Wednesday, May 21, 2025
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कलस्टर विद्यालय योजना सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश

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देहरादून, विद्यालयी शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारी प्रदेश के प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत शिक्षक संगठनों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं से वार्तालाप कर शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को समक्ष व्यक्तियों द्वारा गोद लेने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाये जायेंगे।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यालयों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत विभिन्न संगठनों से सुझाव प्राप्त करने के निर्देश दिये। जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी जनपद स्तरीय भ्रमण कर संबंधित जनपदों के शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित कर सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रयास किये जायेंगे। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना, डायट नियमावली, समक्ष व्यक्तियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को गोद लेने, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश, स्थानांतरण व सेवानिवृत्ती की स्थिति में कामचलाऊ शिक्षकों की व्यवस्था किये जाने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाने को कहा।

पात्र छा़त्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, स्कूल बैग, जूते एवं यूनिर्फाम की धनराशि डीबीटी के माध्यम से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। डाॅ0 रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दो विषयों में अंक सुधार परीक्षा देने हेतु प्रस्ताव पर शीघ्र कार्यवाही अमल में लायी जाय। उन्होंने न्यायालय में चल रहे शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित मामलों का शीघ्र निस्तारण के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक छात्र-छात्राओं को स्काउट गाइडए, एनएसएस तथा एनसीसी से जोड़ा जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। डाॅ0 रावत ने विभाग में अधिकारियों के प्रोन्नति संबंधी मामलों का निस्तारण एवं प्रत्येक विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारियों की तैनाती में हो रही लेटलतीफी पर नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल कार्रवाई के निर्देश शासन के अधिकारियों को दिये।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक वंदना गब्र्याल सहित शासन एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 पूर्व सैनिक की विधवा बेटी ने रोजगार की मांग को लेकर किया धरना आरम्भ

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टिहरी (डी पी उनियाल ) विकास खंड चम्बा के कठूड गांव निवासी श्रीमती शीला देवी ने उपनल के माध्यम से रोजगार देने की मांग को लेकर तहसील गजा परिसर में अपने बच्चों सहित धरना आरम्भ कर दिया है, आपको बताते चलें कि नरेंद्र नगर प्रखंड के तहसील गजा के अंतर्गत ग्राम कठूड निवासी श्रीमती शीला देवी पूर्व सैनिक स्व.बचन सिंह की विधवा बेटी है, शीला देवी के पति नेत्र सिंह असवाल का असामयिक निधन 2015 में हो जाने के बाद चार पुत्रियां व एक पुत्र के पालन-पोषण तथा शिक्षा की जिम्मेदारी विधवा शीला देवी को करनी पड़ी , 44 वर्षीय शीला देवी मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण कर रही है ,2पुत्रियों की शादी कर्जा लेकर की तो अब बेटे मनोज असवाल की एयरफोर्स कोचिंग क्लास करा पाना मुश्किल हो गया है, शीला देवी बताती हैं कि उन्होंने 22 सितम्बर को माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित ज्ञापन तहसीलदार गजा के माध्यम से रोजगार के लिए भेजा था तथा पुनः 13अकटूबर को जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल नई टिहरी को पत्र भेजा था कि उनके पत्रों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उपनल के माध्यम से रोजगार दिया जाय अन्यथा वह सपरिवार बच्चों सहित 28 अक्टूबर से तहसील गजा में धरना देंगी । शीला देवी बताती हैं कि 4 कार्यालयों में साक्षात्कार के लिए उनको बुलाया गया लेकिन कहीं भी रोजगार नहीं मिला है । तहसीलदार गजा श्रीमती रेनू सैनी ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है । धरने में शीला देवी के साथ बेटा मनोज सिंह असवाल,बेटी कुमारी पूनम , कुमारी शिल्पा भी बैठी है ।

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी सहित गणमान्य लोगों ने दी छठ पर्व की शुभकामनाएं

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हरिद्वार(कुलभूषण)। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि पूर्वांचल के लोग बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने परदेश में रहकर भी अपनी परंपरा और संस्कार का साथ नहीं छोड़ा है। छठ पूजा के अवसर पर पूर्वांचल जन जागृति संस्था की शोभायात्रा में शामिल होकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है। छठ पूजा के आयोजन में हरसंभव सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेंगी।

