Wednesday, April 30, 2025
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जिलाधिकारी ने किया केन्द्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनी का निरीक्षण, पठन-पाठन व ब्यवस्थाओं का लिया जायजा

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रुद्रप्रयाग-जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शनिवार को केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि का निरीक्षण कर पठन-पाठन एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने सभी कक्षाओं, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं एवं कार्यालयों का निरीक्षण कर छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारियों से संवाद किया। खास बात यह रही कि इस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ बैठकर गणित की कक्षा ली एवं उनका फीडबैक भी लिया।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान केंद्रीय विद्यालय अगस्त्यमुनि पहुंचकर छात्रों के बीच समय बिताया। विद्यालय पहुंचने पर स्कूली छात्र-छात्राओं ने जिलाधिकारी को तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने गणित की कक्षाओं में छात्रों के साथ बैठकर गणित के सवाल भी हल किए। जिलाधिकारी ने बच्चों से गणित एवं विज्ञान के प्रश्न भी पूछे उन्होंने छात्र-छात्राओं को अभी से अपना लक्ष्य तय करने एवं शिक्षकों की मदद से लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति तैयार करने की सलाह दी। कहा कि भविष्य में बड़ी सफलता हासिल करने के लिए अभी से रोडमैप तैयार करना होगा। उन्होंने शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य को समय-समय पर छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग करने एवं करियर गाइडेंस देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य को छात्र-छात्राओं की शिक्षा में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने की हिदायत दी है, कहा कि पढ़ाई में आ रही किसी भी बाधा को बिना देरी के दूर करने के लिए अनिवार्य कदम उठाए जाने चाहिए। कहा कि छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए एवं प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें पुस्तकालय में रखी जाएं। उन्होंने विद्यालय में निर्माणाधीन भवन समेत अन्य कार्यों को समय से पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में कोई व्यवधान न हो इसके लिए किसी भी सामग्री एवं उपकरण की आवश्यकता पड़ने पर प्रस्ताव तैयार कर उन्हें उपलब्ध कराया जाए ताकि इस दिशा में तत्परता से आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई जा सकें।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य विजय नैथानी खंड विकास अधिकारी प्रवीण भट्ट, सूचना अधिकारी रती लाल शाह सहित शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

सनसनीखेज- जनाबालिग ने शौचालय में दिया बच्चे को जन्म, जच्चा बच्चा दोनो की मौत

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रुद्रप्रयाग- यहाँ जिला अस्पताल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है । पेट में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती एक 17 वर्षीय नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया नाबालिग अपनी मॉ के साथ अस्पताल आई थी। व पेट दर्द की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती थी।

रुद्रप्रयाग के एक निकटवर्ती गॉव की एक नाबालिग के पेट दर्द की शिकायत पर उसकी मॉ द्वारा अस्पताल मे भर्ती किया गया लेकिन नाबालिक की मां ने प्रेग्नेंसी की बात डॉक्टरों से भी छुपा कर रखी। बताया जा रहा है कि रात को ज्यादा दर्द होने पर नाबालिग की मॉ उसे शौचालय में ले गई जहां काफी देर तक नाबालिग को रखा गया नाबालिग ने वहीं पर नवजात को जन्म दिया। सुबह जब सफाई कर्मियों ने शौचालय में मृत नवजात को सकते मे आ गये। घटना से अस्पताल प्रशासन भी सकते में है।

नाम बदलकर पूर्व NSUI छात्र नेता फ़साता था लड़कियां, पहुचाँ सलाखों के पीछे

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(अतुल अग्रवाल)

हल्द्वानी, विश्वशनीय सूत्रों से राजस्थान के भीलवाड़ा से ब्लैकमेल एक बड़ी खबर आ रही है, जानकारी के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा में एक लड़की को ब्लैकमेल करने के आरोप में पकड़ा गया शाहिद खान गोरी कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई का सदस्य रहा है।
उसने कॉलेज में चुनाव भी जीता था। अंदेशा जताया जा रहा है कि उसने अपनी पहचान छिपाकर कई अन्य लड़कियों को भी शिकार बनाया है।

