Tuesday, June 10, 2025
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दून विश्वविद्यालय के 241 मेधावी छात्रों को मिली 42 लाख की मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति

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मेधावी छात्रों को मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति से संस्थानों में उत्कृष्ट शिक्षण वातावरण बनेगा : प्रो. सुरेखा डंगवाल

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना मेधावी विद्यार्थी अध्ययन के लिए होंगे प्रेरित : प्रो. सुरेखा डंगवाल

 

देहरादून, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना को धरातल पर उतरते हुए उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के द्वारा दून विश्वविद्यालय के 241 मेधावी छात्रों को उच्च अध्ययन के दौरान 42 लाख की छात्रवृत्ति प्रदान करना प्रारंभ कर दिया गया है, उच्चतर माध्यमिक/कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजों के आधार पर दी जाती है।
यह राशि राज्य के विश्वविद्यालय परिसरों और सरकारी कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाले छात्रों को प्रदान की गई थी।
दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने हर्ष के साथ बताया यह स्कॉलरशिप उन मेधावी विद्यार्थियों को को दी जा रही है जो स्नातक और परास्नातक में अध्ययन कर रहे हैं इसके लिए स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की संकायवार मेरिट सूची बनाई गई है जिसमें 12वीं कक्षा में न्यूनतम 80% अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर 3000, 2000 और 1500 रुपए की मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
प्रोफेसर डंगवाल ने बताया कि इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य सामान्य परिवारों के छात्रों की प्रतिभा को आगे लाना है। उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उच्च शिक्षा में इतने बड़े स्तर पर छात्रवृत्ति शुरू करना उत्तराखंड सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है जो मेधावी छात्रों को शिक्षा और शोध के क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना की घोषणा 31 मई 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी।
यह छात्रवृत्ति के लिए केवल स्नातक और स्नातकोत्तर छात्र ही छात्रवृत्ति के लिये पात्र हैं। यह योजना उत्तराखंड के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है ताकि वे अपनी पढ़ाई को बिना किसी बाधा के जारी रख सकें। यह योजना उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अल्प आय वर्ग से हैं और उच्च शिक्षा की ओर बढ़ना चाहते हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान दोनों विश्वविद्यालय के रजिस्टर डॉ एस मंद्रवाल, वित्त नियंत्रक सुनील कुमार रतूड़ी, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर एच सी पुरोहित, डॉ महीप सिंह, डॉ राजेश भट्ट, नरेंद्र लाल, दिवेंदु रावत, रोहित जोशी, संदीप रावत और प्रमोद तिवारी आदि उपस्थित रहे।

चारधाम में 200 मीटर के दायरे में मोबाइल प्रतिबंध, रील बनाने वालों पर होगी सख्ती

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देहरादून, चारधाम में 200 मीटर के दायरे में मोबाइल प्रतिबंध, रील बनाने वालों पर सख्ती के
नियमों के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज की जाएगी, यात्रा शुरू होने के बाद केदारनाथ में सामने आया था एक प्रपोज वीडियो, जिसकी जमकर आलोचना हुई थी। इस तरह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए अब उत्तराखंड सरकार एफआईआर दर्ज कराएगी।
चारधाम यात्रा आस्था और विश्वास का प्रतीक है। तभी तो इसे सामान्य पर्यटन की जगह तीर्थाटन का नाम दिया गया है। यहां आने वाले लोग भी पर्यटक नहीं, बल्कि श्रद्धालु कहलाते हैं। बावजूद इसके चारधाम यात्रा पर आने वाले तमाम लोग बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को पिकनिक की भांति समझ रहे हैं। इन पवित्र धामों में आकर फूहड़ नृत्य कर रहे हैं, रील बनाई जा रही है और आस्था को मनोरंजन का जरिया बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे लाखों-करोड़ों लोगों की भावना भी आहत हो रही है। लिहाजा, सरकार ने इस प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। भलाई इसी में है कि आप आस्था भाव के साथ यात्रा करें। नहीं तो कहीं रील बनाने के फेर में पुलिस आपकी ‘रेल’ न बना दे।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी गुरुवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दी। राज्य सरकार के सूचना एवं लोक संपर्क विभाग (डीआईपीआर ) ने एक्स के माध्यम से मुख्य सचिव के इन निर्देशों को साझा किया। बीते दिनों केदारनाथ धाम में कुछ युवकों के रील बनाने का मामला सामने आया था। जिस पर केदारसभा के सदस्यों के कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। पूर्व में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। लिहाजा, मुख्य सचिव ने चारों धाम के 200 मीटर के दायरे में मोबाइल के प्रयोग पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश स्थानीय पुलिस और प्रशासन को जारी किए हैं। जो भी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, उन पर एफआईआर दर्ज की जाए।

