Tuesday, May 7, 2024
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रोपवे की कार्यदायी संस्था को गेट लगाने से सिफन कोर्ट से बेघर हुए मजदूरों ने रोका

मसूरी। सिफन कोर्ट से हटाये गये 84 परिवारों के लोगों ने पुरूकुल रोपवे की कार्यदायी संस्था के माध्यम से सिफन कोर्ट में लगाये जा रहे गेट लगाने का विरोध किया व गेट लगने नहीं दिया सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुची व लोगों को समझाने का प्रसास किया।
पर्यटन विभाग के माध्यम से पुरूकुल रोपवे की योजना के तहत कार्यदायी संसथा सिफन कोर्ट में गेट लगा रही थी कि वहां से हटाये गये मजदूर व उनके परिजन मौके पर पहुुच गये व जमकर विरोध किया। व कहा कि जबतक सिफन कोर्ट से हटाये गये लोगों को विस्थापित नहीं किया गया तो वह यहां कोई भी कार्य नहीं होने देंगे।

मौके पर पहुंची पुलिस ने मजदूरों को समझाने का कार्य किया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है जिसके चलते कार्यदायी संस्था गेट नहीं लगा पायी। मौके पर मौजूद सिफन कोर्ट के हटाये गये मजदूर संजय टम्टा, अनुज शाह, संपत्ति लाल, मंजू आदि ने कहा कि सिफन कोर्ट से 84 परिवारों को 24 अगस्त को भारी पुलिस बल के माध्यम से हटा दिया गया था जिस पर विधायक गणेश जोशी व पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने भरोसा दिया था कि वह 15 दिनों में विस्थापन कर देंगे लेकिन पांच महीने हो गये किसी को विस्थापित नहीं किया गया। आज कई परिवार हवाघर, पार्किंग व किराये पर रह रहे हैं लेकिन उनकी कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि हमारे साथ महिलाएं, छोटे बच्चे, बुजुर्ग, बीमार आदमी है और इतनी कड़ाके की ठंड में हवाघरों पर, पार्किंग में रहकर जानवरों की तरह दिन काट रहे हैं। ऐसा अन्याय तो अंग्रेजों के समय नही हुआ जैसा विधायक व पालिकाध्यक्ष के कार्यकाल में हो रहा है। ऐसे में जब तक कोई व्यवस्था नहीं हो जाती हम यहां पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होने देंगे अगर जबर्दस्ती गेट लगाया गया तो तोड़ देंगे इसके लिए चाहे जेल भी जाना पडेगा तो सभी 84 परिवार इसके लिए तैयार है और बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

विस्थापितों ने इस मौके पर विधायक व पालिकाध्यक्ष को जमकर कोसा। कोतवाल देवेंद्र असवाल ने कहा कि वह मजदूरों को समझाा रहे हैं ताकि यहां पर रोेपवे की कार्यदायी संस्था अपना कार्य कर सके, लेकिन अगर मजदूर नहीं माने व उन्होंने कोई गलत कार्य किया तो उनके खिलाफ मुकदमा किया जायेगा। मजदूरों ने एक ज्ञापन एसडीएम को मेरे माध्यम से सौंपा है जिसे एसडीएम को दिया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में संजय टम्टा, जगत लाल, केदार सिंह रावत, बिंदी लाल, मोर सिंह, घुड़ी लाल, रतन लाल, जयपाल सिंह, राय सिंह, जगदीश लाल, धर्मानंद सहित परिवार के सदस्य थे।

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