Friday, May 2, 2025
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रामजन्म भूमि के अग्रणीय नेताओं में थे स्वामी जगदीश मुनि राममुनि

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लालकृष्ण आडवाणी अशोक सिंघल व राजामाता सिंधिया के साथ आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया

हरिद्वार ( कुलभूषण) राम जन्म भूूमि आन्दोलन में अग्रणीय पंक्ति के आन्दोलनकारियो में ब्रहमलीन स्वामी जगदीश मुनि का नाम शामिल है। रामजन्म भूमि मन्दिर आन्दोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वाहन करने वाले संतो की प्रथम पंक्ति में रहे स्वामी जगदीश मुनि का आश्रम आन्दोलन के समय प्रमुख पक्ति के नेताओ का केन्द्र बिन्दु था।
खडखडी क्षेत्र स्थित स्वामी जगदीश मुनि द्वारा स्थापित संत मण्डल आश्रम के परमाध्यक्ष व स्वामी जगदीश मुनि के शिष्य स्वामी राम मुनि महाराज अपने गुरू महाराज को नमन करते हुए कहते है। कि आज उनके सदगुरू महाराज द्वारा देखा गया स्वप्न राममन्दिर निर्माण का कार्य पूर्ण हो मूर्त रूपलेने जा रहा है। यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि हम सभी भगवान राम की अनुकम्पा से इसके साक्षी बनने जा रहे है।
श्राममुनि महाराज ने कहा की वह अपने अनुयायियो के साथ शनिवार को हरकी पौडी से पवित्र गंगा जल लेकर आयोध्या के लिए रवाना होगे। तथा 22 जनवरी को होने वाले भव्य आयोजन में भाग ले भगवान राम के दर्शन कर हरिद्वार लौटेगें।
उन्होने बताया की उनके गुरूदेव स्वामी जगदीश मुनि महाराज घीसा पंथी सम्प्रदाय के योगी संत थे। 1974 में उन्होने हरिद्वार में संत मण्डल आश्रम की स्थापना कर हरिद्वार को अपनी कर्मभूमि बनाया। रामजन्मभूमि मंन्दिर आन्दोलन के शुरूवाती दिनों से ही वह इस आन्दोलन से प्रमुखता से जुडे जिसके चलते इस आन्दोलन के प्रमुख रहे लालकृष्ण आडवाणी अशोक सिंघल तथा राजमाता सिंधिया के साथ उन्होने रामजन्मभूमि आन्दोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वाहन किया। स्वामी जगदीश मुनि इस आन्दोलन के प्रवर्तक रहे।
इस आन्दोलन के दौरान उन्होने देश में कई कडे आन्दोलनो में लालकृष्ण आडवाणी तथा अशोक सिंघल के साथ भाग लेकर आन्दोलनों को सम्बोधित किया। वह तत्कालीन उत्तर प्रदेश में हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष रहे जिसके अन्तर्गत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 28 जिले आते थे। राम जन्मभूमि आन्दोलन में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले स्वामी जगदीश मुनि का जन्म 1942 में हरियाणा के हिसार जिले के मुगलपुरा में हुआ था। रामजन्म भूमि आन्दोलन के दौरान जगदीश मुनि महाराज ने हरिद्वार से अखण्ड ज्योति पद यात्रा भी आयोजित की थी। जो हरिद्वार से शुरू होकर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भ्रमण के लिए गई थी । स्वामी जगदीश मुनि ंमहाराज तत्कालीन उत्तर प्रदेश में हरिद्वार विद्यान सभा से 1991 से 1996 तक दो बार भाजपा के टिकट जीतकर उत्तर प्रदेश विद्यान सभा के लिए विद्यायक चुने गये जिसके चलते उन्होने उत्तर प्रदेश विद्यान सभा में तीर्थ नगरी हरिद्वार व संतो का प्रतिनिधित्व किया 22 फरवरी 2011 को स्वामी जगदीश मुनि का निधन हुआ। वह आजीवन भारतीय संस्कृति व स्नातन धर्म के प्रचार प्रसार में लगे रहे। उनकी इस परम्परा को वर्तमान में उनके उत्तराधिकारी व संत मंण्डल आश्रम के परमाध्यक्ष राममुनि महाराज आगे बढा रहे है।