मनीष सेन बनकर लिया था किराए पर कमरा

शाहिद खान गोरी को बीते 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। उसके कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस ने फर्जी कागजात और आधार कार्ड बरामद किया है। शाहिद पाली जिले के बादशाह झंडा का रहने वाला है। भीलवाड़ा के पंचवटी इलाके में उसने अपना नाम मनीष सेन बताकर किराए पर कमरा लिया था।
यही नहीं, पहचान छिपाने के लिए उसने खुद ही आधार कार्ड भी एडिट कर लिया था। शाहिद भीलवाड़ा की एक मोबाइल कंपनी में काम कर रहा था। माना जा रहा है कि बीते 10 साल से वह पाली और भीलवाड़ा में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से रहा है। साल 2014-15 में उसने बांगड़ कॉलेज में हुए छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त महासचिव के पद पर जीत दर्ज की थी।
एनएसयूआई का सक्रिय कार्यकर्ता था शाहिद खान गोरी
शाहिद खान गोरी पाली में एनएसयूआई का सक्रिय कार्यकर्ता था। पुलिस को शाहिद खान गोरी के मोबाइल की जांच में पीड़िता के कई फोटो मिले हैं। पुलिस यह जानने का भी प्रयास कर रही है कि कहीं उसने सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से कुछ और लड़कियों को भी तो शिकार नहीं बनाया है।
यह है पूरा मामला :
जानकारी के मुताबिक, भीलवाड़ा जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक कॉलेज छात्रा ने मनीष सेन बने शाहिद खान गोरी के खिलाफ ब्लैकमेल करने की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित छात्रा का कहना था कि शाहिद के पास उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें है। इसी वजह से शाहिद उसे धमकाकर अपने कमरे में ले गया था और फिर बलात्कार का प्रयास किया। हालांकि, लड़की के शोर मचाने की वजह से वह सफल नहीं हो सका। बाद में पीड़िता ने अपने परिजनों को पूरी जानकारी दी। पुलिस के आगे शाहिद ने मनीष सेन के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी बनाने की बात कबूली थी।

जिला मुख्यालय के पास मिला महिला का अधजला शव

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(त्रिभुवन जोशी)

पिथौरागढ़, जिला मुख्यालय के पास सेंसर नामक गांव मैं एक महिला का अध जला शव मिला इतने में कुछ लोगों ने जब आधा जले शव को देखा तो पुलिस को सूचना दी गई ऐसे में पुलिस ने महिला के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया एवं उक्त महिला की शिनाख्त आनंदी देवी उम्र 22 वर्ष पत्नी किशन कुमार निवासी छेड़ा हाल निवासी बिण पिथौरागढ़ के रूप में हुई मृतका की मां श्रीमती सुनीता देवी पत्नी श्री नरेंद्र कुमार निवासी मल्ला रियांशी पोस्ट वड्डा पिथौरागढ़ द्वारा कोतवाली पिथौरागढ़ में तहरीर दी गई उनकी पुत्री मृतिका आनंदी देवी का विवाह 5 वर्ष पूर्व किशन कुमार के साथ हुआ था उनकी पुत्री विगत 3 माह से उनके साथ मायके में रह रही थी दिनांक 20 साथ 2022 को किशन कुमार उनके घर प्रियांशी गांव में आया था तथा मृतक आनंदी देवी वह उसकी पुत्री आरती को जबरदस्ती अपने साथ ले गया लगभग 2:30 बजे किशन कुमार ने वादिनी सुनीता देवी के पुत्र को फोन करके बोला कि वह शाम तक आनंदी देवी को घर भेज देगा परंतु वह कह नहीं आई वादिनी द्वारा बताया गया कि मृतका आनंदी देवी का पति किशन कुमार पूर्व में भी कई बार धमकियां दे चुका है इस आधार पर पुलिस में उसके पति से पूछताछ कर इसके पति को थाने बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी है

केंद्रीय कर्मचारियों के DA में होगी 4% बढ़ोतरी, जानिए अब कितना मिलेगा वेतन

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(फोटो प्रतीकात्‍मक)

पटनाः 7th Pay Commission: सरकार केंद्र कर्मचारियों के डीए में 4% बढ़ोतरी का जल्द एलान कर सकती है. हालांकि जून महीने के उपभोक्ता मुद्रास्फीति के आंकड़े अभी आने बाकी हैं.

इसके आंकड़े 31 जुलाई को जारी किए जाएंगे. इसके बाद तय होगा कि महंगाई भत्ते में कुल कितनी बढ़ोतरी होगी.

डीए में 4% बढ़ोतरी होने से कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा है. अगर यह आंकड़ा लगातार बढ़ता है तो महंगाई भत्ता भी उसी हिसाब से बढ़ाया जाता है. पहली छमाही में पांच महीने के आंकड़े जारी किए गए हैं. जून के आंकड़े अभी आने बाकी हैं. डीए में 4% बढ़ोतरी होने से कर्मचारियों को सीधा फायदा मिलेगा.

महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी का रास्ता साफ
बता दें कि जून में यह आंकड़ा 130 तक पहुंच जाएगा. जिससे केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो जाएगा. मई में अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सूचकांक का आंकड़ा 129 अंक रहा. इससे तय है कि आने वाले दिनों में महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की दर से इजाफा होगा.

कर्मचारियों का इतना बढ़ेगा डीए
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में अगर 4 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है तो उनका डीए बढ़कर 38 फीसदी हो जाएगा. फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों को 34 फीसदी की दर से डीए दिया जाता है.

कुल 6840 रुपये की होगी बढ़ोतरी
7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये पर नजर डालें तो सालाना महंगाई भत्ते में 38 फीसदी की दर से कुल 6840 रुपये की बढ़ोतरी होगी. बता दें कि मौजूदा महंगाई भत्ते के मुकाबले हर साल महंगाई भत्ते में 720 रुपये की बढ़ोतरी होगी. कुल मिलाकर 18000 रुपये के मूल वेतन वाले केंद्रीय कर्मचारियों को सालाना 8640 रुपये अधिक महंगाई भत्ता मिलेगा.

