Wednesday, April 30, 2025
Home Blog Page 882

हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा आजादी का अमृत-महोत्सव

0

देहरादून, महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड एवं राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड वंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में आजादी के अमृत महोत्सव स्थानान्तरण नीति एवं बीआरसीसीआरसी की नियुक्ति के सम्बन्ध में बुधवार को बैठक आयोजित की गयी। बैठक में आर.के. कुँवर, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, एसपी खाली, अपर निदेशक बेसिक शिक्षा, बीएस नेगी, संयुक्त निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, उत्तराखण्ड राकेश जुगरान, प्राचार्य, डायट, हेमलता भट्ट, उप निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, सुदर्शन सिंह बिष्ट, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, बीपी मैन्दोली, स्टाफ ऑफिसर समग्र शिक्षा ने प्रतिभाग किया।हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा आजादी का अमृत-महोत्सव - Pighalta Pahad

बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आजादी के अमृत महोत्सव को राज्य स्तर पर
हर्षोल्लास के साथ मानाये जाने के लिए इस तरह से कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इनमें माध्यमिक स्तर पर भाषण प्रतियोगिता- कक्षा 9 से 12 के छात्र-छात्राओं हेतु आजादी के अमृतोत्सव पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित होंगे। भाषण प्रतियोगिता विद्यालय स्तर ब्लाक स्तर एवं जनपद स्तर पर आयोजित करने के उपरान्त प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे। इस प्रकार 13 जनपदों से 13 प्रतिभागी राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेगें। राज्य स्तर पर ये प्रतियोगिता राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा के सभागार में दिनांक 12 अगस्त को प्रातः 11:00 बजे से आयोजित करायी जायेगी। प्रतिभागियों एवं उनके साथ एस्कार्ट अध्यापक का मार्ग व्यय एवं प्रतियोगिता के दौरान चाय, जलपान एवं पुरस्कार की व्यवस्था समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा की जायेगी एवं प्रतिभागियों एवं उनके एस्कार्ट अध्यापक के देहरादून में रहने व भोजन की व्यवस्था सीमेट द्वारा वहन की जायेगी। इस सम्बन्ध में निदेशक
माध्यमिक शिक्षा द्वारा अलग से विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये जायेगें। वहीं प्रारम्भिक स्तर पर विद्यालयों एवं ब्लाक स्तर पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी तथा इस सम्बन्ध में निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये जायेगें 3 14 अगस्त को प्रभातफेरी का आयोजन किया जायेगा जिसमें लगभग 500 बच्चे,कार्मिक एवं अधिकारी प्रतिभाग करेंगे। इसके लिए प्रतिभागी प्रातः 7:00 बजे राजकीय बालिका इण्टर कालेज, राजपुर रोड से होकर सचिवालय के पिछले गेट से होते हुए वापस राजकीय बालिका इण्टर कालेज, राजपुर रोड देहरादून में पहुँचेंगे, जिसमें एन०सी०सी०. स्काउट गाइड मैं एवं एन०एस०एस० के बच्चे अपनी-अपनी ड्रेस एवं तिरंगे झण्डे के साथ प्रतिभाग करेंगे। इस हेतु मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून द्वारा समुचित व्यवस्था करते हुए दिशा निर्देश निर्गत किये जायेंगे। प्रभातफेरी में प्रतिभाग करने वाले बच्चों को मिष्ठान एवं तिरंगे झण्डों की व्यवस्था (जिसमें 02 झण्डे बडे व प्रत्येक बच्चे के हाथ में एक तिरंगा झण्डा अवश्य हो) जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, देहरादून द्वारा की जायेगी। ध्यान रहे कि प्लास्टिक का प्रयोग कदापि न किया जाये।
प्रभातफेरी में महानिदेशालय, विद्यालयी शिक्षा प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, एससीईआरटी, सीमैट, समग्र शिक्षा, डायट देहरादून, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। इस हेतु विस्तृत दिशा निर्देश महानिदेशालय, विद्यालयी शिक्षा द्वारा निर्गत किये जायेंगे। अन्त में सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बैठक का समापन किया गया।

प्रो0 दुर्गेश पंत बने यूकॉस्ट के महानिदेशक

0

देहरादून, प्रो0 दुर्गेश पंत, निदेशक, कम्प्यूटर साइंस एवं आई0टी0, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी, नैनीताल को शासन द्वारा महानिदेशक, उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) के पद पर नियुक्त किया है। प्रो0 पंत पूर्व में उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र एवं उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र में निदेशक के पद पर रह चुके हैं। उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में कार्य करने का अच्छा अनुभव है। प्रो0 पंत को कुमायूं विश्वविद्यालय, नैनीताल में कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की स्थापना का श्रेय दिया जाता है। प्रो0 पंत के पास 30 वर्षो का अनुभव है एवं इनके निदेशन में यूकॉस्ट की बहुप्रतिक्षित साइंस सिटी परियोजना को प्रारम्भ कर टाइम पर पूर्ण कराने में अहम भूमिका रहेगी।

परिषद् में महानिदेशक का चार्ज ग्रहण करने पर परिषद् कार्मिकों द्वारा बधाईयां दी गयी।

बैंक ने ग्राहकों को ATM से पैसा निकालते समय धोखाधड़ी से बचने का बताया तरीका

0

नई दिल्‍ली. इंटरनेट बैंकिंग की वजह से आजकल ऑनलाइन ट्रांजेक्‍शन ज्‍यादा होने लगे हैं. लेकिन, अब भी नकद लेनदेन काफी होता है. बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए आज भी एटीएम (ATM) सबसे पसंदीदा साधन है.

एटीएम के ज्‍यादा इस्तेमाल होने की वजह से इससे संबंधित फ्रॉड भी काफी होते हैं. एटीएम बदलकर ठग लोगों को चूना लगा देते हैं या फिर एटीएम स्किमिंग से अपराधी लोगों का खाता खाली कर देते हैं.

बैंक समय-समय पर एटीएम उपयोग को लेकर हिदायतें जारी करते रहते हैं. भारतीय स्‍टेट बैंक (SBI) ने भी अब ट्वीट करके एटीएम से पैसा निकालते वक्‍त ओटीपी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. बैंक ने 2020 से ही यह सेवा शुरू कर रखी है, लेकिन, ज्‍यादातर ग्राहक ओटीपी आधारित एटीएम ट्रांजेक्‍शन नहीं करते हैं.

ओटीपी इस्तेमाल करने की सलाह

एसबीआई ने अपने आधि‍कारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर ग्राहकों से एटीएम से पैसे निकालते वक्‍त ओटीपी का प्रयोग करने की सलाह दी है. बैंक ने ट्वीट में लिखा है, “एसबीआई एटीएम पर ओटीपी आधारित ट्रांजेक्‍शन धोखेबाजों के खिलाफ एक अचूक हथियार है. आपको फ्रॉड से बचाना हमारी सर्वोच्‍च प्राथमिकता है.” OTP की सर्विस SBI बैंक 1 जनवरी 2020 से शुरू कर चुका है. बैंक ये जानकारी बार-बार शेयर करता है, ताकि वह अपने ग्राहकों को साइबर क्राइम से बचा सके.

ऐसे करें प्रयोग

SBI एटीएम से कैश निकालने के लिए सबसे पहले कार्ड एटीएम मशीन में डालें.
OTP ऑप्शन पर क्लिक करें.
अपने रजिस्टर्ड मोबाइलन नंबर पर ओटीपी आएगा, अब इसे डालें.
इसके बाद ATM Pin डालें.
कैश एटीएम मशीन से निकल जाएगा.
Bank of Baroda: 1 अगस्त से बदल जाएगा ये नियम

चेक के क्लीयरेंस को लेकर आरबीआई की गाइडलाइंस का पालन करते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने चेक भुगतान के नियम में कुछ बदलाव किया है. बैंक ने अपने ग्राहकों को कहा है कि 1 अगस्त से 5 लाख या उससे अधिक अमाउंट वाले चेक के भुगतान के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य होगा. इसके अभाव में चेक पेमेंट नहीं किया जाएगा.

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए वर्ष 2020 में चेक के लिए ‘Positive Pay System’ शुरू करने का फैसला किया था. इस सिस्टम के तहत चेक के माध्यम से 50 हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान के लिए कुछ प्रमख जानकारी की आवश्यकता हो सकती है.

नई घोषणा सुनकर खुशी से उछल पड़े करोड़ों राशन कार्डधारक; बोले-सरकार ने द‍िल जीत ल‍िया

0

उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के 100 द‍िन पूरे होने पर 15 करोड़ राशन कार्ड धारकों को बड़ा तोहफा द‍िया है. योगी सरकार 2.0 का गठन मार्च 2022 में हुआ था.

जुलाई के पहले हफ्ते में सरकार के 100 द‍िन का कार्यकाल पूरा होने पर मुफ्त राशन योजना (Free Ration Yojana) को तीन महीने के ल‍िए बढ़ा द‍िया गया है. सरकार की तरफ से की गई इस घोषणा के बाद यूपी के लोगों में खुशी की लहर है.

100 द‍िन पूरे होने पर द‍िया तोहफा
यूपी में योगी सरकार का दूसरी बार गठन होने पर सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने मुफ्त राशन योजना को 26 मार्च को तीन महीने के लिए बढ़ाया था. अब जब सरकार के 100 द‍िन पूरे हो गए तो योजना को एक बार फ‍िर से तीन महीने के लिए बढ़ाने का ऐलान क‍िया गया. हालांक‍ि सरकार ने 100 द‍िन पूरे होने से पहले ही यह घोषणा कर दी थी.

कार्ड धारकों के ल‍िए 35 किलो राशन का प्रावधान
आपको बता दें यूपी वालों के ल‍िए योगी सरकार ने अंत्योदय योजना (Antyodaya Yojana) के तहत 30 जून तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की थी. योजना के तहत कार्ड धारकों को 35 किलो राशन दिया जाता है. राशन में गेहूं, चावल, चीनी, दाल और नमक आद‍ि सबकुछ रहता है. राज्‍य सरकार की इस योजना के अलावा उत्‍तर प्रदेश में पीएम गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के अंतर्गत भी मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है.

30 स‍ितंबर तक जारी रखने का न‍िर्णय
योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के 100 द‍िन 4 जुलाई को पूरे कर ल‍िए हैं. ऐसे में मुफ्त राशन की योजना को 30 स‍ितंबर तक जारी रखने का न‍िर्णय ल‍िया गया है. सूत्रों का यह भी कहना है क‍ि सरकार मुफ्त राशन योजना को लंबे समय तक जारी रखने पर व‍िचार कर रही है.

सरकार रसोई गैस पर जल्द शुरू कर सकती है सब्सिडी, जानें क्या है प्लान?

0

LPG Subsidy: एलपीजी (LPG) ग्राहकों को सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा मिल सकता है। सरकार एलपीजी पर सब्सिडी को वापस शुरू कर सकती है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 में लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस यानी एलपीजी (LPG) पर बजटीय सब्सिडी (LPG Cylinder Subsidy) लगभग समाप्त होने के बाद अब वित्त वर्ष 2023 में केंद्र सरकार इसे वापस शुरू कर सकती है।

अगर ऐसा होता है तो इससे लगभग 9 करोड़ लोगों को महंगे एलपीजी से थोड़ी राहत मिल सकती है।

जून 2020 से नहीं आ रहा है सब्सिडी का पैसा
बता दें कि घरेलू गैस सिलेंडर की सब्सिडी दो साल पहले ही बंद की जा चुकी है। साल 2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान सरकार ने जून से ही गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर रखा है। जून 2020 से रसोई गैस सब्सिडी के रूप में बैंक खातों में कोई सब्सिडी ट्रांसफर नहीं की गई है। हालांकि, उज्जवला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत जिन लोगों को गैस सिलेंडर दिए गए थे, सिर्फ उन्हें 200 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। आपको बता दें कि लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, सरकार ने एलपीजी सब्सिडी बंद कर साल 2021-22 में 11,654 करोड़ की बचत की है। सरकार ने इस अवधि में एलपीजी सब्सिडी के रूप में उज्ज्वला स्कीम के तहत मात्र 242 करोड़ की सब्सिडी दी है।

क्या है प्लान?
माना जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने ग्लोबल लेवल पर कच्चे तेल और एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए H2FY22 और चालू वित्त वर्ष में ओएमसी की एलपीजी अंडर-रिकवरी को कवर करने के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता को आइेंटिफाइ किया है। नोमुरा ने अकेले Q1FY23 में एलपीजी पर OMCs की अंडर-रिकवरी 9,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। इसके मुताबिक, पिछले साल H2 में, अंडर-रिकवरी 6,500-7,500 करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 2023 के बजट में केंद्र ने एलपीजी सब्सिडी के लिए 5,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। इसमें घरेलू उपयोग के लिए 4,000 करोड़ रुपये का डायरेक्ट लाभ ट्रांसफर और उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों के लिए अन्य 800 करोड़ रुपये शामिल हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि वित्त वर्ष 23 के लिए बजट आवंटन अपर्याप्त है। अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता होगी। लेकिन यह 40,000 करोड़ रुपये (पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा अनुमानित) जितना अधिक नहीं हो सकता है।

सब्सिडी किसे मिलती है?
बता दें कि एलपीजी पर सब्सिडी आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों को दी जाती है। जिन लोगों की सालाना आय 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा है उन्हें सब्सिडी नहीं दी जाती। इस सालाना 10 लाख रुपये की वार्षिक आय की गणना पति और दोनों की आय को मिलाकर की जाती है। भारत के सभी राज्यों में एलपीजी सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी अलग-अलग है।

कितनी है एलपीजी की कीमत
घरेलू एलपीजी की मौजूदा कीमत 1,053 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर है। अप्रैल 2022 से कीमत 11% और जून 2020 से 78% बढ़ी है।

अनाथ, बेसहारा, अपवंचित गरीब छात्र छात्राओं के बीच पहुँचे कैबिनेट मंत्री सुबोध, बच्चों को केक खिलाकर मनाया अपना जन्मदिवस

0

देहरादून, अनाथ, बेसहारा, अपवंचित गरीब छात्र छात्रायें उस समय फूले नहीं समाई जब उन्होंने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के हाथों केक का आनन्द उठाया, वाकया था स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन द्वारा आयोजित शौर्य दिवस एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के जन्मदिवस के आयोजन का |May be an image of 5 people, child, people sitting and people standing एक सादे समारोह में बड़े साधारण तरीके से बच्चों के बीच पहुंचे मंत्री सुबोध उनियाल ने उन्हें संस्कारवान होने के कड़ी मेहनत का भी मंत्र दिया | पूर्व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजपुर रोड़ में माननीय मंत्री जी ने बच्चों को कारगिल युद्ध के वीर जवानों के साहस के बारे में बताते हुए देश सेवा को अपना प्रथम कर्तव्य बताया। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि सचिन गुप्ता जी ने मंत्री जी को शुभकामनाए देते हुए दीर्घायु होने की कामना की, अतिविशिष्ठ अतिथि प्रदीप रावत एवं समाज सेवी सुन्दर रूदोला ने देश सेवा के प्रेरणा स्त्रोत हमारे वीर जवानों का स्मरण कराया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य हुक्मसिंह उनियाल ने बताया कि विषम परिस्थिति वर्ष 2008 में समाप्त की ओर जाते इस विद्यालय को उन्होंने साढ़े चार लाख की मदद अपने परिवार से सहयोग स्वरूप लेकर शुरू किया, इसके साथ ही समाजिक लोगों से भी मदद लेकर इस विद्यालय को चलाया जा रहा है | May be an image of 6 people, people sitting and people standingअपने जन्मदिन मके अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल स्कूल को एक जनरेटर सैट देने की घोषणा भी की | कार्यक्रम का संचालन संस्था के अध्यक्ष आयुष खोलिया ने किया, उन्होंने बच्चों को देश के प्रति जागरुक किया और मंत्री जी को शुभकामनाए देते हुए स्वस्थ जीवन की कामना की। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी प्रमोद थापा जी, सचिन वशिष्ठ जी, मनीष नेगी, संदीप पठानी, सुमन उनियाल जी रश्मि जुयाल अन्य सदस्य मौजूद रहे।

 

कैबिनट मंत्री रेखा आर्या ने लिया शिव के माह में शक्ति का संकल्प, पूरे रास्ते गूंजते रहे बोल बम के जयकारे

0

मुझे भी जन्म लेने दो मुहिम के तहत कावड़ यात्रा कर दिया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश

हरिद्वार, भगवा वेश-भूषा, गले में रुद्राक्ष की माला, कांधे पर कांवड़ लिए जब कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या सड़क पर निकली तो हर कोई उनको देखता रह गया। इस दौरान हर ओर बोल बम के जयकारे गूंज उठे। मौका था
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के संदेश एवं लैंगिक असमानता को खत्म करने के संकल्प का। इस संकल्प के साथ मंगलवार को उत्तराखंड की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कांवड़ यात्रा निकाली। हरिद्वार में हर की पैड़ी से 25 किलोमीटर की पैदल कावंड यात्रा ऋषिकेश में संपन्न हुई। इस दौरान कैबिनेट मंत्री में इतनी ऊर्जा नजर आयी कि तय समय से बेहद पहले ही उन्होंने दूरी पूरी कर ली।

