Monday, May 6, 2024
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उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं आईएजी उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में आपदा प्रबंधन हेतु विचार मंथन

देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण एवं उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थाओं के समूह इंटर एजेन्सी ग्रुप (आई.ए.जी.) के पदाधिकारियों के बीच एक आवश्यक बैठक हुई। इस बैठक का आयोजन संयुक्त रूप से राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण एवं आई.ए.जी. उत्तराखण्ड ने किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव श्री एस.ए. मुरूगेशन ने आई ए जी के सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया जिसमें सामाजिक संस्थाओं की राज्य में जनपद से राज्य स्तर तक कैसे समय-समय पर तालमेल एवं गठबंधन कर बेहतर आपदा प्रबंधन के कार्य सुनिश्चित किये जाएं।उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान या उसके बाद आपदा प्रभावी क्षेत्रों में महिलायें बुजुर्ग, बच्चे जो अधिकतर अनाथ हो जाते हैं तथा मानसिक और शारीरिक रूप से निःशक्त या चैलेंजिग वातावरण झेलने वाले समुदाय के लिए उत्तराखण्ड में विशेष रूप से अभिनव प्रयोग किये जाएंगे इसके लिए सरकार जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों, शोध संस्थानों, रेड क्राॅस एवं भारत स्काउट गाइड, नेहरू युवा केन्द्र, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल के साथ-साथ ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों केा भी विशेष रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने सैद्धान्तिक रूप से हैम रेडियो के आपदा के दौरान उपयोग से सम्बन्धित भारत स्काउट एवं गाइड्स के प्रस्ताव के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना कोविड से सम्बन्धित स्फियर इंडिया की कोविड एकेडमी के वेबिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी सहमति प्रदान की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए एस0डी0एम0ए0 के कार्यकारी निदेशक डाॅ0 पीयुष रौतेला ने आई0ए0जी0 की सदस्य संस्थाओं को विकासखण्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक समय-समय पर वांछित सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया और कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों को सम्बन्धित जनपद में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के साथ बैठक आयोजित कर कार्य नीति बनाई जाएगी।

आई0ए0जी0 की समन्वयक कुसुम घिल्डियाल के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा करते हुए सचिव राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्री मुरूगेशन ने कहा कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद के जिला प्रबंधन अधिकारी के साथ त्रैमासिक बैठकें सुनिश्चित की जाएंगी, इसी तरह राज्य स्तर पर अगली बैठक जनवरी के प्रथम सोमवार को अनिवार्य रूप से सचिवालय में आयोजित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रदेश में कहीं भी कोई आपदा नहीं है ऐसे समय में भी लगातार शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम आपदा प्रबंधन में सहयोग करने वाली सामाजिक संस्थाओं के साथ नेटवर्किंग, अध्ययन, चर्चा और विचार-विमर्श लगातार जारी रहेंगे।

अपर सचिव आपदा प्रबंधन डाॅ0 आनन्द श्रीवास्तव ने आई0ए0जी0 की सदस्य संस्थाओं से अपील की कि वे आपदा प्रबंधन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता के कार्यक्रम निस्वार्थ भाव से चलाते रहें।
आई0ए0जी0 के सदस्य डाॅ0 अनिल जग्गी ने सुझाव रखा कि एडवांस सूचना तकनीक और मोबाइल एप्प के सहयोग से आपदा प्रबंधन में सुगमता संभव है। सीड्स की अनीता चैहान ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा हरिद्वार और देहरादून के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण, फस्र्ट एड का प्रशिक्षण के साथ स्कूलों में स्ट्रेचर की व्यवस्था की जा रही है। जे0पी0 मैठाणी ने कहा कि किसी भी आपदा के बाद बुजुर्ग व्यक्तियों और मवेशियों के पुनर्वास, उपचार की प्रक्रिया को भी प्राथमिकता के स्तर पर आपदा प्रबंधन में शामिल किया जाना चाहिए।
आज की इस बैठक में रेड क्राॅस देहरादून के उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, बिन्दु संस्था से रश्मि पैन्यूली, हीरा संस्था से दिलीप सिंह, पर्वतीय बाल मंच से सुधीर भट्ट, स्फियर एकेडमी से गौरव सुयाल, आपदा प्रबंध प्राधिकरण से मेजर राहुल जुगरान, डाॅ0 पी0डी0माथुर, ज्योति नेगी के अलावा भारत स्काउट्स एंड गाइड्स और रेडक्राॅस के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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