ब्रैकिंग : मुख्यमंत्री धामी ने भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ को सौंपी

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देहरादून, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच अब उत्तराखंड एसटीएफ को सौंप दी गई है। भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी मामले में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस मामले की जांच करने की मांग की थी, जिसके बाद डीजीपी उत्तराखंड ने एसटीएफ को ये आदेश जारी किये हैं।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 4 और 5 दिसंबर 2021 को स्नातक स्तर पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने गड़बड़ी होने का मामला उठाया था। जिसको लेकर देहरादून के रायपुर थाने में मामला भी दर्ज हुआ था। यही नहीं कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया था। आज एक बार फिर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मिलकर भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने भी बेरोजगार संघ को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस को देखते हुए मुख्यमंत्री ने डीजीपी अशोक कुमार से इस मामले में वार्ता कर इसकी एसटीएफ से जांच करवाने के निर्देश दिये। इस निर्देश पर डीजीपी अशोक कुमार ने भी पूरे मामले की जांच अब उत्तराखंड एसटीएफ को सौंप दी है। अब उम्मीद की जा रही है जिस तरह से उत्तराखंड एसटीएफ ने समाज कल्याण में छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपियों को गिरफ्तार किया है ऐसे ही इस मामले में भी कार्रवाई करेगी।

 

‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों के साथ की बैठकआजादी के अमृत महोत्सव: हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में मुख्य  सचिव ने

देहरादून, प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने आज शुक्रवार को सचिवालय में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तैयारियों के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।
मुख्य सचिव ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 13, 14 एवं 15 अगस्त, 2022 को हर घर तिरंगा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हर घर तिरंगा कार्यक्रम में प्रदेश के लोगों को स्व: प्रेरणा से अपने घरों में तिरंगा फहराए जाने हेतु जागरूक किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में इसके लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं। इसका वीडियो, सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों एवं न्यूज चैनलों के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि एक साथ सभी घरों में झंडा फहराए जाने के कारण झंडों की उचित मात्रा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूहों एवं वेंडर्स के द्वारा इसके लिए झंडों की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी। सभी जिलाधिकारी इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग करें।
मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों एवं जिलाधिकारियों को फ्लैग कोड के अनुसार राष्ट्रीय झंडे के सम्मान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में तिरंगे के वितरण एवं उसके बाद वापस कलेक्शन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए एवं इसका प्रचार प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को इससे अवगत कराया जाए कि किसी भी कीमत में झंडे का अपमान नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के बाद झंडे को अपने सबसे नजदीकी किसी भी सरकारी कार्यालय में जमा कराया जाए, जिसे सम्बन्धित विभागों द्वारा जमा कर उचित देखरेख में फ्लैग कोड के अनुसार डिस्पोज किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हम सभी को आजादी के सम्मान में अधिक से अधिक भागीदारी निभाते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाना है।
बैठक के दौरान सचिव संस्कृति से एच. सी. सेमवाल ने बताया कि हर घर तिरंगा हेतु फ्लैग कोड में थोड़ा परिवर्तन किया गया है, जिसमें खादी के साथ ही टेरीकॉट के कपड़े के उपयोग और साइज में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने बताया कि बाजार में 9 रुपए से लेकर 31 रुपए तक के तिरंगे उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव वी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, एच. सी. सेमवाल और अपर सचिव एवं महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

 

राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी पैर में हुई दिक्कत के चलते मैक्स अस्पताल में भर्तीSushila Baluni: Latest News, Videos and Photos of Sushila Baluni | Times of  India

देहरादून, आज दोपहर में वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुशीला बलूनी के बाएं पैर में हुई दिक्कत के चलते परम अस्पताल से किया मैक्स अस्पताल रेफर किया गया, परिजनों से जानकारी मिली है कि पैर में क्लॉट आने के कारण चलने में हुई दिक्कत डाक्टर आपरेशन कर सकते हैं, उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष ने ईश्वर से उनकी शीघ्र कुशलता की कामना की है।

 

बायोडीजल के उपयोग से उत्तराखंड़ में लघु उद्योगों को बढ़ाया जा सकता है : डॉ. अंजन रे

देहरादून, बायोडीजल का अधिकाधिक प्रयोग कर उत्तराखंड में लघु उद्योगों को बढ़ाया जा सकता है इसके लिए यहां अपार संभावनाएं हैं।

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉ. अंजन रे ने भारत सरकार तथा (उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी) यूकोस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में बायोडीजल की संभावनाओं को उजागर करते हुए कहा कि विकास को सतत प्रगति से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।

गौरतलब है कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष को विज्ञान उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है जिसके अंतर्गत देशभर में विभिन्न लोकप्रिय व्याख्यानो का आयोजन किया जा रहा है।
वेबीनार में डॉक्टर देवप्रिया दत्ता सलाहकार सीड डिवीजन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने जहां एक ओर आत्मनिर्भर भारत में उद्योगों की भूमिका पर प्रकाश डाला वहीं दूसरी ओर यूकोस्ट संयुक्त निदेशक डॉ डीपी उनियाल ने उत्तराखंड में उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अवसर सृजित किए जाने पर परिषद के प्रयासों से सभी को अवगत कराया।
उत्तराखंड के अग्रणी उद्यमी सीआईआई अध्यक्ष इं. राकेश ओबरॉय ने कहां की स्टार्टअप एवं कौशल विकास से हम आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
उत्तराखंड उद्योग संघ के अध्यक्ष डॉ पंकज गुप्ता ने कहा कि संस्थानों को अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में और अधिक आगे आना होगा ताकि उद्योगों के लिए नई नई तकनीक विकसित की जा सके।
वेबीनार का संचालन डॉ अपर्णा शर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी यूकास्ट द्वारा किया गया, वेबीनार में डॉ रश्मि शर्मा वरिष्ठ वैज्ञानिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, साइंस सिटी सलाहकार डॉ जी एस रौतेला, डॉ रोमिला चंद्रा, डॉ आशुतोष मिश्रा, वैज्ञानिक हिमांशु गोयल, जनसंपर्क अधिकारी अमित पोखरियाल, जितेंद्र कुमार, सिद्धांत उनियाल सहित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी(यूकोस्ट) एवं विज्ञान विभाग से जुड़े दर्जनों प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 

राष्ट्रपति चुनाव में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के रिकॉर्ड मत से जीत दर्ज करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्नद्रौपदी मुर्मू की रिकॉर्ड मत से जीत - ऋषिकेश में जश्न : media4citizen.com

ऋषिकेश, देश के 15वें राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के रिकॉर्ड मत से जीत दर्ज करने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया।इस दौरान मिष्ठान वितरित कर एक दूसरे को बधाई दी गयी।

गुरुवार को श्यामपुर में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने सबसे कम उम्र में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड बनाया है। डॉ अग्रवाल ने कहा कि पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होने से न केवल आदिवासी, बल्कि देश में सभी को गर्व की अनुभूति हुई है। इस मौके पर आतिशबाजी कर मिष्ठान वितरित किया गया।

इस अवसर पर मण्डल अध्यक्ष गणेश रावत, महामंत्री रवि शर्मा, भूपेंद्र रावत, दीपक जुगरान, पवन पांडेय, सतपाल सैनी, कमला नेगी, लक्ष्मी गुरुंग, शोभा चौहान, बलविंदर, राजवीर सिंह रावत, पद्मा नैथानी, राजेन्द्र थपलियाल, कुसुम जोशी, मनेंद्र रयाल, बबीता कमल कुमार, लक्ष्मी, रविन्द्र रमोला, संजय व्यास, बृज मोहन कंडवाल, गोविंद मेहर सहित भाजपा कार्यकर्ता आदि उपस्थित रहे।

असफल आर्थिक-नीतिगत फैसलों के कारण संकट से गुजरता श्रीलंका, भारत के लिए सबक

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(जय प्रकाश पाण्डेय)

असफल आर्थिक-नीतिगत फैसलों , बढ़ते सामाजिक धार्मिक वैमनस्य और भ्रष्टाचार के साथ परिवारवाद ने प्रति व्यक्ति आय के लिए एशिया में चर्चित , चाय और पर्यटन के लिए विश्व में विख्यात, श्रीलंका को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक संकट से गुजर रहे ,विदेशी ऋण चुकाने में असमर्थ, दिवालियेपन के करीब पहुंच चुके देश के रूप में स्थापित कर दिया है ।
हालंकि आनन फानन में राष्ट्रपति राजपक्षे ने जनमंशा और विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नया पदभार दे दिया गया है लेकिन यक्ष प्रश्न उठकर सामने आ रहे हैं वो ये हैं कि आखिर श्रीलंका की इस स्थिति का दोषी कौन है ? क्या भारत भी ऐसे किसी संकट का सामना भविष्य में कर सकता है ?

सामन्यतया श्रीलंका को आयात आधारित अर्थव्यवस्था माना जाता है । अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को आयात करने वाला यह देश अपने देश की ऊर्जा आवश्यकताओं,खाद्य सामग्रियों और यहां तक की देश के अवसंरचनात्मक विकास हेतु भी विदेशी ऋण पर आश्रित है । यूक्रेन रूस विवाद के चलते तेल की उपलब्धता में कमी और कीमतों में आए उछाल ने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को और भी खराब किया है । केवल पर्यटन, चाय और रबड़ के निर्यात के आधार पर आगे बढ़ते श्रीलंका में कृषि एवं उद्योगों को विविधता प्रदान करने की आवश्यकता के विषय में सोचा ही नहीं गया और चीन के साथ यह निर्भरता पिछले एक दशक में बढ़ती गई है ।

