Tuesday, November 26, 2024
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मन की बात पर बोले पीएम मोदी- तूफान हो या कोरोना देश मजबूती से लड़ रहा है

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश ने कोविड-19 की पहली लहर के खिलाफ पूरे हौसले से लड़ाई लड़ी थी और अब दूसरी लहर में भी वह मजबूती से उसका मुकाबला कर रहा है। मास्क, उचित दूरी का पालन और टीकाकरण को बचाव का सही उपाय बताते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि भारत इस बार भी महामारी पर विजय हासिल करेगा। आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 77वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जहां कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है वहीं हाल के दिनों में उसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है और भारत ने सामूहिक शक्ति से उसका भी डटकर मुकाबला किया। उन्होंने कहा, ‘‘अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवातों का सामना किया पश्चिमी तट पर चक्रवात ताउते और पूर्वी तट पर चक्रवात यास आया।

इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं।’’ विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति का साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ मुकाबला करने के लिए उन्होंने चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं।’’ कोविड महामारी की दूसरी लहर में देश के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन की कमी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने सरकार की ओर से इस कमी को पूरा करने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र और इसमें योगदान वाले योद्धओं से बात भी की और उनके अनुभव सुने।

उन्होंने कहा, ‘‘आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन अब यह 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर, करीब-करीब 9500 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादित किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 की शुरुआत में देश में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिये केवल एक ही प्रयोगशाला थी जो आज बढ़कर 2500 से ज्यादा हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में कुछ सौ जांच एक दिन में हो पाती थीं, अब 20 लाख से ज्यादा जांच एक दिन में होने लगी हैं।

अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की जा चुकी है।’’ प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के साथ ही आपदा की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा इस मुश्किल घड़ी में सरकार उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़ी है जिन्होंने नुक़सान झेला है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है।’’ प्रधानमंत्री ने इस दौरान ऑक्सीजन टैंकर के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले दिनेश बाबूलाल उपाध्याय, ऑक्सीजन एक्सप्रेस लोको पायलट शिरिषा गजनी और हवाई मार्ग से विदेशों से भारत में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में योगदान देने वाले वायु सेना के ग्रुप कैप्टन पटनायक से संवाद किया।

 

कोरोना महामारी के दौरान किसानों ने रिकार्ड उत्पादन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एक तरफ़ किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया वहीं दूसरी तरफ़ रिकार्ड फसल खरीदी भी की गई है।

श्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में आज कहा कि पिछले डेढ़ सालों में कोरोना योद्धाओं का खूब समर्पण और परिश्रम देखा है लेकिन इस लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका देश के कई क्षेत्रों के अनेक वरियर्स की भी है। हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी। इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया है ? किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रिकार्ड फसल खरीदी भी की है। इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है।

उन्होंने कहा कि रिकार्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही हमारा देश हर देशवासी को संबल प्रदान कर पा रहा है।आज इस संकट काल में 80 करोड़ ग़रीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि ग़रीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले।

श्री मोदी ने कहा, “ आज हमारे देश के किसान, कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं। जैसे कि अगरतला के किसानों को ही लीजिए ! ये किसान बहुत अच्छे कटहल की पैदावार करते हैं। इनकी मांग देश-विदेश में हो सकती है, इसलिए इस बार अगरतला के किसानों के कटहल रेल के जरिए गुवाहाटी तक लाये गए। गुवाहाटी से अब ये कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं। ऐसे ही आपने बिहार की ‘शाही लीची’ का नाम भी सुना होगा। 2018 में सरकार ने शाही लीची को जीआई टैग भी दिया था ताकि इसकी पहचान मज़बूत हो और किसानों को ज़्यादा फ़ायदा हो। इस बार बिहार की ये ‘शाही लीची’ भी हवाई-मार्ग से लंदन भेजी गई है। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण हमारा देश ऐसे ही अनूठे स्वाद और उत्पादों से भरा पड़ा है।”

उन्होंने कहा दक्षिण भारत में, विजयनगरम के आम के बारे में आपने ज़रुर सुना होगा ? अब भला ये आम कौन नहीं खाना चाहेगा ! इसलिए, अब किसान-रेल, सैकड़ों टन विजयनगरम आम दिल्ली पंहुचा रही है। दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों को विजयनगरम आम खाने को मिलेगा और विजयनगरम के किसानों को अच्छी कमाई होगी। किसान-रेल अब तक करीब – करीब 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है। अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियाँ, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है।

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