गौरतलब है कि पूर्वांचल जनजागृति समिति की ओर छठ पूजा की शुरुआत करते हुए नहाय खाय पर विष्णु लोक कालोनी से लेकर हल्की पौड़ी तक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में पूर्वांचल की महिलाएं कलश के साथ भाग लिया। छठी मैया के गीतों के साथ शोभायात्रा में शामिल महिलाएं आकर्षण का केंद्र रही। संस्था अध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल ने बताया कि हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्र रहने वाली महिलाएं को विष्णु लोक कालोनी में एकत्र हुई। विष्णु लोक कालोनी से बिल्केश्वर तक वाहन से और बिल्केश्वर से हल्की पौड़ी तक पैदल शोभायात्रा में शामिल हुई। हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के बाद छठ व्रतियों ने कद्दू भात का प्रसाद कर व्रत का श्रीगणेश किया।
इसके पूर्व विष्णु लोक कालोनी में आयोजित कार्यक्रम में हवन पूजन के साथ संस्था के लोगों ने विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया। रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने कहा कि छठ पूजा पूर्वांचल का प्रमुख त्यौहार है और हरिद्वार में रहने वाले पूर्वांचल के लोग बड़ी उसे श्रद्धा और उल्लास के साथ छठ का पर्व मनाते चले रहे हैं। शासन प्रशासन की ओर से भी पूर्वांचल के लोगों को हर संभव सहयोग दिया जाता है। नगर विधायक मदन कौशिक ने कहा कि अपने रीति रिवाज और संस्कारों का अक्षरशः पालन करने के चलते पूर्वांचल समाज की अलग पहचान बन गई है। ‌ छठ पूजा और सरस्वती पूजा हरिद्वार की पहचान बन गई है।नगर पालिका चेयरमैन राजीव शर्मा ने कहा कि अगले वर्ष पूर्वांचल उत्थान संस्था की बहादराबाद में छठ घाट के मांग के निर्माण अवश्य पुरी हो जाएगी। इस संबंध में सीएम धामी ने सहमति प्रदान कर दी है। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा विश्व में बोली जाने वाली लोकप्रिय भाषाओं में भोजपुरी भाषा शामिल हैं और नेपाल सहित कई देशों में बोली जाती है। ऐसे में भारत सरकार को भोजपुरी भाषा गेट में शामिल कर सम्मान देना चाहिए। इस मौके पर स्वामी संतोष आनंद जी महाराज राजेश शुक्ला जी पूर्व विधायक राजीव शर्मा जी नगर पालिका अध्यक्ष श्री नगर रिता चमोली अशोक मेहता जी अजय मलिक शिवेशवर पांडे पूर्वांचल एकता मंच केशव पांडे।
हरिद्वार से अनूप विशाल गर्ग जी रीता चमोली जी उज्जवल पंडित राकेश उपाध्याय देवकीनंदन पुरोहित नितिन गौतम आलोक चौहान हितेश चौधरी
पूर्वांचल समाज जन जागृति संस्था के कमलेश्वर मिश्रा ,ललिता मिश्रा ,ब्रह्मा शंकर चौबे, मनोज कुमार शुक्ला, सुनील पांडेय, वीरेंद्र मौर्य, दिनेश पांडे, चंद्र कांत पांडे , संजय कुशवाहा , शिवनंदन मौर्य , शशि भूषण पांडेय , राज किशोर गुप्ता , रवि मिश्रा , मनोज मिश्रा , अर्जुन सिंह, आशीष सिंह, राकेश उपाध्याय , अंजनी चौबे, रमेश पांडे , विमला पांडेय , रंजीता झा, ऐश्वर्या पांडे, अवनीश मिश्रा जी, विवेक तिवारी , राजकुमार मिश्रा विनोद त्रिपाठी , शैलेंद्र मिश्रा, बी एन राय, सुधाकर मिश्रा सहित अन्य लोग शामिल रहे।

