Tuesday, November 26, 2024
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सावधान! कोरोना की तीसरी लहर के मुहाने पर भारत, WHO प्रमुख ने दी चेतावनी, कहा- सिर्फ वैक्सीन नहीं रोक सकती महामारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) की वजह से भारत तीसरी लहर (Third Wave) के नजदीक पहुंच चुका है. पीएम मोदी ने इस पर चिंता जताते हुए आगाह किया है कि कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए लोगों की भागीदारी अहम है. इस बाबत पीएम मोदी ने 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड को लेकर रिव्यू मीटिंग भी की.

हाल के दिनों में नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल सहित विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस ने भी तीसरी लहर को लेकर भारत को आगाह किया है. विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों और वायरस के म्यूटेट होने की वजह से भारत में तीसरी लहर की आशंका को लेकर चेतावनी दे डाली है. विदेशी ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक आशंका हकीकत में तब्दील हो सकती है इसलिए भारतीयों को लगातार सजग रहने की जरूरत है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस ने जोर देकर कहा कि सिर्फ वैक्सीन के भरोसे महामारी को रोका नहीं जा सकता है. साउथ ईस्ट एशियन रीजन्स में मौत के मामलो में भारत के बाद इंडोनेशिया और बांग्लादेश का नंबर है जहां छह हजार मौतें दर्ज की गई हैं. यूबीएस के मुताबिक, भारत में औसतन 40 लाख डोज रोजाना लगाए जा रहे थे लेकिन अब ये संख्या 34 लाख पर सिमट गई है.

यूबीएस ने भारत की स्थितियों को खतरनाक इसलिए भी बताया है क्योंकि 45 फीसदी कोविड के मामले गांव के इलाकों से आ रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा गया है कि देश के ज्यादातर मामले 20 फीसदी जिलों से आ रहे हैं. यहां दूसरी लहर का प्रकोप खत्म नहीं हुआ है लेकिन तीसरी लहर की झलक दिखाई पड़ने लगी है.

दुनिया के मौजूदा हालात चिंताजनक

दुनिया में सबसे ज्यादा मामले ब्राजील से मिल रहे हैं. यहां 24 घंटों में 57 हजार मामले सामने आए हैं. इंडोनेशिया में 45 फीसदी, ब्रिटेन में 28 फीसदी, अमेरिका में 67 फीसदी और स्पेन में 61 फीसदी तक मामले बढ़े हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉ ट्रेडोस गेब्रेयेसस के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट 6 रीजन के 111 देशों में फैल चुका है और जल्द ही पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ सकती है. वहीं, अल्फा वेरिएंट दुनिया के 178 देशों में, बीटा 123 देशों में और गामा 75 देशों में पाया गया है.

यूएन के मीडिया विंग के मुताबिक कोविड के मामले लगातार चौथे सप्ताह भी उछाल पर हैं. वहीं 10 हफ्तों तक गिरावट के बाद मौत के मामले भी अब बढ़ने लगे हैं. हालांकि यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में वैक्सीनेशन की संख्या बढ़ने से मौतों की संख्या में कमी आई है. लेकिन दुनिया की विभिन्न जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा आगाह किए जाने की वजह से भारत में कोविड की तीसरी लहर को लेकर हलचल तेज हो गई है.

पीएम की चिंता की असली वजह क्या?

पीएम की चिंता की असली वजह वो छह राज्य हैं जहां से कोरोना के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. इन राज्यों में केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा शामिल हैं जहां से कोविड के मामले सबसे ज्यादा दर्ज हो रहे हैं. पीएम मोदी ने जोर देकर कहा है कि इन राज्यों को प्रो एक्टिव एप्रोच अपनाकर कोविड की तीसरी लहर को रोकने का भरपूर प्रयास करना चाहिए.

पर्यटक स्थलों पर लोगों की भीड़ और उनके द्वारा अपनाए गए तौर तरीकों को लेकर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है. भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने 14 जुलाई को कई राज्यों को चिट्ठी लिखकर मामले की गंभीरता के प्रति आगाह किया है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने भारत के लोगों को आगाह करते हुए पिछले दिनों कहा था कि देश में कोविड के तीसरी लहर को लेकर नहीं बल्कि इसको रोकने को लेकर प्रयास किए जाने की जरूरत है.

भारत में फिलहाल आंकड़े तकरीबन 38 हजार के आसपास हैं जो कई सप्ताह से कम होते दिखाई पड़ रहे हैं. लेकिन ये आंकड़े अभी भी खतरों के निशान से ऊपर हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कुल 47 जिले ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक पांच फीसदी या उससे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट खतरनाक माना जाता है इसलिए सरकार के लिए इन जिलों के हालात चिंता के सबब बने हुए हैं.

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