वर्ष 2019 में ही पॉपुलर राजनीति के तहत श्रीलंका में करों में भारी कमी की गई । वैट को 15 प्रतिशत से कम कर 8 प्रतिशत किया गया । इसी प्रकार लगभग 7 अन्य करों को खत्म किया गया । इससे सरकार के राजस्व में कमी आई | अप्रैल 2021 में विदेशी रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगाया गया। जैविक खेती (ऑर्गेनिक) की नीति को ध्यान में रखने के साथ साथ उर्वरकों के कारण आयात में खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा को बहिर्गमन से रोकने का यह प्रयास था। पूरे देश में जैविक (ऑर्गेनिक) खेती की अवसंरचना को विकसित करने का त्वरित फैसला बाहरी रासायनिक उर्वरकों के आयात में सम्पूर्ण प्रतिबंध के साथ सामने आया । उर्वरकों की अनुपलब्धता से परंपरागत खेती कर रहे किसानों को अत्यंत हानि हुई और श्रीलंका के उत्पादन में काफी कमी आई और कम उत्पादन के कारण अनाज का आयात करना श्रीलंका की मजबूरी बन गया । इस आयात का शुल्क चुकाने में पहले से ज्यादा विदेशी मुद्रा का बहिर्गमन हुआ । और इन नीतियों से प्रभावित किसान परिवारों को मुआवजों देने के लिए सरकारी कोष से प्रचुर राशि का व्यय किया गया और इस तरह पहले से खाली खजाने और खाली होते गए ।

वर्ष 2018 में ईस्टर चर्च में हमले, सिंहली बनाम बाहरी विवाद और बौद्ध धर्म अतिवादिता से भी श्रीलंका के पर्यटन में कमी आनी शुरू हुई । कोविड के बाद पर्यटन सबसे ज्यादा प्रभावित रहा जिस कारण एक आर्थिक वैक्यूम पैदा हुआ जिसने श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को दबावग्रस्त कर दिया ।

आज सिंहल बौद्धों की बहुसंख्यक आबादी के तथाकथित आदर्श नेता पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी जिंदगी को बचाने हेतु देश छोड़ने पर विवश हुए हैं और आम जनमानस परिवारवाद की इस राजनीति में ईधन,भोजन के साधनों की जुगत में संघर्षरत है |

इतिहास को देखें तो हम पाते हैं वर्ष 1956 में आए सिंहला अधिनियम से सामाजिक विषमताओं का उद्भव श्रीलंका में होना शुरू हुआ था । सिंहली भाषा को राजभाषा बनाए जाने के आलोक में तमिल और सिंहली के बीच के विवाद की स्थिति को इस अधिनियम ने जन्म दिया । यह वह समय था जब भारत में भी भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन हो रहा था । इसी समय पाकिस्तान में भी पूर्वी पाकिस्तान के ऊपर भाषाई अतिवादिता को थोपा जा रहा था । वर्ष1950 तक प्राथमिक उत्पादों के प्रचुर उत्पादन और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग के चलते श्रीलंका की आर्थिक स्थिति मजबूत थी । सन 1950 के बाद यह आर्थिक स्थिति कमजोर होते गई और श्रीलंका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ )का दरवाजा खटखटाया । अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ )के शर्त आधारित अनुदान को प्राप्त कर श्रीलंका में विरोधस्वरूप व्यापक प्रतिक्रियाएं हुई और इसी क्रम में श्रीलंका में समाजवादी सरकार के रूप में सीरिमावो भंडारनायके की सरकार आई । भारत इस समय गरीबी हटाओ के अभियान को देश में लागू कर रहा था और श्रीलंका भी समाजवाद को केंद्र में रखकर सामाजिक,आर्थिक विकास की नीतियों में चलने लगा । भविष्य में 1970 में आए तेल संकट के दौर में समाजवादी योजनाएं असफल साबित हुई और राजकोषीय घाटे , राजस्व घाटे और बढ़ते आर्थिक संकट ने भंडारनायके के स्थान पर राष्ट्रपति जयवर्धने को श्रीलंका की राजनीति के केंद्र में स्थापित किया और श्रीलंका आर्थिक उदारीकरण,समाजवाद और फिर से आर्थिक उदारीकरण के राह में श्रीलंका आगे बढ़ा।

यही वह समय था जब सिंहल -बौद्ध राष्टवाद का जन्म श्रीलंका में होता है। इन्हीं सब परिस्थितियों के आलोक में गृह युद्ध का आरंभ हुआ जो वर्ष 1976 में लिट्टे के गठन के साथ वर्ष 1983 तक अपने चरम पर पहुंचा और वर्ष 2005 में महिद्रा राजपक्षे का श्रीलंका की राजनीति में प्रदार्पण हुआ ।

वर्ष 2009 तक श्रीलंका लिट्टे के खिलाफ युद्ध, भ्रष्टाचार , सिंहली -तमिल दंगे आदि आंतरिक विवादों से जूझता रहा । लिट्टे की मृत्यु के बाद राजपक्षे ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ केऔर भारत की जगह व्यवसायिक ऋण का सहारा चीन से लेना शुरू किया । वर्ष 2019 में ईस्टर ब्लास्ट के बाद तो राजपक्षे परिवार को सिंहली पहचान के रूप में पेश किया जाने लगा। और चीन के साथ नए संबंधों पर कार्य शुरू हुआ |

