Wednesday, May 14, 2025
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दिनेश गुरु रानी को मुख्यमंत्री धामी ने ‘हिमालय मित्र’ पुरस्कार से किया सम्मानित

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देहरादून, पर्यटक आवास गृह पिथौरागढ़ में कुमाऊँ मंडल विकास निगम के प्रबंधक व संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष दिनेश गुरु रानी के पहुंचने पर आवास गृह के कर्मचारियों ने उनका भव्य स्वागत किया।
इस अवसर पर दिनेश गुरु रानी को पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने पर देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा हिमालय मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इससे पूर्व भी दिनेश गुरु रानी को मुख्यमंत्री द्वारा गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। दिनेश गुरु रानी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनका कार्य जारी रहेगा। उन्होंने आवास गृह के कर्मचारियों से विशेष रुप से माली हर सिंह व माली शेर सिंह का आभार प्रकट किया की उनके सहयोग से ही आज या सम्मान मिला है। विगत 20 वर्षों से पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। स्वागत करने वालों में वेद प्रकाश भट्ट पदम सिंह दीपक बिष्ट हर सिंह शेर सिंह नरेंद्र थापा गोपाल बिष्ट महेश कुमार संदीप रावल किशोर कुमार नरेंद्र सिंह सहित निगम कर्मी उपस्थित रहे।

 

हंस फाउण्डेशन ने आपदा पीड़ितों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिये 11 करोड़

हंस फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री राहत कोष मे दिये रुपए 11 करोड़ - Uk live  uttrakhand
देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने आपदा पीड़ितों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री को 11 करोड़ रूपये का चेक सौंपा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हंस फाउण्डेशन के संस्थापक माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज का आभार व्यक्त करते हुए हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को समय-समय पर सहयोग दिया जाता है। राज्य में जब भी कोई आपदा आती है या जरूरतमंदों को कोई जरूरत होती है, तो हंस फाउण्डेशन सेवा के कार्यों में हमेशा आगे आता है। कोरोना काल में भी हंस फाउण्डेशन द्वारा अनेक तरह से सेवा के कार्य किये गये। शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों में हंस फाउण्डेशन द्वारा राज्य सरकार को लगातार सहयोग दिया जा रह है।

ब्रैकिंग : लापता किशोरों की खोह नदी में मिली तीसरे दिन लाशें, दो दिन पहले सिद्धबली मंदिर जाने के लिये स्कूटी से निकले थे

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कोटद्वार, गोविंद नगर से लापता तीन किशोर युवकों के शव खोह नदी में मिलने की सूचना पर हड़कंप मच गयी, मौके पर पहुँची एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने तीनों शवों को खोह नदी से निकाला। तीनों किशोर घर से दो दिन पहले सिद्धबली मंदिर जाने के लिए स्कूटी से निकले थे।
कोटद्वार में लापता तीन किशोरों के शव मिलने पर लोग हतप्रद हैं | दो दिन पहले कोटद्वार के गोविंद नगर से लापता चल रहे तीन किशोर सिद्धबली मंदिर के लिए निकले थे। लापता किशोरों की कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। तीनों किशोरों के शव बरामद होने की सूचना मिलते ही परिवार में मातम पसर गया है। सोमवार सुबह पांचवें मील के पास खोह नदी में तीन शव मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। कोटद्वार दूगड्डा मार्ग पर कोटद्वार से करीब छह किमी आगे खोह नदी के तट पर तीनों युवकों के शव बरामद किए, एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने तीनों शवों को खोह नदी से निकाला।
पुलिस ने हाईवे पर किशोरों की स्कूटी भी बरामद की। मामले की जांच जारी है। हादसा कैसे हुआ पुलिस इसकी जानकारी जुटा रही है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार तीनों किशोर घर से स्कूटी लेकर निकले थे। पुलिस जांच में जुटी है |

सामाजिक सरोकारों की पैरवी व नशे की मुहिम ने भोली-भाली दीपा को बना दिया “टिंचरी माई”

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(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, वसुंधरा आर्ट्स द्वारा देहरादून के नगर निगम स्थित टाउन हॉल में “टिंचरी माई” नाटक का मंचन किया गया। नाटक जहां एक महिला के संघर्षों की एक लम्बी पैविस्त छोड़ गया वहीं दूसरी ओर वर्तमान समाज के अपनी धरोहर संजोने व नशे के बढ़ते प्रचलन का बड़ा प्रश्न चिह्न भी छोड़ गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत मेयर सुनील उनियाल गामा, पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व संस्कृति मंत्री उत्तराखंड नारायण सिंह राना, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना कांग्रेसी नेता कवींद्र इष्टवाल व साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल इत्यादि ने दीप प्रज्वलन से की। तदोपरांत माँगल गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। रंगमंच पर एक पुरुष व एक महिला सूत्रधार के रूप में आकर पटकथा का शुभारंभ करते हैं और इस तरह शुरुआत हुआ “नाट्य मंचन”। दृश्य पटल पर उभरती है 02 वर्षीय ठगुली उर्फ़ दीपा जो अपनी उम्र के साथ कहलाती है टिंचरी माई उर्फ़ इच्छागिरी माई।

रंगमंच पर दो साल की ठगुली, 13 वर्ष में दीपा व 19 की उम्र में विधवा होने के बाद 23 बर्ष में जोगन रूप में इच्छागिरी माई व पौड़ी में टिंचरी की दुकान फूँककर कहलाई टिंचरी माई…! बहुत अल्पसंसाधनों में मंचित हुए इस नाटक को देखने के लिए पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था। यह पहली बार दिखने को मिला कि हॉल में नाटक देखने के लिए उमड़ी अपार भीड़ दर्शक दीर्घा में खड़े खड़े भी मंचन देखते रहे। दीपा देवी के रूप में नवोदित अदाकारा उपासना व टिंचरी माई के रूप में वसुंधरा नेगी ने लाजवाब अभिनय किया। यह नाटक ब्रिटिश काल से लेक़र स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के काल व अंतिम चरण में पौड़ी की टिंचरी की दुकान फूंकने के पश्चात मिले टिंचरी माई नाम पर आकर समाप्त हुआ।May be an image of 1 person and sitting

टिंचरी माई के सम्बंध में जानकारी देते हुए वसुंधरा आर्ट्स की अध्यक्ष व ”टिंचरी माई” नाटक की लेखिका व निर्देशक वसुंधरा नेगी ने बताया कि यह नाटक एक ऐसे किरदार पर आधारित है जिसे उनका बचपन का नाम “ठगुलि” था। उनका जन्म चोपड़ा-चौथान के मंज्यूर गांव के नौटियाल जाति वंशज में हुआ। उनके जन्म के दो बर्ष बाद उनकी माँ गुजर गई। 13 साल की ठगुली अर्थात दीपा देवी उम्र में उनका विवाह गवानी गांव के गणेशराम नवानी से हुआ जो तब ब्रिटिश फौज में कार्यरत थे। दीपा जब 19 बर्ष की होती है तब उसके पति गणेश की फ़्रांस युद्ध में बम ब्लास्ट में मृत्यु हो जाती है।जब हुई तब उनकी कोख में एक बच्चा था जिसके जन्म के लगभग डेढ़ दो बर्ष पश्चात उसकी भी अल्पायु में मौत हो गयी। दीपा देवी पति की मौत के बाद जिस सहारे के सहारे जिंदगी काटने की सोच रही थी उसे भी विधाता ने छीन लिया। भाग्य रेखाओं में उनके लिए कुछ और ही लिखा था। 23 बर्ष की उम्र में उनके साँसारिक माया मोह से विरक्ति हुई और एक दिन वह गंगा घाट हरिद्वार आई पति व बेटे का तर्पण किया व हर की पैड़ी में स्नान कर किसी आश्रम में बाल मुंडवाकर जोगन बन बैठी। नाम मिला इच्छागिरी माई….!

वसुंधरा नेगी ने बताया कि दीपा देवी द्वारा पलायन का विरोध और शराब बंदी के आन्दोलन में सक्रिय भूमिका के कारण उनका नाम *टिंचरी माई* पड़ा। 1954 में आहूत पृथक पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की मांग करने वाली पहली महिला नेत्री रही और घर घर जा कर *उत्तराखंड* राज्य की अलख जगाने वाली उस विराट व्यक्तित्व की स्वामिनी ठगुली ने 20/06/ 1992 को कोटद्वार में ही अंतिम सांस लीग
वसुंधरा कहती हैं क़ि उन्होंने “टिंचरी माई” पर नाट्य मंचन करने का इसलिए निर्णय लिया ताकि वह वर्तमान परिवेश में पंजाब के रास्ते उत्तराखंड में पहुँचे विभिन्न तरह के नशे के कारोबार से हो रहे युवाओं के भविष्य बर्बाद पर जनजागरुकता क़ा माहौल बना सके। दूसरा यह कि इसे महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दे से जोड़कर एक ऐसी मजबूत इच्छाशक्ति की महिला के किरदार का बखान कर सके जिसने पिछली सदी में टिंचरी नामक दवा (शराब) की दुकानें ही जला डाली जिसे लोग नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने कहा टिंचरी माई के जीवन का नाट्य मंचन देखने के बाद ही हम सब जान पाएँगे कि वह कैसे और किन संघर्षों के चलते टिंचरी माई व सदी की महान नायिका कहलाई।

