नई दिल्ली । यूट्यूब अपनी मोनेटाइजेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब ऐसे क्रिएटर्स पर शिकंजा कसा जाएगा जो बार-बार एक जैसे, बिना मेहनत के और एआई वीडियो अपलोड करते है। यह बदलाव 15 जुलाई से होने वाले है।
दूसरे का कंटेंट उठाकर थोड़ा सा बदलना अब नहीं चलेगा। वीडियो को इतना बदला जाना चाहिए कि वो नया और आपका खुद का लगे। रिपेटेटिव वीडियो पर लगेगी रोक, बार-बार एक जैसे टेम्पलेट्स में बने वीडियो, रोबोट जैसी आवाजे, बिना जानकारी या एंटरटेनमेंट के वीडियो की अब इनकी पहचान की जाएगी। ङ्घशह्वञ्जह्वड्ढद्ग चाहता है कि प्लेटफॉर्म पर असली, नया और दिलचस्प कंटेंट हों. इसी लिए ङ्घशह्वञ्जह्वड्ढद्ग क्कड्डह्म्ह्लठ्ठद्गह्म् क्कह्म्शद्दह्म्ड्डद्वद्वद्ग (ङ्घक्कक्क) में अब रिपेटेटिव और मास-प्रोड्यूस्ड कंटेंट की जांच और कड़ी की जा रही है। हालांकि ङ्घशह्वञ्जह्वड्ढद्ग ने ्रढ्ढ का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि ्रढ्ढ से बने वीडियो जिनमें मानवीय टच नहीं होता, जैसे कि ऑटो-जनरेटेड आवाजें और रिएक्शन, वो भी इस सख्ती की चपेट में आ सकते हैं।
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