूरी का है लेकिन लंढौर मुख्य बाजार का तो और बुरा हाल है। लेकिन आज जनता व पर्यटको को हो रही परेशानी की ओर न ही पुलिस और न ही प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है।
लंढौर बाजार मसूरी का सबसे पुराना बाजार है, पहले यहां पर रोड के किनारे पार्किग नहीं होती थी लेकिन विगत कई वर्षो से वाहनों की संख्या बढने व पार्किग की कमी होने के कारण लोग वाहन सड़क के किनारे खड़े कर देते हैं। जिसके कारण लोगांे को खासी परेशानी हो रही है। एक ओर लंढौर के व्यापारी कहते हैं कि इस क्षेत्र में पर्यटक नहीं आता अगर आता है तो रूकता नहीं है। जबकि इसका सबसे बड़ा कारण रोड के किनारे वाहनों का खड़ा किया जाना है। और इसके लिए खुद लंढौर के लोग जिम्मेदार हैं।

क्यों कि ये वाहन खुद लंढौर निवासियों व दुकानदारों के हैं। वहीं रोड के किनारे लोगों ने गंदगी भी फैला रखी है घरों का पुराना सामान, मलवा आदि भी रोड के किनारे रखने से बाजार की शोभा खराब हो रही है। हालांकि लंढौर में दो छोटी पार्किंग बनी है लेकिन उनमें ऐसे वाहन खड़े रहते हैं जो कभी हटते ही नहीं वहीं जो स्थान बचता है उसमें आस पास के होटल वाले अपने वाहन खड़े कर देते है।ं स्थानीय लोगों का कहना है कि लंढौर बाजार में पहले रोड के किनारे कोई वाहन खड़ा नहीं होता था सभी वाहन सीधे आगे निकल जाते थे लेकिन अब सारे वाहन खड़े रहते हैं जो पार्किग बनाई गई उस पर लोगों का कब्जा है ऐसे में वाहन कहां खडे करेगे। लोग दुकानों के आगे वाहन लगाते हैं उनके खिलाफ पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि रोड पर आने जाने वालों को परेशानी न हो। अगर कोई पर्यटक लंढौर आता है तो उसके लिए वाहन खडे करने की कोई जगह नहीं मिलती जिस कारण उसका लाभ लंढौर वालों को नहीं मिल पाता वही पूरी मसूरी के लोग भी लंढौर मे शॉपिंग करने जाते है,

लेकिन अब रोड पर गाड़ियां खडी होने के कारण शॉपिगं करने वालों को भी वाहन खड़े करने की जगह नहीं मिलती जिससे लंढौर का व्यवसाय प्रभावित होता है, इस बात को लंढौर के व्यवसायियों को समझना चाहिए व बाजार क्षेत्र में वाहन नहीं खडे़ करने चाहिए। वहीं दूसरी ओर लंढौर चौक में दो चार गाड़ियों के खड़े करने का स्थान था वहां पर भी स्थानीय लोगों के वाहन खड़े रहते हैं व रेड़ी भी लगी है जिस कारण वहां भी पर्यटको व सामान खरीदने आने वाले स्थानीय लोगो को जगह नहीं मिल पाती। इस ओर पुलिस व प्रशासन को ध्यान देना चाहिए ताकि मसूरी के पुराने बाजार को आर्थिक मजबूती मिल सके।

युवक अनियंत्रित होकर खाई में गिरा, गंभीर घायल होने पर मैक्स भेजा गया।

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मसूरी। टिहरी बाई पास रोड़ पर जबर खेत के नीचे एक युवक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरा। सूचना मिलने पर पुलिस व फायर के जवान मौके पर पहुंचे व स्थानीय लोगों के सहयोग से गंभीर हालात में घायल युवक को गहरी खाई से निकाल कर 108 के माध्यम से उपचार के लिए देहरादून मैक्स अस्पताल भेज दिया। घटना की जानकारी देते हुए एसएसआई गुमान सिंह नेगी ने बताया कि बार्लोगंज क्षेत्र में किसी होटल में नौकरी करने वाला एक 26 वर्षीय युवक जिसका नाम रतन शर्मा पुत्र यशपाल शर्मा गर रात्रि टिहरी बाई पास रोड पर जबर खेत के नीचे आया व स्कूटी खड़ी कर क्रश बैरियर के सहारे बैठ गया। तभी अचानक वह अनियंत्रित होकर गहरी खाई में करीब 100 फीट नीचे जा गिरा। सूचना मिलने पर पुलिस व फायर ब्रिगेड व एसडीआरएफ के जवान मौके पर पहुंचे व स्थानीय लोगों की सहायता से काफी देर तक रेस्कयू अभियान चलाकर उसे खाई से निकाला जो गंभीर रूप से घायल था। बताया गया कि वह युवक किराये की स्कूटी लेकर आया था जिसे आज एक ट्रक वाले ने देखा कि स्कूटी खड़ी है जब खडड में देखा तो एक व्यक्ति पड़ा था जिस पर पुलिस को सूचना दी गई। युवक गंभीर रूप से घायल है जिसे 108 के माध्यम से मैक्स अस्पताल भेज दिया गया है। रेस्कयू करने में सहयोग करने वाले दिगंबर उर्फ टीटू ने बताया कि जैसे ही उन्हें पता लगा वह तुरंत अपने साथियों को लेकर मौके पर पहुंचे व युवक को निकालने में मदद की। उन्होंने कहा कि वह हर दुर्घटना में पुलिस का सहयोग करते रहते हैं। रेस्कयू टीम में एसएसआई गुमान सिंह नेगी, वरेंद्र कोहली, सुधांशु चौधरी, वीरेंद्र तोमर, फायर सर्विस के चलमी राम, राजकुमार, हरदीप शाह, रविंद्र सिंह, एसडीआरएफ के सागर व मोहन सिंह थे।

मुनि मंदिर में 53वां वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह 26 फरवरी से 28 फरवरी तक

चंडीगढ़, सेक्टर 23 स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में पूज्यपाद ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की प्रेरणा से परम्परानुसार 53वां वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह का आयोजन 26 फरवरी से 28 फरवरी तक मंदिर परिसर में श्रद्धा पूर्वक आयोजित किया जाएगा।

मंदिर परिसर में एक विशेष बैठक के दौरान इस संपूर्ण समारोह के संबंध में जानकारी देते हुए सभा के प्रधान श्री दिलीप चंद गुप्ता व सांस्कृतिक सचिव पं. दीप भारद्वाज तथा उप-प्रधान ओ पी पाहवा ने बताया कि सभा 53वां वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह करने जा रहा है जिसके अंतर्गत भगवान का सत्संग का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर श्रद्धालुओं को पठानकोट वृंदावन से आए कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री जी द्वारा भगवान की कथा श्रवण करवाई जाएगी और शहर की संकीर्तन मंडलियों द्वारा मधुर भजन व कीर्तन किया जाएगा।

उन्होंने समारोह के दौरान विभिन्न कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि समारोह का आयोजन 26 फरवरी तथा 27 फरवरी शाम 4 बजे से रात्रि 7 बजे तक किया जाएगा, जिसके अंतर्गत आमंत्रित महापुरुषों तथा श्री श्री 108 स्वामी श्री पञ्चानन गिरि जी महाराज का अभिनंदन व हनुमान जी का पूजन विधि विधान के साथ किया जाएगा, जबकि 28 फरवरी को प्रात: 8:30 बजे हवन, कथा का भोग तथा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

सभा की इस बैठक में प्रधान दिलीप चंद गुप्ता, सांस्कृतिक सचिव पंडित दीप भारद्वाज, उप प्रधान ओपी पाहवा, महासचिव एस आर कश्यप, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

अंतराष्ट्रीय लोक भाषा दिवस : विशेष : बात ‘अपनी भाषा’ की…!

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(रमाकान्त बेंजवाल)

वर्ष 1952 के बाद भाषा को आधार बनाकर राज्यों का निर्माण हुआ। 1971 की जनगणना में एक तरफ 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाएँ रखी गईं और दूसरी तरफ ‘अन्य’ में बाकी सभी भाषाएँ रखी गईं। इससे हमारी लोकभाषाएँ हाशिए पर चली गईं। वर्ष 2001 की जनगणना में 122 भाषाएँ और 234 बोलियों की जानकारी मिलती है। सरकारी नीतियों के हिसाब से 10 हजार लोग अगर किसी भाषा को बोलते हैं तो वह भाषा है। जबकि वर्ष 2011 की जनगणना में हमारे गढ़वाली बोलने वालों की संख्या 23,22,406 और कुमाउनी बोलने वाले 20,11,286 लोग हैं। किसी भी भाषा का संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल होना इतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि उस भाषा को कितने लोग बोलते हैं और कितना उस भाषा एवं साहित्य में सृजन किया गया है, ज्यादा महत्व रखता है।

लिपि मानव समाज का सबसे बड़ा आविष्कार है। लिपि से ही अपनी बात को दूसरों तक संप्रेषित करने के लिए मनुष्य चित्र संकेतों का सहारा लेता था, फिर भाव संकेत सामने आए और उसके बाद अस्तित्व में आए वर्ण या अक्षर, लिपि अपनी बात या हिसाब-किताब को लिखकर रखने एवं विचारों को सहेजने का माध्यम बनी। माना जाता है कि 70 हजार वर्ष पहले मानव जीवन में भाषा का आगमन हुआ और मौखिक स्वरूप को बदलते हुए 5-6 हजार साल पहले लिपि का आविष्कार हुआ।

बच्चे की प्रथम पाठशाला उसकी माँ होती है। जिस भाषा को वह माँ के मुँह से सुनता है उसी को सबसे पहले तुतलाते हुए बोलना शुरू करता है। इसीलिए माँ की भाषा को ‘दुदबोली’ कहा जाता है। कुटम्बीजन भी उसके इस भाषा ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होते हैं। परिवार के इस दायरे से निकलकर बच्चा जब विद्यालय जाता है तो पढ़ाई का माध्यम हिंदी या अंग्रेजी होने पर भी उसकी अपनी ‘दुदबोली’ का असर उसके उच्चारण एवं लहजे पर जरूर पड़ता है। यदि किसी की पढ़ाई का माध्यम हिंदी और उसे गढ़वाली में लिखना है तो वह पहले हिंदी में चिंतन करेगा फिर मन ही मन उसका अनुवाद गढ़वाली में करेगा।अंतराष्ट्रीय लोक भाषा दिवस पर विशेष : आज बात अपनी भाषा की | Janmanch Aajkal

किसी भी क्षेत्र की संस्कृति परंपराओं की जानकारी में उस क्षेत्र की भाषा का ज्ञान महत्वपूर्ण होता है। अपनी लोकभाषा में भावों और विचारों की अभिव्यक्ति जितनी प्रभावपूर्ण एवं सशक्त ढंग से हो सकती है उतनी दूसरी भाषा में नहीं।

भारत का भाषा सर्वेक्षण जाॅर्ज अब्राहम ग्रियर्सन (1894-1928) द्वारा ‘लिंग्विस्टिक सर्वे आॅफ इण्डिया’ नाम से 21 खण्डों की प्रकाशित इस रिपोर्ट में 179 भाषाएँ और 544 बोलियों का सर्वेक्षण है। ग्रियर्सन अपनी रिपोर्ट के खण्ड-9 भाग-4 में पूर्वी पहाड़ी (नेपाली) , मध्य पहाड़ी (गढ़वाली-कुमाउनी) और पश्चिमी पहाड़ी (हिमाचल की भाषाएँ) नाम से लिखते हैं कि मध्य पहाड़ी का सम्बन्ध दरद-खस से है और जौनसारी को वे पश्चिमी पहाड़ी से जोड़ते हैं। गढ़वाली के 8 उपभेद- सिरनगर्या, नागपुर्या, दसोल्या, बधाणी, राठी, टिहर्याली, सलाणी, मांझ-कुम्मैया बताते हैं और उदाहरण सहित इनके अंतर को स्पष्ट करते हैं।

लगभग सौ वर्ष बाद भाषा के जानेमाने विद्वान प्रो० गणेश देवी जी ने वर्ष 2010 में भारत के 27 राज्यों के भाषा सर्वेक्षण पर काम शुरू किया। इस सर्वेक्षण में तीन हजार भाषा जानकारों तथा 500 भाषाविदों ने अपना योगदान दिया। प्रो० गणेश देवी के अनुसार विश्व में लगभग 6 हजार भाषाएँ बोली जाती हैं। 4 हजार भाषाएँ 30 वर्षों में समाप्त हो जाएंगी। पिछले 50 वर्षों में ही हमारी 250 भाषाएँ खत्म हो गई हैं। जिस भाषा में लिखा नहीं जा रहा है वह भाषा जल्दी लुप्त हो रही है। मौखिक परंपरा का युग अब समाप्ति पर है।

प्रो० गणेश देवी के निर्देशन में ‘पिपुल्स लिंग्विस्टिक सर्वे आॅफ इंडिया’ अपने-अपने क्षेत्र के लोगों द्वारा अपनी भाषा पर किया गया सर्वेक्षण है। 35 हजार पृष्ठों वाले इस सर्वेक्षण में 27 राज्यों 780 भाषाओं के 50 खण्ड हैं और प्रत्येक राज्य का अलग भाग है। भारतीय लोकभाषा सर्वेक्षण का 30वां खण्ड ‘उत्तराखंड की भाषाएँ’ 2014 में प्रकाशित हुआ। इस 30वें खण्ड में गढ़वाल की- गढ़वाली, जौनसारी, जौनपुरी, जाड, बंगाणी, रवांल्टी, मार्च्छा तथा कुमाऊँ की- कुमाउनी, जोहारी, थारू, बोक्साड़ी, रं-ल्वू और राजी कुल 13 भाषाओं का सर्वेक्षण हुआ है।