भगवान राम के चरित्र का करें अनुसरण राम मुनि

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हरिद्वार( कुलभूषण ) 22जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मे भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में संत मंडल आश्रम खडखड़ी के परमाध्यक्ष स्वामी राममुनि महाराज के सानिध्य में कलश शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया। कलश शोभायात्रा भीमगोड़ा से होते हुए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड से गंगा जल लेकर संत मंडल आश्रम पर संपन्न हुई। इस मौके पर संत मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष महंत राममुनि महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम सभी लोगो के आराध्या हैं हमारे गुरुदेव ब्रह्मलीन पूर्व विधायक जगदीश मुनि का सपना था की अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होकर भगवान को मंदिर में स्थापित किया जाए।उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम सनातन के मूल हैं राम मुनि महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम के भव्य मंदिर से देश तरक्की की ओर अग्रसर होगा और विश्वगुरु बनेगा उन्होंने कहा कि हमें भगवान राम के जीवन चरित्र को अपने जीवन में ग्रहण करना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को भगवान राम के बारे में बताना चाहिए जिससे भारत में राम राज्य के स्थापना पूर्ण रूप से हो सके। इस अवसर पर कलश शोभायात्रा में भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल ओबीसी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष रवि कश्यप बलकेश राजोरिय सुनील सेठीओम प्रकाश जमदग्नि जगदीश लाल पाहवा विकास तिवारी लव शर्मा अनिरुद्ध भाटी तरुण नैयर व्यापार मंडल के अध्यक्ष विकास शर्मा अजय अरोड़ा डा प्रेमप्रकाश सतलेवाल पूर्वमेयर मनोज गर्ग तथा विभिन्न संतो व भक्तो ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड़ का शायद ही कोई गांव हो जहां ढोल न गूंजता हो : डाॅ. नंद किशोर हटवाल

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दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में

वाद्य यंत्र ढोल, कलावंत और संस्कृति’ पर आयोजित हुआ कार्यक्रम’

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के तत्वावधान में उत्तराखण्ड हिमालय के वाद्य यंत्र ‘ढोल, कलावंत और संस्कृति’ पर एक कार्यक्रम किया गया। इसकी प्रस्तुति संस्कृति कर्मी डाॅ. नंद किशोर हटवाल द्वारा दी गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ढोल उत्तराखण्ड हिमालय का लोकवाद्य है। यहाँ के ग्राम्य जीवन में ढोल की जड़े़ं गहरी समायी हैं। यह उत्तराखण्ड का सर्वाधिक लोकप्रिय वाद्ययंत्र है। इसके बगैर यहाँ का लोक और सामाजिक जीवन अधूरा है। यहाँ के लोकजीवन की खुशियों और हर्षोल्लास के केन्द्र में ढोल है। बिना ढोल के कोई भी समारोह ‘सुन्नपट्ट’ लगता है। ढोल है तो छोटे आयोजन बहुत बड़े हो जाते हैं। ढोल को उत्तराखण्ड हिमालय के लोक में देववाद्य, मांगलिक वाद्य, शगुन वाद्य, द्यो बाजणु भी कहा जाता है। संगीत की भाषा में इसे अवनद्ध वाद्य, चर्मवाद्य, खाल वाद्य, ताल वाद्य या थाप वाद्य भी कह सकते हैं।
उन्होंने पावर प्वांइट के माध्यम से आगे बताया कि उत्तराखण्ड के लोकवाद्यों में ढोल सर्वाधिक जरूरी, महत्वपूर्ण, सुलभ और उपलब्ध वाद्य है। यहां ढोल सर्वत्र है। शायद ही कोई गांव हो जहां ढोल न गूंजता हो। शायद ही कोई उत्तराखण्ड हिमालय का निवासी हो जिसने ढोल की अनुगूंज न सुनी हो। गाँवों के खलिहानों, खेतों, मंदिरों, पूजा, कथा, भागवत् जलजात्रा, आस्था-विश्वास, धार्मिक-सामाजिक परम्पराओं, मान्यताओं, जन्म-मृत्यु, रीति-नीति आदि कोई क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ ढोल का प्रयोग न किया जाता हो। ढोल की भूमिका सिर्फ नृत्य या ताल वाद्य के रूप में ही नहीं होती, ढोल लोकदेवताओं की पूजा-अनुष्ठान का अहम् हिस्सा होता है। नृत्य, नृत्योत्सव, यथा-बगड्वाल, पाण्डव, छोलिया, पौंणा, मंडाण, चक्रव्यूह, रम्माण, तांदी और जागरों की प्रस्तुति में ताल वाद्य के रूप में ढोल का ही प्रयोग होता है। सोलह संस्कार यथा-जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, जनेऊ, शादी, मृत्यु, शवयात्रा के कर्मकाण्डों में ढोल गहराई से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यहाँ ढोल बजाने पर प्रतिबंध का मतलब है अपशकुन या मातम का समय। इसे अबाजा कहा जाता है। यहाँ बाजे का मतलब ढोल-दमाऊं ही होता है। तेरहवीं के दिन ढोल वादकों को बुला कर अबाजे को तोड़ने की भी परम्परा है। हर महीने की संक्रांति का शुभारम्भ ढोल से होता है। किसी प्रियजन, अतिथि, वी.आई.पी., नेता-मंत्री का मन से स्वागत और अतिशय सम्मान प्रकट करना हो तो ढोल बजाया जाता है। उन्होंने उत्तराखण्डी लोकसंगीत और निस्पादक लोक कलाओं में ढोल की महत्ता को बताते हुए कहा कि ढोल उत्तराखण्ड में चेतना, जागृति और आन्दोलनो का वाद्य भी रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने उत्तराखण्ड के आन्दोलन में ढोल वादकों की भूमिका की भी चर्चा की। उन्होंने लोकसाहित्य में ढोल तथा ढोल सागर की भी चर्चा करते हुए लोकमंचों से आधुनिक मंचों और माध्यमों तक पहुंचने तक की ढोल की यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के संचालक करते हुए बिज्जू नेगी ने कहा कि ढोल की कला के संरक्षण तथा संवर्द्धन को लेकर हमको कोई ठोस रणनीति बनानी होगी तथा ढोल को रोजगार से जोड़ना होगा। उन्होने कहा कि ढोल वादकों की सम्यस्याओं पर भी विचार किया जाना जितना जरूरी है उनता ही लोगों के बीच सामाजिक न्याय के प्रति चेतना और जागरूकता जरूरी है।

