Saturday, May 17, 2025
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स्थानीय संदर्भों को शामिल कर तैयार करें पाठ्य पुस्तकें : धर्मेंद्र प्रधान

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शिक्षा मंत्री डॉ रावत ने केंद्रीय मंत्री को दी एनईपी-2020 के क्रियान्वयन व अन्य योजनाओं की जानकारी

-बैठक में केंद्रीय मंत्री से की राज्य के समग्र शिक्षा बजट में वृद्धि की मांग

हरिद्वार, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान हरिद्वार में राज्य में एनईपी-2020 के क्रियान्वयन एवं अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों को लेकर प्रदेश के उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग की बैठक ली। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत की उपस्थित में हुई इस बैठक में के बिंदुओं पर चर्चा की गई।
सूबे शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश भ्रमण पर आये केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज हरिद्वार में उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कक्षा 1 से लेकर 12 तक कि पाठ्य पुस्तकों को स्थानीय संदर्भों को समाहित करते हुये तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने बाल वाटिका के संचालन को लेकर कुछ जरूरी निर्देश दिये।
डॉ. रावत ने बताया कि बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री को राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में चलाये जा रहे सभी कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया गया साथ ही नई शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की भी विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा के बीच उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से राज्य में समग्र शिक्षा के बजट में वृद्धि, वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य की समस्त पाठ्यपुस्तकों एवं राज्य के शिक्षा ढांचे को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के आलोक में संचालित करने का आग्रह किया। इसके अलावा उच्च शिक्षा के तहत दो मॉडल महाविद्यालय एवं टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री अपनी सकारात्मक स्वीकृति प्रदान की। डॉ रावत ने बताया कि बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की सराहना की साथ ही उन्होंने एनईपी-2020 की अनुशंसा के तहत शिक्षा विभाग द्वारा तैयार “हमारी विरासत एवं विभूतियां” पुस्तकों की भी जमकर तारीफ़ की।
बैठक में निदेशक उच्च शिक्षा प्रो अंजु अग्रवाल, संयुक्त निदेश व प्रभारी रूसा प्रो ए एस उनियाल, प्रभारी निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ मुकुल सती, प्रभारी निदेश बेसिक शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बलदेव कपूर की लिखी किताब का मेयर ने किया विमोचन

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हल्द्वानी, बलदेव कुमार कपूर द्वारा लिखी गई पुस्तक मेरी जीवन यात्रा संघर्ष और संसार के लफड़े का विमोचन नगर निगम हल्द्वानी मेयर गजराज सिंह बिष्ट के द्वारा किया गया । वर्ष 1928 में पश्चिमी पाकिस्तान के रावलपिंडी में जन्मे बलदेव कपूर भारत – पाकिस्तान के विभाजन के दौरान अपने पिताजी को खोने के बाद पूरे परिवार, माताजी, 3 बहनों व 2 भाइयों की जिम्मेदारी के कारण पढ़ाई को छोड़ना पड़ा और वह केवल कक्षा 10 तक ही अपनी शिक्षा ग्रहण कर पाए ।अपने संयमित जीवन एवं दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने अपने पारिवारिक दायित्वों का अच्छे से निर्वहन किया ।
अपने संघर्ष पूर्ण जीवन के संस्मरणों एवं समसामयिक विषयों पर पूर्व में भी लिखते रहे हैं । वर्तमान पुस्तक मेरी जीवन यात्रा संघर्ष और जीवन के लफड़े के अलावा पूर्व में, मैं सोचता हूं और मेरे विचारों का गुलदस्ता प्रकाशित हो चुकी हैं ।
बलदेव कपूर ने इस पुस्तक में अपनी है पाकिस्तान से लेकर भारत में जीवन व्यापन करने तक की पूरी यात्रा एवं यात्रा के संघर्ष और संसार के लफड़ो को इस पुस्तक में संजोग कर लिखा है ।
उक्त पुस्तक में बलदेव कपूर ने महिला सशक्तिकरण कहां है और कैसे हैं ? क्यों लड़ते हो क्यों मरते हो और किसके लिए ? साथ कुछ नहीं जाएगा, महिलाओं और पुरुषों के संबंधों पर समाज के बदलते नजरिए, ऋतु बसंत, लब पर आई है दुआ बनके तमन्ना मेरी, ईश्वर जो करता है उसमें कोई भलाई ही निहित होती है, भारत का सेकुलर नजरिया, रोजगार ही रोजगार जैसे कई बिंदुओं पर लेखन किया है ।
विमोचन के दौरान मंच पर मेयर नगर निगम गजराज सिंह बिष्ट, लेखक बलदेव कुमार कपूर, हल्द्वानी पंजाबी जनकल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप कक्कड़, संरक्षक रमेश सडाना व उत्तरायण प्रकाशन के प्रकाश भट्ट उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में अजय कपूर, डॉ. मीनू कपूर, डॉ. अरुण कपूर, वीना कपूर, डॉ. एस के अग्रवाल, डॉ. त्रिलोचन सिंह, पार्षद राजेंद्र अग्रवाल मुन्ना, सुनील शारदा सुरेश चंद्र गुप्ता, डॉ. पंकज गुप्ता, केदारनाथ भुटियानी, सुशील चंद्र गुप्ता, निर्मल खन्ना, इन्द्र भुटियानी, आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव 2025 धूमधाम से हुआ संपन्न रोहित चौहान और जितेंद्र टोमक्याल के सुरों पर झूमे दूनवासी

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देहरादून,  परेड ग्राउंड में आयोजित उत्तराखंड राज्य जनजातीय महोत्सव 2025 शानदार तरीके से संपन्न हुआ। समापन समारोह में उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक रोहित चौहान और जितेंद्र टोमक्याल की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उनके कर्णप्रिय लोकगीतों ने तीन दिवसीय इस भव्य महोत्सव का सांस्कृतिक समापन किया।

समापन समारोह में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मुख्य अतिथि रहे, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजान दास ने की।

राज्य जनजातीय शोध संस्थान द्वारा आयोजित इस महोत्सव का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देना, कलाकारों को एक मंच प्रदान करना और जनजातीय समुदायों में गर्व और एकता की भावना पैदा करना था। इस आयोजन में उत्तराखंड के साथ-साथ सात अन्य राज्यों के जनजातीय समूहों ने भी भाग लिया, जिन्होंने अपनी पारंपरिक नृत्य शैलियों, शिल्पकला और पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन किया।

महोत्सव के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए गणेश जोशी ने कहा, “देश की समग्र प्रगति के लिए जनजातीय समुदाय का विकास अत्यंत आवश्यक है। मैं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारे युवा और गतिशील मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, उत्तराखंड ने कई ऐतिहासिक पहल की हैं। उनके नेतृत्व में राज्य द्वारा लागू की गई सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक समान नागरिक संहिता (यूसीसी) है, जिससे उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

उन्होंने कहा, “यह जनजातीय महोत्सव हर वर्ष और अधिक भव्यता के साथ आयोजित हो रहा है और इसका विकास निरंतर हो रहा है। इसमें बढ़ती हुई भागीदारी और उत्साह जनजातीय संस्कृति के प्रति गहरी जड़ें रखने वाले गर्व को दर्शाता है तथा यह ऐसे प्रयासों की सफलता को दर्शाता है, जो समुदायों को एकजुट करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।”

सांस्कृतिक संध्या में रोहित चौहान और जितेंद्र टोमक्याल ने ‘मेरी बसंती’, ‘रेशमी रुमाल’, ‘धना’ और ‘छलिया’ जैसे लोकप्रिय लोकगीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने तालियों और उत्साह के साथ इन शानदार प्रस्तुतियों का आनंद लिया।

पूरे दिन महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। पारंपरिक जनजातीय नृत्य, शिल्प प्रदर्शनियों और देशी व्यंजनों के स्टॉल्स ने इस महोत्सव को एक अनूठा अनुभव बना दिया। विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया, जिससे यह महोत्सव और भी समृद्ध हो गया।

अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक, राजीव कुमार सोलंकी ने कहा, “यह महोत्सव हमारे मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि का हिस्सा है। उन्होंने हमें आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। इसी कड़ी में, उन्होंने हर वर्ष एक वार्षिक आदिवासी महोत्सव आयोजित करने की घोषणा की, जिसमें सभी आदिवासी समुदायों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उनके मार्गदर्शन में, हमारा विभाग केवल सांस्कृतिक संरक्षण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि खेल और विज्ञान जैसे अन्य क्षेत्रों में भी प्रयासों का विस्तार किया है। मुख्यमंत्री ने खेल और विज्ञान के क्षेत्र में नई पहल पर बल दिया है, जिसके तहत वार्षिक ‘आदिवासी खेल और विज्ञान महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है, ताकि युवा प्रतिभाओं को मंच मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें टीआरआई परिसर में एक ई-स्टूडियो स्थापित किया गया है, जो दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के लिए सैटेलाइट लर्निंग के माध्यम से शिक्षा उपलब्ध कराएगा। साथ ही, उनके नेतृत्व में इस वर्ष एक रोजगार पहल भी शुरू की गई है, जिसमें हर साल आदिवासी समुदाय के लिए ₹1 करोड़ के रोजगार अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई गई है।”

इस अवसर पर अपर सचिव मुख्यमंत्री एस एस तौलिया, टीआरआई उत्तराखंड के अपर निदेशक योगेंद्र रावत, अन्य गणमान्य अतिथि और बड़ी संख्या में सांस्कृतिक प्रेमी उपस्थित रहे।

देहरादून में वसंतोत्सव/पुष्प प्रदर्शनी 07 मार्च (शुक्रवार) से होगी शुरू

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– बसंतोत्सव में दिखेगी उत्तराखंड की प्राकृतिक-सांस्कृतिक विविधता की झलक
देहरादून(आरएनएस)।   उत्तराखंड के राजभवन में सात मार्च से तीन दिन तक प्रकृति और संस्कृति के इंद्रधनुषी रंगाों की छटा नजर आएगी। मौका होगा बसंतोत्सव-2025 का। सोमवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कर्टेन रेजर करते हुए बसंतोत्सव के तीन दिन के कार्यक्रमों का ब्योरा मीडिया के साथ साझा किया। साथ ही देश और प्रदेश के सभी लोगों को बसंतोत्सव में आने का न्यौता दिया। राजभवन में मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि बसंतोत्सव केवल पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन भर नहीं है। बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय पहचान है। देवभूमि, वीरभूमि, खेलभूमि उत्तराखंड अब पुष्प भूमि बनने की ओर भी अग्रसर है। राज्य को ग्रीन टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने का समय आ चुका है।
बसंतोत्सव का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष कुछ नई पहल भी की गई हैं। पुष्प उत्पादन से जुड़ी पंद्रह मुख्य प्रतियोगिताओं में 55 उपश्रेणियों में 165 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। सात मार्च को दोपहर एक बजे से शाम छह बजे राजभवन आम लोगों के खुला रहेगा। अगले दिन आठ और नौ मार्च को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आम लोग राजभवन आ सकेंगे। उनका प्रवेश निशुल्क होगा।
इससे पहले उद्यान निदेशक दीप्ति सिंह ने बसंतोत्सव की जानकारी दी। अपर निदेशक डॉ. रतन कुमार के कार्यक्रम का समापन करते हुए अतिथियों का धन्यवाद दिया। इस मौके पर सचिव-राज्यपाल रविनाथ रमन, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, बागवानी निदेशक महेंद्र पाल आदि भी मौजूद रहे।

देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है : सीएम

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-मुख्यमंत्री ने विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ से किया सम्मानित

-राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही है राज्य सरकार : मुख्यमंत्री

(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ठोस योजनाएँ बना रही है, यह वक्तव्य प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने आईआरडीटी सभागार में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में व्यक्त किये, इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को भी सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने और उत्तराखंड की संस्कृति को नई पहचान दी है। उन्होंने उत्तराखंड के सर्वाेच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखंड साहित्य भूषण से श्री सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है। देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहाँ विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा मिलती है। इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश-दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को ‘पहाड़ का प्रेमचंद’ कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण होता है, जो उसकी संस्कृति, मूल्यों और विचारों को उजागर करने का काम करता है। लेखक समाज के चिंतक, मार्गदर्शक और प्रेरक होते हैं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी कवियों और रचनाकारों की सक्रिय भागीदारी रही थी। उत्तराखंड की स्थापना में भी लेखन और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत राज्य में उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे पुरस्कारों के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है l
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 01 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र रूप में विकसित करने हेतु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहाँ साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष और अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। भारत का साहित्य सदियों से अपनी वैचारिक संपन्नता के कारण विश्वभर में विशिष्ट स्थान रखता आया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है l
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आई.आर.डी.टी परिसर में पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया, तथा भाषा संस्थान के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक निर्देश दिये जाने की भी बात की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री खजान दास, निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पाण्डे सहित साहित्य क्षेत्र से जुडे लोग आदि उपस्थित थे l

इन्हें मिला सम्मान :

उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024 के अंतर्गत उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सुभाष पंत, सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार से डॉ. दिनेश पाठक, गुमानी पंत पुरस्कार से गोपाल दत्त भट्ट, भजन सिंह पुरस्कार से कुलानन्द घनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार से श्रीमती सुनीता चौहान, प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार से सगीर उल्लाह, गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार से श्रीमती शमा खान, मंगलेश डबराल पुरस्कार से सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार से शशिभूषण बड़ोनी, शैलेश मटियानी पुरस्कार से ललित मोहन रयाल, डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार से नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा, श्री बंधु पुरस्कार से महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट ‘‘अनपढ़‘‘ पुरस्कार से मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार से मदन मोहन डुकलाण, गिरीश तिवारी ‘‘गिर्दा‘‘ पुरस्कार से डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत, भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार से एम.आर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया l

कैबिनेट की बैठक में आबकारी नीति को मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लागू

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देहरादून, सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 17 प्रस्ताव आए।

सोमवार को कैबिनेट समाप्त होने के बाद सचिव गृह शैलेश बगोली ने जानकारी दी। कक्षा 10 के बाद जो छात्र तीन वर्षीय पॉलिटेक्निक डिप्लोमा करते हैं, उन्हें कक्षा 12 के समकक्ष माना जाएगा। चीनी मिलों के लिए अगेती 375 रुपये, सामान्य प्रजाति 365 रुपए प्रति कुंतल की गई। जबकि गन्ना समर्थन मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उप महानिरीक्षक, अधीक्षक कारागार की नियमावली पास की गई। वहीं भारतीय न्याय संहिता के तहत नियमालिओं को अनुमोदन किया गया। सीएम की घोषणा के तहत उत्तराखंड आंदोलन और सांस्कृतिक विरासत का इतिहास कक्षा 6 से 8 तक हमारी विरासत एवं विभूतियां पढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। वहीं मंत्रिमंडल ने आबकारी नीति को भी मंजूरी दे दी है।

मंत्रिमंडल ने राज्य की नई आबकारी नीति 2025 में धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकटवर्ती मदिरा अनुज्ञापनों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए, शराब की बिक्री पर और अधिक नियंत्रण किया जायेगा। उप-दुकानों और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था को समाप्त किया गया है। नई आबकारी नीति में किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस निरस्त करने का प्राविधान किया गया है। डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी लागू होगी, जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में राज्य में काफी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य के सापेक्ष अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।

