Friday, May 3, 2024
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कोविड.19 पहले और बाद में होने वाले शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर सेमिनार का आयोजन

हरिद्वार 14 मार्च (कुलभूषण) गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा अतिथि सभागार में दो दिवसीय कोविड.19 पहले और बाद में होने वाले शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डा0 राजेन्द्र डोभाल ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विज्ञान के छात्रों का भविष्य सुनिश्चित करना है तो उनके लिए प्रत्येक माह छात्रवृत्ति निर्धारित करना जरूरी है तभी विज्ञान के छात्रों का भविष्य उज्जवल बना सकते है। उन्होंने कोरोना महामारी पर बोलते हुए कहा कि कोरोना को लेकर जो प्रशिक्षण किए गए थे उन प्रशिक्षणों के आधार पर कोरोना जैसे वायरस का पता लगाना बड़ा ही मुश्किल काम था।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि वेदों में जितने सूत्र और सिद्धान्त मौजूद है वह सभी विज्ञान के अन्वेक्षण है। वेदों में विज्ञान है इसकी रक्षा वर्तमान में अनुसंधान कर रहे हैं। कोविड.19 को लेकर उन्होंने बोलते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा किचन में जितने भी मसाले प्रयोग में होते है वह सभी औषधियां है। उन औषधियों से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है। दादी और नानी हमारी वैज्ञानिक थी और कीचन हमारी प्रयोगशाला। यह पूर्वजों की साईंस थी। इन सबके द्वारा हमारी इम्यूनिटि बूस्टर होती थी जिससे हमें शारीरिक व बौद्धिक क्षमता बढ़ती थी। इस तरह से हम कोविड़.19 की बीमारी से निजात पा सकते हैं।

गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 डी0 के0 माहेश्वरी ने कहा कि उत्तराखण्ड में विज्ञान विषय को स्थापित करने का काम किया है तो उनका नाम है डा0 राजेन्द्र डोभाल। उत्तराखण्ड विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद् के महानिदेशक डा0 राजेन्द्र डोभाल द्वारा पूरे प्रदेश के शैक्षणिक सस्थानों में विज्ञान पहंुचाने का काम किया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर विज्ञान की लोकप्रियता को विशेष बढ़ी है। विज्ञान को सुरक्षित और पल्लवित करने के लिए विशेष कदम उठाना जरूरी है।
शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ए0 के0 गर्ग ने कहा कि कोविड़.19 के पहले व बाद में होने वाले जैवीकि प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस विषाणु के प्रबन्धन में हमें साधारण परम्परागत तरीकों को अपनाने से ही हम स्वस्थ रह सकते थे। स्वस्थ भोजन एवं साधारण स्वच्छता से ही प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ सकती है। इन सबके लिए एटीं बायोट्रिक दवाईयों का सेवन करना जरूरी नहीं है। इस अवसर पर सहायक प्रो0 डा0 मंजू ऑल इडिया इंस्टिटयूट ऑफ मेड़िकल साइंसए ऋषिकेश ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि करोना विषाणु के संक्रमण के बाद होने वाले प्रभावों एवं प्रबन्धन से अवगत कराया। इस अवसर पर डा0 सत्यवती राणा ने कहा कि एमेरिटस प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्षए जैव रसायन विभागए ऑल इंड़िया इस्टिट्युट आफ मेड़िकल साइंस ऋषिकेश ने प्रतिभागियों को कोरोना वायरस के बाद पेट संक्रमण या आंत्रशोध के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पेट की आंतो में होने वाले संक्रमण के प्रबन्धन एवं अच्छे स्वास्थ्य के टिप्स देते हुए बताया कि हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहना चाहिए।
सेमिनार के संयोजक प्रो0 आर0 सी0 दूबे ने प्रतिभागियों को वेदों की वर्णित सूक्ष्म विज्ञान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि परंम्परागत ज्ञान को समझने एवं अपनाने पर जोर दिया। कोविड़.19 बीमारी से बचाव के लिए परंम्परागत ओषधियों का सेवन करना चाहिये। जिन लोगों ने कोरोना काल में योग और ध्यान का अभ्यास किया है उन्हें कोरोना महामारी जैसी बीमारी से कोई खतरा नहीं हुआ है। डा0 मुकेश कुमार शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ कल्पना सागर ने किया
इस अवसर पर परीक्षा नियन्त्रक प्रो राकेश कुमार जैन डा हेमवती नन्दन डा एस के राजपूत डा विनीत कुमार विश्नोई डा चिरनजीव बेनर्जी डा विपिन्न कुमार शर्मा डा अश्वनी जागड़ा डा हरीश चन्द्रा डा सन्दीप कुमार हेमन्त सिंह नेगी विकास कुमार जनसम्पर्क अधिकारी डा पंकज कौशिक उपस्थित रहे।

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