Friday, May 3, 2024
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गौरैया संरक्षण में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण : रविन्द्र पुरी

हरिद्वार 19 मार्च (कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज के बी काम दिव्तीय वर्ष के छात्र अक्षत त्रिवेदी ने गौरैया संरक्षण के लिए एक अलख जगायी हुई हैण् वह पिछले एक वर्ष से गौरेया के लिए घौंसलें बना कर विभिन्न स्थानों पर लगा कर गौरेया संरक्षण में अपना अभूतपूर्व योगदान दे रहा हैण् इसी कड़ी में अक्षत त्रिवेदी ने महाविद्यालय परिसर में जगह.जगह गौरैयों के लिए गौरैया गृह ;घोंसलाद्ध लगवाया विश्व गौरेया दिवस के पूर्व दिवस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष एवं कालेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी कालेज के प्राचार्य एवं हिमालय क्लब के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार बत्रा डॉ विजय शर्मा पर्यावरण विद एवं विनीत सक्सेना ने अक्षत त्रिवेदी को इस सराहनीय कार्य के लिए स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि गौरेया विलुप्त प्राय सी हो गईं हैं। शहरीकरण एवं पेड़ों के कटने से घरों के आंगन में फुदकने और चहकने वाली गौरेया देखने को नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में गौरेया.संरक्षण के लिए यह कदम एक मिसाल कायम करेगी ण् उन्होंने कालेज के पर्यावरण प्रकोष्ठ के अन्तर्गत चलायी जा रहीं इस मुहीम की भूरि भूरि प्रशंसा कीण् श्री महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि गौरेया संरक्षण के लिए कालेज के पर्यावरण प्रकोष्ठ के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों ए स्थानों में घोसले लगवाये जायेगें।
महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि पशु पक्षियों को ईश्वर ने मनुष्यों से पहले बनाया ईश्वर ने मनुष्यों को विचारशील बनाया ताकि मनुष्य जीव.जंतु पशु.पक्षियों नदी.तालाबों आदि का संरक्षण कर सके पशु पक्षियों एवं जीव.जंतु के साथ मानव का गहरा संबंध हैण् एक के रहने पर दूसरे का जीवन सुखी एवं आनंददायक होगा। प्रकृति ने हमें हरे.भरे वृक्षएचहचहाते पक्षी कल कल करती नदियाँ गगनचुंबी पर्वत हरी.भरी घाटियां आदि प्रदान किया ताकि हम आनन्दित रह सकें।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि गौरेया एक छोटी पक्षी नहीं यह हमारे साहित्य कला व संस्कार में रची बसी हैण् आज इसकी संख्या समाप्त हो रही है जो समाज विशेषकर पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक है इसके संरक्षणए संवर्धन की जिम्मेदारी प्रत्येक मानव की है।
पर्यावरण विद डॉ विजय शर्मा ने बताया कि गौरेया की विलुप्तता का मुख्य कारण कीट नाशकों का उपयोगए अंधाधुंध शहरीकरणए पक्षियों के प्रति संवेदनहीनता व पेड़ पौधों की कटाई है। इससे हम सभी को बचना हण्
पिछले कुछ समय से गौरैया को लेकर लोगों की जागरूकता में इजाफा हुआ है शहरों में लोग चिड़ियाओं के लिए घोंसले लगा रहे हैं।

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