Wednesday, April 30, 2025
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उत्तराखंड के मेधावी विद्यार्थियों के विकास के लिए जीएनआईओटी ग्रुप सदैव तत्पर : डॉ राजेश गुप्ता

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देहरादून, देश के विकास में शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत एवम दृढ़संकल्प के साथ काम करने वाली दिल्ली एनसीआर के ग्रेटर नोएडा में स्थित प्रतिष्ठित एवं नामी संस्था जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के सदस्यों द्वारा आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया I

सर्वप्रथम समूह के चेयरमैन डॉ राजेश गुप्ता जी ने उपस्थित समस्त मीडिया से आए हुए अतिथियों का धन्यवाद प्रेषित करते हुए भारतीय प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ रूप से इस प्रजातंत्र को सुदृढ़ बनाने वाले मीडिया एवं मीडिया जगत के विभिन्न नामचीन हस्तियों को धन्यवाद प्रेषित किया और उन्होंने बताया की किस तरीके से आज के इस प्रगतिशील भारतीय अर्थव्यवस्था एवं प्रजातंत्र में मीडिया अपनी भूमिका बहुत ही दृढ़ता से निभा रहा है I इस दृढ़ता का ही परिणाम है कि आज ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, एवं राजनीति ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जो मीडिया एवं उनके प्रभावों से अछूता रह गया है। मीडिया अपनी भूमिका समाज सेवा के भाव से इस प्रति प्रतिपादित कर रहा है की जिसकी प्रशंसा अतुलनीय एवं सराहनीय है I आज के दौर में जनता की बातों को समाज, देश एवं विश्व के पटल पर सत्यता से साझा करना, निडर और निर्भीक पत्रकारिता करना कोई आसान बात नहीं है I

जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान, जीआईएमएस द्वारा इस आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्थान द्वारा मैनेजमेंट शिक्षा जगत में किए गए अद्भुत कार्य एवं संस्था द्वारा देश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए जा रहे हैं विभिन्न निरंतर प्रयासों को मीडिया से आए हुए बंधुओ से साझा कियाI

उन्होंने बताया की आज जीएनआईओटी एजुकेशनल समूह द्वारा आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा के लिए उत्सुक एवं नियमित नई ऊंचाइयों को छूने वाली आकांक्षाओं के लिए एक आशा की किरण के रूप में संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों को यहां के विद्यार्थीयों के साथ साझा करने हेतु ही आयोजित किया गया है I

संस्था के चेयरमैन डॉ राजेश गुप्ता ने जीएनआईओटी एजूकेशनल समूह द्वारा विगत 22 वर्षों में किस भांति एक छोटे से संस्थान से प्रारंभ किए गए एक प्रयास को आज देश के टॉप संस्थाओं के प्रारूप के तौर पर देखा जा सकता है इस पूरी जीवन प्रक्रिया को उन्होंने मीडिया बंधु से साक्षात्कार के दौरान रखा और यह बात स्थापित करने की प्रयास किया कि उनके पूजनीय पिताजी द्वारा सोचे गए एक सपने को कैसे एक मूर्त रूप प्रदान किया गया I उन्होंने बताया की विगत 22 वर्षों में हम जीएनआईओटी समूह परिवार इंजीनियरिंग, प्रबंधन, बैचलर्स का बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बैचलर्स आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर्स ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, मास्टर्स एंड टेक्नोलॉजी, एएनएम, बीएससी नर्सिंग, बीएससी कंप्यूटर साइंस , बैचलर्स कॉमर्स, फार्मेसी, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट,पीजीडीएम जैसे उच्च शिक्षा के कोर्सों को अपने समूह के अंदर में लगभग सात विभिन्न संस्थाओं के द्वारा समाज एवं समाज सेवा हेतु संचालित कर रहे हैं I उन्होंने स्कूल शिक्षा में भी अपने द्वारा किए जा रहे प्रयास एवं स्थापित किए हुए संस्थान का विवरण दिया ।

विगत 22 वर्षों में संस्थान द्वारा लगभग 18000 से ज्यादा पुरातन छात्र है, उन्होंने यह साझा किया की आज वह समय आ गया है की जब भी किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी के किसी भी पदाधिकारी से मिलता हूं तो मुझे वहां मुझे वहां जीएनआईओटी एजूकेशनल समूह के छात्रों की उपस्थिति का पता चलता है कि वह आज दुनिया के हर उसे बड़ी कंपनियों में कार्यरत हैं जहां लोगों के लिए एक ड्रीम् नौकरियां होती हैं I आज संस्थान के पास अपना समय के मांग के अनुरूप उच्च स्तर का एक इन्नोवेशन सेंटर है जो नवीन उपकरणों से लैस है, शिक्षक जो उच्च शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं और अनुसंधान में अग्रसर है I संस्थान के पास अपने खुद के छात्रावास हैं जिनके अंदर छात्र अनुरूप व्यवस्थाएं स्थापित की गई है ताकि घर से दूर होकर भी उनका घर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके I संस्थान से बाहर रहने वाले छात्रों के लिए भी संस्थान द्वारा विभिन्न माध्यम से ट्रांसपोर्ट सुविधा प्रदान की जाती है ताकि आसपास रहने वाले विद्यार्थीयों के लिए भी संस्थान पहुंचना आसान किया जा सकेI भविष्य में आज के बदलती हुई अर्थव्यवस्था, तकनीक, संसाधनों की आवश्यकताओं एवं विकसित भारत की सोच के अनुरूप शिक्षण शिक्षार्थियों एवं शिक्षकों को तैयार करने हेतु संस्थान अपनी पूर्ण निष्ठा से कार्यरत रहेगा I

आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए
संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश कुमार सिंह जी ने सर्वप्रथम समस्त मीडिया बंधुओं का अभिवादन किया तथा शिक्षा जगत में मीडिया द्वारा निभाए जा रहे अहम रोल की विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया की आज देश की हर छोटी से बड़ी बात मीडिया के माध्यम से कैसे विद्यार्थियों तक आसानी से निशुल्क घर बैठे पहुंचाई जाती है जिससे विद्यार्थी लाभान्वित होते हैं । उन्होंने बताया की संस्था में देहरादून एवं आसपास से बड़ी संख्या में विधार्थी अध्यनरत है तथा संस्था इन विद्यार्थियों के समुचित विकास के लिए दृद्धसंकल्पित है। संस्था का मुख्य उद्देश्य अपने यहां अध्यनरत विद्यार्थीयों को आज के समय के मांग के अनुरूप शैक्षिक एवम बौद्धिक रूप से विकसित करना है। उन्होंने कहा संस्थान द्वारा संचालित जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान में पीजीडीएम कोर्स इस पूरी सोच का एक जीवंत उदाहरण है I उन्होंने बताया जब संपूर्ण विश्व करोना जैसी महामारी से ग्रसित एवं भयभीत था जहां हर तरफ डर एवं अवसाद का वातावरण था उस समय माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के एक कथन को आत्मसात करते हुए “आपदा में अवसर” को पूर्णता क्रियान्वित करते हुए जीआईएमएस संस्थान की स्थापना की और इतना ही नहीं इस संस्थान में शिक्षा, एवं शैक्षणिक गुणवत्ता को अति विशेष महत्व प्रदान किया गया I उन्होंने बताया की संस्थान इस अल्पकाल में ही अपनी पहचान केवल दिल्ली एनसीआर तक ही नहीं अब तो इस भारत भूखंड के अनेक राज्यों में अपनी पहचान बन चुका है I उन्होंने बताया कि इस पहचान का ही फल स्वरुप है कि पिछले दो वर्षों से संस्थान में भारत के लगभग 22 राज्यों से आए हुए विद्यार्थी जीआईएमएस संस्थान में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं I उन्होंने बताया प्रतिवर्ष हम अपने ही स्थापित किए हुए बेंचमार्क को तोड़ रहे हैं और एक नए पायदान को स्थापित करते चल रहे चाहे वह छात्रों का हम पर विश्वास हो, चाहे प्लेसमेंट हो, चाहे रिसर्च हो या शिक्षा में नवीन गुणवत्ताओं के मापदंड को स्थापित करना हो, इन सभी मापदंडों में हमारा संस्थान अग्रसर है I

आज के इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए हुए विभिन्न मीडिया के सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों के उत्तर देते हुए संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट प्रोफेशनल इंगेजमेंट और आउटरीच चंद्रकांत सिंह ने बताया कि की संस्थान विगत वर्षों में कैसे इस तरीके की ऊंचाइयों तक पहुंच पाया है । आज के समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था के अनुरूप छात्रों को तैयार करने हेतु ,संस्थान इंटरनेशनल इमर्शन प्रोग्राम आयोजित करता है जिसमें संस्थान में अध्यनरत विद्यार्थियों का समूह को विभिन्न देशों के वर्ल्ड क्लास विश्वविद्यालय के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम के माध्यम से भेजा जाता है I इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य एक अच्छी सोच व विचारधारा के साथ उस व्यक्तित्व का निर्माण करना जो भारत राष्ट्र को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल कर सके, ऐसे उत्तम ज्ञान वाले मानव संपदा का निर्माण करना हैI आज के समय में पाठ्यक्रमों में एवं व्यवसायिक जगत में आ रहे बदलाव को देखते हुए इंडस्ट्री इंटरेक्शन संस्थान की शिक्षण पद्धति का एक मूल भाग है जिसमें समय अंतराल पर कारपोरेट जगत से एक्सपर्ट को छात्रों के बीच संवाद स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है I

प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में संस्था के ग्रुप हेड आउटरीच पंकज कुमार से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षा से संबंधित कार्यक्रम में आने के लिए समस्त मीडिया बंधुओं का तहे दिल से धन्यवाद प्रेषित करते हुए समस्त मीडिया से उत्तराखंड राज्य के विद्यार्थियों के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया की संस्था में उत्तराखंड राज्य से अध्यनरत विद्यार्थियों द्वारा अपने मेहनत एवम मेधा के बल पर कई मुकाम हासिल किए गए है, यहां के विद्यार्थियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। इस राज्य के विद्यार्थी मेहनती होते हैं तथा इन्हीं कारणों से संस्था के चेयरमैन सर के दिशा निर्देश में आज हमलोग उत्तराखंड राज्य के विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा को बाहर निखारने के उद्देश्य से आज हमलोग देहरादून शहर में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं ।

जीएनआईओटी ग्रुप तकनीकी, मैनेजमेंट, फार्मेसी, लॉ इत्यादि उच्च शिक्षा के लिए उत्तराखंड राज्य के विद्यार्थियों को हर संभव मदद करती आ रही है तथा आगे भी इस राज्य में शिक्षा के विकास के लिए कई तरह के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

संस्था के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने बताया की आज संस्था द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित कर पूरे देहरादून एवम आसपास के शहरों से शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत कार्य करने वाले शिक्षाविदों को भी आमंत्रित किया गया है तथा उन्हें संस्था द्वारा उत्तराखंड राज्य के अति विशिष्ट गणमान्य अतिथियों के हाथों उन शिक्षविदों द्वारा किए जा रहे कार्यों के अनुरूप सम्मानित करने का भी कार्य किया जा रहा।

आज के इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संस्था के चेयरमैन डॉ राजेश गुप्ता, सीईओ स्वदेश कुमार सिंह, वाइस प्रेसिडेंट प्रोफेशनल इंगेजमेंट एवम आउटरीच चंद्रकांत सिंह, ग्रुप आउटरीच हेड पंकज कुमार के अलावा संस्था के विमल सिंह, रूपेश राव, अमित रंजन, आशीष तोमर, अभिनय राज, गिरीश नागर, मनसा बत्रा, सुमन धामी सहित बड़ी संख्या में विभिन्न शहरों के शिक्षाविद शामिल हुए।

“मुम्बई कौथिग” का सीएम धामी के हाथों होगा आगाज, पहाड़ी उत्पादों और खानपान से सजा नेरूल का रामलीला मैदान

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देहरादून/ मुम्बई, उत्तराखण्डी समाज के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन मुंबई कौथिग का उद्धाटन बुधवार २४ जनवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों रामलीला मैदान, नेरुल नवी मुंबई में होगा। देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित मुंबई कौथिग के उद्घाटन समारोह में उत्तराखंड और महाराष्ट्र की राजनीतिक, सामाजिक और सिने जगत की कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी।

मुंबई कौथिग के मुख्य संयोजक मनोज भट्ट ने बताया कि कौथिग की शुरुआत मां नंदा देवी की राजजात यात्रा की शोभायात्रा से होगी। यह शोभायात्रा नेरुल के गांवदेवी मंदिर से शाम ४ बजे से शुरू होगी और मां नंदा के जयकारों के साथ कौथिग प्रांगण तक पहुंचेगी। इस शोभायात्रा में उत्तराखंडी पारंपरिक परिधान में महिलाएं बड़ी संख्या में शिरकत करेंगी और उत्तराखंड के मशूहर छलिया कलाकार रंगारंग नृत्य प्रस्तुत करेंगे। मुंबई कौथिग का पांच दिवसीय आयोजन 28 जनवरी 2024 तक शाम ४ बजे से १० बजे रात तक होगा, जिसमें कौथिग के सांस्कृतिक निर्देशक ज्योति राठौर और सुरेश काला के निर्देशन में उत्तराखंड के कई जाने माने लोक कलाकार और संस्कृति विभाग उत्तराखंड सरकार के सांस्कृतिक दल लोक गीत व नृत्य की प्रस्तुति देंगे। कौथिग-2024 में नेरूल के रामलीला मैदान मे गढ़-कुमाऊं की गौरवशाली विविध लोक संस्कृति के रंगों के साथ-साथ उत्तराखंड की हस्तशिल्प, बागवानी, श्री अन्न कृषि उत्पाद, फलोत्पादन, रेशम विकास, कृषि विपणन, जैव प्रौद्योगिकी एवं जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध लेखक एवं निर्देशक श्री भरत कुकरेती कौथिग-2024 के ब्रांड एम्बेसडर हैं।
कौथिग के संरक्षक गिरवीर नेगी, नरेंद्र जोशी, समाजसेवी माधवानंद भट्ट, कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष हीरा सिंह भाकुनी, कौथिग फाउंडेशन के कार्याध्यक्ष सुशील कुमार जोशी, महिपाल नेगी, प्रयाग रावत, चामू सिंह राणा, लक्ष्मण ठाकुर, बलबीर सिंह रावत, दिनेश बिष्ट, प्रवीण ठाकुर के मार्गदर्शन में आयोजन को सफल बनाने के लिए पूरी टीम कौथिग जुटी हुई है।

खास खबर: हो जाएं सर्तक, 7 तरीकों से होती है ठगी, गृह मंत्रालय के थिंक टैंक ने लोगों को किया आगाह

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नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एक पुलिस थिंक टैंक ने सोशल मीडिया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों के खिलाफ सलाह और चेतावनी जारी की है।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरडी) ने ऐसी सात प्रकार की धोखाधड़ी की पहचान की है जिसमें मिस्ड कॉल, वीडियो कॉल, नौकरी की पेशकश और निवेश योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी, पहचान बदलकर जालसाजी, सेंधमारी और स्क्रीन साझा करना शामिल हैं। आठ पन्ने के परामर्श सह चेतावनी में कहा गया है कि ‘हाइजैकिंग’ मामले के जालसाज पीड़ित के व्हाट्सएप खाते तक अनधिकृत पहुंच बना लेते हैं और उनके संपर्कों से पैसे का अनुरोध करते हैं।
बीपीआरडी ने कहा, ‘‘कुछ लोगों ने अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप वीडियो कॉल भी देखी हैं। ये मूल रूप से सेक्सटॉर्शन आधारित वीडियो कॉल थे जिनका उपयोग उपयोगकर्ता को धमकी देने के लिए किया जाता है।’’ बीपीआरडी ने कहा, ‘‘हैकर्स उपयोगकर्ता को ब्लैकमेल करते हैं और बदले में पैसे मांगते हैं।’’
बीपीआरडी गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत पुलिस व्यवस्था से जुड़े विषयों पर एक ‘थिंक टैंक’ है। व्हाट्सएप ने प्रौद्योगिकी प्रमुख मेटा के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म द्वारा लाए गए सुरक्षा सुविधाओं के बारे में विज्ञापन देकर हाल में कई सार्वजनिक संदेश अभियान शुरू किए हैं।
बीपीआरडी ने कहा कि ज्यादातर वियतनाम, केन्या, इथियोपिया और मलेशिया से संबंधित देश कोड से शुरू होने वाले नंबरों से किए गए मिस्ड कॉल के माध्यम से, हैकर्स सक्रिय उपयोगकर्ताओं को ढूंढ़ने के लिए ‘कोड स्क्रिप्टेड बॉट’ का उपयोग करते हैं और फिर उन्हें विभिन्न साइबर खतरों के लिए लक्षित करते हैं।
पहचान बदलकर जालसाजी के तहत जालसाज अपने संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) या वरिष्ठ अधिकारी होने का दिखावा करके पीड़ित से संपर्क करते हैं और मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ), मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ), मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) तथा उच्च पदस्थ पुलिस और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाते हैं।
बीपीआरडी ने कहा कि जालसाज सोशल मीडिया हैंडल पर सर्फिंग करके उन कर्मियों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं और समान प्रोफाइल बनाते हैं और पीड़ित को समझाने के लिए किसी महत्वपूर्ण बैठक में अपनी व्यस्तता या पुराने नंबर में समस्या का हवाला देकर कुछ लिंक पर तत्काल धन हस्तांतरित करने की मांग करते हैं। इसने अलर्ट में व्हाट्सएप के खातों की तस्वीरें भी प्रकाशित कीं जहां ऐसे प्रयास किए गए थे।

परामर्श में व्हाट्सएप द्वारा हाल में जारी ‘स्क्रीन शेयर’ फीचर के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की गई। बीपीआरडी ने कहा, ‘‘अतीत में धोखाधड़ी के कई मामले देखे गए, जहां जालसाजों को अवैध गतिविधियां करने के लिए धोखाधड़ी से पीड़ितों की स्क्रीन तक पहुंच मिल गई।’’
इसमें कहा गया है कि जालसाज खुद को बैंकों, वित्तीय संस्थानों, सरकारी निकायों के अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करते हैं और एक बार जब वे पीड़ित को अपनी स्क्रीन साझा करने के लिए मना लेते हैं, तो एक ऐप या सॉफ्टवेयर गुप्त रूप से इंस्टॉल किया जाता है और पीड़ित की संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक विवरण, पासवर्ड और बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच बना ली जाती है।

क्या करें और क्या न करें के तहत इसमें उपयोगकर्ताओं को अपने व्हाट्सएप खाते पर ‘दो फैक्टर प्रमाणीकरण या 2एफए’ सक्रिय करने के लिए कहा, जबकि इसमें संदिग्ध या अज्ञात व्हाट्सएप कॉल का उत्तर न देने और सूचना देने और उपयोगकर्ता से संपर्क करने वाले नंबरों को ब्लॉक करने का सुझाव दिया गया। इसमें कहा गया कि मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप से जुड़े अधिकारियों को इस डेटा उल्लंघन अधिनियम के प्रति पहले ही सूचित किया जा चुका है

युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंका, परिजनों ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया

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देहरादून, जनपद के दुधली क्षेत्र में एक युवक की हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया गया। युवक के चेहरे पर गहरी चोटों के निशान बताए जा रहे थे। पहले जानवरों के हमले की बात कही जा रही थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में संदिग्ध लगने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। देर शाम युवक की बहन की शिकायत पर क्लेमेंटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को दूधली के जंगल में एक युवक का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। बताया गया कि युवक के परिजन शव को अपने घर ले गए हैं। उसकी पहचान अमित कुमार निवासी दूधली के रूप में हुई। अमित फर्नीचर बनाने का काम करता था।
पता चला कि अमित के परिवार में उसकी बहन के अलावा कोई नहीं है। कुछ समय पहले उसकी बहन की भी शादी हो चुकी है। अमित रविवार शाम के वक्त घर से निकला। जब सुबह तक घर नहीं पहुंचा तो पड़ोसियों और अन्य परिजनों ने उसकी तलाश की। उन्हें शव दूधली के जंगल में मिल गया। परिजन शव को लेकर घर आ गए।
मृतक के परिजन आशंका जता रहे थे कि अमित पर किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। लेकिन, पुलिस ने चेहरे के घाव को देखा तो यह जंगली जानवरों का हमला नहीं लग रहा था।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। अमित के शव का पोस्टमार्टम तो हो गया है। जिसमें किसी भारी हथियार से वार करने की बात कही जा रही है। हालांकि, पुलिस को अधिकृत रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
एसओ क्लेमेंटाउन दीपक धारीवाल ने बताया कि अमित की बहन दीपा ने हत्या के संबंध में तहरीर दी है। इसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।

रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भारी भीड़

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अयोध्या, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलला की पूजा करने और दर्शन करने के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्त सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में जुटने शुरू हो गए थे। रामलला आज से आम श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। सभी भक्तों के लिए नव्य राम मंदिर के द्वार खुल गए हैं। सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुए रामलला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद मंगलवार को पूजा-अर्चना के लिए श्री राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह श्री राम लला की पूजा-अर्चना करने और उनके दर्शन करने के लिए भक्त सुबह 3 बजे से ही बड़ी संख्या में जमा हो गए। मुंबई से अपने परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंची एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि हम यहां तीन दिन से रूके हुए हैं, दर्शन करके ही जाएंगे। एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “ये भीड़ सदा रहेगी और रहनी भी चाहिए। भारत धर्म की भूमि है। सोमवार को अयोध्या में श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा पुजारियों की देखरेख में मुख्य अनुष्ठान किए। भगवान राम की सिंहासन पर वापसी के उपलक्ष्य में पूरे देश में जश्न भी मनाया गया। नए मंदिर में सुबह 3:30 से 4:00 बजे पुजारी मंत्र से रामलला को जगाएंगे, फिर मंगला आरती होगी।
5:30 बजे शृंगार आरती व 6 बजे से दर्शन शुरू होंगे। दोपहर में मध्याह्न भोग आरती होगी। फिर उत्थापन, संध्या आरती व भगवान को सुलाते वक्त शयन आरती होगी। पहला मौका होगा जब रामलला की भोग-सेवा सभी मानक पद्धतियों से होगी। 40 दिन तक रोज रामलला का शेष अभिषेक होगा। 60 दिन तक कलाकार स्वरांजलि देंगे। दोपहर में रामलला को पूड़ी-सब्जी, रबड़ी-खीर के भोग के अलावा हर घंटे दूध, फल व पेड़े का भी भोग लगेगा। रामलला सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, बृहस्पतिवार को पीला, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीला व रविवार को गुलाबी रंग वस्त्र पहनेंगे। विशेष दिनों में वे पीले वस्त्र धारण करेंगे।
अब रामलला की 24 घंटे के आठों पहर में अष्टयाम सेवा होगी। इसके अलावा रामलला की छह बार आरती होगी। आरती में शामिल होने के लिए पास जारी होंगे। अब तक रामलला विराजमान की दो आरती होती थीं। रामलला के पुजारियों के प्रशिक्षक आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा, अब रामलला की मंगला, शृंगार, भोग, उत्थापन, संध्या व शयन आरती होंगी। संभव है उत्थापन आरती पुजारी खुद कर लें और फिर दर्शन के लिए पर्दा खोलें। इसे लेकर ट्रस्ट ही घोषणा करेगा।

पहाड़ और मैदानी रूट पर जल्द दौड़ेंगी 330 नई आधुनिक बसें

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उत्तराखंड रोडवेज ने धामी सरकार के गुड गवर्नेंस पर लगाई मुहर

-20 साल के भीतर पहली बार घाटे से उभरकर की रिकॉर्ड 56 करोड़ मुनाफे की कमाई

-सचिवालय में परिवहन विभाग के सचिव वी निगम के प्रबंध निदेशक को किया सम्मानित

प्रदूषणमुक्त परिवहन को ले कर 151 बसों का दिल्ली मार्ग पर आवागमन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के गुड गवर्नेंस को उत्तराखंड रोडवेज (परिवहन निगम) ने धरातल पर उतारकर राज्य में नई नजीर पेश की हैं। निगम ने धामी सरकार के ढाई साल में न केवल 20 साल के घाटे को मात दी, बल्कि रिकॉर्ड 56 करोड़ का मुनाफा कमाकर रोडवेज की बसों को नई रफ्तार दी हैं। परिणाम, अब जल्द पहाड़ से लेकर मैदानी रूट पर रोडवेज की सेवाओं बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
राज्य बनने के करीब तीन साल बाद यानी 2003 में उत्तराखंड परिवहन निगम उत्तरप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई, पुरानी करीब 957 बसें आईं। नए राज्य में नई व्यवस्था से रोडवेज का संचालन शुरू हुआ। लेकिन खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। इससे परिवहन निगम के सामने नई बसों की खरीद, संचालन और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लाले पड़ गए। इस बीच मार्च 2020-21 में तो कोरोना संक्रमण काल ने निगम की कमर तोड़ कर रख दी। इस दौरान निगम का घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इससे निगम की हालत खराब होती गई। इसी दौरान राज्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली और सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के साथ काम करने का फरमान दिया। चूंकि परिवहन निगम आमजनों से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवा थी, मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी दी गई। नतीजन 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। निगम की यह रफ्तार यहीं नहीं अटकी और धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने करीब 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए राज्य में गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण पेश कर दिखाया। अब धामी सरकार के ढाई साल में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर करीब 56 करोड़ की कमाई की है, जो उत्तराखंड के इतिहास में बड़ा रिकॉर्ड है। अब निगम की इस सफलता से राज्य के दूसरे विभाग को भी प्रेरणा मिलेंगी और वो भी नई नजीर पेश करेंगे।

जल्द निगम के बेड़े में जुड़ेंगी 330 नई बसें

उत्तराखंड परिवहन निगम के पास वर्तमान में 1350 बसें हैं। इनका संचालन राज्य के भीतर और दूसरे राज्यों में किया जा रहा है। खासकर 151 सीएनजी युक्त बसें दिल्ली रूट पर चल रही हैं। निकट भविष्य में 200 सीएनजी बसें पहाड़ और मैदानी रूट पर संचालन के लिए खरीदने की योजना हैं। जबकि पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों को खरीदने की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही हैं। इससे काफी हद तक राज्य की परिवहन व्यवस्था पटरी पर आ जाएंगी।

राज्य में 8 स्टेशन तैयार, 13 पर चल रहा कार्य
उत्तराखंड में बेहतर परिवहन। व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। खासकर घाटे से उभरने के बाद निगम ने 8 बस स्टेशन तैयार कर दिए हैं। जबकि 13 बस स्टेशन का काम प्रगति पर हैं। इसके अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी और काठगोदाम में 4 आईएसबीटी प्रस्तावित हैं। साथ ही श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत, काशीपुर में पांच वर्कशॉप बनाने के प्रस्ताव हैं।

राज्य में पहली बार परिवहन निगम घाटे से उभरा है। लगातार दो साल से निगम मुनाफे में है। इससे कर्मचारियों के वेतन से लेकर सेवाओं में सुधार और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिल रही है। अब जल्द नए रूट और नई बसों को भी धरातल पर उतारा जाएगा।

डॉ आनंद श्रीवास्तव, एमडी परिवहन निगम

सरकार पहले दिन से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही हैं। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम घाटे से उभरा है। यह गुड गवर्नेंस का बड़ा उदाहरण है। परिवहन निगम आमजनों से जुड़ा विभाग है। सरकार आमजनों की सुविधाओं को देखते हुए इसमें सुधार ला रही है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

हरिद्वार घाट पर एकत्रित श्री रामचंद्र जी की जय जयकार का उद्घोष कर दीपदान भी किया

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हरिद्वार ( कुलभूषण), अयोध्या में राम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर वैश्य बन्धु समाज एवं महिला वाहिनी, मध्य हरिद्वार के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने महाराजा श्री अग्रसेन घाट हरिद्वार पर एकत्रित होकर अध्यक्ष नीरज कुमार गुप्ता के नेतृत्व में श्री रामचंद्र जी की जय जयकार का उद्घोष कर घाट को गूंजायमान कर दिया।
इस अवसर पर वैश्य बन्धु समाज के अध्यक्ष नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि 500 वर्ष के लंबे संघर्ष के एवं सैकड़ो राम भक्तों के बलिदान के पश्चात आज हमें इस स्वर्णिम अवसर को देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ इससे हमारा जीवन सफल हो गया। उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिकों के साथ-साथ वैश्य समाज के सदस्यों की खुशी का भी आज कोई ठिकाना नहीं है। हर कोई राम भक्ति में मगन होकर झूम रहा है।
इस अवसर पर वैश्य समाज एवं महिला वाहिनी के सदस्यों ने भगवान श्री राम जी के भजनो के साथ गंगा जी पर सर्वप्रथम दुग्धाभिषेक किया, उसके पश्चात गंगा तट पर दीपक जला कर राम दीपावली बनाई। समस्त वैश्य सदस्यों एवं महिला वाहिनी ने सैकड़ो की संख्या में दीपदान भी किया।
गंगा तट पर मां गंगा एवं भगवान श्री रामचंद्र जी की आरती की गई और हर्ष उल्लास के साथ एक दूसरे को मिष्ठान वितरित किया गया। इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए आकाशीय रंग बिरंगी आतिशबाजियां की गई, जिनके छठा देखते ही बनती थी।
आज के इस ऐतिहासिक लम्हों को यादगार बनाने के लिए वैश्य बंधु समाज मध्य हरिद्वार के बैनर तले पीके बंसल, सतीश चंद्र गुप्ता, रामबाबू बंसल, एसपी अग्रवाल, महामंत्री राजीव गुप्ता, अनुपम अग्रवाल, राजीव गुप्ता, लोकेश गुप्ता, शिवम बंधु, शेखर, गौरव गोयल, आदित्य बंसल, कमल अग्रवाल, संदीप गुप्ता, विभोर बंसल, विमल जैन, अमित जैन, वरुण अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, प्रमेश गुप्ता, मनोज गुप्ता, महिला वाहिनी की ओर से अरुणा बंसल, प्रीति गुप्ता निधि बंसल, प्रीति अग्रवाल, मीरा जैन, अलका अग्रवाल, वर्षा गुप्ता, इंदु गुप्ता, आंचल अग्रवाल आयुषी अग्रवाल, मेघा बंसल, प्रतिमा अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, जूली अग्रवाल, नताशा अग्रवाल डिंपल मित्तल ,सरोज गोयल ,रजनी जैन, मंजू गुप्ता, साक्षी अग्रवाल निधि बंसल, , प्रीति गुप्ता, मीरा जैन, सरिता अग्रवाल ,जूली अग्रवाल, अरुणा बंसल, वर्षा गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

