Saturday, June 7, 2025
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आईटीबीपी के साथ पुलिस बल जुटा केदारनाथ धाम की सुरक्षा में

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“आईटीबीपी के 30 जवान केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा मे तैनात , मंदिर समिति ने जताई थी सुरक्षा ब्यवस्था की चिन्ता”

(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- करोड़ो हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अब पुलिस बल के साथ आईटीबीपी भी तैनात कर दी गई है। बद्री केदार मंदिर समिति की पहल पर धाम की सुरक्षा में आईटीबीपी के 30 जवानों को आधुनिक हथियारों के साथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया है। ये जवान आगामी 30 अप्रैल तक केदारनाथ धाम में मौजूद रहेंगे।
बता दें कि इस वर्ष केदारनाथ धाम में रिकार्ड 16 लाख तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए हैं,इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को श्रद्धालुओं द्वारा स्वर्ण मंडित किया गया है। जिसे देखते हुये बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेन्द्र अजय ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को धाम की सुरक्षा के लिये पत्र लिखा था।
अजयेन्द्र अजय का कहना है कि बदरी-केदार मंदिर समिति मंदिर की सुरक्षा में कोई भी कमी नहीं रखना चाहती है, इसी को देखते हुए मंदिर समिति ने पूर्व में गृह मंत्रालय को भी मंदिर की सुरक्षा को लेकर आईटीबीपी के जवानों को तैनात करने की मांग की थी।
उन्होंने बताया कि मंदिर समिति की ओर से भेजे गये पत्र का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय ने मंदिर की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आईटीबीपी को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। ये जवान पूरे शीतकाल में मंदिर के तीनों द्वार पर तैनाती के साथ ही केदारपुरी की निगरानी भी करेंगे। आईटीबीपी जवानों के साथ पुलिस बल के 20 जवान भी केदारनाथ धाम में तैनात हैं।
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित कराया गया है। सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए कपाट बंद होने से पूर्व प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहे हैं और वहां पर भारी संख्या में मजदूर रह रहे हैं। ऐसे में लगातार आवाजाही होने से आईटीबीपी के जवानों को तैनात किया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी विमल रावत ने कहा कि केदारनाथ में 30 आईटीबीपी के साथ पुलिस बल मिलकर कार्य कर रहा है। केदारनाथ मंदिर में ये जवान अप्रैल माह तक तैनात रहेंगे साथ ही केदारनाथ स्थित हेलीपैड हमेशा एक्टिव मोड में रहेगा।

वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट को सौंपी सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी, राज्यपाल ने दिलाई शपथ

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देहरादून, उत्तराखंड की धामी सरकार ने राज्य आंदोलनकारी और वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट को सूचना आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी है। आज बुधवार को राज्यपाल ने राजभवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई। प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडेय की ओर से इस बाबत आदेश जारी किए गए थे।

सीएम की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने शासन को प्राप्त आवेदनों पर उनका चयन किया है। समिति में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास शामिल हैं। उनका कार्यकाल पद ग्रहण करने के दिन से अगले तीन साल तक रहेगा। योगेश की नियुक्ति पर तमाम पत्रकारों और राज्य आंदोलनकारी संगठनों से उन्हें बधाई दी है।

उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान छात्र जीवन में रहते हुए योगेश ने सक्रिय आंदोलनकारी की भूमिका निभाई। स्टूडेंट्स एंड यूथ एलायंस यानी साया के संचालनकर्ताओं में शामिल रहे भट्ट पर राज्य नहीं तो चुनाव नहीं आंदोलन के दौरान गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया था। राज्य बनने के बाद भी तमाम मंचों पर उत्तराखंड से जुड़े सवालों पर योगेश की मुखरता निरंतर बनी रही।

90 के दशक में पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले योगेश की पहचान प्रखर पत्रकारों के रूप में भी बनी हुई है। उन्होंने कई समाचार पत्रों में काम करते हुए अलग पहचान बनाई। योगेश पत्रकार हितों के मुद्दे पर भी हमेशा मुखर रहे हैं। उत्तरांचल प्रेस क्लब में महामंत्री और अध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं।

