Friday, June 20, 2025
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मंडी परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र आनंद के लेटर बम नेे किया बड़ा खुलासा

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), मंडी समिति देहरादून के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने प्रेस क्लब में शनिवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए 26 फरवरी 2024 को देहरादून में हुए विधानसभा सत्र जो कि गैरसैंण में प्रस्तावित था को गैरसेंण में न कराए जाने के पक्ष में लिखित पत्र को सार्वजनिक करते हुए 24 विधायकों के नामों का खुलासा किया।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान रविंद्र आनंद ने बताया कि उनके द्वारा 26 फरवरी 2024 को विधानसभा देहरादून के बाहर किए गए प्रदर्शन के उपरांत उन्होंने गैरसैंण में सत्र न कराए जाने वाले विधायकों एवं माननीय के नाम के खुलासे के लिए विधानसभा कार्यालय में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी परंतु प्रथम आरटीआई में जानकारी न देते हुए तथ्यों को छुपाने का प्रयास किया गया। तदुपरांत उन्होंने अपील की एवं मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय में आरटीआई लगाकर के उक्त नाम को सार्वजनिक किए जाने को लेकर एक पत्र प्रेषित किया, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय सचिवालय द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई जिसमें केवल 24 विधायकों के नाम का ही खुलासा किया गया।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता के पैसे से बने गैरसैंण विधानसभा भवन में जो विधायक, मंत्री सत्र नहीं कराना चाहते वे उत्तराखंड की जनता के हितैषी नहीं हो सकते, वे उत्तराखंड की जनता के विरोधी है।
उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड का निर्माण हुआ था तो सभी जानते थे कि यह पहाड़ी क्षेत्र है और पहाड़ के विकास के लिए ही पृथक राज्य की मांग उठी एवं आंदोलन के बाद राज्य बना परंतु विधायकों ने पहाड़ से पलायन कर देहरादून में अपने आवास निवास बना लिए एवं अपने बच्चों का लालन-पालन एवं ब्याह शादी आदि भी यही करने तक सीमित रह गए।
पत्रकारों से रूबरू होते हुये आनंद ने कहा जो मंत्री, विधायक पहाड़ों में बर्फ और ठंड का हवाला देते हुए वहां पर जाने से डर रहे हैं अपने आप को पहाड़ी कहलवाने के लायक नहीं है उनको स्वयं को पहाड़ी नहीं कहना चाहिए क्योंकि असली पहाड़ी वह होता है जो पहाड़ में पैदा हुआ हो जिसे ठंड बर्फ आदि की आदत हो जो इससे डर कर मैदानी क्षेत्र में ना जाकर बस जाए।
उन्होंने कहा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले मंत्री ,विधायक वही है जिन्होंने पलायन रोकने की बात कही जो स्वयं खुद पहाड़ नहीं चढ़ना चाहते वो पहाड़ों से पलायन रोकने की बात कैसे कर सकते हैं इन लोगों को पहाड़ विरोधी ना कहा जाए तो क्या कहा जाए यह लोग कभी भी पहाड़ के हितैषी नहीं हो सकते पलायन रोकने और पहाड़ का विकास करने जैसी बातें इन लोगों के मुंह से खोखली लगती है।
उन्होंने कहा कि वह पहाड़ की पीड़ा को भली बाती समझते हैं एवं जल जंगल जमीन की लड़ाई सदैव लड़ते रहेंगे चाहे इसके लिए उन्हें किसी के भी विरुद्ध क्यों न जाना पड़े उन्होंने कहा कि यदि इसके लिए उन्हें उग्र आंदोलन भी करने पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे ।

प्रेस वार्ता के दौरान वी के कपूर, जी एल सदाना, मुक्तेश हांडा, अंकुर वर्मा, नवीन सिंह चौहान आदि मौजूद रहे ।

मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से खेल के क्षेत्र में देश व प्रदेश का नाम रोशन करने का किया आह्वान

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‘सीएम ने सब जूनियर बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप में किया प्रतिभाग’