ज्ञात हो कि वसुंधरा नेगी विगत 15 वर्षों से रंगमंच में विभिन्न किरदार निभा रही हैं। वह अभी तक लगभग 18 नाटक लिख चुकी हैं व इनमें से ज्यादात्तर नाटकों का मंचन कर चुकी हैं। इससे पूर्व वह बर्ष 2017 में इसी टाउन हाल में “तीलू रौतेली” जैसे नाटक क़ा मंचन कर चुकी हैं।

कन्हैयालाल डंडरियाल प्रतिष्ठान नयी दिल्ली के साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल ने “टिंचरी माई” की पटकथा लेखिका, गीतकार, निर्देशक और परिकल्पना वसुंधरा नेगी को अंग वस्त्र से सम्मानित किया व प्रतिष्ठान की ओर से 11 हज़ार की धनराशि सम्मान स्वरूप भेंट की गई।इसके अलावा संस्कृति विभाग उत्तराखंड सरकार द्वारा भी इस नाटक मंचन में सहयोग प्रदत्त किया गया था। मंच संचालन की ज़िम्मेदारी वरिष्ठ पत्रकार गणेश खुगशाल “गनी” ने सम्भाली।

खास खबर : जेईई एडवांस का रिजल्ट हुआ जारी, 1 लाख 60 हजार 38 उम्मीदवारों ने कराया था अपना पंजीकरण

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‘देश के 23 संस्थानों में कुल 16 हजार 598 सीटों पर दाखिल होगा’

नई दिल्ली, भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, IIT Bombay ने 11 सितंबर 2022 को जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी कर दिया है। रिजल्ट जारी होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर उपलब्ध कराया जाएगा। इस एग्जाम को क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवार आईआईटी कॉलेजों में बी.ई / बी.टेक और अन्य तकनीकी कोर्स में एडमिशन के पात्र होंगे, रिजल्ट जारी होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर उपलब्ध करवा दिया गया है, अभ्यर्थी यहां अपना परिणाम चेक कर सकते हैं। इससे पहले 3 सितंबर को प्रोविजनल आंसर की जारी की गई थी , यहां आपत्ति दर्ज करवाने के लिए उम्मीदवारों को 4 सितंबर तक का समय दिया गया था।

रिजल्ट फाइनल आंसर की के आधार पर तैयार किया जाता है। इस बार जेईई एडवांस की परीक्षा 28 अगस्त को आयोजित की गई थी। पेपर 1 सुबह 9 बजे से 12 बजे तक आयोजित किया गया था, जबकि पेपर 2 दोपहर 2 बजकर 30 मिनट बजे से 5 बजकर 30 मिनट तक निर्धारित था।

परीक्षा के लिए कुल 1 लाख 60 हजार 38 उम्मीदवारों ने अपना पंजीकरण करवाया था। हालांकि परीक्षा में केवल 1 लाख 56 हजार 89 छात्र शामिल हुए थे। जेईई एडवांस परीक्षा देशभर के 577 शहरों में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा को क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवार राज्य व केंद्र सरकार के सर्वश्रेष्ठ आईआईटी कॉलेजों में बी.ई / बी.टेक व अन्य तकनीकी कोर्स में दाखिला लेने के लिए पात्र माने जाएंगे। सीट मैट्रिक्स के मुताबिक 23 संस्थानों में कुल 16 हजार 598 सीटों पर दाखिल होगा, इसमें 1567 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। बता दें आईआईटी बॉम्बे में कुल 1,360 सीटें हैं, जबकि आईआईटी रुड़की में 1,353, आईआईटी खड़गपुर में 1,869, आईआईटी दिल्ली में 1,209, आईआईटी मद्रास में 1,133 सीटें हैं।

जारी शेड्यूल पर नजर डालें तो, आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट 11 सितंबर को सुबह 10 बजे से 12 सितंबर 2022 को शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। रिजल्ट जारी होने के बाद अभ्यर्थी अपने लॉगिन क्रेडेंशियल के माध्यम से आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना परिणाम चेक कर सकेंगे।

