Monday, April 28, 2025
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CBSE 12th Result 2023,सीबीएसई ने जारी किया कक्षा 12वीं का रिजल्ट घोषित

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सीबीएसई कक्षा 12 के नतीजे cbseresults.nic.in पर घोषित; 87.33% पास
CBSE 12th Results 2023: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आज 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष लगभग 16.9 लाख छात्र परीक्षा में शामिल हुए, जो 15 फरवरी से 5 अप्रैल, 2023 तक आयोजित किए गए थे। इनमें से 7.4 लाख महिला छात्र हैं, 9.51 लाख पुरुष उम्मीदवार हैं, और 5 छात्र ‘अन्य’ श्रेणी के तहत पंजीकृत हैं। . 36 दिनों में कुल 115 विषयों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी और परिणाम अब सीबीएसई की  वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

 

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीएसई के 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रदेश के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा में जिन विद्यार्थियों को कम अंक प्राप्त हुए हैं वे छात्र निराश ना हों और परिश्रम करते रहें। जीवन का प्रत्येक क्षण हमें अनुभव और अवसर दोनों प्रदान करता है।

मंत्री गणेश जोशी ने स्कूली बच्चों की श्री अन्न महोत्सव की प्रचार-प्रसार और जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना

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देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को पवेलियन ग्राउंड में कृषि विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के उपलक्ष्य में 13 से 16 मई तक आयोजित श्री अन्न महोत्सव के प्रचार-प्रसार और जागरूकता के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम में दून के 21 विद्यालयों के दो हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
जागरूकता रैली पवेलियन ग्राउंड से घंटाघर होते हुए वापस पवेलियन ग्राउंड में संपन्न हुई। इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने छात्र छात्राओं को मिलेट्स के फायदों की जानकारी दी। सर्वे ऑफ इंडिया हाथीबड़कला में 13 मई से शुरू हो रहे उत्तराखंड श्री अन्न महोत्सव 2023 का शुभारंभ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी करेंगे। जिसमें अन्य राज्यों के कृषि मंत्री, होटल व्यवसायी, कृषि वैज्ञानिक, किसान, उद्योग जगत के लोग मौजूद रहेंगे। गणेश जोशी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है।
राज्य सरकार मिलेट को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठा रही है। इस वित्तीय वर्ष में मिलेट्स के लिए 73 करोड़ रुपयों की व्यवस्था की गई है। सरकार चाहती है कि मिलेट्स का किसान अधिक से अधिक उत्पादन करें। मिलेट के प्रचार प्रसार के लिए मिलेट्स भोज कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्री अन्न महोत्सव में राज्य में श्री अन्न के अधिक उत्पादन और उसके विपणन पर चर्चा होगी। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, कृषि निदेशक गौरी शंकर, अपर निदेशक केसी पाठक, संयुक्त कृषि निदेशक दिनेश कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
श्री अन्न महोत्सव की तैयारियों का लिया जायजा
देहरादून। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को हाथीबड़कला सर्वे स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के मौके पर 13 से 16 मई तक आयोजित होने वाले उत्तराखंड श्री अन्न महोत्सव की तैयारियो का निरीक्षण किया। मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कार्यक्रम से सम्बंधित सभी तैयारियां को अंतिम रूप देने तथा सुनियोजित ढंग से कार्यक्रम का क्रियान्वयन के दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर कृषि निदेशक गौरी शंकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अच्छी खबर : प्रदेश में अगले चार साल में 15 हजार से ज्यादा पदों पर होगी भर्तियां

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देहरादून, बेरोजगार युवाओं के लिये अच्छी खबर है, प्रदेश में अगले चार साल में 15 हजार से ज्यादा पदों पर भर्तियां होगी। शिक्षा विभाग एलटी, प्रवक्ता, गेस्ट टीचर के साथ मिनिस्ट्रियल कर्मचारी के पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा। वर्ष 2026-27 तक बेसिक स्तर पर 8243 नई भर्तियां की जाएंगी। जबकि माध्यमिक स्तर पर यह संख्या 6882 है। इसे लेकर विभाग ने सीएम के सामने रोजगार सृजन का खाका पेश किया। इसके तहत बेसिक वर्ष 2022-23 में 2065 पदों पर भर्तियां की गई हैं। इस साल वर्ष 2023-24 में 2455 पदों पर भर्ती की जाएगी। वर्ष 2024 से 2027 तक 2250 शिक्षक और 3538 मिनिस्ट्रियल पदों पर भर्तियां प्रस्तावित हैं। ये पद रिटायमेंट और प्रमोशन की वजह से रिक्त होने हैं। माध्यमिक वर्ष 2022-23 में 1855 पदों पर भर्तियां की गई हैं।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4681 पदों पर भर्ती होनी हैं। इसमें 3392 एलटी, प्रवक्ता और गेस्ट टीचर के पद शामिल हैं। जबकि एसएसए में 1280 पद बीआरपी-सीआरपी और लेखाकार के भरे जाएंगे। वर्ष 2024 से 2027 तक 2201 पदों पर भर्तियां की जानी है। शिक्षा विभाग ने प्रस्तावित भर्तियों में बीआरपी-सीआरपी के 900 से ज्यादा पद और लेखाकार के 332 पदों को भी शामिल किया है। ये पद पिछले कई साल से खाली हैं। विभागीय अधिकारियों की बैठक में विभिन्न योजनाओं की रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री के सामने पेश की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएमश्री योजना के तहत चयनित राज्य के 142 स्कूलों के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए तैयारी करने और स्कूल के साथ-साथ रोजगार की शिक्षा पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

 

 

‘द केरला स्टोरी’ मूवी देख भावुक हुईं कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, की ये अपील*

देहरादून:आज महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या देहरादून स्थित निजी सिनेमा हॉल पहुंची ,जहां उन्होंने अपनी विभागीय बहनों के साथ द केरला स्टोरी मूवी देखी।उन्होंने कहा कि वह इस मूवी को देखकर स्तब्ध हैं साथ ही उन्होंने कहा कि वह इसे बनाने वाले फ़िल्म मेकर के हिम्मत क़ी तारीफ करती हैं कि जिन्होंने ऐसी फ़िल्म बनाई और उसका साहस किया।मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इस मूवी को देश के हर कॉलेज और यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में दिखाई जानी चाहिए ताकि वहाँ पढ़ने वाले हर लड़के व लड़की अपने कल्चर को समझ सके और आगे से किसी भी ट्रैप में नहीं फसे । इस अवसर पर विभागीय अधिकारी ,कर्मचारी एवं बच्चे उपस्थित रहे।

 

युवती अचानक नदी में गिरने से गुस्साए ग्रामीणों ने राष्ट्रीय मार्ग पर लगाया जाम

 

उत्तरकाशी, जनपद मुख्यालय से मात्र 4 किमी की दूरी पर स्थित स्युणा गांव की एक युवती अचानक नदी में गिरने से हड़कंप मच गया, लेकिन एक युवक द्वारा लगभग 150 मीटर पर जाकर बहती युवती को तो बचा लिया गया, जिसके कारण,गुस्साए ग्रामीणों ने गंगोरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर थोड़े समय के लिए जाम लगाया, जिससे गंगोत्री जा रहे यात्रियों को कुछ समय के लिए जाम में फंसे रहना पड़ा l
लोगो द्वारा स्युना से गंगोरी मुख्य मार्ग तक आने जाने के लिए एक झूला पुल की मांग की जा रही है, पुल न बनने से शीत काल में गंगा का जल स्तर कम होते ही गाँव के लोग अपने परिश्रम से लकड़ी का अस्थाई पुल बना कर आवागमन करते है, जिसमें कई बच्चे जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाने के लिए भी इसी कच्ची पुलिया पर आवागमन करते है, सभी ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने स्थाई झूला पुल या पुल न बनने तक इलैक्टोॉनिक ट्राली की मांगों को मनवाने के परिपेक्ष में सड़क पर जाम लगा दिया कुछ घंटे चले इस जाम को खुलवाने के लिए परगना मजिस्ट्रेट भटवारी चतर सिंह चौहान ने उपस्थित हो कर ग्रामीणों को जिलाधिकारी के साथ मीटिंग करवाने एवं पुरानी खराब पडी ट्राली की मरम्मत करवाने के आश्वासन दिया, इसके पश्चात ग्रामीणों द्वारा जाम खोल दिया गया l

शंकरपुर में चार साल के मासूम को मारने वाला गुलदार हुआ पिंजरे में कैद, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

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देहरादून, विकासनगर के शंकरपुर में आतंक का पर्याय बना गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया। सहसपुर के शंकरपुर स्थित राम खाली के पास वन विभाग ने लगाया था, जिसमें आज बृहस्पतिवार सुबह गुलदार कैद हो गया। गुलदार को पिंजरे में कैद देख लोगों ने राहत की सांस ली। देहरादून में विकासनगर के शंकरपुर में गुलदार की टारगेट किलिंग ने शिकारियों को चौंका दिया है। शिकारियों का कहना है कि महमूदनगर बस्ती में चार साल के मासूम को मारने से पहले गुलदार ने तीन महीने पहले भी उस पर हमले की कोशिश की थी। इसके बाद घर में खेल रहे पांच बच्चों के बीच से गुलदार ने उसी को अपना शिकार बनाया।
उनका दावा है कि एक शिकार पर दो बार हमला करने की एकमात्र घटना जिम कार्बेट की किताब में दर्ज है। इसके अलावा ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं आया है। शिकारियों का कहना है कि पिछले नौ महीने से यह क्षेत्र में आतंक का पर्याय बना हुआ है। आम लोगों की सुरक्षा के लिए गुलदार को मारना जरूरी है। हिमाचल प्रदेश के सोलन के रहने वाले आशीष दास गुप्ता के नेतृत्व वाली शिकारियों की टीम में मुरादाबाद के राजीव सोलोमन, मेरठ के सैय्यद अली बिन हादी शामिल हैं। राजीव सोलोमन का दावा है कि ऐसी एकमात्र घटना का जिक्र जिम कार्बेट ने अपनी किताब ‘मैन ईटर ऑफ रुद्रप्रयाग’ में किया है।
इसमें रुद्रप्रयाग की एक महिला का गुलदार कई दिनों तक पीछा करता रहा। बाद में रात में परिजनों के साथ सोते समय उसे उठाकर ले गया था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की परिस्थिति इस गुलदार के मामले में सामने आ रही है उससे साफ है कि वह बेहद आक्रामक है। शिकारियों का यह दल आक्रामक जानवरों के मामले में 75 सफल ऑपरेशन को अंजाम दे चुका है। वर्ष 2006 से लेकर अभी तक छह गुलदार और एक टाइगर का शिकार किया है। दो गुलदार और एक टाइगर को यह टीम ट्रैंकुलाइज कर चुकी है।