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउंड के बहुउद्देशीय हॉल में रोल बाल फेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित 16वीं सब जूनियर (अंडर-14) बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करते हुये खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन किया l इस मौक़े पर उन्होंने उत्तराखंड़ तथा हिमाचल के बीच आयोजित मैच का आनंद लिया l मुख्यमंत्री ने इससे पहले सभी खिलाड़ियों का परिचय लिया तथा खेल के क्षेत्र में देश व प्रदेश का नाम रोशन करने का आह्वान किया, इसी दौरान अपर पुलिस महानिर्देशक अमित सिन्हा विशेष प्रमुख सचिव एवं युवा कल्याण स्पोर्ट्स भी मौजद रहे। इस प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री के सुपुत्र प्रभाकर सिंह धामी ने भी उत्तराखंड़ की टीम से प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड़ की गर्ल्स रोल बॉल टीम ने पिछले वर्ष की फाइनलिस्ट टीम को हराकर क्वॉटर फाइनल में प्रवेश किया। उत्तराखंड टीम की कप्तान कीर्ति बंगवाल ने अपनी टीम से सर्वाधिक गोल करके अन्य खिलाडी अंजनी पंवार, मेदांशी पुरोहित, रिद्धिमा खंडूरी , निशिता भाटिया , अंकिता दास , आरिका नेगी, अनन्य मेहरोत्रा, अनन्या कौशल, अश्मिता मुल्लिक, पूर्वा धीमान व टीम की गोल कीपर इशिका भट्ट ने अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया, इसके साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ , कर्नाटका, असम, हरियाणा, केरला, तमिल नाडु की टीमों ने भी अपनी जगह क्वॉटर फाइनल में बनाई। वही बालक वर्ग में राजस्थान, ओडिसा, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, महाराष्ट्र व केरला की टीमों ने क्वॉटर फाइनल में अपनी जगह बनायी। चैंपियनशिप का समापन समारोह रविवार २८ अप्रैल को होगा।

उल्लेखनीय है कि 25 से 28 अप्रैल,2024 तक आयोजित राष्ट्रीय स्तर की इस सब जूनियर (अंडर-14) बॉयज एंड गर्ल्स नेशनल रोल बाल चैंपियनशिप में देशभर की 28 टीमें भाग ले रही हैं l
इस अवसर पर उत्तराखंड़ रोल बाल गेम के फाऊंडर राजू दभड़े, चैंपियनशिप डायरेक्टर मधु शर्मा, रोल बाल फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट तपन आचार्य, उत्तराखंड़ रोल बाल एसोसिएशन के फाउंडर पंकज भारद्वाज, सचिव चित्रांजलि नेगी, अमित भाटिया, आशीष नेगी, शिवम् भारद्वाज, वशिष्ठ कुमार, सूरज शंकर धीमान, सतीश कुमार ,डॉ. वरुण प्रताप सिंह, रीना धीमान, अभिमन्यु नेगी, प्रियांक शर्मा, प्रमोद कुमार, आर्यन सहित बड़ी संख्या में खेल प्रेमी मौजूद रहे l

 

राजकीय महाविद्यालय नैनबाग में वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ समापन

 

‘100 मीटर दौड़ के बालक वर्ग में कौस्तुब पंवार और बालिका वर्ग में सुहानी चौहान रहे प्रथम’

टिहरी (शिवांश कुंवर), राजकीय महाविद्यालय नैनबाग टिहरी गढ़वाल में दो दिवसीय वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न हो गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ एवं प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय नैनबाग ने संयुक्त रूप से छात्र- छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया तथा छात्र-छात्राओं को अपने जीवन में आगे बढ़ने व सफलता प्राप्त करने हेतु शिक्षा के साथ-साथ खेल- कूद गतिविधियों को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाकर सर्वांगीण विकास करने हेतु प्रेरित किया।
प्रथम दिवस की प्रतियोगिताएं सरदार सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज नैनबाग टिहरी गढ़वाल के क्रीड़ा मैदान में आयोजित की गईं। खेलों का उद्घाटन मुख्य अतिथि अतुल कुमार , कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग नैनबाग , विशिष्ट अतिथि सरदार सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज नैनबाग के प्रभारी प्रधानाचार्य मनोज सिंह नेगी, विशिष्ट अतिथि शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष अर्जुन सिंह कुंवर एवं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
क्रीड़ा प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि दो दिवसीय इस आयोजन में बालक और बालिका वर्ग में 100 मीटर दौड़, 400 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद, ऊंची कूद, भाला फेंक, चक्का फेंक, गोला फेंक प्रतियोगिता के साथ ही वॉलीबॉल, कबड्डी , बैडमिंटन, खो- खो आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यकम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में श्री अतुल कुमार जी ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि खेलों से शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास होता है, जिसमें खिलाड़ियों को अधिक से अधिक रूचि विकसित कर प्रतिभाग करना चाहिए । प्रथम दिवस में 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में बालक वर्ग में कौस्तुब पंवार ने प्रथम, कपिल ने द्वितीय और रोहन वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया एवं बालिका वर्ग में सुहानी चौहान ने प्रथम विविका ने द्वितीय और संध्या रावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, 400 मीटर दौड़ प्रतियोगिता में बालक वर्ग में नीरज चौहान ने प्रथम कौस्तुब पंवार ने द्वितीय कपिल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया एवं बालिका वर्ग में सुहानी चौहान ने प्रथम, विविका ने द्वितीय और हिना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया प्राप्त किया। भाला फेंक प्रतियोगिता बालक वर्ग में समबीर चौहान ने प्रथम, विक्रम ने द्वितीय एवं कपिल ने तृतीय स्थान हासिल किया, बालिका वर्ग में मनीषा प्रथम, सुहानी चौहान द्वितीय एवं ज्योति रावत तृतीय स्थान पर रहे। गोला फेंक प्रतियोगिता में बालक वर्ग में अजय धीमान ने प्रथम, कपिल ने द्वितीय, तनिष्क ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। चक्का फेंक प्रतियोगिता में बालक वर्ग में कपिल ने प्रथम अजय धीमान ने द्वितीय और कौस्तुब पंवार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा बालिका वर्ग में सविता ने प्रथम सुहानी चौहान ने द्वितीय और ज्योति रावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । लंबी कूद प्रतियोगिता में बालक वर्ग में नीरज चौहान ने प्रथम, तनिष्क रावत ने द्वितीय एवं समीर चौहान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा बालिका वर्ग में सुहानी चौहान ने प्रथम, सविता ने द्वितीय और संध्या रावत ने तृतीय स्थान हासिल किया।
इसके पश्चात ऊंची कूद में बालक वर्ग में तनिष्क ने प्रथम, नीरज चौहान ने द्वितीय, समबीर चौहान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया तथा बालिका वर्ग में मनीषा ने प्रथम, सुहानी चौहान ने द्वितीय और संध्या रावत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
द्वितीय दिवस 26 अप्रैल 2024 में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में रस्सी कूद, कैरम, शतरंज, योगाभ्यास , टेबल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें अत्यधिक संख्या में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इन प्रतियोगिताओं को संपन्न करवाने में सरदार सिंह रावत राजकीय इंटर कालेज नैनबाग के सेवानिवृत्त पीटीआई महिपाल सिंह एवं कबड्डी ट्रेनर प्रवीण रावत जी का विशेष सहयोग रहा। साथ ही महाविद्यालय के प्राध्यापकगणों में डॉ. ब्रीश कुमार, परमानंद चौहान, डा. दिनेश चंद्र , डा. मधु बाला जुवांठा , चतर सिंह और और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों मेंto रेशमा बिष्ट , विनोद कुमार, सुशील चंद्र , भुवन चंद्र, दिनेश सिंह पंवार, अनिल सिंह, रोशन रावत , रीना, मोहन लाल ने प्रतियोगिताएं संपादित कराने में अमूल्य सहयोग प्रदान किया, कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी संदीप कुमार ने महाविद्यालय की प्राचार्या, मुख्य अतिथि, प्राध्यापकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों एवं छात्र- छात्राओं का हार्दिक आभार एवं धन्यवाद दिया, मंच का संचालन डॉ. दिनेश चंद्र ने किया।

पहाड़ी जिलों में वनाग्नि के कारण गहराया संकट, राज्य सरकार ने मदद के लिए बुलाई सेना

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‘नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिये की जा रही सेना के हेलीकॉप्टर की मदद’

देहरादून, प्रदेश में जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है वैसे वैसे वन विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही है, राज्य के जितने पहाड़ी जिले हैं उनमें वनाग्नि के कारण गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, हालत गंभीर हैं और राज्य सरकार ने मदद के लिए सेना बुला ली है। सेना ने मोर्चा संभाल लिया है और बिगड़े हालात पर काबू पाने के लिए जुट गई है। लेकिन प्रदेश में शनिवार सुबह से कई जिलों में रुक-रुक कर बारिश और ओलावृष्टि हुई। लेकिन इससे भी कोई खास राहत नहीं मिली | राज्य के पहाड़ी जनपदों में टिहरी, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल समेत तमाम जिलों में जंगल में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ जिलों में तो हालत काबू से बाहर हैं। रूद्रप्रयाग और नैनीताल जिले में दावानल के आबादी वाले इलाकों में पहुंचने का खतरा बना है। अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो चुके हैं। बड़ी संख्या में वन्यजीव और पशु-पक्षियों के भी जलकर मरने की आशंका है। वन विभाग जंगलों की आग को बुझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन स्थिति उसके नियंत्रण से बाहर है। कई जगह फायर सर्विस और एसडीआरएफ की भी मदद ली गई है।

नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिये ली जा रही हेलीकॉप्टर की मदद :