बिजली की कमी से जूझते विद्यालय,गिरते स्वास्थ्य स्तर, भोजन,दवाइयों और ईंधन की किल्लत से जूझते श्रीलंका में वर्तमान में 70 प्रतिशत तक महंगाई बढ़ चुकी है । हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए घर पर कब्जा कर लिया है । शिक्षा, स्वास्थ्य और आमदनी के आधार पर देखें तो वर्ष 2020 में श्रीलंका मानव विकास सूचकांक में 72 वें स्थान पर था जबकि भारत का स्थान 131 था । विश्व बैंक के अनुसार 2020 श्रीलंका की साक्षरता दर लगभग 92 प्रतिशत थी जबकि भारत की 78 प्रतिशत थी । विश्व के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं मूलतः भारत से संबन्धित एक अर्थशास्त्री ने तो एक समय में भारत को इन्हीं आकड़ों के कारण श्रीलंका से पीछे बताया था | ऐसे बुद्धिजीवियों के ही तर्कों और तोड़े मोड़े बयानों के आधार पर श्रीलंका के सामने भारत को रखकर कुछेक बुद्धिजीवी लोग भारत में भी ऐसी स्थिति होने के आंशिक अनुमान कर रहे हैं । ये वहीं लोग हैं जिन्होने आकड़ों के खेल में विशारद की उपाधि हासिल की है लेकिन इन सबके बीच यह ध्यातव्य है कि भारत इस वर्ष अभी तक 3.5 अरब डॉलर की मदद श्रीलंका को कर चुका है । यह मदद भोजन , रसद सामग्री के अतिरिक्त की गयी मदद है | ऊर्जा संकट के बीच भारत की तेल कंपनियाँ श्रीलंका तो तेल भी उपलब्ध करवा रही हैं |
अगर बात करें श्रीलंका और भारत के तुलनात्मक आर्थिक परिदृश्य की तो हम पाते हैं कि श्रीलंका में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष ऋण का अनुपात 100 प्रतिशत से ऊपर है जबकि भारत में यह लगभग 50 प्रतिशत के आसपास है | किसी भी देश के लिए जीडीपी के सापेक्ष ऋण का 59 प्रतिशत से ज्यादा का अनुपात अनूकूल नहीं माना जाता | अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार श्रीलंका का सकल ऋण जीडीपी के प्रतिशत के आधार पर वर्ष 2016 में 79.02 प्रतिशत था जो की वर्ष 2021 में बढ़ाकर 111.42 प्रतिशत हो गया । श्रीलंका का आधे से अधिक ऋण विदेश आधारित है जबकि भारत का मात्र 3 प्रतिशत के आसपास का ऋण विदेश आधारित है । इन आंकड़ों के आलोक में उन बुद्धिजीवियों से प्रश्न किया जा सकता है जिनको भारत में भविष्य का श्रीलंका नजर आ रहा है । हां यह जरूर है कि भारत के कुछ राज्यों जैसे पंजाब और पश्चिम बंगाल में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष ऋण का अनुपात 50 प्रतिशत से ऊपर है | कुछ राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, छतीसगढ़, मध्यप्रदेश में वित्तीय घाटा 4 प्रतिशत की सीमा को लांघता हुआ नजर आ रहा है लेकिन मजबूत मौद्रिक नीतियों और दूरगामी नीतियों के संरक्षण में हमारा देश आगे बढ़ रहा है और इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए ।

नब्बे के दशक में भारत के राजकोषीय एवम खाद्यान्न संकट को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जिन शर्तों के तहत संभाला था उसकी ऊष्मा आज भी महसूस की जा सकती है । यही कारण है कि भारत ने खाद्यान्न सुरक्षा में आज आत्मनिर्भरता ही हासिल नहीं की है बल्कि विश्व के जरूरतमंद देशों को भी हम आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं । खाद्यान्न भंडार में हमने नवीन ऊंचाइयों को छुआ है । भारत ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने की तरफ लगातार प्रयास किए हैं ।

करेंसी स्वैप समझौते के द्वारा भारत ने पूर्व में ही अपने विदेशी कूटनीति के द्वारा विश्व के 23 देशों के साथ भविष्य में हो सकने वाली चुनौतियों को संबोधित किया है तो वहीं तेल के सामरिक रिजर्व (स्टेटेजिक रिजर्व ) बनाकर अकस्मात उत्पन्न होने वाली संवेदनशील स्थितियों में देश की ऊर्जा आवश्यकताओं का भी ख्याल रखा है । हालंकि अभी ऐसे सामरिक भंडारों को बढ़ाए जाने की आज आवश्यकता है । भारत में वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार वर्ष 2014 के 322 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर लगभग 580 बिलयन अमेरिकी डॉलर पहुँच चुका है जो कि निर्यात के क्षेत्र में किए जा रहे नवोन्मेषों का ही प्रतिफल है | दुखद यह है कि वैश्विक मंच में भारत की मजबूत होती साख के इन प्रतीकों के उलट अखबारों के संपादकीय लेखों और समाचार चैनलों में भारत की श्रीलंका जैसी स्थिति होने की संभावनाओं पर विचार मंथन किया जा रहा है |

