Friday, May 3, 2024
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सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानों का आपूर्ति निरीक्षक ने औचक निरीक्षण किया

मसूरी। आपूर्ति निरीक्षक मसूरी विवेक साह ने सरकारी सस्ता गल्ला राशन की दुकानों का निरीक्षण किया व उनका स्टॉक चैक किया। इस मौके पर उन्हांेने उपभोक्ताओं से सरकार द्वारा जारी राशन दिए जाने के बारे में जानकारी ली जिस पर संतोष व्यक्त किया गया। आपूर्ति निरीक्षक मसूरी विवेक साह ने मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों में आठ से अधिक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों का औचक निरीक्षण किया व दुकान में उपलब्ध राशन का स्टॉक चैक किया जिसमें कोई कमी नहीं पायी गई व संतोष व्यक्त किया

इस मौके पर उन्होंने सरकारी राशन की दुकानों पर राशन लेने आये उपभोक्ताओं से राशन पूरा मिलने व सरकार द्वारा चलाई गयी योजना के अनुसार राशन मिलने के बारे में पूछा तो सभी ने कहा कि राशन पूरा दिया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने सरकारी राशन की दुकान चलाने वालों से कहा कि वह सरकार की राशन वितरण की योजना सूचना पटट पर लगायें व किस योजना में कितना राशन किस कीमत पर किस कार्ड पर कितना राशन दिया जा रहा है वह भी अंकित करें।

हालांकि सभी दुकानों में सरकार की राशन योजना सूचना पटट पर अंकित पायी गई उसके बाद भी उन्हांेने कहा कि उपभोक्ताओं को सभी योजनाओं की जानकारी दें। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर शिकायत मिली तो दुकानदारांे पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान स्टॉक संतोष जनक पाया गया व ग्राहकों की संतुष्टि पर भी संतोष जाहिर किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ सहायक आपूर्ति निरीक्षक संदीप बलोनी भी साथ में मौजूद रहे।

मसूरी में डिलीवरी की सुविधा न मिलने पर महिला ने रास्ते में वाहन में बच्चे को जन्म दिया।
मसूरी। पर्यटन नगरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में किस तरह लोगों को परेशानी हो रही है इसका ताजा उधारण गत दिवस का है जब एक महिला के गर्भवती होने पर मसूरी में उसे उपचार नहीं मिला व देहरादून जाते समय रास्ते में गाड़ी में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। पर्यटन नगरी मंे स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उप जिलाचिकित्सालय लंढौर मेें मंत्री गणेश जोशी के प्रयासों से कई चिकित्सक तो आ गये लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण उसका लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण मसूरी में छोटी सी बीमारी होने पर भी देहराूदन जाना पड़ता है। मसूरी व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि लंढौर क्षेत्र की एक महिला को प्रसव की पीड़ा होने पर उन्हें उप जिलाचिकित्सालय ले जाया गया जहां उन्हें बताया गया कि अब यह अस्पताल कोविड केयर सेंटर बन गया है यहां पर डिलीवरी की सुविधा नहीं है उसके बाद उसे कम्युनिटी अस्पताल ले गये जहां भी डिलीवरी कराने से मना कर दिया गया

जिस पर मजबूर होकर महिला को एक प्राइवेट वाहन से देहराूदन ले जाते समय रास्ते में वाहन में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। उन्होंने कहा कि मसूरी में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में इस तरह की घटना शर्मनाक है। अखिर मसूरी के लोगों को उप जिलाचिकित्सालय का क्या लाभ मिला पहले तो लंबे समय बाद एक अस्पताल मिला उसके बाद भी अगर वहां पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती तो इसका कोई लाभ नहीं है। यह तो डिलीवरी का मामला था लेकिन पूर्व में भी कई ऐसे मामले आये है जब विभिन्न रोगों से जूझ रहे रोगियो ने देहराूदन जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।

उन्हांेने कहा कि ऐसे में जो लोग गरीब है जिनके पास एक मात्र सरकारी अस्पताल है जिसके भरोसे वह रहते हैं ऐसे में वह देहराूदन भी नही जा सकते व उन्हें उपचार के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर होना पडता है ऐसे में ऐसे अस्पताल का क्या लाभ जिसमें कोई विशेषज्ञ चिकित्सक भी नही है। इस संबंध में उप जिलाचिकित्सालय के सीएमएस डा. यतेंद्र सिह ने कहा कि इन दिनों उप जिलाचिकित्सालय कोविड केयर सेंटर बना है जहां केवल कोरोना रोगियों का ही उपचार किया जा रहा है।

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