वहीं मुख्य सचिव ने सभी तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वह पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराए बिना चारधाम यात्रा पर न निकलें। क्योंकि, इससे भीड़ अधिक होने पर व्यवस्था बिगड़ रही है। उन्होंने सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि चेकपोस्टों पर सघनता के साथ तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण की स्थिति देखी जाए। बिना पंजीकरण किसी भी यात्री को आगे न बढ़ने दिया जाए। मुख्य सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपील की है कि वह व्यवस्था बनाने में प्रदेश सरकार का सहयोग करें।

 

विधायक विधायक निधि से रखे गेस्ट टीचर, विधानसभा अध्यक्ष को भेजा प्रस्ताव

“शिक्षकों के नहीं होने से खस्ताहाल हुए सरकारी विद्यालय”

पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों के चलते शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है।
चीन सीमा से लगे जनप्रतिनिधियों ने सरकार तथा विधायकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जनप्रतिनिधियों ने उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी को पत्र भेजकर विधायक निधि से सरकारी विद्यालयों में गेस्ट टीचर रखे जाने पर खर्च करने के लिए पहल करने की मांग की।
उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ो पद रिक्त है। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इस राज्य की जनता को आशा थी कि यहां की स्थानीय सरकार और जनप्रतिनिधि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन लाने का कार्य करेंगे, लेकिन जनता को आज तक निराशा ही हाथ लगी है।
चीन सीमा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य तथा उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूरी को आज ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजकर एक नई मांग उठा दी है।
उन्होंने कहा कि चॉकलेट मीटिंग, सामुदायिक पुस्तकालय तथा क्षेत्रीय महापुरुषों की जयंती के अवसर पर उन्हें विद्यालयों में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ है कि सरकारी विद्यालयों में 70 से 80 प्रतिशत पद रिक्त चल रहे है।
उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद किसी भी सरकार ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए कोई प्लानिंग नहीं बनाई।
उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थियों का को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते श्रीमती रितु खंडूरी जी को यह प्रस्ताव भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष से यह अनुरोध किया गया है कि वह स्वयं विधानसभा के आगामी सत्र में य प्रस्ताव लाकर उत्तराखंड की जनता को एक उपहार दे, कि विधायक निधि की समस्त धनराशि से उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में रिक्त पदों के सापेक्ष गैस फैकल्टी को रखा जाएगा।

 

विधायक निधि बनी कार्यकर्ता निधि

पिथौरागढ़, जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने उत्तराखंड के 70 विधायकों से सवाल किया कि अगर 24 वर्षों में विधायक निधि से किसी भी विधायक ने कोई नवाचार किया है, तो वह अपनी सक्सेस स्टोरी को सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि विधायक निधि का प्रयोग केवल कार्यकर्ताओं की सेवा के लिए हो रहा है। इसलिए यह विधायक निधि कम कार्यकर्ता निधि ज्यादा हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के विधायकों को स्वयं आगे आकर इस विधायक निधि से सरकारी विद्यालयों में गेस्ट टीचर रखने की पहल करने के लिए आगे आना चाहिए।

 

 

टीनेजर्स ने ब्यूटीफुल स्माइल से जीता सबका दिल

देहरादून, इम्बेलिश टैलेंट मैनेजमेंट की ओर से मिस टीन उत्तराखंड का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें गुरुवार को मिस ब्यूटीफुल स्माइल प्रतियोगिता कराई गई। इस दौरान टीनेजर्स ने अपनी स्माइल का जादू बिखेरा।
इम्बेलिश टैलेंट मैनेजमेंट की ओर से मिस टीन उत्तराखंड के चौथे सीजन का आयोजन किया रहा है। जिसमें देहरादून सहित टिहरी, पौड़ी, चमोली, नैनीताल की टीनएजर्स लड़कियां प्रतिभाग कर रही हैं। इस दौरान गुरुवार को रेसकोर्स में एंबेलिश टैलेंट मैनेजमेंट ने डा. ए अग्रवाल्स के साथ मिलकर मिस ब्यूटीफुल स्माइल का आयोजन किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने कैटवॉक कर जजेस के सवालों के जवाब दिए और अपनी ब्यूटीफुल स्माइल से सबका दिल जीता।आयोजक ख्याति शर्मा ने बताया कि 13 से 19 साल की लड़कियां इसमें हिस्सा ले रही हैं। अलग-अलग सब टाइटल के बाद 19 मई को इसका ग्रैंड फिनाले होगा। यहां से विनर मॉडल को नेशनल इम्बेलिश मिस इंडिया टीन एशिया पैसिफिक के लिए जयपुर भेजा जाएगा। जहां देश भर की मॉडल्स पहुंचेंगी। वहां से चयन होने के बाद विनर को इंटरनेशनल के लिए भी भेजा जाएगा। ख्याति ने बताया ये कांटेस्ट उन टीनेजर्स लड़कियों के लिए है जो बचपन से ही अपनी आंखों में कुछ अलग करने का सपना तो रखती हैं लेकिन उनको सही प्लेटफार्म नहीं मिल पाता है। एक महिला और मॉडल होने के नाते लड़कियों के सपनों को पूरा करने का भरसक प्रयास हमारी ओर से किया जा रहा है इस मौके पर जजिस की भूमिका में डेंटिस्ट अंजुम अग्रवाल, युगांशी नेगी उपस्थित थे, साथ ही कोरियोग्राफर निहारिका सिंह और फोटोग्राफर कुमार पीयूष ने विशेष सहयोग किया।

 

बीस से अधिक कलाकारों ने किया प्रदर्शनकारी कला का अभिनव प्रदर्शन

“इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) के समूह कलाकारों ने किया प्रदर्शन”