क्रिश्चन विलेज के एक मकान में लगी आग,कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फोटो कैप्शन घर में लगी आग मसूरी 1 से 2

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मसूरी (दीपक सक्सेना)। बार्लाेगंज क्षेत्र के क्रिश्चियन विलेज में एक मकान में आग लगने से वहां रखा सारा सामान जल गया। गनीमत रही की उस वक्त वहां पर कोई मौजूद नहीं था, नहीं तो भीषण हादसा हो सकता था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची अग्निशमन दल, स्थानीय नागरिकों और स्थानीय पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन इस दौरान मकान मे रखा सारा सामान जलकर राख हो गया।
मौके पर पहुंचे फायर सर्विस अधिकारी धीरज तड़ियाल ने बताया कि सुबह 11बजकर 10 मिनट पर उन्हें सूचना मिली कि बार्लोगंज क्षेत्र के क्रिश्चन विलेज में एक मकान में आग लग गई है, जिस पर वे आग बुझाने के उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक मकान में रखा पूरा सामान जल चुका था। उसके बाद फायर की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उन्होंने बताया कि इस मकान में एक बुजुर्ग रहते थे जो मोमबत्ती जलती छोड़ कर चले गए और उसके बाद मोमबत्ती के कारण आग लग गई। उन्होंने बताया कि आग से घर का पूरा सामान जल गया जिसमें लगभग 40 हजार का नुकसान हुआ है। जिसमें उसके कपड़े, बैड, रजाई गददे आदि घर का सारा सामान जल गया। मौके पर मौजूद स्थानीय निवासी व ठेकेदार नवीन भटट ने बताया कि वह अपने काम पर थे उन्होंने देखा कि एक घर से धुआं निकल रहा है, वह तत्काल अपनी लेबर लेकर मौके पर पहुंचे व पुलिस तथा फायर को फोन किया व आग बुझाने में जुट गये। उन्होंने बताया कि आग से घर का पूरा सामान जल गया केवल जो कपड़े पहने हैं वहीं बचे। उक्त घर क्लिेरेस एंथनी उर्फ टिल्लू का था जो एक कमरे में अकेला रहता था। उन्होंने बताया कि घर में रखे पैसे भी आग में जल गये। मौके पर स्थनीय निवासियों रमन आदि ने भी आग बुझाने में मदद की।

मुख्यमंत्री ने हरकी पौडी पर आयोजित दीप दीपावली मे किया प्रतिभाग

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हरिद्वार (कुलभूषण) मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अयोध्या में श्रीराम लला विग्रह के दिव्य, भव्य, नव्य मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के पावन एवं गौरवशाली शुभ अवसर पर विशेष रामनाम ध्वजा से सजे हुये हरकीपैड़ी में आयोजित दीपोत्सव व विशेष आरती कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने हरकीपैड़ी पहुंचकर बजाओ ढोल स्वागत में मेरे भगवान आये हैं….., मंगल भवन अमंगल हारी, अयोध्या आये मेरे प्यारे राम बोलो जै-जै श्रीराम आदि श्रीराम भजनों के बीच देश तथा प्रदेश की समृद्धि की कामना करते हुये पूजा-अर्चना तथा विशेष आरती की।
पुष्कर सिंह धामी ने जैसे ही दीपोत्सव में दीप प्रज्ज्वलित करना प्रारम्भ किया, देखते ही देखते पूरी हरकीपैड़ी हजारों दीपकों की रोशनी से जगमगा उठी तथा सभी दिशायें पटाखों की ध्वनि तथा जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान हो गयी। हरकीपैड़ी की दीपोत्सव तथा विशेष आरती की यह छटा देखकर श्रद्धालु तथा उपस्थित जन-समूह अपने आपको इस अप्रतिम क्षण का साक्षी मानकर धन्य तथा सौभाग्यशाली समझ रहे थे।
दीपोत्सव तथा विशेष आरती कार्यक्रम का आयोजन श्रीगंगा सभा द्वारा किया गया। महामंत्री श्रीगंगा सभा श्री तन्मय वशिष्ठ तथा पदाधिकारियों ने हरकीपैड़ी पहुंचने पर मुख्यंत्री का भव्य स्वागत व अभिवादन किया तथा आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री व सांसद हरिद्वार डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व कैबिनेट मंत्री व हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) दीपेन्द्र सिंह नेगी, महामंत्री श्रीगंगा सभा श्री तन्मय वशिष्ठ, उज्ज्वल पण्डित, सांसद प्रतिनिधि ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष विकास तिवारी, श्री लव शर्मा, आशू चौधरी, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, साधू-सन्त, श्रद्धालुजन सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

श्रीरामचंद्र के चरित्र को पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे युवा : प्रोफेसर बत्रा

श्रीरामचंद्र के चरित्र को पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे युवा - प्रोफेसर सुनील कुमार बत्रा। - shouryagatha
हरिद्वार(कुलभूषण) आज राम विग्रह स्थापना एवं प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम पर सब-कुछ राममय है। इस अवसर पर एसएमजेएन पी जी कालेज में भव्य रंगोंली छात्र छात्राओं के द्वारा बनाई गई इस अवसर पर छात्र छात्राओं के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर हर्ष मना कर अपनी खुशी का इजहार किया गया । इस अवसर पर राम विग्रह स्थापना कार्यक्रम के लाईव प्रसारण की व्यवस्था कालेज में की गई । सिया राम मय सब जग जानी करु प्रणाम जोरि जुग पानी एवं राम भजनों पर छात्राओं ने भाव विभोर करने वाली नृत्य की प्रस्तुति से सभी उपस्थित जनों को उल्लास से भरपूर कर दिया। इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा श्री राम चन्द्र, सीता माता, लक्ष्मण जी एवं पवनसुत हनुमान के रुप को धारण कर अद्भुत झांकी प्रस्तुत की। इस अवसर पर कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि यह अत्यंत ही हर्ष का विषय है कि श्री राम जी के अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत् देश का युवा इस कार्यक्रम को उत्सव के रूप में मना रहा है। कूजन्तं राम रामेति रमे रामे मनोरमे सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने। आज सम्पूर्ण देश में राम नाम के नाम गुंजायमान हो रहा है। अब तो देश के युवा रामजी के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र के चरित्र को पाठ्यक्रम में भी पढ़ कर उसे अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। अब श्री देव सुमन उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में देश में पहली बार इसे सम्मिलित किया गया है।
कार्यक्रम में डा.अमिता मलहोत्रा , गौरव बसंल, ने छात्राओं को तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रामजी के चरित्र को कामख्या ने चारू ने लक्ष्मण जी, आरती असवाल ने सीता जी एवं आरती प्रजापति ने हनुमानजी तथा
आंचल,आयुषी द्वारपाल की भूमिका निभाई।
भव्य रंगोली को सजाने वाली छात्राओं में अपराजिता,अनामिका,अंशिका,इशिका,मानस वर्मा निकिता मुस्कान, पूनम शालू,वैष्णवी,वर्णिका,,आकांक्षा,शिवानी कश्यप,शालिनी,श्रुति,कशिश कंबोज आदि सम्मिलित रहीं। इस अवसर पर कालेज की छात्रा अपराजिता ने अपनी स्वरचित कविता राम आएं है आएं हैं राम आएं हैं गंगा द्वारे पर देखो जी राम आएं हैं
आज घर घर प्रभु श्री राम आएं हैं
आज अवध नगर में राम आएं हैं
राम मंदिर के भगवान श्री राम आएं हैं
राम आएं है आएं हैं राम आएं हैं
दीप बनकर उजाला श्री राम आएं हैं
की है सबने तपस्या तो राम आएं हैं
आज संतो की…आज संतो की…
हुई शुभ मंगल प्रभु श्री राम आएं हैं
राम आएं हैं आए हैं राम आएं हैं कविता का पाठ किया इसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर पूर्व महापौर मनोज गर्ग, डॉ जे सी आर्य, डॉ संजय माहेश्वरी, वैभव बत्रा, एवं गोविन्द पुरी के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

अयोध्या आंदोलन की नायिका साध्वी ऋतंभरा के आंखों में आंसू के पीछे की क्या है कहानी….

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अयोध्या, आखिर 22 जनवरी को वो तारीख आ ही गई, जिसका इंतजार कई पीढ़ियों से किया जा रहा था। ये माना जा रहा था कि हमारे राम लला कब अपने भव्य, दिव्य और नव्य मंदिर में विराजमान होंगे। हिंदुस्तान में अगर हम बात करे सनातन धर्म की तो प्रभु श्री राम इतिहास हैं, वर्तमान हैं, श्रद्धा हैं, आस्था हैं और कहीं न कहीं आज के दौर में सियासत के केंद्र में भी हैं। समारोह में राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल हुईं। इस दौरान, अपने सपने को साकार होते देख दोनों एक-दूसरे से मिलते ही रो पड़ीं और नम आंखों के साथ गले मिलीं। साध्वी ऋतंभरा राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी की भूमिका में रही। एक वक्त था जब इनके ओजस्वी भाषण से राम भक्त हजारों-हजार की संख्या में भागे चले आते थे। राम मंदिर आंदोलन के बाबरी मस्जिद-पूर्व चरण में साध्वी ऋतंभरा एक फायरब्रांड हिंदुत्व नेता थीं। वह अयोध्या राम जन्मभूमि अभियान के पहचाने जाने योग्य महिला चेहरे के रूप में थीं। उनके भाषणों के ऑडियो कैसेट खूब बिके।

निशा को कैसे मिला नया नाम और काम :

पंजाब के लुधियाना में जन्मी निशा ने केवल 16 साल की आयु में भगवा चोला ग्रहण कर लिया। हरिद्वार के गुरु परमानंज गिरी ने उन्हें साध्वी जीवन का नया नाम ऋतंभरा दिया। वर्तमान दौर में भी साध्वी ऋतंभरा की वाणी में ऐसा तेज है कि वो सुनने वालों में एक गजब की ऊर्जी भर देती हैं। अपने युवा अवस्था में जब साध्वी ऋतंभरा बोलती थी कि ऐसा प्रतीत होता था कि मानो युद्धभूमि में तलवारों की टंकार गूंज रही हो। कोई डर नहीं, कोई संशय नहीं। इसलिए दिल की बात बेझिझक जुबां पर आ जाती थी। 1980 के दशक में विहिप ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण को लेकर आंदोलन चलाया तो इससे देश भर के साधु संतों का जुड़ाव होने लगा। साध्वी ऋतंभरा देखते ही देखते राम मंदिर आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बन गई। इससे पहले वो आरएसएस की महिला संगठन राष्ट्रीय सेविका समिति से जुड़ी थीं। 1990 में जब अयोध्या आंदोलन ने जोर पकड़ा तो साध्वी घर-घर जाने लगी। 6 दिसंबर, 1992 को जब बाबरी विध्वंस हुआ तो वो अयोध्या में ही थी।

दिग्विजय सरकार ने भेजा जेल :

बाबरी विध्वंस के तीन साल ही हुए थे जब मध्य प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने साध्वी ऋतंभरा को गिरफ्तार करवा दिया था। दिग्विज सिंह की सरकार ने इंदौर की ईसाई मिशनरियों के हिंदुओं के धर्म परिवर्तन के खिलाफ जनसभा करने आई साध्वी ऋतंभरा को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। बाद में हाई कोर्ट से 11 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें रिहा किया गया।

गली-गली गूंजता था ऋतंभरा का भाषण :

राम मंदिर आंदोलन के दौरान साध्वी ऋतंभरा के भाषणों ने अलग माहौल बनाया। दोनों नेताओं के भाषण के ऑडियो कैसेट उस वक्त बनाए जाते थे। हिंदू वर्ग के बीच इन कैसेटों को बांटा जाता था। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ता गुपचुप तरीके से इन कैसेटों को लोगों को पहुंचाते थे। उनके भाषण का ऐसा प्रभाव था, जिसने हिंदुओं को राम के प्रति आकर्षित किया। लोगों में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक अलग भावना पैदा हुई। आज वो अयोध्या पहुंची तो उनकी आंखों में संकल्प से सिद्धि की खुशी साफ नजर आई(साभार प्रभासाक्षी)।

 

बेटी को किया गया प्रताड़ित, पाक से मिली धमकियां, जिस जज ने खुलवाया राम जन्मभूमि का ताला जानें उनकी अनसुनी कहानी

 

अयोध्या, गर्भगृह का ताला किसने खुलवाया था ये ऐसा सवाल है जिसके जवाब में बहुत लोग कहेंगे कि जज साहब ने खुलवाया था या प्रशासन ने खुलवाया था। लेकिन अगर आपको कहूं कि ताला एक बंदर ने खुलवाया था तो आप हंस पड़ेंगे। फैजाबाद जिला जज रहे कृष्णमोहन पांडेय ने विवादित ताला खोलने का फैसला दिया था। जब वो फैसला लिख रहे थे तो उनके सामने एक बंदर बैठा था। उसकी भी बड़ी दिलचस्प कहानी है। जिसका जिक्र आगे करेंगे। पहले आपको बताते हैं कि 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद के जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा की इजाजत दे दी। इस घटना के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ना बंद कर दिया। इस घटना के बाद नाराज मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया। फैजाबाद के जिला न्यायाधीश के फैसले के चालीस मिनट के भीतर राज्य सरकार उसे लागू करा देती है। यानी शाम 4.40 पर अदालत का फैसला आया और 5.20 पर विवादित इमारत का ताला खुला।

 

काशी हिंदू विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक :

1932 को जन्मे कृष्ण मोहन पांडेय ने मार्च 1960 में एडीशनल मुंसिफ के तौर पर नौकरी शुरू की थी। वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक थे। पीसी (न्यूडिशियल) परीक्षा 1959 के टॉपर थे। विभिन्न जिला अदालतों में अलग-अलग पदों पर रहते हुए 17 अगस्त 1985 को फैजाबाद के डिस्ट्रिक्ट जज बने। इस फैसले के बाद उन्हें कम महत्व के स्टेट ट्रांसपोर्ट अपील प्राधिकरण का चेयरमैन बना दिया गया था। केएम पांडेय के जब हाई कोर्ट में जज बनाने की बात चली तो वीपी सिंह की सरकार ने पेंच फंसा दिया। इनकी फाइल में प्रतिकूल टिप्पणी कर दी गई। मुलायम सिंह यादव ने भी उनके जज बनने का विरोध किया। इसके बाद चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार में कानून मंत्री सुब्रहम्णयम स्वामी बने। चंद्रशेखर सरकार ने केएम पांडेय के हाई कोर्ट जज बनने की फाइल फिर से खोली।

सुब्रहमण्यम स्वामी के अनुसार वीपी सिंह और उनके ताकतवर अधिकारी भूरेलाल केएम पांडेय को हाईकोर्ट का जज बनाने के खिलाफ थे। वहीं उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी अपने मुस्लिम जनाधार को देखते हुए पांडेय को जज नहीं बनने देना चाहते थे। केएम पांडेय की फाइल में राज्य सरकार ने लिख दिया था कि इन्होंने 1986 में बाबरी मस्जिद का ताला खुलवाने का विवादित फैसला दिया था। इसलिए इन्हें हाई कोर्ट का जज नहीं बनाया जाए। मुलायम सिंह यादव ने अपने नोट में लिखा था कि पांडेय जी सुलझे हुए ईमानदार तथा कर्मठ जज हैं। फिर भी 1986 में राम जन्मभूमि का ताला खुलवाने का आदेश देकर इन्होंने सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा की थी। इसलिए मैं उनके नाम की सिफारिश नहीं करता।

बेटी को भी किया प्रताड़ित :

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कृष्ण मोहन पांडेय के फैसला सुनाने के बाद उनती बेटी को भी प्रताड़ित किया गया। वो उस समय केजीएमसी मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। जब क्लास में सबको पता चला कि ताला खोलकर पूजा पाठ करने की अनुमति देने का फैसला उनके पिता का है तो उन्हें एक वर्ग द्वारा बहुत परेशान किया गया। हालत ऐसी कर दी गई कि उन्हें कई पेपर छोड़ने की स्थिति बन गई। आदेश के बाद जज कृष्ण मोहन पांडे के लखनऊ स्थित आवास पर धमकी भरे दर्जनों पत्र आए थे। उन्हें पाकिस्तान तक से धमकी मिलने लगी थी। इस धमकी में कई मुस्लिम देशों का नाम भी सामने आया था।

सुब्रमण्यम स्वामी ने लड़ी लड़ाई :

चंद्रशेखर सरकार में कानून मंत्री रहे सुब्रहमण्यम स्वामी ने इस बारे में कहा था कि मुलायम सिंह के दो-तीन काम मेरे मंत्रालय में फंसे थे, जिन्हें वे केंद्र सरकार से कराना चाहते थे। स्वामी की सक्रियता को देख मुलायम सिंह को लगने लगा कि स्वामी हर हालत में केएम पांडेय को हाई कोर्ट का जज बनवाकर ही रहेंगे। आखिरकार 24 जनवरी 1991 को केएम पांडये को इलाहाबाद हाई कोर्ट का जज बनाया गया। लेकिन एक महीने के भीतर यानी 22 फरवरी 1991 को उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कर दिया गया। हाई कोर्ट से ही 28 मार्च 1994 को न्यायमूर्ति केएम पांडेय रिटायर हुए।

बंदर ने खुलवाया ताला

जज कृष्णमोहन पांडेय ने 1991 में छपी अपनी आत्मकथा में लिखा है कि जिस रोज मैं ताला खोलने का आदेश लिख रहा था तो मेरी अदालत की छत पर एक काला बंदर पूरे दिन फ्लैग पोस्ट को पकड़कर बैठा रहा। वे लोग जो फैसला सुनने के लिए अदालत आए थे, उस बंदर को फल और मूंगफली देते रहे। पर बंदर ने कुछ नहीं खाया। मेरे आदेश सुनाने के बाद ही वह वहां से गया। फैसले के बाद जब डी.एम. और एस.एस.पी. मुझे मेरे घर पहुंचाने गए, तो मैंने उस बंदर को अपने घर के बरामदे में बैठा पाया। मैंने उसे प्रणाम किया। वह कोई दैवीय ताकत थी(साभार प्रभासाक्षी)।