Tuesday, April 29, 2025
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खाद्य तेलों के थोक भाव में गिरावट तो 190-210 रुपये लीटर क्यों बिक रहा सरसों तेल? जमकर मुनाफा काट रहे दुकानदार

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नई दिल्ली  । देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में बीते हफ्ते सभी तेल-तिलहनों की थोक कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। बाजार सूत्रों ने दावा किया कि खाद्य तेल-तिलहनों के थोक भाव में गिरावट आई है। यह पूछे जाने पर अगर गिरावट आई है, तो आम उपभोक्ताओं को 190-210 रुपये लीटर या उससे अधिक कीमत पर सरसों तेल क्यों मिल रहा है, सूत्रों ने कहा कि यह वास्तविकता है कि थोक भाव कम हुए हैं।
थोक विक्रेता आगे सप्लाई करने के लिए खुदरा कंपनियों को 152 रुपये लीटर (अधिभार सहित) के हिसाब से आपूर्ति कर रहे हैं। खाद्य तेल के एक प्रमुख ब्रांड ने शनिवार को 152 रुपये लीटर के भाव बिक्री की है, लेकिन खुदरा कंपनियां यदि इस कीमत में मनमानी वृद्धि कर रही हैं, तो सरकार को उसपर अंकुश लगाने के बारे में सोचना चाहिये। छापेमारी से कुछ हासिल नहीं होगा उल्टा इससे तेल कारोबार की सप्लाई चेन प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि छापेमारी के बजाय केवल बाजार में घूम-घूम कर खुदरा विक्रेता कंपनियों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की जांच की जाये, तो समस्या की जड़ में पहुंचा जा सकेगा।
खुदरा में सरसों तेल अधिकतम 158-165 रुपये लीटर
सूत्रों ने कहा कि थोक बिक्री मूल्य के हिसाब से खुदरा में सरसों तेल अधिकतम 158-165 रुपये लीटर तथा सोयाबीन तेल अधिकतम 170-172 रुपये लीटर मिलना चाहिये। इस कीमत पर उपभोक्ताओं को खाद्य तेल आपूर्ति के लिए सरकार को यथासंभव प्रयास करना होगा।
सरसों दादरी तेल 200 रुपये टूटा
सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 100 रुपये टूटकर 7,415-7,465 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 200 रुपये टूटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 14,850 रुपये च्ंिटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 30-30 रुपये की नुकसान के साथ क्रमश: 2,335-2,415 रुपये और 2,375-2,485 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सोयाबीन इंदौर में 250 रुपये की गिरावट
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 225-225 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,800-6,900 रुपये और 6,500-6,600 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुए। गिरावट के आम रुख के अनुरूप समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतें नुकसान के साथ बंद हुईं। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 250 रुपये की नुकसान के साथ 16,400 रुपये, सोयाबीन इंदौर 250 रुपये की गिरावट 15,750 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 450 रुपये की गिरावट के साथ 14,800 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ।
गिरावट के आम रुख के विपरीत मूंगफली तेल की निर्यात मांग के कारण पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव लाभ दर्शाते बंद हुए। मूंगफली दाना तो अपने पूर्वस्तर पर बना रहा, जबकि मूंगफली तेल गुजरात 350 रुपये के सुधार 16,000 रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी 45 रुपये सुधरकर 2,670-2,860 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
सीपीओ का भाव भी 350 रुपये टूटा
समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी बाजारों में अधिक कीमत होने और उसी के अनुरूप मांग कमजोर होने की वजह से कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव भी 350 रुपये टूटकर 14,500 रुपये क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 350 रुपये टूटकर 16,000 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 350 रुपये टूटकर 14,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल का भाव 300 रुपये टूटकर 14,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

तिलाड़ी काण्ड की शहादत पर उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच अर्पित किये श्रद्धा सुमन

