Tuesday, May 7, 2024
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शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने निर्देश दिए अधिकारियों को साक्षरता दर बढ़ाने, घुमंतू बच्चे, ड्रॉप आउट बच्चे जो खनन

हरिद्वार (कुलभूषण)। डॉ0 धन सिंह रावत, मा0 मंत्री-चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, सहकारिता, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा की अध्यक्षता में शनिवार को एचआरडीए के सभागार में जनपद हरिद्वार के शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में डॉ0 धन सिंह रावत को जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 सौरभ गहरवार, मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.पी. समेवाल ने जनपद हरिद्वार में शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में हरिद्वार की साक्षरता दर के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इस पर माननीय मंत्री जी ने साक्षरता दर बढ़ाने पर अधिकारियों को निर्देश दिए।
मा0 कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि घुमंतू बच्चे, ड्रॉप आउट बच्चे जो खनन आदि के कार्य में लगे हैं तथा अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे, जो किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं, उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ें।
मा. मंत्री जी ने यह भी निर्देश दिए कि विद्यालय में अगर कोई बच्चा जिस किसी विषय में कमजोर है तो उसकी अलग से कक्षाएं आयोजित करके जिस विषय में वह कमजोर है, उसमें विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि अध्यापकों के प्रशिक्षण की भी उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की उपस्थिति पर भी ध्यान देना सुनिश्चित किया जाए।
डॉक्टर धन सिंह रावत को अधिकारियों ने स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं जैसे शौचालय, पानी, बिजली, फर्नीचर आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी, इस पर मा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि छात्र संख्या के अनुसार स्कूलों में सभी प्रकार की अवस्थापना सुविधाएं फर्नीचर आदि होनी चाहिए तथा बजट की कहीं कोई कमी नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार स्कूलों में जो भी सुविधाएं मुहैया करा रही है वे धरातल पर दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को भी यह निर्देश दिए कि स्कूलों का स्तर और बेहतर बनाने के लिए लोगों से सुझाव मांगे जाएं उन्होंने कहा कि ‘‘स्कूल चलो अभियान‘‘ जल्द से जल्द शुरू करें।
डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षकों का आह््वान किया कि वे पूरे मनोयोग से अपना अध्यापन कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिले में साक्षरता दर बढ़नी चाहिए। स्कूलों का रिजल्ट 90 प्रतिशत से ऊपर होना चाहिए तथा जहां पर भी, जो भी कमी हो उसको दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि एक माह के अंदर इसके परिणाम सामने आने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी अध्यापक अच्छा कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद के प्रत्येक ब्लॉक में मॉडल स्कूल तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लेना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक श्री नरेश कुमार हल्दिया, जिला संदर्भ व्यक्ति डा. संतोष चमोला, खंड शिक्षाधिकारी एस.एस. तोमर, खंड शिक्षाधिकारी संजीव जोशी, श्री अमित कोठियाल, श्री जावेद आलम, सुश्री दीप्ति यादव सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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