देहरादून, 18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट 2025 के अंतर्गत टीम ए ने बी टीम को पराजित करते हुए प्रतियोगिता जीतकर चैम्पियनशिप अपने नाम की।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के ग्राउंड में खेली जा रही 18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट 2025 के अंतर्गत फाइनल मैच टीम ए मोनाल सदन व मंदाकिनी सदन तथा टीम बी सागवान सदन एवं शिवालिक सदन के मध्य खेला गया। इस अवसर पर दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और अपनी अपनी टीमों के शानदार रन बनाये।
मैच के अंतिम समय टीम ए के खिलाड़ियों ने शानदार खेलते हुए 40 रन से मैच जीतकर खिताब अपने नाम कर लिया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी,, सारिका जैन आदि ने विजेताओं एवं उप विजेता टीमों को प्रमाण पत्र एवं ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अधिराज चौधरी को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार प्रदान किया गया और वहीं यश बुटोला को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी,, सारिका जैन, शिक्षक शिक्षिकायें एवं अन्य खेल प्रेमी उपस्थित रहे।
18वें रोहिताश सिंह मैमोरियल अन्तर्सदनीय जूनियर ब्वॉयज सुपर एट्स क्रिकेट टूर्नामेंट, टीम ए ने किया चैम्पियनशिप पर कब्जा
उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने वरिष्ठ आंदोलनकारी ने आशुतोष नेगी का किया अभिनंदन
देहरादून, उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने कचहरी स्थित शहीद स्थल के सभागार में एक आम बैठक आयोजित कर वरिष्ठ आंदोलनकारी आशुतोश नेगी नागरिक अभिनंदन किया। इससे पहले परिषद ने उत्तराखंड के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूकेडी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ने बताया कि जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने पर किस तरह भाजपा की उत्तराखंड सरकार द्वारा उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजा गया। जनता के संघर्षों के परिणाम स्वरूप न्यायालय को उन्हें जमानत देनी पड़ी।
इस अवसर पर आशुतोष नेगी ने संघर्षशील जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि संयुक्त परिषद द्वारा उनका सम्मान किए जाने से उनका मनोबल बढ़ा और भविष्य में उत्तराखंड में भाजपा के कुशासन के खिलाफ व्यापक राजनीति बनाई जाएगी। परिषद के संरक्षक नवनीत गुसाईं ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आपसी एकता के बल पर हम भाजपा के खिलाफ लड़ सकते है ।
सीपीएम सचिव अनन्त आकाश ने कहा कि भाजपा विरोधी सभी विचार धाराओं को साझा कार्यक्रम को लेकर एकजुट होकर संघर्ष करते हुए भाजपा की कॉरपोरेट एवं सांप्रदायिक के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा तभी भाजपा को आगामी विधान सभा चुनाव में सत्ता से बाहर किया जा सकता है। यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री लताफ़त हुसैन एवं प्रवक्ता जब्बर सिंह पॉवेल ने जनता की एकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में अनंत आकाश, नवनीत गुसाईं, बलबीर नेगी, चिंतन सकलानी, सुरेश कुमार, त्रिलोक सिंह, वीर सिंह पंवार, कुशाल गाड़िया, सुभाग फर्स्वाण, रमेश बुराई, पंकज चौहान, अमित पंवार कालेश्वर नेगी, जबर सिंह पावेल, साधना देवी, अधिवक्ता सत्या डोगरा, सीमा देवी, मधु ठाकुर, अरुण डोंडियाल, राजकली, पुष्पा देवी, प्रियंका रानी, मधु नेगी सरोज, शंभु अंसारी, उपेन्द्र, डीडी पंत, देवचन्द उत्तराखंडी, रामपाल प्रभात डंडरियाल आदि मौजूद रहे l
बीएससी के छात्र ने खुद के सिर पर मारी गोली, अस्पताल में भर्ती, हालत नाजुक
देहरादून, शिक्षा का हब कहा जाने वाला दून में बुधवार को एक छात्र अपने की गोली मार दी, मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड के 20 वर्षीय छात्र शशि शेखर ने अपने कमरे में पिस्तौल से खुद के सिर पर गोली मार ली। गंभीर रूप से घायल शशि को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार, शशि शेखर झारखंड का रहने वाला था और प्रेमनगर के एक निजी कॉलेज में बीएससी कृषि के द्वितीय वर्ष का छात्र था। वह प्रेमनगर में अपने दो अन्य सहपाठियों के साथ किराए के मकान में रहता था। बुधवार देर शाम, जब वह कमरे में अकेला था, उसने अपनी पिस्तौल से सिर पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग और उसके रूममेट्स मौके पर पहुंचे। खून से लथपथ शशि को देखकर सभी के होश उड़ गए। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान बचाने की कोशिश में जुटे हैं।
घटना की सूचना मिलते ही प्रेमनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि शशि के पास पिस्तौल कहां से आई और उसने आत्महत्या के प्रयास जैसा कठोर कदम क्यों उठाया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि घटना के समय शशि कमरे में अकेला था, और उसके रूममेट्स बाहर थे। पुलिस ने घटनास्थल से पिस्तौल बरामद कर ली है और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, शशि के रूममेट्स और कॉलेज के सहपाठियों से पूछताछ की जा रही है ताकि आत्महत्या के प्रयास के कारणों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय लोगों और कॉलेज प्रशासन में इस घटना को लेकर गहरा शोक और आश्चर्य है। शशि के परिजनों को सूचित कर दिया गया है, जो झारखंड से देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या शशि किसी मानसिक तनाव, पढ़ाई के दबाव या निजी समस्या से जूझ रहा था। प्रेमनगर क्षेत्र में इस तरह की घटना ने छात्रों और अभिभावकों के बीच सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। शशि के मोबाइल फोन और निजी सामान की भी जांच की जा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। पुलिस जांच में जुटी है कि आखिर छात्र ने यह कदम क्यों उठाया l
ऐतिहासिक “सूर्या देव भूमि चैलेंज” यात्रा भब्य उद्घाटन के साथ हुई शुरु।
” भारतीय सेना के सूर्या कमान ओर पर्यटन विभाग उत्तराखंड व रेडियो मिर्ची के सहयोग से आयोजित इस असाधारण कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास को मिलाना है”।
रुद्रप्रयाग(देवेंन्द्र चमोली)- भारतीय सेना व पर्यटन विभाग उत्तराखंड के सहयोग से गढ़वाल क्षेत्र में रोमांचक गतिविधि, स्थानीय धरोहर, और सतत विकास को एक नवीन उर्जा प्रदान करने हेतु “सूर्या देव भूमि चैलेंज 2025 ” की शुरुआत गढ़वाल हिमालय में भव्य एक्सपो और उद्घाटन समारोह के साथ हुई।
17 अप्रैल को हरसिल में आयोजित एक रोमांचक एक्सपो से शुरु इह आयोजन का 18 अप्रैल को नेलांग घाटी में एक भव्य उद्घाटन समारोह होगा। 18 अप्रैल, 2025 को बहुप्रतीक्षित सूर्य देव भूमि चैलेंज 2025 का आधिकारिक तौर पर उत्तराखंड पर्यटन और रेडियो मिर्ची के सहयोग से भारतीय सेना की सूर्या कमान द्वारा आयोजित इस असाधारण कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के लुभावने गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास को मिलाना है।
आयोजकों से मिली जानकारी के अनुशार सूर्य देव भूमि चैलेंज भारत का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक चलने वाले इस तीन दिवसीय चुनौतीपूर्ण अभियान में साइकिलिंग और ट्रेल रनिंग को अनोखे ढंग से एकीकृत करने का प्रयास किया जायेगा। प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों का भ्रमण करेंगे और अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक लचीलेपन का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का अनुभव करेंगे।
कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा
-साइकिलिंग अभियानः 18 अप्रैल को 110 किमी मार्ग (नेलांग गंगोत्री – हरसिल – भटवाडी)
– ट्रेल रनिंगः 19 अप्रैल को 37 किमी मार्ग (भटवारी – बूडा केदार)
– ट्रेल + वैली रनः 20 अप्रैल को कुल मार्ग (धुद्ध त्रियुगीनारायण सोनप्रयाग) 40 किमी
चैलेंज के दौरान यात्रा किए गए मार्ग उत्तराखंड के कुछ सबसे शानदार और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण परिदृश्यों से होकर गुजरते हैं, जो एक अविस्मरणीय यात्रा के लिए मंच तैयार करते हैं।
उद्घाटन समारोह में, मुख्यालय उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्रा ने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिवद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसरों के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है।”
सूर्य देव भूमि चैलेंज के मुख्य उद्देश्यों में ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना का जश्न मनाया गया। इस चैलेंज को उत्तराखंड पर्यटन, रेडियो मिर्ची (मीडिया एसोसिएट), उत्तरकाशी, नई टिहरी, रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन, स्थानीय पंचायतों और सामुदायिक स्वयंसेवकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा समर्थन दिया गया है।
जैसे ही प्रतिभागी इस कठिन यात्रा पर निकलते हैं, पूरे गढ़वाल क्षेत्र में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ जाती है। सूर्य देवभूमि चैलेंज 2025 सिर्फ़ एक इवेंट नहीं है; यह भारत को उसके प्राचीन मागों, लचीले समुदायों और रोमांच की असीम भावना से फिर से जोड़ने के लिए समर्पित एक आंदोलन है।
DBS ग्लोबल यूनिवर्सिटी के वार्षिक महोत्सव ‘जेनेसिस 2025’ का जोरदार शुभारंभ
देहरादून। डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चार दिवसीय वार्षिक महोत्सव ‘जेनेसिस 2025’ का जोरदार शुभारंभ हो गया। इस मौके पर छात्रों ने पूरे दिन खेल, प्रबंधन, तकनीकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
महोत्सव के पहले दिन जोशपूर्ण फुटबॉल मुकाबला हुआ। इसखेल महोत्सव डीबीएस प्रीमियर लीग के अंतर्गत फुटबॉल के साथ ही बास्केटबॉल, टेबल टेनिस और 8-बॉल पूल के लीग मैच भी खेले गए, जिनमें सभी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और खेल भावना को जीवंत रखा। मेनफेस्ट के अंतर्गत इनवेस्ट्रिक्स और डंब शराज प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें देशभर से 37 बाहरी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से भागीदारी निभाई गई , जिनमें से 19 कॉलेज देहरादून से और 18 संस्थान देश के अन्य हिस्सों से रहे। इन बाहरी संस्थानों में आईआईएम इंदौर, आईएमआई कोलकाता, दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज (जैसे देशबंधु, कलिंदी आदि), पंजाब से थापर यूनिवर्सिटी और एलटीएसयू , दिल्ली से बीपीआईटी, गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पिंपरी चिंचवड़ यूनिवर्सिटी, और उदयपुर (राजस्थान) से श्री पदमपत सिंहानिया इंस्टीट्यूट शामिल रहे।इस मनोरंजक गतिविधि ने प्रतिभागियों को रचनात्मकता, टीमवर्क और संप्रेषण कौशल दिखाने का बेहतरीन अवसर दिया। टेकफेस्ट में भी तकनीक का जलवा देखने को मिला। कोडिंग इवेंट्स और रोबोटिक प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने अपनी तकनीकी दक्षता और नवाचार क्षमता का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। शाम को मुख्य मंच पर कल्टफेस्ट के भव्य कार्यक्रम आयोजित हुए। वॉर ऑफ बैंड्स, फैशन शो और ग्रुप डांस की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान पूरा सांस्कृतिक माहौल ऊर्जा और जोश से भर गया। इस मौके पर मुख्य अतिथियों और विश्वविद्यालय के सभी स्टाफ ने इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया और छात्रों के रचनात्मक प्रयासों की प्रशंसा की।
इस मौके पर डीबीएस ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष मोहित अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. अंजुम अग्रवाल, कुलपति डॉ. संजय जसोला, प्रो-वाइस चांसलर डॉ. राजीव भारद्वाज, डॉ. मनीष प्रतीक, निदेशक डॉ. सुरेश अय्यर, रजिस्ट्रार डॉ. रोहित रस्तोगी, सीईओ डॉ. मकरंद जोशी, अंतरराष्ट्रीय मामलों की निदेशक डॉ. ज्योति बंसल, एसोसिएट डीन डॉ.नवज्योति सिंह नेगी, साथ ही फैकल्टी सदस्य और छात्र आदि उपस्थित रहे।
एलिबेटेड रोड़ परियोजना में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करे राज्य सरकार
“बस्ती बचाओ आन्दोलन के बैनर तले प्रभावितों ने प्रर्दशन के माध्यम मुख्यमंत्री को 13 हजार हस्ताक्षरों का ज्ञापन दिया”
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), ‘बस्ती बचाओ आन्दोलन’ के वैनर तले प्रभावितों द्वारा बुधवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित प्रदर्शन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम 13 हजार हस्ताक्षरों का ज्ञापन प्रेषित किया । ज्ञापन जिलाधिकारी की ओर से उपजिलाधिकारी सदर श्री हरिगिरी ने लिया तथा प्रदर्शनकारियों को आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया । प्रदर्शनकारियों ने बस्तिवासियों के पक्ष में न्यायोचित कार्यवाही कि मांग की ।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा धामी सरकार द्वारा एलिबेटेड रोड़ बनाने का फैसला, एनजीटी में कमजोर पैरवी तथा हाईकोर्ट में बस्तियों के पक्ष में समुचित पैरवी नहीं की जा रही है फलस्वरूप बस्तियों में रहने वाले लोग अपने भबिष्य के प्रति आंशकित है ।वक्ताओं ने कहा कि यह संज्ञान में है कि तरह तरह से भ्रम एवं बस्तिवासियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है ।
वक्ताओं ने कहा सरकार को प्रभावितों के बिस्थापन ,पुनर्वास तथा मुआवजा के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए किन्तु सरकार ऐसा करती हुई नहीं दिख रही है
वक्ताओं ने कहा जनता की भावनाओं के विपरीत सरकार ने देहरादून की बिन्दाल ,रिस्पना तथा अनेक स्थानों में बस्तियों के बिस्थापन का ऐलान किया है ,जिसके तहत बिन्दाल,रिस्पना के ऊपर 4 लाईन एलिवेटेड रोड़ स्वीकृत की गई है ।आज हजारों परिवारों पर बिस्थापन खतरा मण्डरा रहा है ।वहीं सरकार की कमजोर पैरवी के परिणामस्वरूप एनजीटी द्वारा बस्तियों की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगाये गये हैं ,जिसके तहत भी उन्हें हटाने हेतु चिन्हीकरण किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा है कि बस्तियों के सन्दर्भ में हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है । गरीब बस्तियों के सन्दर्भ में सरकार ,प्रशासन तथा याचिकाकर्ताओं के रवैया उचित नहीं है, जिन्हें केवल गरीब लोग दिखते हैं जब चाहें तब बल प्रयोग कर उन्हें बेदखल किया जाय तथा उनकी अमीरों के अकूत कब्जों पर सभी तरफ से आंखें बन्द हैं ।
वक्ताओं ने कहा है कि वोट के समय आपने, विधायकगण तथा पार्षदगण जनता के पास आकर बड़े -बड़े वायदे किये तथा बस्तियों को मालिकाना हक का वायदा किया गया । किन्तु चुनाव जीतने के कुछ दिन बाद ही गैर जरूरी एलिबेटेड रोड़ बनाने की घोषणा की जो कि देहरादूनवासियों के हितों के अनुरूप नहीं है ।
वक्ताओं ने कहा है कि सरकार प्रभावशाली लोगों के लिए मुआवजे एवं समुचित बिस्थापन की घोषणा पहले ही की जाती है ,आढ़त बाजार इसका जिता जागता उदाहरण है ।
वक्ताओं ने कहा है कि एलिवेटेड रोड़ के प्रभावितों के सन्दर्भ में सरकार एवं जनप्रतिनिधि चुपचाप हैं ।
वक्ताओं ने कहा कि जरूरी हो गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी योजना को लागू करने से पहले प्रभावितों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान कि ओर सरकार को याद दिलाया जाये । वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में सरकार एवं आथरिटि को यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी योजनाऐं, नीतियां प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों के अधिकारों और हितों का सम्मान करें।सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये ,जब कोई योजना या परियोजना लोगों को विस्थापित कर सकती है, तो सरकार को पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीतियों को लागू करना चाहिए ताकि प्रभावित व्यक्तियों के जीवनस्तर में सुधार सुनिश्चित हो सके ,सरकार द्वारा प्रभावित समुदायों को योजनाओं और परियोजनाओं के बारे में पर्याप्त जानकारी और परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए, जिससे वे अपने विचार और चिन्ताऐं व्यक्त कर सकें।सर्वोच्च न्यायालय ने प्रभावित समुदायों की सहमति और सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया है, खासकर जब परियोजनाऐं उनकी जमीन, जीवन शैली या पर्यावरण को प्रभावित कर रही हों ।
वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास और प्रगति की आड़ में नागरिकों के अधिकारों का हनन न हो और उनकी आजीविका और जीवन शैली की रक्षा हो सके ।
वक्ताओं ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी योजना को लागू करने से पहले सरकार को प्रभावितों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना आवश्यक है ,लेकिन सामान्य तौर पर, सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में यह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि सरकारी योजनाऐं और नीतियां प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों के अधिकारों और हितों का सम्मान करें। जब कोई योजना या परियोजना लोगों को विस्थापित करती हो तो सरकार को पुनर्वास और पुनर्स्थापन नीतियों को लागू करना चाहिए जो प्रभावित व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार सुनिश्चित करें।
मान्यवर, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुसार सरकार, ज्ञापन में उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड तथा एनजीटी नई दिल्ली को प्रभावित नागरिकों के साथ मानवीय व्यवहार कि अपेक्षा कि है :
(1) एलिवेटेड रोड़ से उत्पन्न समस्याओं का माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप अक्षरश: पालन किया जाये ।
(2)सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रत्येक प्रभावित को समुचित मुआवजा तथा पुर्नवास सुनिश्चित किया जाये ।
(3)एनजीटी के बेदखली के फैसले पर रोक लगाई जाये ।
(4)बस्तियों आदि के खिलाफ हाईकोर्ट उत्तराखण्ड में दायर याचिका पर सरकार जोरदार पैरवी कर बस्तियों की बेदखली रोके ।
(5)सरकार अपने वायदे के अनुरूप बस्तीवासियों को मालिकाना हक प्रदान करे ।
इस अवसर बस्ती बचाओ आन्दोलन के संयोजक अनन्त आकाश ,सीआईटियू जिलामहामन्त्रि लेखराज कांग्रेस के मण्डल अध्यक्ष मौ अल्ताफ,संजय भारती ,शम्भूप्रसाद ममगाई आदि ने विचार व्यक्त किये समापन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवप्रसाद देवली ने किया ।इस अवसर पूर्व प्रमुख राजेन्द्र पुरोहित, नवनीत गुसांई ,प्रभात, सुरेश कुमार, विप्लव अनन्त ,राजेन्द्र शर्मा, किरन यादव ,सोनूकुमार ,बिन्दा मिश्रा, भगवन्त पयाल ,अन्जु भारती, प्रभा, सुधा देवली,सुरैशि नेगी,तमरेज,अर्जुन रावत,विनिता ,अचला ,सुमन लता ,मिना देवी,उमादेवी ,दलिप सिंह ,रामसिंह, गुरूप्रसाद,राखी ,अनिक शर्मा,सरबरी,उपेंद्र ,मुस्कान ,सुनिता ,रूकसाना, पंकज कुमार,दुर्गा ध्यानी आदि बड़ि संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद थे ।
अब 30 जून तक हटेगा बिंदाल नदी से अतिक्रमण, हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने पेश किया शपथ पत्र
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य में नदी नालों और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खेल में राज्य बनने के बाद से काफी इजाफा हुआ, जिसको लेकर समय समय पर जनहित याचिकायें हाई कोर्ट में लगाई गयी, इसी को मध्यनजर राज्य हाईकोर्ट ने राजधानी दून सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों की नदियों, नालों और खालों पर हो रहे अतिक्रमण के मामलों पर सख्ती दिखाई है। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने देहरादून की बिंदाल नदी से अतिक्रमण हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा दाखिल शपथ पत्र पर संज्ञान लिया। सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि 30 जून 2025 तक बिंदाल नदी से अतिक्रमण पूरी तरह हटा दिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक कुमार मेहरा की खंडपीठ के समक्ष प्रमुख सचिव वन आर. के. सुधांशु, प्रमुख सचिव सिंचाई डॉ. राजेश कुमार, सचिव शहरी विकास नीतीश कुमार झा और सचिव राजस्व एस. एन. पांडे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए।
नैनीताल हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए कि देहरादून क्षेत्र में नदियों और नालों पर बिना मानचित्र स्वीकृति के किए जा रहे सभी अवैध निर्माणों को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। इसके अलावा, जनपद के विकासनगर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा की गई ध्वस्तीकरण कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 21 अप्रैल तक कोर्ट में पेश करने को कहा गया है वहीं अतिक्रमण वाले चिन्हित क्षेत्रों के मानचित्र भी कोर्ट में दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में दायर जनहित याचिकाओं में अजय नारायण शर्मा, रेनू पाल और उर्मिला थापर ने अदालत का ध्यान दिलाया कि देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में जलमग्न भूमि पर बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिससे जल स्रोतों के सूखने और पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है।
वहीं दूसरी याचिका में ऋषिकेश में नालों, खालों और ढांग क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण की ओर इशारा किया गया है। तीसरी याचिका के अनुसार, देहरादून में लगभग 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़ और डोईवाला में करीब 15 एकड़ क्षेत्र नदियों की भूमि पर अवैध कब्जों के अधीन है, राज्य सरकार की ओर से सचिव शहरी विकास ने कोर्ट को जानकारी दी कि एक विशेष कमेटी बनाकर इन अतिक्रमणों की पहचान की गई है। चिन्हित अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं और हटाने की प्रक्रिया शुरू है। अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल 2025 की तिथि निर्धारित की है, जिसमें सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और मानचित्रों का अवलोकन किया जाएगा।
आरवीएनएल ने बनाई भविष्य की राह, सबसे लंबी रेल सुरंग में बड़ी कामयाबी: केंद्रीय रेल मंत्री
– ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी रेल परियोजना
– भारत में सबसे लंबी सुरंग उत्तराखंड के देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक 14.49 किमी का हुआ ब्रेकथ्रू
देहरादून(आरएनएस)। भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का आज सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ी है। यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर सुरंग के अंदर बनी है। इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंग हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से सुरंग की जानकारी ली। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक स्तर पर एक नया मापदंड स्थापित करती है। रेल मंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी।
रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर सात घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे का हो जाएगा। यह हर मौसम में दूरदराज के इलाकों तक पहुंच आसान करेगा और उत्तराखंड में पर्यटन व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह चार धाम रेल परियोजना को पूरा करने की दिशा में भी बड़ा कदम है। इस उपलब्धि के साथ आरवीएनएल ने भारत के सबसे मुश्किल इलाकों में आधुनिक निर्माण तकनीक में अपनी मजबूत जगह बनाई है। यह सफलता न सिर्फ एक सुरंग की कहानी है, बल्कि एक नए, मजबूत और कनेक्टेड भारत की शुरुआत है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
इस मौके पर केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, आरवीएनएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गौर, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र शेट, जीएम उत्तर रेलवे अशोक कुमार वर्मा, प्रबंधक निदेशक भानु प्रकाश, मुख्य परियोजना प्रबंधक आरवीएनएल अजित यादव, जीएम आरवीएनएल सुमित जैन सहित अन्य उपस्थित थे।
स्कूलों में अनियमितता की शिकायत, डीएम के निर्देशों पर जांच जारी
– माउंट लिट्रा, स्कॉलर्स होम स्कूल की फीस जांच में मानक से अधिक, फीस होगी कम, निर्देश जारी,
– अभिभावकों को मिलेगी राहत, अधिक वसूली फीस, अगली किस्त में स्कूल करें समायोजित।
– सोशियल बलूनी और चैतन्य टेक्नो स्कूल संचालक समीक्षा से रहे गायब, नोटिस जारी।
– पूर्व निर्देशों का अनुपालन आख्या नहीं देने पर समर वैली स्कूल संचालक तलब।
– किसी भी दुकान से खरीदें किताबें और ड्रेस, स्कूल अभिभावकों को जारी करें स्पष्ट एडवाइजरी-सीडीओ।
देहरादून। देहरादून जनपद में संचालित निजी विद्यालयों के संबंध में सीएम हेल्पलाइन, टोल फ्री नम्बर और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही शिकायतों के निस्तारण हेतु जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर सुनवाई जारी है। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा एक-एक कर निजी स्कूलों में फीस स्टेक्चर की समीक्षा करते हुए शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। मंगलवार को छः निजी स्कूल संचालकों को शिकायतों के निस्तारण के लिए बुलाया गया था। जिसमें सोशियल बलूनी और चैतन्य टेक्नो स्कूल द्वारा प्रतिभाग न करने पर दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। वही समर वैली स्कूल को फीस में अधिकतम 06 प्रतिशत तक की वृद्धि के संबंध में पूर्व में जारी निर्देशों की अनुपालन आख्या उपलब्ध नहीं कराने पर स्कूल संचालक को तलब किया गया है।
स्कूल के संबंध में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु आयोजित सुनवाई में क्राइस्ट स्कूल माजरी ग्रांट डोईवाला, माउंट लिट्रा, संत कबीर और फ्लॉवर डेल स्कूल के संचालक उपस्थित रहे। इन चारों स्कूलों में शुल्क विवरण की जांच की गई। जिसमें माउंट लिट्रा स्कूल में शैक्षिक सत्र 2025-26 में मानक से अधिक फीस बृद्वि मिलने पर स्कूल संचालकों को फीस बढ़ोत्तरी अधिकतम 10 प्रतिशत तक करने की सख्त हिदायत दी गई। जबकि अन्य तीनों स्कूलों में फीस बृद्वि मानक के अनुरूप पाई गई। वही सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से स्कॉलर्स होम स्कूल की मानक से अधिक फीस बढ़ाने की शिकायत मिली। जिस पर जांच करने से पता चला कि स्कूल ने इस बार मानक से अधिक 12 प्रतिशत फीस बृद्वि की है। इस पर विद्यालय को फीस कम करने के निर्देश जारी किए गए है। साथ ही अभिभावकों से 10 प्रतिशत से अधिक वसूली गई फीस को अगली किस्त में समायोजित करने की हिदायत दी गई है। मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित किया कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार तीन वर्षों में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है। कोई भी निजी विद्यालय आरटीई एक्ट और प्रोविजन का उल्लंघन न करें।
सुनवाई के अवसर पर उपस्थित विद्यालयों को विद्यालय में प्रचलित पाठ्य पुस्तकों की सूची तथा छात्र गणवेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर उसकी सूची चस्पा करने और सर्कुलर जारी करने हेतु निर्देशित किया गया, जिसमें विद्यालय की पाठ्य-पुस्तक सामग्री तथा गणवेश बाजार में अधिकतम दुकानों के माध्यम से कम दरों पर उपलब्ध हो सके। बैठक में उप जिलाधिकारी हरिगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल एवं निजी स्कूलों के संचालन मौजूद थे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आयकर कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
रुड़की(आरएनएस)। अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में आरोप पत्र दाखिल किए जाने के विरोध में कांग्रेसियों द्वारा बुधवार को आयकर कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए उल्टे सीधे हथकंडे अपना रही है। इस अवसर पर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष आशीष चौधरी,भूषण त्यागी, सतीश कुमार, विकास सैनी,अनिल पुंडीर, सुशील कश्यप मीरहसन, शमशाद अहमद, हरविंदर सिंह, वीना आनन्दी, यास्मीन खान, अजय राठौर, रिजवान, गगनदीप, मुराद आदि लोग उपस्थित रहे।