*इन पर लगी मुहर :*

-राज्य कर्मियों के लिए शिथिलीकरण का लाभ एक बार मिलेगा। कुछ नियमावली में शिथिलीकरण की व्यवस्था है। ये सभी कर्मचारियों के लिए लागू हो गई है। 50% तक छूट।

-राज्य संपत्ति विभाग की समूह-क व समूह-ख की सेवा नियमावली को अनुमोदन।

-मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। स्वरोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक मिलेंगे।

-पेंशन एवं हकदारी निदेशालय में कनिष्ठ सहायक के 13 पद सृजित करने पर।

-उत्तराखंड में यूपीएस लागू करने पर कैबिनेट की मंजूरी। जो कर्मचारी चाहेंगे, वो इसमें आ सकेंगे।

-स्टाम्प व निबंधन विभाग में 213 से बढ़कर पड़ 240 हुए।

-अपर पुलिस अधीक्षक उच्चतम वेतनमान की नियमावली को मंजूरी।

-ट्राउट प्रोत्साहन योजना मंजूर। 200 करोड़ की योजना। मत्स्य पालकों को 5 साल तक इनपुट दिया जाएगा।

-कार्मिक : रिवोल्विंग फंड इस्तेमाल करने की नियमावली को मंजूरी।

-उधमसिंह नगर की प्रयाग फार्म की 1354 एकड़ भूमि इंडस्ट्री को दी जाएगी।

-एकीकृत स्वयं सहायता योजना। 2.3 करोड़ सीएलएफ के लिए।

-गौला, कोसी, दाबका नदियों में सुरक्षा एवं सीमांत शुल्क आदि को रिवाइस किया गया।

भारतीय युवा कांग्रेस का “यंग इंडिया के बोल” सीजन -5 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

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देहरादून, अखिल भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस द्वारा समाज की युवा पीढ़ी को राजनीति की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए और उनके अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करने के लिए हर वर्ष एक प्लेटफार्म देने हेतु “यंग इंडिया के बोल” कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
भारतीय युवा कांग्रेस यंग इंडिया के बोल के ज़रिए युवाओं में राजनीतिक चेतना और नेतृत्व को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है । इस प्रतियोगिता के जरिए प्रदेश के युवा के लिए अखिल भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस का प्रवक्ता और नेता बनने का एक सुनहरा अवसर है और अपने प्रदेश के मुद्दों को सोशल मीडिया के माध्यम से उठाने के लिए भी युवा कांग्रेस इन प्रतिभागियों को काफी सारे स्तर पर तराशती है। यंग इंडिया के बोल सीजन – 5 की लॉन्चिंग 25 दिसंबर 2024 को की गई जिसके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 25 दिसंबर 2024 से 5 फरवरी 2025 तक किए गए । पहले जिला स्तरीय फिर अंतर जिला स्तरीय और रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में दोपहर भारतीय युवा कांग्रेस का “यंग इंडिया के बोल” सीजन – 5 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का फाइनल आयोजन किया गया , जिसमें लेवल 1 और 2 के निर्णायक की भूमिका में वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली , वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बार काउंसिल उपाध्यक्ष सीमा चड्ढा , मुख्य प्रवक्ता प्रवक्ता गरिमा महारा दसौनी रहे।
इस दौरान युवा कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी एवं राष्ट्रीय सचिव शिवि चौहान, “यंग इंडिया बोल” कार्यक्रम प्रभारी एडवोकेट सतीश बघेल, उपाध्यक्ष विनीत प्रसाद भट्ट एवं सुमित खन्ना उपस्थित रहे ।
प्रतियोगिता में काफ़ी ऊर्जावान युवाओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, किंतु उत्तराखंड से 5 प्रतिभागियों को ही विजेता घोषित किया गया, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना है और बाकी राज्यों के विजेताओं के साथ अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गणों के समक्ष वक्ता के रूप में अपनी प्रतिभा का परिचय देना है।
जो पांच लोग विजेता रहे उनमें टिहरी गढ़वाल की डीबीएस कॉलेज से स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा रिया राणा, पौड़ी गढ़वाल से पारस रावत, देहरादून से रविन्द्र सिंह, जौनसार से धवजवीर सिंह और देहरादून के एडवोकेट आयुष रतूड़ी के नाम शामिल हैं । इसके पश्चात उपरोक्त सभी विजेता दिल्ली राष्ट्रीय प्रीतियोगिता के लिए रवाना किए जाएँगे । इस दौरान सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया सभी प्रतिभागियों को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट दिया गया और निर्णायक मंडली को भी युवा कांग्रेस की ओर से मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।

मादक पदार्थों की तस्करी में पुलिस ने पिछले दो माह में 591 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

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-24.25 करोड़ कीमत के मादक पदार्थ बरामद

-डीजीपी के निर्देश पर अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध जारी रहेगा विशेष अभियान

-वांछित एवं ईनामी अपराधियों व ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी पर होगा फोकस

-लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए की जाए थाना वार समीक्षा।

देहरादून, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ द्वारा प्रदेश में कानून व्यवस्था के दृष्टिगत गढ़वाल व कुमाऊँ रेंज प्रभारी सहित समस्त SSP/SPs के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध की गयी कार्यवाही की समीक्षा की गयी।
मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध चलाये गये विशेष अभियान में अब तक 427 अभियोग पंजीकृत करते हुए मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 591 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके पास से 24.25 करोड़ कीमत के 936.56 कि.ग्रा. मादक पदार्थ बरामद किये गये हैं।
अभियान के दौरान 26 अपराधियों को गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत निरुद्ध करते हुए 15 अभियुक्तों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी लगभग 1.74 करोड़ कीमत की सम्पत्ति अधिग्रहित की गयी। इस विशेष अभियान को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया है। समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा निम्न दिशा-निर्देश निर्गत किये गये ।

▪️विभिन्न अपराधों में लिप्त वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी, गैर जमानतीय/कुर्की वारण्टों की तामील हेतु 01 माह का विशेष अभियान चलाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

▪️गंभीर आपराधिक घटनाओं में लापरवाही व शिथिलता बरतने वाले सम्बन्धित थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों की जवाबदेही तय की जाए।

▪️ लम्बित विवेचनओं की समीक्षा करते हुए दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों को अपने निकट पर्यवेक्षण में निस्तारण कराए जाने के निर्देश दिए गए।

▪️ सभी जनपद प्रभारियों को लगातार पुलिस विसिबिलिटी बढ़ाते हुए प्रभावी रात्रि गश्त, पैट्रोलिंग, नाका/बैरियर्स पर सघन चैकिंग कराने तथा भीड़-भाड़ वाले महत्वपूर्ण स्थानों पर पैदल गश्त कराने हेतु निर्देशित किया गया।

समीक्षा गोष्ठी में श्री वी. मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक. अपराध एवं कानून व्यवस्था ए. पी. अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/अभिसूचना कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक, अभिसूचना नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने किया कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का किया विमोचन

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देहरादून, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में युवा लेखक जय प्रकाश पांडेय के कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का विमोचन किया।
यह पुस्तक आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्वपीठिका में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम नायकों के बलिदान और संघर्षों को केंद्र में रखकर लिखी गई है ।
मुख्यमंत्री ने ‘भूले बिसरे मतवाले’ की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन महान नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्हें इतिहास में अपेक्षित स्थान नहीं मिल पाया। उन्होंने लेखक जय प्रकाश पाण्डेय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के बलिदान से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।पुस्तक का प्रकाशन प्रभात पब्लिकेशन द्वारा किया गया।
इस अवसर पर दीप्ति रावत भारद्वाज, प्रो. दिनेश चमोला, असीम कुमार सिन्हा, डॉ. जिज्ञासा पाण्डेय, अंकुर रावत, भूपेंद्र बसेड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