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देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा तिलाड़ी काण्ड की शहादत पर याद कर उनको भावभीनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
केशव उनियाल व जगमोहन नेगी ने बयान जारी करते हुए आज ही दिन 30 मई उत्तराखंड के इतिहास में एक रक्तरंजित तारीख है. इसी दिन 1930 में तत्कालीन टिहरी रियासत के राजा नरेंद्र शाह ने रंवाई के तिलाड़ी स्थित मैदान में अपना स्थानीय जलियांवाला बाग काण्ड रच डाला था जिसमे लगभग 200 लोग शहीद हुए।
ओमी उनियाल व प्रदीप कुकरेती के साथ रामलाल खंडूड़ी ने बताया कि जंगलों पर अपने अधिकारों के लिए तिलाड़ी मैदान में जमा हुए सैकड़ों लोगों को राजा की फ़ौज ने तीन तरफ से घेर लिया. चौथी तरफ यमुना नदी अपने प्रचंड वेग से बहती है. बिना किसी चेतावनी के राजा की फ़ौज ने निहत्थे लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई. कुछ गोलियों का शिकार हुए, कुछ ने बचने के लिए यमुना में छलांग लगा दी, वे नदी की तेज धारा में बह गए।
जयदीप सकलानी एवम पुरण सिंह लिंगवाल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि प्राचीन समय से आज तक उत्तराखंड वासियों को अपने हक़ अपने अधिकारों और सुविधाओं को लेने के लिए हमेशा संघर्ष करना पड़ा है। उत्तराखंड का इतिहास अनेकों आंदोलनों से भरा पड़ा है। अपने हक़ हकूक की लड़ाई में अनेक उत्तराखंडी भाई बहिनो ने अपना जीवन न्योछावर किया है। अपने हको के लिए हुए अनेक आंदोलनों में से एक चर्चित आंदोलन , तिलाड़ी आंदोलन या तिलाड़ी कांड अपने हक़ की मांग करते लोगो पर अत्यचार का एक काला अध्याय है।
श्रद्धा सुमन करने में ओमी उनियाल , जयदीप सकलानी , जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , रामलाल खंडूड़ी , केशव उनियाल , सुरेश नेगी , वेदा कोठारी , सतेन्द्र भण्डारी , प्रभात डंडरियाल , पूरण सिंह लिंगवाल , राकेश नोटियाल , सुदेश सिंह , वीरेन्द्र सकलानी एव गौरव खंडूड़ी थे।

महिला सशक्तिकरण का पर्याय-प्रज्ञान कलादीर्घा : उत्तराखण्ड में भी एक और शान्तिनिकेतन की स्थापना की जा सकती है : बाबला