ढोल पर्वतीय समाज का प्रमुख परम्परागत वाद्य यंत्र है : प्रो. जोशी

दून पुस्तककालय के सलाहकार प्रो.बी. के. जोशी ने कहा कि ढोल पर्वतीय समाज का प्रमुख परम्परागत वाद्य यंत्र है। ढोल सागर पर अभी भी बहुत कुछ बुनियादी कार्य किये जाने की जरूरत है ताकि इस कला का इतिहास विकास पर गहन जानकारी प्राप्त होने के साथ ही इन्हें बजाने वाले कलाकारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि कला को रोजगार से जोड़ा जाय तो उसके जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है। प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने भी उत्तराखण्ड हिमालय की ढोल वादन परम्परा को एक सांस्कृतिक धरोहर को अनमोल निधि बताते हुए यहां के कलावन्तों को भी राज्य सरकार द्वारा प्रश्रय दिए जाने की बात कही।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक कलाकार श्री प्रेम हिंदवाल और श्री जगमोहन का शाॅल ओढ़ा कर सम्मान भी किया गया। सोनिया गैरोला ने प्रेम हिंदवाल के सम्मान पत्र का वाचन किया तथा दून घाटी के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी सतीश धौलाखण्डी व अन्य साथियों ने प्रेम हिन्दवालऔर जगमोहन के सम्मान में ढोल वादन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर लोक कलाकार प्रेम हिंदवाल ने कहा कि वे किशोरावस्था से ढोल वादन का कार्य कर रहे हैं तथा उन्होंने अपने गांव से लेकर राष्ट्रीय मंचों पर इस कला का प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपनी मुश्किलों और संघर्षों के बारे में भी बताया। उन्होंने अपने सम्मान के लिए दून लाइब्रेरी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज इस कला के माध्यम से उनको मान-सम्मान भी मिल रहा है और यह उनकी आय का जरिया भी है। व्याख्यान के बाद ढोल पर एक चर्चा भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम के दौरान डॉ.योगेश धस्माना, बीना बेंजवाल, निकोलस हॉफलैण्ड, सुंदर बिष्ट, रमाकांत बेंजवाल, जितेंद्र नौटियाल सहित अनेक संस्कृति कर्मी,लोक कलाकार, लेखक,साहित्यकार, युवा पाठक, छात्र उपस्थित थे।
कार्यक्रम में हिमवाल सोसायटी की महासचिव दीपिका डिमरी ने भी कलाकार जनों आभार ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम का संचालन बिजू नेगी ने किया।

आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रचार और मजबूती के लिए करूंगा कार्य – डाॅ कुलदीप मार्तोलिया

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देहरादून, उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अधिकारी पद पर हुई डाॅ कुलदीप मार्तोलिया की नियुक्ति की गई है। उन्होंने आज अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डाॅ कुलदीप मार्तोलिया से पहले आईईसी अधिकारी का कार्य डाॅ मंयक बडोला देख रहे थे। डाॅ मंयक बडोला 02 वर्ष के लिए बतौर सीएमओ (CMO) प्रतिनियुक्ति पर मसूरी स्थित लाल बहादुर षास्त्री राश्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चले गये हैं। उनके कार्यकाल में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) ने स्वास्थ्य जन जागरूकता से जुड़े कई अहम कार्य किये।

डाॅ कुलदीप मार्तोलिया ने आज सूचना, षिक्षा, संचार (आईईसी) अधिकारी के पद पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभर ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी राज्य के षहर से लेकर सीमांत इलाकों तक पहुंचे इसको लेकर वह और उनकी पूरी टीम कार्य करेगी। वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए युद्वस्तर पर कार्य कर रहे हैं। आम जनमानस को उनके नजदीकी अस्पताल में बेहत्तर ईलाज मिल रहा है। आयुश्मान योजना हर व्यक्ति के लिए वरदान साबित हो रही है। उनका प्रयास रहेगा कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए।