लेखक परिचय :

लेखक जय प्रकाश पाण्डेय की प्रारंभिक शिक्षा पिथौरागढ़ के विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में हुई, जहाँ से उन्होंने अपने अध्ययन की नींव रखी। इसके बाद  दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमफिल और एलएलबी करने के बाद जयप्रकाश विभिन्न मंत्रालयों के अधीन उपक्रमों में विगत १० वर्षों से राजभाषा विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। समसामयिक विषयों पर लगातार विभिन्न समाचार पत्रों में इनके लेख प्रकाशित होते हैं। वह वर्तमान में ओएनजीसी मुख्यालय में वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं ।

सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी, महिला अधिकारी गिरफ्तार

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“युवक से हड़पे थे 26 लाख 55 हजार, थमा दिया था फर्जी”

देहरादून, सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली महिला अभियुक्ता दून पुलिस की गिरफ्त में आई। अभियुक्ता द्वारा सचिवालय में नौकरी के नाम पर युवक से 26 लाख 55 हजार रुपए लिए थे हड़प लिए थे। नौकरी के नाम पर पैसे लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। महिला अभियुक्ता पर सचिवालय में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी के 03 अभियोग पंजीकृतहैं। अभियुक्ता आयुर्वेदिक विभाग नरेंद्र नगर में प्रधान सहायक के पद पर तैनात है।
वादी अमित कुमार निवासी ऋषिकेश द्वारा थाना नेहरुकोलोनी पर रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल नाम की महिला द्वारा सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर उसे 26 लाख 55 हज़ार रुपये की रकम धोखाधड़ी से प्राप्त करने तथा सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्ति का फर्जी नियुक्ति पत्र देने के संबंध में अभियोग पंजीकृत कराया गया था।
अभियोग की विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उक्त नियुक्ति पत्र का कूटरचित होना प्रकाश में आया, अभियोग में अभियुक्ता के विरुद्ध प्रभावी साक्ष्य संकलन की कार्रवाई करते हुए पुलिस द्वारा वांछित अभियुक्ता रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल पत्नी नरेंद्र प्रकाश शर्मा निवासी लेन नंबर ई सारथी वेडिंग पॉइंट के पीछे अलकनंदा एनक्लेव जोगीवाला थाना नेहरू कॉलोनी उम्र 59 वर्ष को मु०अ०सं०- 463/23 धारा 420/467/468/471/120 ipc आईपीसी मे गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्ता आयुर्वेदिक विभाग नरेंद्र नगर में प्रधान सहायक के पद पर तैनात है, जिसके विरुद्ध नौकरी के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे हड़पने के संबंध में 03 अभियोग पंजीकृत है।

नाम पता गिरफ्तार अभियुक्ता
1- रविकांता शर्मा उर्फ रविकांता कोटियाल पत्नी नरेंद्र प्रकाश शर्मा निवासी लेन नंबर – ई सारथी वेडिंग पॉइंट के पीछे अलकनंदा एनक्लेव, जोगीवाला, थाना नेहरू कॉलोनी, उम्र 59 वर्ष।

अपराधिक इतिहास
1- मु0अ0सं0 107/23 धारा 420/467/468 आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून
(2) मु0अ0स0- 13/25 धारा 420 आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून
(3) मु0अ0स0- 463/23 धारा 420 467.468.471. 120 बी आईपीसी, थाना नेहरुकोलोनी, देहरादून

पुलिस टीम
(1) व0उ0नि0 सुमेर सिंह, थाना नेहरू कॉलोनी
(2) म0कानि0 प्रिया चौहान