पात्रता क्राइटीरिया :
– जेईई एडवांस्ड आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट (एएटी) के लिए उपस्थित होने के लिए उम्मीदवारों को जेईई एडवांस 2022 के लिए अर्हता प्राप्त करनी होगी।
– साथ ही, उम्मीदवारों को 2021 या 2022 में पहली बार कक्षा 12 की परीक्षा में शामिल होना चाहिए। उम्मीदवारों ने मुख्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित का भी अध्ययन किया हो।
– उम्मीदवारों का जन्म 1 अक्टूबर 1996 को या उसके बाद होना चाहिए था। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को आयु में पांच साल छूट दी गई है।
– एक उम्मीदवार लगातार दो सालों में अधिकतम दो बार जेईई (एडवांस्ड) एएटी का प्रयास कर सकता है।

5 रैंकर से मिलिए :
आर के शिशिर के बाद, पोलू लक्ष्मी साई लोहित रेड्डी और थॉमस बीजू चिरामवेलिल ने सीआरएल रैंक 2 अर्जित किया है। इसके बाद सीआरएल रैंक 4 पर वांगपल्ली साई सिद्धार्थ और सीआरएल रैंक 5 पर मयंक मोटवानी हैं।

40712 उम्मीदवारों ने किया क्वालीफाई :
इस साल, कुल मिलाकर 16,0038 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है और 155538 दोनों पेपरों के लिए उपस्थित भी हुए थे, इनमें से 40712 उम्मीदवारों ने जेईई एडवांस परीक्षा 2022 में क्वालीफाई किया है।

कठिन पेपर से पास प्रतिशत में आई गिरावट :
2021 में 29.54 प्रतिशत की तुलना में जेईई एडवांस 2022 पास प्रतिशत 26.17 प्रतिशत रहा है। योग्यता अंक भी 2021 की तुलना में कम हुए हैं ताकि योग्य उम्मीदवारों का पूल प्रस्ताव पर कुल सीटों की संख्या से कम से कम दोगुना हो सके।

सामान्य वर्ग के न्यूनतम कुल अंक 55 :
सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम कुल अंक 55 रखे गए थे, इसके अलावा ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 50 अंक रखे गए थे। शेष श्रेणियों के लिए न्यूनतम कुल अंक 28 थे और प्रारंभिक पाठ्यक्रम में रैंक लिस्ट 14 रखी गई थी।

जेईई एडवांस्ड आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट (एएटी) एग्जाम 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे की ओर से शुरू हुई। सुबह 10 बजे से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई है। उम्मीदवार जेईई एडवांस्ड एएटी 2022 के लिए आधिकारिक वेबसाइट – jeeadv.ac.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

टॉपर्स के पसंदीदा कॉलेज और ब्रांच :
जेईई एडवांस परिणाम के बाद ज्यादातर टॉपर्स आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस लेना चाहते हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि IIT बॉम्बे, IIT दिल्ली और IIT कानपुर संयुक्त प्रवेश परीक्षा के 1,000 रैंक धारकों में सबसे पसंदीदा कॉलेज रहे हैं, 2016 से 2020 तक परीक्षा के आंकड़ों के विश्लेषण से इस बारे में पता चलता है।

आर के शिशिर ने किया टॉप :

जेईई एडवांस की परीक्षा में आईआईटी बॉम्बे जोन के आर के शिशिर ने टॉप कर इतिहास रच दिया है। शिशिर ने 360 में से 314 अंक प्राप्त किए हैं। वहीं आईआईटी दिल्ली जोन की तनिष्का काबरा ने 360 में से 277 अंक प्राप्त किए हैं। बता दें हर बार से अच्छा इस बार जेईई एडवांस का रिजल्ट देखने को मिला है।

जेईई एडवांस की परीक्षा
बता दें जेईई मेंस की परीक्षा में सफल छात्रों के लिए जेईई एडवांस्ड की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में केवल वही अभ्यर्थी शामिल हो सकते थे, जिन्होंने जेईई मेन्स की परीक्षा में 250000 तक रैंक हासिल कर रखी थी। वहीं इस परीक्षा को क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थी अब बी.ई / बी.टेक के लिए आईआईटी कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं।

सबसे पहले यहां उपलब्ध होगा रिजल्ट :
जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी होने के बाद सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट jeeadv.ac.in पर उपलब्ध करवा दिया गया था। जिन अभ्यर्थियों ने अब तक अपना रिजल्ट चेक नहीं किया है वो आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

22 सितंबर से बंद हो जाएगा यह बैंक, आरबीआई के रद्द किया लाइसेंस, अब क्या करें ग्राहक

