Tuesday, May 7, 2024
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सुशासन के साथ युवाओं के स्वर्णिम भविष्य के लिए कृतसंकल्पित धामी सरकार

अब तक 60 से ज़्यादा नक़ल माफिया सलाख़ों के पीछे

देहरादून, उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नकल माफियाओं के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है। JE/AE परीक्षा प्रकरण में एसआईटी हरिद्वार ने आज चौथी गिरफ्तारी कर दी है। एक ओर पिछले कुछ महीनों में नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी देकर सरकार की साफ़ नियत स्पष्ट हो चुकी है। प्रदेश में अब नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और भी सख़्त तरीक़े से की जा सकेगी।

धामी सरकार के मुक़ाबले कुछ पुरानी सरकारों के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो उनमें बस हिला- हवाली नजर आती थी, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने अब तक की कारवाई में अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया है, मुख्यमंत्री इस बात को बार-बार मंचों से कह चुके हैं की “प्रदेश में नक़ल माफियाओं के दीमक का अंत तभी संभव है जब इसे जड़ से खत्म किया जाए” यही कारण है कि पिछले 6-7 महीनों में धामी सरकार के सामने परीक्षा में धांधली संबंधित जो भी प्रकरण सामने आए उनको ठोस कार्रवाई की गई।

कैबिनेट ने राज्य लोक सेवा आयोग को सौंपी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर UKSSSC द्वारा गतिमान 7000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) को हस्तान्तरित करने के सम्बंध में 9 सिंतबर को कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। था। इस मामले में लोक सेवा आयोग द्वारा 4 जनवरी को पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही प्रदेश सरकार ने न सिर्फ़ आयोग के कार्मिक को गिरफ़्तार कर परीक्षा स्थगित कर दी। बल्कि उक्त परीक्षा की नई तिथि 12 जनवरी को घोषित कर परीक्षा देने वाले छात्रों को रोडवेज़ बसों में निशुल्क पेपर देने हेतु आवागमन की व्यवस्था भी की गई है।

 

नकल विरोधी कानून से आच्छादित होंगी आगामी सभी परीक्षाएं: मुख्यमंत्री

-कहा, हम किसी भी कीमत पर चाहते हैं छात्रों का हित
-कानून के तहत किए गए हैं जुर्माना और सजा का कठोर प्रावधान

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि हम किसी भी कीमत पर छात्रों का हित चाहते हैं। इसीलिए जिन भी परिक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गई, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द करते हुए नई तिथि घोषित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में परीक्षा के लिए आने पर निशुल्क व्यवस्था की गयी है और परीक्षा शुल्क को भी नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल अध्यादेश को लेकर हमने कहा था कि इसे हम जरूर लेकर आएंगे। लेकिन किन्हीं कारणों से कैबिनेट होने में देरी हो गयी। कैबिनेट न होने के बावजूद हमने नकल विरोधी अध्यादेश को विचलन से महामहिम राज्यपाल को अग्रसारित कर दिया है। यह भी तय कर दिया है कि अब जितनी भी परीक्षाएं होंगी वो सभी इस अध्यादेश से आच्छादित होंगी। सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वो हमने बनाने का काम किया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने के सख्त प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने छात्रों, बेटों-बेटियों से कहना चाहते हैं कि सभी परीक्षा पारदर्शी होंगी,किसी भी अफवाहों पर न जाएं, परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें, सभी परीक्षाएं निष्पक्ष और शुचिता के साथ होंगी।

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