कैबिनेट मंत्री ने मंगलवार को
कांवड़ यात्रा के लिए सुबह हरकी पैड़ी पहुंचकर जल भरा और राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद हरिगरी महाराज व संत महात्माओं के आशीर्वाद के साथ अपनी यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर हरिगिरि महाराज व गंगा सभा के अध्यक्ष ने वैदिक मंत्रोच्चार व पूजा हवन के साथ पैदल कांवड़ यात्रा को शुरू करवाया। इस दौरान मंत्री अलग-अलग पड़ाव पर रुकी। जहां उनका स्वागत पहाड़ी वाद्य यंत्रों से किया गया। इस दौरान मंत्री की ऊर्जा की हर कोई तारीफ कर रहा था।
इसके बाद पैदल चलते हुए मंत्री ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंची।जहां विशेष पूजा-अर्चना हुई। यात्रा में उनके साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, सुपरवाइजरों समेत कई महिलाएं शामिल रही। इस दौरान महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के सचिव एचसी सेमवाल, श्री गंगासभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक देशराजराज कर्णवाल, श्री महंत रवींद्र पुरी, महंत हरिगिरी आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर
मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि लैंगिक असमानता को खत्म करने को लेकर सरकार ने संकल्प लिया है। सावन के इस पवित्र महीने में एक संदेश उन माता-पिता और समाज को दिया जाए जो लड़कियों को लेकर सही सोच नहीं रखते हैं। इसलिए हमनें अपने संकल्प का नाम मुझे भी जन्म लेने दो, शिव के माह में शक्ति का संकल्प दिया है।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी बहनों और विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वह इस संकल्प को पूरा करने में अपना सहयोग करें। इस संकल्प यात्रा में बड़ी संख्या में बहनें पहुंची हैं। सभी को यह कहा गया है कि आंगनबाड़ी बहनें व विभागीय अधिकारी, कर्मचारी अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में स्वेच्छा से जलाभिषेक करें और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के इस संकल्प को पूरा करें। बेटियों को गर्भ में ही मार देना या फिर भ्रूण का परीक्षण कराना एक दंडनीय अपराध है, लेकिन फिर भी अमूमन यह देखने में आया है कि इस तरह के कृत्य अभी भी चोरी छिपे कुछ पैथोलॉजी, नर्सिंग होम व अस्पताल करते हैं। जो भी व्यक्ति इस तरह के कृत्य करने वालों की सूचना विभाग को टोल फ्री नंबर 181 पर देगा उनके नाम को गोपनीय रखते हुए उसे ईनाम दिया जाएगा। वहीं गलत काम करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में हम रजत जयंती मना रहे हैं, तब तक हमें इस लैंगिक असमानता को खत्म करना है। उम्मीद है वर्ष 2025 में 1000 बालकों पर 1000 बालिकाओं का आंकड़ा होगा।

ये रहे पड़ाव :

मंत्री रेखा आर्या की कांवड़ यात्रा में कुल पांच पड़ाव रहे। सबसे पहले कांवड़ यात्रा कीर्ति हेरिटेज, दूसरा पड़ाव रायवाला एचपी पेट्रोल पंप, तीसरा पड़ाव श्यामपुर इंडियन पेट्रोल पंप, चौथा पड़ाव आईडीपीएल मोड़ व आखिरी पड़ाव वीरभद्र महादेव मंदिर रहा।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या की इस कांवड़ यात्रा में हर पड़ावों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत व अभिनंदन किया गया। वहीं कुछ पड़ावों पर आंगनबाड़ी महिलाओं ने शिव के भजनों से माहौल को भक्तिमय बनाया।

वीरभद्र महादेव मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक के उपरांत कैबिनेट मंत्री ने हरिद्वार हर की पैड़ी से पैदल कांवड़ यात्रा कर रही आंगनबाड़ी बहन के पैर धोकर व रुद्राक्ष की माला पहनाकर स्वागत व अभिनंदन किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने वीरभद्र महादेव मंदिर प्रांगण में रुद्राक्ष का पेड लगाया और कहा कि धरती को हरा भरा रखने के लिए अपने आस पास पौधे अवश्य लगाने चाहिए।

 

कावड़िए लौटे शिवालय, गौलापार लोकेश्वर महादेव में किया जलाभिषेकMay be an image of 9 people and people standing

(चंदन सिंह बिष्ट)

हल्द्वानी (गौलापार), उत्तराखंड में कावड़ यात्रा जोरों पर है मंगलवार को 20 लोगों का दल हरिद्वार से गंगाजल भर कर लोकेश्वर महादेव गौलापार लौटा सभी कावड़ यात्रीयों ने लोकेश्वर महादेव में जलाभिषेक किया। आपको बता दें कि हल्द्वानी में शाम के समय इन कावड़ियों की भीड़ छटते ही नैनीताल पुलिस ने राहत की सांस ली। उधर, कांवड़ियों के शिवालय लौटने से मंदिरों पर रौनक छाने लगी है। वहीं मंदिरों पर अन्य शिवालयों में भी जलाभिषेक को पूरी तैयारी कर ली गई है।
सुबह से दोपहर तक एक के पीछे एक वाहन में सवार कांवड़िये बम-बम भोले, हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए शिवालयों की ओर लौट रहे थे। कावड़ यात्रा में राजीव शर्मा, त्रिलोक सिंह नौला, मनोज सिंह नौला, बलवंत सिंह नौला, महेश देवलिया, विक्रम, सूरज पांडे, पान सिंह नौला ,खीमानंद ,घनश्याम शर्मा ,अमित कुमार ,धीरज पलडिया ,हरेंद्र सिंह कन्याल मनोज सिंह नयाल ,दीपेश जोशी ,दीपक भट्ट ,ललित भट्ट ,सुरेंद्र सिंह ,कुबेर सिंह, बालम सिंह नौला आदि लोग मौजूद थे ।

 

गंगा नदी जुड़ी हुई सहायक नदी चंद्रभागा नदी का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य शुरू, पर्यावरणविद् श्यामलाल भाई ने की सार्थक पहलMay be an image of 11 people, people standing, tree and outdoors

ॠषिकेश, घरती को हराभरा करने तथा स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के अन्तर्गत
लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान एवं अर्थ डे नेटवर्क इंडिया ने रोटरी ऋषिकेश रॉयल के सहयोग से गंगा नदी जुड़ी हुई सहायक नदी चंद्रभागा नदी का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य शुरू हो गया, इस सार्थक कार्य के लिए चंद्रभागा नदी के तट पर 5 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण का कार्य किया जाना है।
चंद्रभागा नदी में आयोजित इस वृक्षारोपण कार्यक्रम का उद्घाटन अपर गढ़वाल आयुक्त नरेंद्र सिंह कुरियाल एवं भूवैज्ञानिक एस एस पंवार तथा क्षेत्रीय अधिकारी श्री ललित मोहन नेगी एवं वन बीट अधिकारी दीपक व रोटरी ऋषिकेश रॉयल के अध्यक्ष संकेत गोयल एवं रोटरी ऋषिकेश रॉयल के सभी गणमान्य सदस्यगणों की उपस्थिति में किया गया ।
रोटरी ऋषिकेश रॉयल के मुख्य सदस्य हितेंद्र सिंह पंवार ने इस जनहित कार्य के लिये अपने स्वर्गीय पिता श्री शूरवीर सिंह पंवार की स्मृति में चंद्रभागा नदी में सुंदर वन स्थापना हेतु वित्तीय सहयोग प्रदान किया।
स्वच्छ गंगा नदी बचाओ अभियान के प्रमुख एवं प्रसिद्ध पर्यावरणविद श्याम लाल भाई ने बताया कि लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान ने गंगा नदी से जुड़ी हुई सहायक नदियों को संरक्षण करने के यह कार्य योजना तैयार की है । जिसके तहत चंद्रभागा नदी के नदी के किनारे जहां जहां पर खाली तट है पर मिश्रित पौधों का रोपण किया जाएगा | जिससे मृदा संरक्षण एवं जल संवर्धन में वृद्धि होगी और चंद्रभागा नदी का पुर्नजीवन हो इसके लिए लोक पर्यावरण शिक्षा संस्थान एवं अर्थ डे नेटवर्क इंडिया ने चंद्रभागा नदी के किनारे बांस, शीशम, अमरूद, आम के पौधों का रोपण किया गया है, इसके साथ ही 5 हेक्टेयर पर वृक्षारोपण करने की कार्य योजना तैयार की गई है | जिसके लिये सर्वप्रथम ऋषिकेश शहर की रोटरी ऋषिकेश रॉयल ने सर्वप्रथम चंद्रभागा नदी संरक्षण के लिए अपना सहयोग प्रदान किया ।
वर्ष 2022-2023 वर्ष की कार्य योजना में 5 हेक्टेयर चंद्रभागा नदी के किनारे बंजर भूमि पर वृक्षारोपण कर शूरवीर वन तैयार कर 3 साल बाद वन विभाग को सौंपा दिया जाएगा ।
पर्यावरणविद श्याम लाल भाई ने बताया कि चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवित के लिए कार्य योजना हमने तैयार की है । शहर के बुद्धिजीवियों से निवेदन है कि स्मृति वन में पौधे रोपण करने की कृपा करेंगे इसके लिए हम और आप लोगों को आगे आने की अति आवश्यकता है।

सीएम धामी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, वीरांगनाओं को किया सम्मानित

0

कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवार जनों को भी सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल लङाई में माँ भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम की नई परिभाषा लिखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल में भारत के रणबांकुरों का दुश्मन के खिलाफ किया गया सिंहनाद… 1999 से लेकर आज तक उसी वेग से गूंज रहा है भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता ने दुश्मन को एक बार फिर ये बतला दिया था कि उसके रहते हुए, तिरंगे की आन-बान और शान में रत्ती भर की भी कमी नहीं आ सकती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान… ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो स्वयं एक सैनिक परिवार से आता हूं और सेना के साथ मेरा रिश्ता आत्मीयता का रिश्ता है। अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने मुझे बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और मेरे अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया। मैंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों से सेना ना केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है तो वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है।प्रधानमंत्री जी निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है।

भारत सरकार हर स्तर पर सेना को सदृढ़ करने का कार्य का रही है और इसी कड़ी में अग्निपथ जैसी बहुमुखी योजना को भी लागू किया गया है। इस योजना को युवाओं ने अपना अभूतपूर्व समर्थन दिया है और सेना को रिकॉर्ड संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये उत्साह दिखाता है कि हमारी युवा पीढ़ी ना केवल राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित है बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी पूरी तरह से सजग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इस अमृतकाल में हमारे सामने नए लक्ष्य, नए संकल्प और कई चुनौतियां हैं। इस समय हमें अपने लक्ष्यों को तय कर इनकी सिद्धि का संकल्प लेना है और इस सिद्धि के मार्ग में आने वाली चुनौतियों को दूर करना है।

हमारा देश जिस विकास यात्रा पर आगे बढ़ रहा है इस यात्रा में उत्तराखंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। विकास की यात्रा हम सभी की सामूहिक यात्रा है। सभी को मिलकर विकास का संकल्प लेना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है।
परमवीर चक्र विजेता को 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 लाख से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 लाख से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गेलेन्ट्री मेडल 07 लाख से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई है।

देहरादून के गुनियालगाँव में 04 हेक्टेयर भूमि पर प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें। निर्माण कार्य दिसम्बर 2023 में पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

विभिन्न युद्धों, सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं / आश्रितों को एकमुश्त 10,000,00 /- (रूपये दस लाख) का अनुग्रह अनुदान अनुमन्य किया गया है।

उत्तराखण्ड सरकार द्वारा युद्ध विधवा / युद्ध अपंग सैनिकों को ₹ (रूपये दो लाख) की आवासीय सहायता प्रदान की जाती है ।

उत्तराखण्ड इस प्रकार की सुविधा प्रदान करने वाले चुनिन्दा राज्यों में एक है जहाँ सेवारत / पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य के स्थावर सम्पत्ति के खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है ।

उत्तराखण्ड इस प्रकार की नियुक्ति करने वाला एकमात्र राज्य है जहाँ भूतपूर्व सैनिकों में से ब्लाक प्रतिनिधियों की नियुक्ति कर उन्हें मानदेय दिया जा रहा है। इनका मानदेय रू0 8000/- प्रतिमाह किया गया है। इनका मुख्य कार्य अपने क्षेत्र के सेवानिवृत सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं को सुलझाना है और उनको सभी मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी देना भी है।

उत्तराखण्ड के दूर-दराज के जिलों में निवास कर रहे पूर्व सैनिकों, विधवाओं के आश्रितों को सेना / अर्द्ध सैनिक बल एवं पुलिस भर्ती हेतु प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं। प्रदेश में इस प्रकार के दो प्रशिक्षण केन्द्र देहरादून तथा टनकपुर (चम्पावत) में खोले गये हैं उत्तराखण्ड देश में इस प्रकार की सुविधा प्रदान करने वाला पहला प्रदेश है।

उत्तराखण्ड सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। सैनिक विधवाओं के पुनर्विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान दिया जाता है। पूर्व सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों को कक्षा 1 से स्नातकोत्तर / व्यावसायिक शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

राज्य सरकार द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध की युद्ध विधवाओं एवं आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली पेंशन की धनराशि को 8000 रू. प्रतिमाह से बढ़ाकर 10,000 प्रतिमाह किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस और उनके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने वाले राज्य के अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है।

सरकार द्वारा आगे आने वाले समय में भी सेवारत सैनिकों / पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए निरन्तर प्रयास जारी रहेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपने सम्बोधन में कारगिल शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है।

कार्यक्रम में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी,
ब्रिगेडियर दिनेश बडोला , मेजर जनरल संजय शर्मा , मेजर जनरल अमरदीप भारद्वाज, मेजर जनरल जी एस रावत, बङी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे।

 

जिलाधिकारी द्वारा (शौर्य दिवस) पर शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलिMay be an image of 5 people, people standing and outdoors

(अशोक पांडेय)

अल्मोड़ा, कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगाँठ शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र में आयोजित की गयी। कारगिल शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक छावनी परिषद पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं पुष्पचक्र अर्पित किये गये साथ ही 02 मिनट का मौन रखा गया। गैरीसन अल्मोड़ा की सैन्य टुकडी द्वारा शहीदों के सम्मान में सलामी दी गयी। इस शौर्य दिवस के अवसर पर श्रीमती सावित्री देवड़ी पत्नी शहीद हरीश देवड़ी व श्रीमती सरस्वती माया घले पत्नी शहीद हरी बहादुर घले एवं कारगिल युद्व में घायल अ0 कैप्टन जीवन सिंह मेहरा को जिलाधिकारी वन्दना द्वारा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा (शौर्य दिवस) पर शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लम्बी परम्परा रही है। देश की आजादी से पहले एवं आजादी के बाद उत्तराखंड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। कारगिल युद्व में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, एसएसपी प्रदीप कुमार राय तथा अपरजिलाधिकार एवं अन्य ने पुष्प चक्र एवं पुष्प मालाएं अर्पित की।
इस अवसर पर गैरीसन अल्मोड़ा के कमान अधिकारी कर्नल विनय यादव, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल (अ0प्रा0) योगेन्द्र कुमार, (अ0प्रा0) बिग्रेडियर के0सी0 जोशी, शौर्य चक्र कर्नल जयंत थापा, ले0कमाण्डर हीरा सिंह सांगा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आर0सी0 पंत, एवं जनपद के गौरव सैनानी सैनिक/वीर नारियों आदि ने शहीद स्मारक में पुष्प अर्पित कर श्रदांजलि दी।

बड़ी खबर : मुनस्यारी के 14 ग्राम पंचायतों की पहली बार खुली बैठक, सरकारी अधिकारी अपनी जबाबदेही से हुए रुबरु, अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस किया जारी

0

पिथौरागढ़ (मुनस्यारी), उत्तराखंड में पहली बार सीमांत विकास खंड मुनस्यारी के 14 ग्राम पंचायतों की खुली बैठक में पहली बार ग्राम सरकार नजर आया। पंचायतों के अधीन आने वाले 14 रेखीय विभागों के ग्राम स्तर पर अधिकारियों ने जनता की समस्याओं को सुना। ग्राम सरकार का एहसास भी पहली बार ग्रामीणों को हुआ और सरकारी अधिकारी गण भी अपनी जबाबदेही से रुबरु हुए। अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों की खुली बैठक के लिए पहले भी रेखीय विभागों को बैठक की सूचना भेजी जाती थी। कोई भी विभाग इन बैठकों के लिए भेजे गए आंमत्रण को महत्व नहीं देता था। जिला पंचायत सरमोली वार्ड के 25 ग्राम पंचायतों में से 22 ग्राम पंचायतों में त्रैमासिक खुली बैठक होनी थी।
इस बार बैठकों से पहले जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के अनुरोध पर खंड विकास अधिकारी ग्वासीकोटी ने रेखीय विभागों को बैठक में शामिल होने के लिए कड़ा पत्र जारी किया।

जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया की मौजूदगी में हुई बूंगा, मल्ला घोरपट्टा, तल्ला घोरपट्टा, बनियागांव, सरमोली, सुरिंग, जलथ,हरकोट,सेरा सुराईधार,दरकोट,तल्ला दुम्मर , दरांती, खसियाबाड़ा, जैंती में हुई खुली बैठकों का नजारा कुछ और ही था।
बैठक में नागरिक पुलिस से लेकर समाज कल्याण, युवा कल्याण, उद्यान, कृषि,वन विभाग, शिक्षा विभाग, पेयजल, स्वास्थ्य विभाग, सहकारिता विभाग, स्वजल, मनरेगा,एनआरएलएम, सहित रेखीय विभागों के अधिकारी जनता के सवालों का जबाव तथा जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तैयार थे।
इन खुली बैठकों में जनता ने भी विभागों के सामने अपने दर्द तथा गुस्से दोनों को जाहिर किया। पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम सरकार की जो परिकल्पना की जाती है, वह इन ग्राम पंचायतों की खुली बैठकों में दिखाई दी गई।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि शेष ग्राम पंचायतों में सितम्बर माह में खुली बैठक आयोजित की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की अनुपस्थिति रही है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही के लिए जिला अधिकारी को लिखा जायेगा। बैठक में उठी समस्याओं के समाधान के लिए वे स्वयं फीटबैक लेते रहेंगे।
मर्तोलिया ने कहा कि जन प्रतिनिधियों की जानकारी के अभाव में ग्राम सरकार की अवधारणा गायब हो गई थी, उसे हमने पुर्नस्थापित करने का बीड़ा उठाया है।
बैठकों का संचालन ग्राम पंचायत विकास अधिकारी गीता पिमोली, प्रकाश सिंह गनघरिया, ग्राम विकास अधिकारी नरेंद्र कुमार, नवीन सिंह रावत ने किया।

धारकोट में कल से होगा 10 दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम

0

रुद्रप्रयाग- उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) द्वारा एनआरएलएम द्वारा गठित समूहों व अन्य लाभार्थियों को डेयरी फार्मिंग व वर्मी कंपोस्ट बनाए जाने हेतु बुधवार (27 जुलाई) से 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि में जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण ले रहे लाभार्थियों का मार्गदर्शन किया जाएगा।
लीड बैंक अधिकारी धन सिंह डुंगरियाल ने जानकारी देते हुए अवगत कराया कि विकास खंड अगस्त्यमुनि की ग्राम पंचायत धारकोट में 27 जुलाई से 05 अगस्त, 2022 तक 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। बताया कि प्रशिक्षण में एनआरएलएम द्वारा गठित समूहों सहित अन्य लाभार्थियों को डेयरी फार्मिंग व वर्मी कंपोस्ट बनाने में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने जनपद स्तरीय अधिकारियों से प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभाग करते हुए प्रशिक्षणार्थियों का मार्गदर्शन करने की अपील की है।