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देहरादून, विश्वभारती शान्तिनिकेतन, बंगाल से कला की शिक्षा प्राप्त ख्याति प्राप्त चित्रकार, मूर्तिकार साहित्यकार, श्रेष्ठ गायक, बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जो
युवावस्था से ही महान विभूतियों के निकट व उनके चहेते एवं उनकी प्रशंसा के पात्र रहे।भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद नई दिल्ली (ICCR) द्वारा निर्भया काण्ड के
उपरान्त ज्ञानेन्द्र जी की कला प्रदर्शनी दर्शकों पर अपनी अलग ही छाप, अलग संदेश
छोड़ने में सफल रही थी। ICCR द्वारा आयोजित आपकी भजनों/गजलों की संगीत
संध्याऐं, दिल्ली दूरदर्शन द्वारा भजनों का प्रसारण आपको उच्च कोटि का संगीतज्ञ भी
साबित करती है। विशेषकर आपका ख्यातिप्राप्त प्रिय भजन “दुखः चन्दन होता है जिसके
माथे पर लगा जाता पावन होता है जो अक्सर अटल जी. इन्दिरा जी. डा० कर्ण सिंह,
कमलेश्वर, हरिवंशराय बच्चन जैसे अनेक विभूतियों को प्रिय था। श्री ज्ञानेन्द्र ने शान्तिनिकेतन के साथ-साथ इंग्लैण्ड व आस्ट्रिया से भी कला की
उच्च शिक्षा प्राप्त की। आप गुरूकुल कांगड़ी महाविद्यालय के छात्र भी रहे हैं। समय-समय
पर ज्ञानेन्द्र जी के साक्षात्कार दूरदर्शन, आकाशवाणी एवं अन्य चैनलों पर प्रसारित होते रहे
हैं आपके प्रभात-गीत नामी-गरामी स्कूलों में आज भी Prayer में गाये जाते हैं।
कला-प्रेमियों, छात्रों, कलाकारों एवं कला मर्मज्ञों के अनुरोध पर क्रियान्वित “प्रज्ञान”
कलादीर्घा का, नारी के प्रति उनकी अपार श्रद्धा एवं सम्मान की प्रतीक मेहनतकश
महिलाओं के द्वारा आज 29-5-2022 को प्रातः 11:15 पर शुभारम्भ किया गया। जो समाज के लिये अलग उदाहरण और प्रेरणादायक रहा।
मंत्र मुग्ध करने वाली चित्रों एवं मूर्तियों की इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्रों में प्रारम्भ
में ही “वातावरण का दबाव”, “पूर्व की ओर”, “कयास”, “चेष्टा”, “आलिंगन मुख्य रूप से
आकर्षित करते हैं। रंगो के साथ घुमती रेखाएं भी अपना अलग प्रभाव छोड़ती हैं और
दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले चित्रों में
भटकती आत्मा, दुआ, आत्म विश्वास, उलझन, आस्था आदि में रंगो का संयोजन आपनी
अलग ही छटा बिखेरते हैं। कलाकार के चित्रों का प्रस्तुतिकरण अपने आप में प्रभावशाली
बन पड़ा है। कलाकार द्वारा शान्तिनिकेतन की परम्परा को बनाये रखने का प्रयास किया
गया है जो प्रशंसनीय है।
शान्तिनिकेतन में बनाये चित्रों में परम्परागत चित्रों से लेकर आधुनिक अमूर्त
चित्रकला की सफल यात्रा इस कलादीर्घा “प्रज्ञान” में स्पष्ट नजर आती है।
कलादीर्घा भविष्य में उत्तराखण्ड की एक अलग पहचान बनने में भी सफल होगी,
जैसा कि केदारनाथ आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापना, 2013 की त्रासदी एवं पुर्ननिर्माण को
परिलक्षित करती 15 फीट लम्बी स्क्रोल पेन्टिंग में भी उजागर होता है जो कलाकार द्वारा
पुर्ननिर्माण से पूर्व ही चित्रित कर ली थी।
हैं। जिनमें विशेषकर अटल बिहारी बाजपेयी, महामहिम राष्ट्रपति डा० शंकर दयाल शर्मा,
जार्ज बुश, क्वीन एलिजाबेथ डा० हरिवंशराय बच्चन, बी०डी० जत्ती, डा० भगतशरण
उपाध्याय, राजीव गांधी, इन्दिरा गांधी के नाम लिए जा सकते हैं। ऐसा कलादीर्घा में
प्रदर्शित उनके पत्रों से भी परिलक्षित होता है। देश विदेशों में भी ज्ञानेन्द्र जी की कला
प्रदर्शनीयों ने ख्याति प्राप्त की एवं सराही जाती रहीं। पर्यावरणविद्, साहित्यकार, रंगकर्मी, समाज सेवी एवं समीक्षक जगदीश बाबला ने अपने उदबोधन में इस बात पर जोर दिया कि यदि सरकार अल्मोड़ा स्थित
गुरूदेव नाथ टैगोर की पारिवारिक भूमि जिस पर गुरुदेव शान्ति निकेतन की स्थापना
करना चाहते थे को ज्ञानेन्द्र जी के अनुभव का उनकी बहुमुखी प्रतिभा का लाभ उठाकर
उनके मार्गदर्शन में गुरूदेव की प्रथम इच्छा (परिकल्पना) को मूर्तरूप देकर उत्तराखण्ड में
भी एक और शान्तिनिकेतन की स्थापना की जा सकती है जो पर्यटन एवं शिक्षा की दृष्टि
में एक श्रेष्ठ स्थल का रूप ले सकता है। जो विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने
में सफल हो सकता है।कलादीर्घा के शुभारम्भ पर सिमित संख्या में चुनिन्दा बुद्धिजीवियों, कलाकारों, कला
प्रेमियों को ही आमंत्रित किया गया था। जिनमें डॉ. प्रकाश थपलियाल (लेखक पूर्व
अधिकारी क्षेत्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय), अजीज हसन (ख्याति प्राप्त समाचार वाचक)
वरिष्ठ अधिवक्ता ओ0पी0 सकलानी, कवि महेन्द्र प्रकाशी, उर्मिला प्रकाशी, पर्यावरणविद्
जगदीश बाबला, वरिष्ठ पत्रकार, जय सिंह रावत, डा० पाटिल, डा० महेश अग्रवाल, डा०
ए०वी० वर्मा (H.O.D.) संगीतज्ञ उत्पल सामंत, डा० वृज किशोर गर्ग, दीपक कनौजिया,
मौ० मोईन, जाकिर हुसैन, रवि कपूर, राजेश डोभाल, डा० (मिसेज) चाला, अधिवक्ता
राणा, डा० मनोज अग्रवाल, श्यामल कान्त बासू, विन्की सिंह, संजय सिंह, डा० अमरदीप,
माया सक्सेना, कवि राजेश डोभाल, आदि उपस्थित रहे। कलादीर्घा को सफल बनाने मे
छवि जैन, कृति कुमार एवं क्षिति, शीलजा एवं दक्ष जैन का विशेष योगदान प्रशंसनीय रहा।

उत्तराखंड में कोरोना के 6 नए केस

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देहरादून। उत्तराखंड में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 6 नए मरीज मिले हैं। जबकि, 21 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं। वहीं, एक्टिव केस की संख्या 54 पहुंच गई है। राहत की बात ये है कि पिछले 24 घंटे में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में सैंपल पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 0.35% है। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, एक जनवरी 2022 से लेकर अभीतक प्रदेश में 92,793 मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें से 89,201 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 96.13% है। वहीं, इस साल अब तक 275 मरीजों की मौत हुई है।
पिछले 24 घंटे में देहरादून में 2 कोरोना मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी से एक-एक केस सामने आए हैं। इसके अलावा बाकी जिलों में कोई नया कोरोना संक्रमित नहीं मिला है। वहीं, अल्मोड़ा, टिहरी और उधमसिंह नगर जिला कोरोना मुक्त हैं।
वैक्सीनेशन: प्रदेश में सोमवार को 11,499 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन हुआ है। अभी तक कुल 83,69,902 लोग फुल वैक्सीनेट हो चुके हैं। वहीं, 3 जनवरी से शुरू हुए 15 से 17 साल के बच्चों के टीकाकरण में अभी तक 4,00,246 बच्चों को फुल वैक्सीनेट किया गया है। जबकि 5,18,984 बच्चों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं, 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को 3,57,269 पहली डोज और 1,60,620 बच्चों को दोनों डोज लग चुकी है।