डॉ कुलदीप मर्तोलिया ने कहा सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ नवीन मीडिया के टूल्स खासतौर से सोशल मीडिया का स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा।
सोशल मीडिया ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ब्लॉग। यह एक नया और हमेशा बदलता रहने वाला क्षेत्र है। इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल संचार तक पहुंच सभी उपकरण हैं। जिनका उपयोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध और सुलभ बनाने के लिए किया जा सकता है। ​​

आपको बता दें कि डाॅ कुलदीप मार्तोलिया वर्तमान में स्वास्थ्य महानिदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उनके उपर है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारियों-कर्मचारियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

सीएम धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी से भेंट की

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देहरादून(आरएनएस)।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने न्यूनतम 1000 मेगावाट के पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किये जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को लगभग 125 मिलियन टन भण्डारण क्षमता की एक कोल ब्लॉक का आवंटन प्राथमिकता पर करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकूल औद्योगिक नीति के कारण राज्य में द्रुत गति से औद्योगिक विकास हुआ है, जिसके फलस्वरूप विद्युत की मांग में निरन्तर वृद्वि हुई है। सर्दियों के मौसम में बिजली की कमी गंभीर हो जाती है क्योंकि ठंडे तापमान के कारण नदियों में पानी का बहाव कम हो जाता है। राज्य में बिजली की मांग प्रतिवर्ष लगभग 4 से 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और लीन सीजन की अवधि में प्रतिदिन लगभग 4 से 5 मि0यू0 की औसत कमी होती है। औद्यौगिकीरण बढ़ने के कारण आने वाले वर्षों में विद्युत की मांग और बढ़ने की सम्भावना है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा की गई संस्तुति के दृष्टिगत राज्य में विद्युत परियोजनाओं के तेज गति से विकास किये जाने के लिए यूजेवीएन लि0 (राज्य सरकार का उपक्रम) और टीएचडीसी इण्डिया लि0 के बीच एक संयुक्त उपक्रम (टीएचडीसीआईएल-यूजेवीएनएल एनर्जी कम्पनी लि0) का गठन किया गया है। टीएचडीसी इण्डिया लि0 की तापीय विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में भी अनुभव को ध्यान में रखते हुए राज्य की विद्युत मांग की आपूर्ति हेतु इस नए संयुक्त उपक्रम के माध्यम से एक पिट-हेड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
उत्तराखण्ड राज्य उन कुछ राज्य में से एक है जहां कोई भी थर्मल पावर स्टेशन संचालित नहीं है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखण्ड राज्य को एक कोल ब्लॉक का आवंटन प्राथमिकता पर करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने यथासंभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

उद्यान घोटाला : सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को झटका, खारिज की सीबीआई जांच रोकने की अपील

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देहरादून, सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित उद्यान घोटाले मामले में सरकार की याचिका खारिज कर सरकार को बड़ा झटका दिया है। घोटाले की जांच सीबीआई से कराने संबंधी उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। दरअसल, उद्यान विभाग के करोड़ों रुपये के इस घोटाले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पिछले साल 26 नवंबर को इसकी जांच सीबीआई से करवाने के आदेश दिए थे।

उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका को खारिज करने का आदेश दिया।
इस घोटाले की जांच में उद्यान विभाग के तत्कालीन निदेशक हरविंदर सिंह बावेजा और रानीखेत से भाजपा विधायक प्रमोद नैनवाल के नाम सामने आने की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस घोटाले के पूरे मामले को ‘पर्वतजन’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता और किसान दीपक करगेती प्रतिवादी थे। करगेती ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी देकर कहा कि सरकार की अपील खारिज कर दी गई है।

वर्ष 2021 में हिमाचल से प्रतिनियुक्ति पर लाए थे निदेशक :

वर्ष 2021 में उत्तराखंड सरकार ने पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से 1 वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर डॉक्टर हरविंदर सिंह बवेजा को उत्तराखंड में बतौर उद्यान निदेशक तैनात किया था। इसके बाद डॉक्टर हरविंदर सिंह बवेजा ने प्रदेश के उद्यानों में जमकर लूट- खसोट करी थी।

