Saturday, April 20, 2024
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अंकिता हत्याकांड के आरोपियों ने नार्को टेस्ट को लेकर मांगा दस दिन का समय

देहरादून, अंकिता हत्याकांड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। नार्को टेस्ट को लेकर हत्याकांड के आरोपियों ने दस दिन का समय मांगा है। मामले में आज नोटिस जारी होने थे। आरोपियों ने पौड़ी जेल अधीक्षक के जरिए जेएम कोर्ट कोटद्वार से समय मांगा।
अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित, अंकित, सौरभ के नार्को टेस्ट को लेकर आज नोटिस जारी होने थे, लेकिन इससे पहले ही आरोपियों ने दस दिन का समय मांग लिया। अंकिता के हत्यारोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए एसआईटी ने शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी थी। न्यायालय इस पर आज सोमवार को सुनवाई करने वाला था।

अंकिता हत्याकांड में शुरुआत से ही वीआईपी के नाम के खुलासे की मांग की जा रही है। पुलिस पर आरोप भी लगे हैं कि जानबूझकर वीआईपी का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दल भी इस बात को उठा चुके हैं। ऐसे में परिजनों ने कुछ दिन पहले आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। इस पर एसआईटी भी विचार करने लगी थी। पिछले दिनों एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने भी कहा था कि एसआईटी ने वीआईपी का नाम जानने के लिए नार्को टेस्ट का फैसला किया है।
एडीजी मुरुगेशन ने बताया कि नार्को टेस्ट के लिए शुक्रवार को न्यायालय में अर्जी दे दी गई है। न्यायालय को इस अर्जी पर दोनों पक्षों को सोमवार को सुनना था। इसके बाद ही नार्को टेस्ट कराने या न कराने पर फैसला किया जा सकता था। पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थीनार्को टेस्ट की मांग के लिए उनके पास पूरे आधार हैं। बहुत से ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस को आरोपियों से चाहिए।

 

हिमालयन हॉस्पिटल में 30 बेड वाला नया इमरजेंसी भवन जनता को किया समर्पित

हिमालयन हॉस्पिटल में 30 बिस्तरों के नया इमरजेंसी भवन जनता को समर्पित* –  Devbhumi JK News
देहरादून (डोईवाला), उत्तराखंड के बड़े हॉस्पिटल में गिना जाने वाला बेहद आधुनिक निजी हॉस्पिटल, हिमालयन हॉस्पिटल जोली ग्रांट में आज 30 बेड वाला नया इमरजेंसी भवन विधिवत पूजा अर्चना और उद्घाटन के बाद कुलपति डॉ विजय धस्माना ने आम जनता को समर्पित किया।

उत्तराखंड स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है और देश के साथ ही विदेश के नामों डॉक्टर जहां उत्तराखंड में अपनी सेवा दे रही है तो वही देश विदेश के साथ उत्तराखंड के लोगों को भी बेहद शानदार सुविधाएं और ईलाज देहरादून में ही मिल रहा है।
दून के डोईवाला में स्थित हिमालयन हॉस्पिटल लगातार आधुनिकीकरण की ओर अग्रसर है। डोईवाला के जोली ग्रांट में स्थित हिमालयन हॉस्पिटल में लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है जिसे देखते हुए कुलपति डॉ विजय धस्माना ने परिसर में एक नई बिल्डिंग जिसमे आपातकाल के समय में मरीजों को उपलब्ध कराते हुए 30 बेड वाला नया आधुनिक भवन आज जनता को समर्पित किया।

इस भवन की खासियत बताते हुए डॉ विजय धस्माना ने बताया की इस इमरजेंसी वार्ड को बेहद आधुनिक और सभी सुविधाओं वाला वार्ड बनाया गया है क्योंकि हिमालयन हॉस्पिटल में उत्तराखंड के साथ ही पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते है।

 

लहलहाते खेत हो रहे हैं बंजर , ग्रामीणों ने की गूल पुनर्निमाण की रखी मांग

(डी पी उनियाल)

टिहरी (गजा), विकास खंड चम्बा के नैचोली गांव में सैकड़ों हेक्टेयर सिंचित भूमि में जहां वर्षों पहले धान , गेंहू की फसल लहलहाती थी तथा ग्रामीण आलू,प्याज,अदरक, लहसून,अरबी, आदि सब्जियों का उत्पादन कर अपने लिए साल भर की सब्जी पैदा कर देते थे, उन्हीं खेतों में अब झाड़ियां उग आई हैं तथा बंजर हो गये हैं , ग्रामीण लघु सिंचाई विभाग नई टिहरी से अपनी गूल पुनर्निमाण करने की मांग करते आ रहे हैं , आपको बता दें कि धार अकरिया पट्टी के नैचोली गांव में सैकड़ों हेक्टेयर भूमि मल्ली गूल से सिंचित होती थी, वर्षों पहले इस डेढ़ किलोमीटर लम्बी गूल को सीमेंट कंक्रीट से बनाया गया था जो कि अब 4 साल पहले जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है , गूल क्षतिग्रस्त होने पर सिंचाई के लिए पानी एक बूंद भी नहीं आ पा रहा है , ग्रामीणों ने लघु सिंचाई विभाग नई टिहरी से गुहार लगाई है कि नहर पुनः निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत कर पानी उपलब्ध कराया जाय ताकि वह फिर से अपने खेतों में फसल उत्पादन कर सकें, गांव में सिंचाई के लिए दो हौज भी बने हुए हैं जो अब वगैर पानी के क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इन दोनों हौजों में भी झाड़ियां हो गई हैं , ग्रामीणों का कहना है कि लोहे या प्लास्टिक के 4 इंच मोटे पाइप डाल कर पानी पहुंचाया जाय , गांव निवासियों के द्वारा विगत साल पहले प्रस्ताव भेजा गया है तथा वर्तमान में 5 दिसंबर को दिनेश प्रसाद उनियाल अध्यक्ष प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा टिहरी गढ़वाल के द्वारा भी जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल नई टिहरी को पत्र भेजा गया है, इसी वित्तीय वर्ष में धनराशि स्वीकृत हो जाती तो काश्तकार मई,जून में धान की फसल की बुआई कर सकते हैं । ग्रामीणों ने लघु सिंचाई विभाग नई टिहरी से धनराशि स्वीकृत की मांग की है ।

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