Tuesday, May 13, 2025
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कैसे NDF और SIMI हो गए पीएफआई में तब्दील, तीन दशकों से चला आ रहा आतंक का दुष्चक्र

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नई दिल्ली, वर्ष1993 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद केरल में स्थापित हुआ एनडीएफ जल्द ही देश में कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया। 2006 में यह पीएफआई के नाम से जाना जाने लगा। फिर तीन दशकों के भीतर इसने 17 राज्यों में कार्यालय और 22 राज्यों में अपना प्रभाव स्थापित किया। 2010 में शिक्षक के हाथ काटने से लेकर 2018 में आईएस आतंकी संगठन से जुड़ने तक। पढ़ें, पीएफआई कैसे धीरे-धीरे अपनी असलियत दिखाने लगा…

देश में कथित तौर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते केंद्र सरकार ने पीएफआई संगठन पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। संगठन के खिलाफ केंद्र ने डिजिटल स्ट्राइक भी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सरकार इन संगठनों के ग्रुप को ब्लॉक करने जा रही है। तीन दशकों से चल रहे आतंक के इस दुष्चक्र की शुरुआत बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मानी जाती है। आइए, जानते हैं यह संगठन कब-कब हाईलाइट हुआ…

1993: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद केरल में कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा (एनडीएफ) की स्थापना की। बाद के वर्षों में, तमिलनाडु में कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (केएफडी) और मनीथा नीति पासारी (एमएनपी) जैसे समान संगठन बनाए गए।

1997: स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया की स्थापना उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुई। इसने कई राज्यों में अपना आधार फैलाया।

2001: सिमी को “यूएपीए के तहत राष्ट्र विरोधी गतिविधियों” के लिए “आतंक” में शामिल होने के लिए प्रतिबंधित किया गया था।

2004: एनडीएफ, केएफडी और एमएनएफ का विलय हुआ और दक्षिण राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और फिर एकीकृत आंध्र प्रदेश में संयुक्त कार्रवाई के लिए दक्षिण भारत परिषद का गठन हुआ।

2006: 9 दिसंबर को, साउथ इंडिया काउंसिल को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के रूप में नया नाम दिया गया, जिसमें सिमी के कई पूर्व सदस्य संगठन में शामिल हो गए। पीएफआई ने अपने कैडरों के लिए एनडीएफ की वर्दी, मार्शल आर्ट प्रशिक्षण को अपनाया और इसके सदस्यों का रोल नहीं बताया ताकि संगठन में कुछ भी पता नहीं लगाया जा सके।

2009: पीएफआई ने अपनी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की स्थापना की।

2010: पीएफआई ने देश का ध्यान उस वक्त खींचा जब उसके कार्यकर्ताओं ने मुवत्तुपुझा (एर्नाकुलम) में न्यू मैन्स कॉलेज में मलयालम शिक्षक प्रोफेसर टी जे जोसेफ के हाथ काट दिए। उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था।

2015: जोसेफ मामले में पीएफआई के 13 कार्यकर्ताओं को उम्रकैद की सजा हुई।

2017: केरल सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि पीएफआई सदस्य 106 आपराधिक मामलों में शामिल थे, जिसमें 27 हत्याएं शामिल थीं, जिनमें से अधिकांश सीपीआईएम और आरएसएस में इसके राजनीतिक विरोधियों की थीं।

2018: अफगानिस्तान में आईएस में शामिल होने के लिए उत्तर केरल के एक गांव से महिलाओं और बच्चों सहित 2018 में कम से कम 22 लोग गायब हो गए। इनमें से कुछ पीएफआई के सदस्य बताए गए।

2019: जैसे-जैसे पीएफआई का प्रभाव बढ़ता गया, उसने अपना मुख्यालय केरल के कोझीकोड से दिल्ली में शिफ्ट कर दिया।

2022: पीएफआई के 17 राज्यों में कार्यालय हैं और 22 राज्यों में प्रभाव है। यूएपीए, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत लगभग 1,400 मामलों में इसके कार्यकर्ता आरोपी है।

29 अगस्त: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएफआई गतिविधियों पर हाई लेवल बैठक की और पीएफआई पर ऐक्शन के लिए एक कार्य योजना तैयार की।

22 सितंबर: देश भर में पीएफआई कार्यालयों और प्रमुख पदाधिकारियों के घरों पर देशव्यापी छापेमारी की गई और 106 पीएफआई नेताओं और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

27 सितंबर: उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में एक और देशव्यापी छापेमारी हुई। पीएफआई से जुड़े 170 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया।

क्यों ? हो रही है दीपिका पादुकोण की बार-बार तबीयत खराब, क्या रणवीर सिंह से जुड़ी है टेंशन की तार

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मुम्बई, दीपिका पादुकोण को 27 सितंबर की रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। एक्ट्रेस ने बेचैनी की शिकायत की थी। शाम को अस्पताल में एक्ट्रेस के कई टेस्ट किए गए। बॉलीवुड एक्ट्रेस अब बेहतर महसूस कर रही हैं और आज शाम तक उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है। जहां उनके स्वास्थ्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, वहीं यह माना जा रहा है कि उनके काम के शेड्यूल ने उनके स्वास्थ्य पर भारी असर डाला है। साथ ही दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के बीच अनबन की भी चर्चा है। इन सभी अफवाहों के बीच, अभिनेत्री के परिवार या टीम की ओर से उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर कोई बयान नहीं आया है।

इससे पहले जून में, तेलुगु स्टार प्रभास और अमिताभ बच्चन के साथ नाग अश्विन की फिल्म के सेट पर उनकी तबीयत खराब हो गई थी। उसकी हृदय गति बढ़ गई थी, जिसके बाद वह हैदराबाद के एक अस्पताल में पहुंच गई। इसके कुछ दिनों बाद अभिनेत्री ने फिल्म की शूटिंग फिर से शुरू कर दी थी।
आपको बता दे कि दीपिका पादुकोण एक लंबे समय तक डिप्रेशन से जूझ चुकी हैं। वह अपने डिप्रेशन के बारे में कई बार खुलकर बात कर चुकी हैं।

 

काम के मोर्चे पर, दीपिका शाहरुख खान-स्टारर ‘पठान’ में अपने ‘देसी बॉयज़’ के सह-कलाकार जॉन अब्राहम के साथ दिखाई देंगी। SRK और दीपिका अपनी ब्लॉकबस्टर ‘ओम शांति ओम’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘हैप्पी न्यू ईयर’ को देखते हुए अब तक की सबसे बड़ी ऑन-स्क्रीन जोड़ियों में से एक हैं।
‘प्रोजेक्ट के’ की बात करें तो यह फिल्म दीपिका और प्रभास की एक साथ पहली फिल्म है। यह दीपिका की पहली तेलुगु फिल्म भी है। फिल्म में अमिताभ बच्चन और दिशा पटानी भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं, और नाग अश्विन द्वारा निर्देशित है। इनके अलावा वह ऐनी हैथवे और रॉबर्ट डी नीरो स्टार्टर द इंटर्न के बॉलीवुड रीमेक के लिए अपने पीकू सह-कलाकार अमिताभ बच्चन के साथ फिर से जुड़ने के लिए तैयार हैं। नैन्सी मेयर्स द्वारा निर्देशित, मूल फिल्म एक 70 वर्षीय विधुर (रॉबर्ट डी नीरो) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ऑनलाइन फैशन वेबसाइट पर एक वरिष्ठ प्रशिक्षु बन जाता है, जहाँ वह कंपनी के वर्कहॉलिक सीईओ जूल्स के साथ एक अप्रत्याशित दोस्ती बनाता है, जिसे ऐनी हैथवे ने निभाया है(साभार प्रभासाक्षी)।

पंचायत सामान्य निर्वाचन-2022 : मतगणना कार्य को शान्तिपूर्वक, निष्पक्ष तथा पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