महिलाओं के समूह पर हाथी का हमला : तीन महिला घायल, एक की मौत

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कोटद्वार, ग्वालगढ़ के समीप महिलाओं के समूह पर अचानक एक जंगली हाथी ने हमला कर दिया। हाथी के हमले में तीन महिला घायल और एक महिला की मौत हो गई। हमले में एक महिला लक्ष्मी चौधरी पत्नी सुनील चौधरी 48 वर्ष निवासी ध्रुवपुर की घटनास्थल पर ही दुखद मृत्यु हो गई।
घायल महिलाओं में सुनीता जखवाल 40 वर्ष, अनिता देवी 42 वर्ष और सुमन 37 वर्ष को तत्काल चिकित्सा हेतु चंद्र मोहन नेगी बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती किया गया है। स्थानीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूड़ी भूषण ने घायलों का हाल-चाल जाना एवं डॉक्टरों को सावधानी से इलाज करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही मृतक के परिवार जनों को उचित मुआवजा देने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया।

बड़ी खबर : स्वास्थ्य विभाग हुआ सख्त, जारी किये मुख्य चिकित्साधिकारियों को कारण बताओं नोटिस

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देहरादून, उत्तराखंड स्‍वास्‍थ्‍य विभाग लगता है अब सख्ती के मूड़ में आ गया, राज्य के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने चार जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुये अल्टीमेटम भी दे दिया है। देहरादून, उत्तरकाशी, पौडी और रूद्रप्रयाग जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत आयुषमान भारत हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर के उच्चीकरण का काम किया जाना है।
आगामी 23 दिसंबर को सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा रोजगार मेले के आयोजन में शिरकत कर इन वैलनेस सेंटर में नियुक्ति पाने वालों की कोई जानकारी अभी तक शासन स्तर पर प्राप्त नही हो सकी है। जबकि रोजगार मेले में 19 युवाओं को इस स्थान पर तैनाती के संबंध में मुख्यमंत्री स्तर से नियुक्ति पत्र दिया जाना है।
इसके साथ साथ सीएमओ स्तर से पूरी इस महत्तवकांक्षी योजना में बेहद लापरवाही बरती जा रही है। सचिव स्वास्थ्य के मुताबिक कार्यक्रम में कोई चूक या लापरवाही होने की दिशा में सीएमओ जिम्मेदार होगें। इसके साथ साथ भविष्य में इन सीएंमओ को बैड इंट्री देने की भी तैयारी हो रही है।

 

हरियाणा में शादी के लिए धर्म परिवर्तन कराने वालों की खैर नहीं, होगी 10 साल की जेल

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चंडीगढ़ ,(आरएनएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने धर्म परिवर्तन के मामले में बड़ा फैसला लिया है। हरियाणा में शादी के लिए धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है। अब राज्य में धर्म परिवर्तन कर शादी करने की इजाजत नहीं है। ऐसा करने वालों को 3 से 10 साल तक की जेल हो सकती है।
वहीं जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने पर पीडि़त लोग अब कोर्ट की शरण ले सकेंगे। कोर्ट पीडि़त और आरोपी की आय को ध्यान में रखकर पीडि़त के भरण-पोषण और कार्रवाई का खर्चा देने का आदेश जारी कर सकेगी। इस कानून में बच्चा होने के बाद भी पीडि़त कोर्ट की शरण ले सकेंगे।
जबरन धर्म परिवर्तन के बाद यदि बच्चा हो जाता है और महिला या पुरुष शादी से संतुष्ट नहीं हैं तो भी वो दोनों न्यायालय की शरण ले सकेंगे। कोर्ट ये आदेश देगा कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए भी भरण पोषण राशि दोनों या आरोपी को देनी होगी। इस एक्ट की धारा 6 के तहत विवाह को अमान्य घोषित करने का भी प्रावधान किया गया है।
बता दें, हाल ही में धर्मांतरण को लेकर हरियाणा से एक मामला सामने आया था जिसमें 22 वर्षीय एक हिंदू महिला और उसके मुस्लिम पति समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। महिला के पिता ने दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उनकी बेटी ने हाल में एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी की थी और उसे जबरन इस्लाम कबूल कराया गया।
पुलिस के मुताबिक, धीरज शुक्ला ने अपनी शिकायत में कहा है, पिछले साल, जावेद की मां और रिश्तेदार शादी का प्रस्ताव लेकर मेरे घर आए थे, लेकिन मैंने इसे अस्वीकार कर दिया। इस साल 28 अक्टूबर को मुझे एक अदालती नोटिस मिला, जिसमें कहा गया था कि मेरी बेटी की शादी जावेद खान से हुई है और उसने सुरक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर की है। महिला के पिता ने हाल में राज्य में पारित धर्मांतरण रोधी कानून का हवाला देते हुए कहा, कानून के अनुसार शादी अवैध है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

कोरोना पहले की तरह हुआ विकराल, इन देशों में बरपा रहा कहर, भारत में भी हेल्थ अलर्ट जारी

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कोरोना मरीजों का बढ़ता ग्राफ एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चिंता का कारण बनता जा रहा है. बीते कुछ दिनों से कई देशों में कोरोना के मामलों में तोजी से वृद्धि देखने को मिली है. शुक्र है कि भारत में अभी कोरोना की चाल धीमी पड़ी हुई है. लेकिन खतरे को भांपते हुए सरकार ने सभी राज्यों से अलर्ट रहने के लिए कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों कोरोना की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी

जापान, अमेरिका और चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय का राज्यों को जीनोम सिक्ववेंसिंग बढ़ाने का निर्देश दिया है. जिनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि नए वेरिएंट और उसके फैलाव का पता समय से लगाया जा सके.

बढ़ाई गई सर्विलांस

केंद्रीय स्वास्थय सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों और मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर कोरोनावायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग पर ध्यान देने को कहा है. अमेरिका, ब्राज़ील, चीन, जापान और कोरिया में कोविड के बढ़ते मामलों के बाद सर्विलांस बढ़ाई गई है.

जीनोम सिक्वेंसिंग पर खासा जोर

राज्यों से कहा गया है कि कोरोनावायरस के नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए सभी पॉजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाए. और जीनोम सिक्वेंसिंग के सभी मामलों को INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) के माध्यम से रिपोर्ट किया जाए. जीनोम सिक्वेंस के माध्यम से ये पता लगाया जा सकता है कि वायरस का कौन सा वेरिएंट ज्यादा फैल रहा है और किस हिस्से में कौन से वेरिएंट का फैलाव है. अगर वायरस म्यूटेट करता है और कोई नया वेरिएंट वातावरण में आता है तो उसका पता भी लगाया जा सकता है.

कोरोना के कुल 3490 एक्टिव केस

लिहाजा भारत में कोरोना के मामले बढ़ें, उससे पहले ही जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने और उसकी रिपोर्टिंग केंद्रीय स्तर पर फिर से तेज करने का फैसला लिया गया है. भारत में इस वक्त कोरोना के कुल 3490 एक्टिव केस हैं. अब तक के सबसे कम केस भारत में इसी हफ्ते दर्ज किए गए हैं.

मुख्य सेवक सदन में हुआ वाह्य सहायतित जायका परियोजना रू. 526 करोड़ की योजना का शुभारंभ

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देहरादून, प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग द्वारा मंगलवार को मुख्यसेवक सदन में वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अथिति के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े । कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सहित जापान जायका के प्रतिनिधि ओर विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ओर वित मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल की उपस्थिति में वाह्य सहायतित जायका परियोजना रू. 526 करोड़ की योजना का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस योजना के माध्यम से प्रदेश में वानिकी, औद्यानिकी को बढ़ावा मिलेगा यह योजना राज्य के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। वही मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। मंत्री जोशी ने कहा प्रधानमंत्री जी के कुशल निर्देश/नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी औद्यानिकी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। मंत्री जोशी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य में औद्यानिक का समग्र विकास करते हुए कास्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित करने व वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ करने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत देय राजसहायता की धनराशि में भी वृद्धि की जा रही है।
मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाॅ एवं कृषि जलवायु विभिन्न कृषि एवं औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल हैं। राज्य के तराई/भावर क्षेत्रों में खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, वहीं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी के विकास की अपार सम्भावनाए विद्यमान हैं। राज्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा पर्वतीय क्षेत्रों की जनता की आर्थिकी के दृष्टिगत कृषि व औद्यानिक फसलों की अहम भूमिका है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों की जनसंख्या के रोजगार के मुख्य साधन कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की क्षति तथा खाद्य व ऊर्जा संकट के कारण कृषि एवं औद्यानिकी के समग्र विकास में विभिन्न चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में कृषि एवं औद्यानिकी के विकास हेतु कृषि-औद्यानिकी दृष्टि पत्र तैयार किया गया है, जिसके क्रियान्वयन की जनपद स्तर पर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्तमान में उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के अन्तर्गत आच्छादित 2.97 लाख है0 क्षेत्रफल में 17.72 लाख मै0टन उत्पादन किया जा रहा है। सशक्त उत्तराखण्ड /25 के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 तक औद्यानिकी के अन्तर्गत 3.45 लाख है0 क्षेत्रफल में 22.517 लाख मै0टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री जोशी ने कहा बागवानी के समग्र विकास हेतु जापान के सहयोग से बाह्य सहायतित परियोजना जायका योजनान्तर्गत रू0 251.71 करोड़ के प्रस्तावित परिव्यय में विशेष प्रयासों के फलस्वरूप दोगुना से अधिक वृद्वि करते हुए रू0 526.00 करोड़ स्वीकृत कराया गया है। प्रदेश की विविधतापूर्ण कृषि जलवायु एवं भौगोलिक परिस्थितियाॅ औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल है। विविध जलवायु के फलस्वरूप प्रदेश में समशीतोष्ण एवं शीतोष्ण फसलों का उत्पादन किया जाता है। इस हेतु जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी (जायका) के वित्तीय सहयोग से यह परियोजना प्रदेश के 04 जनपदों (टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल) में संचालित की जायेगी। इसके अन्तर्गत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर इनके प्रभावों को कम करने हेतु जलवायु के अनुरूप औद्यानिक फसलों एवं तकनीकों का समावेश करते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।
मंत्री ने कहा परियोजना में औद्यानिकी से सम्बन्धित महत्वपूर्ण घटकों को सम्मिलित करते हुए कास्तकारों को 80 प्रतिशत तक राजसहायता से लाभान्वित करने की व्यवस्था की गयी है। साथ ही परियोजना में कीवी को गेम चेजिंग फसल के रूप में सम्मिलित किया गया है, जिससे कास्तकारों की आय में दोगुना से अधिक वृद्वि सुनिश्चित करने के साथ-साथ भारतवर्ष में कीवी के आयात को भी कम किया जा सकेगा। मंत्री जोशी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जायका परियोजना के क्रियान्वयन से एकीकृत बागवानी को बढ़ावा देकर कृषकों की आय वृद्धि एवं राज्य की आर्थिकी में विशेष योगदान मिलेगा, जो कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में भी सहायक होगा। इसके अलावा मंत्री जोशी ने कहा कि कोई भी योजना बनाई जाए उसके लिए किसानों की राय भी ली जाएगी। मंत्री जोशी ने कह कि शीघ्र ही जायका परियोजना सभी जनपदों में भी लागू की जायेगी। इस अवसर पर मंत्री जोशी ने जापान से पहुंचे जायका के प्रतिनिधियों को पहाड़ी टोपी ओर केदारनाथ मंदिर की मूर्ति का स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, सीनियर रिप्रेजेंटेटिव जायका इंडिया जून वातानाबे, रिप्रेजेंटेटिव जायका मारिया कोटा, प्रिंसिपल डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट जायका अनुराग सिंह, सचिव बी.वी. पुरुषोत्तम निदेशक उद्यान एचएस बवेजा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

 

‘उत्तराखण्ड पुलिस मंथन-चुनौतियां एवं समाधान’ की थीम पर 22 से 25 दिसंबर तक होगा पुलिस सप्ताह का आयोजन

देहरादून, पुलिस मुख्यालय में 22 से 25 दिसंबर 2022, की अवधि में ‘उत्तराखण्ड पुलिस मंथन-चुनौतियां एवं समाधान’ की थीम के अन्तर्गत पुलिस सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।

पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड,अशोक कुमार द्वारा बताया कि पुलिस सप्ताह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाएगा। पुलिस मंथन सप्ताह के दौरान विभिन्न विषयों पर मुख्य सचिव श्री एसएस संधू एवं अपर मुख्य सचिव, गृह श्रीमती राधा रतूड़ी का मार्गदर्शन भी प्राप्त किया जाएगा ।
पुलिस मंथन सप्ताह के दौरान राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, समस्त जनपदों के वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक एवं समस्त वाहिनियों के सेनानायक मौजूद रहेंगें। पुलिस मंथन के दौरान दो विशेष सत्र भी आयोजित किये जायेंगें। इसमें जनता एवं पुलिस के मध्य संवाद के अन्तर्गत ‘पब्लिक इन्ट्रेक्शन‘ कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें पुलिस की भविष्य की रणनीतियों एवं योजनाओं को अधिक जनोपयोगी बनाने हेतु जनता से सुझाव भी लिये जायेंगें। इसके अतिरिक्त पुलिस जवानों से लेकर पुलिस महानिदेशक के मध्य संवाद हेतु ‘वर्टिकल इंटरेक्शन’ सेशन भी आयोजित किया जाएगा l

डॉ. नेहा शर्मा भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी महिला मोर्चा नियुक्त

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देहरादून, फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर के सदस्यों ने डॉ. नेहा शर्मा को भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी महिला मोर्चा नियुक्त होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्षा महिला मोर्चा श्रीमती आशा नौटियाल का आभार जताया और डॉ. नेहा शर्मा को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. नेहा शर्मा और नव नियुक्त भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी महिला मोर्चा ने सबका धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा प्रदेश अध्यक्षा महिला मोर्चा श्रीमती आशा नौटियाल जी के नेतृत्व में भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा, महिलाओं को सशक्त बनाने में अपना अहम योगदान देगा और उनके उत्थान के लिए सहयोग करेगा।
प्रदेश की विकास यात्रा में महिलाएं स्वरोजगार से अहम भूमिका निभा रही हैं, आपके नेतृत्व में हम मिलकर महिलाओं के लिए सुरक्षित और प्रभावी समाज बनाने का प्रयास करेंगे। प्रदेश की महिला उद्यमियों , महिला स्वयं सहायता समूहों और प्रदेश के विभिन्न एनजीओ से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर, आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा आगे बढ़ चढ़ कर कार्य करेगी और पार्टी की नीतियों और उद्देश्य को प्रदेश की महिलाओं तक पहुँचाने पूर्ण प्रयास करेगी।

भारत जोड़ो यात्रा : नफरत के बाजार में मोहब्बत का पैगाम लाया हूं : राहुल गांधी

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अलवर/देहरादून, कांग्रेस की भारत जोड़ो भारत जोड़ो यात्रा के अलवर पहुंचने पर उत्तराखण्ड़ से कई नेता और विधायक भी शामिल हुये, अलवर के बुर्जा गांव से लोहिया का तिजारा मोदी गढ़ तक की पद यात्रा में चकराता विधायक पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, विधानसभा प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी एवं जसपुर के विधायक आदेश चौहान एवं द्वाराहाट के विधायक मदन बिष्ट ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राहुल गांधी संग पदयात्रा में शामिल हुए ।

विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नफरत के बाजार में मोहब्बत का पैगाम लाया हूं । पदयात्रा से उत्साहित चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय एकता एवम अखंडता का संदेश देता है जिसमें यात्रा के माध्यम से समूचे भारतवासियों को हम सब एक है और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत एकजुट है और हममें आपसी प्यार मोहब्बत भाई चारा है । उन्होंने कहा कि राहुल गांधी उस परिवार से आते हैं जिन्होंने देश को त्याग और बलिदान दिया है। भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी कई सौ किलोमीटर चल कर लोगो को गले लगा रहे है ये उनकी नफरत से जंग और मोहब्बत का संदेश दे रहा है जिसमे अपार जन सैलाब उमड़ रहा है ।

विधायक विक्रम सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र सरकार मूलभूत समस्याओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है और ज्वलंत मुद्दों देश में स्वास्थ्य शिक्षा बेरोजगारी महंगाई विकराल रूप ले रही है युवाओं किसानों मजदूरों के हितों पर कुठाराघात हो रहा है । राहुल जी ने त्याग तपस्या करके अपने पांवों में पड़े छालों के बावजूद लोगों को स्नेह प्यार के बंधन में जोड़ने का काम कर रहे हैं और मोहब्बत का संदेश दे रहे हैं ।
पदयात्रा में पूर्व विधायक विजयपाल सजवान राजकुमार प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजेंद्र शाह, महेश जोशी, गौरव चौधरी संजय किशोर हिमांशु चौहान भरत शर्मा सुनीत राठौर समेत आदि ने पदयात्रा में शिरकत की ।

उत्तराखंड़ के समसामयिक सवालों पर बनी गढवाली फिल्म ‘मेरु गौं’

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‘मेरू गौं’ आज भी अपने वजूद के लिये संघर्ष कर रहा, राज्य बना सरकारें सत्तासीन हुई पर ‘मेरू गौं ‘ गमगीन पीड़ा में धंसता चला गया, आखिर क्यों…? प्रश्न आज भी चोट कर रहा है नीति नियंताओं पर..! क्या इन बीस वर्षो में पहाड़ी की पीड़ा कम हुई, बस इसी आयने को दिखाने का एक सार्थक प्रयास है “मेरू गौं”

आखिर ‘मेरू गौं’ क्यों..?

इसी माह 2 दिसंबर से दून के सिल्वर सिटी में ‘गंगोत्री फिल्मस’ के बैनर पर सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और फिल्म निर्माता राकेश गौड़ की नई फिल्म ‘मेरु गौं’ ने उत्तराखण्ड के समसामयिक सवालों को उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है, लगातार गढ़वाली दर्शकों में अपनी पकड़ बना रही यह फिल्म ऐसे समय पर रिलीज हो रही है, जब देश में सरकारी तौर पर आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है, उत्तराखंड राज्य को बने भी 23 साल हो गये हैं, इन दोनों कालखंडों का महत्व और इस फिल्म का संदर्भ यह है कि आजादी के आंदोलन में उत्तराखंड के क्षेत्रीय सवाल राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े. लोगों ने जल, जंगल और जमीन पर अंग्रेज़ी जनविरोधी कानूनों से मूक्ति आजादी के साथ देखी. उन्हें लगता था कि देश आजाद होगा तो वह अपनी तरह की नीतियां बनाकर खुशहाल हो सकते हैं। लेकिन आजादी के कई दशकों बाद भी उनकी आंकाक्षाएं मूर्तरूप नहीं ले पाई। तब पर्वतीय क्षेत्र के आठ जिलों में रहने वाले लोगों को लगा कि उत्तर प्रदेश में रहकर उनके साथ भेदभाव हो रहा है। उन्हें लगा कि जब अपना पृथक पर्वतीय प्रदेश होगा तों हम स्थानीय संसाधनों को सही उपयोग कर नीतियां बनायेंगे। पहाड़ के सही नियोजन कर गांवों की तरक्की भी कर पायेंगे।

चार दशकों के आंदोलन और 42 शहादातों के बाद राज्य मिल गया। अब दो दशक से अधिक का समय बीत गया। समस्यायें वहीं खड़ी हैं, जहां से राज्य की मांग शुरू हुई थी। उत्तराखंड के लोगों की इन्हीं आकांक्षाओं और टूटते सपनों को बहुत तरीके से ‘मेरु गौं’ में रखा गया है। कहानी, विषयवस्तु, गीत-संगीत, अभिनय, फिल्मांकन, तकनीक की दृष्टि से यह फिल्म एक उम्मीद जगाती है कि उन विषयों पर अच्छी रचनात्मक फिल्में बनाई जा सकती हैं जिन्हें ‘मार्केट’ के डर से लोग हाथ लगाने से हिचकिचाते हैं या इस मुहावरे को तोड़ने की कोशिश नहीं करते जिसमें कहा जाता है ‘लोग ऐसा ही देखना चाहते हैं। निर्माता राकेश गौड़ और निर्देशक अनुज जोशी ऐसा कर पायें हैं जिसके लिये वे बधाई के पात्र हैं |

उल्लेखनीय है कि रोकश गौड़ ने कई चर्चित फिल्मों का निर्माण किया है। गौड़ जाने-माने रंगकर्मी हैं। जमीन से जुड़े रहने के कारण बहुत संवेदनशील भी। उनके साथ निर्देशक अनुज जोशी फिल्म के तमाम प्रारूपों की गहरी समझ रखते हैं। उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों का सह-निर्देशन किया है। चर्चित टीवी सीरियल ‘कसौटी जिंदगी की’ के लगभग पचास एपेसोड का निर्देशन किया है। उन्होंने पहाड़ के विषयों का गहनता से अध्ययन किया है। उनकी विषय, स्क्रिप्ट, कैमरे, एडिटिंग आदि पर गहरी पकड़ है। इससे पहले वे कई गढ़वाली फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। इनमें उत्तराखंड राज्य आंदोलन पर बनी चर्चित फिल्म ‘तेरी सौं’ है। ‘मेरु गौं’ की कहानी, स्क्रिप्ट और संवाद भी अनुज जोशी ने ही लिखे हैं।

गढवाली फिल्म ‘मेरु गौं’ इन दोनों की समझ और पहाड़ के विषयों को आमजन तक पहुंचाने की मंशा का प्रतिफल है। ‘मेरु गौं’ में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद लोगों की आकांक्षाओं पर हुए तुषारापात, नीति-नियंताओं की दृष्टि के अभाव में उपजी निराशा, इनके कारणों और मौजूदा सवालों को बहुत तरीके से संबोधित किया गया है। राज्य बनने के बाद पलायन, रोजगार, परिसीमन, राजधानी, स्थानीय संसाधनों पर अधिकार और विकास की नई परिभाषा से लुटते पहाड़ पर अलग-अलग तरीके से बातचीत की गई है। सबसे अच्छी बात यह है कि इन सब मुद्दों पर भावनात्मक तरीके से नहीं, बल्कि नीतिगत पहलुओं से समझने की कोशिश की है।

पहाड़ की पीड़ा :
एक गांव की पीड़ा और उसके इर्द-गिर्द ही घूमती इस कहानी में उन सभी पात्रों को शामिल किया किया गया है जो एक ग्रामीण, शिक्षक, प्रवासी, स्थानीय स्तर पर अलग-अलग पार्टियों का प्रतिनिधित्व या समर्थन करने वाले हैं। स्वभाविक रूप से उनके विचार भी अलग हैं, फिल्म में उन जिम्मेदार तत्वों को भी इंगित करने की कोशिश है जो किसी न किसी बहाने इन मुद्दों को हाशिए में धकेलते रहे हैं। यह कम साहस का काम नहीं है कि जहां फिल्म निर्माता ऐसी मसालेदार स्टोरी ढूंढने में लगे रहते हैं, जिनसे उनकी फिल्म चल निकले। वहीं परिसीमन जैसे महत्वपूर्ण एवं फिल्म की दृष्टि से नीरस विषय पर जोखिम उठाना प्रशंसनीय है। यह मुद्दा इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2026 के बाद होने वाले परिसीमन से उत्तराखंड का राजनीतिक भूगोल पूरी तरह बदलने वाला है। अच्छी कहानी, प्रभावी संवाद, भावपूर्ण अभिनय, आकर्षक फिल्मांकन, ठोस तकनीक, कुशल निर्देशन, अर्थपूर्ण गीत और कर्णप्रिय संगीत लोगों को बांधने में सफल रहा । उत्तराखंड के सभी जान-पहचाने कलाकारों से सुसज्जित पूरी फिल्म लोगों को पसंद आ रही | बधाई के पात्र हैं अनुज जोशी, राकेश गौड़, मदन डुकलान, गोकुल पंवार, गंभीर ज्याड़ा, सुमन गौड़, अभिषेक मैंदोला और फिल्म में अपना साकार योगदान देने वाले सभी कलाकार |
इसके साथ एक अपील भी ‘मेरू गौं’ गढ़वाली फिल्म अवश्य देंखे और विचार करें आखिर क्यों…? जरूरत महसूस हुई फिल्म बनाने की |May be an image of 3 people and people standing