नई टिहरीः उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्य़क्ष किशोर उपाध्याय ने जंगलों पर ग्रामीणों के पुश्तैनी हक़-हकूक़ – अधिकार , य़ुवाओं को केंद्र सरकार की नौकरी देने, हर माह एक रसोई गैस सिलेंडर देने, बिजली-पानी निशुल्क देने, जड़ी-बूटियों पर ग्रामीणों का अधिकार होने, इलाज निशुल्क होंने, घर बनाने के लिए लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क देने, जंगल़ी जानवरों से जनहानि पर ₹ 25 लाख रुप्या क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी देने, जंगली जानवरु द्वारा फसल का नुकसान होने पर प्रतिनाली ₹ 5000/- क्षतिपूर्ति देने, चकबंदी तुरन्त लागू करने की मांग को लेकर वनाधिकार आन्दोलन की अलख जगाई है।
पूर्व विधाय़क किशोर किशोर उपाध्याय ने इन मांगों को लेकर उत्तराखंड वासिय़ों को गढवाली भाषा में पत्र लिखकर 17 अक्तूबर, 11 बजी टिहरी, सुमन चौक में पहुंचने की अपील की है।
पत्र का मजमून य़ूं है-
परम स्नेही,
आज अपणी दुर्दशा का वास्ता हम खुद ज़िम्मेदार छौं।
अपणा जंगलु पर हमारा जू पुश्तैनी हक़-हकूक़ अर अधिकार था वु खुद हमुन छोड़ी दिनीन।अपणा खुटा पर खुद कुल्हाड़ी मारी।अपणा बाल-बच्चों, नौनाल़-बाल़ो का भविष्य का वास्ता अब भी जागी जावा, वनाधिकार आन्दोलन तैं समर्थन
द् या।
हमारी माँग छ कि:-
हमारा बच्चों तैं केंद्र सरकार की नौकरीयूँ माँ आरक्षण ।
परिवार का एक सदस्य तै पक्की सरकारी नौकरी दी जाऊ।
हर मैना एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क दी जाऊ।
जड़ी-बूटियों पर हमारू अधिकार हो।
पडै अर इलाज निशुल्क हों।
घर बणोण का वास्ता लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दी जाऊ।
जंगल़ी जानवरु सी जनहानि पर ₹ 25 लाख रुप्या क्षतिपूर्ति व मवासा एक सदस्य तैं पक्की सरकारी नौकरी दी जाऊ।
जंगली जानवरु द्वारा फसल का नुकसान पर प्रतिनाली ₹ 5000/- क्षतिपूर्ति दी जाऊ।
चकबंदी तुरन्त करवै जाऊ।
17 अक्तूबर, 2020 11 बजी नैं टिरी, सुमन चौक आवा।
छ्वीं-बात लगौला,
टिरी अर उत्तराखंड की ख़ाणि-बाणी की।
ज़रूर मुखड़ी दिखान।
सेवा-सौंल़ी।
किशोर उपाध्याय
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