यह विचार मंथन होना आवश्यक है लेकिन इसके विषय होने चाहिए कि भाई भतीजावाद, वंशवाद , परिवारवाद के क्या प्रभाव किसी देश की प्रगति में पड़ते हैं और भारत इन सबके बीच कहां खड़ा है । विचारमंथन होना चाहिए की भारत के साथ तमाम समझौतों को तोड़ने वाले देशों को जरूरत के समय क्यों भारत मदद करता आया है | विचारमंथन होना चाहिए कि अपने नीतिगत निर्णयों को कैसे आम जनमानस तक प्रचारित प्रसारित कर जनमानस से सामंजस्य बनाकर कार्य भारत में हों | विचारमंथन होना चाहिए वंशवाद और भ्रस्टाचार को रोकने में आम भारतीय नागरिक की भूमिका पर और ऐसा चिंतन मनन आज वक़्त की मांग है |
(लेखक जय प्रकाश पाण्डेय स्वतंत्र स्तंभाकार,पूर्व बैंक अधिकारी, एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव रहे हैं)

किराएदारों और मजदूरों को दस्तावेजों के सम्बन्ध में प्रस्तुत करना होगा शपथपत्र और अपने मूल थाने की सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र प्रमाण पत्र

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देहरादून, बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवास कर रहे लोगों को अब सत्यापन प्रारूप में महज सामान्य विवरण देने के साथ ही उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं इसके संबंध में एक शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा। इसके साथ ही सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा अपने साथ लायी गयी उनके मूल स्थान की सत्यापन रिपोर्ट/चरित्र प्रमाण पत्र की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। यह सभी दस्तावेज उन्हें मकान मालिक/प्रबन्धक/स्वामी के माध्यम से स्थानीय पुलिस थाने को प्रस्तुत करना होंगे।

उल्लेखनीय है कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड में आकर कार्यरत एवं निवासरत व्यक्तियों के भौतिक सत्यापन के सम्बन्ध में पूर्व में निर्गत एसओपी में संशोधन किया गया है। जिसके अनुसार उपरोक्त निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध उत्तराखण्ड पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 83 के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही सत्यापन के सम्बन्ध में कूटरचित दस्तावेज या गलत शपथपत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने बताया कि बाहरी राज्यों को भेजे गये कतिपय सत्यापन प्रपत्रों पर सम्बन्धित बाहरी जनपद/थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे व्यक्ति द्वारा पुलिस को प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो पाती है। इस संशोधन से सत्यापन प्रक्रिया सख्त बनेगी और संदिग्ध लोगों पर नजर रखकर कार्यवाही की जा सकेगी।

सीबीएसई का 12वीं का रिजल्ट जारी, देहरादून रीजन का 85.39 प्रतिशत रहा रिजल्‍ट

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देहरादून, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 12वीं का परिणाम जारी कर दिया। देहरादून रीजन का 12वीं परीक्षा का परिणाम 85.39 प्रतिशत रहा। देहरादून रीजन में उत्तराखंड के 13 और उत्तर प्रदेश के आठ जिले शामिल हैं। डीबीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्‍कूल ऋषिकेश देहरादून के अभिवन उनियाल, आरएएन पब्लिक स्‍कूल ऊधमसिंह नगर के हरमन कौर बब्‍बर और राधाकृष्‍ण पब्लिक स्‍कूल अमरोहा उत्‍तर प्रदेश की पूनम यादव 498 अंक लेकर संयुक्‍त रूप से रीजन में पहले स्‍थान पर रहे।

देहरादून रीजन की मेरिट लिस्‍ट में उत्‍तराखंड के पांच और उत्‍तर प्रदेश के आठ छात्र और छात्राएं शामिल हैं।
उत्‍तराखंड के 12वीं के जिलेवार टापर की लिस्ट :