 

 

भागवत कथा सुनने से मनुष्य का आत्मबल होता है मजबूत : कथा व्यास सुभाष जोशी

 

“श्री तुलसी प्रतिष्ठान तिलक रोड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा”

देहरादून, श्री तुलसी प्रतिष्ठान तिलक रोड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास सुभाष जोशी ने कहा कि भागवत मात्र सुनने का नहीं बल्कि पीने का ग्रंथ है। इसको जितनी बार आप सुनेंगे उतनी ही बार नई ऊर्जा प्राप्त होती है। इसकी कथा का श्रवण मनुष्य के आत्मबल को मजबूत करता है।

श्रीमद् भागवत कथा समिति, श्री महाकाल सेवा समिति व श्री शाकुंभरी देवी सेवा समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास सुभाष जोशी ने श्री कृष्ण जन्म प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भागवत श्रवण से आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। कथा श्रवण से सत्य और असत्य का ज्ञान तो होता ही है। इंसान का आत्मबल बढ़ता है, उसका विश्वास बढ़ता है और उसमें रचनात्मक व सकारात्मक सोचने समझने की शक्ति बढ़ती है। इससे वह साहसी और निडर बन कर जीवन कर्तव्य पथ पर आने वाली विपत्तियों का सामना दृढ़ता के साथ कर सकता है। कथा में सभी भक्तजन पीतांबर वस्त्र धारण करके आए हुए थे और व्यास जी ने जब श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाया तो पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु जोर-जोर से हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की के साथ नृत्य करने लगे। कथा व्यास ने अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि प्रभु भी उसी भक्त की पूजा स्वीकार करते हैं जो अपने देश अपने राष्ट्र और अपने शहीदों से प्यार करता है, उनका सम्मान करता है। इस अवसर पर मुख्य संरक्षक सुधीर जैन, मीडिया प्रभारी संजय गर्ग, आलोक जैन, राहुल जैन, बालेश गुप्ता, कपिल गुप्ता, शिवम गुप्ता, रोशन राणा, हेमराज अरोड़ा, विनोद कश्यप, नीलम गुप्ता, राजेश गुप्ता, पुनीत जैन, विनय गुप्ता, बालकिशन शर्मा, संजीव गुप्ता, अनुष्का रानी, रजनी राणा, गजेंद्र सिंह, मोती दीवान, सुशील जैन, रिचा जैन और मीनू गुप्ता उपस्थित रहे।

वन अनुसंधान संस्थान में मनाया गया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

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देहरादून, वन अनुसंधान संस्थान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एफआरआई मुख्य भवन के सूचना केंद्र के सामने एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदर्शन में संस्थान के विभिन्न प्रभागों ने अपनी-अपनी गतिविधियों को प्रदर्शित किया। प्रदर्शनी में आम लोगों के लिए उपयोगी वैज्ञानिक तथा तकनीकी उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. रेनू सिंह, निदेशक, एफआरआई के कर-कमलों से किया गया। डॉ. रेनू सिंह ने अपने संबोधन में संस्थान के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों की सराहना की। उन्होंने वैज्ञानिकों और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने शोध निष्कर्षों को आम जनता सहित उपयोगकर्ता समूहों में प्रसारित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखें जिससे संस्थान में की जा रही शोध गतिविधियों से राष्ट्र का कल्याण हो। प्रदर्शनी में अकाष्ठ वन उपज शाखा द्वारा प्रदर्शित विभिन्न औषधिय पादप तथा उनकी उपयोगिता, रसायन प्रभाग द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक रंग, पिरूल फाइबर, अगरबत्ती और धूप बनाने की प्रक्रिया, कीट विज्ञान शाखा द्वारा प्रदर्शित बांस की उपचार विधि, बांस बेधक, बांस घुन तथा उनके नियंत्रण विधि आदि ने सबका ध्यान आर्कषित किया। विस्तार प्रभाग द्वारा पॉपुलस डेल्टोइड्स और मेलिया दूबिया आधारित कृषि वानिकी मॉडल और भीमल फाइबर निष्कर्षण प्रौद्योगिकी प्रदर्शित की गई। आनुवांशिकी एवं वृक्ष सुधार प्रभाग द्वारा डैल्बर्जिया सिस्सू, मेलिया दूबिया, अजेडिरेक्टा इन्डिका, सल्वाडोरा, बांस और रिंगाल आदि जैसे महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों को प्रदर्शित किया गया। वन संरक्षण प्रभाग ने पोस्टर के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया। विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में उगने वाली विभिन्न वन वृक्ष प्रजातियों के लिए विकसित जैव-उर्वरक भी प्रदर्शित किए गये। काष्ठ शारीरिकी शाखा द्वारा लकड़ी की पहचान करने की प्रक्रिया पर पोस्टर प्रदर्शित किए गये। संस्थान के वन संवर्धन प्रभाग द्वारा वृक्षों के बीज प्रदर्शित किए गए।
इसके अतिरिक्त आज प्रातः 7-00 से 8-30 तक वन अनुसंधान संस्थान परिसर में एक स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। परिसर को पालीथीन मुक्त बनाए रखने हेतु इस स्वच्छता अभियान में संस्थान के अधिकारियों एव कर्मचारियों ने बढ चढकर भाग लिया। यह कार्यक्रम मिशन लाईफ के अंतर्गत ’पर्यावरण के लिए जीवन शैली का प्रसार’के तह्त आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर आम जनता के लिए संस्थान के सभी संग्रहालयों में निःशुल्क भ्रमण की व्यवस्था की गई थी।

