Saturday, May 4, 2024
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जोशीमठ पैन्खण्डा के अस्तित्व को बचाने की गुहार, पैन्खण्डा ज्योत्रिमठ जनकल्याण समिति ने सीएम को भेजा पत्र

देहरादून, पैन्खण्डा ज्योत्रिमठ जनकल्याण समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी को एक पत्र प्रेषित कर जयोत्रिमठ धार्मिक सांस्कृतिक ज्ञानमय व पर्यटन नगरी में हो रहे भवन भूमि धंसाव व भीषण खतरे की जद में भविष्य के चिन्तन के साथ जोशीमठ के अस्तित्व को बचाने की गुहार पत्र के माध्यम से की र है, सीएम धामी को भेजे गये पत्र को पत्रकारों को बताते हुये समिति के सदस्यों ने सरकार से मांग की विकास के नाम पर निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं से जोशीमठ पैन्खण्डा की स्थिति दयनीय हो रही और उस पर खतरा मंडरा रहा है |

दून प्रेस क्लब में समिति की ओर से आचार्य नरेश आनंद, विनोद कपरवाण, माधव सेमवाल, कृष्णामणी थपलियाल, रमेश पांडेय, प्रकाश राणा और सुरभि शाह और पैन्खण्डा निवासियों का कहना है कि ज्योत्रिमठ को पुराणान्तरण देव व ज्ञानमयी नगरी के रूप में भगवान नरसिंह की भूमि का गौरव प्राप्त है विश्व तीर्थाटन के साथ पर्यटन के लिये औली विश्व मानचित्र पर एक वृहत पहचान रखता है। सेना की माउन्ट ब्रिगेड जैसी गौरवशाली ब्रिगेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस जैसे सीमा प्रहरी बल का मुख्यालय के साथ-साथ पैन्खण्डा के जनमानस का पूर्ण अस्तित्व विनाश और खत्म होने की कगार पर मुंह बाये आपकी ओर आशावान दृष्टि से देख रहा है। जोशीमठ के भवन व भूमि पर आ रही भयानक दरारों और भूमि का घसाव इस विक्राल स्थिति को प्रदर्शित कर रही है। विकास के नाम पर बन रही विभिन्न परियोजनाओं के कारण जोशीमठ पैन्खण्डा की स्थिति दयनीय है, चाहे एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना हो या मारवाडी हेलग बाईपास परियोजना हो दोनों ही परियोजना से जोशीमठ का सम्पूर्ण अस्तित्व खतरे की जद में है।No photo description available.

इस स्थिति को लेकर जोशीमठ पैन्खण्डा के समस्त निवासियों का एक विशाल जन आक्रोश आन्दोलन प्रारम्भ हो गया है हम सभी पैन्खण्डा के मूल प्रवासी निवासी इस आन्दोलन से अपने को सम्बद्ध कर समर्थन देते हैं, समिति के सदस्यों की मांग पूर्व में वैज्ञानिकों द्वारा शोधित परिणामों के आधार पर नई नीति के तहत ही कार्य किये जाये, चाहे वह 1976 की मिश्रा कमेटी की रिपोर्ट हो या स्वतंत्र वैज्ञानिकों द्वारा शोधो से जोशीमठ में विकास परिधि सीमित रखने की शिफारिशे की गयी हो। आज हेलंग बाईपास के नाम पर विस्फोटको से पूरा नगर ध्वस्त होने की कगार पर पहुंच चुका है। एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना की सुरंग जोशीमठ नगर के बीचों बीच होकर 12-14 वर्षो से विस्फोटकों और अन्य खनन उपकरणों से जोशीमठ की भूमि ध्वस्त होने की कगार पर है। बीते वर्ष 2021 के फरवरी माह में आयी भीषण आपदा का दंश पैन्खण्डा के निवासियों ने अपनी आँखों से अपने प्रियजनों को काल के गाल में समाते देखा था | उपरोक्त सभी विषयों को संज्ञान लेते हुए सरकार जोशीमठ के अस्तित्व को बचाए रखने के लिये यथाशीघ्र एन०टी०पी०सी० परियोजना निर्माणदायी संस्था को क्षेत्र में हुई क्षतिपूर्ति हेतु आदेश कर परियोजना को पुनः वैज्ञानिकों द्वारा दिये गये सुझाव से संज्ञान लेकर स्थगित कर पुनः विचार करें। मारवाडी हेलग बाईपास रोड का निर्माण कार्य यथा शीघ्र पूर्ण रूप से बन्द कर पूर्व में दिये जनप्रतिनिधियों और स्थानीय निवासियों द्वारा सुझाये गये वैकल्पिक मार्ग से निर्माण करने तथा जोशीमठ के असतित्व बचाने के लिये यथाशीघ्र कार्यवाही करेंगे।

 

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