वहीं नैनीताल जिले के जंगलों में लगी आग बुझाने के लिए आज से सेना के एमआई —17 हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने आज से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है, पहले यह हेलीकाप्टर उन जंगलों में पानी छिड़क रहे हैं जहां आग ज्यादा भयंकर रूप ले चुकी है।वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने शनिवार से भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया। शनिवार की सुबह वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर नैनीताल के जंगलों में लगी आग पर डाला।

वन क्षेत्राधिकारी विजय मेलकानी ने बताया कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है। मेलकानी के अनुसार हेलीकॉप्टर ने अभी तक पांच बार झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर डालना शुरू कर दिया है।

हेलीकाप्टर के साथ वन विभाग के कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हुए हैं। आग से भीमताल, पाइंस, रानीबाग, सातताल, बेतालघाट और रामगढ़ के जंगलों की वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

सीएम ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक :

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को लेकर अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ली, उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेना से भी इस संबंध में सहायता ली जा रही है और हेलीकॉप्टर के माध्यम से आग बुझाने का कार्य किया जा रहा है। शुक्रवार को इस संबंध में देहरादून में उच्चस्तरीय बैठक की गई और हल्द्वानी में भी इस संबंध में बैठक की जायेगी, ताकि जल्द से जल्द इस भयावह होती समस्या से ।

ऊर्जा प्रदेश में जनता को फिक्स्ड चार्जेस, यूनिटों पर बनाए गए स्लैब व अन्य टैक्सों के जरिये लूटने का काम कर रही सरकार : रघुनाथ सिंह नेगी

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“सस्ते दामों में बिजली मुहैया कराने को जन संघर्ष मोर्चा करेगा आंदोलन”

देहरादून (विकासनगर‌), जन संघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं की बैठक में जनमानस से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा करते हुए मोर्चा द्वारा तय किया गया कि सबसे पहले बिजली के दामों में हो रही बेहताशा वृद्धि को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा।
बैठक में जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ऊर्जा प्रदेश में सरकार द्वारा प्रदेश की जनता को फिक्स्ड चार्जेस, यूनिटों पर बनाए गए स्लैब व अन्य टैक्सों के के चलते लूटने का काम किया जा रहा है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि अधिकांश क्षेत्रों में 25 फ़ीसदी से लेकर 40 फ़ीसदी तक लाइन लॉस यानी बिजली चोरी व अन्य खामियों के चलते लॉस हो रहा है, जिसका दंश प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उक्त लाइन लॉस के चलते सरकार को प्रतिवर्ष लगभग 800-1000 करोड रुपए की बिजली महंगी दम पर बाहर से खरीदनी पड़ रही है, लेकिन सरकार लाइन लॉस कम करने में नाकाम साबित हो रही है।
नेगी ने कहा कि सरकार की लापरवाही की वजह से एक मध्यम वर्गीय परिवार को लगभग ₹5 प्रति मिनट की दर से भुगतान करना पड़ रहा है।
नेगी ने कहा कि मोर्चा अनवरत विद्युत खामियों एवं दामों में कटौती को लेकर आंदोलित है, लेकिन सरकार के कानों में जनता की आवाज नहीं सुनाई दे रही। मोर्चा आचार संहिता खत्म होते ही उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में बिजली मुहैया कराने को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएगा।
बैठक में आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, विजयराम शर्मा, विनयकांत नौटियाल, मोहम्मद असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी, मालती देवी, विक्रम सिंह पाल, इदरीश, अमित, वीरेंद्र सिंह, जयकृत नेगी, नरेंद्र तोमर, गोविंद सिंह नेगी, दिनेश राणा आदि मौजूद थे।

“व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स” पुस्तक का हुआ विमोचन

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“पुस्तक में मिलेट्स-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला का समावेश है : प्रो. दुर्गेश पंत”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), देहरादून की नूट्रिशनिस्ट और फिटनेस उत्साही रूपा सोनी ने आज राजपुर रोड स्तिथ होटल मार्बेला में ‘व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स’ नामक अपनी पहली पुस्तक का विमोचन किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की प्रतिष्ठित हस्तियों और अतिथियों ने भाग लिया।

पुस्तक का विमोचन उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, जनसंपर्क प्रबंधक एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) के प्रशासन प्रभारी अमित पोखरियाल, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट डीआरडीओ में वैज्ञानिक और संयुक्त निदेशक अनीता पुरी मोहिंदरा, दिल्ली फ़ूड वॉक्स के संस्थापक अनुभव सपरा और रेडियो जॉकी काव्य सहित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। इसके बाद उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए, अनीता पुरी मोहिंदरा ने मिलेट्स के अद्वितीय स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला, और इंसान की अच्छी सेहत को बढ़ावा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
दुर्गेश पंत ने रोजमर्रा की जिंदगी में मिलेट्स के एकीकरण के बारे में अपनी किताब में बखूबी बताने के लिए रूपा सोनी के सूक्ष्म प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “पुस्तक में एक व्यापक दृष्टिकोण, विशेष रूप से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और मिलेट्स-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला का समावेश है।”May be an image of 4 people, people smiling and text that says 'Pamplona E WHY IS THE WORLD GOING CRAZY UT MII ?' S?' BYRO BY ROU ENTRASE ふ /'

रूपा की पहली किताब की सराहना करते हुए, अमित पोखरियाल ने भारतीय आहार में मिलेट्स को फिर से शामिल करने की अनिवार्य आवश्यकता के बारे में बात करी। उन्होंने कहा, “मिलेट्स का गहरा ऐतिहासिक महत्व और पोषण मूल्य है। रूपा की किताब निश्चित रूप से पाठकों को मिलेट्स के असंख्य लाभों के बारे में बताएगी।”

इस अवसर पर बोलते हुए, अनुभव सपरा ने पुस्तक की पहुंच और उपयोगिता की प्रशंसा की, और पूरे भारत में मिलेट्स की खपत को पुनर्जीवित करने की इसकी क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया।May be an image of 6 people and text

आरजे काव्या ने कहा, “यह किताब रूपा द्वारा लोगों को उनकी आहार संबंधी जड़ों से फिर से जोड़ने का एक प्रशंसनीय प्रयास है। मिलेट्स एक भूला हुआ अनाज है जिसके बारे में लोगों को याद दिलाने की ज़रूरत है।”

कार्यक्रम के समापन के दौरान, रूपा सोनी ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा, “मैं यहां उपस्थित सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती हूं। मैं इस किताब पर एक साल से अधिक समय से काम कर रही हूं और यहां कई लोग मौजूद हैं जिन्हें मैं इस किताब के पीछे अपनी प्रेरणा का श्रेय देना चाहूंगी। एक पोषण विशेषज्ञ और फिटनेस उत्साही के रूप में, मिलेट्स से मिलने वाले असंख्य लाभों को साझा करना हमेशा से मेरा उद्देश्य रहा है। मुझे उम्मीद है कि मेरी यह पहली किताब लोगों को उनके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प चुनने में काफी मदद करेगी।” कार्यक्रम का समापन रूपा सोनी द्वारा अतिथि वक्ताओं के सम्मान के साथ हुआ।

“व्हाई इज़ द वर्ल्ड गोइंग क्रेज़ी अबाउट मिलेट्स” पुस्तक मिलेट्स के प्रति एक व्यापक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी, जिसमें पोषण संबंधी अंतर्दृष्टि, वास्तविक जीवन के उपाख्यान और बाजरा-आधारित व्यंजनों की एक विविध श्रृंखला शामिल है। यह किताब आहार विकल्पों के प्रति एक स्वस्थ दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।May be an image of 14 people and wedding

आरबीआई ने देश के तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सहायक छह कारकों को किया रेखांकित

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मुंबई , । भारत के हालिया विकास प्रदर्शन ने कई पंडितों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जिससे आईएमएफ तथा दूसरे वित्तीय संस्थानों में पूर्वानुमान बढ़ाने की होड़ लग गई है। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने  प्रकाशित अपने मासिक बुलेटिन में उन छह कारकों का उल्लेख किया है जो देश के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में सर्वाधिक योगदान देंगे।
आरबीआई बुलेटिन में बताया गया है कि क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही दुनिया में तीसरे नंबर पर है। ओईसीडी के दिसंबर 2023 के अपडेट के अनुसार, भारत पीपीपी के मामले में 2045 तक अमेरिका से आगे निकल जाएगा और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
बुलेटिन के अनुसार, भारत की उड़ान को गति देने वाले समर्थक कारक इस प्रकार हैं :
* विकास की बढ़ती प्रोफ़ाइल को जनसांख्यिकी से मदद मिल रही है। वर्तमान में, देश में दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे युवा आबादी है। औसत आयु लगभग 28 वर्ष है; जो 2050 के दशक के मध्य तक बुढ़ापे की उम्र में नहीं पहुंचेगी। इस प्रकार, भारत के पास तीन दशक से अधिक समय तक जनसांख्यिकीय का लाभ रहेगा। यह व्यापक रूप से उम्र बढऩे की चुनौती का सामना कर रही दुनिया के विपरीत है।
* भारत का विकास प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से घरेलू संसाधनों पर आधारित रहा है, जिसमें विदेशी बचत एक छोटी और पूरक भूमिका निभाती है। यह चालू खाता घाटा (सीएडी) में भी परिलक्षित होता है, जो सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2.5 प्रतिशत की स्थायी सीमा के भीतर रहता है। वर्तमान में, सीएडी का औसत लगभग एक प्रतिशत है, और यह बाह्य क्षेत्र के लचीलेपन के विभिन्न संकेतकों से जुड़ा है। उदाहरण के तौर पर, बाह्य ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 20 प्रतिशत से नीचे है और शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश देनदारियां 12 प्रतिशत से नीचे हैं।
*कोविड महामारी के बाद अपनाए गए राजकोषीय समेकन के क्रमिक मार्ग ने मार्च 2024 तक सामान्य सरकारी घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 8.6 प्रतिशत और सार्वजनिक ऋण को सकल घरेलू उत्पाद के 81.6 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है। डीएसजीई मॉडल लागू करने पर यह अनुमान लगाया गया है कि उत्पादक रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों को लक्षित करके राजकोषीय खर्च की प्राथमिकता नये सिरे से तय करने, संक्रमण को अपनाने और डिजिटलीकरण में निवेश करने से 2030-31 तक सामान्य सरकारी ऋण घटकर जीडीपी के 73.4 प्रतिशत तक रह सकता है।
इसके विपरीत, आईएमएफ द्वारा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए ऋण-जीडीपी अनुपात बढक़र 2028 में 116.3 प्रतिशत और उभरते तथा मध्यम आय वाले देशों के लिए 75.4 प्रतिशत होने का अनुमान है।
* भारत का वित्तीय क्षेत्र मुख्यत: बैंक आधारित है। वित्त वर्ष 2015-2016 में, वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर परिसंपत्ति की हानि की समस्या का समाधान परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) के माध्यम से किया गया था।उसके बाद 2017-2022 के दौरान बड़े पैमाने पर पुनर्पूंजीकरण किया गया। लाभकारी प्रभाव 2018 से दिखना शुरू हुआ – मार्च 2023 तक सकल और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात घटकर क्रमश: 3.9 प्रतिशत और एक प्रतिशत हो गया, जिसमें बड़े पूंजी बफर और तरलता कवरेज अनुपात 100 प्रतिशत से ऊपर थे।
दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) ने बैंकों की बैलेंस शीट पर को दूर करने के लिए संस्थागत वातावरण तैयार किया है। व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं के लिए आधार प्रदान कर रही है।
भारत प्रौद्योगिकी के बल पर परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। जैम की त्रिमूर्ति – जन धन (बुनियादी नो-फ्रिल्स खाते); आधार (सार्वभौमिक विशिष्ट पहचान); और मोबाइल फोन कनेक्शन – औपचारिक वित्त के दायरे का विस्तार कर रहा है, तकनीकी स्टार्टअप को बढ़ावा दे रहा है, और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लक्ष्य को सक्षम कर रहा है। भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (क्कढ्ढ), एक ओपन-एंडेड सिस्टम जो किसी भी भाग लेने वाले बैंक के एकल मोबाइल एप्लिकेशन में कई बैंक खातों को सशक्त बनाता है, अंतर-बैंक, पीयर-टॉपियर और व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन को निर्बाध रूप से बढ़ावा दे रहा है।
* महामारी, मौसम से प्रेरित खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद वैश्विक कमोडिटी मूल्य दबाव के कारण कई आपूर्ति झटकों के कारण बढऩे के बाद देश में मुद्रास्फीति कम हो रही है।