रानीखेत विधायक पर भी है आरोप :
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में करोड़ों रुपए के इस घोटाले की सीबीआई जांच में फंसे रानीखेत से भाजपा विधायक डॉक्टर प्रमोद नैनवाल ने गरीब कास्तकारों, राजस्व विभाग सहित वन विभाग की सैकड़ो नाली भूमि हड़प कर ली थी। इस जमीन पर विधायक द्वारा मनमाने तरीके से बगीचे स्थापित किए गए थे। अब इस मामले में तत्कालीन निदेशक बवेजा, भाजपा विधायक सहित अन्य आरोपी सीबीआई की रडार पर हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार की याचिका खारिज हो जाने से आरोपियों पर तलवार लटकना तय है।

मंत्री गणेश जोशी से इस्तीफा ले सरकार : यशपाल आर्य

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि , 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के उद्यान घोटाले की जांच सीबीआई करवाने के बाद उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बयान दिया था कि वे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण नहीं देंगे । मंत्री के सार्वजनिक बयान के बाद सरकार उद्यान घोटाले में संलिप्त अधिकारियों, विधायक और उसके भाई को बचाने सुप्रीम कोर्ट गयी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि अब सरकार की याचिका मुंह के बल गिरने के बाद सरकार बेनकाब हो गयी है और यदि थोड़ी भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्य बचे हैं तो सरकार को मंत्री गणेश जोशी से इस्तीफा ले लेना चाहिए।

कोर्ट के आदेश से हुआ साफ प्रदेश सरकार दे रही भ्रष्टाचार को शह : प्रमिला रावत

देहरादून, प्रदेश में उद्यान विभाग में हुए भ्रष्टाचार की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीति गरमा गयी, इस संबंध में क्षेत्रीय उक्रांद ने सरकार पर भ्रष्टाचार को शह देने का आरोप लगाया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रमिला रावत ने कहा कि कोर्ट के निर्णय से यह बात साबित हो चुकी है। उन्होंने उद्यान मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की भी मांग की। रावत ने कहा कि उद्यान विभाग में हुए करोडों के घोटाले का खुलासा कई समय पहले होने के बाद भी पहले सरकार इसमें लीपापोती करती रही। उच्च न्यायालय द्वारा जब सरकार को इस प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया तो सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बजाय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गयी जहाँ उसे मुंह की खानी पड़ी, प्रमिला रावत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से साफ है कि सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश में थी और उद्यान मंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए जिससे जाँच में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो सके।

अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने को लेकर कांग्रेस ने निकाली न्याय यात्रा

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“न्याय यात्रा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली, मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के साथ प्रदेश प्रवक्ता दीप वोहरा भी रहे शामिल”

 

देहरादून, अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के साथ साथ वीआईपी का नाम उजागर करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने आज प्रदर्शन कर न्याय यात्रा निकाली, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस न्याय पदयात्रा में शामिल हुए इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता भी शामिल हुये।
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी ने उत्तराखंड के बहूचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी का नाम उजागर करने और इस हत्याकांड में सम्मिलित दोषियों को सजा दिलाने के लिए अंकिता भंडारी न्याय यात्रा की शुरुआत की, इस यात्रा में वह लोग भी शामिल थे जिन लोगों को अंकित भंडारी हत्याकांड से ज्यादा कुछ लेना देना नहीं था और ना ही उन लोगों को अंकिता भंडारी के बारे में जानकारी थी। लेकिन कांग्रेस के समर्थक होने के कारण वह भी इस पदयात्रा में अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ शामिल हुए।
इस दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने बैनर और पोस्टर के ज़रिये अंकिता को अब तक न्याय ना मिल पाने पर अपना विरोध जताया कांग्रेस ने इस हत्याकांड को भाजपा की गुंडागर्दी बताया है चूँकि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी किसी न किसी तरीके से भाजपा से ताल्लुकात रखते हैं इसलिए कांग्रेस ने आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप भी सरकार पर लगाया हैं। कांग्रेसी नेताओं का कहना है की जब तक अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिलेगा, कांग्रेस इसी प्रकार सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करती रहेंगी। अंकिता भंडारी को न्याय दो पदयात्रा न्यू कैंट रोड से शुरू होकर गांधी पार्क महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर समापन किया गया।
इस न्याय यात्रा में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली ,मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि, महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला, प्रदेश प्रवक्ता दीप वोहरा, देवेंद्र बटोला, संजय सिंघल, रकित वालिया, जतिन हांडा, विकास नेगी, मनीष नागपाल, मोहन काला, प्रदेश सचिव गीताराम जायसवाल सहित बड़ी संख्या में पार्षदगण और वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

 

