Friday, March 29, 2024
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तुर्की व सीरिया भूकंप में मरने वालों की संख्या 23,800 के पार, 80 हजार से अधिक लोग घायल

अंकारा/दमिश्क, बीते 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद लगातार छठे दिन शनिवार को भी बचाव कार्य जारी है। भूकंप में मरने वालों की संख्या अब तक 23,831 तक पहुंच गई है। अनादोलू समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (एएफएडी) ने अपने ताजा अपडेट में कहा कि देश में मरने वालों की संख्या 20,318 है। वहीं 80,052 लोग घायल हुए हैं।

कहारनमारस प्रांत में केंद्रित 7.7 और 7.6 तीव्रता के भूकंपों ने अदाना, अदियामन, दियारबाकिर, गाजियांटेप, हटे, किलिस, मालट्या, उस्मानिया और सनलिउर्फा प्रांतों में 13 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया।सीएनएन ने बताया कि सीरिया में मारे गए लोगों की संख्या 3,513 है। स्वयंसेवी संगठन सीरिया सिविल डिफेंस के अनुसार, जिसे व्हाइट हेल्मेट्स के रूप में भी जाना जाता है, देश के उत्तर-पश्चिम में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में 2,166 मौतें दर्ज की गईं।

इस बीच, सीरियाई राज्य मीडिया ने कहा है कि युद्धग्रस्त राष्ट्र के सरकार-नियंत्रित हिस्सों में 1,347 लोगों के मारे जाने की सूचना है।उत्तरी और उत्तर पश्चिमी सीरिया में भूकंप प्रभावित विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में तत्काल आपूर्ति की डिलीवरी विपक्षी समूहों और सीरियाई सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध से जटिल हो गई है।समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भूकंप प्रभावित आदियामन प्रांत में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, दुर्भाग्य से बहुत सारी इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। हम जितनी जल्दी चाहते थे, उतनी तेजी से कार्रवाई नहीं कर पाए।

उन्होंने कहा कि आपातकालीन कार्य बहुत कठिन था, क्योंकि भूकंप का विनाशकारी प्रभाव 500 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था। उन्होंने कहा कि कार्यो में ठंड एक और बाधा बन रही है।एर्दोगन ने पहले स्वीकार किया था कि पहले दिन आपदा के बाद कार्रवाई करने में सरकार की कमियां थीं, लेकिन फिर स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया गया। लेकिन अब देश विदेशी आपातकालीन टीमों सहित 141,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी खोज और बचाव टीमों को इकट्ठा कर चुका है। वे लोग जो टेंट में नहीं रहना चाहते, उनके लिए राष्ट्रपति ने एक साल के भीतर भूकंप प्रभावित क्षेत्र का पुनर्निर्माण करने और भूकंप के पीड़ितों के लिए एक वर्ष की किराये की सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है।

एर्दोगन की सरकार को भूकंप पीड़ितों की आलोचना का सामना करना पड़ा है कि आपातकालीन मदद देर से शुरु की गई थी और 10 प्रांतों के भूकंप क्षेत्र में मानवीय सहायता पर्याप्त नहीं थी, जो लगभग 13.5 मिलियन लोगों का घर है।एएफएडी के अनुसार, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों से 81,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है।भूकंप के 108 घंटे बाद प्रांत के अंताक्य जिले में एक इमारत के खंडहर से एक आठ साल के बच्चे को बचाने के बाद रिश्तेदारों और स्थानीय नागरिकों के आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे। इस्केंडरन कस्बे में छह लोगों के एक परिवार को 102 घंटे के बाद मलबे से निकाला गया। परिवार के दो पड़ोसियों रजि़ये और हसी मूरत किलिंक को 107 घंटों के बाद बचा लिया गया था।
कई देशों और वैश्विक सहायता एजेंसियों ने दोनों देशों के लिए समर्थन व्यक्त किया है, और उनमें से कुछ ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल और राहत सामग्री भेजी है।

बीते 6 फरवरी को सुबह 4.17 बजे तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहारनमारस में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद गजियांटेप प्रांत में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया।
7.8 तीव्रता के भूकंप का केंद्र गजियांटेप में नूरदागी से 23 किमी पूर्व में 24.1 किमी की गहराई में था। दोपहर करीब 1.30 बजे, 7.5 तीव्रता का तीसरा भूकंप कहारनमारास में आया।

 

शर्मसार हुई रिश्तों की गरिमा : नाती ने गला दबाकर कर डाली नानी की हत्या… आत्महत्या दिखाने के लिए फांसी पर लटकाया

बहराइच, यूपी के बहराइज से ऐसी खबर आ रही है जिसे सुन आप शर्मशार हो जायेंगे, यह बात सच है कि प्यार से दादी-नानी अपने नाती पोतों को पैसे और दुलार देती रहती है। मगर एक नानी ने जब अपने नाती को पैसे नहीं दिए तो उसने ऐसा कदम उठा लिया की उसकी नानी की जीवनलीला ही समाप्त हो गई। रिश्तों को शर्मसार करने वाली इस घटना से हर कोई हैरान है।

घटना उत्तर प्रदेश के बहराइच की है जहां नशे के लिए पैसे न मिलने पर नाती ने रिश्तों को तार तार करते हुए अपनी ही नानी की हत्या कर दी। घटना बहराइच जिले के थाना खैरीघाट क्षेत्र अंतर्गत बरदहा बाजार की है। यहां 28 वर्षीय पूनम अपनी 75 वर्षीय मां के साथ रहीत थी। पूनम प्राइवेट स्कूल में टीचर है।

महिला के भाई बहन भी पास के जिलों में रहते है। आठ फरवरी को दोपहर में पूनम स्कूल से घर लौटी तो मां के शव को फांसी के फंदे से लटकता पाया। मां का शव देखकर पूनम ने खैरीघाट थाना को घटना के बारे में सूचित किया। पुलिस की टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच पड़ताल शुरू की। पुलिस को पता चला कि घर से जेवर भी गायब है।

जांच में पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पता चला कि पूनम के घर से तीन लोग निकले है, जिनमें से एक की पहचान मृतका के नाती के रूप में हुई। पुलिस ने युवक की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने नानी से नशे के लिए पैसे मांगे थे मगर नानी ने मना कर दिया। उसने दो दोस्त मुकुल मिश्रा और रामानुज शुक्ला के साथ मिलकर नानी की गला दबाकर हत्या कर दी।

तीनों ने मिलकर शव को फंदे से लटका कर उसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की। वहीं आरोपी ने बताया कि उन्होंने नानी के घर से जेवर चुराए थे, जिन्हें बेचकर 88 हजार 100 रुपए मिले थे। पुलिस ने इस राशि और घटना में उपयोग हुई मोटर साइकिल को बरामद कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को दोनों दोस्तों को भी गिरफ्तार किया है।

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