Tuesday, May 7, 2024
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बर्फबारी देखकर लौट रहे पांच दोस्तों की कार परवाणू के पास खाई में गिरी, एक की हुयी मौत

सोलन, पहाड़ों में बीते शनिवार से हो रही बारिशसे बर्फबारी का सिलसिला जारी है, पर्यटक कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच भी बर्फ का आनंद उठाने पहाड़ों का रूख कर रहे हैं, बर्फवारी का आनंद लूट कर शिमला से चंडीगढ़ लौट रहे पांच दोस्तों की कार परवाणू के नजदीक खाई में गिरने की खबर है। हादसे में एक युवक की मौत हो गई जबकि चार घायलों के बाद चिकित्सालय में भर्ती कराए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात भी चंडीगढ़ से पांच दोस्त बर्फ देखने के लिए शिमला आए थे लेकिन आज सुबह बर्फबारी देखकर वे शिमला से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। इसी दौरान परवाणू के कोटि के समीप गाड़ी अनियंत्रित होने से गाड़ी खाई में जा गिरी जिस कारण गाड़ी में सवार एक युवक की मौत हुई है वहीं चार युवक घायल हुए हैं। परवाणू पुलिस थाने में पठानकोट निवासी 19 वर्षीय चक्ष आरियन के बयान पर यह मामला दर्ज हुआ हैं। चक्ष के अनुसार वह कृश, आदित्य, राघव व अरमान सिंह सभी दोस्त हैं ।

कल ये सभी अरमान की कार नम्बर PB18U-1717 में सवार होकर शिमला में बर्फबारी देखने के लिए चण्डीगढ़ से रात्री 11 बजे के करीब चले थे ये शिमला करीब 2 बजे रात को पहुंचे तथा आज सुबह करीब 5 बजे ये उपरोक्त कार से जब वापिस चण्डीगढ़ के लिए आ रहे थे कार को कृष चला रहा था।

 

वापस आते समय सोलन से पीछे कार के पिछले दाहिनी टायर में नोकिला पत्थर लगने से टायर फट गया था, उन्होंने मिलकर टायर बदला तो उस समय टायर में लगे चार नटों में से 2 ही नट लगे तो इन्हें वहां पर मौजूद किसी व्यक्ति ने कहा कि आगे जाकर इन्हें ठीक करवा लेना लेकिन यह कार को उसी तरह चलाते हुए आ रहे थे तो कोटी के पास कृश से गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे बांई तरफ लगी लोहे की रैलिंग को तोड़ते हुए नीचे खाई में गिर गई।
जिस कारण इन चारों को चोटें आई तथा गुरदासपुर जिले के बटाला क्षेत्र के उजागर नगर निवासी बीस वर्षीय अरमान की इस सड़क हादसा में मृत्यु हो गई।एएसपी सोलन अशोक वर्मा ने बताया कि यह सड़क हादसा कार चालक कृश द्धारा कार को तेज व लापरवाही से चलाने के कारण हुआ है। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

दुर्गापाल के समर्थकों का जमावाड़ा, टिकट न मिलने की स्थिति में निर्दलीय उतरने के लिए तैयार

रुद्रपुर, उधमसिंह नगर में कांग्रेस की ओर से लालकुआं विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित करने में बरती जा रही देरी पर दावेदारों रोष उत्पन्न होने लगा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री के आवास पर आज उनके समर्थकों ने डेरा ही डाल दिया। कल रात जारी हुई कांग्रेस की सूची में लालकुआं सीट का नाम ही नहीं था। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में तरह तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। पहले भाजपा ने इस सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया और इसके बाद अब जब कांग्रेस ने इस सीट पर आधिकारिक प्रत्याशी का ऐलान टाल दिया तो कार्यकर्ताओं को लगने लगा कि लालकुआं सीट पर ‘कुछ तो गड़बड़ है’।
दरअसल जानकार कांग्रेस खेमे में लालकुआं सीट पर प्रत्याशी का ऐलान न हो पाने को रामनगर सीट से जोड़कर देख रहे हैं। सोशल मीडिया व अन्य सूचना माध्यमों पर इन दिनों रामनगर सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी, जबकि व्यवहारिक रूप से रामनगर सीट से हरीश रावत का चुनाव लड़ना कोई समझदारी भरा फैसला नहीं माना जा सकता। रामनगर से हरीश रावत के पार्टी में ही प्रतिद्वंद्वी रणजीत सिंह रावत दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में उनका टिकट काट कर हरदा स्वयं टिकट लें तो रणजीत उन्हें आराम से जीतने तो नहीं देंगे। यही समीकरण लालकुआं सीट पर प्रत्याशी की घोषणा में हे रही देरी की वजह है। समीक्षकों का मानना है कि हरीश रावत इससे पहले किच्छा से चुनाव लड़कर कर चुनाव हार चुके हैं। किच्छा का वोट बैंक हरदा के लिहाज से सुविधाजनक नहीं है। इसीलिए इस बार किच्छा से पंजाबी खत्री तिलक राज बेहड़ को टिकट दिया गया है।

अब हरीश रावत के लिए लालकुआं सीट काफी सुविधाजनक है। यहां पहाड़ी वोट बैंक तो है ही कांग्रेस का परंपरागत मुस्लिम वोट भी अच्छी तादाद में है। भाजपा या कांग्रेस यहां से पहाड़ी उम्मीदवार को ही टिकट देती रही है। राजनैतिक विश्लेषकों की राय में लालकुआं सीट पर स्वयं हरदा की नजर है और उन्हें विश्वास है कि वे यहां के पूर्व विधायक दुर्गापाल व कांग्रेस के दूसरे दावेदारों को आसानी मना भी लेंगे। संभवत: इस आशंका को दुर्गापाल व उनके समर्थक भी भांप गए हैं। इसीलिए आधीरात को जब कांग्रेस ने दावेदारों की सूची जारी की तो लालकुआं से प्रत्याशी का नाम पाकर आज तड़के ही दुर्गापाल के समर्थकों ने उनके आवास पर डेरा डाल दिया। बातचीत शुरू हुई तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के प्रति कार्यकर्ताओं को गुस्सा भी सामने आया, बात यहीं नहीं रूकी दुर्गापाल ने भी कार्यकर्ताओं से कहा कि पहले वे कांग्रेस की सूची का इंतजार करेंगे और फिर यदि उनका नाम सूची में न हुआ तो अगली रणनीति पर समर्थकों की सलाह ली जाएगी। जैसा भी फैसला समर्थक देंगे वैसा ही निर्णय लिया जाएगा। दोपहर तक दुर्गापाल के आवास पर समर्थकों के आने जाने का क्रम जारी था।

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