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हरिद्वार,(कुलभूषण) जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत बुधवार को प्रातः ही कैम्प कार्यालय रोशनाबाद से त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2022 के मत गणना कार्य को शान्तिपूर्वक, निष्पक्ष तथा पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने के उद्देश्य से पूरे जनपद के निरीक्षण पर निकले।
जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वप्रथम विकासखण्ड बहादराबाद के राष्ट्रीय इण्टर कॉलेज परिसर रोहालकी किशनपुर पहुंचे, जहां त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2022 के मत गणना के लिये 80 टेबल लगाई गयी थीं, वे एक-एक करके सभी टेबलों पर पहुंचे, जिनमें मतगणना की प्रक्रिया का कार्य उत्तरोत्तर गति से चल रहा था। यहां की मत गणना का कार्य तथा व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुये वे सीधे राघोमल नेशनल इण्डस्ट्रियल इण्टर कॉलेज, भगवानपुर पहुंचे, जहां उन्होंने मतगणना की व्यवस्थाओं को जांचा और परखा तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि आदर्श आचार संहिता के तहत धारा-144 के अन्तर्गत किसी को भी विजय जुलूस आदि निकालने की इजाजत नहीं है। अन्यथा की स्थिति में नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भगवानपुर से निरीक्षण करते हुये रूड़की के कन्हैया लाल डीएबी इण्टर कॉलेज पहुंचे, जहां उन्होंने मतगणना की प्रगति के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों से जानकारी ली तथा उन्हें दिशा-निर्देश दिये। इसके पश्चात वे यहां से रवाना होते हुये कृषि उत्पादन मण्डी समिति मंगलौर पहुंचे, जहां नारसन ब्लॉक की मतगणना चल रही थी। यहां भी उन्होंने पूरे हॉल में चल रही मतगणना प्रक्रिया का बारीकी से जायजा लिया।
जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत कृषि उत्पादन मण्डी समिति से होते हुये भगवान शंकर इण्टर कॉलेज पहुंचे, जहां खानपुर ब्लॉक की मतगणना का कार्य चल रहा था। उन्होंने यहां अधिकारियों से कितने राउण्ड की मतगणना हो गयी है आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी हासिल की। वे यहां से केबी इण्टर कॉलेज लक्सर पहुंचे, यहां भी उन्होंने मतगणना की प्रक्रियाओं तथा व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करते हुये अधिकारियों को शान्तिपूर्वक, निष्पक्ष तथा पारदर्शिता से मतगणना कार्य दु्रतगति से सम्पन्न कराने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये तथा सभी विकास खण्डों में मतगणना की प्रक्रिया शान्तिपूर्वक व सुचारू रूप से संचालित होने पर सन्तोष व्यक्त किया।
भ्रमण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन, परियोजना निदेशक श्री विक्रम सिंह, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व)श्री बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी(प्रशासन) श्री पीएल शाह, सचिव एचआरडीए श्री उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम श्री पूरण सिंह राणा, एसडीएम रूड़की श्री विजय नाथ शुक्ल, एसडीएम लक्सर श्री गोपाल राम बिनवाल, एसडीएम भगवानपुर श्री वैभव गुप्ता, सचिव रेडक्रास डॉ0 नरेश चौधरी, एसपी देहात श्री प्रमेन्द्र डोभाल, जिला पंचायत राज अधिकारी श्री अतुल प्रताप सिंह, जिला विकास अधिकारी श्री वेद प्रकाश, मुख्य कृषि अधिकारी श्री नरेन्द्र यादव, समाज कल्याण अधिकारी श्री टीआर मलेठा, जिलाधिकारी के मुख्य वैयक्तिक अधिकारी श्री सुदेश कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

मालिक की गालियों से गुस्साया नौकर, चाकू से गला रेतकर ली जान; 15 दिन पहले ही मिली थी नौकरी

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गुरुग्राम(पीटीआई), गुरुग्राम में 42 वर्षीय एक व्यक्ति की चाकू से गला रेत कर हत्या करने के आरोप में उसके नौकर को गिरफ्तार किया है। आरोपी नौकर को करीब 15 दिन पहले की काम पर रखा गया था। पुलिस ने सोहना सदर थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी से पूछताछ कर रही है।

पुलिस ने रविवार को बताया कि आरोपी की पहचान कानपुर के रहने वाले पवन उर्फ ​​छोटू (22) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने खुलासा किया है कि मृतक नशे की हालत में था और उसे गालियां दे रहा था, इसलिए गुस्से में आकर उसने उसकी हत्या कर दी।

दो सप्ताल पहले की पवन को काम पर रखा था

मृतक का नाम सतीश यादव (42) था, जो पेश से किसान था और सोहना के वार्ड 10 में रहता था। उसका गांव जाखोपुर के पास एक खेत था और उसने लगभग दो सप्ताह पहले पवन को उसकी देखभाल के लिए काम पर रखा था।

घटना शनिवार रात की है, जब सतीश यादव अपने खेत में शराब पी रहा था और पवन उसकी सेवा कर रहा था। आधी रात के बाद दोनों के बीच कहासुनी हो गई और गुस्से में नौकर ने चाकू लेकर सतीश का गला रेत कर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया।

खून से लथपथ हालत में खेत में पड़ा मिला शव

पुलिस के मुताबिक, रविवार सुबह सतीश यादव का शव उनके परिवार वालों को खून से लथपथ हालत में खेत में पड़ा मिला। परजिनों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर जाकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक के भाई संदीप यादव की शिकायत पर सोहना सदर थाने में नौकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

सोहना सदर थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर जय सिंह ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने खुलासा किया कि उसने सतीश यादव की हत्या इसलिए की क्योंकि उसने उसे गाली दी थी। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं और जल्द ही उसे अदालत में पेश करेंगे।

वामपंथी संगठनों का प्रदर्शन, बोले- अंकिता को इंसाफ, बेरोजगारों को मिले रोजगार

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देहरादून, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, एसएफआई और विभिन्न संघठनों के लोगों, छात्रों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर राजपुर रोड स्थित माकपा कार्यालय से सचिवालय कूच किया। इस दौरान सभी ने अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग की। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने की मांग की। इसके अलावा राज्य के अन्य मुद्दों को भी उठाया गया। इस दौरान वक्ताओं में सदस्य केंद्रीय कमेटी विजु कृष्णन, सचिव उत्तराखंड राज्य कमेटी राजेन्द्र नेगी, अखिल भारतीय संयुक्त सचिव खेत मजदूर यूनियन विक्रम सिंह आदि ने अपने विचार रखे। भोजन माता संगठन भी प्रदर्शन में शामिल रहा।

एबीवीपी का डीएम आफिस के बाहर प्रदर्शन

देहरादून, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान डीएवी में आंतरिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए उन्होंने प्राचार्य को हटाने की मांग की। साथ ही 23 सितंबर को कैफे में नकल करवा रही शिक्षिका के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की।

परिषद की ओर से अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी डीएम को सौंपा गया। महानगर मंत्री करन घाघट ने कहा कि परिषद के कार्यकर्ताओं ने कुछ दिन पूर्व आंतरिक परीक्षा में धांधली का खुलासा किया था। लेकिन उसमें ये सामने आया था कि आरोपी शिक्षिका के साथ ही कालेज के अन्य स्टाफ की भी इसमें भूमिका हो सकती है। लेकिन इसकी जांच नहीं की गई ना ही शिक्षिका पर कानूनी कार्रवाई हुई। जिसमें प्राचार्य की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में प्राचार्य को निलंबित करने की मांग की गई। ज्ञापन देने में विभाग सयोंजक अनिता रांगड़, जिला सयोंजक चन्दन नेगी, जिला सहसयोंजक किरन कठायत, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनीषा राणा, गौरव तोमर, दयाल बिष्ट, चेतना चौहान, अभिजीत, सुजीत सिंह, नगर मंत्री अमन जोशी, नवदीप राणा, यशप्रताप बिष्ट, प्रियांशु, मनीष, कंचन पंवार और अमन पन्त आदि उपस्थित रहे।

पिथौरागढ़ में भूस्खलन से हुआ मार्ग अवरुद्ध : SDRF ने फंसे हुए लोगों को सुरक्षित मार्ग से कराया पार

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पिथौरागढ़, जनपद में भूस्खलन होने से मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिसके चलते लोग वहां फंस गए, जिसके बाद DDMO पिथौरागढ़ द्वारा SDRF टीम को सूचित किया गया कि गुरना मंदिर के पास भूस्खलन से आये मलवे के कारण मार्ग अवरुद्ध होने से सैकड़ो लोग फंस गए है, जिन्हें सुरक्षित मार्ग पार कराए जाने हेतु SDRF की आवश्यकता है।
उक्त सूचना पर SDRF रेस्क्यू टीम SI मनोहर कन्याल के साथ रेस्क्यू उपकरण लेकर घटनास्थल पर पहुँची।
SDRF टीम द्वारा मौके पर पहुँचकर स्थिति का जायजा लिया गया, जहाँ मुख्य मार्ग मलबा आने से पूरी तरह ध्वस्त हो गया था तथा पार करने के लिए भी अत्यधिक दुर्गम हो चुका था |

SDRF टीम द्वारा वैकल्पिक रास्ते का चयन करते हुए वहाँ फंसे बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं व अन्य को अपने सुरक्षा घेरे में लेते हुए धीरे-धीरे सुरक्षित मार्ग पार कराकर गन्तव्य हेतु भेजा गया।

नियमों की अनदेखी करने और कानून का पालन नहीं करने पर होटल को संयुक्त टीम ने किया सील

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मसूरी, नियमों की अनदेखी करने और कानून का पालन नहीं करने पर संयुक्त टीम ने शहर में एक होटल को सील किया। इसके साथ ही कई अन्य का लाइसेंस निरस्त कर जुर्माना लगाया।मंगलवार को एसडीएम नरेश चंद्र दुर्गापाल के नेतृत्व में पर्यटन विभाग, एमडीडीए, नगर पालिका मसूरी तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली की संयुक्त टीम ने होटलों, स्पा सेंटर, रिसार्ट तथा शराब की दुकानों का निरीक्षण किया। बड़ा मोड़ स्थित होटल इंडिया को पूर्णत: सील किया गया |

होटल प्रतीक्षा के चार कमरे सीज कर बीस हजार का जुर्माना लगाया गया। होटल सालिटेयर प्लाजा पर 1,90,000 लाख का जुर्माना, लंढौर स्थित होटल आशीर्वाद के ऊपर की दो मंजिल, जिसमें दस कमरे व एक स्वीमिंग पूल बना है, को सीज कर दस हजार जुर्माना, होटल वेस्टर्न काटेज का लाइसेंस निरस्त कर दस हजार का जुर्माना लगायात्र।
होटल शिवालिक पर 1,24,000 लाख जुर्माना, संजय जैन होम स्टे का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना, होटल अमर ग्रांट का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना, जायसवाल होम स्टे का लाइसेंस निरस्त व दस हजार जुर्माना लगाया गया।

इसके साथ ही लंढौर स्थित वाइन शाप के निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर 15 हजार जुर्माना लगाया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस अधिनियम धारा 83 में चार चालन किए गए और 40,000 जुर्माना लगाया गया। टीम में अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी, एमडीडीए के अवर अभियंता मनवीर सिंह पंवार, नायब तहसीलदार भौपाल सिंह चौहान, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दिग्पाल सिंह कोहली, जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चौहान आदि शामिल रहे।

जांच के रुपये अपने खाते में डलवा रहे कर्मचारी

देहरादून, दून मेडिकल कालेज अस्पताल की केंद्रीय लैब में कर्मचारी खून की जांच का पैसा अपने खातों में डलवा रहे हैं। ऐसा एक मामला सामने आया है। जिसपर लैब प्रभारी ने जांच शुरू कर दी है।

लैब प्रभारी डा. शशि उप्रेती ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि गुरुवार को एक मरीज विद्या ने आनलाइन भुगतान के लिए बिलिंग काउंटर पर संपर्क किया। उनके पास नकदी नहीं होने पर उन्होंने गूगल पे करने को कहा, पर अस्पताल में ऐसी व्यवस्था नहीं है। पता चला कि एक महिला कर्मचारी ने 1300 रुपये अपने खाते पर आनलाइन ट्रांसफर करा दिए।

किसी से भी अपने खाते रुपये लेना गलत बात

एक कर्मचारी का नंबर भी रिपोर्ट लेने के लिए दिया गया, लेकिन बिल नहीं कटवाया गया। बताया कि अफसरों को जानकारी पर कर्मचारियों ने उक्त मरीज को फोन कर बुलाया और अगले दिन बिल कटवाया। प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना ने कहा कि अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड बिलिंग की व्यवस्था है। किसी से भी अपने खाते रुपये लेना गलत बात है। पीओसीटी के अफसरों ने बताया कि दोनों कर्मचारी हटा दिए हैं। उधर, पूर्व में भी इस तरह के कार्य किए जाने की बात सामने आई है। वहीं अस्पताल में आनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू करने की मांग मरीज करते रहे हैं। इस ओर पहल न होने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।

अंकिता भंडारी हत्याकांड : अभद्र टिप्पणी करने को लेकर गुस्साएं लोगों ने हरिद्वार- देहरादून हाइवे पर लगाया जाम

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देहरादून, अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विपिन कर्णवाल की ओर से इंटरनेट मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर नाराज स्थानीय नागरिकों ने दूसरे दिन भी रायवाला थाने के समक्ष प्रदर्शन किया। उन्‍होंने इस मामले में सख्‍त कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शकारियों ने हरिद्वार-देहरादून हाइवे पर जाम लगा दिया है। पुलिस प्रदर्शकारियों से बात कर जाम खुलवाने का प्रयास कर रही है। हालांक‍ि प्रदर्शनकार‍ियों का कहना है क‍ि इस तरह की मामले में शीघ्र कार्रवाई होनी चाह‍िए |
बीते मंगलवार को रायवाला निवासी विपिन कर्णवाल ने इंटरनेट मीडिया पर अंकिता भंडारी और उसके परिवार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की, जिसे लेकर स्थानीय नागरिकों में गुस्सा है।

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ भी नारेबाजी की। उनका आरोप था कि दो दिन बाद भी पुलिस ने अब तक विपिन कर्णवाल पर कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने विपिन के रायवाला स्थित होटल व रिजार्ट की जांच की मांग भी की।

तबादलों के नियम बदलकर सरकार ने दी कर्मचारियों को बड़ी राहत, जानिए नये नियमों से कैसे होंगे तबादले

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देहरादून, उत्तराखंड की धामी सरकार ने तबादलों के नियम बदलकल कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। राज्य में परिवहन, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, सिंचाई, वित्त, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, कौशल विकास एवं सेवायोजन, पशुपालन विभागों में तबादलों में छूट दी गई है। एक नजर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु की अध्यक्षता में गठित हुई समिति की बैठक में किन फैसलों पर लगी मुहर।

मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की अध्यक्षता में गठिति समित की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये। सबसे अहम फैसला वार्षिक स्थानांतरण की धारा 27 के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाई के चलते यह निर्णय लिया गया। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने इस संबध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। शिक्षा विभाग ने दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने वाले शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों से छूट देने के प्रस्ताव दिया था। ऐसे शिक्षकों को एक वर्ष के लिए छूट दे दी है। बशर्ते ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्रशासनिक आधार पर इस अवधि में कोई कारवाई न हो। समिति ने राज्य कर के सभी जिला मुख्यालयों को सुगम में रखने की मंजूरी दी है। इनमें स्थानांतरण के मानक भी तय कर दिए हैं। एक जिले में पांच वर्ष अथवा एक पद पर लगातार तीन वर्ष की सेवा पूरी करने वाले अफसर व कर्मचारी स्थानांतरण के पात्र माने जाएंगे। अलबत्ता, राज्य प्रतिनिधि मुख्यालय व हाईकोर्ट में तैनाती की अवधि की गणना से छूट दी जाएगी। सचल दल में तैनाती के 270 दिन बाद तबादलों के दायरे में आएंगे।

आरटीओ, एआरटीओ, परिवहन कर अधिकारी और आरआई (टैक्निकल) संवर्ग में पदों की संख्या कम होने पर इनका तबादला विभागीय नियमावली के आधार पर किया जाएगा। सुगम में तीन वर्ष अथवा पूरे सेवाकाल में आठ वर्ष जो अफसर तैनात रहे हैं, वहीं, तबादले की जद में आएंगे। इसी तरह इन संवर्गों में दुर्गम में दो वर्ष की सेवा पर तबादले का लाभ दिया जाएगा। वहीं मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को राहत नहीं दी गई है, ये कर्मचारी स्थानांतरण एक्ट के ही दायरे में आएंगे।

पीएमएस संवर्ग के विशेषज्ञों चिकित्सकों के साथ ही प्रशासनिक पदों पर तैनात निदेशक, अपर निदेशक और संयुक्त निदेशकों को भी अनिवार्य तबादलों में एक वर्ष के लिए छूट मिली है। चिकित्सा शिक्षा विभाग में संकाय सदस्यों की तैनाती के संबंध में धारा 27 के तहत छूट का प्रावधान देने को अलग से प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

अंकिता के परिजनों को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी,

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिवंगत अंकिता भण्डारी के परिजनों को 25 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अधिकारियों को इसके लिये निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अंकिता के परिवार के साथ है और उनकी हर प्रकार से सहायता करेगी। मामले की एसआईटी जांच की जा रही है। पूर्ण निष्पक्ष तरीके से जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। मामले से संबंधित हर तथ्य को जुटाते हुए पुख्ता तरीके से रिपोर्ट तैयार कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। अपराधियों को ऐसी सजा दिलाई जाएगी जो आगे के लिए भी नजीर बने। पीङित परिवार को त्वरित न्याय मिल सके, इसके लिये फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के लिए माननीय न्यायालय से अनुरोध किया गया है।