Tuesday, April 29, 2025
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सीबीएसई कक्षा 12वीं का परिणाम जारी, ऐसे मिलेगी मार्कशीट

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CBSE CLASS 12 TERM 1 BOARD RESULT 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई कक्षा 12वीं कक्षा 1 बोर्ड के परिणाम (CBSE class 12 term 1 board results) जारी कर दिये गए हैं. सभी उम्मीदवार जो कक्षा 12वीं की परीक्षा के लिए सीबीएसई टर्म 1 बोर्ड परिणाम (CBSE term 1 board result) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइटों cbse.gov.in और cbseresults.nic.in पर देख सकते हैं. स्‍कूल से प्राप्‍त करें अपनी मार्कशीट
उम्मीद के अनुसार बोर्ड ने सीबीएसई कक्षा 12वीं टर्म- 1 बोर्ड की मार्कशीट सीधे स्कूल को जारी की है. छात्र अपने संबंधित स्‍कूल से संपर्क कर सकते हैं और परिणाम प्राप्‍त कर सकते हैं
CBSE CLASS 12 RESULT 2022: इन वेबसाइट्स पर चेक करें परिणाम
यदि सीबीएसई कक्षा 12वीं के परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर देखना चाहते हैं, तो उम्मीदवार नीचे दिए गए स्‍टेप्‍स को फॉलो कर अपना टर्म 1 बोर्ड परिणाम देख सकते हैं:
cbse.nic.in
cbse.gov.in
cbseresults.nic.in

इसके अलावा, सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइटों के अलावा, छात्र एसएमएस सेवा, डिजिलॉकर और उमंग के माध्यम से अपने कक्षा 12वीं के टर्म 1 बोर्ड के परिणाम भी देख सकते हैं.

CBSE CLASS 12 TERM 1 RESULT 2022: ऐसे चेक करें परिणाम
1. CBSE की आधिकार‍िक वेबसाइट cbse.gov.in या cbseresults.nic.in पर जाएं.
2. रिजल्‍ट टैब पर क्‍ल‍िक करें.
3. “CBSE class 12th term 1 result 2022” लिंक पर क्‍ल‍िक करें.
4. आपका रोल नंबर, सेंटर, स्‍कूल नंबर और अन्‍यू विवरण दर्ज करें.
5. रिजल्‍ट (Class 12th term 1 board results) स्‍क्रीन पर आ जाएगा, उसे डाउनलोड करें और प्रिंट आउट लें.

 

रूसी हमले में अब तक 112 बच्चों की मौत, जोपोरिया में कर्फ्यू का ऐलान

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यूक्रेन में महा अभियोजक कार्यालय की ओर से कहा गया कि रूस के हमले शुरू होने के बाद से अब तक देश में 112 बच्चों की मौत हो चुकी है. कार्यालय ने कहा कि 24 फरवरी से अब तक 140 बच्चे घायल हो चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी के अनुसार, अब तक 15 लाख से अधिक बच्चे यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं. ज्यादातर परिवारों ने पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, मोल्डोवा रोमानिया में शरण ली है. अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की खबर के अनुसार यूक्रेन के मायकोलाइव पर रॉकेट अटैक में 40 यूक्रेनी सिपाहियों की भी मौत हो गई है. वहीं यूक्रेन के जोपोरिया में रूस के हमलों के कारण कर्फ्यू का ऐलान किया गया है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के अनुसार रूस की सेनाएं “मानवीय आपदा” उत्पन्न करने के लिए यूक्रेन के बड़े शहरों तक आपूर्ति रोक रही हैं. इस तरह से लोग उनके साथ सहयोग करने को मजबूर हो जाएंगे. जेलेंस्की ने कहा कि रूस की सेनाएं देश के मध्य दक्षिण पूर्वी हिस्से में घेराबंदी किए हुए शहरों तक होने वाली आपूर्ति को रोक रही हैं. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले नौ हजार से अधिक लोगों ने मारियुपोल छोड़ दिया अब तक मानवीय गलियारों से 1 लाख 80 हजार लोग सुरक्षित बाहर निकल चुके हैं.

जेलेंस्की के अनुसार रूस मध्य दक्षिण पूर्वी यूक्रेन के शहरों तक आपूर्ति को रोक रहा है. मैक्सर टेक्नोलॉजीज से शुक्रवार को प्राप्त उपग्रह चित्रों में मारियुपोल छोड़कर जाने वाली कारों की लंबी कतारें दिखाई दीं. जेलेंस्की ने कहा कि एक दिन पहले नौ हजार से अधिक लोग शहर छोड़कर चले गए.

महिला की हाथ-पांव बांधकर निर्मम हत्या

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उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक के आराकोट गांव में एक महिला की हत्या का मामला प्रकाश में आया है। घटना स्थल पर महिला के हाथ व पांव बंधे हुए मिले। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए सीएचसी नौगांव भेज दिया है। पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार मामला हत्या का लग रहा है। वहीं दूसरी ओर परिजनों ने तत्काल आरोपितों को गिरफ्तार करने की मांग की है। घटना उत्तरकाशी जिले के सीमांत ब्लॉक मोरी के आराकोट गांव की है। जहां शुक्रवार को होली के दिन आराकोट गांव की 48 वर्षीय राधिका उर्फ राधा देवी पत्नी अबल दास अपने कमरे में मृत मिली। मामला संज्ञान में तब आया जब सुबह को गांव के लोग होली खेलते-खेलते राधा के घर पहुंचे। जहां उन्होंने दरवाजा खोला तो महिला के हाथ पैर बंधे हुए मिले। जिससे पूरे गांव में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद मोरी पुलिस स्थल पर पहुंची और शव पोस्टमार्टम के लिए नौगांव भेज दिया।
थानाध्यक्ष मोरी सतीश घिल्डियाल ने बताया कि मृतका की बेटी मनीषा की तहरीर पर मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया है। स्थानीय लोगों से धटना की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मामला प्रथम दृष्टया हत्या का प्रतित होता दिखाई दे रहा है।
वर्ष 2018 की आपदा में बह गया था महिला का घर
मोरी ब्लॉक के आराकोट गांव निवासी मनमोहन चौहान ने बताया कि मृतक महिला के पति पशुपालन विभाग उतरकाशी में कार्यरत हैं। जो दूसरी पत्नी के साथ उत्तरकाशी में ही रहते हैं। लेकिन 48 वर्षीय मृतका राधिका बीते दस वर्षों से गांव में अकेले ही रहती थी। वर्ष 2018 में आराकोट क्षेत्र में आई भीषण आपदा में महिला का मकान बह गया था। जिसके बाद उक्त महिला गांव में स्थित पंचायत भवन के एक कमरे में अकेले ही अपना जीवन यापन करती थी। लेकिन गुरुवार रात को किसी ने महिला को मौत के घाट उतार दिया।

लगातार 2 दिन कर्मचारियों की हड़ताल, इस बैंक में कामकाज प्रभावित होने की आशंका

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आगामी 28-29 मार्च को बैंक कर्मचारी यूनियंस की दो दिवसीय हड़ताल है। इस हड़ताल की वजह से आरबीएल बैंक की कुछ शाखा में कामकाज प्रभावित होने की आशंका है। ये बात आरबीएल बैंक की ओर कही गई है।

आरबीएल बैंक ने शेयर बाजार से कहा है कि उसके रत्नाकर बैंक अधिकारी संगठन और रत्नाकर बैंक कर्मचारी संघ क्रमशः ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) से संबद्ध हैं। बैंक की ओर फाइलिंग में कहा गया है, “उपरोक्त यूनियनों से जुड़े बैंक के कर्मचारी हड़ताल में भाग ले सकते हैं। विषय बैंक स्तर के मुद्दों से संबंधित नहीं है।” आरबीएल बैंक के मुताबिक वह हड़ताल के दिनों में अपनी शाखाओं/कार्यालयों के सुचारू कामकाज के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा, लेकिन संभावना है कि हड़ताल के पूरा होने पर उसकी कुछ शाखाएं भी प्रभावित होंगी।

हड़ताल की वजह: दो दिवसीय हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का विरोध करने और निजी कंपनियों को आईडीबीआई बैंक की बिक्री को रोकने के लिए है। इसके अलावा, यूनियंस जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और बैंकों के बीच पांच दिवसीय सप्ताह, चाइल्ड केयर लीव, ​​नेशनल पेंशन सिस्टम को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना की बहाली के अलावा महंगाई भत्ते में विसंगति को दूर करने की भी मांग कर रही हैं।

पृथक राज्य आंदोलन की प्रासंगिकता पर प्रश्न चिन्ह लगाता उत्तराखंड विधानसभा का जनमत।

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(देवेन्द्र चमोली)
विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आये एक हफ्ता से अधिक वक्त बीत चुका है फिर प्रचंड बहुमत से भाजपा सत्ता मे काविज हो गई है, काग्रेस को प्रमुख विपक्षी दल व बसपा सहित दो निर्दलीय विधायकों को विपक्ष की भूमिका निभाने का जनादेश जनता जनार्दन ने दिया है। हार जीत की खुशी गम के बीच 22 साल के उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री की तलाश जारी है कभी किसी को दिल्ली दरवार से बुलावा चर्चा का विषय बन जाता है तो कभी केन्द्रीय नेतृत्व का कौन खासमखास की चर्चाओं में जनता जनार्दन मस्त है। कौन जीता कौन हारा कौन मंत्री कौन नहीं इन सब चर्चाओं के अलग असली प्रश्न फिर पृथक उत्तराखंड राज्य के पैरोकारी चिंतकों के सामने मुंह लटकाये खड़ा है कि जीता कोई भी हो अगर हार हुई तो एक बार फिर शहीदों के सपनों के उत्तराखंड की।

राज्य बनने के बाद हुये चुनाव पर नजर दौड़ाये तो विधानसभा हो या लोकसभा , पंचायत चुनाव हो या स्थानीय निकाय के जनादेश से साफ स्पष्ट है कि जनता ने पृथक राज्य आंदोलन की भावनाओं को दरकिनार किया है। अपनी स्पष्ट पहचान व पहाड़ के विकास के लिये सड़को पर उतरी उत्तराखंड की जनता इन 22 वर्षों मे अपने ही संघर्षों को नकारती दिखी है ऐसे में चुनाव दर चुनाव राज्य आंदोलन की भावनाओं के विपरीत मिल रहा जनादेश अब तक राजधानी विहीन पृथक राज्य उत्तराखंड निर्माण की प्रासंगिकता पर प्रश्न खड़ा करने को काफी है।
पॉचवीं विधानसभा के नतीजों पर गौर करें तो एक बार फिर उत्तराखंड के जनमानस का जनादेश अपने ही संघर्षों के खिलाफ आया है। लम्बे जन संघर्षों व शहीदों की शहादतों पर बने राज्य की विधानसभा में इस बार भी राज्य निर्माण की परिकल्पना करने व पृथक राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली ताकतों का कोई प्रतिनिधि न होना शहीदों के सपने के उत्तराखंड की परिकल्पना के लिये चिन्ता का विषय तो है ही साथ ही पृथक राज्य उत्तराखंड निर्माण पर भी सवालिया निशान खडा कर रहा है।

लगातार उत्तराखंडी भावनाओं की जड़े खोखली ही नही बल्कि नष्ट होती जा रही है ये अलग विषय है कि इन जड़ो को नष्ट करने की कगार पर पहुंचाने वाले कारको की फेरहिस्त लम्बी हो सकती है अकेले जनमत को ही इसका दोशी मानना न्यायोचित नहीं होगा पर जन आंदोलनों के गर्भ से जन्मा राज्य उत्तराखंड जिसकी आज तक राजधानी तक जनभावनाओं के अनुरूप तय करने में सत्ताधारी कतराते रहे विना स्थाई राजधानी का देश मे एक मात्र राज्य की जनता का लगातार अपने ही संघर्षों को दरकिनार कर जनभावनाओं के उलट कार्य करने वाली ताकतों के पक्ष में जनमत से राज्य आंदोलन की प्रासंगिकता पर प्रश्न खड़ा होना स्वाभाविक है।

ये प्रश्न बार बार संघर्ष शील ताकतों व राजनीतिक विचारकों को दिल में कौंध रहा है कि पृथक राज्य के आंदोलन में अपनी भागीदारी से इसे जनआदोंलन में परिवर्तित कर देश ही नहीं विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाने वाली उत्तराखंड की जनता क्या अपने मत व अपने आप के साथ न्याय कर रही है?
कभी पहाड़ के दुःख दर्द को समेटे अपने संघर्षों के दम पर उत्तराखंड के जनमानस के दिलों मे राज करने वाला उत्तराखंड क्रान्ति दल राज्य बनने के बाद मिले जनमत के चलते आज वंशनाश के कगार पर खड़ा हो गया । सदन में इस छैत्रीय दल की शून्यता उत्तराखंड के भविष्य की भी चिन्ता बड़ा गया।

बहरहाल आने वाले समय में दिल्ली दरबार से सूबे के नये नीजाम थोपे जाने की पंरम्परा का निर्वहन होगा ओर फिर से एक बार केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों की डोर से बंधी राज्य सरकार गैर धरातलीय जन कल्याणकारी उपलब्धियों की नई नई कथायें गढ़ेगी ओर इस चकाचौंध में फिर से गौण हो जायेगें उत्तरखंड वासियों व उत्तराखंड से जुड़े वो सारे अनसुलझे मुद्दे जिसके लिये उत्तराखंड का जनमानस कभी सड़को पर उतरा था। उत्तराखंड की मातृ शक्ति के साथ हुआ दुराचार 42 लोगों को शहादत, वेरोजगारी, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा के मुद्दे फिर से दफन होते नजर जायेगे ।
भले ही एक बार फिर जनता के जनमत से जीत का जश्न सत्ता विपक्ष के लोग मना रहे हो लेकिन सदन में छैत्रीय हितों की पैरवी करने वाले दल की शून्यता के चलते असली मायनों में फिर हार हुई है तो शहीदों के सपनों के उत्तराखंड की । ओर इस हार के लिये संघर्ष शील ताकतों के झंडाबरदारों की महत्वाकांझा के साथ साथ राष्ट्रीय दलों के चुनावी चकाचौंध मे उत्तराखंड की जनता का भटकाव ही असली जिम्मेदार है।

मां मातृभाषा एवं मातृभूमि पर करें गर्व : उपराष्ट्रपति

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हरिद्वार 19 मार्च (कुलभूषण) देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने विवि में स्थापित एशिया के प्रथम बाल्टिक सेंटर का निरीक्षण किया तथा देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों के याद में बने शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल लेण्जण् सेनिद्ध गुरमीत सिंह का विवि पहुंचने पर कुलपति शरद पारधी प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल अपने एक दिवसीय प्रवास पर शनिवार को देवसंस्कृति विवि पहुंचे। यहां उन्होंने दक्षिण एशियाई शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया। यह संस्थान दक्षिण एशियाई देशों के बीच तमाम राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी सकारात्मक व्यवहार की स्थापना को प्रेरित करता रहेगा। विवि में इस संस्थान की स्थापना को उपराष्ट्रपति ने इस क्षेत्र का मील का पत्थर जैसा बताया।

इस दौरान उपराष्ट्रपति नायडू मुख्य अतिथि के रूप में शांतिकुंज स्थापना की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित व्याख्यानमाला में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मां मातृभाषा और मातृभूमि को सदैव आत्मा से जोडे रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश रमण सहित अनेक ने अपनी मातृभाषा में अध्ययन कर उंचाइयों को प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि भारत में विविधता ही यहां विशेषता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के दिव्य प्रकाश में ही व्यक्ति समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन पाता है। शिक्षा का भारतीय करण नई शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य है। देवसंस्कृति विवि की शिक्षा प्रकृति और संस्कृति का अच्छा संयोजन है। भारतीय संस्कृति के उत्थान में जुटे गायत्री परिवार एवं देवसंस्कृति विवि के कार्यों की सराहना की।

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि देसंविवि मुझे एक मंदिर जैसा लगता है। भारतीय संस्कृति पर जो वैज्ञानिक तरीके से शोध हो रहा है उसका नेतृत्व देवसंस्कृति विवि करेगा ऐसा मुझे विश्वास है। उन्होंने कहा जिस तरह पं श्रीराम शर्मा आचार्य ने शांति एवं सौहार्द्र के लिए कार्य किया है उसे यह सेंटर आगे बढायेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को गहराई से जानने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान होना आवश्यक हैए यह हमें अपने जड़ों से जोड़ती है।
प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या ने स्वागत उद्बोधन एवं दएशांसुसं की परिकल्पना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय पंरपरा शांति समरता और सौहार्द्र की रही है। इसी कार्य को इस संस्थान के माध्यम से और आगे बढायेंगे। इसी क्रम में वेदों और उपनिषदों के सार को भी विश्व भर में फैलायेंगे। कुलपति शरद पारधी ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉण् चिन्मय पण्ड्या ने गायत्री मंत्र लिखित चादर युग साहित्य एवं स्मृति चिह्न भेंटकर उपराष्ट्रपति एवं राज्यपाल को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने देसंविवि के नवीनतम वेबसाइटए प्रज्ञायोग प्रोटोकॉल एवं उत्सर्ग पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर शांतिकुंज एवं देसंविवि परिवार के अलावा अनेक प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
इससे पूर्व उपराष्ट्रपति ने देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में स्थापित एशिया के प्रथम बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया। उन्होंने बाल्टिक देशों में सेंटर द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों को सराहा। उपराष्ट्रपति ने प्रज्ञेश्वर महादेव का पूजन कर विश्व शांतिए राष्ट्र की सुख एवं उन्नति की कामना की। उन्होंने प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण कर पर्यावरण संतुलन के लिए संदेश दिया।
अपने प्रवास के दौरान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू एवं राज्यपाल लेज ;सेनिद्ध गुरमीत सिंह इक्कीसवीं सदी की गंगोत्री शांतिकुंज पहुचे। यहाँ उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डॉण् प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी से भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।इस अवसर पर सन् १९२६ से सतत प्रज्वलित सिद्ध अखण्ड दीप का दर्शन विश्व शांति की प्रार्थना की।

गौरैया संरक्षण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण : रविन्द्र पुरी

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हरिद्वार 19 मार्च (कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज के बी काम दिव्तीय वर्ष के छात्र अक्षत त्रिवेदी ने गौरैया संरक्षण के लिए एक अलख जगायी हुई हैण् वह पिछले एक वर्ष से गौरेया के लिए घौंसलें बना कर विभिन्न स्थानों पर लगा कर गौरेया संरक्षण में अपना अभूतपूर्व योगदान दे रहा हैण् इसी कड़ी में अक्षत त्रिवेदी ने महाविद्यालय परिसर में जगह.जगह गौरैयों के लिए गौरैया गृह ;घोंसलाद्ध लगवाया विश्व गौरेया दिवस के पूर्व दिवस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष एवं कालेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी कालेज के प्राचार्य एवं हिमालय क्लब के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार बत्रा डॉ विजय शर्मा पर्यावरण विद एवं विनीत सक्सेना ने अक्षत त्रिवेदी को इस सराहनीय कार्य के लिए स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि गौरेया विलुप्त प्राय सी हो गईं हैं। शहरीकरण एवं पेड़ों के कटने से घरों के आंगन में फुदकने और चहकने वाली गौरेया देखने को नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में गौरेया.संरक्षण के लिए यह कदम एक मिसाल कायम करेगी ण् उन्होंने कालेज के पर्यावरण प्रकोष्ठ के अन्तर्गत चलायी जा रहीं इस मुहीम की भूरि भूरि प्रशंसा कीण् श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि गौरेया संरक्षण के लिए कालेज के पर्यावरण प्रकोष्ठ के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों ए स्थानों में घोसले लगवाये जायेगें।
महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि पशु पक्षियों को ईश्वर ने मनुष्यों से पहले बनाया ईश्वर ने मनुष्यों को विचारशील बनाया ताकि मनुष्य जीव.जंतु पशु.पक्षियों नदी.तालाबों आदि का संरक्षण कर सके पशु पक्षियों एवं जीव.जंतु के साथ मानव का गहरा संबंध हैण् एक के रहने पर दूसरे का जीवन सुखी एवं आनंददायक होगा। प्रकृति ने हमें हरे.भरे वृक्षएचहचहाते पक्षी कल कल करती नदियाँ गगनचुंबी पर्वत हरी.भरी घाटियां आदि प्रदान किया ताकि हम आनन्दित रह सकें।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि गौरेया एक छोटी पक्षी नहीं यह हमारे साहित्य कला व संस्कार में रची बसी हैण् आज इसकी संख्या समाप्त हो रही है जो समाज विशेषकर पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक है इसके संरक्षणए संवर्धन की जिम्मेदारी प्रत्येक मानव की है।
पर्यावरण विद डॉ विजय शर्मा ने बताया कि गौरेया की विलुप्तता का मुख्य कारण कीट नाशकों का उपयोगए अंधाधुंध शहरीकरणए पक्षियों के प्रति संवेदनहीनता व पेड़ पौधों की कटाई है। इससे हम सभी को बचना हण्
पिछले कुछ समय से गौरैया को लेकर लोगों की जागरूकता में इजाफा हुआ है शहरों में लोग चिड़ियाओं के लिए घोंसले लगा रहे हैं।

कृषि तथा बागवानी की जमीन सेना तथा पैरामिलिट्री को जबरन दिए जाने पर भड़के पंचायत प्रतिनिधि, डीएम को लिखा पत्र

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पिथौरागढ़, चीन सीमा क्षेत्र में चार स्थानों में सेना तथा पैरामिलिट्री द्वारा उपयोगी 66 एकड़ भूमि मांगने पर पंचायत प्रतिनिधियों भड़क गए है। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर कृषि तथा बागवानी की जमीन सेना तथा पैरामिलिट्री को जबरन दिए जाने का सीमा क्षेत्र में विरोध करने की चेतावनी दे दी है। कहा कि हम सेना व पैरामिलिट्री का मनोबल बढ़ाने के लिए गैर कृषि एवं बागवानी की की भूमि देने को तैयार है।इसके लिए सेना, पैरामिलिट्री तथा प्रशासन के साथ त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर शंका का समाधान किया जाय।
भारत – चीन सीमा पर चीन की ओर से लगातार बढ़ रही गतिविधियों को देते हुए भारतीय सेना ने मुनस्यारी से लगी चीन सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए 66 एकड़ भूमि की मांग का प्रस्ताव रखा है। इस बात की भनक लगते ही जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिला अधिकारी पिथौरागढ़ को पत्र लिखकर सीमा क्षेत्र के लोगों की मंशा से अवगत करा दिया है। प्रशासन ने पत्र मिलने के बाद भूमि खोजने का काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि इस सीमा पर भारतीय सेना अपनी चौकसी को और अधिक मजबूत करने वाली है।
पिथौरागढ़ जनपद के तहसील मुनस्यारी के अंतर्गत लगने वाली चीन सीमा पर भारतीय सेना अब अपनी स्थिति और अधिक मजबूत करने वाली है।
लंबे समय से चीन की ओर से इन सीमाओं पर लगातार अपनी गतिविधियां बढ़ाई जा रही है। इस बीच कुमाऊं स्काउट धारचूला के स्टेशन स्टाफ ऑफिसर द्वारा 14 अगस्त 2021 को एक पत्र उप जिलाधिकारी मुनस्यारी को दिया गया है।इस पत्र में भारतीय सेना के लिए मुनस्यारी में 20 एकड़, खालिया टॉप मुनस्यारी में 20 एकड़, बुगडियार में 20 एकड़, रिलकोट में 5 एकड़, मिलम में 15 एकड़, दुंग 6 एकड़ जमीन की मांग का प्रस्ताव दिया गया है।
भारतीय सेना के इस पत्र से अनुमान लगाया जा रहा है सीमा क्षेत्र में अपनी छावनी या तथा चौकियों को विकसित करना चाह रही है ।अभी तक यह सीमा भारत तिब्बत सीमा पुलिस की की जिम्मेदारी में है ।सीमा क्षेत्र में भारतीय सेना का आना जाना लगा रहता है। चीन सीमा पर हुई घटना के बाद यहां भारतीय सेना की आवाजाही बढ़ गई थी।
मुनस्यारी की बलाती फार्म में भारतीय सेना के द्वारा अस्थाई पोस्ट का निर्माण भी किया गया है। इसको लेकर भी सीमांत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई है। पेयजल आपूर्ति के स्रोतों में शौचालय निर्माण कर दिया गया है। मर्तोलिया ने कहा कि इस तरह की सेना तथा पैरामिलिट्री की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि सेना तथा पैरामिलिट्री के साथ जनता का विरोध न बढ़े इसके लिए स्थानीय प्रशासन को बातचीत का रास्ता निकाल कर हर प्रकार के शंका का समाधान निकालना चाहिए।

होली पर दो पक्षों में बवाल चले लाठी-डंडे, मरीज को लेने जा रही एंबुलेस के कर्मी को लोगों ने पीटा

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देहरादून, देश के साथ साथ उत्तराखण्ड़ में भी होली की धूम रही। होली के रंगों में मस्त नशेड़ियों ने कई जगहों पर जमकर बवाल मचाया है। ऋषिकेश के होली के दिन बीमार को एसपीएस राजकीय चिकित्सालय लेकर आए 108 सेवा के दो कर्मचारियों के साथ वहां पहले से मौजूद करीब एक दर्जन लोगों ने मारपीट कर दी। इतना ही नहीं यह लोग एंबुलेंस की चाबी लेकर भाग गए। वहीं दूसरी ओर होली के मौके पर श्यामपुर थाना क्षेत्र में दो समुदाय के लोगों के बीच रंग डालने को लेकर जमकर बवाल हुआ। देखते ही देखते हालात इतने बिगड़ गए की दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी डंडे व पत्थर चलने लगे। वहीं तीसरा मामला चमोली का है यहां होली पार्टी में रंग लगाने को लेकर दो पक्षों के बीच हुई लड़ाई में अवर अभियंता समेत दो लोग घायल हो गए। जिन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है |

मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश में शुक्रवार की शाम करीब 7:00 बजे रायवाला क्षेत्र की 108 सेवा एंबुलेंस को दो घायल को चिकित्सालय लाने के लिए कॉल आयी। कॉल अटेंड करते हुए 108 सेवा के पायलट जयदेव और इएमटी अनिकेत वाहन लेकर निकलने लगे। इस बीच हॉस्पिटल के अंदर ही एंबुलेंस को रास्ता देने को लेकर विवाद हुआ था और हमलावर नशे में थे। इन्होंने इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन अनिकेत और पायलट जयदेव के साथ मारपीट की। मदद के लिए यह दोनों चिकित्सालय के अंदर भागे। बाद में सूचना पाकर चिकित्सालय के अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। हमलावरों की संख्या करीब एक दर्जन बताई गई है। इन्होंने एंबुलेंस का शीशा भी तोड़ दिया। वहीं हमलावर एंबुलेंस की चाबी लेकर मौके से भाग गए। बताया जाता है कि यह लोग ढाल वाला मुनिकीरेती क्षेत्र के रहने वाले हैं। एंबुलेंस कर्मियों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। ॠषिकेश के श्यामपुर थाना क्षेत्र में होली के दौरान दोपहर बाद दो समुदाय के लोग रंग डालने को लेकर आमने सामने आ गए। मामला देखते ही देखते मारपीट तक बढ़ गया। दोनों पक्षों की ओर से लाठी डंडे चले और पत्थर बाजी हुई। जिसमें एक पक्ष के पांच जबकि, दूसरे पक्ष के चार लोगों को चोटें आई है। वहीं दूसरी ओर चमोली में ग्रामीण निर्माण विभाग गोपेश्वर में अपर सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत संदीप राणा व जिला बचत अधिकारी अर्शित गोंदवाल अपनी पत्नी व अन्य लोगों के साथ मंडल स्थित लोनिवि गेस्ट हाउस में होली की पार्टी के लिये गए थे। जहां अचानक 4 से 5 अज्ञात लोग मौके पर पहुंचे और उनके साथ मौजूद महिलाओं को रंग लगाने की जिद्द करने लगे। वहीं, जब संदीप और अर्शित ने उनका विरोध किया तो अज्ञात लोगों द्वारा उनके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। जिससे संदीप और अर्शित लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गए। वहीं, दोनों घायलों को विभागीय लोगों ने आनन-फानन में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां घायलों की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है।

अब उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के अलावा अन्य लोगों की नियुक्ति पर लगी रोक

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देहरादून, उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम के माध्यम से विभिन्न विभागों में अगले महीने से पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के अलावा अन्य लोगों की नियुक्ति पर रोक लग जाएगी। उपनल के महाप्रबंधक ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (सेवानिवृत्त) के मुताबिक उपनल को पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए बनाया गया है। जिसमें अगले महीने से गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों की नियुक्तियां नहीं हो पाएगी।

 

प्रदेश सरकार की ओर से पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए 2004 में उपनल का गठन किया गया था, ताकि इसके माध्यम से विभिन्न विभागों में उन्हें नियुक्तियां दी जा सके। लेकिन समय-समय पर इसमें गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों की भर्ती होती रही है।

 

पूर्व में वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्य सचिव ने पूर्व सैनिकों के अलावा गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों को भी उपनल से भर्ती का शासनादेश जारी किया था। पूर्व सैनिकों की नाराजगी के बाद इसे निरस्त किया गया। जबकि अब 2020 में कोविड की वजह से गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोगों के लिए फिर से इसके माध्यम से नियुक्ति का रास्ता खोल दिया गया।

शुरुआत में एक साल के लिए नियुक्ति का रास्ता खोले जाने के बाद इसे कुछ और समय के लिए बढ़ाया गया, लेकिन अब 31 मार्च 2022 के बाद गैर सैन्य पृष्ठभूमि के लोग उपनल के माध्यम से नियुक्ति नहीं पा सकेंगे। पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को उपनल के माध्यम से उनकी योग्यता के हिसाब से उन्हें विभिन्न विभागों में नियुक्त किया जाता है। इस समय प्रदेश में 21 हजार से अधिक उपनल कर्मचारी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
महाप्रबंधक उपनलब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (सेनि.) का कहना है कि उपनल पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के लिए बना है। कोविड के दौरान अन्य लोगों को भी इसके माध्यम से नियुक्तियां दी गई, लेकिन अगले महीने से अन्य लोग इसके माध्यम से नियुक्तियां नहीं पा सकेंगे।