अतिक्रमण पर फिर चला बुलडोजर : सरकारी जमीन पर बने 15 अवैध मकानों को किया ध्वस्त

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देहरादून, राज्य सरकार लोकसभा के निपटते ही एक्कशन मोड़ में आ गयी, हालाकि अभी लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती नहीं हुई है, लेकिन एक बार फिर अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन शुरू हो गया है। सरकारी जमीन पर बने 15 मकानों को तोड़ा गया। जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने सख्ती दिखाई है। चेताया कि भविष्य में भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
देहरादून में सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। यहां करीब चार घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सरकारी जमीन पर बन रहे पंद्रह मकान तोड़े गए। प्लॉटिंग के लिए बनाई गई बीस बाउंड्री वॉल को ध्वस्त किया गया। इस दौरान टीम को विरोध भी सहना पड़ा।
जिला प्रशासन को शिकायत मिली थी कि पूर्व में गोल्डन फॉरेस्ट और वर्तमान में राज्य सरकार के नाम दर्ज हो चुकी जमीन पर कुछ बिचौलिये सहस्रधारा रोड से लगते ग्राम चक नागल हटनाला में अवैध रूप से कॉलोनी बसा रहे हैं। मौके पर पूछताछ में अफसरों को लोगों ने बताया कि एक व्यक्ति ने उनको दो से ढाई लाख रुपये में जमीन बेची, जिसके बाद उन्होंने मकान बनाने शुरू किए। बुधवार को जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पंद्रह निर्माणाधीन मकान और बाउंड्री वॉल को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।
यह कार्यवाही दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक जारी रही। इस दौरान कुछ महिलाओं ने विरोध किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे उनकी एक न चली।
इस दौरान लोगों ने पुलिस प्रशासन से मांग की कि उनको यहां अवैध रूप से जमीन बेचने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कानूनगो संजय सैनी और कर एवं राजस्व अधीक्षक-भूमि राहुल कैंथोला ने बताया कि यहां 15 और ऐसे मकान हैं, जहां लोग रह रहे हैं, उनको मकान खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है। कई जगह एमडीडीए से ले-आउट पास करवाए बिना ही लोगों को प्लॉट काटकर बेचे जा रहे हैं, जिसका खामियाजा बाद में आम जनता को ही भुगतना पड़ रहा है।
वहीं चक नागल हटनाला में जमीन बेचने वाला घर से फरार
दून में बुधवार को अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान अफसरों ने लोगों से कहा कि जिस व्यक्ति ने जमीन बेची, उससे जाकर पूछें कि किस आधार पर उसने प्लॉटिंग की और किसने उसे जमीन बेचने का अधिकार दिया। इसके बाद लोग आरोपी के घर पहुंचे, लेकिन वह तब तक मौके से फरार हो चुका था।

डॉ. धनंजय मोहन होंगे उत्तराखंड वन विभाग के नये मुखिया

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देहरादून। उत्तराखंड में वन विभाग के मुखिया यानी हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स पद के लिए डीपीसी हो गई हैं। गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में डीपीसी कर दी गई हैं और शासन ने डॉ. धनंजय मोहन को नया HOFF बनाने को लेकर फैसला लें लिया हैं |
शासन में हॉफ पद के लिए गुरुवार को डीपीसी की तारीख तय की। जिसमें उत्तराखंड के नए हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी गई। मौजूदा वन विभाग के मुखिया अनूप मलिक के बाद सबसे सीनियर धनंजय मोहन, विजय कुमार और फिर समीर सिन्हा के नाम पर चर्चा हो रही थी। लेकिन अंत में सीनियर अधिकारी को ही मौका दिया गया।
अनूप मलिक 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। जबकि, धनंजय मोहन 1988 बैच के अधिकारी हैं। वहीं, विजय कुमार भी 1988 बैच के ही अधिकारी हैं। हालांकि, विजय कुमार इसी साल दिसंबर में सेवानिवृत हो रहे हैं। विभाग में इसके बाद 1990 बैच के अधिकारी समीर सिन्हा भी इस रेस में शामिल बताए जा रहें थे।
वन विभाग के मुखिया पद के लिए डीपीसी की बैठक में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, उत्तराखंड के मौजूदा हॉफ अनूप मलिक और कमेटी के लिए भारत सरकार की ओर से नामित हिमाचल के हॉफ मौजूद रहें।
बता दें कि उत्तराखंड में इस समय अनूप मलिक वन विभाग के मुखिया के तौर पर जिम्मेदारी देख रहे हैं। करीब 1 साल पहले ही अनूप मलिक को हॉफ बनाया गया था। उससे पहले अनूप मलिक जायका प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी देख रहे थे। अनूप मलिक की सेवानिवृत्ति इसी महीने 30 अप्रैल को है।

पुलिस की लापरवाही घटना के लिए जिम्मेदार : सूर्यकान्त धस्माना

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“महामहिम राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजधानी में दूसरी बार दुस्साहसी घटना को अंजाम दे कर अपराधियों ने कानून व्यवस्था का उड़ाया मखौल”

“पलटन बाजार की आगजनी की घटना जर्जर कानून व्यवस्था का नमूना”

देहरादून, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने आज देहरादून के पलटन बाजार आगजनी मामले में राज्य की भाजपा सरकार व राजधानी पुलिस पर जबरदस्त प्रहार किया व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्यवाही की मांग की।
उन्होंने कहा कि यह संयोग है या प्रयोग कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लगातार दूसरी बार ऐसा हुआ है कि देश की महामहिम राष्ट्रपति की राज्य की राजधानी में मौजूदगी में पहली बार रिलायंस ज्वैलरी शोरूम में दिन दहाड़े पुलिस मुख्यालय से सौ कदम की दूरी पर दुस्साहसी डकैती को अंजाम दिया गया व इस बार भी शहर के बीचों बीच देहरादून के हृदय स्थल पलटन बाजार में कोतवाली से मात्र सौ कदम की दूरी पर रात्रि एक बजे एक्टिवा स्कूटर सवार ने आराम से आ कर बोतल से ज्वलंतशील पदार्थ दुकान के शटर के नीचे से डाल कर तीन मंजिला रेडीमेड गारमेंट्स की दुकान को आग के हवाले कर दिया। यह घटना मात्र आगजनी की नहीं बल्कि एक ऐसी घटना है जो देहरादून की कानून व्यवस्था के खोखले पन और ध्वस्त पड़ी कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। श्री धस्माना ने कहा कि राजधानी देहरादून में भारतीय मिल्ट्री अकादमी, विधानसभा भवन,आईआईपी, आईआरडीई, ऑर्डनेंस फैक्ट्री व अनेक राष्ट्रीय महत्व के संस्थान हैं,मुख्यमंत्री,राज्यपाल समेत तमाम मंत्रीगण विधायक यहां रहते हैं और सबसे बड़ी बात यह कि देश की राष्ट्रपति राजधानी में दो दिवसीय प्रवास व अनेक कार्यक्रमों के लिए राजधानी में मौजूद थीं और तब किसी अपराधी ने यह घटना दुस्साहसी तरीके से अंजाम दे दी यह बहुत बड़ी सुरक्षा चूक का मामला है जिसे राज्य सरकार व मुख्यमंत्री जो प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं गंभीरता से लेना चाहिए और दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही भी करनी चाहिए। श्री धस्माना ने कहा को अगर उक्त मामले में अपराधी की शीघ्र गिरफ्तारी और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर आंदोलन करेगी।

उत्तराखंड को शक्तिशाली बनाते हुए: डाइवइन प्रो फाउंडेशन के एक्सीईआईएल द्वारा सभी महिलाओं के उद्यमिता को साकार करने का पहला कोर्स,

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तेजस्वानी ट्रस्ट के साथ मिलकर लॉन्च – एम ओ यू पर हुए हस्ताक्षर

देहरादून।  महत्वपूर्ण पल का दस्तावेज़ बन रहा है जब डाइवइन प्रो फाउंडेशन के एक्सीईआईएल, तेजस्वानी ट्रस्ट के साथ मिलकर, उत्तराखंड में पहली बार सभी महिलाओं के लिए उद्यमिता कोर्स का शुभारंभ कर रहा है। इस प्रेरणास्पद पहल का उद्देश्य महिलाओं को एक्सीईआईएल के अंतर्गत उद्यमिता, नवाचार और नेतृत्व (एक्सीईआईएल) कौशलों से संपन्न करना है, जो एक जीवंत महिला उद्यमिता समुदाय को प्रोत्साहित करेगा।
डॉ। जूही गर्ग, डाइवइन प्रो फाउंडेशन की संस्थापिका, और प्रिया गुलाटी, तेजस्वानी ट्रस्ट की संस्थापिका, के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, सहयोग और मार्गदर्शन के साथ, यह प्रयास महिलाओं को घरेलू काम से उद्यमिता उत्पन्न करने के लिए विचार करता है। यह कोर्स महिलाओं को आवश्यक व्यापारिक ज्ञान के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपना स्वायत्त पथ चार्ट करने के लिए आत्मविश्वास प्रदान करता है, छोटे स्तर के उद्योग से लेकर बड़े उद्योगों तक।
XEIL ke प्रशिक्षक अभिजीत सिंह जी के मार्गदर्शन में, लॉन्च कार्यक्रम में डेहरादून से 35 गतिशील महिला व्यापार उद्यमियों की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुकता से उपायों को स्वागत किया। चर्चाएँ नवाचारिक दृष्टिकोण से लेकर सांयुक्तिक योजनाओं तक कई बातों पर चर्चा करती थीं, जो उद्यमिता और महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है।
एक्सीईआईएल का इस नई कोर्स का उद्घाटन वेदांता आईएएस अकादमी, निम्बुवाला में, इसकी संस्थापिका अर्चना जी के मार्गदर्शन में, एक समर्पितता को दर्शाता है कि महिलाओं को उत्तराखंड के न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर उद्यमिता का परिचय दें। सहयोग और समर्पण के माध्यम से, यह पहल उत्तराखंड के विकास में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।