श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का 357 वां प्रकाश पर्व

देहरादून, गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढत बाजार के तत्ववाधान में एवं साध संगत के सहयोग द्वारा श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी का 357 वां पावन प्रकाश पर्व गुरुद्वारा रेस कोर्स के खुले पंडाल में श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा – कीर्तन के रूप में मनाया गया l हजारों क़ी संख्या में संगत ने गुरु महाराज को मत्था टेक आशीर्वाद प्राप्त किया l
प्रातः श्री सुखमनी साहिब एवं नितनेम, शब्द चौकी एवं अरदास के पश्चात भाई हरदियाल सिंह जी, हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर वालों ने आसा दी वार का शब्द “तही प्रकाश हमारा भयो पटना शहर वीखे भव लयो ” का गायन कर संगत को निहाल किया l हजुरी रागी भाई गुरदियाल सिंह जी ने शब्द ” हम एह काज जगत मो आये ” हजूरी रागी भाई नरेंदर सिंह जी ने शब्द ” गुरसिखां मन बधाइयाँ जिन मेरा सतगुरु डीठा राम राजे “, भाई प्रधान सिंह जी, हजूरी रागी गु. गुरु नानक दरबार, कोलम्बो वालों ने शब्द ” तिन धन्य जने दी माओ आये सफल से ” काका गुरजोत सिंह, देहरादून वालों ने शब्द “, जाउ तउ प्रेम खेलन का चाउ ” भाई कँवरपाल सिंह जी ने शब्द “, प्राणी परम् पुरख पग लागों ” का गायन कर संगत को निहाल किया lभाई चरणजीत सिंह हजूरी रागी जी ने “अपने सेवक की आप पैज रखाई ” का गायन कर संगत को निहाल किया lज्ञानी शमशेर सिँह जी., हैड ग्रंथी गु. श्री गुरु सिंह सभा ने गुरु महाराज जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु साहिब जी के जीवन प्रेम, संतोख, एवं त्याग की भावना से भरा हुआ था बैसाखी वाले दिन अमृतपान करवा कर जात पात के भेदभाव को खत्म कर दिया l आप ने 14 जंग लड़ी और सभी में जीत प्राप्त की l अपना सम्पूर्ण जीवन एवं परिवार को देश की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया l बच्ची कृत जोत कौर ने शब्द ‘राजन के राजा महाराजन के महाराजा’ का गायन किया ।काका जसकरण सिंह जी ने शब्द “राजन के राजा महाराजन के महाराजा ” का गायन किया l
भाई अर्शदीप सिंह नी हजुरी रागी गु. श्री पोंटा साहिब वालों ने शब्द “वाहों वाह गोबिंद सिंह आपे गुर चेला”का गायन कर संगत को निहाल किया lपंडाल को सुन्दर फूलों एवं लाइट से सजाने की निष्काम सेवा स. मनजोत सिंह सपुत्र स. चरणजीत सिंह जी चन्नी ने की l श्रद्धांलूयों ने जलपान के स्टाल अमृत वेले से लगा रखे थे l संगत के लिए अटूट लंगर की सेवा संगत एवं सेवदारों की जा रही थी l इस अवसर पर सिख सेवक जत्था, गुरमत प्रचार सभा, बेबे नानकी सेवक जत्था, गुरु घर की क्लास, यूनाइटेड सिख फेडरेशन आदि गुरु घर की सेवा कर गुरु महाराज की खुशियां प्राप्त कर रहे थे lकैबिनेट मिनिस्टर गणेश जोशी जी ने मत्था टेक गुरु जी का आशीर्वाद लिया एवं संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दीराज्य मन्त्री देवेंदर भसीन जी गुरु चरणों में मत्था टेक आशीर्वाद ग्रहण किया एवं संगत को गुरपर्व की बधाई दी राज्यमंत्री विश्वास डाबर जी ने संगत को गुरपूर्व की बधाई दी l. देविंदर सिंह मान जी को गुरु घर से सरोपा भेंट किया गया lकांग्रेस महानगर उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना जी ने संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी।
जनरल सेक्रेटरी स. गुलज़ार सिंह जी ने बताया कि रात्रि का दीवान गु. श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार में 6.15 बजे से 9.30 तक सजेगा जी l
इस अवसर पर गु. श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान स. गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव स. गुलज़ार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपप्रधान चरणजीत सिंह चन्नी, कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, सचिव अमरजीत सिंह छाबड़ा, सतनाम सिंह, सेवा सिंह मठारु, गुरदीप सिंह टोनी, देवेंदर सिंह भसीन, गुरप्रीत सिंह जोली, देवेंदर पाल सिंह मोंटी, हरमोहिंदर सिंह, जगजीत सिंह,बलजीत सिंह सोनी, राजिंदर सिंह राजा, गुरविंदर सिंह सेठी, अजीत सिंह, जसविंदर सिंह गोगी, भगत सिंह,हरप्रीत सिंह,कृपाल सिंह, रणजीत सिंह, बजिन्दर पाल सिंह, आदि उपस्थित थे l मंच का संचालन देवेन्दर सिंह भसीन, सतनाम सिंह एवं सेवा सिंह मठारु ने किया l

दून लाइब्रेरी व शोध केंद्र में हुआ द्वितीय स्व. एसपीएस नेगी स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन

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“सह निदेशक (सूचना ) के. एस. चौहान को मिला स्वर्गीय एसपीएस नेगी स्मृति सम्मान “

देहरादून, दून लाइब्रेरी व शोध केंद्र में द्वितीय स्वर्गीय एसपीएस नेगी स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तराखंड़ी फिल्मों के निर्माताओं को उत्तराखंड फिल्म निर्माता सम्मान २०२३ से सम्मानित किया गया। समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि श्री लच्छू गुप्ता प्रदेश संयोजक आर्थिक प्रकोष्ट भाजपा, विशिष्ट अतिथि के एस चौहान सह निदेशक, उत्तराखंड सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग, सोहन उनियाल प्रबंध निदेशक एसएसएन फिल्म प्रोडक्शन व अभिनेता, कुणाल मल्ला एमडी, केएसएम फिल्म प्रोडक्शन, अभिनेता व निर्देशक, डॉ. राखी कांडपाल पांडेय व वैभव गोयल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात स्वर्गीय एसपीएस नेगी के परिवार व समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों द्वारा एसपीएस नेगी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी और उनके द्वारा उत्तराखंडी फिल्म इण्डस्ट्री के लिए किये गए कायों को याद किया गया। कार्यक्रम एसपीएस नेगी के जीवन पर आधारित वृत्त चित्र भी दिखाया गया।May be an image of 4 people and text
इस अवसर पर मुख्य अतिथि लच्छू गुप्ता ने कहा कि उत्तराखंड सरकार लगातार उत्तरांखडी भाषा की फिल्मों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज बड़ी संख्या में बॉलीवुड के नामी फिल्म मेकर अपनी फिल्मों की शूटिंग करने हमारे प्रदेश में आ रहे हैं। विशिष्ट अतिथि के. एस. चौहान ने स्वर्गीय एसपीएस नेगी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने उत्तराखंडी फिल्म इण्डस्ट्री को आगे बढ़ाने का जो कार्य किया है उसे पूरा करने का काम स्थानीय फिल्मों से जुड़े कलाकारों और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ मिलकर किया जायेगा। उत्तराखंड सम्मान समिति के संरक्षक गई जीएस थापा ने कहा कि फिल्म के निर्माण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निर्माता कि होती है। हमें ऐसे निर्माताओं का सम्मान करना चाहिए। समिति के अध्यक्ष अभय उनियाल ने कहा कि सम्मान समिति का उद्देश्य उत्तराखंडी फिल्म इण्डस्ट्री को आगे बढ़ाने वाले लोगों का सम्मान करना है।May be an image of 9 people and text

इन्हें किया गया सम्मानित :

वर्ष २०२३ का “स्वर्गीय एसपीएस नेगी स्मृति सम्मान ” सह निदेशक(सूचना ) के. एस. चौहान को उत्तराखंडी फिल्म इण्डस्ट्री को एक नई दिशा व पहचान दिलाने के लिए दिया गया, इसके साथ ही वर्ष २०२३ में निर्मित उत्तराखंडी फिल्मों के निर्माताओं का सम्मानित किया गया जिनमें अंकित लकी कंडियाल को फिल्म यु कनु रिश्ता, श्रीमती उर्मि नेगी को बथों-सुबेरो घाम २, अशोक चौहान को पधानी, रवि मंगाई को पोथली, देबू रावत को जय माँ धारी देवी, संजय जोशी व सुधीर धर को चक्रव्यूह और विक्रम सिंह नेगी को पहाड़ी रत्न श्रीदेव सुमन के लिए ” उत्तराखंडी फिल्म निर्माता सम्मान-२०२३ ” से नवाज़ा गया।

नेपाली फीचर फिल्म ” छक्का पंजा” भी हुई प्रदर्शित :

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में नेपाली फीचर फिल्म ” छक्का पंजा ” का प्रदर्शन किया गय। जिसकी सुरुआत दुन लाइब्रेरी व शोध केंद्र के कार्यक्रम संयोजक चन्द्र शेखर तिवारी व निकोलस ने मुख्य अतिथि पदम सिंह (अध्यक्ष, गोर्खाली सुधार सभा ) का पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया। अध्यक्ष पदम सिंह ने दून लाइब्रेरी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज पहली बार नेपाली भाषा के चलचित्र को दिखा कर हम सब को गौरवांतित किया है मुझे आशा है कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम को अपने केंद्र में स्थान देगी। चन्द्र शेखर तिवारी ने कहा कि हमारा उद्देश्य स्थानीय भाषा के साथ साथ अन्य भाषा को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर डॉ. एसी जुल्का, पंकज पांडेय, चन्द्र मोहन अग्रवाल, गीता कांडपाल पांडेय, चन्द्र शेखर तिवारी, चन्दर कैंतुरा, सुंदर सिंह बिष्ट, निकोलस, बलराज नेगी, अंकित नेगी, मणि भारती, सुरेश चंद भट्ट, मनोज चंदोला ,चारु तिवारी सहित बड़ी संख्या में फिल्म जगत से जुड़े लोग उपस्थित थे।

