Friday, March 29, 2024
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पंतनगर इंडस्ट्रीयल स्टेट पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम से जाना जायगा, सीएम धामी ने की घोषणा

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर में स्थित औद्योगिक क्षेत्र ( इंडस्ट्रीयल स्टेट ) का नाम पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम पर रखने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि, उत्तराखंड के सपूत स्व. नारायण दत्त तिवारी जी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में सदैव उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयास किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने राज्य को औद्योगिक पैकेज दिया उस समय स्व नारायण दत्त तिवारी जी ही मुख्यमंत्री थे। पंडित तिवारी जी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से नव सृजित उत्तराखंड में औद्योगिक विकास की नींव रखी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि, दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, पंडित नारायण दत्त तिवारी जी के राज्य के प्रति योगदान को सम्मानित करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पंतनगर इंडस्ट्रीयल स्टेट का नाम उनके नाम पर किया जा रहा है।

 

उत्तराखंड पहुंचे शहीद हरेंद्र सिंह और अजय रौतेला के पार्थिव शरीर, घरों में पसरा मातम

कोटद्वार/नई टिहरी, जम्मू कश्मीर के पूंछ क्षेत्र में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए नायक हरेंद्र सिंह और सूबेदार अजय सिंह रौतेला के पार्थिव शरीर रविवार को उत्तराखंड पहुंचे। सोमवार को दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर उनके घर भेजे जाएंगे और वहीं अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कोटद्वार के रिखणीखाल तहसील के गुर्ठेता ग्राम सभा के ग्राम पीपलसारी में मातम पसरा है। शहीद हरेंद्र सिंह के परिजनों को रविवार सुबह घटना की जानकारी दी गई। सूचना के बाद से शहीद की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद के पिता सेना से सेवानिवृत्त सैनिक हैं। बेटे की शहादत से वह भी गमगीन हैं, लेकिन अपना दर्द वह सीने में छिपाए हुए हैं।

शहीद का पार्थिव शरीर राजौरी से जौलीग्रांट तक विशेष विमान और इसके बाद सेना के विशेष वाहन से रविवार शाम को लैंसडौन सेना मुख्यालय लाया गया। सोमवार सुबह पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए गांव लाया जाएगा। इसके बाद गांव के पैतृक घाट पर ही शहीद का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा।Jammu And Kashmir Encounter: Martyr Harendra Singh And Ajay Singh Rautela  Dead Bodies Reached Uttarakhand - शहादत: उत्तराखंड पहुंचे शहीद हरेंद्र सिंह  और अजय रौतेला के पार्थिव शरीर, घरों ...

नायक हरेंद्र सिंह (35) पुत्र छवाण सिंह 16वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वर्तमान में वह सेना की 48 आरआर रेजीमेंट में जम्मू कश्मीर के पुंछ इलाके में ड्यूटी पर थे। 15 अक्तूबर की रात आतंकियों से मुठभेड़ में नायक हरेंद्र सिंह शहीद हो गए।

शहीद की मां सरोजनी देवी और पिता पूर्व सैनिक छवाण सिंह रावत अपने पैतृक गांव पीपलसारी में रहते हैं, जबकि उनकी पत्नी लता देवी दोनों बच्चों के साथ देहरादून के गढ़ीकैंट में रहती हैं। शहीद के पिता छवाण सिंह रावत ने बताया कि सेना की ओर से बीते शुक्रवार को उनके लापता होने की सूचना दी गई थी। शहीद होने की जानकारी उन्हें शनिवार देर शाम दी गई, लेकिन हरेंद्र की मां को रविवार सुबह ही इस बारे में बताया गया। तब से मां का रो-रोक बुरा हाल है।
उधर, 17 गढ़वाल राइफल्स और वर्तमान में आरआर (राष्ट्रीय राइफल 48) के सूबेदार शहीद अजय सिंह रौतेला का पार्थिव शरीर रविवार दोपहर 2.30 बजे सेना के हवाई जहाज से जौलीग्रांट हवाई अड्डा पहुंचा। हवाई अड्डे पर सीएम पुष्कर सिंह धामी, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी सहित जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। सोमवार सुबह शहीद का पार्थिव शरीर अपने रामपुर गांव पहुंचेगा। दोपहर को पूर्णानंद घाट मुनिकीरेती में उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।

जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में 14 अक्तूबर को टिहरी जिले के दो सैनिक शहीद हो गए थे। विमाण गांव के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी का शनिवार को कोटेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं सूबेदार अजय सिंह रौतेला (46) के शहादत की शनिवार देर शाम सेना और प्रशासन की ओर से पुष्टि की गई। सूबेदार अजय रौतेला के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव रामपुर में कोहराम मच गया। वर्तमान में शहीद रौतेला का परिवार देहरादून में रहता है, लेकिन कुछ दिन पूर्व ही उनकी पत्नी विमला देवी, जुड़वा बेटे सुमित और अमित गांव पहुंचे थे। शहीद के चाचा अधिवक्ता हरपाल रौतेला ने बताया कि अजय रौतेला के तीन पुत्र हैं।
शहीद अजय सिंह रौतेला के घर में सांत्वना देने पहुंचे लोग – फोटो : अमर उजाला
बड़े बेटे अरुण रौतेला ने हाल ही में बी.टेक पास किया है, जबकि सुमित और अमित इंटर में पढ़ते हैं। पत्नी विमला गृहणी हैं। शहीद के छोटे भाई शिक्षक दीपक रौतेला भी सूचना के बाद से गांव में हैं। वह किसी तरह परिजनों को संभाल रहे हैं। दीपक रौतेला ने बताया कि दो साल बाद भाई की सेवानिवृत्ति होनी थी, लेकिन उससे पहले आतंकियों के साथ मुठभेड़ में वह शहीद हो गए।
शहीद के बेटे सुमित और अमित ने बताया कि पिता से 12 अक्तूबर को उनकी मोबाइल पर बात हुई थी। पिता ने पूछा था कि एनडीए की तैयारी कर रहे हो या नहीं। बताया कि पिता पर गर्व है, उनसे देश सेवा की सीख मिलती रहेगी। पिता की इच्छा पूरी करने के लिए इंटर पास करने के बाद एनडीए की तैयारी करेंगे |
सूबेदार अजय सिंह रौतेला की शहादत की सूचना मिलते ही रविवार सुबह से ही शहीद के घर रामपुर में जनप्रतिनिधिओं और लोगों का तांता लगना शुरू हो गया। गांव में हर तरफ कोहराम मचा है। परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है। घर पहुंचकर लोग किसी तरह परिजनों को समझा रहे हैं।

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