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नई दिल्ली। रिजर्व बैकं ऑफ इंडिया ने खाताधारकों की सुरक्षा को देखते हुए एक और बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। नियमों की अनदेखी के कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पहले भी कई बैंकों और वित्तीय संस्था का लाइसेंस रद्द किया है और अब हाल ही में पुणे स्थित रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड (Rupee Co-operative Bank Limited) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI द्वारा दिए गए इस फैसले के बाद 22 सितंबर से रूपी सहकारी बैंक का कामकाज बंद हो जाएगा। बैंकिंग नियमों की अनदेखी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रूपी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। RBI के इस फैसले के बाद 22 सितंबर से इस बैंक की बैंकिंग सेवाएं बंद हो जाएंगी, यानी खाताधारक बैंक से किसी भी तरह का लेन देन नहीं कर पाएंगे। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाओं के कमी के कारण बैंक पर ये जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने नियमों की अनदेखी के कारण बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के नियमों के उल्लघंन के कारण ये कार्रवाई की है। आरबीआई ने कहा है कि अगर बैंक की सेवाओं को जारी रखा जाता तो ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा था। आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास कमाई के भी कोई साधन नहीं बचे हैं, जिसके बाद केंद्रीय बैंक को इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया। बैंक का लाइसेंस को रद्द किए जाने के बाद खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ गई है। खाताधारकों की अपनी जमापूंजी की चिंता सता रही है। लेकिन नियम के मुताबिक खाताधारकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि DICGC के नियम के मुताबिक जिन ग्राहकों का पैसा रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड में जमा है उन्हें 5 लाख रुपए मिलेंगे। बैंक में जमा पर खाताधारकों को इंश्योरेंस का कवर मिलता है। डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंक खाताधारकों को 5 लाक की बीमा रकम मिलेगी। खाताधारक के 5 लाख रुपए के डिपॉजिट पर उन्हें पूरा इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा।

हेड कांस्टेबल रैंक के 1750 नए पद सृजित करने पर डीजीपी ने जाहिर की खुशी

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देहरादून, प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा पुलिस जवानों की ग्रेड पे की समस्या का एक अच्छा समाधान किया गया है । पुलिस विभाग में कांस्टेबलों के 17500 पद हैं और हेड कांस्टेबल के 3440 पद हैं और एडिशनल एस आई का एक भी पद नहीं है। पुलिस जवानों को समय से प्रोन्नति देने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हेड कांस्टेबल रैंक के 1750 नए पद सृजित करने तथा एडिशनल एस आई का नया रैंक सृजित करते हुए 1750 नए पद स्वीकृत करने के आदेश जारी किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनका ग्रेड पै 4200 होगा।

श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने शासन के द्वारा लिए गए निर्णय के ऊपर खुशी जाहिर की है और माननीय मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद दिया है। श्री अशोक कुमार ने कहा कि, “उनका विश्वास है कि इससे जवानों को प्रोन्नति के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही विवेचना हेतु नए विवेचक उपलब्ध होने से विवेचना की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

 

जन्मस्थली ग्राम खूंट में पहुंचकर भारत रत्न गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा पर कैबिनेट मंत्री सुबोध ने माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