पीएलएफएस के ताज़ा आंकड़ों से सामने आई सुनहरी तश्वीर

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उत्तराखण्ड में तेजी से बढ़ रहे रोजगार के अवसर

पिछले एक वर्ष में बेरोजगारी दर में आई 3.5% की गिरावट

श्रम बल की भागेदारी 55.9% से बढ़कर पहुंची 60.1%

महिला श्रमिकों को भी खूब मिल रहा काम, 6.5% उछला ग्राफ

देहरादून। उत्तराखण्ड की प्रगति के लिए धामी सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास रंग लाने लगे हैं। तमाम स्तरों पर बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयासों की वजह से रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं। खासतौर पर औद्योगिक निवेश,प्राथमिक क्षेत्र को आगे बढ़ाने के प्रयास,सर्विस सेक्टर आदि में खूब काम मिल रहा है। उद्योग सहित रोज़गार सृजन के समस्त क्षेत्रों में किए गए प्रयास अब परिणाम देने लगे करने के इच्छुक लोगों की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आकड़े उत्तराखण्ड बताते हैं कि पिछले एक वर्ष में उत्तराखण्ड में बेरोजगारी दर घटी है और लोगों के लिए रोजगार के मौके बढे हैं। खासतौर पर महिलाओं की भागेदारी के ग्राफ में उत्साहजनक उछाल देखा गया है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने श्रमिकों की स्थिति को समझने के लिए निश्चित समयांतराल में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफस) करवाता है। हाल ही में इसके राज्यवार आंकड़े जारी किए गए हैं। उत्तराखण्ड में श्लोगों को रोजगार मिलने के मामले में बेहतरीन सुधार देखने को मिला है। 2021–22 में उत्तराखण्ड में बेरोजगारी दर 8.4% थी जो 2022–23 में घटकर 4.9% रह गई है। पिछले एक वर्ष में बेरोजगारी दर में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है।

दरअसल, उत्तराखण्ड में बुनियादी सुविधाओं सहित उद्योग,प्राथमिक क्षेत्र,सर्विस सेक्टर सहित रोज़गार सृजन के लिए किए जा रहे प्रयासों को प्राथमिकता के साथ किया जा रहे हैं।इसी का नतीजा है कि रोज़गार के अवसर बढ़े हैं।वर्ष 2021–22 में उत्तराखण्ड में श्रम बल की भागेदारी 55.9% थी। 2022–23 में 4.2% इजाफे के साथ यह 60.1% तक पहुंच गई है। आंकड़ों से साफ है कि काम मिलने से रोज़गार सृजन का ग्राफ तेज़ी से बढ़ा है।

महिलाओं के लिहाज से भी यह आंकड़ा सुखद है। वर्ष 2021–22 में उत्तराखण्ड में महिला श्रम बल की भागेदारी 34.6% थी। एक वर्ष में ही 2022–23 में यह बढ़कर 41.1% पर पहुंच गई है। इसमें भी 6.5% की वृद्धि हुई है। खासबात यह है कि शहरों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर पढ़े हैं। आंकड़ों से मिले संकेत इशारे कर रहे हैं कि आने वाले सालों में भी रोजगार मिलने की दर में और ज्यादा इजाफा देखने को मिलेगा।

डीपफेक करने वालों की खैर नहीं, मोदी सरकार लाने जा रही कड़े प्रावधान

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नई दिल्ली, डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। इस संबंध में बैठकें हो चुकी हैं और सख्त कदम उठाने की तैयारी शुरू हो गई है।

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज यानी, 16 जनवरी को बताया कि उन्होंने डीपफेक पर 2 बैठकें कीं। नए आईटी नियमों में गलत सूचना और डीपफेक को लेकर बड़े प्रावधान हैं। सभी के लिए इसका पालन करना अनिवार्य है, नहीं तो कार्रवाई की जाएगी। 7-8 दिनों में नए आईटी नियम नोटिफाई किए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि डीपफेक पर सलाह के अनुपालन को प्लेटफार्मों से मिश्रित किया गया है और कहा कि इस मुद्दे से निपटने के लिए अगले 7 दिनों में सख्त आईटी नियमों को अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पहले ही सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को स्पष्ट कर दिया था कि यदि डीपफेक पर उसकी सलाह का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया, तो उन पर नए आईटी नियमों का पालन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कल ही सचिन तेेंदुलकर की वीडियो डीपफेक का शिकार हुई थी।