मोदी सरकार के 8 साल: सुशासन और गरीब कल्याण के लिए आठ साल में उठाए ऐतिहासिक कदम

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हरिद्वार (कुलभूषण) प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के 8 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूरे देश में 8 साल सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण पखवाड़ा मनाया जाने का निर्णय लिया गया है इसके अंतर्गत किए जाने वाले कार्यक्रमों की तैयारी हेतु आज दिनांक 30 मई को भाजपा जिला कार्यालय हरिद्वार पर जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह की अध्यक्षता में टोली पदाधिकारियों और मण्डल अध्यक्षों की बैठक हुई जिसमें जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह ने बताया कि महान जननेता नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के निर्विवाद और बेदाग कार्यकाल के इन 8 वर्षो में भारत के विकास और सुशासन की एक ऐतिहासिक गाथा लिखी गई है जिसने संपूर्ण विश्व में भारत की छवि को नई ऊंचाई प्रदान की हैं। आज विश्व के तमाम बड़े देश अपने विवादों और समस्याओं में भारत से हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं तथा भारत देश के नेता को आज विश्व में सर्वमान्य नेता की मान्यता प्राप्त है।
सुशासन और सेवा के इन आठ वर्षो में विश्व के सबसे बडे राजनीतिक दल भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता के विजन को सामने रखकर मानव इतिहास की सबसे बड़ी माहामारी कोरोना का मुकाबला करने में अपनी जी जान लगा दी। जहां एक ओर कश्मीर से धारा 370 को बगैर किसी विवाद के हटाया गया, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक समानता, सुरक्षा प्रदान करने हेतु तीन तलाक हटाने का साहसिक निर्णय लिया। इसी प्रकार जहां काले धन को हटाने के लिए नोटबंदी का निर्णय लागू किया वहीं दूसरी ओर देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक करने से भी परहेज नहीं किया। लोकतंत्र के महानायक के रूप में स्थापित नरेंद्र मोदी दूरदर्शी सोच वाले वो नेता हैं जिन्होंने समाज के अंतिम छोर पर खड़े हुए व्यक्ति के उत्थान के लिए जनधन खाता, हर घर जल, प्रधानमन्त्री शहरी आवास योजना, भारत आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, उजाला योजना, भारतमाला योजना, किसान सम्मान निधि ,प्रधानमंत्री शौचालय योजना ,निशुल्क वैक्सीनेशन, मुफ्त राशन वितरण योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया। इस पखवाड़े में भाजपा द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा जिनमे प्रमुख रूप से बूथ स्तर पर लाभार्थी सम्पर्क, विकास तीर्थ बाइक रैली, शहीदों के परिवार से सम्पर्क एवं सम्मान, किसान सम्मेलन, विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण, प्रभात फेरी, कोरोना वीर तथा स्वास्थ्य सेवकों का सम्मान, जिला स्तरीय रैली आदि प्रमुख रूप से रहेगें। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओ व पदाधिकारियों को कार्यक्रम प्रमुख के दायित्व भी आज घोषित करे गए जिनमें पखवाड़े का संयोजक अनिल अरोड़ा, सह संयोजक अमन त्यागी, विकास तिवारी व आदेश सैनी को मनोनीत किया गया है। इसके अलावा सेवा सुशासन और गरीब कल्याण पखवाड़े में किसान कार्यक्रमों के लिए निपेंद्र चौधरी, प्रेसवार्ता के लिए लव शर्मा ,महिला कार्यक्रमों के लिए रीता चमोली, ओबीसी हेतु प्रदीप पाल, एस सी वर्ग हेतु तेलू राम प्रधान, एस टी वर्ग हेतु संत राम, शहरी गरीब सम्पर्क हेतु सुनील अग्रवाल व राकेश गर्ग, विख्यात व्यक्ति सम्पर्क हेतु विमल कुमार, कमजोर वर्ग हेतु चतर सैन, बूथ स्तर लाभार्थी सम्पर्क हेतु देशपाल रोड़, टीकाकरण और सेवा कार्य हेतु प्रवेश प्रिया, जिला स्तरीय रैली हेतु आशु चौधरी, सोशल मीडिया हेतु मोहित वर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रवास हेतु संदीप गोयल, लाभार्थी वीडियो हेतु सुशील रावत, बाइक रैली हेतु सचिन गुर्जर, तथा मीडिया सम्पर्क हेतु आशुतोष शर्मा, आईटी के लिए सुशील रावत, सचिन निहित को प्रभारी नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर जिला महामंत्री आदेश सैनी ,विकास तिवारी,अनिल अरोड़ा, देशपाल रोड, आशु चौधरी, लव शर्मा, नीपेंद्र चौधरी ,तेलू राम प्रधान, चतर सेन ,नागेंद्र राणा राणा, मयंक गुप्ता, सिद्धार्थ कौशिक ,धीरेंद्र गुप्ता, राजबाला सैनी ,प्रवीण संधू ,अभिषेक चंद्रा, अमरीश सैनी, विकासपाल, राकेश सैनी, आलोक चौहान, लोकेश पाल, सोनू धीमान, अरविंद गोयल आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

केदारनाथ मार्ग पर एनडीआरएफ श्रद्धालुओं की मदद के साथ साथ स्वछता अभियान में जुटा

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(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- सोनप्रयाग से केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े तथा किसी भी प्रकार की कोई घटना होने पर त्वरित प्रतिक्रिया एंव श्रद्धालुओं की मदद के लिये तैनात एनडीआरएफ की टीम ने मार्ग में स्वच्छता का बीड़ा भी उठाया है।
15 वीं वाहिनी एनडीआरएफ गदरपुर उधम सिंह नगर की 01 टीम को सोनप्रयाग से श्री केदारनाथ पाम के रास्ते पर किसी भी प्रकार की घटना होने पर त्वरित प्रतिक्रिया एवं श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैनाच किया गया है।
सुदेश कुमार दशल कमाण्डेट 15 वी वाहिनी. एन०डी०आर०एफ० के मार्गदर्शन में उनकी टीम द्वारा केदारनाथ धाम के रास्तों पर श्रधालुओं की मदद करने के साथ-साथ स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है। श्रधालुओं द्वारा आवागमन के दौरान व उपयोग में लाये जाने वाले वस्तुओं से उत्पन्न हो रहे व्यर्थ पदार्थों को हटाकर रास्तों को स्वच्छ बनाने का कार्य किया जा रहा है।
साथ ही एन०डी०आर०एफ० बचाव कर्मियों द्वारा चार धाम यात्रा में आ रहे श्रधालुओं को साफ-सफाई रखने हेतु प्रेरित किया जा रहा है व इस पवित्र स्थल को पॉलिधिन मुक्त बनाने के लिए स्थानिय लोगों व श्राधालुओं को प्रतिज्ञा दिलाई जा रही है। एनडीआरएफ के इस कार्य की खूब प्रशंशा की जा रही है।

तपती गर्मी से जल्द मिलेगी राहत, उत्तराखंड में 12 जून तक पहुंच सकता है मानसून

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देहरादून। देश में मानसून की दस्तक रविवार को हो गई है। केरल में सामान्य से तीन दिन पहले मानसून पहुंचा है। इसका असर उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगर वर्तमान रफ्तार से हवाएं चलती रहीं तो कुमाऊं क्षेत्र में 12 जून से मानसून की शुरुआत हो जाएगी।
पहले 21 से 22 जून तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि हवाओं की रफ्तार थोड़ी सी भी धीमी हुई तो मानसून लेट हो सकता है। ऐसी स्थिति में 15 से 18 जून के बीच मौसमी बरसात शुरू होगी। जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि सामान्यत केरल में एक जून को मानसून पहुंचता है।
इस बार 29 मई को ही मानसून पहुंच चुका है। सामान्य समय से तीन दिन पहले मानसून आना भी अच्छे संकेत दे रहा है। हवाओं की रफ्तार जिस प्रकार की है, ऐसे में 12 जून तक कुमाऊं क्षेत्र में मानसून पहुंच सकता है। इधर, डॉ. सिंह ने बताया कि 3 जून के कुमाऊं क्षेत्र में भी प्री मानसून शुरू होने का अनुमान है
मानसून जैसा हुआ दिल्ली का मौसम, 18 सालों में सबसे ठंडा रहा आज का दिन
प्री मानसून की संभावित तारीख से 2 से 3 दिन के अंतराल में अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की बारिश होगी और गर्मी से राहत मिलेगी। उत्तराखंड में मानसून पहुंचेने पर लोगों को तपती गर्मी से से राहत मिलेगी। हालांकि, पर्वतीय जिलों में तापमान गिरने से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है।
12 साल में कुमाऊं में कब-कब आया मानसून
साल मानसून पहुंचा
2010 17 जुलाई
2011 13 जुलाई
2012 08 जुलाई
2013 23 जून
2014 14 जुलाई
2015 19 जून
2016 16 जून
2017 28 जून
2018 28 जून
2019 03 जुलाई
2020 03 जुलाई
2021 18 जून

मूसेवाला हत्याकांड:पजाब पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने देहरादून में छह संदिग्धों उठाया

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देहरादून। पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या में उत्तराखंड में बड़ी गिरफ्तारी हुई है। उत्तराखंउ एसटीएफ टीम ने चेकिंग के दौरान दो गाड़ियां सीज की हैं। देहरादून की नया गांव चौकी क्षेत्र में चेकिंग के दौरान छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें सवार बदमाश लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे हो सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो सिद्दू मूसेवाला की हत्या में बदमाश के शामिल होने की बात सामने आ रही है। पंजाब से एक पुलिस टीम जल्द ही बदमाशों से पूछताछ करने को देहरादून आ सकती है। एसटीएफ, देहरादून पुलिस और पंजाब पुलिस संयुक्त रूप से बदमाशों से पूछताछ कर सकती है। पंजाब पुलिस को सूचना देकर देहरादून बुलाया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पंजाब पुलिस से इनपुट मिला था, हत्या में शामिल गिरोह के कुछ सदस्य उत्तराखंड में धार्मिक यात्रा के लिए निकले हैं। इस इनपुट के आधार पर उत्तराखंड एसटीएफ काम कर रही थी। सूचना के आधार पर दो गाड़ियों में से छह लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधिकारी अभी सभी गिरफ्तार लोगों को संदिग्ध बता रहे हैं। पुलिस या एसटीएफ की ओर से अभी आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं आया है।