 

 

पुलिस ने व्यापारी नेता की दुकान में हुई चोरी का किया खुलासा, एक अभियुक्त गिरफ्तार किया

(मुन्ना अंसारी)

लालकुआँ, बीते दिवस लालकुआँ कोतवाली क्षेत्र में व्यापारी नेता की दुकान में हुई चोरी पुलिस ने खुलासा कर दिया है जिसमे 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए चोर को शत प्रतिशत सामान सहित दबोच लिया है ।
बताते चले कि बुधवार को प्रांतीय उधोग व्यापार मण्डल जिला उपाध्यक्ष संजय जोशी की दुकान मेमोरीज डिजिटल वर्ल्ड में चोर ने नकब लगाकर देर रात में पीछे की दीवार तोड़कर कीमती मोबाईल, कैमरे सहित कई कीमती सामान सहित नकदी चोरी कर ली थी ।
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी संगीता ने बताया कि लगभग 3:30 लाख का सामान मय नगदी के चोर ले गया था वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट के निर्देशानुसार तत्परता दिखाते हुए लालकुआं पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर और सुरागकसी करते हुए चोर का पीछा करके किच्छा बाईपास से चोर को धर दबोच लिया है ।
उन्होंने बताया कि चोर से चोरी के सामान और पूरी धनराशि की शत-प्रतिशत बरामदगी कर ली गई है, जिसके बाद एसएसपी के द्वारा पुलिस टीम को 5 हजार की धनराशि बतौर इनाम की घोषणा की है ।

 

 

मौसम ने नहीं दिया साथ तो हेमकुंड साहिब की यात्रा होगी चुनौतीपूर्ण, 10 फीट तक जमी बर्फ

चमोली, मौसम ने साथ नहीं दिया तो इस बार हेमकुंड साहिब की यात्रा चुनौतीपूर्ण रहेगी। आगामी 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने हैं लेकिन अभी तक यहां करीब 10 फीट तक बर्फ जमी है। साथ ही आस्था पथ भी बर्फ से ढक गया है। हालांकि सेना के जवान और हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के सेवादार आस्था पथ से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी से रास्ता बनाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब अभी बर्फ से लकदक है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर सेना के जवान 20 अप्रैल से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से जवानों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। जिन जगहों से बर्फ हटाकर रास्ता बनाया गया है वहां फिर से बर्फ पड़ने से रास्ता बंद हो रहा है। ऐसे में जवानों और सेवादारों को दोबारा काम करना पड़ रहा है। सोमवार सुबह मौसम साफ होने पर जवानों ने बर्फ हटाने का काम तेजी से शुरू किया लेकिन दोपहर बाद फिर बर्फबारी होने से काम प्रभावित हुआ। हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने में अब 11 दिन शेष रह गए हैं।

ऐसे में यदि मौसम ने साथ नहीं दिया तो हेमकुंड जाने वाले यात्रियों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब में अभी आठ से 10 फीट बर्फ जमी है। सेना के जवानों के साथ ट्रस्ट के सेवादार बर्फ काटकर रास्ता बनाने में जुटे हैं लेकिन मौसम लगातार खराब रहने से वहां काम करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर जा रहे श्रद्धालुगण विष्णुप्रयाग के दर्शनों को भी पहुंच रहे हैं। विष्णुप्रयाग पंच प्रयागों में प्रथम प्रयाग है। यहां पर धौली गंगा और अलकनंदा नदी का संगम होता है।

नगर पालिका जोशीमठ की ओर से तीर्थयात्रा को लेकर विष्णुप्रयाग संगम का सौंदर्यीकरण कार्य भी किया गया है जिससे तीर्थयात्री यहां रुककर प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ भी उठा रहे हैं। नगर पालिका की ओर से यहां वॉल पेंटिंग कर उत्तराखंड के राज्य पुष्प, राज्य वृक्ष, पशु, व पक्षी की पेंटिंग भी की गई है जो तीर्थयात्रियों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी है।

मुख्यमंत्री ने पंतनगर में की जनपद नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर की 07 विधान सभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की समीक्षा

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देहरादून।  पंतनगर की बैठक में अलग नजारा तब देखने को मिला जब बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने समापन संबोधन शुरू किया।मुख्यमंत्री ने अंत में बोलते हुए सभी मा०विधायकों और मंत्रियों द्वारा बताई गई एक-एक योजना और समस्या/सुझाव को क्रमवार कंठस्थ कर के बिना पढ़े बता दिया।मुख्यमंत्री की इस बात कि सभी ने सराहना की कि उन्होंने इतनी गंभीरता और तल्लीनता से सभी बातों को सुना।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को पं.गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय पंतनगर के प्रशासनिक भवन सभागार में जनपद नैनीताल एवं ऊधमसिंह नगर के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों की विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इसमें विधान सभा क्षेत्र लालकुआं, भीमताल, नैनीताल, कालाढूंगी, काशीपुर, गदरपुर, रूद्रपर विधान सभा क्षेत्र सामिल थे। समीक्षा बैठक में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, बंशीधर भगत, मोहन बिष्ट, सरिता आर्य, शिव अरोरा, राम सिंह कैड़ा सहित शासन एवं जनपदों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में उपस्थित विधायकगणों ने मुख्यमंत्री की पहल की सराहना करते हुये उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री ने विधायकगणों द्वारा इंगित समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु अधिकारियों को जन समस्याओं के समाधान तथा योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर ध्यान देने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पदेश में यह व्यवस्था बनाई जा रही है कि प्रत्येक माह की एक तारीख़ तक समाज कल्याण विभाग की योजनाओं के लाभार्थियों की पेंशन उनके खाते में पहुँच जाये। साथ ही छात्रों को उनके समस्त प्रकार के आवश्यक प्रमाण पत्र उनको विद्यालय में ही उपलब्ध कराये जाने का अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा सरलीकरण के रास्ते पर चलने हेतु वन विभाग को प्रोत्साहित किया गया। प्रत्येक जिले में सर्किट हाउस बनाने के लिए निर्देश भी उन्होंने दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आने वाले बारिश के सीजन को देखते हुए आपदा राहत की तैयारियों के साथ जल जनित बीमारियों को दूर रखने के लिए साफ़ सफ़ाई अभियान चलाने, लम्पी वायरस से बचाव के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाये। मुख्यमंत्री ने बैठक में उठाये गये बिंदुओं को शीघ्रता से निस्तारित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि विधायकगणों द्वारा अपने क्षेत्रों की जिन जन समस्याओं को रखा जा रहा है, अधिकारी उन्हें गंभीरता से लेकर शीघ्र समाधान करायें। विकास कार्यों को एक दूसरे पर थोपे जाने के बजाय विभागीय अधिकारी उनका आपसी समन्वय के साथ निस्तारण पर ध्यान दे। जिन जन समस्याओं का समाधान जल्दी हो सकता है, उन्हें शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि गणों द्वारा विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न घोषणाओं के लिए जो भी प्रस्ताव आते हैं, उनका पहले भली भांति परीक्षण कर लिया जाए। यह भी स्पष्ट किया जाए कि यह घोषणा कितनी समयावधि में पूर्ण हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में एक नई कार्य संस्कृति लागू करनी है। जन समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए अधिकारी संवादहीनता को दूर कर आपसी समन्वय बढ़ाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्रों की जिन जन समस्याओं को बैठक में रखा गया है, सभी विभागीय सचिव उनको प्राथमिकता में लेते हुए यथाशीघ्र समाधान करें।

बैठक में विधायकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण, नहरों के मरमत्तीकरण, बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कार्य, सीवरेज एवं ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने, पर्यटक स्थलों के विकास एवं विधानसभा क्षेत्रों की अन्य समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी जन समस्याएं रखी गई हैं, उनका हर संभव समाधान किया जायेगा।

खास खबर : उत्तराखंड में इस साल 15 प्रतिशत कर्मचारियों के होंगे अनिवार्य तबादले

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‘शिक्षा महकमें में अब जरूरत पड़ने पर कभी भी बीच सत्र में हो सकेंगे तबादले

देहरादून, उत्तराखंड सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2023-24 में अनिवार्य तबादलों की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है। जिससे इस सत्र में 30 हजार से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों के तबादले होने की संभावना है। वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधानों में ढील देते हुए गंभीर रूप से बीमार लोकसेवकों के लिए कुछ छूट भी दी गई है। गंभीर रूप से विकलांगता व जिनके बच्चे मानसिक रोगी हैं या सेवारत पति-पत्नी जिनकी इकलौती संतान विकलांग है, के मामलों में अनुरोध के आधार पर 15 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाकर भी तबादले हो सकेंगे। इंजीनियरिंग सेवा में अधिशासी अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंता तक को उनके गृह जिलों में स्थानांतरित किया जा सकेगा। लेकिन उन्हें अपने गृह सर्किल व खंड में तैनाती नहीं मिलेगी।

उच्च शिक्षा व विद्यालीय विभाग में शैक्षणिक सत्र के मध्य में स्वास्थ्य कारणों व छात्रों को अनवरत शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से तबादलों में छूट प्रदान की गई है। बुधवार को अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन रयाल ने इस संबंध में अलग अलग शासनादेश जारी किए। संवर्ग परिवर्तन या संवर्ग से बाहर स्थानांतरण के उन मामलों को धारा-27 के तहत गठित समिति के समक्ष नहीं लाए जा सकेंगे, जिनका तबादला अधिनियम में प्रावधान नहीं है।

शिक्षा महकमों में अब जरूरत पड़ने पर कभी भी बीच सत्र में हो सकेंगे तबादले
प्रदेश सरकार की ओर से वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम के प्रावधानों में ढील के बाद अब उच्च शिक्षा और विद्यालयी विभाग में शैक्षणिक सत्र के दौरान भी तबादले हो सकेंगे। छात्रों को अनवरत शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से शैक्षणिक सत्र की समाप्ति तक निदेशक उच्च शिक्षा व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के अनुमोदन पर मुख्य शिक्षा अधिकारी विभागीय कार्यों के लिए आवश्यकता अनुसार आसपास के महाविद्यालयों, विद्यालयों में से शिक्षकों की तैनाती कर सकेंगे।

ये होंगे प्रमुख कारण

1. संबंधित विषय में पर्याप्त छात्र संख्या होने के बावजूद विषय शिक्षक न हों।

2. संस्था में छात्र संख्या शून्य हो, लेकिन शिक्षक कार्यरत हों।

3. संस्था में स्वीकृत सीटों के सापेक्ष छात्र संख्या बेहद कम हो, ज्यादा हो या शिक्षकों की संख्या कम या ज्यादा हो। ऐसे मामलों के परीक्षण के लिए अपर सचिव उच्च शिक्षा व विद्यालयी शिक्षा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा।

4. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, दीर्घ अवकाश व अन्य कारणों से शिक्षकों की कमी होने की दशा में।

केंद्र व विभागीय योजनाओं के बनेगा पीएमयू
केंद्र सरकार व विभागीय योजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए विभाग आवश्यकता के अनुसार पीएमयू या पीआईयू का गठन करेंगे। उक्त घटन छह माह जो भी हों कि अवधि तक दक्ष कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार तैनात किया जा सकेगा। ऐसे कर्मचारियों के चयन के लिए अपर सचिव उच्च शिक्षा, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में समिति बनेगी।

सभी विभागों के इंजीनियरों की गृह जिलों में होगी तैनाती
राज्य सरकार के सभी विभागों में अभियंत्रण (इंजीनियरिंग) सेवा के इंजीनियरों को स्थानांतरण अधिनियम में छूट दे दी गई है। अधीक्षण अभियंता से नीचे सभी इंजीनियरों को गृह जिले में तैनाती मिल सकेगी। इसके साथ ही जो इंजीनियर दुर्गम में तैनाती के इच्छुक हैं, उन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट मिलेगी। यानी वे दुर्गम में बने रहेंगे, लेकिन उनके खिलाफ प्रशासनिक मामलों में कोई जांच या शिकायत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मामलों में छूट दिया जाना अपरिहार्य होगा तो परिवर्तन, विचलन या छूट का प्रस्ताव सकारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने लाना होगा। समिति की सिफारिश पर मुख्यमंत्री के ऐसे मामलों में अनुमोदन कर देंगे। समिति की सिफारिश के क्रम में यह तय हुआ है कि विभागों में इंजीनियरिंग सेवा के अधीक्षण अभियंता को गृहवृत्त या जिले से बाहर तैनाती दी जा सकेगी।

अधिशासी अभियंता को गृहखंड से इतर स्थानों पर यानी गृह जिले में, सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियंता को गृह उपखंड या तहसील से बाहर यानी गृह जिले के खंड व सर्किल में तैनाती दी जा सकेगी। 58 वर्ष से अधिक आयु के इंजीनियर को पद खाली होने की दशा में इच्छित स्थान पर तैनात किया जा सकेगा। दुर्गम क्षेत्र में तैनात इंजीनियर दुर्गम में ही तैनाती का इच्छुक हैं, तो उन्हें अनिवार्य तबादले से छूट दे दी जाएगी। ऐसे मामलों में अनुरोध के आधार पर एक से अधिक कर्मचारी आवेदन करेंगे तो दुर्गम स्थल में अधिक समय तक तैनात रहने वाले कर्मचारी को वरीयता दी जाएगी।

इन तीन श्रेणियों में 15 फीसदी से भी अधिक तबादले
1. तबादला एक्ट की धारा17 (1) ख की श्रेणी एक, दो व तीन में आने वाले कर्मचारियों के अनुरोध के आधार पर स्थानांतरण की अधिकतम सीमा से ज्यादा तबादले हो सकेंगे। यानी यह छूट गंभीर रूप से रोगग्रस्त विकलांग कर्मचारी द्वारा स्वयं अथवा पति-पत्नी की गंभीर रोगग्रस्तता या विकलांगता के आधार पर।
2. मानसिक रूप से विक्षिप्त एवं लाचार बच्चों के माता-पिता।
3. सेवारत पति-पत्नी जिनका इकलौता पुत्र या पुत्री विकलांग हो।

इन गंभीर रोगों पर भी अनिवार्य तबादलों में छूट
कैंसर, ब्लड कैंसर, एड्स, एचआईवी पॉजिटिव, हृदय रोग (बायपास सर्जरी अथवा एंजियोप्लास्ट्री), किडनी रोग (दोनों किडनी फेल होने से डायलिसिस पर निर्भर, किडनी ट्रांसप्लांट किया गया हो या एक किडनी निकाली गई हो), ट्यूबरक्लोसिस (दोनों फेफड़े संक्रमित हों, अथवा एक फेफड़ा पूरी तरह खराब हो), स्पाइन की हड्डी टूटने सार्स (थर्ड स्टेज), मानसिक रोग से ग्रसित कर्मचारियों को अनिवार्य तबादलों में छूट होगी।

जिन रोगों का एक्ट में जिक्र नहीं, उनमें भी छूट
जिन गंभीर रोगों का एक्ट में जिक्र नहीं है, उनमें भी अनिवार्य तबादलों से छूट मिलेगी। ऐसे मामलों के परीक्षण के लिए महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा की समिति गठित होगी। समिति की सिफारिश पर ही रोग ग्रस्त कर्मचारी का तैनाती स्थल तय होगा। इसके बाद जारी होने वाले प्रमाणपत्र और समिति की सिफारिश के अनुरूप किए जाने वाले अनुरोध को एक्ट की धारा-27 के तहत गठित कमेटी में भेजा जाएगा।

सुगम में चार साल की तैनाती के बाद होगा तबादला
जिन कर्मचारियों को दुर्गम में स्थानांतरण से छूट है, उन्हें सुगम में एक ही कार्यालय में चार साल से अधिक हो जाने के बाद सुगम के दूसरे निकटवर्ती जिले या कार्यालय में पद खाली होने पर स्थानांतरित किया जा सकेगा। जहां पद खाली नहीं होंगे, वहां कर्मचारियों को पारस्परिक रूप से स्थानांतरित किया जा सकता है।

शिक्षा विभाग : गंभीर बीमारी पर देंगे मनचाही तैनाती
शिक्षा विभाग में शैक्षणिक सत्र के मध्य स्वास्थ्य कारणों से प्रभावित कर्मचारियों को उनकी मनचाही जगह पर स्थान खाली होने की दशा में नितांत अस्थायी तौर पर स्थानांतरित किया जा सकेगा। इन मामलों में सक्षम प्राधिकारी के शैक्षणिक सत्र की समाप्ति अथवा स्वस्थ हो जाने (जो पहले हो) पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

प्रो. दुर्गेश पंत ने की डीएसटी की ‘अनुसूचित जाति सब प्लान’ की राष्ट्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता

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देहरादून, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, देहरादून में आयोजित की गयी ‘अनुसूचित जाति सब प्लान’ की दो दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता प्रो0 दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट द्वारा की गयी। बैठक समावेशिता को बढ़ावा देने और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के उद्देष्य से की गयी। समीक्षा बैठक में अनुसूचित जाति सब प्लान (एससीएसपी) की प्रगति और निगरानी का आंकलन किया गया, जो देश भर में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान और विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप रणनीति है।

परियोजना अनुमोदन समिति (पीएसी-एससीएसपी) के अध्यक्ष के रूप में प्रो0 दुर्गेश पंत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी (डीएसटी), भारत सरकार के साथ-साथ देश के विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषदों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
स्वागत भाषण के दौरान प्रो0 पंत ने अनुसूचित जाति समुदायों के उत्थान के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह राष्ट्रीय बैठक एससीएसपी की प्रगति और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए मजबूत चर्चाओं और सहयोगात्मक प्रयासों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी और बैठक के दौरान उत्पन्न अंतर्दृष्टि और सिफारिशें भविष्य की नीतियों और पहलों को अधिक न्यायसंगत और समावेशी बनाने के उद्देश्य को आकार देंगी।
विभिन्न परिषदों के वैज्ञानिकों ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और अनुसूचित जाति समुदाय के लिए उनकी परिषदों द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विशेषज्ञ पैनल को जानकारी दी। प्रस्तुति के दौरान विभिन्न प्रस्तुतकर्ताओं ने समाज के कमजोर वर्ग के लिए अपने भविष्य की रणनीति रखी।
डॉ0 देबप्रिया दत्ता, सलाहकार और प्रमुख, सीड डिवीजन, डीएसटी, डॉ0 गोपीकृष्ण कोंगा, डा0 रजनी रावत अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ एससीएसपी की राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित थे।