देहरादून, इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) के समूह कलाकारों द्वारा दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के सभागार में दोपहर से लेकर सायं तक अपनी प्रदर्शन कला का प्रस्तुतिकरण किया। इसमें बीस से अधिक कलाकारों ने अपनी प्रदर्शनकारी कला को बेहतरीन रुप से प्रस्तुत किया। कलाकारों की ओर से प्रस्तुत यह कला कई दृष्टिकोण से अपने आप में अभिनव, विचित्र और विस्मयकारी थी जिसे उपस्थित लोगों ने बहुत सराहा। निकोलस हाॅफलैण्ड ने कलाकारों के प्रदर्शन होने से पूर्व इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल, हैक्सी डेक्सी बाॅक्स और समूह कलाकारों की प्रदर्शनकारी कला के बारे में परिचय दिया।
साल 2018 में हैक्सी डेक्सी बाॅक्स के दो सदस्यों के साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यवहार कला से अपनी यात्रा शुरू कर इस महत्वपूर्ण कला रूप के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ायी गयी थी। इस सफलता से उत्साहित होकर, इन्होनें दिल्ली में अपना पहला कार्यक्रम किया जो उनके मिशन में एक महत्वपूर्ण क्षण था। सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ, उन्होनें कला और सांस्कृतिक जागरूकता को पूरे भारत में विस्तारित किया। इंटरनेशनल बिहेवियरल आर्ट फेस्टिवल (आईबीएएफ) 2020 से विश्व स्तर पर लाइव बॉडी आर्ट और सहयोगी परियोजनाओं का प्रदर्शन कर रहा है, जो महत्वपूर्ण कार्यों को संरक्षित करने के लिए एक अभिलेखीय केंद्र के रूप में काम कर रहा है। एक समावेशी समुदाय को बढ़ावा देते हुए, आईबीएएफ नवाचार को बढ़ावा दे रहा है और उभरती प्रतिभाओं का स्वागत कर रहा है। सम्पूर्ण भारत में कार्यक्रमों के माध्यम से, यह कलाकारों और दर्शकों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान और संवाद को भी प्रोत्साहित करता है। आईबीएएफ का मुख्य उद्देश्य कलाकारों को पर्यावरणीय और मानवीय समस्याओं से निपटने के लिए अपनी रचनात्मकता का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करना है।
इसमें अधिकार संबंधी मुद्दे. पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक न्याय के विषयों को अपनी कलाकृति में एकीकृत करके प्रदर्शनकारी कलाकारों का लक्ष्य दर्शकों के बीच जागरूकता बढ़ाना और कार्रवाई को प्रोत्साहित करना है। वहीं आईबीएएफ कलात्मक हस्तक्षेप, सामूहिक जिम्मेदारी और सक्रिय जुड़ाव को बढ़ावा देकर दर्शकों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा में शामिल करने का प्रयास करता है। सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के अतिरिक्त, आईबीएएफ सभी शैलियों और लिंगों के अनुभवी कलाकारों का स्वागत करते हुए व्यवहार कला में सादगी, रचनात्मकता और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है।
क्यूरेटर की टिप्पणी
पर्यावरण-अनुकूल सुंदरता की घटना एक मिथक है पर्यावरण-अनुकूल सुंदरता की अवधारणा आशा के लिए एक मिथक की तरह लग सकती है, लेकिन वास्तव में, यह टिकाऊ जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू का प्रतीक है जो आज की दुनिया में तेजी से महत्वपूर्ण है। पर्यावरण हितैषी होने का अर्थ है ऐसे तरीके से जीना जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो, यह पहचानते हुए कि हमारे कार्यों का उस ग्रह पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसमें हम रहते हैं। हमारे जीवन का हर पहलू, हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से लेकर हमारे द्वारा चुने गए विकल्पों तक, या तो पर्यावरणीय क्षरण में योगदान करने या स्थिरता को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से लेकर हमारे पहनने वाले कपड़ों तक, व्यक्तियों के लिए स्थायी परिवर्तन करने के अनगिनत अवसर हैं जो इसे कम करते हैं। हमारे दैनिक जीवन का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिए कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता के बारे में लगातार चेतावनी जारी करता है। निष्क्रियता के परिणाम गंभीर हैं, जलवायु संबंधी घटनाओं के कारण हर साल लाखों लोग पहले ही विस्थापित हो रहे हैं। यह स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और सुरक्षा के लिए कठोर उपायों की आवश्यकता है। विभिन्न प्रकार से पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकता है ।ऊर्जा की खपत कम करने से लेकर पर्यावरण-अनुकूल व्यवसायों का समर्थन करने तक के तरीके हैं। जागरूकता बढ़ाकर और सचेत विकल्प चुनकर, हम और अधिक सृजन कर सकते हैं। हम अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए टिकाऊ भविष्य बना सकते हैं।
सामाजिक न्याय के लिए प्रदर्शन के रूप में कलाकृति की मौखिक अभिव्यक्ति ने सौंदर्यवादी डायस्पोरा में व्यवहारिक प्रदर्शन कला के समझ का दृष्टिकोण बनाया। व्यापक कलाकार-प्रवासी लोगों को सामाजिक व्यवहार के रूप में व्यवहारिक दृष्टिकोण से जोड़ना हमारा उद्देश्य है। प्रायः यह ग्लोबल वार्मिंग को भी संबोधित करने के साथ ही पारिस्थितिक जागरूकता और मानवाधिकारों की वकालत भी करता है।
कार्यक्रम में देहरादून के अनेक कलाकार, संगीत प्रेमी, बुद्धजीवी, पत्रकार, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी और पुस्तकालय के युवा पाठक व अन्य लोग उपस्थित रहे।

वनाग्नि पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार से कांग्रेस के आरोपों की पुष्टि : सूर्यकांत

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-चार धाम यात्रा व्यवस्थाएं एक सप्ताह में धड़ाम : धस्माना

-अव्यव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदारों पर मुकद्दमा कायम करें बजाय पत्रकारों को डराने के लिये किये जा रहे मुकदमे

देहरादून, उत्तराखंड़ की चार धाम यात्रा को शुरू हुए अभी एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन तीर्थ यात्री अपनी जान गवां चुके हैं, यमुनोत्री हो या गंगोत्री केदारनाथ हो या बद्रीनाथ यात्रा रूट सभी तरफ लंबे लंबे जाम लगे हैं और यात्री हल्कान हैं और सरकार बजाय अव्यवस्था को दुरुस्त करने के पत्रकारों पर रिपोर्टिंग करने के जुर्म में मुकदमे कायम किए जा रहे हैं जो लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश है जिसकी कांग्रेस कड़े शब्दों में निंदा करती है यह बात आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि फरवरी महीने से ही कांग्रेस राज्य सरकार से चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने की मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को सुझाव पत्र सौंप कर आए थे। श्री धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा शुरू हुए एक सप्ताह हुआ है और एक दर्जन यात्रियों की मौत चिंता पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि यात्रा रूटों पर लंबे लंबे जाम लग रहे हैं और अनेक जगहों पर यात्रियों को भोजन पीने के पानी व ठहरने की मुश्किल पेश आ रही हैं। श्री धस्माना ने कहा कि अभी यात्रा का पीक जून तक आएगा जिसमें यात्रियों की संख्या में कई गुणा इजाफा हो सकता है ऐसे में अगर व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हुईं तो कोई अनहोनी हो सकती है इसलिए सरकार को युद्ध स्तर पर यात्रा की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करना चाहिए।
धस्माना ने कहा कि कांग्रेस यात्रा के बारे में किसी प्रकार की नकारात्मक बात नहीं करना चाहती क्यूंकि यात्रा हमारे राज्य की आर्थिकी का बड़ा स्रोत है और इससे देश और दुनिया के करोड़ों करोड़ों सनातनियों की आस्था और विश्वास जुड़ा है लेकिन यात्रा में अव्यवस्थाओं से भी उन लोगों की भावना को ठेस पहुंचती है जो यहां अध्यात्म और भक्ति भाव से श्रद्धापूर्वक यात्रा के लिए आते हैं किंतु अव्यवस्थाओं का शिकार हो दुखी होते हैं। धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार को बजाय पत्रकारों को धमकाने और उनके विरुद्ध झूठे मामले दर्ज कराने के यात्रियों के पंजीकरण, स्वास्थ्य परीक्षण व भोजन पानी और ठहरने की व्यवस्था तथा यातायात को सुचारू रखने के लिए फौरी कदम उठाने चाहिए।

राज्य में वनाग्नि के मामले में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को फटकार लगाए जाने व राज्य की मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट में तलब किए जाने के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोंग्रेस ने बनाग्नी के बारे में जो बातें कहीं थीं सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मोहर लगाते हुए हमारे आरोपों की पुष्टि की है।
धस्माना ने कहा कि वन अग्नि के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की लापरवाही पर फटकार लगाई और समय पर आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम न करने पर भी नाराजगी व्यक्त की। केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा अग्नि बुझाने के उकरणों की खरीद न करने व वन कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाने पर भी कोर्ट का रुख सख्त था जिस बात को कांग्रेस ने प्रमुखता से उठाया था।
धस्माना ने कहा कि इस सब के बावजूद आज तक राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव से सरकार ने कोई जवाब तलब नहीं किया जो यह दर्शाता है कि राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव , मुख्य सचिव,मंत्री व मुख्यमंत्री सबसे बड़े हैं क्यूंकि आज तक आपदा के इतने ज्वलंत विषय पर उनसे किसी ने कोई सवाल नहीं किया कार्यवाही तो दूर बात ठहरी। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शीश पाल सिंह भी उपस्थित रहे ।

श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात DDRF, SDRF एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें बनी हैं देवदूत

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रूद्रप्रयाग, श्री केदारनाथ धाम दर्शन करने पहुंच रहे किसी तीर्थ यात्री का स्वास्थ्य खराब होने एवं घायल होने की स्थिति में केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं सेक्टर अधिकारी की टीमें देवदूत बनी हैं, जो बीमार एवं घायल व्यक्तियों को तत्काल यात्रा मार्ग में तैनात की गई एमआरपी में उपचार हेतु पहुंचाया ही नहीं जा रहा है बल्कि उनके जीवन को भी बचाया जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि सेक्टर अधिकारी भीमबली ने अवगत कराया है कि छोटी लिनचोली में एक यात्री का स्वास्थ्य अति खराब है जो चलने में असमर्थ है। सूचना मिलते ही यात्रा पड़ाव भीमबली में तैनात डीडीआरएफ की टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुंचकर घायल यात्री को एमआरपी छोटी लिनचोली से एमआरपी भीमबली लाया गया।

