Sunday, April 28, 2024
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मतदेय स्थलों में परिवर्तन संशोधन एवं विलोपन करने संबंधित कार्य 31अगस्त 2022 तक पूर्ण किये जायें : उप जिलाधिकारी डुण्डा

उत्तरकाशी, सब डिवीजन डुण्डा में उपजिलाधिकारी डुण्डा मीनाक्षी पटवाल की अध्यक्षता में तहसील डुण्डा, चिन्यालीसौड़ एवं उप तहसील धौंतरी में कार्यरत सुपरवाईजरों की बैठक आयोजित की गई l बैठक में उप जिलाधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 में हुए संशोधन की अधिसूचना के क्रम में मतदाता सूची में पंजीकरण नियम 1960 की धारा 23 में किये गये संशोधन के उपरान्त निर्वाचन नामावली में निर्वाचकों से गरूडा ऐप से प्रारूप -6 बी में बीएलओ/ सुपरवाईजरों के द्वारा प्रत्येक मतदाताओं का आधार लिंक करने मतदेय स्थलों के भौतिक सत्यापन करने ईपीआई RATIO , जेण्डर GAP का अन्तर कम करने मतदेय स्थलों में परिवर्तन संशोधन एवं विलोपन करने के संबंध में संबंधित बीएलओ व सुपरवाईजरों को अवश्य दिशा निर्देश दिये । उन्होंने उक्त कार्य को 31अगस्त 2022 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये ।

इस दौरान उपस्थित कर्मचारियों द्वारा स्वंय वोटर हैल्प लाइन ऐप के माध्यम से अपना – अपना आधार नम्बर को लिंक करवाया गया साथ ही तहसील परिसर मे उपस्थित आम जनमानस को भी उक्त कार्यक्रम हेतु प्रोत्साहित किया गया है ।

बैठक में तहसीलदार डुण्डा प्रताप सिंह चौहान , नायब तहसीलदार चिन्यालीसौड़ रमेश चौहान, रजिस्ट्रार कानूनगों डुण्डा , रतन सिंह नाथ, रा०नि० रणवीर सिंह पंवार , उदय सिंह भण्डारी, रा०नि० दिनेश नौटियाल सहित सम्बन्धित तहसील क्षेत्रांन्तर्गत के राजस्व निरीक्षक, उप राजस्व निरीक्षक उपस्थित रहे ।

 

देवभूमि उत्तराखण्ड की यह जिम्मेदारी है कि संस्कृत भाषा को विश्व एवं राष्ट्र की भाषा बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें : राज्यपाल

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देहरादून, प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने राजभवन प्रेक्षागृह में आयोजित ‘संस्कृत सप्ताह महोत्सव’ का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत सप्ताह मनाये जाने का निर्णय संस्कृत भाषा के विकास एवं इसके प्रचार-प्रसार के लिए महत्वपूर्ण कदम है। सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा भारत की सभ्यता, संस्कृति और ज्ञान की परिचायक है। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा हमें अपनी जड़ों से जोड़ती है और इसमें ज्ञान का बड़ा भण्डार है।

 

राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की यह जिम्मेदारी है कि संस्कृत भाषा को विश्व एवं राष्ट्र की भाषा बनाने में अपना पूर्ण योगदान दें। उन्होंने कहा कि संस्कृत दुनिया की प्राचीनतम भाषाओं में एक है। यह हमारे ज्ञान एवं विज्ञान की भाषा होने के साथ-साथ देश को एक सूत्र में बांधती है। संस्कृत के बिना अपनी संस्कृति और सभ्यता को समझना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को सोशल मीडिया, मॉस मीडिया से जोड़ा जाए और इसे और अधिक सुगम बनाये जाने के प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हमें दैनिक बोलचाल की भाषा में संस्कृत का प्रयोग करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत भाषा को आगे बढ़ाने, इसके विकास और संरक्षण के लिए हमें अपने बच्चों को ज्ञान और विज्ञान के साथ संस्कृत को जोड़ते हुए उन्हें कौशल संपन्न बनाने के प्रयास करने चाहिए। संस्कृत भाषा वह सेतु है जो प्राचीन को नवीन से जोड़ती है।

कार्यक्रम में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंण्डूडी भूषण ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार व इसको बढ़ावा देने पर कार्य किया जाना आवश्यक है। संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा में प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जायेगा। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने संस्कृत सप्ताह महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए इसके उद्देश्यों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु 08 से 14 अगस्त तक संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत गांव बनाये जायेंगे। इसके साथ ही 05 लाख छात्र-छात्राओं, जो संस्कृत सीखना व बोलना चाहते हैं उन्हें संस्कृत का व्यावहारिक ज्ञान दिया जायेगा। इस दौरान उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार व उन्नयन के लिए किये जा रहे अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी भी ली। अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत ने संस्कृत भाषा के संदर्भ में अपने विचार रखे।

संस्कृत सप्ताह के अवसर पर संस्कृत भाषा के उन्नयन व प्रचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खण्डूरी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, विधायक रूद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, विधायक थराली भोपाल राम टम्टा, विधायक रानीखेत डॉ. प्रमोद नैनवाल को संस्कृत गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में विधायक कैन्ट मती सविता कपूर, सचिव संस्कृत शिक्षा चन्द्रेश कुमार यादव, अपर सचिव राज्यपाल मती स्वाती एस.भदौरिया, महानिदेश विद्यालय शिक्षा बंशीधर तिवारी, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक, प्रोफेसर के अलावा माध्यमिक शिक्षा के आचार्य व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

स्वास्थ्य मंत्री की फटकार, हरकत में आया महकमा, कार्मिकों के वेतन भत्तों हेतु जारी हुए 90 करोड़

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देहरादून, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की फटकार के बाद हरकत में आये स्वास्थ्य महकमे ने केन्द्र पोषित योजनाओं के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न श्रेणी के कार्मिकों के वेतन भत्तों के लिये लगभग 90 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। अब एनएचएम एवं अन्य केन्द्र पोषित परियोजनाओं में कार्यरत कार्मिकों को महीनों तक वेतन भत्तों के लिये इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) एवं अन्य केन्द्र पोषित योजनाओं के तहत सूबे में तैनात हजारों कार्मिकों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिल पाया था, जिसको लेकर कर्मचारी परेशान काफी परेशान थे। कार्मिकों को कई महीनों से वेतन न मिलने की जानकारी विभगीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को मिली। जिस पर उन्होंने गत सप्ताह विभागीय उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाकर फटकार लगाते हुये शीघ्र वेतन भुगतान के निर्देश दिये थे। इसी का नतीजा है कि शासन ने एक सप्ताह के अंदर केन्द्र पोषित योजना के अंतर्गत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों के लिये लगभग 90 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। इस धनराशि से विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं में कार्यरत कार्मिकों को पिछले कई महीनों से रूका हुआ वेतन मिल पायेगा जो कि सभी कार्मिकों के लिये राहत की खबर है। वेतन भत्तों की धनराशि जारी होने पर केन्द्र पोषित योजनाओं में कार्यरत आशा, एएनएम, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियान एवं डाटा इंट्री ऑपरेटर आदि संगठनों ने विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार जताया।

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