‘‘आओ गाँव चलें-उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त करें’’ अभियान का शुभारम्भ

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देहरादून।  स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड धन सिंह  द्वारा तम्बाकू निषेध के प्रति जागरूकता जनमानस तक पहुंचाने के लिए ‘‘आओ गाँव चलें-उत्तराखण्ड को तम्बाकू मुक्त करें’’ अभियान का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम में  स्वास्थ्य मन्त्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि उत्तराखण्ड में तम्बाकू निषेध हेतु विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अभियान चलाया जाये तथा 31 मई 2022 को तम्बाकू निषेध पर चिकित्सा इकाई / ग्राम पंचायत / गांव/ प्राथमिक विद्यालयों/माध्यमिक विद्यालयों / उच्च शिक्षा सम्बन्धित समस्त महाविद्यालयों/ कार्यालयों में एक साथ शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है, जिससे अधिक से अधिक जनमानस को तम्बाकू से स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जा सके।
उन्होनें अवगत कराया है कि राष्ट्रीय तम्बाकू दिवस के अवसर पर 31 मई 2021 को जनपद के समस्त कार्यालयों में प्रातः 10 बजे तम्बाकू शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने सभी विभागध्यक्षों/कार्यालयाध्यक्षों एवं समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं कार्यालयाध्यक्षों को अपने अधीनस्थ आने वाले समस्त अधिकारियों/कार्मिकों को शपथ कार्यक्रम में शपथ दिलाए जाने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया है। साथ ही उक्त कार्यक्रम हेतु रूप रेखा तैयार कर कार्यक्रम की 02 फोटोग्राफ प्रतिभागियों की संख्या मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के ईमेल  ntcp. [email protected]  तथा मोबाईल नम्बर 8954265118, 9410540513 पर भेजन का अनुरोध किया है।

एक जून से होने वाले महड़ चण्डिका बन्याथ यज्ञ की तैयारियां जोरों पर

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“नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद बन्याथ कार्यक्रम की तैयारियों मे जूटे क्षैत्रवासी”
(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- महड़ चंडिका मे आगामी 1 जून से होने वाले नौ दिवसीय बन्याथ यज्ञ की तैयारियां जोरों से चल रही है। इस धार्मिक अनुष्ठान में हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। दिवारा बन्याथ समिति के पदाधिकारी व दश्ज्यूला क्षैत्र की जनता कार्यक्रम को भब्य बनाने की तैयारियों में जुटी है।
बता दें कि दश्ज्यूला क्षैत्र की आराध्य देवी माता चंडिका विगत 15 अक्टूबर 2021 से दिवारा यात्रा पर है इस दौरान मां चण्डिका द्वारा चारों दिशा भ्रमण कर भक्तों को दर्शन दिये व धियांणियों की कुशलक्षेम ली।
92 बर्षो बाद आयोजित महड़ चंडिका के दिवारा यात्रा में श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़कर भागीदारी की। दिवारा भ्रमण पूर्ण होने के पश्चात एक जून से महड में बन्याथ यज्ञ कार्यक्रम होने जा रहा है।
दिवारा बन्याथ समिति के अध्यक्ष धीर सिंहं विष्ट व महामंत्री देवेन्द्र जग्गी ने बताया कि एक जून को कुंड खातिक, गरुड़ छड़ा, व अरणि मंथन से यज्ञ की शुरुआत होगी आठ जून को जल कलश यात्रा व नौ जून को पूर्णाहुति के साथ दिवारा बन्याथ कार्यक्रम सम्पन्न होगा। 10 जून को धियाण भोजन व विदाई कार्यक्रम होगा।
दिवारा बन्याथ समिति के महामंत्री देवेंन्द्र जग्गी व प्रवंधक हीरा सिंह नेगी ने बताया कि इस यज्ञ में हजारों की सख्यां में श्रद्धालुओं व धियांणियों के आने की संभावना है लेकिन रुद्रप्रयाग-डढ़ीधार मोटर मार्ग खस्ताहाल बना हुआ है समय रहते विभाग द्वारा मोटर मार्ग को अभी तक ठीक नहीं किया गया जिससे आने जाने वालों को कठनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सम्बंधित विभाग से मोटर मार्ग ठीक करने की मॉग की है।