प्राथमिक उपचार के बाद यात्री को गौरीकुंड के लिए रैफर किया गया तथा डीडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा उपचार हेतु गौरीकुंड लाया गया। जहां चिकित्सकों द्वारा बताया गया कि उक्त यात्री की स्थिति सामान्य है। भैंरों मंदिर के पास एक यात्री की अचानक तबियत खराब होने पर डीडीआरएफ की टीम जंगलचट्टी द्वारा यात्री का रेस्क्यू कर गौरीकुंड अस्पपाल उपचार हेतु पहुंचाया गया।
उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गौरीकुंड गेट के ऊपर किसी यात्री द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला यात्री केदारनाथ दर्शन करने घोड़े से जा रही थी महिला यात्री घोडे़ से गिरने के कारण घायल हो गई जिसे सूचना प्राप्त होते ही डीडीआरएफ की टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर उक्त महिला (शकुतंला देवी उम्र 65 वर्ष निवासी इंदौर, मध्य प्रदेश) को स्ट्रेचर के माध्यम से गौरीकुंड लाया गया। जिसका चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार करने के बाद महिला को सोनप्रयाग चिकित्सालय के लिए रैफर किया गया।
उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि थारू कैंप के पास घोड़े की टक्कर से एक यात्री के घायल होने पर छोटी लिनचोली आरएमपी ले जाया गया जहां उसे त्वरित उपचार दिलाया गया। व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक है। यात्रा मार्ग में तैनात सभी सुरक्षा बल की टीमें अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी कुशलता से करते हुए बीमार एवं घायल यात्रियों को सूचना प्राप्त होते ही तत्काल उपचार हेतु नजदीकी एमआरपी में पहुंचाकर यात्रियों को त्वरित गति से उपचार दिलाते हुए उनकी जान को बचाया जा रहा है।

बच्चे, बुजुर्ग रहें सावधान, 5 दिन लू का कहर और 45 डिग्री होगा तापमान; ऑरेंज अलर्ट जारी

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नई दिल्ली (आरएनएस)। आगामी पांच दिन के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में लू चलने की आशंका है और इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली पर पड़ने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, 18 मई से पूर्वी और मध्य भारत में भी गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा।
मौसम कार्यालय ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया जिसमें बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों एवं गरीबी में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधित चिंता पर जोर दिया गया। चेतावनी में कहा गया है कि लंबे समय तक धूप में रहने वाले या भारी काम करने वाले लोगों में गर्मी से संबंधित बीमारियां बढ़ने की आशंका है।
आईएमडी ने कहा, ’17-20 मई के दौरान पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में और 18-20 मई के दौरान पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रचंड लू चलने के आसार हैं।’ राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार तक तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है। मौसम कार्यालय ने इससे पहले मई में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और मध्य भारत में लू चलने के दिनों की संख्या सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान जताया था। आम तौर पर उत्तरी मैदानी इलाकों, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के आसपास के क्षेत्रों में मई में लगभग तीन दिन लू चलती है। इस बार अप्रैल में ही पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अधिकतम तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। यहां तक की, सरकारी एजेंसियों को स्वास्थ्य संबंधित चेतावनियां जारी करनी पड़ीं और कई राज्यों ने स्कूलों में कक्षाएं बंद कर दीं। कई स्थानों पर अप्रैल में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो कि अप्रैल में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। केरल में संदिग्ध तौर पर लू लगने से कम से कम दो लोगों की मौत हो ग

सरकार का एक्शन- चारधाम यात्रा के बारे में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