अल्मोड़ा
रैंक-नाम-अंक-स्कूल
1-तारा रेखरी-493-आर्मी स्कूल रानीखेत
2-आयशा रावत-490-आर्मी स्कूल रानीखेत
3-पारस घुगत्याल-488-आर्मी स्कूल रानीखेत
बागेश्वर
1-सुनैनी पिखवाल-470-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
2-वर्षा टम्टा-461-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
3-भूपेंद्र सिंह नागरकोटी-460-आनंदी एकेडमी घिरोली
3-आस्तिक उपाध्याय-460-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
3-सार्थक श्रीवास्तव-460-कंट्रीवाइड पब्लिक स्कूल पिंडारी
चमोली
1-विनय जोशी-485-एसजीआरआर कर्णप्रयाग
2-प्रियांशी नैथानी-485-एसजीआरआर गोपेश्वर
3-श्रेया रावत-480-एसजीआरआर गोपेश्वर
चंपावत
1-रिया जुकारिया-482-होली विजडम स्कूल
2-आयुष गोस्वामी-481-उदयन इंटरनेशनल स्कूल
3-उत्कर्ष अग्रवाल-479-सेंट फ्रांसिस स्कूल टनकपुर
देहरादून
1-अभिनव उनियाल-498-डीबीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश
2-भव्या गुजराल-495-दिल्ली पब्लिक स्कूल कालागांव देहरादून
3- हिमानी शर्मा-494-गौतम इंटरनेशनल स्कूल इंदिरानगर देहरादून |
हरिद्वार
1-मानसी सेठी-497-सेंट एन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल रुड़की
2-शिवेंदु चौधरी-494-बीएमएल एमजी मिडोज बहादराबाद
2-निहारिका तालुजा-494-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
2-हर्षवर्धन गुप्ता-494-ग्रीनवे मार्डन स्कूल रुड़की
3-ताशी बंसल-493-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
3-आयुष गैरोला-493-दिल्ली पब्लिक स्कूल रानीपुर
3-दरबारा सिंह-493-आचार्यकुलम पतंजलि
नैनीताल
1-चहक सक्सेना-493-बिरला विद्या मंदिर
2-कृषिका गोयल-492-सिन्थिया स्कूल हल्द्वानी
3-प्रजापति जोशी-491-इंस्पिरेशन पब्लिक स्कूल काठगोदाम
3-श्रेया बोरा-491-एवी बिरला इंस्टीट्यूट आफ लर्निंग हल्द्वानी
3-भूमिका आर्य-491-बीएलएम एकेडमी हल्द्वानी
3-कार्तिक पांडे-491-सरस्वती एकेडमी कालाढूंगी
3-नेहा बुधानी-491-एसेंट पब्लिक स्कूल लामचौड़
पौड़ी गढ़वाल
1-रिशिता असवाल-489-टीसीजी पब्लिक स्कूल कोटद्वार
2-अनुष्का नेगी-485-रेनबो पब्लिक स्कूल श्रीनगर
3-तान्या धस्माना-484-डीएवी पब्लिक स्कूल कोटद्वार
3-अवंतिका सेमवाल-484-एसडीआरआर कोटद्वार
पिथौरागढ़
1-सौरभ सिंह-497- न्यू बीरशीबा पब्लिक स्कूल
2-मनोज कुमार भट्टï-490-जेबी मेमेरियल मानस एकेडमी
3-दीपक चंद्र कापड़ी-487-डान बास्को स्कूल
रुद्रप्रयाग
1-हिमानी-482-जवाहर नवोदय विद्यालय जखदार
2-प्रियंका नेगी-480-अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक स्कूल
3-प्रफुल्ल नेगी-478-जवाहर नवोदय विद्यालय जखदार
टिहरी गढ़वाल
1-आदर्श बधानी-489-केंद्रीय विद्यालय टिहरी
2-सौरभ चमोली-483-सेंट एंथनी पब्लिक स्कूल नई टिहरी
3-अनन्य सिंह-482-केंद्रीय विद्यालय टिहरी
ऊधमसिंह नगर
1-हरमन कौर बब्बर-498-आरएएन पब्लिक स्कूल रुद्रपुप
2-महिमा अग्रवाल-494-एसके पब्लिक स्कूल खटीमा
2-कृतिका सिंह-494-भारतीयम इंटरनेशनल स्कूल रामेश्वरपुर
3-शिवांग सक्सेना-493-भारतीयम इंटरनेशनल स्कूल रामेश्वरपुर
3-अभिषेक गुप्ता-493-रेनबो पब्लिक स्कूल रुद्रपुर
उत्तरकाशी
1- मेघा रावत-476-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा
2- प्राची भंडारी-475-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा
3- रामसागर भट्ट-474-ऋषिराम शिक्षण संस्थान जोशियारा

बम बम भोले के जयकारों के बीच कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा, कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों का उमड़ रहा सैलाब

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हरिद्वार, कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार पहुंचने वाले कांवड़ियों पर शुक्रवार को हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। नारसन बॉर्डर से लेकर हरकी पैड़ी तक जिलाधिकारी और एसएसपी ने कांवड़ियों पर फूल बरसाए। फूलों की बारिश होते ही हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारों से धर्मनगरी गूंज उठी। कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कांवड़ियों के चरण धोकर उनका स्वागत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार को कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की गई। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने हेलीकॉप्टर से नारसन बॉर्डर से पुष्पवर्षा की शुरुआत की।

नारसन बॉर्डर से कांवड़ पटरी पर कांवड़ियों के ऊपर पुष्प वर्षा करते हुए हेलीकॉप्टर बैरागी कैंप, शंकराचार्य चौक से अपर रोड होकर हरकी पैड़ी के ऊपर पहुंचा। आसमान से पुष्प वर्षा का दृश्य बेहद ही रोमांचकारी रहा। कांवड़िए पुष्प वर्षा होते देख भाव विभोर हो गए।

जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर कांवड़ियों का देवभूमि में भव्य स्वागत हो रहा है। कांवड़ियों के सत्कार और सेवा में किसी तरह की कमी नहीं हो रही है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, एसडीएम पूरन सिंह राणा, रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी आदि मौजूद रहे।