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर होने जा रहा है चित्र प्रदर्शनी का आयोजन

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हरिद्वार (कुलभूषण), भारत के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की जयंती एवं स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय के विभाग केंद्रीय संचार ब्यूरो ब्यूरो देहरादून के तत्वाधान में 29 से 31 अक्टूबर तक विकासखंड बहादराबाद के फेरूपुर राम खेड़ा गांव में स्थित फेरूपुर राम खेड़ा डिग्री कॉलेज में तीन दिवसीय राष्ट्रीय एकता दिवस एवं स्वतंत्रता की 75 वी वर्षगांठ अमृत महोत्सव को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन होने जा रहा है उपरोक्त जानकारी केंद्रीय संचार ब्यूरो की सहायक निदेशक डॉक्टर संतोष आशीष एवं क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी एन एस न्याल ने प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकारों को देते हुए बताया कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एवं राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष में तीन दिवसीय चित्र प्रतियोगिता सांस्कृतिक कार्यक्रमों ,चित्रकला प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रममो सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन ग्राम फेरूपुर राम खेड़ा स्थित फेरूपुर राम खेड़ा डिग्री कॉलेज के प्रांगण में होने जा रहा है । जिसका शुभारंभ 29 अक्टूबर को होगा। केंद्रीय संचार ब्यूरो की सहायक निदेशक डॉक्टर संतोष आशीष ने बताया कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए उत्तराखंड राज्य को कर्नाटक राज्य के साथ सांस्कृतिक एकता मजबूत करने के लिए संबद्ध किया गया है । इस कार्यक्रम में जहां उत्तराखंड की झलक देखने को मिलेगी वहीं कर्नाटक की संस्कृति से भी लोगों को परिचित कराया जाएगा। केंद्र संचार ब्यूरो देहरादून के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी एन एस नयाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक दलों के द्वारा भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे साथ ही सरदार पटेल की जीवनी , कार्यो, उनके विराट व्यक्तित्व को समर्पित चित्र प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही हैं जो इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होगा।

विभिन्न महिला समूहों ने यात्रा के दौरान करीब 48 लाख रुपए का किया कारोबार

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रुद्रप्रयाग ,कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार जिले के लिए कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से सुचारु यात्रा का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकाॅर्ड 15 लाख, 63 हजार से ज्यादा यात्रियों ने केदारनाथ धाम पहुंचकर इस इंतजार को समाप्त किया। जिले में संचालित महिला समूहों के लिए भी यह यात्रा सुखद साबित हुई, कोरोनाकाल के बाद इस वर्ष महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली। केदारनाथ यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने इस वर्ष करीब 48 लाख रुपए का व्यापार किया।
*यात्रा से मिला आत्मनिर्भरता को आधार*
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भरता एवं स्वरोजगार का मंत्र अपना कर दूसरों को रोजगार देने की अपील से प्रभावित जिले की महिलाएं सीधे तौर पर केदारनाथ यात्रा में अपना योगदान दे रही हैं। जिले में महिलाएं बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां, कैफे संचालित करने के साथ ही अन्य उत्पाद बेचकर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बाबा केदारनाथ में दुनियाभर से आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद एवं बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही स्थानीय शहद, हर्बल धूप समेत कई उत्पाद महिलाएं तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवा रही हैं। इसके अलावा स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां एवं हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं। प्रशासन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
*केदारनाथ में प्रसाद बेच कर महिलाओं ने किया 43.50 लाख रुपए का व्यवसाय*
श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि कोरोनाकाल के बाद शुरू हुई यह यात्रा बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। बताया कि उनके पास जिले भर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चैलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए निर्धारित की गई है, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति एवं हैली कंपनियों को राॅयल्टी दी जाती है। उधर एनआरएलएम के ब्लाॅक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने पूरी यात्रा के दौरान आॅनलाइन एवं आॅफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 रुपए का कारोबार किया है।
*रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा*
केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चैलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों मेें उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू एवं चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण भी देते हैं। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चैलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था जबकि अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए 100 कुंतल चैलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का सीधा लाभ मिल रहा है।
*सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र को मिली नई पहचान*
श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां एवं विपणन केंद्र की शुरुआत इसी यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने खुशी जताते हुए बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों हेतु रणनीति तैयार की जाएंगी। उधर सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिले भर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार रुपए का कारोबार किया।

उत्तराखंड में धूम मचाएगा हिमालयन फुटबॉल कप, फाइनल मुकाबलों का होगा देहरादून में आगाज

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देहरादून: उत्तराखंड में हिमलायी राज्यों के साथ अर्द्धसैनिक बलों की फुटबॉल टीमों का जमावड़ा लगने  जा रहा है। मौका होगा प्रथम हिमालयन कप ऑल इंडिया फुटबॉल टूर्नामेंट का। 30 अक्तूबर से शुरू हो रहे फुटबॉल के इस महाकुंभ का आयोजन देहरादून सहित चार जनपदों में होगा। टूर्नामेंट का आगाज स्पोर्ट्स स्टेडियम टनकपुर, जनपद चंपावत में होगा।
लंबे समय बाद उत्तराखंड खासकर देहरादून में फुटबॉल का बड़ा आयोजन देखने को मिलेगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष व पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर सुभाष अरोड़ा व देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि हिमलायी राज्यों में पर्यावरण संरक्षण व फुटबॉल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहली बार इस टूर्नामेंट की शुरूआत की जा रही है। उन्होंने बताया यह टूर्नामेंट ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन व उत्तराखंड स्टेट फुटबॉल एसोसिएशन से संबद्ध है। बताया कि लीग कम नॉकआउट आधार पर खेले जाने वाले टूर्नामेंट का आयोजन दो चरणों में होगा। पहले चरण में स्पोर्ट्स स्टेडियम कोटद्वार, एमेनिटी स्कूल रुद्रपुर व स्पोर्ट्स स्टेडियम टनकपुर में लीग मुकाबले खेले जाएंगे। नॉकआउट राउंड के क्वार्टर फाइनल व सेमीफाइनल और फाइनल मैच देहरादून के पवेलियन ग्राउंड में आयोजित होंगे। टीमों का चार पूल में बांटा गया है। यह टूर्नामेंट 30 अक्तूबर से सात नवम्बर तक चलेगा। पहली बार किसी फुटबॉल टूर्नामेंट की लाइव स्ट्रीमिंग दूरदर्शन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक व यूट्यूब पर दिखाने के साथ ही रेड एफएम व ओहो रेडियो पर सुनी जा सकती है। समापन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा, जिसमें लोककलाकार गढ़वाली-कुमाऊंनी नृत्य व गीत प्रस्तुत करेंगे। 31 अक्तूबर को टनकपुर जनपद चंपावत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टूर्नामेंट का विधिवत उद्घाटन करेंगे।May be an image of 1 person, sitting, wrist watch and sunglasses
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ये हैं टीमें
पूल ए: उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम एचएम स्पोर्टिंग क्लब
पूल बी: अपुयेमी एफसी नागालैंड, असम राइफल्स, गढ़वाल हीरोज
पूल सी: जम्मू-कश्मीर, खाड़ हिमाचल प्रदेश, गढ़वाल राइफल्स
पूल डी: सीआरपीएफ, कंचनजंगा एफसी, लद्दाख
टूर्नामेंट में यह रहेगा खास
विजेता- पांच लाख रुपये व ट्रॉफी
उपविजेता-तीन लाख रुपये व ट्रॉफी
फर्स्ट रनर अप: एक लाख रुपये
फाइनलिस्ट टीम: 40 हजार रुपये (मैच फीस)
सेमीफाइनलिस्ट टीम: 30 हजार रुपये प्रत्येक (मैच फीस)
क्वार्टरफाइनलिस्ट टीम: 20 हजार रुपये प्रत्येक (मैच फीस)

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सफल व सुगम यात्रा के लिए जताया सभी का आभार

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रुद्रप्रयाग, रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम यात्रा को सफल एवं सुगम बनाने के लिए तीर्थ पुरोहित समाज, मंदिर समिति, होटल एवं व्यापार मंडलों, जनप्रतिनिधियों, घोड़ा-खच्चर संचालकों, टैक्सी यूनियन समेत यात्रा से जुड़े सभी लोगों एवं संस्थानों का धन्यवाद दिया, साथ ही जिले के सभी अधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स, आपदा प्रबंधन, जल एवं विद्युत निगम, सफाई कर्मचारियों और मीडिया व प्रेस का धन्यवाद देते हुए यात्रा के सफल संचालन की बधाई दी |

उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए शुरू की गई क्यूआर कोड योजना से प्लास्टिक निस्तारण में काफी मदद मिली, अगले साल इसे व्यापक तौर पर लागू किया जाएगा |

यात्रियों की सुविधा के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन कराए गए, जिससे यात्रियों को अनावश्यक लाइन में नहीं लगना पड़ा और मंदिर के आसपास भी भ्रमण का मौका मिला. जिलाधिकारी ने कहा कि अगले साल और बेहतर तरीके से यात्रा संचालन के लिए प्रयास किए जाएंगे, अगले वर्ष तक वाटर एटीएम, रेन शेल्टर, म्यूजियम, चिंतन स्थल समेत कई निर्माण एवं पुनर्निर्माण कार्य पूरे हो जाएंगे, जिससे यात्रा और सुखद एवं सुगम हो जाएगी, इसके लिए जिला प्रशासन केंद्र एवं राज्य सरकार के निर्देशन में लगातार कार्य कर रहा है |

पहाड़ की बेटी प्रीति ने महज चार दिन में साइकिल से केदारनाथ पहुँची, बनाया नया कीर्तिमान

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रुद्रप्रयाग, पहाड़ की बेटी प्रीति नेगी ने महज चार दिन में साइकिल से हरिद्वार से केदारनाथ पहुंचकर नया कीर्तिमान बनाया, वहीं रुद्रप्रयाग जनपद का नाम भी रोशन किया है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रीति के उज्जवल भविष्य की कामना की है। जनपद रुद्रप्रयाग की तेवड़ी सेम, चंद्रनगर निवासी प्रीति नेगी के पिता गढवाल राइफल द्वितीय में हवलदार शहीद स्व. राजपाल सिंह वर्ष 2002 में जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए बलिदान हो गए थे। प्रीति की माता भागीरथी देवी गृहिणी है। रिस्पेक्ट टू गाड इवेंट के जरिये पहाड़ की होनहार और जोशीली बेटी प्रीति ने 18 अक्टूबर को हरिद्वार से 272 किलोमीटर की यह यात्रा शुरू की और 21 अक्टूबर को केदारनाथ धाम पहुंची। साइकिल से हरिद्वार से केदारनाथ पहुंचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी है।

रुद्रप्रयाग सहित पूरा उत्तराखंड प्रीति पर गर्व महसूस कर रहा है। प्रीति ने बताया कि पिता के बलिदान होने की घटना ने परिवार को झकझोर दिया था, लेकिन उसने कभी खुद को कमजोर नहीं होने दिया। मां भागीरथी देवी अपनी बेटी का लगातार हौसला बढ़ाती रही। प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थी, इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ, बाइकिंग, माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को निखारने लगी। अगस्त्यमुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में स्टेट बाक्सिंग खेल चुकी प्रीति ने वर्ष 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया, जिसके बाद से वह कई चोटियों का आरोहण कर चुकी है।

वर्ष 2017 में यूथ फाउंडेशन में बतौर प्रशिक्षक लड़कियों को प्रशिक्षित भी किया। वर्ष 2019 में एक स्की कोर्स किया, जिसमें दूसरा स्थान मिला और ए ग्रेड हासिल किया। वर्ष 2022 में पर्वतारोहण में बचाव पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए खुद को स्थापित करने में जुटी हैं। प्रीति की सफलता पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, पूर्व विधायक मनोज रावत, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल सहित कई व्यक्तियों ने खुशी जताई है।

गंगोत्री धाम के कपाट बंद, गंगा की भोग मूर्ति मुखवा गांव पहुँची

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उत्तरकाशी, लगभग 6 लाख दर्शनर्थियों को दर्शन देने के बाद गंगोत्री धाम के कपाट कल बंद होने के बाद, माँ गंगा की भोग मूर्ति आज अपने शीतकालीन आवास मुखवा गांव में उपस्थित जनसमूह एवं ग्राम देवता हमेर की उपस्थिति में अपने शीतल कालीन आवास में 6 माह के लिए पहुँच गई है | इस बार पूर्व के भांति गंगोत्री मंदिर को फूलों से सजाकर भव्यता दी गई, कल अन्नकूट पर्व पर 12-01मिनिट पर गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने के दौरान उपस्थित हजारों लोगों द्वारा अखण्ड ज्योति के दर्शन किए गये, गंगोत्री से भोगमूर्ति चलकर रात्रि को गाँव से लगभग 2 किमी पहले चंडिमंदिर में रात्रि विश्राम कर आज अपने शीतल कालीन प्रवास मुखवा में पंहुंची, जहां माँ का भव्य स्वागत हुआ, शोभा यात्रा मे मंदिर समिति के अध्यक्ष, सचिव सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित रहे |
वहीं दूसरी और माँ यमुना भी यमनोत्री से शनि महाराज की देवडोली के साथ अपने शीतकालीन आवास खरशाली गाँव में जनसमूह के साथ पंहुंची है, यमुनोत्री में इस बार दर्शनार्थियों की संख्या 4 लाख से ऊपर ही रही |

 

चार नवंबर से शुरू होगा तीन दिवसीर ‘गढ़ कौथिग, क्लेमनटाउन के पिपलेश्वर मंदिर प्रांगण में होगा आयोजन

देहरादून, गढ़वाल भ्रातृ मंडल का तीन दिनी गढ़ कौथिग मेला 4, 5 और 6 नवंबर को क्लेमनटाउन के पिपलेश्वर मंदिर प्रांगण बेल रोड में होगा। अध्यक्ष सुंदर लाल सेमवाल, महासचिव जयपाल सिंह रावत ने बताया कि यह बीसवां गढ़ कौथिग है। जिसका उद्देश्य पहाड़ की संस्कृति, रीति रिवाजों का प्रचार प्रसार करना है। मेले में स्थानीय उत्पादों के पचास स्टॉल, गढ़ भोज, कछमोली इत्यादि के होंगे। झूला, चरखी, मिक्की माउस बच्चों को आकर्षित करेंगे। तम्बोला, खान पान, लक्की ड्रा, सैनिक परिवार व वीर नारियों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष शिविर का आयोजन, स्थानीय सांस्कृतिक टीमों की रंगारंग प्रस्तुतियां, गढ़वाल राइफल बैंड की प्रस्तुतियां, राठ विनसर ढोल दमौं के विशेषज्ञ कलाकारों द्वारा वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन, मेडिकल कैंप आदि लगाए जाएंगे।

छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलने की तैयारी, क्या रखा जाएगा नया नाम….!

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पौड़ी, रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलकर ‘कालौं का डांडा (अंधेरे में डूबे पहाड़)’ हो जाएगा। 100 साल से भी अधिक पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने लैंसडौन के सैन्य अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। लैंसडौन नाम से पहले इस इलाके को ‘कालौं का डांडा’ नाम से पुकारा जाता था। रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे गए नामों को बदलने के लिए उत्तराखंड सब एरिया के साथ सेना के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगें हैं।

उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। बता दें कि स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।

 

तत्कालीन वायसराय लैंसडौन के नाम से बदल गया नाम
गढ़वाली जवानों की वीरता और अद्वितीय रणकौशल से प्रभावित होकर 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। इस स्थान का नाम 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।

608 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन
लैंसडौन नगर सैन्य छावनी क्षेत्र है, जो 608 हेक्टेयर में फैला है। नगर के आधे से अधिक भाग में बांज, बुरांस और चीड़ के वृक्षों के सदाबहार वनों का विस्तार है। यह एक प्रसिद्ध और पसंदीदा पर्यटक स्थल भी है। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते हैं। ऐसे प्रस्तावों का रक्षा मंत्रालय परीक्षण करता है। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर प्रस्ताव पर विचार किया जाता है।