अल्मोड़ा, भारत रत्न पण्डित गोविंद बल्लभ पंत का 135 वां जयंती समारोह जनपद भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेश के मा0 मंत्री वन एवं तकनीकी शिक्षा , भाषा एवं निर्वाचन सुबोध उनियाल ने जीबी पंत की जन्मस्थली ग्राम खूंट में पहुंचकर पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा समस्त जनपद एवं राज्यवासियों को शूभकामनाएं दी। सांसद अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा समेत अन्य ने भी जीबी पंत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि देश को आजाद कराने वाले एवं अपनी मेहनत एवं लगन से देश को राजनैतिक नेतृत्व देने वाले जीबी पंत की जन्म जयंती समारोह में उन्हें आने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पंत जी के विचारों एवं आदर्शों को हृदय में संजोकर रखना तथा उनका अनुसरण करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि पंत जी अल्मोड़ा ही नहीं बल्कि पूरे देश एवं उत्तराखंड का गौरव हैं। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने एवं देश को कुशल नेतृत्व देने के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा ने कहा कि पंत जी ने मेहनत एवं कठिन परिस्थितियों के साथ देश को नेतृत्व दिया। उन्होंने कहा कि पंत जी के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पंत जी हमेशा याद किए जाएंगे।
तत्पश्चात मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान में आयोजित 28 वें वार्षिक व्याख्यान कार्यक्रम में भाग लिया। यहां मा0 मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में कहा कि जल, जंगल, जमीन के पर्यावरणीय संरक्षण में इस संस्थान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य की सफलता के लिए जनभागीदारी का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन विश्व भर के लिए चिंता का विषय है, इस पर हम सभी को मिलकर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी की भागीदारी होनी चाहिए।
व्याख्यान कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन के खतरों एवं चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही वैज्ञानिकों ने पर्यावरण संरक्षण पर अपने अपने अनुभव एवं विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि भूतपूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक पीआरएल, अहमदाबाद डा. नवीन जुयाल ने “हिमालयी क्षेत्र में अपरिहार्य वायुमंडलीय तापमान वृद्धि, हिममंडल क्षरण और भू-परिदृश्य अस्थिरता” विषय पर संस्थान का 28वां प. गोविन्द बल्लभ पंत स्मारक व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने जलवायु परिवर्तन तथा उससे हो रहे प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान में आयी भीषण बाढ़, तथा पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में हो रही प्राकृतिक आपदाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से हो रहे प्रभाव बहुत चिंता का विषय है। अपने व्याख्यान में उन्होंने हिमालयी क्रायोस्फीयर/हिममंडल, हिमनद स्वास्थ्य का पर्यवेक्षण, प्रचलित जलवायु और तापक्रम वृद्धि की प्रवृतियाँ, जलवायु-हिमनद सम्बन्ध, हिममंडल प्रतिक्रया, ब्लैक कार्बन, हिमालय में हो रहे भूस्खलन और आकस्मिक बाढ़, पैराग्लेशियल जोन और फ़्लैश फ्लड, आवर्ती भूकम्पीयता, वर्षा और बर्फ आधारित जलस्रोत, जलविद्युत परियोजनाओं, कृषि उत्पादकता सहित कई मुद्दों पर विस्तार से वर्णन किया।
इस कार्यक्रम में पद्म श्री प्रो. शेखर पाठक, निदेशक जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान डॉ सुनील नौटियाल, वाइस चांसलर एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा प्रो. एनएस भंडारी समेत अन्य वैज्ञानिक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

पंडित गोविंद वल्लभ पंत की जन्म जयंती के अवसर पर अल्मोड़ा में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर प्रातः 7:30 बजे नंदा देवी मंदिर परिसर से पंत पार्क तक स्कूली बच्चों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई तथा विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। मॉल रोड स्थित जीबी पंत पार्क में आयोजित समारोह में नगरपालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार रॉय, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा, साहित अनेक गणमान्य लोगों ने पंत जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

देहरादून मैराथन : 30 अक्टूबर को होगी आयोजित, तीन कैटगरी में होगी मैराथन, जल्द करायें रजिस्ट्रेशन

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देहरादून, सरदार बल्लभ भाई पटेल के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता के साथ उत्तराखंड पुलिस द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के दृष्टिगत देहरादून मैराथन का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो गए हैंl
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड पुलिस आगामी 30 अक्टूबर 2022 रविवार को ‘देहरादून मैराथन’ का चौथा संस्करण आयोजित करने जा रही है जो कि अब राज्य की खेल संस्कृति का एक हिस्सा बन गई है। मुख्यमंत्री के वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के विजन के तहत देहरादून मैराथन 2022 Run Against Drugs एवं Run For Unity के संदेश के साथ आयोजित की जा रही है l पूर्व के वर्षों में भी उत्तराखंड पुलिस के द्वारा देहरादून मैराथन के तीन संस्करणों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है l
मैराथन में पूर्व की भांति 21 KM एवं 10 KM की करायी जाएगी एवं विजेता प्रतिभागियों को कुल 10 लाख रूपये के पुरस्कार वितरित किये जाएंगे। 21 KM हाफ मैराथन में सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क टाईमिंग चिप दी जाएगी। 21 km पूरी करने वाले समस्त प्रतिभागियों को Finishers Medals दिये जाएंगे जबकि 10 km में शीर्ष 10 प्रतिभागियों को ही Finishers Medals दिये जाएंगे। मैराथन के साथ ही Theme awareness हेतु 03 KM की एक Fun Run भी करायी जाएगी, जिसमें 14 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे प्रतिभाग कर सकते हैं।
मैराथन हेतु आयु वर्ग के हिसाब से 03 category होंगी :

1. Junior Category – 16 से 20 वर्ष आयु
2. Open Category – 20 से 45 वर्ष आयु
3. Masters Category – 45 वर्ष से अधिक आयु

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पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार द्वारा उत्तराखंड के समस्त युवाओं को नशे के खिलाफ एकजुट एवं देश को एकता के सूत्र में पिरोने हेतु देहरादून मैराथन 2022 में प्रतिभाग करने की अपील की है l

 

पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने की विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकउत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि का सहयोग लिया जाएगा :  गणेश जोशी - हिन्दुस्थान समाचार

देहरादून, उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित अपने कैंप कार्यालय में पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी,और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।
इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

 

प्रदेश में भर्ती घोटालों की सीबीआई जाँच की मांग को लेकर यूकेडी का धरना आज भी जारी रहा

देहरादून, प्रदेश में विभिन्न भर्तियों में घोटाले की सीबीआई जाँच की माँग को लेकर उक्रांद का चौदहवे दिन भी धरना जारी रहा, मसूरी से विधानसभा चुनाव लड़े समाजसेवी मनीष गौनियाल ने धरने में समर्थन देकर कहा कि उत्तराखण्ड क्रांति दल ने राज्य का निर्माण किया, अब समय आ चुका है कि राज्य की जनता एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लडाई में उक्रांद का साथ दे |
राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि उक्रांद का लक्ष्य राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करना है, विभिन्न परीक्षाओं में अभी तक जितने आरोपी पकड़े गए हैं, उनका बयान सार्वजनिक किये जाए, ताकि पता चल सके कि इसमें कौन- कौन सफेदपोश संलिप्त है, बिष्ट ने कहा कि युवा उक्रांद अब राज्य में भृष्टाचारियों को खदेड़ने के लिए अभियान छेड़ेगा, राज्य की अवैध जमीन पर कब्जे किये हुए, पहाड़ के युवाओं को राज्य के भीतर किसी भी उद्योग धंधों में 80 प्रतिशत वरीयता,राज्य के भीतर भ्रष्टाचार में संलिप्त नौकर शाहों के सम्पति की जाँच, तथा अन्य घोटालो के खिलाफ उक्रांद की इस लडाई को अब धरातल पर मजबूती से लड़ेगा, 14 दिन तक धरने पर बैठने के बाद भी अभी तक सी बी आई जाँच न किये जाने के बाद अब 12 सितंबर से धरने को क्रमिक अनशन में बदला जायेगा, युवा उक्रांद इस मुहिम में प्रदेश के समस्त युवाओं से आह्वान करता है। युवा प्रकोष्ठ के रविंद्र ममगाई ने कहा कि अब कांग्रेस बीजेपी के घोटालो की माला बनाकर जनता को जागरूक किया जायेगा, आज धरने में, समाज सेवी मनीष गौनियाल,बृज मोहन सजवाण, श्याम रमोला, रविंद्र ममगाई, उत्तम रावत, टिकम राठौड़, उतरा पंत बहुगुणा, मधु सेमवाल, रामपाल, राजेंद्र सिंह बिष्ट, अर्जुन नेगी, सुरेश आर्य, सुनील ध्यानी, शिव प्रसाद सेमवाल, समीर मुंडेपी आदि मौजूद रहे।

पेंट फैक्ट्री के थिनर टैंक साफ कर रहे मजदूर गैस की चपेट में, छह हुये बेहोश

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उधमसिंह नगर, यूएस नगर के रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप में जहरीली गैस के रिसाव को हुए अभी 15 दिन भी नहीं हुए हैं कि अब सिडकुल की एमएमटी फैक्ट्री में थिनर पेंट को पतला करने या इसकी सफाई में इस्तेमाल होने वाला लिक्विड, टैंक साफ करने के दौरान छह मजदूर गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। इसका पता चलते ही फैक्ट्री प्रबंधन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में गंभीर हालत में तीन लोगों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि तीन की हालत सामान्य बनी हुई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जानकारी लेते हुए घटना की जांच शुरू कर दी है, पुलिस के मुताबिक खेड़ा निवासी सुरेश, सचिन और रमेश दिहाड़ी मजदूर हैं। रविवार सुबह तीनों को सिडकुल के सेक्टर 9 स्थित एमएमटी फैक्ट्री में मजदूरी कराने के लिए ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि वहां पर उनसे थिनर टैंक की सफाई करने को कहा गया। जैसे ही वे टैंक की सफाई करने के लिए उतरे तो टैंक से निकली गैस के कारण खेड़ा निवासी सुरेश बेहोश हो गया और टैंक पर ही गिर गया। सुरेश को बेहोश होता देख उसके साथी सचिन और रमेश ने शोर मचाते हुए उसे बचाने का प्रयास किया। मगर इतने में ही वे भी बेहोश हो गए। शोर होने पर फैक्ट्री के तीन कर्मचारियाें ने उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला तो तीनों कर्मचारी भी गैस की चपेट में आ गए, इसका पता चलते ही फैक्ट्री अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बेहोश हुए सुरेश, सचिन और रमेश को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक ही हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना पर सिडकुल चौकी प्रभारी पंकज कुमार पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे और घटना की जानकारी ली। साथ ही अस्पताल पहुंचकर तीनों मजदूरों का हाल जाना। सीओ पंतनगर तपेश कुमार ने बताया कि गैस की चपेट में आकर छह मजदूर बेहोश हुए थे। तीन की हालत सामान्य है, जबकि तीन लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गंदे पानी के टैंक की सफाई करने के दौरान सुरेश, सचिन और रमेश बेहोश हो गए। तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सुरेश की हालत गंभीर देख उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इस दौरान सचिन ने बताया कि नगर निगम के पास से प्रीत विहार निवासी प्रकाश उन्हें मजदूरी के लिए ले गया था। इसके लिए तीनों को पांच-पांच सौ रुपये देने की बात हुई थी, इधर आईसीयू में भर्ती सुरेश के स्वजनों को जब घटना का पता चला तो वह अस्पताल पहुंच गए। सुरेश की पत्नी सुंदरी और सचिन तथा रमेश के स्वजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

ब्रैकिंग : पत्नी ने पति को कुल्हाड़ी से काटा और गुस्सा सौतेले बेटे ने गला दबा कर दी मां की हत्या

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हरिद्वार, जनपद में अभी शराब से हुई मौतों का मामला अभी शान्त नहीं हुआ फिर एक हत्या की खबर ने सबको चौंका दिया, मामला जनपद के रुड़की के बहादराबाद पुलिस थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने पति की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी। इसके बाद गुस्साए उसके सौतेले बेटे ने गला दबा कर मां की भी हत्या कर दी। बाद में बेटा खुद थाने पहुंचा और पुलिस को इस पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस गांव पहुंची और दोनों शवों का पंचनामा करके उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा ।
मिली जानकारी के अनुसार मरगूबपुर गांव निवासी तोहिद थाना बहादराबाद पहुंचा और पुलिस को बताया कि पिता और सौतेली मां के बीच झगड़ा होने पर मां ने मेरे पिता इनामुल हक को कुल्हाड़ी से गले पर वार करके मार दिया। इस पर मैंने अपनी सौतेली मां सितारा को गला घोट कर मार दिया है। युवक की बात सुनकर पुलिस हैरान रह गई।
बहादराबाद थानाध्यक्ष नितेश शर्मा पुलिस बल लेकर आनन-फानन में गांव पहुंचे और घटना की जानकारी जुटाई। गांव जाकर पता चला कि इनामुल हक खेती बाड़ी करता है और गांव में परचून की दुकान भी चलाता था।
छानबीन में पता चला कि इनामुल हक की पहली पत्नी इमराना की 10 वर्ष पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी, इनामुल हक ने दो वर्ष पूर्व ही सितारा निवासी सहारनपुर से दूसरी शादी की थी। वह लुधियाना में रहती है। शनिवार देर रात सितारा अपना कुछ सामान लेकर मरगूबपुर पहुंची और सुबह ही बच्चों से झगड़ा करने लगी। इनामुल हक के बीच-बचाव करने पर उसने कुल्हाड़ी से इनामुल हक के गले पर वार करके उसको मार दिया। उसके बाद तोहीद आक्रोशित होकर वहीं रखे तकिया और चुन्नी से सितारा का गला घोट कर मार डाला।

हत्याकांड की सूचना पर सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार और एएसपी रेखा यादव ने भी गांव पहुंचकर घटना की जानकारी जुटाई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया है ।

स्वामी स्वरूपानंद का निधन, परमहंसी गंगा आश्रम में ली अंतिम सांस

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नरसिंहपुर, शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती का रविवार को निधन हो गया। स्‍वामी स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती दो पीठों, ज्‍योति‍र्मठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य थे। 99 वर्षीय स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती लंबे समय से बीमार थे। उन्‍होंने नरसिंहपुर जिले की झोतेश्‍वर पीठ के परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली। उनके निधन से संत समाज में शोक है। 99 वर्षीय स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। कुछ ही दिन पहले ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में लौटे थे। उन्‍होंने इसी आश्रम में दोपहर साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आजादी की लड़ाई में हिस्‍सा लिया था और जेल भी गए थे।
शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती का जन्‍म 2 सितंबर 1924 को हुआ था। उन्होंने ने महज नौ साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। 1980 में उन्‍हें शंकराचार्य की उपाधि मिली थी। धर्म के साथ राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते थे।
शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद की ओर से जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी।