Wednesday, May 8, 2024
HomeStatesUttarakhandपंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज विद्युत की नियमित उपलब्धता...

पंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज विद्युत की नियमित उपलब्धता न होने परेशान

अल्मोड़ा, पंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में भर्ती मरीज विद्युत की नियमित उपलब्धता न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चिकित्सालय में पर्याप्त क्षमता का जनरेटर उपलब्ध नहीं हैं, यहां पर 125 कि.वा. का जनरेटर लगा हुआ है जो कि पर्याप्त नही है। लाइट न होने पर एक्सरे मशीन काम नही करती है। जिसकी क्षमता 160 कि.वाट है जिसे वर्तमान जनरेटर से चलाया नही जा सकता। कल भी जब विद्युत कट था तब अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने इस समस्या को विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाया। जिसके फलस्वरूप विद्युत व्यवस्था बहाल हो सकी। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुराने कलक्ट्रेट भवन के पास लाइन में खराबी आयी थी, जिसके बाद लाइन दुरुस्त की गई। इसके बाद लोगों के एक्सरे व दूसरे टैस्ट हो सके। इस बीच अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुसुमलता को भी घटना की जानकारी दी गयी, साथ ही साथ चिकित्सालय परिसर में तम्बाकू व बीड़ी, सिगरेट, व गुटका थूकने पर जुर्माना लगाने का अनुरोध किया। संजय पांण्डे ने कहा कि चिकित्सालय एक मंदिर है हम सब को मिलकर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों व उसके आसपास के क्षेत्रो को तम्बाकू मुक्त करने की सरकारी पहल का स्वागत करते हुए सामाजिक पांण्डे ने कहा कि चिकित्सालयों में भी इस नियम का पालन होना चाहिये। उन्होंने कहा कि केवल नारों से काम चलने वाला नही है बल्कि इसे सख्ती से रोकने की जरूरत है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए उन्होंने आज उत्तराखंड की स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर सैलजा भट्ट से फ़ोन पर बात कर अल्मोड़ा जिले कि समस्याओ से अवगत करवाया।

 

इस पर स्वास्थ्य निदेशक ने बताया की प्रत्येक अस्पताल में हमेशा विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो इसका प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सालय में रोगियों को टेस्ट की कोई परेशानी नही होनी चाहिए। संजय पांण्डे ने बताया कि अल्मोड़ा जिले चकित्सालय में बेहोश करने की कोई भी मशीन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण गले का जटिल ऑपरेशन जिला अस्पताल में अभी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि गले के ऑपरेशन के लिए मरीज को बेहोश करना पड़ता है,
जिसके लिए बॉयलमशीन प्रयोग की जाती है। जिसके लिए मरीज को रेफर कर दिया जाता है,सेनेटाइजर मशीन भी खराब है जिससे वार्ड में भर्ती मरीजों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। डॉक्टर सैलजा ने फोन पर बताया कि नए जनरेटर व अन्य उपकरणों की खरीद के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करेंगी की वो जिलाधिकारी से इस संबंध में बात कर के इस पर त्वरित कार्यवाही करें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments