Tuesday, May 13, 2025
Home Blog Page 702

सत्य व धर्म का साथ सदैव विजय का मार्ग प्रशस्त करता है- चौधरी

0

” ग्राम पंचायत डुंग्री मे आज मकर ब्यूह का भब्य मंचन देखने हजारों की संख्या मे उमड़े दर्शक, कर्ण व अर्जुन के पात्रों के उत्कृष्ट अभिनय ने दर्शकों को बाधें रखा”

(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- ग्राम पंचायत डुंग्री में चल रहे पॉडव नृत्य में आज मकर ब्यूह मंचन का भब्य आयोजन किया गया । अर्जुन द्वारा महारथी कर्ण बध का मंचन देखने आज हजारों की संख्या में दर्शकों का जमवाड़ा लगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिहं चौधरी ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये कहा कि सत्य व धर्म का साथ सदैव विजय का मार्ग प्रशस्त करता है। पॉडवों ने कई कष्ट झेले लेकिन सत्य व धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा, यही कारण था कि भगवान श्रीकृष्ण का साथ उन्हे मिला ओर अंत में पॉडवो की विजय हुई।
कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन के बाणों से छलनी भीष्म पितामह के शया पर जाने व गुरू द्रोणाचार्य के मारे जाने के बाद कौरव दल से कर्ण को सेनापति बनाया जाता है। कर्ण द्वारा अर्जुन बध के लिये मकर ब्यूह की रचना की गई। जिसमें आखिरकार अर्जुन के हाथों कर्ण बीरगति को प्राप्त होता है। मंचन में अर्जुन, कर्ण, व शकुनि के पात्रों ने उपस्थित दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी। इससे पूर्व ग्रामीणों द्वारा मुख्य अतिथि रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिहं चौधरी का भब्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष महाबीर सिंह पंवार, कनिष्क प्रमुख अगस्त्यमुनि शशी सिंह नेगी, गौरव चौधरी, नरेन्द्र पंवार, पॉडव नृत्य कमेठी के अध्यक्ष उम्मेद सिंह बुटोला, हनुमन्त सिंह बुटोला, झेत्र पंचायत सदस्य, सुमन देवी, ग्राम प्रधान डुंग्री मालती देवी, शूरबीर सिंह बुटोला , सहित क्षेत्र के गणमान्य ब्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन विजय सिंह बुटोला द्वारा किया गया।

अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ ने आयोजित किया मिलन कार्यक्रम, केंद्रीय विद्यालय संगठन को भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बनाने की ली शपथ

0

देहरादून, नव वर्ष के शुभवसर पर अखिल भारतीय केंद्रीय विद्यालय शिक्षक संघ का मिलन कार्यक्रम एवं बैठक का आयोजन आज राजधानी में किया गया, इस अवसर पर सभी शिक्षकों ने एक दूसरे को नववर्ष की मंगलकामना के साथ बधाई दी तथा शिक्षा के क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय संगठन को भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बनाने की शपथ ली |
मिलन कार्यक्रम के बाद आयोजित बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने स्थाई एवं पारदर्शी स्थानांतरण पालिसी को संगठन में लागू किये जाने एवं सत्र 23 में इसे प्रभावी किये जाने की मांग की | बैठक में शिक्षकों ने निशुल्क स्वास्थ्य सेवा सीजीएसएच का लाभ दिए जाने के लिये स्वास्थ्य कार्ड बनाये जाने एवं 6वें वेतनमान के तहत सभी को तीन वित्तीय लाभ दिए जाने का संगठन से आग्रह किया |उपस्थित शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना के समर्थन में जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इसका समर्थन करें | अल्मोड़ा एवं चंपावत को हार्ड स्टेशन बनाए जाने तथा गोपेश्वर और चंपावत को वहाँ के मौसमानुसार शीतकालीन स्टेशन बनाये जाने की मांग रखी | एलडीई के तहत विभागीय परीक्षा में सफल शिक्षकों को नजदीकी स्टेशन पर तैनाती दिये जाने की मांग बैठक में की गई |
बैठक में राज्य सरकार से आग्रह किया गया की भूमि आवंटन के शासन स्तर पर लटके हुए मामलों का शीघ्र निस्तारण कर केंद्रीय विद्यालयों के लिये भूमि आवंटित की जाय ताकि अस्थाई भवनों में चल रहे उत्तराखंड के केंद्रीय विद्यालयों के लिये स्थाई विद्यालय भवन का निर्माण संगठन द्वारा किया जा सके | बैठक में राज्य सरकार से यह भी आग्रह किया गया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के उत्सवों के लिये की गई छुटी के सम्बंध में केंद्रीय विद्यालयों के लिये भी स्पष्ट निर्देश जारी करें ताकि केंद्रीय विद्यालय के बच्चे भी राज्य उत्सवों को धूमधाम से मना सके |
बैठक में संघ के अध्यक्ष नबील अहमद, महासचिव डी. एम. लखेड़ा , उपाध्यक्ष राजेश कुकरेती , राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य राजेन्द्र भंडारी, प्रमोद कुमार एवं संजीव उपाध्याय, विवेक कक्कर,किशोर काला , ललित नेगी,भूपेंद्र कठैत, कुँवर सिंह बिष्ट, धर्मेंद्र सिंह , पवन गुसाईं,करन सिंह आदि शिक्षक उपस्थित थे |

विकास भवन में शुरू हुआ पंचायत सदस्यों एंव रेखीय विभाग कार्मिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण

0

(देंवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग-राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंर्तगत जिला पंचायत सदस्यों एवं जिला स्तरीय रेखीय विभाग के कार्मिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम विकास भवन सभागार में विधिवत रूप से आज प्रारंभ हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी श्री नरेश कुमार एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री सुमन्त तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मुख्य प्रशिक्षक डॉ सुभाष चन्द्र पुरोहित ने बताया कि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जिला स्तर पर जिला पंचायत विकास योजना निर्माण हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है। सभी पंचायत सदस्यों एवं विभागीय कार्मिकों की सहभागिता से जन कल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने का वातावरण निर्माण प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है।मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि पंचायतीराज विभाग द्वारा समय समय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से विकास को एक नई दिशा प्रदान होती है।पंचायत प्रतिनिधियों के साथ साथ विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम सफल सिद्ध होते हैं।जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन्त तिवारी ने कहा कि सभी जन प्रतिनिधियों को सरकार द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों से अनुभव प्राप्त कर अपने कार्यक्षेत्रों में धरातल पर उतारने का प्रयास करना चाहिए एवं सरकार की योजनाओं को समाज के अंतिम ब्यक्ति तक पहुंचाने में सहयोग करना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं पर प्रशिक्षक भरत सिंह बिष्ट ने, महिला एवं बाल विकास की योजनाओं पर डॉ डी. एस. पुण्डीर जी ने एवं चिकित्सा स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण एवं वन विभाग की योजनाओं पर सतेंद्र भंडारी एवं परिवार कल्याण विभाग की योजनाओं पर डॉ किरण पुरोहित जयदीप ने विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य सविता भंडारी, शीला रावत एस डी ओ वन विभाग आर एस रावत जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी डा एस जुगराण सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

स्पा सेंटर की आड में अनैतिक देह व्यापार करने वाले 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

0

देहरादून, स्पा सेंटर की आड में अनैतिक देह व्यापार का धंधा करने वाले स्पा सेंटर संचालक सहित 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जानकारी के अनुसार उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर द्वारा जनपद में अनैतिक व्यापार से संबंधित अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने हेतु एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट देहरादून को निर्देशित किया गया हैं। एसएसपी के निर्देशों के अनुपालन में पुलिस अधीक्षक अपराध व पुलिस अधीक्षक नगर के पर्यवेक्षण एवं क्षेत्राधिकारी नेहरू कॉलोनी के नेतृत्व में ए.एच.टी.यू टीम द्वारा गत शाम सूचना मिली कि राजपुर रोड वर्ड ट्रेंड टावर पर स्थित स्पा सेन्टर पर संचालको द्वारा स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा किया जा रहा है।

इस पर टीम द्वारा तत्काल थाना डालनवाला पुलिस व ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित एनजीओ एंपावरिंग पीपल, जिला विधिक प्राधिकरण के सदस्यो को साथ लेकर राजपुर रोड पर स्थित स्पा केस्टिल पर आकस्मिक दबिश दी तो स्पा के नाम पर स्पा सेन्टर के अंदर अनैतिक देह व्यापार करते पुरूष व महिलाएं पकड़ी गई तथा कई आपत्तिजनक स्थिति एवं सामग्री भी मिली। स्पा की 02 महिला संचालकों सहित कुल 11 महिलाओं और 02 पुरूष ग्राहक कुल 13 लोगो को गिरफ्तार किया गया। विस्तृत पूछताछ में अपराध में संलिप्त स्पा सेंटर के संचालक द्वारा स्पा की आड़ में पहाड़ी व बाहरी राज्यों की महिलाओं के साथ मिलकर अनैतिक देह व्यापार का धंधा कराया जा रहा था। आरोपियों के विरुद्ध थाना डालनवाला पर अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया। इस धंधे को कराने में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आये हैं जिनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में फेंसिंग के लिए 130 करोड़ रूपये की व्यवस्था की जायेगी : सीएम धामी

0

देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की बैठक लेते हुए कहा कि जंगली जानवरों से खेती एवं बागवानी की सुरक्षा के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में फेंसिंग की व्यवस्था के लिए 130 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था की जायेगी। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विस्तारीकरण के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना होगी शुरू। प्रधानमंत्री वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की भांति राज्य में मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना के तहत नेपाल बॉर्डर के कुछ गांवों को चिन्हित कर विकसित किया जायेगा। पीएम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत राज्य के चीन की सीमा से लगे चार ग्राम नीति, माणा, मलारी एवं गूंजी चिन्हित हुए हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आजीविका दर्पण त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि अमृत सरोवर योजना के तहत अब 1200 और अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य मिला है, इनसे लोगों की आजीविका को कैसे बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाए। इनको मत्स्य पालन से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पशुबाड़ के तहत लाभार्थियों को जो 48 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है, उसे बढ़ाने के लिए जल्द प्रस्ताव लाया जाए। कृषि, बागवानी एवं पशुपालन को राज्य में और तेजी से बढ़ावा दिया जाए। सेब एवं कीवी पर मिशन मोड में कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक 15 दिन में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बागवानी को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी में तेजी से बढ़ाने के प्रयास किये जाए। राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी उचित ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था के भी निर्देश उन्होंने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लक्ष्य के सापेक्ष अवशेष आवास निर्माण कार्यों में तेजी से कार्य हो यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के लक्ष्य के अनुसार वर्ष 2025 तक समूहों की 1.25 लाख महिला सदस्यों को लखपति दीदी बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों एवं कार्यदाई संस्थाओं द्वारा जो भवन बनाये जा रहे हैं, उनको पर्वतीय शैली में बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अभी तक जिनका मुआवजा भुगतान नहीं हुआ है, वह शीघ्र किया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र पोषित योजनाओं में मनरेगा के तहत अमृत सरोवर योजना, आधार सीडिंग में उत्तराखण्ड राष्ट्रीय स्तर पर पहले एवं ससमय भुगतान में तृतीय स्थान पर है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उत्तराखण्ड बजट आवंटन/स्वीकृति, रिवाल्विंग फंड तथा सामुदायिक निवेश निधि ( RF & CIF ) में प्रथम स्थान एवं लखपति दीदी सर्वे में द्वितीय स्थान पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत भी उत्तराखण्ड देश में पांचवे स्थान पर है।

 

बैठक में जानकारी दी गई कि विगत पांच वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में 5838 करोड़ की लगात से 11621 किमी. मार्गो का निर्माण किया गया एवं 875 बसावटें संयोजित की गई। उत्तराखण्ड राज्य स्थापना से 2017 तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3994 करोड़ रूपये की लागत से 10243 किमी के कुल 1310 कार्य स्वीकृत हुए एवं 955 बसावटें संयोजित की गई। जबकि 2017 से अब तक राज्य में 6375 करोड़ रूपये की लागत से 10034 किमी के कुल 1468 कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं 875 बसावटें संयोजित की गई हैं। विगत 05 वर्षों में राज्य में मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष 5.5 लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा गया। 56 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को दिया गया। आजीविका पैकेज के अन्तर्गत 13500 परिवारों को आजीविका संसाधनों से जोड़ा गया। दीनदयाल अन्त्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विगत 05 वर्षों में 3.49 लाख परिवारों के 52613 समूहों में संगठित किया गया। 38882 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड, 23952 समूहों को सी.आई.एफ की धनराशि वितरित की गई। 29289 समूह सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया।

बैठक में ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, अपर सचिव नितिका खण्डेलवाल, उदयराज, अरूणेन्द्र चौहान, योगेन्द्र यादव एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

 

एप्पल मिशन योजनान्तर्गत सेब उत्पादन को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आय में वृद्धि की सार्थक पहल रंग लाई

देहरादून, प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी की पहल रंग लाते दिखाई दे रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कृषकों के सुझावों के बाद शासनादेश जारी हुआ हो। एप्पल मिशन योजनान्तर्गत सेब उत्पादन को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आय में वृद्धि किये जाने व स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार सृजन करने हेतु कृषकों एवं पौधशाला स्वामियों सुझाव आमन्त्रित को ध्यान में रखकर तीनों माडलों में से कृषकों को चयन की स्वतन्त्रता प्रदान करने सम्बन्धी शासनादेश आज जारी किया गया है।
जिसमें 03 माडलों को सम्मिलित किया गया है।
अ) एम-9, एम-7 एवं अन्य सीरिज आदि क्लोनल रूट स्टाक आधारित स्पर प्रजाति के सेब बगीचों की स्थापना।
ब) एम0एम0-106, एम0एम0-111 या अन्य सीरिज आदि रूट स्टाक आधारित स्पर प्रजातियों के बगीचों की स्थापना।
स) सीडलिगं रूटस्टाक आधारित अतिसघन बगीचों की स्थापना।

सेब उत्पादन को बढ़ावा देते हुए प्रदेश एवं कृषक हित में मिशन एप्पल योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित मुख्य शर्तों को सम्मिलित किया गया हैः-
कास्तकार स्वेच्छा से अपनी आवश्यकतानुसार किसी भी मानक/विशिष्टियों के अनुसार सेब बागानों की स्थापना कर सकता है।
सेब बगीचों की स्थापना हेतु उच्च गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री का प्रजातिवार चयन कास्तकार अपनी आवश्यकतानुसार करने को स्वतन्त्र है।
पौध रोपण सामग्री का राज्य के बाहर से आयात किया जाता है तो पौधों का रैंडमली डी0एन0ए0 फिंगर प्रिन्ट लिया जायेगा तथा बारकोड लागू किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
योजनानुसार सेब बागानों की अधिकतम लागत रू0 12.00 लाख का 80 प्रतिशत या अधिकतम रू0 9.60 लाख राजसहायता देय है।
अधिकतम लागत रू0 12.00 लाख का 20 प्रतिशत कृषक अंश की धनराशि रू0 2.40 लाख या क्षेत्रफल के अनुसार समानुपातिक पर कृषक द्वारा वहन किया जायेगा। कृषक अंश की धनराशि का बैंक ड्राफ्ट मुख्य कार्यकारी अधिकारी, औद्यानिक विपणन बोर्ड, देहरादून के नाम तैयार कर सम्बन्धित मुख्य/जिला उद्यान अधिकारी/उद्यान विशेषज्ञ कोटद्वार के माध्यम से उपलब्ध कराना होगा।
राज्य में सेब बागान स्थापित करने वाले कृषकों को विभाग/संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों/औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार, सीआईटीएच, मुक्तेश्वर आदि के द्वारा नवीनतम तकनीकों की जानकारी प्रदान करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कृषक अपने अंश की धनराशि की व्यवस्था हेतु सहकारिता विभाग में संचालित दीन दयाल उपाध्याय किसान सहकारिता योजना के अन्तर्गत ब्याज रहित ऋण प्राप्त कर सकता है।
कास्तकारों को 0.04 है0 से 0.40 तक (02 नाली से 20 नाली तक) समानुपातिक लाभान्वित किया जायेगा।
बगीचे की स्थापना करने वाली संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के द्वारा उच्च गुणवत्तायुक्त, रोग/वायरस रहित व मानकों के अनुरूप पौधों के रोपण व सफलता की गारन्टी लेनी होगी तथा पौध रोपण उपरान्त 03 वर्षों तक कास्तकार को पौधों की ट्रेनिगं, कटाई-छटाईं, खाद/उर्वरक/माईक्रो न्यूट्रैन्ट आदि के प्रयोग व सिचंाईं आदि की जानकारी प्रदान करते हुये प्रयोग किया जायेगा।
सम्बन्धित विभागीय अधिकारी/कर्मचारी की पूर्ण जिम्मेदारी होगी की समय समय पर बगीचे का भ्रमण कर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करना होगा। यदि बगीचा असफल होता है तो बगीचा स्थापित करने वाले संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के साथ-साथ सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी की भी जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी।

मिशन एप्पल योजना का क्रियान्वयन उत्तराखण्ड औद्यानिक विपणन बोर्ड के माध्यम से सेब उत्पादन से सम्बंधित संस्था/पंजीकृत फर्मों/कम्पनियों/नर्सरियों के माध्यम से समानुपातिक पर किया जायेगा।

मंत्री कार्यालय से जारी प्रेस नोट में कृषि मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री कृषि विकास योजनान्तर्गत रु0 16.56 करोड़ की लागत के कीवी विकास के लिए प्रस्ताव क्रियान्वयन हेतु भी मानक स्वीकृति सम्बन्धी शासनादेश भी आज जारी कर दिया गया है। कीवी उत्पादन को बढ़ावा देते हुए कृषकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने हेतु प्रदेश के 05 जनपदों (चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, बागेश्वर, चम्पावत) में इस योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा। इसमें भी कृषकों को 80 प्रतिशत राजसहायता दी जाऐगी और 20 प्रतिशत के साझेदार किसान स्वयं होगा। यह सुविधा प्रति एकड़ रुपये 12 लाख तक होगी।

 

एफआरआई में दो दिवसीय राष्ट्रीय कायर्शाला : देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों ने दी 24 प्रस्तुतियां

देहरादून, भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद में विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित पारितंत्र सेवाएं सुधार परियोजना के तहत उपयुक्त रणनीतियों/फ्रेमवर्क को विकसित करने के लिए कृषि वानिकी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कायर्शाला का आयोजन किया गया, 5 और 6 जनवरी को आयोजित इस कार्यशाला में पयार्वरण से संबंधित राष्ट्रीय लक्ष्यों और अंतरार्ष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को प्राप्त करने के लिए देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए भारत सरकार को नीतिगत जानकारी प्रदान की गई।

कायर्शाला में राष्ट्रीय और अंतरार्ष्ट्रीय संगठनों, भारत सरकार के प्रमुख मंत्रालयों, राज्य के वन विभागों, देश के वानिकी और कृषि अनुसंधान संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालयों, लकड़ी आधारित उद्योगों के प्रतिनिधियों और किसानों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। स्थायी भूमि और पारितंत्र प्रबंधन के लिए कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान के परिणामों, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रणालियों को कायर्शाला के दौरान साझा किया गया। देश में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों द्वारा 24 प्रस्तुतियां दी गईं। प्रगतिशील किसानों और लकड़ी आधारित उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भारत में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के अवसरों और बाधाओं पर पैनल चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कृषि वानिकी प्रथाओं को अपनाने और बढ़ाने में अपने अनुभव और चुनौतियों को साझा किया है।

 

दो दिनों के विचार-विमशर् और अनुभव साझा करने के बाद राष्ट्रीय कायर्शाला ने कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के लिए कृषि वानिकी प्रजातियों की गुणवत्ता रोपण सामग्री की उपलब्धता, नीतियों के युक्तिकरण और कृषि वानिकी के विकास के लिए नियामक व्यवस्थाओं के संबंध में और कृषि वानिकी, प्रमाणन ढांचा और कृषि वानिकी उत्पादों के लिए बाजार तंत्र विकसित करने और व्यावहारिक सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।

श्री अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् और डॉ. अनुपम जोशी, वरिष्ठ पयार्वरण समाजवादी ने राष्ट्रीय कायर्शाला के समापन सत्र की अध्यक्षता की और कायर्शाला के सफल आयोजन हेतु समस्त विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों और आयोजकों के योगदान की सराहना की।

 

वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से पुलिस एप एवं ईनामी/वांछित अपराधियों व अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्ति अधिग्रहण के लिए चलाए गये अभियान की डीजीपी ने ली समीक्षा बैठक

देहरादून, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने परिक्षेत्र एवं जनपद प्रभारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड पुलिस एप एवं ईनामी/वांछित अपराधियों व अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्ति अधिग्रहण के लिए चलाए गए विशेष अभियान में की गयी कार्यवाहियों की समीक्षा की।

श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को tech-savvy बनना है। उत्तराखण्ड पुलिस एप स्मार्ट पीपल फ्रेंडली और पारदर्शी पुलिसिंग की ओर एक बड़ा कदम है। अभी तक डेढ़ लाख लोग इस एप को डाउनलोड कर इसकी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। आम जन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य यह एप बनाया गया है। सभी जनपद प्रभारी इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे अधिक से अधिक लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। भविष्य में इसमें और भी सेवाएं जोड़ी जाएंगी। महिला सुरक्षा के दृष्टिगत इसके गौरा शक्ति फीचर में रजिस्ट्रेशन को बढ़ाया जाए। रजिस्टर्ड महिलाओं के साथ समन्वय कर उनकी शिकायत के समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस करायें।

वीडियो कान्फ्रेसिंग में निम्न बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए।

जघन्य अपराधों की SR Cases फाइल को रेड फ्लैग और डबल रेड फ्लैग के अन्तर्गत वर्गीकृत करने का निर्णय लिया गया। एसआर फाइल जनपद प्रभारी अपने हस्तलेख में लिखेंगे। 24 घंटे के अन्दर स्वयं घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे। अभियोगों की बेहतर पैरवी हेतु केस ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी।
प्रतिबिम्ब एप का अधिक से अधिक उपयोग करें। अभियुक्तों के फिंगरप्रिन्ट लेने हेतु उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं, उनका उपयोग किया जाए। शीघ्र ही अभियुक्तों की आईरिस और रेटिना का रिकार्ड रखने हेतु भी एनसीआरबी की ओर से प्रशिक्षण कराया जाएगा।
ईनामी/वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रतिशत बढ़ाने और समस्त जनपद प्रभारियों को अवैध रूप से अर्जित अवैध सम्पत्तियों का शीघ्र चिन्हीकरण कर अधिग्रहण की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
एक सप्ताह के भीतर महिला हेल्पडेस्क एवं चीता मोबाइल को सीयूजी मोबाइल नम्बर प्रदान कर दिए जाएंगे।

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था- श्री वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा- श्री ए पी अंशुमान, पुलिस उप महानिरीक्षक, पी/एम- श्री सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे |

ऑपरेशन मुक्ति की एक और उपलब्धि, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने नशेखोर प्रिन्स को गिरफ्तार करमकब्जे से दो नाबालिग बहनों को मुक्त कराया

देहरादून, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करने व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार समस्त जनपदों में ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान चलाया जाता है। इसके साथ ही बाल अपराध की रोकथाम और भिक्षावृत्ति कराने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को निर्देशित किया गया है।

इसी क्रम में हरिद्वार में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने रोड़ीबेलवाला क्षेत्र से एक नशेखोर प्रिन्स को गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से दो नाबालिग सगी बहनों को आजाद कराया। पूछताछ में दोनों बहनों ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी मां की मौत हो गई थी। पिता दोनों बहनों को हरिद्वार छोड़कर चला गया था। उसी दौरान रोड़ीबेलवाला प्रिंस के संपर्क में आई। आरोपी ने दोनों को डरा-धमकाकर पहले जबरन फ्लूड नशे का सेवन कराकर उनका शारीरिक शोषण किया फिर हरकी पैड़ी में भिक्षावृत्ति कराने लगा। अभियुक्त प्रिन्स के विरुद्ध पोक्सो एक्ट, व अन्य सुसंगत धाराओं में 06 अभियोग पंजीकृत कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। दोनों नाबालिग बहनों को शिशु बालिका गृह केदारपुरम देहरादून में आश्रय दिलाया गया है।

श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने पुलिस टीम को 50 हजार का ईनाम देने की घोषणा की है। साथ ही इस प्रकरण में किसी संगठित अपराध की आशंका की गहन जांच करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को निर्देशित किया है।

ऑपरेशन मुक्ति का उद्देश्य भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा दिलाकर उनका पुनर्वास करना है। अभी तक इस अभियान में 5997 बाल भिखारियों की पहचान की गई है और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने पिछले पांच वर्षों में आधे से अधिक को भीख मांगने से बचाया है। इनमें से 2149 बच्चों का दाखिला कराया गया था जिसमें से 1394 वर्तमान में भी स्कूल में हैं, जो पढ़ रहे हैं, सीख रहे हैं, खेल रहे हैं और बेहतर भविष्य की कल्पना कर रहे हैं।

आप सभी से अनुरोध है कि इस अभियान में योगदान दें। ऐसे बच्चों को भीख न देकर उनकी शिक्षा में सहयोग करें। यदि आप आस-पास ऐसे बच्चे हैं, तो उनकी सूचना हम तक पहुंचाएं।

रसोई गैस के बाद अब सीएनजी-पीएनजी की कीमतों में हुई बढ़ोतरी

0

नई दिल्ली, महंगे गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के बाद अब सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में भी इजाफा हो गया है। गुजरात गैस ने सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में इजाफा कर दिया है। गुजरात के लोगों को अब से गैस के लिए ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में 5 फीसदी का इजाफा हो गया है। गुजरात में एक किलो सीएनजी के लिए ग्राहकों को 78.52 रुपये खर्च करने होंगे। वहीं, पीएनजी की बात करें तो इसके लिए 50.43 रुपये एससीएम (स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर) खर्च करना होगा।

गुजरात गैस के इस कदम के बाद अब दिल्ली के आईजीएल और मुंबई में एमजीएल पर भी दबाव बढ़ेगा। दिल्ली और एनसीआर में सीएनजी और पीएनजी के दाम में आईजीएल बदलाव करती है। पिछले साल आईजीएल ने सीएनजी और पीएनजी के दाम में काफी इजाफा किया था। वहीं दूसरी ओर मुंबई महानगर में एमजीएल के हाथों से सीएनजी एवं पीएनजी के दाम कंट्रोल किए जाते हैं। साल 2022 में एमजीएल ने कीमतों में इजाफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

बता दें, इससे पहले 1 जनवरी को गैस सिलेंडर की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। सरकारी तेल कंपनियों ने 1 जनवरी 2023 से कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में इजाफा हो गया। बता दें कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा हो गया है। इस इजाफे के बाद दिल्ली में सिलेंडर का भाव 1769 रुपये, मुंबई में 1721 रुपये, कोलकाता में 1870 रुपये और चेन्नई में 1917 रुपये हो गया है।
इसके अलावा घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों की बात करें तो इनमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। आज भी घरेलू गैस की कीमतें स्थिर हैं। दिल्ली में सिलेंडर का भाव 1053 रुपये, मुंबई में 1052.5 रुपये, कोलकाता में 1079 रुपये और चेन्नई में 1068.5 रुपये है।

मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव की उच्चाधिकारियों के साथ की समीक्षा।

0

सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम ने ली विस्तृत जानकारी।

भु-धंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिये निर्देश।

सभी संबंधित विभागों को दिये टीम भावना के साथ कार्य करने के निर्देश।

देहरादून , मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ शहर के भू धसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था एवं भूधंसाव के कारणों आदि के संबंध में उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ की अध्यतन स्थित की सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी चमोली से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

उन्होंने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा एवं बचाव पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे समय में लोगों की मदद करना हम सबका दायित्व एवं जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति में लोगों में भरोसा बनाये रखने की भी बात कही। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों के पुनर्वास तथा उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने में भी तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रभावितों को बेहतर से बेहतर क्या मदद कर सकते हैं इस पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में सबसे महत्वपूर्ण होता है लोगों में सरकार और प्रशासन का भरोसा बनाये रखना। इसमें धरातल पर काम करने वाले प्रशासनिक मशीनरी को संवेदनशीलता से काम करना होगा तथा स्थिति पर निगरानी बनाए रखनी होगी। इसके लिये हमें तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य करना होगा। तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, इसमें सरलीकरण तथा त्वरित कार्यवाही ही हमारा सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए। जोशीमठ मामले पर जल्द से जल्द हमारी कार्ययोजना बिल्कुल तय होनी चाहिए। हमारे लिये नागरिकों का जीवन सबसे अमूल्य है।

मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल और जिलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता रहे। जरूरी होने पर एयर लिफ्ट की सुविधा रहे, इसकी भी तैयारी हो।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि तत्काल सुरक्षित स्थान पर अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाया जाए। जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना बनाई जाए। तत्काल डेंजर जोन को खाली करवाया जाए और जोशीमठ में अविलंब आपदा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए पीपलकोटी और गौचर सहित अन्य स्थानों पर सुरक्षित जगह तलाशी जाए। कम प्रभावित क्षेत्रों में भी तत्काल ड्रेनेज प्लान तैयार कर काम शुरू हो। सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों। जिलाधिकारी और प्रशासन स्थानीय लोगों से निरंतर सम्पर्क में रहें। सम्भावित डेंजर जोन भी चिन्हित कर लिये जाएं। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है। इस संबंध में सैटेलाइट इमेज भी उपयोगी हो सकती हैं। सभी विभाग टीम भावना से काम करे तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां पर किये जाने वाले तात्कालिक महत्व के कार्यों को आपदा प्रबंधन नियमों के तहत सम्पादित करने की व्यवस्था बनायी जाय। ऐसे समय में लोगों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसका भी ध्यान रखा जाय। लोगों की आपदा मद से जो भी मदद हो सकती है वह की जाय। उन्होंने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने तथा आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूर्ण कर लिये जाय।

सचिवालय में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री सचिव कुर्वे, श्री दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ सुश्री रिद्विम अग्रवाल आदि के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल मण्डल श्री सुशील कुमार,सचिव आपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा जिलाधिकारी चमोली श्री हिमांशु खुराना सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

सम्मेद शिखर पर केंद्र का बड़ा फैसला, पर्यटन गतिविधियों पर लगाई तत्काल रोक, झारखंड सरकार को दिया निर्देश

0

नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने जैन तीर्थ को पर्यटन स्थल में बदलने के झारखंड सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही केंद्र की तरफ से एक कमेटी भी बनाई गई है। इसके अलावा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने झारखंड सरकार को कार्यालय ज्ञापन जारी कर कहा है कि सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र जैन धर्म का विश्व का सबसे पवित्र एवं पूजनीय तीर्थ स्थान है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने झारखंड सरकार को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि सरकार जैन समुदाय के साथ-साथ राष्ट्र के लिए इसकी पवित्रता और महत्व को पहचानती है और इसे बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती है।

श्री सम्मेद शिखर की पवित्रता बरकरार रहे, इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने झारखंड सरकार को निर्देश जारी किया है। पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार को पर्यटन और ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरु‍वार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस संबंध में जानकारी साझा की है। भूपेंद्र यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि सम्मेद शिखर पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य और तोपचांची वन्यजीव अभयारण्य के पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में आता है। निषिद्ध गतिविधियों की एक सूची है जो नामित पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में और उसके आसपास नहीं हो सकती है। प्रतिबंधों का अक्षरशः पालन किया जाएगा।
भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में जैन समाज के प्रतिनिधियों से मीटिंग की। इसके बाद यादव ने कहा कि जैन समाज को आश्वासन दिया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार सम्मेद शिखर सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थलों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि झारखंड स्थित जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन केंद्र न बनाकर पनत्र तीर्थ क्षेत्र घोषित कराने के उद्देश्य से चलाया गया आंदोलन देशव्यापी हो गया है। छोटे-बड़े नगरों में जैन समाज इसके लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है। इसे विदेशों में रहने वाले लाखों जैनों का भी पूर्ण समर्थन मिल रहा है।

जल के क्षेत्र में सिंचाई, कृषि, पेयजल सहित समस्त क्षेत्रों को वर्ष 2047 तक परिपूर्ण करने का लक्ष्य : सतपाल महाराज

0

भोपाल में अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन में बोले कैबिनेट मंत्री धामी के नेतृत्व हो रहे हैं विकास कार्य

देहरादून/भोपाल, उत्तराखण्ड राज्य द्वारा उपलब्ध जल संसाधनों के समेकित उपयोग एवं नियोजन से वर्ष 2047 तक राज्य में जल का उपयोग करने वाले सिंचाई, कृषि, पेयजल आदि समस्त Sectors को जल के क्षेत्र में परिपूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मध्य प्रदेश स्थित भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल (मिंटो हॉल), जहांगीराबाद में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गुरूवार को 05-06 जनवरी, 2023 तक होने वाले जल विषय पर पहले अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन “जल दृष्टि@ 2047” विषय पर बोलते हुए अपने सम्बोधन में कही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में सम्मेलन में पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ साझेदारी की तलाश कर उसे मजबूत करना और पानी से संबंधित मुद्दों के लिए समग्र व अंतर अनुशासनिक दृष्टिकोण के साथ एकीकृत तरीके से पानी को एक अनमोल संसाधन के रूप में प्रबंधित करने के लिए इस साझा दृष्टिकोण का वह स्वागत करते हैं। निश्चित रूप से यह सम्मेलन पानी जैसे बहुमूल्य और सीमित प्राकृतिक संसाधन को प्रबंधित करने में मील का पत्थर साबित होगा और साझेदारी को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में यमुना नदी पर प्रस्तावित 333 MCM धारित क्षमता के लखवाड बाँध परियोजना का निर्माण पुनः प्रारम्भ करने की कार्यवाही गतिमान है। यमुना की सहायक नदी टोन्स पर प्रस्तावित एक अन्य 1.8 BCM धारित क्षमता की बहुउद्देशीय परियोजना किशाऊ बाँध परियोजना का अन्वेषण कार्य भी प्रगति पर है जिससे यमुना बेसिन के अन्य पांच राज्यों को सिंचाई व पेयजल का लाभ मिलेगा। जल संवर्द्धन एवं संरक्षण हेतु राज्य में जल शक्ति अभियान के तहत “कैच द रेन” के अन्तर्गत अब तक 10589 रेन वाटर हारवेस्टिंग व जल संवर्द्धन कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं जबकि 5114 कार्य चल रहे हैं। 2844 water bodies का पुनरोद्धार कार्य पूर्ण किया गया हैं तथा 1317 water bodies का पुरूद्धार कार्य किया जा रहा है। 1267 रीचार्ज संरचनाओं का निर्माण के साथ-साथ 409 रीचार्ज संरचनाएं निर्माणाधीन है। 25765 वाटरसेड डवलपमेंट कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तथा 12518 वाटरसेड डव्लपमेंट कार्य प्रगति पर है। 4702 हेक्टेयर भूमि में इन्टेंसिव फॉरेस्टेशन आदि कार्य पूर्ण कर 3694 हेक्टेयर भूमि में इन्टेंसिव फॉरेस्टेशन का कार्य किया जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त 1685 प्रस्तावित अमृत सरोवरों में से 990 अमृत सरोवरों का निर्माण व पुनरोद्धार कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष 695 के कार्य चल रहे हैं।

 

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड पर्वतीय राज्य होने के कारण यहाँ अवस्थित पर्वतीय शहरों एवं ग्रामों को स्वच्छ पेयजल एवं सिंचाई की सुविधा नदियों पर जलाशय एवं लिफ्ट योजनायें बनाकर या पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल स्त्रोतों के जल का उपयोग कर ही उपलब्ध करायी जा सकती है, जिस हेतु यह आवश्यक है कि राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त जल का पूर्ण उपयोग Good & Efficient Planning के साथ किया जाये एवं जहाँ जल विद्युत उत्पादन की सम्भावना हो, का भी पूर्ण दोहन हो सके। उन्होने कहा कि राज्य में उपलब्ध जल के बेहतर प्रबन्धन एवं उपयोग हेतु कई वृहद परियोजनाओं का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, जिनके निर्माण से राज्य को सुनिश्चित पेयजल, सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन का लाभ भी होगा।

महाराज ने कहा कि देहरादून एवं उपनगरीय क्षेत्र हेतु सुनिश्चित पेयजल आपूर्ति के लिए सौंग नदी पर लगभग रू० 2021.57 करोड़ की लागत से सौंग बाँध पेयजल परियोजना बनायी जानी प्रस्तावित है। परियोजना के निर्माण से देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी के लिये 150 एम०एल०डी० पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी द्वारा सुनिश्चित की जा सकेगी। सॉंग बांध के निर्माण से होने वाली सुनिश्चित पेयजल आपूर्ति के कारण शहरी क्षेत्रों में क्रमवद्ध तरीके से नलकूप के माध्यम से जलापूर्ति में कमी होने के फलस्वरूप भूजल स्तर में सुधार के साथ-साथ नये नलकूपों के निर्माण, उनके अनुरक्षण लागत तथा विद्युत व्यय में भी कमी होगी।

उन्होने जमरानी बांध का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की महत्वपूर्ण जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना जिसकी लागत रू० 2584.10 करोड की निवेश संस्तुति सचिव, जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत की गयी है। योजना को भारत सरकार के Public Investment Board एवं उसके पश्चात Cabinet Committee on Economic Affairs में स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जाना प्रस्तावित है।

इस परियोजना के निर्माण से उत्तर प्रदेश एंव उत्तराखण्ड राज्य के 1,50,027 हेक्टेयर कमाण्ड के अन्तर्गत क्रमशः उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर तथा उत्तराखण्ड में 9,458 हेक्टेयर अर्थात कुल 57,065 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन होगा एवं हल्द्वानी शहर एवं उसके समीपवर्ती क्षेत्र की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति हेतु 117 एम0एल0डी0 जल की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ-साथ 14 मेगावॉट विद्युत उत्पादन भी होगा। जिसके फलस्वरूप वहाँ के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तथा आस-पास के क्षेत्रों के भू-जल स्तर में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार द्वारा योजना को वर्ष 2027 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित विभिन्न राज्यों के मंत्री और उत्तराखंड के अपर सचिव सिंचाई उमेश नारायण पांडे, प्रमुख अभियंता जयपाल सिंह, इरीगेशन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शंकर कुमार शाह और जल जीवन मिशन से बी.के. पांडे व एस. के. शर्मा आदि मौजूद थे |

जनता इंटर कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, उत्तरांचल प्रान्त के 23 वें प्रान्त अधिवेशन में किया प्रतिभाग

0

देहरादून/खटीमा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एबीवीपी प्रांतीय अधिवेशन में आए सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि अधिवेशन में उत्तराखंड के कोने-कोने से पधारी युवा तरूणाई के मध्य उपस्थित होकर स्वयं को गौरवान्वित एवं ऊर्जावान महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के स्मरण को याद करते हुए कहा कि परिषद में काम करने के दिनों, मैं भी आपकी ही तरह विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में विद्यार्थियों के बीच काम करता था। एबीवीपी एक ऐसा संगठन है, जो व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण” का कार्य करता है। शिक्षा के मंदिरों से लेकर देश की सीमाओं तक परिषद का कार्यकर्ता अपना कार्य कर रहा है। एबीवीपी ऐसा संगठन है, जो समाज के संकटों और राष्ट्र की चुनौतियों को अपना मानता है और उनका डटकर मुकाबला करता है। विद्यार्थियों को शिक्षा, संस्कार और स्वावलंबन प्रदान करने में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। परिषद अपने स्थापना काल से ही देशहित में होने वाले बदलावों की पक्षधर रही है, इसका उदाहरण परिषद द्वारा राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर समय समय पर किए गए संघर्ष हैं। स्कूलों में, कालेजों में और विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के भीतर राष्ट्रवाद की अलख जगाकर, हर विद्यार्थी के होठों पर भारत माता की जय का नारा देने का काम परिषद के आप जैसे कार्यकर्ता करते आए हैं।

जनता इंटर कॉलेज रुद्रपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, उत्तरांचल प्रान्त के 23 वें प्रान्त अधिवेशन में प्रतिभाग करते हुये
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जहां एक ओर युवा भारत हर क्षेत्र में संपूर्ण विश्व का नेतृत्व कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पूरा विश्व भी भारत की युवा शक्ति के सामर्थ्य से लाभान्वित होने के लिए आतुर है। ऐसे समय में युवाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रधानमंत्री जी के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” के निर्माण के लिए सभी युवा आगे बड़े और देश के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा आप सभी को यह भी विश्वास दिलाता हूँ कि आपके द्वारा राज्य की सेवा हेतु मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे निभाने के लिए मैं दिन-रात पूरी ऊर्जा के साथ काम कर रहा हूं और आपके सहयोग से इसी प्रकार अपने कर्तव्यों का पालन करने का प्रयास करता रहूंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के युवाओं को लगातार रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार भी विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती करवा युवाओं को रोजगार देने का कार्य कर रही है वही परीक्षाओं में गड़बड़ी पाए जाने पर 7000 भर्तियों को यूकेपीएससी के माध्यम से कराया जा रहा है। उन्होंने कहा किसी भी व्यक्ति की सबसे बड़ी पूंजी उसकी शिक्षा होती है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि आगे आने वाली परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता से होंगी।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने जिस “विकल्प रहित संकल्प” को लेकर आगे बढ़ रही है, उस संकल्प को पूर्ण करने की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने कहा सामाजिक कार्य के साथ हम सभी ने अपने पढ़ाई पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। समय बहुमूल्य है, विद्यार्थी जीवन का समय फिर हमारी जिंदगी में लौट कर नहीं आ सकता है। आज की गई मेहनत हमें भविष्य में कई बड़े मुकाम पर पहुंचाएगी। हर पल का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन को कैसे देश और समाज के प्रति समर्पित करते हैं, इसका जीता–जागता उदाहरण हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं l जो अपनी माता के दिवंगत होने पर सारे संस्कार पूरे करने के पश्चात राष्ट्रीय कार्यों में लग गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र की सेवा का धर्म एवं पुत्र धर्म बखूबी निभाया है।