पुलिस अधीक्षक ने किया सोनप्रयाग और गौरीकुंड का औचक निरीक्षण

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रुद्रप्रयाग। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने केदारनाथ यात्रा पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड का औचक निरीक्षण किया। साथ ही पुलिस की व्यवस्थाएं देखी। इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए कि यात्रियों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। केदारनाथ यात्रा के चलते सभी पड़ावों पर उचित पुलिस बल तैनात किया गया है। मौसम की परेशानियों के बीच बड़ी संख्या में तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने सोनप्रयाग, सीतापुर और गौरीकुंड का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग व सीतापुर स्थित पार्किंगों में वाहनों को सुनियोजित तरीके से लगाए जाने के निर्देश दिए। ताकि पार्किंग में अधिक से अधिक वाहनों को पार्क कराया जा सके। उन्होंने सड़क में यात्रियों को चलने के लिए,भीड़ नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए। सोनप्रयाग शटल पार्किंग से लेकर गौरीकुंड तक यातायात को नियंत्रित ढंग से चलाए जाने के निर्देश दिए। सोनप्रयाग के विभिन्न ड्यूटी प्वाइंटों पर नियुक्त पुलिस कार्मिकों से संवाद स्थापित करते हुए जरूरी निर्देश दिए। इसके अलावा गौरीकुंड शटल पार्किंग, खोया पाया केन्द्र, बाजार व चौकी का निरीक्षण कर श्रद्धालुओं की नियंत्रित ढंग से आवाजाही कराए जाने के निर्देश दिए। मौसम खराब होने के दशा में सभी तीर्थयात्रियों तक समय से मौसम की जानकारी अनाउंसमेंट कर देने के निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक द्वारा अधीनस्थ कार्मिकों को बताया गया कि उनके स्तर से कल्याण एवं मनोबल के प्रति निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं। उन्हें अतिरिक्त सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान समय की चुनौतियों को पार पाते हुए इसी तरह से आगे भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। इस दौरान उनके द्वारा यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों से संवाद स्थापित करते हुए उनके अनुभव भी लिए। कहा कि गौरीकुंड में बेहतर कार्य करने वाले पुलिस कर्मियों की सूची तैयार की जाए ताकि उन्हें सम्मानित किया जा सके। इस मौके पर पुलिस उपाधीक्षक यातायात हर्षवर्द्धनी सुमन, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सोनप्रयाग सुरेश चन्द्र बलूनी, चौकी प्रभारी गौरीकुंड कुलेन्द्र सिंह रावत, उप निरीक्षक सूरज कण्डारी आदि मौजूद थे।

राज्य सरकार के भ्रष्टाचार पर कांग्रेस ने जारी किया ‘शियुं छ धामी’ वीडियो गीत

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देहरादून, कांग्रेस भवन देहरादून में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा जी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी , पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष,पूर्व पार्षद ऋषिकेश व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता रवि कुमार जैन द्वारा लिखित एवम गाया हुआ एक गीत उत्तराखंड राज्य की वर्तमान सरकार की समस्त काले कारनामों और घोटालों को दर्शाता एक वीडियो गीत ‘शियुं छ धामी’ का विमोचन किया।

‘शियुं छ धामी’ एल्बम को राज्य की अग्रणी आन्दोलनकारी स्व0 श्रीमती सुशीला बलूनी को समर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा जी ने कहा कि, श्री रवि जैन ने इस गीत के माध्यम से पूरे प्रदेश की पीड़ा को सुंदर ढंग से उजागर करते हुए भाजपा की राज्य सरकार के काले कारनामों को एक गाने में पिरोने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की धामी सरकार ने जिस प्रकार राज्य के अन्दोलनकारियों, नौजवानों और युवाओं को छला है जनता इसका बदला भाजपा से जरूर लेगी। उन्होंने कहा कि बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, पटवारी भर्ती घोटाला, पेपर लीक कांड, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, विधानसभा भर्ती घोटाला, अंकिता भंडारी हत्या कांड, 6 पार्षदों द्वारा जनता पर जानलेवा हमला, केबिनेट मंत्री द्वारा आम आदमी की पिटाई आदि सैकड़ों उदाहरणों के साथ उत्तराखंड में जंगलराज फैल गया है। सभी घोटालों एवं काण्डों तथा काले कारनामों में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता लिप्त हैं। उन्होंने कहा कि आन्दोलनकारियों को समर्पित यह गाना उत्तराखंड की आवाज बनेगा।
कांग्रेस नेता रवि कुमार जैन ने बताया कि, देवभूमि उत्तराखंड विश्व में प्रसिद्ध है तथा राज्य निर्माण के आन्दोलनकारियों की धरोहर है, परन्तु धामी सरकार में जिस प्रकार उतराखंड में अराजकता की स्थिति है और भाजपा सरकार पूर्णतया भ्रष्टाचार में लिप्त है, इस वजह से ऐसे कारनामों से प्रदेश का नाम विश्व में खराब हो रहा है। राज्य आंदोलनकारी होने के नाते मेरा हृदय बड़ा द्रवित था, ऐसे राज्य कें लिए हमने लड़ाई नहीं लड़ी थी । शहीदों की आत्मा आज रोती होगी। बस, अंतर्मन की पीड़ा को इस गाने के माध्यम से रख पाऊं ऐसा प्रयास किया है। इस गाने के लिए कांग्रेस संचार विभाग के राष्ट्रीय सचिव श्री वैभव वालिया जी और राष्ट्रीय संयोजक श्री गौतम नौटियाल से विशेष सहयोग मिला।
विमोचन कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी, राष्ट्रीय सचिव संचार विभाग वैभव वालिया, मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी आदि उपस्थित थे।