Saturday, July 27, 2024
HomeTrending Nowमातृसदन परमाध्यक्ष पहुचे,अखाड़ा परिषद महामंत्री ने किया स्वागत

मातृसदन परमाध्यक्ष पहुचे,अखाड़ा परिषद महामंत्री ने किया स्वागत

हरिद्वार,01 जनवरी (कुल भूषण), गंगा की अविरलता,पवित्रता और अक्षुण्णता के लिए पिछले चार दशकों से संघर्ष कर रहे मातृसदन परमाध्यक्ष कर्मयोगी संत शिवानंद महाराज ने शुक्रवार को नववर्ष के प्रथम दिन अधिष्ठात्री देवी मायादेवी व नगर कोतवाल आनंद भैरव मन्दिर में पूजा अर्चना कर अपने संघर्ष को सफल बनाने तथा कुम्भ 2021 को भव्य दिव्य तरीके से कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराने तथा विश्व को कोरोना से मुक्त कराए जाने की मंगलकामना की।

स्वामी शिवानंद महाराज ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के अनुरोध पर मायादेवी में पूजा अर्चना के लिए आये थे। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने बताया स्वामी शिवानंद महाराज जूना अखाड़े से सन् 1974 से जुड़े हुए है। उन्होने कई वर्षो तक मायादेवी मन्दिर में रहकर साधना की और माता मायादेव के आर्शीवाद से उन्होने देव नदी माॅ गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए खनन माफियाओं और सरकार से अनवरत संघर्ष कर विजय प्राप्त की है।

आज गंगा का जो निर्मल स्वरूप दिखााई पड़ रहा है और बैरागी कैम्प सहित गंगा किनारे की भूमि सुरक्षित दिखाई पड़ रही है यह उनके व उनके शिष्यों के बलिदान के कारण ही सम्भव हो पाया है। शिवानंद महाराज ने अखाड़े के युवा साधु सन्यासियों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होने मायादेवी मन्दिर में रहकर साधना की है और उनका यह प्रत्यक्ष अनुभव है कि इस सिद्वपीठ पर जो भी कामना पवित्र हदय से की जाती है वह अवश्य पूरी होती है।

इस पवित्र सिद्वपीठ के आस-पास निश्चित रूप से सिद्व महापुरूषों का डेरा है। उन्होने बताया गंगा को बचाने की मुहिम प्रारम्भ किए जाने की प्रेरणा उन्हे यही से प्राप्त हुयी थी। जिसे पूरा करने के लिए उन्होने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है। इस अभियान के चलते उन्हे कई बार जान से मारने की धमकियाॅ मिली चुकी है और जानलेवा हमले भी हो चुके है। लेकिन उनका तथा उनके शिष्यों का संकल्प अडिग है। स्वामी शिवानंद ने अपनी समस्त उपलब्धियों का श्रेय मायादेवी तथा जूना अखाड़े को देते हुए कहा कि यहा पर जो भी शक्ति है वह मायादेवी ही है।

स्वामी शिवानंद ने पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि महाराज को शाॅल ओढाकर सम्मानित किया।स्वामी शिवानंद महाराज व उनके शिष्य ब्रहमचारी दयानंद,स्वामी पूर्णानंद सरस्वती,ब्रहमचारी आत्मबोधानंद,स्वामी केशवानंद का जूना अखाड़े पहुचने पर सचिव कोठारी लालभारती,थानापति नीलकंठ गिरि,महादेवानंद गिरि,थानापति रणधीर गिरि,आजाद गिरि,विवेकपुरी,राजेन्द्र गिरि आदि ने परम्परागत ढंग से स्वागत किया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments