Monday, April 28, 2025
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राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर कांग्रेस ने जारी किया ‘शियुं छ धामी’ वीडियो गीत

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देहरादून, कांग्रेस भवन देहरादून में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा जी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी , पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष,पूर्व पार्षद ऋषिकेश व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता रवि कुमार जैन द्वारा लिखित एवम गाया हुआ एक गीत उत्तराखंड राज्य की वर्तमान सरकार की समस्त काले कारनामों और घोटालों को दर्शाता एक वीडियो गीत ‘शियुं छ धामी’ का विमोचन किया।

‘शियुं छ धामी’ एल्बम को राज्य की अग्रणी आन्दोलनकारी स्व0 श्रीमती सुशीला बलूनी को समर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा जी ने कहा कि, श्री रवि जैन ने इस गीत के माध्यम से पूरे प्रदेश की पीड़ा को सुंदर ढंग से उजागर करते हुए भाजपा की राज्य सरकार के काले कारनामों को एक गाने में पिरोने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की धामी सरकार ने जिस प्रकार राज्य के अन्दोलनकारियों, नौजवानों और युवाओं को छला है जनता इसका बदला भाजपा से जरूर लेगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, पटवारी भर्ती घोटाला, पेपर लीक कांड, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, विधानसभा भर्ती घोटाला, अंकिता भंडारी हत्या कांड, 6 पार्षदों द्वारा जनता पर जानलेवा हमला, केबिनेट मंत्री द्वारा आम आदमी की पिटाई आदि सैकड़ों उदाहरणों के साथ उत्तराखंड में जंगलराज फैल गया है। सभी घोटालों एवं काण्डों तथा काले कारनामों में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि आन्दोलनकारियों को समर्पित यह गाना उत्तराखंड की आवाज बनेगा।
कांग्रेस नेता रवि कुमार जैन ने बताया कि, देवभूमि उत्तराखंड विश्व में प्रसिद्ध है तथा राज्य निर्माण के आन्दोलनकारियों की धरोहर है, परन्तु धामी सरकार में जिस प्रकार उतराखंड में अराजकता की स्थिति है और भाजपा सरकार पूर्णतया भ्रष्टाचार में लिप्त है, इस वजह से ऐसे कारनामों से प्रदेश का नाम विश्व में खराब हो रहा है। राज्य आंदोलनकारी होने के नाते मेरा हृदय बड़ा द्रवित था, ऐसे राज्य कें लिए हमने लड़ाई नहीं लड़ी थी । शहीदों की आत्मा आज रोती होगी। बस, अंतर्मन की पीड़ा को इस गाने के माध्यम से रख पाऊं ऐसा प्रयास किया है। इस गाने के लिए कांग्रेस संचार विभाग के राष्ट्रीय सचिव श्री वैभव वालिया जी और राष्ट्रीय संयोजक श्री गौतम नौटियाल से विशेष सहयोग मिला।
विमोचन कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, राष्ट्रीय सचिव संचार विभाग वैभव वालिया, मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी आदि उपस्थित थे।

लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए डीबीयूयू टीम ने ठोकी दावेदारी

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-4 घंटे में 1301 डिशेज़ बनाकर वर्तमान रेकॉर्ड को पीछे छोड़ा

-प्रशासनिक अधिकारी अलोक पांडे ने किया छात्रों का उत्साहवर्धन

देहरादून, ज़ायके की जंग में वर्तमान रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी की होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म टीम ने लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है |
बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में आयोजित लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की स्कूल ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म टीम ने वर्तमान रेकॉर्ड के सामने अपनी चुनौती पेश की| इस दौरान शिक्षक चंद्रमौली ढौंढियाल के नेतृत्व में 11 छात्रों की टीम ने पेशेवर रुख अपनाते हुए अपने हुनर का प्रदर्शन किया | निर्धारित समय में लज़ीज़ डिशेज़ और उनकी विभिन्न वैरायटी की संख्या को मद्देनज़र रखते हुए चुनौती काफी कठिन थी | प्रतियोगिता के शुरुआत में प्रतिज्ञा ली गयी| कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल द्वारा हरी झंडी दिखाने के पश्चात बज़र बजते ही चुनौती प्रारम्भ हुयी| हर आधे घंटे पश्चात बज रहा बज़र, धड़कनों को और बढ़ा रहा था| आठवें और आखिरी बज़र के बाद समय समाप्ति की घोषणा हुयी,  जिसके पश्चात डिशेज़ की अंतिम गिनती शुरू हुयी | आखिर में चुनौती का परिणाम आते ही देवभूमि की टीम खुशी से उछल पड़ी, क्योंकि “समूह में बने सबसे स्वादिष्ट व्यंजनों” की श्रेणी में विश्वविद्यालय टीम ने पुराने रिकॉर्ड को धराशायी करते हुए 4 घंटे में 1301 डिशेज़ बनाकर लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए अपनी मज़बूत दावेदारी पेश कर दी| इस दौरान, मुख्य अतिथि प्रशासनिक अधिकारी अलोक पांडे ने छात्रों को पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए लिम्का बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स के लिए दावेदारी पेश करने पर बधाई दी और कहा कि जो चुनौती से लड़ा है वही जीत का हकदार बना है| वहीं, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने छात्रों और उनको प्रेरित करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं| डीन स्कूल ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म डॉ. महेश उनियाल ने बताया की दावेदारी पेश करने बाद एलबीआर के प्रतिनिधि रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज करने के लिए आवश्यक जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे| कार्यक्रम में कई प्रशासनिक अधिकारियों सहित उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी, डीन एकेडेमिक्स अफेयर्स डॉ. संदीप शर्मा, मुख्य सलाहकार डॉ. एके जायसवाल, शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे|

तकनीकी समिति की जांच के बाद राज्य की अन्य नदियों को भी रिवर राफ्टिंग के लिए खोला जायेगा: महाराज

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देहरादून। माननीय पर्यटन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सतपाल महाराज जी ने कहा कि ,राज्य में साहसिक पर्यटन गतिविधि बढाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में गंगा नदी के अलावा अन्य नदियों को रिवर राफ्टिंग हेतु खोल कर राज्य भर में पर्यटन के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जाऐंगें। उन्होंने बताया कि, इस साल अब गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्वालु और पर्यटक भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने कहा कि, राज्य सरकार और माननीय मुख्यमंत्री जी की भावनाओं के अनुरुप भागीरथी के बाद राज्य की अन्य नदियों को भी तकनीकी समिति की जांच के बाद रिवर राफ्टिंग के लिए खोला जायेगा।
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि, रिवर राफ्टिंग गतिविधियों में उत्तराखण्ड राज्य विश्व स्तर में प्रसिद्व है लेकिन राज्य की अन्य नदियों में रिवर राफ्टिंग की अपार संभावनाऐं हैं, दुनिया भर के जल क्रीडा प्रेमी उत्तराखण्ड की नदियों में रिवर राफ्टिंग और वाइट वाटर क्याकिंग करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि, इसी उद्देश्य से उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् (यू0टी0डी0बी0) ने अपे्रैल माह में भागीरथी नदी में विश्व प्रसिद्व पर्यटक स्थल हर्षिल से आरंभ कर 15 किमी की दूरी को रिवर राफ्ंिटग/क्याकिंग गतिविधियों के लिए उपयुक्त पाया। अब भागीरथी नदी को विश्व स्तरीय रिवर राफ्टिंग गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक रिवर राफ्ंिटग कम्पनी को भागीरथी नदी में हर्षिल से रिवर राफ्ंिटग/क्याकिंग गतिविधियों को आरंभ करने के लिए लाइसैंस दे दिया है।
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद् (यू0टी0डी0बी0) के अतिरिक्त अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुण्डीर ने बताया कि, आज पहली बार भागीरथी नदी में लाइसैंसधारी कम्पनी ने सफलता पूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग करायी है। उन्होंने कहा कि, जल्दी ही स्थानीय युवकों को रिवर राफ्टिंग को व्यवसाय के रुप आरंभ करने के लिए प्रेरित कर उन्हें लाइसैंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार शुरु किया जायेगा।

मणिपुर से 17 लोग सुकशल पहुँच गए उत्तराखण्ड़, जताया सीएम का आभार

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देहरादून, मणिपुर से 17 लोग आज सुकशल देहरादून पहुँच गए। इनमें 14 छात्र-छात्राएं एवं एक फैकल्टी व उनके परिवार के दो सदस्य शामिल हैं। देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुँचने पर इन सभी ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार की त्वरित मदद से ही वे सभी इतना जल्दी सुरक्षित तरह से देहरादून पहुँच सके।
मणिपुर स्थित नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में राज्य के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। मणिपुर में इनकी सुरक्षा को लेकर अभिभावक खासे परेशान थे। बीते दिनों इन छात्रों की समस्या को समझते हुए मुख्यमंत्री श्री धामी ने मणिपुर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को सुरक्षित उत्तराखंड लाने के निर्देश दिए थे। साथ ही इनके लौटने के लिए एयर टिकट आदि की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे।
इसी क्रम में आज मणिपुर से कुल 17 लोग देहरादून एयरपोर्ट पहुँचे। एयरपोर्ट पर डोईवाला एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी ने इन सभी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। जानकारी के अनुसार 17 में से 10 छात्र-छात्राएं नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, 4 एनआईटी एवं एक फैकल्टी एवं इनके परिवार के सदस्य इसमें शामिल हैं। देहरादून पहुँचने पर सभी छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा उन्हें देहरादून लौटने पर हर तरह से मदद की गई। हवाई जहाज की टिकट कराने से लेकर उनकी मणिपुर में पूरी सुरक्षा का ख्याल रखा गया। बताया कि वे बागेश्वर, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, काशीपुर के रहने वाले हैं। इन सभी को जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से जिला प्रशासन के वाहनों से आईएसबीटी देहरादून भेजा गया जहां से उन्हें बस के माध्यम से गंतव्यों तक भेजा जाएगा। मणिपुर दंगों में फंसे लोगों के कुछ परिजनों ने कृष्णमणि थपलियाल को संपर्क किया और वहां से निकलने में सहायता मांगी, श्री थपलियाल ने फौरन मुख्यमंत्री कार्यालय एवं माननीय प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट से संपर्क किया। जिस पर सरकार ने तुरंत फंसे लोगों से संपर्क किया एवं सहायता पहुंचाई। वहां से लौटे लोगों ने कृष्णमणि थपलियाल जी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। मणिपुर में फंसे लोगों के परिजनों ने मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट एवं कृष्णमणि थपलियाल सदस्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखण्ड सरकार एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य का आभार व्यक्त किया |

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव : लोकेश दर्श एवं विपिन चंद्र द्विवेदी संयुक्त रूप से उपाध्यक्ष पद पर विजेता घोषित

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(कुलभूषण शर्मा ) हरिद्वार, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर लोकेश दर्श एवं विपिन चंद्र द्विवेदी को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया जबकि कार्यकारिणी की मतगणना के बाद अनिरुद्ध शर्मा उर्फ हनी को सर्वाधिक 419 मतों से विजयी घोषित किया गया है।

मंगलवार को अध्यक्ष पद पर विश्वबन्धु बाली व सचिव पद पर अनुराग चौधरी को विजयी घोषित किए गए थे। जबकि उपाध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से लोकेश दक्ष व विपिन चंद द्विवेदी को संयुक्त रूप से छह-छह माह के लिए विजयी घोषित किया गया है।
बीते सोमवार को 748 वोटों में से 678 अधिवक्ता ने बार कक्ष में बने दो मतदान केंद्र पर अपने मतदान का इस्तेमाल किया था।
मुख्य चुनाव अधिकारीयो ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में 748 वोटों में से 678 वोटर ने मतदान किया था।मंगलवार को सुबह ग्यारह बजे 678 वोटर की गिनती शुरू की गई।मतगणना करने पर अध्यक्ष पद पर विश्वबन्धु शर्मा,उपाध्यक्ष पद पर संयुक्त रूप से लोकेश दक्ष व विपिन चंद द्विवेदी,सचिव पद पर अनुराग चौधरी,सह सचिव संदीप,कोषाध्यक्ष पद पर अमित कश्यप,पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर जिशान्त व आय व्यय निरीक्षक पद पर रजत जैन को विजेता घोषित किया गया था।
मुख्य चुनाव अधिकारी विजय शर्मा, पवन चौहान,सतीश चौधरी,योगेश शर्मा,विनोद चंद्रा व राव फरमान अली ने बताया कि सात सदस्य कार्यकारिणी सदस्यों की मतगणना करने पर अनिरुद्ध शर्मा उर्फ हनी 419,संदीप कुमार 360,नीरज कुमार 321,नितिन कश्यप 319, अभिषेक भारद्वाज 316, हरीश 284 व कुलदीप कुमार को विजयी घोषित किया गया।जबकि शैफाली वेश 275,प्रवेक पालीवाल 209 व मनीष कुमार को 193 वोट लेकर संतोष करना पड़ा।

ओएनजीसी ने मनीष पाटिल को मानव संसाधन निदेशक नियुक्त किया

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नई दिल्ली, तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने मनीष पाटिल को मानव संसाधन निदेशक के रूप में नियुक्त किया है, कंपनी ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

श्री पाटिल, तीन दशकों से अधिक के अनुभव के साथ एक ऊर्जा पेशेवर, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (इंडियनऑयल) से ओएनजीसी में शामिल हुए, जहां उन्होंने एचआर में संचालन, सूचना प्रणाली और प्रबंधन सेवाओं में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर कार्य किया। पाटिल ने IOC कॉर्पोरेट कार्यालय में मानव संसाधन और CSR के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य किया। श्री पाटिल के पास गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज, रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री, लजुब्जाना विश्वविद्यालय से एक्जीक्यूटिव एमबीए की डिग्री और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से साइबर लॉ में एडवांस्ड डिप्लोमा के साथ-साथ मानव संसाधन प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा है।

कंपनी ने कहा कि मिडस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम सेक्टर में उनका व्यापक अनुभव ओएनजीसी के लिए एक संपत्ति होगा, क्योंकि यह तेजी से बदलते ऊर्जा परिदृश्य को नेविगेट करना जारी रखता है।

“मैं कंपनी के विकास और परिवर्तन में योगदान करने और टीम ओएनजीसी के समृद्ध प्रतिभा पूल का लाभ उठाने के लिए तत्पर हूं। यह ऊर्जा क्षेत्र के लिए रोमांचक समय है और मैं देश में ओएनजीसी के 26,000 से अधिक ऊर्जा सैनिकों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं : मनीष पाटिल”

दु:खद : वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी का निधन, प्रदेश में शोक की लहर

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  देहरादून, उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थीं। वह 84 वर्ष की थीं। उन्होंने मंगलवार सांय मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धन सिंह रावत समेत सभी मंत्रियों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक दलों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी तथा उत्तराखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जायेगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा एवं राज्य आंदोलनकारी श्रीमती सुशीला बलूनी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डॉ. रावत ने श्रीमती बलूनी को याद करते हुये कहा कि वह राज्य आंदोलन की सशक्त पक्षकार थी और पृथक राज्य आंदोलन के दौरान कई बार जेल भी गयी। डॉ. रावत ने श्रीमती बलूनी के शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुये, ईश्वर से इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने बलूनी के निधन को दुःख प्रकट करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में आंदोलन में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलन में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

खुशखबरी : फिच ने स्टेबल आउटलुक के साथ भारत को दी ‘बीबीबी-‘ रेटिंग, देश को बताया मजबूत

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नई दिल्ली । अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट, बढ़ती महंगाई और मंदी की आशंका के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। वैश्विक एजेंसी फिच रेटिंग्स ने स्टेबल आउटलुक के साथ भारत को दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफ़ॉल्ट रेटिंग ‘बीबीबी‘की पुष्टि की है।
न्यूयॉर्क स्थित इस रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत की रेटिंग दूसरे देशों की तुलना में एक मजबूत ग्रोथ और लचीले बाहरी वित्त से ताकत को दर्शाती है। इसने पिछले एक साल में बड़े बाहरी झटकों को दूर करने में सफलता हासिल की है।
इसके अलावा रेटिंग एजेंसी ने भारत को मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में विश्व स्तर पर 6 फीसद की दर से सबसे तेजी से बढऩे वाली फिच-रेटेड सॉवरेन में से एक होने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार हेडलाइन मुद्रास्फीति में गिरावट आएगी, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक के 2 से 6 फीसद लक्ष्य बैंड के ऊपर बनी रहेगी, जो पिछले वर्ष के 6.7 फीसद से वित्त वर्ष 24 में 5.8 फीसद औसत है। कोर मुद्रास्फीति का दबाव कम होता दिख रहा है, जो मार्च में गिरकर 5.7 फीसद हो गया। यह जुलाई 2021 के बाद सबसे कम है।

तीन जन सुरक्षा योजनायें आम लोगों की भलाई के लिए समर्पित : सीतारमण

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नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के 8 साल पूरे होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज कहा कि ये तीन जन सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई लिए समर्पित हैं और अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं के खिलाफ मानव जीवन को सुरक्षा प्रदान करती हैं।
पीएमजेजेबीवाई के अब तक कुल 16 करोड़ से अधिक नामांकन, पीएमएसबीवाई में अब तक कुल 34 करोड़ से अधिक नामांकन और एपीवाई के लिए 5 करोड़ से अधिक लोगों ने नामांकन करा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई का शुभारम्भ 9 मई, 2015 को कोलकाता से किया था। ये तीनों योजनाएं नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो अप्रत्याशित घटना और वित्तीय अनिश्चितताओं से मानव जीवन को सुरक्षित करने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के असंगठित वर्ग के लोग वित्तीय रूप से सुरक्षित रहे, दो बीमा योजनाएं शुरू कीं – पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई। इसके साथ ही सरकार ने वृद्धावस्था की जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए अटल पेंशन योजना- एपीवाई भी शुरू की।
श्रीमती सीतारमण ने इन तीनों जन सुरक्षा योजनाओं के पीछे की परिकल्पना को याद करते हुए कहा, वर्ष 2014 में राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन को यह सुनिश्चित करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था कि भारत के प्रत्येक नागरिक की पहुंच बैंकिंग सुविधाओं, वित्तीय साक्षरता और सामाजिक सुरक्षा कवरेज तक बढ़े और देश में वित्तीय समावेशन को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन तीन जन सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की गयी थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि ये तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए समर्पित हैं, जो अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं की स्थिति में मानव जीवन की सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य वंचित पृष्ठभूमि के लोगों को आवश्यक वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है, जिससे उनकी वित्तीय कमजोरी दूर किया जा सके। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 26 अप्रैल 2023 तक पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई के तहत क्रमश: 16.2 करोड़, 34.2 करोड़ और 5.2 करोड़ नामांकन किए गए हैं।
पीएमजेजेबीवाई योजना के बारे में वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना ने 6.64 लाख परिवारों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है और बीमा दावों के रूप में इन परिवारों को 13,290 करोड़ रुपये मिले। इसी तरह से पीएमएसबीवाई योजना के तहत 1.15 लाख से अधिक परिवारों को 2,302 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई दोनों योजनाओं के लिए दावा प्रक्रिया को आसान बनाने की वजह से दावों का तेजी से निपटान हुआ है।
उन्होंने कहा यह देखना उत्साहजनक है कि इन योजनाओं को अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिए लक्षित दृष्टिकोण के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से समर्पित है कि इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पूरे देश में प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचे।
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक लक्षित दृष्टिकोण अपनाया है और योजना के तहत पूरे देश में पात्र लाभार्थियों को कवरेज प्रदान करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में अभियान चलाए जा रहे हैं
इन जन सुरक्षा योजनाओं को लोकप्रिय बनाने के लिए इससे जुड़े सभी पदाधिकारियों को बधाई देते हुए डॉ. कराड ने उन्हें इन योजनाओं से जुडऩे वाले लोगों की संख्या (कवरेज) और बढ़ाने के प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) एक साल की जीवन बीमा योजना है जो किसी भी कारण से होने वाली मृत्यु को कवर करती है। इसका साल-दर-साल नवीकरण किया जाता है। 18-50 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत नामांकन के लिए पात्र हैं। 50 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले योजना में शामिल होने वाले लोग नियमित प्रीमियम के भुगतान पर 55 वर्ष की आयु तक जीवन के जोखिम को जारी रख सकते हैं। 436 रुपये प्रति वर्ष की प्रीमियम पर किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का जीवन कवर मिलता है। योजना के तहत नामांकन खाताधारक के बैंक की शाखा/बीसी पॉइंट या बैंक की वेबसाइट पर जाकर या डाकघर बचत बैंक खाते के मामले में डाकघर में किया जा सकता है। योजना के तहत प्रीमियम खाताधारक के एकमुश्त शासनादेश के आधार पर ग्राहक के बैंक खाते से हर साल ऑटो डेबिट किया जाता है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है जो दुर्घटना के कारण मृत्यु या दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करती है और यह साल-दर-साल नवीकरणीय है। 18-70 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत नामांकन के लिए पात्र हैं। दुर्घटना के कारण मृत्यु या दिव्यांगता के लिए 20 रुपये प्रति वर्ष की प्रीमियम पर 2 लाख रूपये (आंशिक विकलांगता के मामले में एक लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह विकलांगता कवर मिलता है। योजना के तहत नामांकन खाताधारक के बैंक की शाखा/बीसी प्वाइंट या बैंक की वेबसाइट पर या डाकघर बचत बैंक खाते के मामले में डाकघर में जाकर किया जा सकता है। योजना के तहत प्रीमियम खाताधारक के एकमुश्त शासनादेश के आधार पर ग्राहक के बैंक खाते से हर साल ऑटो डेबिट किया जाता है।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) सभी भारतीयों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली बनाने के लिए शुरू की गई थी। यह असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और उनके भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है। एपीवाई का प्रबंधन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समग्र प्रशासनिक और संस्थागत ढांचे के तहत पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) करता है। एपीवाई 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुला है जो आयकर दाता नहीं हैं और चुने गए पेंशन राशि के आधार पर देय योगदान अलग-अलग हैं। इस योजना में शामिल होने के बाद ग्राहक द्वारा किए गए योगदान के आधार पर उनकी 60 वर्ष की आयु के बाद ग्राहकों को गारंटीशुदा न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये या 5000 रुपये मिलती है। इसके तहत मासिक पेंशन ग्राहक को मिलेगी, और उसके बाद उसके पति या पत्नी को और फिर उन दोनों की मृत्यु के बाद ग्राहक की 60 वर्ष की आयु में संचित पेंशन राशि, ग्राहक के नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी। ग्राहक की असामयिक मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु) के मामले में, ग्राहक का पति या पत्नी शेष निहित अवधि के लिए ग्राहक के एपीवाई खाते में योगदान जारी रख सकते हैं, जब तक कि मूल ग्राहक की उम्र 60 वर्ष पूरी न हो जाए।
न्यूनतम पेंशन की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी, अर्थात, यदि योगदान के आधार पर संचित राशि निवेश पर अनुमानित रिटर्न से कम होती है और न्यूनतम गारंटी पेंशन प्रदान करने के लिए अपर्याप्त है, तो केंद्र सरकार ऐसी अपर्याप्तता को पूरा करने के लिए फंड देगी। वैकल्पिक रूप से, यदि निवेश पर प्रतिफल अधिक है, तो अभिदाताओं को बढ़ा हुआ पेंशन लाभ मिलेगा। ग्राहक मासिक / तिमाही / छमाही आधार पर एपीवाई में योगदान कर सकते हैं। सरकारी सह-योगदान और उस पर वापसी/ब्याज की कटौती पर कुछ शर्तों के अधीन सदस्य स्वैच्छिक रूप से एपीवाई से बाहर निकल सकते हैं।

मणिपुर हिंसा में फंसे यूपी के छात्रों की होगी घर वापसी, सीएम योगी के निर्देश के बाद हरकत में आए अधिकारी

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लखनऊ, मणिपुर हिंसा में फंसे यूपी के छात्रों को सोमवार से सुरक्षित वापस घर लाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद रविवार को शासन के अधिकारी हरकत में आ गए। छात्रों को फ्लाइट से लाया जाएगा। उनको शिक्षण संस्थान से एयरपोर्ट तक सुरक्षित लाने की व्यवस्था मणिपुर सरकार करेगी। मणिपुर में फंसे छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम मदद की अपील जारी की थी। योगी ने इसे तुरंत संज्ञान लेते हुए गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को कार्रवाई के निर्देश दिए। संजय प्रसाद ने मणिपुर के मुख्य सचिव से बात कर छात्रों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था और वहां उनकी सुरक्षा का आग्रह किया।

मणिपुर के मुख्य सचिव ने उन छात्रों से संपर्क कर और उन्हें वापस भेजने के लिए एक आईएएस अधिकारी नामित किया है। राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि अब तक यूपी के 29 छात्रों के वहां फंसे होने की सूचना मिली है। ये छात्र स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मेडिकल और तकनीकी शिक्षण संस्थान में पढ़ रहे हैं। कुछ बच्चों से संपर्क कर उन्हें वहां फंसे अन्य की जानकारी जुटाने और 1070 पर सूचना देने को कहा गया है। राहत आयुक्त ने बताया कि तीन छात्रों ने अपना कोर्स पूरा करके ही वापस आने की बात कही है। उन्होंने फिलहाल खुद को सुरक्षित बताया है।