Tuesday, April 29, 2025
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देहरादून मैराथन : 30 अक्टूबर को होगी आयोजित, तीन कैटगरी में होगी मैराथन, जल्द करायें रजिस्ट्रेशन

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देहरादून, सरदार बल्लभ भाई पटेल के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता के साथ उत्तराखंड पुलिस द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस के दृष्टिगत देहरादून मैराथन का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो गए हैंl
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा बताया गया कि उत्तराखंड पुलिस आगामी 30 अक्टूबर 2022 रविवार को ‘देहरादून मैराथन’ का चौथा संस्करण आयोजित करने जा रही है जो कि अब राज्य की खेल संस्कृति का एक हिस्सा बन गई है। मुख्यमंत्री के वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री देवभूमि के विजन के तहत देहरादून मैराथन 2022 Run Against Drugs एवं Run For Unity के संदेश के साथ आयोजित की जा रही है l पूर्व के वर्षों में भी उत्तराखंड पुलिस के द्वारा देहरादून मैराथन के तीन संस्करणों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है l
मैराथन में पूर्व की भांति 21 KM एवं 10 KM की करायी जाएगी एवं विजेता प्रतिभागियों को कुल 10 लाख रूपये के पुरस्कार वितरित किये जाएंगे। 21 KM हाफ मैराथन में सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क टाईमिंग चिप दी जाएगी। 21 km पूरी करने वाले समस्त प्रतिभागियों को Finishers Medals दिये जाएंगे जबकि 10 km में शीर्ष 10 प्रतिभागियों को ही Finishers Medals दिये जाएंगे। मैराथन के साथ ही Theme awareness हेतु 03 KM की एक Fun Run भी करायी जाएगी, जिसमें 14 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे प्रतिभाग कर सकते हैं।
मैराथन हेतु आयु वर्ग के हिसाब से 03 category होंगी :

1. Junior Category – 16 से 20 वर्ष आयु
2. Open Category – 20 से 45 वर्ष आयु
3. Masters Category – 45 वर्ष से अधिक आयु

For registration link

1)http://ukpolicemarathon2022.in/dehradun-police-marathon-registration
2)https://play.google.com/store/apps/details?id=com.dehradun.policemarathon

पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार द्वारा उत्तराखंड के समस्त युवाओं को नशे के खिलाफ एकजुट एवं देश को एकता के सूत्र में पिरोने हेतु देहरादून मैराथन 2022 में प्रतिभाग करने की अपील की है l

 

पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने की विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकउत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए पतंजलि का सहयोग लिया जाएगा :  गणेश जोशी - हिन्दुस्थान समाचार

देहरादून, उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को न्यू कैंट रोड़ स्थित अपने कैंप कार्यालय में पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।
कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी,और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।
इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

 

प्रदेश में भर्ती घोटालों की सीबीआई जाँच की मांग को लेकर यूकेडी का धरना आज भी जारी रहा

देहरादून, प्रदेश में विभिन्न भर्तियों में घोटाले की सीबीआई जाँच की माँग को लेकर उक्रांद का चौदहवे दिन भी धरना जारी रहा, मसूरी से विधानसभा चुनाव लड़े समाजसेवी मनीष गौनियाल ने धरने में समर्थन देकर कहा कि उत्तराखण्ड क्रांति दल ने राज्य का निर्माण किया, अब समय आ चुका है कि राज्य की जनता एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लडाई में उक्रांद का साथ दे |
राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि उक्रांद का लक्ष्य राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त करना है, विभिन्न परीक्षाओं में अभी तक जितने आरोपी पकड़े गए हैं, उनका बयान सार्वजनिक किये जाए, ताकि पता चल सके कि इसमें कौन- कौन सफेदपोश संलिप्त है, बिष्ट ने कहा कि युवा उक्रांद अब राज्य में भृष्टाचारियों को खदेड़ने के लिए अभियान छेड़ेगा, राज्य की अवैध जमीन पर कब्जे किये हुए, पहाड़ के युवाओं को राज्य के भीतर किसी भी उद्योग धंधों में 80 प्रतिशत वरीयता,राज्य के भीतर भ्रष्टाचार में संलिप्त नौकर शाहों के सम्पति की जाँच, तथा अन्य घोटालो के खिलाफ उक्रांद की इस लडाई को अब धरातल पर मजबूती से लड़ेगा, 14 दिन तक धरने पर बैठने के बाद भी अभी तक सी बी आई जाँच न किये जाने के बाद अब 12 सितंबर से धरने को क्रमिक अनशन में बदला जायेगा, युवा उक्रांद इस मुहिम में प्रदेश के समस्त युवाओं से आह्वान करता है। युवा प्रकोष्ठ के रविंद्र ममगाई ने कहा कि अब कांग्रेस बीजेपी के घोटालो की माला बनाकर जनता को जागरूक किया जायेगा, आज धरने में, समाज सेवी मनीष गौनियाल,बृज मोहन सजवाण, श्याम रमोला, रविंद्र ममगाई, उत्तम रावत, टिकम राठौड़, उतरा पंत बहुगुणा, मधु सेमवाल, रामपाल, राजेंद्र सिंह बिष्ट, अर्जुन नेगी, सुरेश आर्य, सुनील ध्यानी, शिव प्रसाद सेमवाल, समीर मुंडेपी आदि मौजूद रहे।

पेंट फैक्ट्री के थिनर टैंक साफ कर रहे मजदूर गैस की चपेट में, छह हुये बेहोश

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उधमसिंह नगर, यूएस नगर के रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप में जहरीली गैस के रिसाव को हुए अभी 15 दिन भी नहीं हुए हैं कि अब सिडकुल की एमएमटी फैक्ट्री में थिनर पेंट को पतला करने या इसकी सफाई में इस्तेमाल होने वाला लिक्विड, टैंक साफ करने के दौरान छह मजदूर गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। इसका पता चलते ही फैक्ट्री प्रबंधन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में गंभीर हालत में तीन लोगों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि तीन की हालत सामान्य बनी हुई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जानकारी लेते हुए घटना की जांच शुरू कर दी है, पुलिस के मुताबिक खेड़ा निवासी सुरेश, सचिन और रमेश दिहाड़ी मजदूर हैं। रविवार सुबह तीनों को सिडकुल के सेक्टर 9 स्थित एमएमटी फैक्ट्री में मजदूरी कराने के लिए ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि वहां पर उनसे थिनर टैंक की सफाई करने को कहा गया। जैसे ही वे टैंक की सफाई करने के लिए उतरे तो टैंक से निकली गैस के कारण खेड़ा निवासी सुरेश बेहोश हो गया और टैंक पर ही गिर गया। सुरेश को बेहोश होता देख उसके साथी सचिन और रमेश ने शोर मचाते हुए उसे बचाने का प्रयास किया। मगर इतने में ही वे भी बेहोश हो गए। शोर होने पर फैक्ट्री के तीन कर्मचारियाें ने उन्हें जैसे-तैसे बाहर निकाला तो तीनों कर्मचारी भी गैस की चपेट में आ गए, इसका पता चलते ही फैक्ट्री अधिकारी और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बेहोश हुए सुरेश, सचिन और रमेश को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक ही हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना पर सिडकुल चौकी प्रभारी पंकज कुमार पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे और घटना की जानकारी ली। साथ ही अस्पताल पहुंचकर तीनों मजदूरों का हाल जाना। सीओ पंतनगर तपेश कुमार ने बताया कि गैस की चपेट में आकर छह मजदूर बेहोश हुए थे। तीन की हालत सामान्य है, जबकि तीन लोगों को उपचार के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके बाद फैक्ट्री प्रबंधन के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। गंदे पानी के टैंक की सफाई करने के दौरान सुरेश, सचिन और रमेश बेहोश हो गए। तीनों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सुरेश की हालत गंभीर देख उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इस दौरान सचिन ने बताया कि नगर निगम के पास से प्रीत विहार निवासी प्रकाश उन्हें मजदूरी के लिए ले गया था। इसके लिए तीनों को पांच-पांच सौ रुपये देने की बात हुई थी, इधर आईसीयू में भर्ती सुरेश के स्वजनों को जब घटना का पता चला तो वह अस्पताल पहुंच गए। सुरेश की पत्नी सुंदरी और सचिन तथा रमेश के स्वजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

ब्रैकिंग : पत्नी ने पति को कुल्हाड़ी से काटा और गुस्सा सौतेले बेटे ने गला दबा कर दी मां की हत्या

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हरिद्वार, जनपद में अभी शराब से हुई मौतों का मामला अभी शान्त नहीं हुआ फिर एक हत्या की खबर ने सबको चौंका दिया, मामला जनपद के रुड़की के बहादराबाद पुलिस थाना क्षेत्र में एक महिला ने अपने पति की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी। इसके बाद गुस्साए उसके सौतेले बेटे ने गला दबा कर मां की भी हत्या कर दी। बाद में बेटा खुद थाने पहुंचा और पुलिस को इस पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस गांव पहुंची और दोनों शवों का पंचनामा करके उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेजा ।
मिली जानकारी के अनुसार मरगूबपुर गांव निवासी तोहिद थाना बहादराबाद पहुंचा और पुलिस को बताया कि पिता और सौतेली मां के बीच झगड़ा होने पर मां ने मेरे पिता इनामुल हक को कुल्हाड़ी से गले पर वार करके मार दिया। इस पर मैंने अपनी सौतेली मां सितारा को गला घोट कर मार दिया है। युवक की बात सुनकर पुलिस हैरान रह गई।
बहादराबाद थानाध्यक्ष नितेश शर्मा पुलिस बल लेकर आनन-फानन में गांव पहुंचे और घटना की जानकारी जुटाई। गांव जाकर पता चला कि इनामुल हक खेती बाड़ी करता है और गांव में परचून की दुकान भी चलाता था।
छानबीन में पता चला कि इनामुल हक की पहली पत्नी इमराना की 10 वर्ष पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी, इनामुल हक ने दो वर्ष पूर्व ही सितारा निवासी सहारनपुर से दूसरी शादी की थी। वह लुधियाना में रहती है। शनिवार देर रात सितारा अपना कुछ सामान लेकर मरगूबपुर पहुंची और सुबह ही बच्चों से झगड़ा करने लगी। इनामुल हक के बीच-बचाव करने पर उसने कुल्हाड़ी से इनामुल हक के गले पर वार करके उसको मार दिया। उसके बाद तोहीद आक्रोशित होकर वहीं रखे तकिया और चुन्नी से सितारा का गला घोट कर मार डाला।

हत्याकांड की सूचना पर सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार और एएसपी रेखा यादव ने भी गांव पहुंचकर घटना की जानकारी जुटाई। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया है ।

स्वामी स्वरूपानंद का निधन, परमहंसी गंगा आश्रम में ली अंतिम सांस

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नरसिंहपुर, शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती का रविवार को निधन हो गया। स्‍वामी स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती दो पीठों, ज्‍योति‍र्मठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य थे। 99 वर्षीय स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती लंबे समय से बीमार थे। उन्‍होंने नरसिंहपुर जिले की झोतेश्‍वर पीठ के परमहंसी गंगा आश्रम में अंतिम सांस ली। उनके निधन से संत समाज में शोक है। 99 वर्षीय स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। कुछ ही दिन पहले ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में लौटे थे। उन्‍होंने इसी आश्रम में दोपहर साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने आजादी की लड़ाई में हिस्‍सा लिया था और जेल भी गए थे।
शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती का जन्‍म 2 सितंबर 1924 को हुआ था। उन्होंने ने महज नौ साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। 1980 में उन्‍हें शंकराचार्य की उपाधि मिली थी। धर्म के साथ राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते थे।
शंकराचार्य के शिष्य ब्रह्म विद्यानंद की ओर से जारी की गई जानकारी में कहा गया है कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को शाम 5 बजे परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी।

धारचूला में आपदा प्रभावित क्षेत्र का सीएम ने किया दौरा, पीड़ित परिवारों से मिले

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पिथौरागढ़, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला मे ग्राम रांथी (खोतिला) में आयी दैवी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय भ्रमण कर राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को प्रभावित लोगों को और तेजी के साथ राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने अपने भ्रमण के दौरान आपदा पीड़ित परिवारों से भी भेंट की और उन्हें हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिया।

दुस्साहस,गजा क्षेत्र के बिमाणगांव में मंदिर का ताला तोड़कर हजारों की चोरी , राजस्व पुलिस ने की रिपोर्ट दर्ज

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( डीपी उनियाल) नई टिहरी,

नरेन्द्र नगर प्रखंड के गजा तहसील क्षेत्र के ग्राम बिमाणगांव में घंटा कर्ण मंदिर का ताला तोड़कर हजारों रुपए की चोरी की गई। अज्ञात चोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । ग्राम सभा के प्रधान सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि शनिवार रात को अज्ञात चोरों ने गांव में स्थित घंटा कर्ण मंदिर का ताला तोड़कर मंदिर में रखे दान पात्र में से लगभग बीस हजार रुपए चोरी कर लिए , प्रधान सुरेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि चोरी का पता तब चला जब सुबह को मंदिर की सफाई व पूजा करने के लिए वहां गये, मंदिर का बाहर से ताला टूटा हुआ देखकर उन्होंने इसकी सूचना राजस्व उप निरीक्षक तहसील गजा को दी गई, राजस्व उप निरीक्षक प्रवीन जेठूडी मौके पर पहुंचे उसके बाद ग्रामीणों के साथ मंदिर के अंदर मौक़ा मुआइना किया गया तो पता चला कि दान पात्र से चोरी की गई है , उन्होंने बताया कि विगत दो तीन सालों का मंदिर का चढ़ावा दान पात्र में था जिसको चोरों ने चोरी कर ले गए, घटना की रिपोर्ट राजस्व उप निरीक्षक को दी गई है , इस मौके पर गांव के प्रेम सिंह, साहब सिंह, सुन्दर सिंह , श्रीमति उमा देवी, श्रीमती जुपला देवी भी उपस्थित रहे, ग्रामीणों में दहशत भी है कि चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैैं इससे पहले ग्राम सभा भाली के अंतर्गत भाली व‌‌‌ पाली के तीन मंदिरों तथा दो घरों में भी ताले तोड़कर चोरी की वारदातें हुईं हैं जिसकी सूचना प्रधान भाली सुरजीत सिंह रावत ने गजा तहसील में दे कर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, यहां पर भी मंदिरों से नगदी चुराई गई थी लेकिन अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है ।प्रधान सुरेन्द्र सिंह नेगी व अन्य लोगों ने कहा कि लगातार घटनाएं होने से ग्रामीण दहसत में हैं ।

हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : दो मौतों के बाद भी फिर चुनाव में फिर बांटी गयी शराब, सात की हुई मौत

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हरिद्वार, चुनावों शराब बांटने का चलन बढ़ता ही जा रहा, प्रत्याशी प्रचार के दौरान चोरी छुपे शराब भी बांटते है, ऐसा ही वाकया जनपद में हो रहे पंचायत चुनाव में शराब बांटने के कारण हुआ जहां दो ग्रामीणों की मौत की वजह बन गयी। ईशम और तेजपाल की मौत के बाद भी चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी नहीं माने और प्रत्याशियों ने धड़ल्ले से शराब बांटी। सूत्रों की बात मानें तो एक व्यक्ति को तीन-तीन नेताओं के करीबियों ने फोन कर शराब दी। दो मौत के बाद अगर प्रत्याशी संभल जाते तो शायद चार जिंदगियां दम न तोड़ती।

तेजपाल (55) पुत्र रामसिंह निवासी फुलगढ़ और ईशम (32) पुत्र राजिंदर निवासी शिवगढ़ ने गुरुवार की रात को शराब पी थी। क्योंकि इस दिन नामांकन करने के बाद गांव में जश्न का माहौल था। जहां कई सौ लीटर शराब बांटी गई थी। सूत्रों की बात मानें तो कई प्रत्याशियों ने शराब बांटी थीं, दोनों शराब पीने के बाद रात को सो गए थे। सुबह दोनों ही मृत अवस्था में मिले थे। परिजनों ने शुक्रवार को ही इनका अंतिम संस्कार कर दिया था। गांव में बात फैल चुकी थी, लेकिन किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। शुक्रवार को भी जमकर शराब बांटी गई और नतीजा चार ग्रामीणों की मौत और हो गई।
शराब पीने के बाद सुबह जब उठे तो तबीयत बिगड़ने के बाद दो ग्रामीणों को अस्पताल ले जाने का मौका भी नहीं मिला। उल्टी, पेट दर्द होने के बाद 15 मिनट में ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य केस में 30 से 45 मिनट बाद ग्रामीणों की मौत हुई। राजू उर्फ राजबीन (45) पुत्र सेवाराम की सबसे पहले मौत हुई। सुबह पांच बजे तबीयत बिगड़ी तो वह उठे और खून की उल्टी हुई।

पेट में दर्द शुरू हुआ, जब तक अस्पताल ले जाने की तैयारी होती तब तक राजू के प्राण जा चुके थे। बिरमपाल (60) पुत्र बलजीत सिंह की भी उल्टी करने के बाद घर में ही मौत हो गई। जबकि अरुण (40) पुत्र चंद्रभान की तबीयत सुबह 6 बजे बिगड़ी। उल्टी के साथ ही दस्त भी लगे। सुल्तानपुर अस्पताल में ले जाया गया, जहां से हरिद्वार रेफर किया गया। बंगाली अस्पताल से जौलीग्रांट रेफर किया गया और बीच में उसकी मौत हो गई। अरुण की पत्नी ने बताया कि रात में शराब पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी। पिछले कई दिनों से वह शराब पी रहे थे। अमरपाल (36) पुत्र गोपाल की भी उल्टी हुई और पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाते समय मौत हुई है।

देहरादून से पहुंचे आबकारी विभााग के आला अफसर
फूलगढ़ शराब कांड की जांच के लिए आबकारी महकमे के अफसर देहरादून से यहां पहुंचना शुरू हो गए हैं। अपर आबकारी आयुक्त पीएस गर्ब्‍याल की अगुवाई में पहुंची टीम ने फूलगढ़ पहुंचकर मृतकों के परिवारों के बयान दर्ज किए। फूलगढ़ शराब कांड की गूंज से आबकारी महकमा भी हिल उठा। आनन फानन में आबकारी महकमे के आला अफसरों ने देहरादून से हरिद्वार दौड़ लगा दी।

अपर आबकारी आयुक्त पीएस गर्ब्‍याल, उप आबकारी आयुक्त रमेश चौहान उप आबकारी उपायुक्त प्रदीप कुमार, सहायक आबकारी आयुक्त प्रवर्तन गढ़वाल मंडल देवेंद्र गोस्वामी तुरंत फूलगढ़ पहुंचे। उन्होंने जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा से पहले पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। फिर उसके बाद आला अफसर गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने एक एक घर का रुख कर परिवार के सदस्यों से बातचीत करते हुए उनके बयान दर्ज किए।
मृतक
बिरम सिंह (55 ) पुत्र बलजीत निवासी फूलगढ,
राजू ( 45) पुत्र सेवाराम निवासी फूलगढ,
अमरपाल (36) पुत्र गोपाल निवासी फूलगढ,
अरुण 28 पुत्र चंद्रभान निवासी फूलगढ,
मनोज 32 निवासी शिवगढ़
तेजपाल 62 पुत्र राम सिंह निवासी फूलगढ
इश्मपाल 35 पुत्र राजेन्द्र निवासी शिवगढ़

कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान को मिला यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार

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भुवनेश्वर: कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान (किस) को साक्षरता यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार 2022 पर सर्वोच्च वैश्विक मान्यता से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार में 20,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। इसे 8 सितंबर 2022 को कोटे डी आइवर में यूनेस्को द्वारा आयोजित एक वैश्विक पुरस्कार समारोह में प्रदान किया गया।

राष्ट्र-निर्माण के उद्देश्य से एक जमीनी स्तर के संगठन के रूप में, KISS को भारत से पाँचवाँ प्राप्तकर्ता होने के लिए प्रतिष्ठित मान्यता प्राप्त है और यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने वाला ओडिशा का पहला और एकमात्र संस्थान है। यह भारतीय गैर-लाभकारी गैर सरकारी संगठनों में तीसरा और इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाला पहला भारतीय आदिवासी-आधारित संगठन है, जो भारत के लिए गर्व की बात है।
किस के लिए यूनेस्को पुरस्कार की घोषणा किस के संस्थापक डॉ. अच्युत सामंत ने किस परिसर में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के उत्सव के दौरान की थी। इस घोषणा को 30,000 किस छात्रों द्वारा स्वतःस्फूर्त उत्सव के साथ पूरा किया गया। किस पूरी तरह से निःशुल्क आवासीय शिक्षा संस्थान है। इसकी स्थापना प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ सामंत ने की थी। यह 70,000 आदिवासी बच्चों (परिसर में शिक्षा प्राप्त करने वाले 30,000 बच्चे और 40,000 पूर्व छात्र) के लिए व्यापक विकास, व्यावसायिक और खेल सशक्तिकरण की गुंजाइश प्रदान करता है।
1993 में 125 छात्रों के साथ स्थापित, यह आदिवासी बच्चों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा शैक्षणिक संस्थान बन गया है। किस का संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न निकायों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग है। यह 2015 से ईसीओएसओसी के साथ विशेष परामर्शदात्री स्थिति में रहा है, जो जनजातीय सशक्तिकरण और शिक्षा में अपनी पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र के जन सूचना विभाग से संबद्ध होने के अलावा कई प्रशंसाओं और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। किस – कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (किट) की एक घटक इकाई है, जो डॉ सामंत द्वारा स्थापित तकनीकी विश्वविद्यालय है।

हरिद्वार शराब कांड में आबकारी आयुक्त की बड़ी कार्रवाई, आबकारी निरीक्षक समेत 9 कर्मचारियों को किया निलंबित

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देहरादून, हरिद्वार शराब कांड में आबकारी आयुक्त की बड़ी कार्रवाई, आबकारी निरीक्षक समेत 9 कर्मचारियों को किया निलंबित को मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद किया निलंबित कर दिया गया | गौरतलब हो कि शुक्रवार 09 सितम्बर 2022 को जनपद हरिद्वार के क्षेत्र-3 लक्सर के अन्तर्गत ग्राम फूलगढ़ एवं शिवगढ़ थाना-पथरी में मदिरा के सेवन से हुई जनहानि होना ज्ञात हुआ। इस सम्बन्ध में अपर आबकारी आयुक्त (ई०आई०बी०) मुख्यालय की प्राथमिक आख्या दिनांक 10.09.2022 में मृत व्यक्तियों द्वारा शराब सेवन की पुष्टि की गयी। उपरोक्त आख्या में क्षेत्र-3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन, हरिद्वार के स्टॉफ की लापरवाही एवं गम्भीर शिथिलता परिलक्षित हुई है। तद्कम में क्षेत्र-3 लक्सर हरिद्वार एवं जनपदीय प्रवर्तन हरिद्वार में तैनात आबकारी निरीक्षक, उप आबकारी निरीक्षक, प्रधान आबकारी सिपाही एवं आबकारी सिपाहियों को उत्तराखण्ड कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के नियम-3 का 1 व 2 में दिये गये प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन का दोषी पाते हुए तालिका में अंकित कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए संयुक्त आबकारी गढ़वाल मण्डल, देहरादून के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया|

एनएचएम मिशन डायरेक्टर आर राजेश कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों क़ो लिखा चेतावनी के साथ पत्र

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देहरादून, उत्तराखंड में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में एनएचएम के मिशन डायरेक्टर राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सख्त चिट्ठी लिखी | गौरतलब हो डेंगू रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। डेंगू रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिये आपको समय-समय पर राज्य स्तर ने उचित दिशा निर्देश व सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसी क्रम में कृपया अधोहस्ताक्षरी द्वारा पूर्व में प्रेषित पत्र संख्या UKHFWS/NHM/NVEDCP/2022/1446 दिनांक 25/07/2022 का सन्दर्भ ग्रहरा करने का कष्ट करें जिसके द्वारा मुख्य सामेव महोदय उत्तराखण्ड शासन द्वारा डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु दिये गये दिशानिर्देश आपको आवश्यक कार्यवाही करने हेतु प्रेषित किये गये थे।

 

असाधारण शिक्षक असंभव को भी संभव बना देते हैं, राज्यपाल ने शिक्षाविदों एवं कला साधकों को दिया ‘‘संस्कृति के सारथी” सम्मानTeachers make impossible possible

देहरादून, हरियाणा में गुरूग्राम, संस्कृति के सारथी संस्था द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) ने प्रतिभाग किया। इस दौरान कार्यक्रम में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले 15 शिक्षाविदों एवं कला साधकों को ‘‘संस्कृति के सारथी सम्मान’’ प्रदान किये।

वही इस मौके पर राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षक की ताकत असाधारण होती है। शिक्षक के कार्य समय की दिशा बदल सकते हैं। वे कभी भी साधारण नहीं होते हैं, असाधारण शिक्षक असंभव को भी संभव बना देते हैं।

इस दौरान उत्तराखण्ड राज्यपाल ने कहा कि आज देश आज़ादी के ‘अमृत महोत्सव’ के बाद अब स्वर्णिम सपनों को साकार करने में लग चुका है। नए सपनों, नए संकल्पों को सच करने के लिए एक नये मुकाम पर पहुँच गया है। आने वाले 25 वर्ष हमारे देश को स्वर्णिम सोपानों पर आगे बढ़ाने वाले हैं।

साथ ही उन्होनें कहा कि आज के बच्चे स्वर्णिम भारत के निर्माण में भूमिका निभाएंगे। आज के विद्यार्थी शिक्षा, ज्ञान, कौशल, मेहनत, लगन, परिश्रम और साधना के बल पर भारत को समृद्ध, सशक्त और विश्वगुरू के रूप में स्थापित करेंगे। इन सब सपनों के पीछे हमारे गुरुओं का सबसे बड़ा योगदान होगा।

उन्होंने कहा कि देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इन सपनों को साकार बनने के लिए ही तैयार की गयी है। यह नीति हमारे शिक्षकों की सक्रियता के बल पर ही धरातल पर उतरेगी। इस शिक्षा नीति को अपने परिश्रम की पराकाष्ठा और बौ़द्धक कुशलता से लागू करेंगे और अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाएंगे।

वही इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्यपाल ने कहा कि संस्कृति के सारथी एक ऐसी संस्था है जो विगत 10 वर्षों से गुरुग्राम में शिक्षा के गुणवत्ता में वृद्धि एवं कला, साहित्य और संगीत के माध्यम से समाज में भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए कार्य कर रही है जो सराहनीय कार्य है। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी और कई लोग उपस्थित रहे।

 

प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में देश की तीन बड़ी संस्थाओं द्वारा पद्मश्री डॉ.
बी.के.एस. संजय को किया सम्मानित

देहरादून, सम्मान पाना सबको अच्छा लगता है लेकिन सम्मान किसी खास व्यक्ति या संस्था द्वारा दिया जाए तो सम्मान पाने वाले के जीवन में इसका महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि सम्मान उत्प्रेरक का काम करता है। ऐसी ही संस्थाऐं हैं विश्व प्रसिद्ध माउंट आबू स्थित प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विकलांगों के प्रति समर्पित उदयपुर, राजस्थान की नारायण सेवा संस्थान एवं इंदौर, मध्यप्रदेश स्थित लगभग 150 साल पुराने ट्रस्ट द्वारा संचालित वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय जिसने हाल ही में हमारे प्रदेश के प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित ऑर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय को सम्मानित किया।

माउंट आबू में आयोजित माइंड बॉडी मेडिसिन सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन राजयोगिनी डॉ. रतन मोहिनी द्वारा किया गया जिसमें कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री डॉ. बी. के. एस. संजय के अतिरिक्त ब्रह्माकुमारी संस्था के पदाधिकारी डॉ. बनारसी लाल शाह, डॉ. अशोक मेहता, डॉ. प्रदीप मिड्डा, राजयोगी मृत्युंजय भाई इत्यादि सम्मिलित थे। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल शाह द्वारा डॉ. बी. के. एस. संजय को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

डॉ. संजय ने ब्रह्माकुमारी में अपने संबोधन में बताया कि विचार किसी भी कार्य का प्रथम स्रोत है। परिवर्तन एक सार्वभौमिक सत्य है और किसी भी व्यक्ति एवं समाज में बदलाव लाने के लिए विचारों का बदलना एक सहज सस्ता और सरल उपाय है। राजयोग के उपयोग से न केवल मानसिक और आध्यात्मिक बदलाव लाया जा सकता है बल्कि शारीरिक और भौतिक भी।
राजयोग द्वारा मनुष्य अधिक क्रियाशील, कार्यकुशल और जागरूक बन जाता है। राजयोग मनुष्य में जीवन के प्रति मूलभूत परिवर्तन ला देता है। वह संसारी होते हुए भी विदेही होता है इसी कारण वह न केवल पारिवारिक बल्कि समाज के लिए भी एक लाभदायक अंग बन जाता है।

गौरतलब है कि डॉ. संजय नेे वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय के अभिनंदन 2022 समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर आए हुए छात्र-छात्राओ, शिक्षकों, अभिभावकोें एवं कर्मचारियों को अपने संबोधन में जीवन में सफलता के मूल मंत्र बताए। उन्होंने बताया कि जीवन में सफलता पाने के लिए व्यवहार, ज्ञान और कौशल महत्वपूर्ण है और यह भी इसी क्रम में। व्यवहार का योगदान लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा होता है जबकि ज्ञान का 30 प्रतिशत तथा कौशल का योगदान 10 प्रतिशत ही होता है। इसी तरह से उन्होंने कहा सोने के अंडे देने वाली भ्म्छ एच फॉर हेल्थ, ई फॉर एजुकेशन एवं एन फॉर न्यूट्रिशन किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक विकास के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

नारायण सेवा संस्थान के सभागार में आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पैरों के चलने का महत्व हृदय और फेफड़ों से ज्यादा है। यदि हम सब लोग अपने पैरों से चलते ना होते तो हम सब आज यहां नहीं पहुँच पाते जहां पहुँच गए हैं। शिक्षित एवं स्वस्थ व्यक्ति ना केवल अपने काम पूरे कर सकता है बल्कि वह औरों के काम में भी सहयोग दे सकता है और सहयोग ही हमारे जीवन का आधार है।

डॉ. संजय अपने प्रदेश उत्तराखण्ड का परचम देश-विदेश में फहरा रहे हैं। यह न केवल डॉ. संजय के लिए बड़े गौरव की बात है बल्कि यह पूरे प्रदेश वासियों के लिए भी गौरव की बात है कि डॉ. संजय जैसे समाज सेवी को अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ब्रह्माकुमारी, नारायण सेवा संस्थान एवं वैष्णवी ट्रस्ट जैसी संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया।