Sunday, May 12, 2024
HomeTrending Nowचिकित्सा विज्ञान ने अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अत्यन्त सुगम बना कर लाखों...

चिकित्सा विज्ञान ने अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अत्यन्त सुगम बना कर लाखों लोगों को पुनर्जीवन प्रदान किया : प्रो. हेम चन्द्र पाण्डे

“डा. अशोक कुमार पन्त की पुस्तक “लिवर प्रत्यारोपण : मेरे अनुभव” का हुआ लोकार्पण”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), लीवर प्रत्यारोपण के सफल 15 वर्ष पूर्ण करने वाले डा. अशोक कुमार पन्त की स्व अनुभव पर आधारित पुस्तक “लिवर प्रत्यारोपण : मेरे अनुभव” का लोकार्पण एवं अंगदान-महादान अभियान का शुभारम्भ आज दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में किया गया।
लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर समारोह की आयोजक संस्था पहल की निदेशक श्रीमती कमला पन्त द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. हेम चन्द्र पाण्डे कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्व विद्यालय द्वारा पुस्तक लोकार्पण करते हुए कहा कि अंगदान कर दूसरे व्यक्ति को नवजीवन प्रदान करना जहां एक पुण्य कार्य है वहीं वह व्यक्ति को स्वयं के जीवन की सार्थकता सिद्ध करने का मौका देता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान ने जो ऊचाईयां प्राप्त की हैं उसने अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया को अत्यन्त सुगम बना कर लाखों लोगों को पुनर्जीवन प्रदान किया है। प्रो० पाण्डे ने कहा कि डा० अशोक कुमार पन्त इसके साक्षात् उदाहरण है तथा उनके पुत्र डा० शिवाशीष पन्त जिन्होंने अपने पिता को मात्र 18 वर्ष की उम्र में अपने लिवर का अंशदान कर जीवन रक्षा की तथा स्वयं भी स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, उन्हें इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की ओर से राज्य में अंगदान-महादान अभियान का ब्रांड एम्बेसडर घोषित कर सम्मानित किया। प्रो० पाण्डे ने आशा व्यक्त की कि डा० पन्त की पुस्तक समाज में अंगदान की ओर लोगों को प्रेरित करने हेतु एक मील का पत्थर साबित होगी। इस अवसर पर सीनियर सिटिजन वैलफेयर सोसाइटी की ओर से डा० अतुल जोशी तथा निशक्त जन पुनर्वास एवं प्रशिक्षण केन्द्र की ओर से अध्यक्ष श्रीमती भारती पाण्डे ने भी डा० शिवाशीष पन्त को सम्मानित किया।
इस अवसर पर रोटरी क्लब तथा दधीचि संस्था ने भी अंगदान-महादान अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस अभियान में शामिल होने की घोषणा की। इस अवसर पर दून चिकित्सालय के डा० राकेश बलूनी द्वारा डा० पन्त की पुस्तक की समीक्षा की गई। पुस्तक के चिकित्सकीय एवं भावनात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डा० अशोक कुमार पन्त की यह पुस्तक पूरे समाज के लिए प्रेरणा है कि अपनी नियमित दिनचर्या तथा उपचारात्मक प्रोटोकॉल का अनुपालन कर विगत 15 वर्षों से स्वस्थ जीवन जीकर लिवर प्रत्यारोपण की राष्ट्रीय स्तर पर एक सफलता की कहानी है। डा0 संजय गौड़ ने अंगदान व अंग प्रत्यारोपण की सम्पूर्ण प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। समारोह को संबोधित करते हुए विशिष्ठ अतिथि यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो० दुर्गेश पन्त ने उपस्थित जन समुदाय का आवाहन किया कि अंगदान-महादान मुहिम में सहयोग कर आम लोगों में प्रत्यारोपण संबंधी भ्रान्तियों को दूर कर अंगदान हेतु प्रेरित करें। पुस्तक के लेखक डा० अशोक कुमार पन्त तथा डा० शिवाशीष पन्त द्वारा भी अपने अनुभव साझा किए गए। डा० शिवाशीष पन्त ने स्वयं को ब्रांड एम्बेसडर घोषित. किए जाने पर धन्यवाद दिया तथा ‘अंगदान-महादान’ अभियान की अग्रगामिता करने के प्रति संकल्पबद्धता व्यक्त की। पूर्व चिकित्सा महानिदेशक डा० एल०एम० उप्रेती ने स्वयं के द्वारा चलाई जा रही अंगदान महादान मुहिम को इस अंगदान-महादान अभियान से जोड़ कर लोगों से अंगदान हेतु आगे आने का आह्वान किया।

लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता श्री नृप सिंह नपलचयाल, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड द्वारा की गई और मानस कॉलेज ऑफ साईस टैक्नॉलॉजी एण्ड मैनेजमेन्ट पिथौरागढ़ के निदेशक देवाशीष पन्त ने सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन श्री योगेश धस्माना द्वारा किया गया।

लोकार्पण समारोह में डा० एस०एस० पांगती पूर्व आई०ए०एस०, डा० सुधारानी पाण्डेय पूर्व कुलपति संस्कृत विश्व विद्यालय, श्रीमती पुष्पा मानस, पूर्व शिक्षा निदेशक, एडवोकेट के०पी० काला, डा० नीलाम्बर पुनेठा, श्रीमती विनोद उनियाल, डा० सविता मोहन, श्रीमती डौली डबराल, गिरीश चन्द पाण्डे, शोभा पाण्डे, गीता गैरोला, तनमय ममगई, लोकेश नवानी, गुणानंद जखमोला, अनिल जग्गी, कुसुम रावत, प्रतिमा पन्त, डा० अजय कुमार बियानी, डा० एस०एस० मेहरा, डा० ललित पन्त, कल्याण सिंह रावत सहित शहर के 100 से अधिक गण्यमान्य व्यक्ति तथा चिकित्सा जगत से जुड़े विशिष्ट व्यक्ति शामिल हुए।

 

 

नशेड़ियों ने की पूर्व विधायक स्व.भट्ट की प्रतिमा के ऊपर लगी छतरी को उखाड़ने का प्रयास

काशीपुर, राजकीय चिकित्सालय में स्व. लक्ष्मण दत्त भट्ट की प्रतिमा के ऊपर लगी छतरी को कुछ नशेड़ियों द्वारा उखाड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ लोगों द्वारा उन्हें देख लेने से वह छतरी ले जाने में सफल नहीं हो सके। पर्वतीय समाज के लोगों ने घटना पर रोष व्यक्त किया और अस्पताल पहुंचकर सीएमएस से विरोध जताया। हालांकि सीएमएस ने मामले में पुलिस को तहरीर देने की बात कही है।
बुधवार की रात लक्ष्मण दत्त भट्ट चिकित्सालय में स्थापित काशीपुर के पूर्व विधायक रहे स्व. लक्ष्मण दत्त भट्ट की प्रतिमा के ऊपर लगी छतरी को तोड़ कर ले जाने का कुछ नशेड़ियों द्वारा प्रयास किया गया। रात में अस्पताल में काम करने वाले एक ट्रेनी युवक ने यह देख लिया। जिससे वह लोग छतरी वहीं छोड़कर फरार हो गए।

जिस जगह पर स्व. लक्ष्मण दत्त भट्ट की प्रतिमा स्थापित की गई है उसके ठीक पीछे एक बाग है। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि इस बाग में नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। दिन रात यहां नशेड़ी इंजेक्शन व स्मैक आदि का सेवन करते रहते हैं।

यही लोग अस्पताल से कई बार छोटी मोटी चोरियां करते रहते हैं। इधर देवभूमि पर्वतीय महासभा से जुड़े निवर्तमान अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जीना, पूर्व पार्षद पुष्कर बिष्ट, रिकी पोंटिंग, विजय खुल्वे, जयदीप ढौंडियाल, विजय बिष्ट आदि ने अस्पताल सीएमएस डॉ. खेमपाल से मिलकर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की मांग की व स्व. लक्ष्मण दत्त भट्ट के प्रतिमा स्थल की सफाई की मांग भी रखी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments