देहरादून, जनपद के मसूरी में चार वर्ष पहले सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिला की हत्या करने के मामले में पुलिस ने एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। उसे बिहार के सीतामढ़ी जिले में ग्राम माधोपुर से दबोचा गया। वहां उसकी ससुराल है। पुलिस से बचने के लिए उसने ससुराल में अपना ठिकाना बना रखा था। उत्तराखंड पुलिस घटना के बाद से उसकी तलाश कर रही थी। उस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। इस मामले में कुल नौ आरोपित हैं। इनमें से अब तक सात की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सोमवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डा. योगेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि वर्ष 2017 में मसूरी में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मसूरी कोतवाली में नौ व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें से पांच घटना के कुछ दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिए गए थे। छठा आरोपित नंदू पंडित इसी वर्ष 11 जनवरी को (पटियाला) पंजाब से गिरफ्तार किया गया था। तीन अन्य आरोपितों ठगा मंडल, जयकरन भगत और सुरेंद्र साहनी निवासीगण ग्राम बधुरी, सीतामढ़ी (बिहार) की तलाश चल रही थी। उन पर पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था।
नंदू ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि ठगा मंडल कभी-कभी अपने ससुराल जाता है। इसके बाद उत्तराखंड पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने ठगा को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया, ठगा ने पुलिस को बताया कि 2017 में बिल्टू नाम का ठेकेदार उसे व अन्य आरोपितों को काम करवाने के लिए मसूरी लाया था। 16 जुलाई 2017 को एक महिला उनके पास आई और बात करने के लिए फोन मांगा। मौके का फायदा उठाकर उन्होंने महिला को घेर लिया और दुष्कर्म करने के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। महिला की पहचान न हो, इसके लिए उसका चेहरा तेजाब डालकर जला दिया। साथ ही घटना को आत्महत्या का रूप देने के लिए शव के गले में चुन्नी का फंदा डालकर उसे जंगल में एक पेड़ से लटका दिया। ठगा ने बताया कि घटना के बाद वह अपना फोन फेंक कर बिहार भाग गया था। पुलिस से बचने के लिए कुछ दिन वह नेपाल में भी रहा।
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