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देहरादून  (आरएनएस)। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का दुष्प्रचार करने वाले तथा यात्रा के सम्बन्ध में फेक न्यूज या विडियो बनाने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन एवं ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन की बसों एवं गाडिय़ों को यात्रामार्ग पर तत्काल रोक, वापस भेजा जाए।
बुधवार को यह निर्देश देते हुए देहरादून सचिवालय में चारधाम यात्रा प्रबन्धन की समीक्षा के दौरान, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि फेक न्यूज या वीडियों के माध्यम से यात्रा को बदनाम करने वाले तत्वों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने परिवहन विभाग को टूर ऑपरेटर्स के साथ बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन के वाहनों के मुद्दे पर बैठक करने के निर्देश दिए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को जगह-जगह पर स्थापित चेक पॉइन्टस पर चिन्हित कर उचित कार्यवाही की जाएगी। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव द्वारा अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को भी पत्र भेजा जाएगा। रतूड़ी ने श्रद्धालुओं की समस्याओं के मौके पर ही त्वरित निवारण के दृष्टिगत, अधिकारियों को अपने मोबाइल पर प्राप्त किसी भी श्रद्धालु की शिकायत पर तत्काल उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को अपने मोबाइल 24 घण्टे खुले रखने तथा यात्रा से सम्बन्धित शिकायतों को अनिवार्यत सुनने के कड़े निर्देश जारी किए हैं।
चारधाम यात्रा के कुशल प्रबन्धन हेतु जिलों में तैनात प्रभारी सचिवों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा है कि प्रभारी सचिव द्वारा सचिवालय से ही जिला प्रशासन एवं जिलाधिकारी आदि के माध्यम से नियमित रूप से यात्रा की मॉनिटरिंग की जाएगी तथा सचिवालय एवं जिला प्रशासन के मध्य प्रभावी समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा। धामों में बेहतरीन क्राउड मेनेजमेंट एवं यात्रामार्ग पर टै्रफिक मेनेजमेंट के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने यात्रामार्ग पर श्रद्धालुओं के सुविधा हेतु जगह-जगह स्थापित हॉल्डिंग प्लेस पर पेयजल, शौचालय तथा भोजन आदि सभी आवश्यक सुविधाएं एवं धामों के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर ऋषिकेश नगर निगम को अपने हॉल्डिंग प्लेस में यात्रियों हेतु बेहतरीन सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा पर आने वाले कुछ श्रद्धालुओं द्वारा रजिस्ट्रेशन के दौरान, अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी ना देने या गलत जानकारी देने के मामलों को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ठ्ठद्गष्स्वास्थ्य विभाग को नियमों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की हेल्थ स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस करने के सख्त निर्देश दिए हैं। बैठक में सचिव, स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि इस बार यात्रा रूट पर 184 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें 44 स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं। इस बार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लेब शुरू की गई हैं। कुल 11 भाषाओं में यात्रा सम्बन्धित एसओपी जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य जांच से लेकर तमाम सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, कमिश्नर, गढ़वाल, विनय शंकर पाण्डेय, सचिव अरविन्द सिंह हयांकी, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

कार्तिक स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा एवं हवन कार्यक्रम का आयोजन

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”  क्रोंच पर्वत पर  3048 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित  भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड  जिला प्रशासन एवं मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे तमिलनाडू से आए  पुजारियों एंव तमिलनाडू के प्रसिद्ध 6 मंदिरों के शिवाचार्य द्वारा दिव्य पूजा-अर्चना की गई”

रुद्रप्रयाग- उत्तराखंड पर्यटन विकास द्वारा जनपद के क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा व हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भाष्कर खुल्बे, अपर सचिव यूकाडा सी रविशंकर, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एवं दक्षिण भारत से आए शिवाचार्य व गुरुजनों ने पूजा अर्चना की।

इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्बे ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर में 108 बालमपुरी शंख से पूजा व हवन एवं दक्षिणा वर्त से स्वामी कार्तिकेय का भव्य जलाभिषेक किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान का आशीर्वाद का प्रतीक है कि हम सब यहां पर आज उपस्थित हैं तथा भगवान का आशीर्वाद हमें अभी तक मिला है आगे भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि विकास की सीमा जो हमने कभी तय नहीं की हैं उनको पाकर चारधाम एवं कार्तिकेय स्वामी मंदिर में ऐसा परिवेश बनाएंगे जिससे सभी को आस्था, भक्ति और प्रेम का संगम सबको मिले। तमिलनाडू के 6 मठों से मुर्गन की पूजा करने वाले लोग आज कार्तिकेय को प्रणाम करने आए हैं तथा पारस्परिक संबंध इतना सुंदर बना है कि भारत को जोड़ने का एक तरीका है आस्था सबको साथ मिला ले इससे बड़ा कोई प्रमाण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान से यही कामना है हम सब पर आशीर्वाद बना रहे।

इस अवसर पर अपर सचिव यूकाडा सी रविशंकर ने कहा कि पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद कार्तिकेय स्वामी यहां पर पहुंचे तो गणेश को श्रेष्ठ पद दिया गया है जिसके बाद कार्तिकेय ने अपनी माँ पार्वती से नाराज होकर यहाँ पर तपस्या की। इसके बाद कार्तिकेय दक्षिण भारत को चले गए। जहां उनकी मुरगन स्वामी के नाम से विशेष रूप से आराधना की जाती है। कार्तिक स्वामी मंदिर व कार्तिकेय स्वामी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि उत्तर भारत का यह कार्तिकेय स्वामी का एकमात्र मंदिर है। दक्षिण भारत में तमिलनाडू में भगवान कार्तिकेय के बहुत अनुयायी हैं तथा आज दक्षिण के शिवाचार्य आए हैं तथा सभी अनुयायी देश के आगे बढने की कामना कर रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने पर सभी शिवाचार्य, गुरुजनों एवं भक्तजनों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कार्तिक स्वामी मंदिर आगमन पर मुख्य पुजारियों, शिवाचार्यों एवं मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय स्वामी मंदिर में इस तरह से कार्यक्रम कराने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय मंदिर को पर्यटन के मानचित्र पर उभरकर आए इसके लिए पर्यटन की दृष्टि से इसे विकसित किया जा रहा है।

इस अवसर पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। पदम श्री शिवमणि व उनके साथियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई। साथ ही शिवाचायों व गुरुजनों व अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर कूनमपट्टी एथेनम, माईलम एथेनम, कौमारा, मुत्त एथेनम, श्रृंगेरी मुत्त, निदेशक प्रचार सुमित पंत, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार डोभाल, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश, एम वी अरोर सुब्रमण्यम, शिवाचार्य, राजेश वैद्य (वीणा) यू राजेश (मंगोलिन) प्रवीन नारायण, सांई हरिराम, जेएस के गोपी, जी मुरली कृष्णा, शत्रुघ्न नेगी अध्यक्ष मंदिर समिति, बलराम सिंह, सचिव, मंदिर समिति, विक्रम नेगी, उपाध्यक्ष मंदिर समिति, सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए अतिथि एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।

दिल्ली के कनॉट प्लेस तक पहुंचेगा ‘हाउस ऑफ ‌हिमालयाज’, मुख्य सचिव ने लगाई मुहर

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देहरादून, उत्तराखण्ड़ के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग/पैकेजिंग/ ब्रान्डिग हेतु सबसे बड़े अम्ब्रेला ब्रान्ड के रूप में उभर रहे हाउस ऑफ हिमालय के स्टोर जल्द ही नई दिल्ली के कनॉट प्लेस व अन्य मुख्य स्थानों में खोले जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। एनडीएमसी ने इस सम्बन्ध में सहमति दे दी है।
हाउस ऑफ हिमालया के कार्याे को गति देने हेतु मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाउस ऑफ हिमालया से सम्बन्धित विभागों के साथ नियमित रूप से प्रत्येक माह समीक्षा बैठक का निर्णय लिया है। हाउस ऑफ हिमालया के तहत मांग के अनुरूप पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु सीएस ने महिला स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय लोगों से अधिकाधिक स्थानीय उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालया की प्रथम बोर्ड मीटिंग सम्पन्न हुई। सीएस ने बैठक के एजेण्डा पर विस्तृत चर्चा के बाद इस पर सहमति प्रदान की।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों की परियोजनाओं/ पहल के माध्यम से प्रचलित उनके सभी ब्राण्ड्स को अम्ब्रेला ब्राण्ड के तहत लाए जाने, स्थानीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाने, गुणवत्ता, माननीकृत पैकंजिंग, ब्राण्डिंग एवं विपणन करने में हाउस ऑफ हिमालया ग्लोबल प्लेटफॉर्म साबित होगा। महिला स्वयं सहायता समूहों माध्यम से स्थानीय उत्पादों की खरीद से राज्य में महिला सशक्तीकरण का एक नया अध्याय आरम्भ होगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य स्तर पर हाउस ऑफ हिमालया के रूप में कम्पनी के गठन से स्थानीय हितधारकों, स्वयं सहायता समूहों, किसानों व स्थानीय उत्पादकों की आजीविका संवर्द्धन कर उन्हें उनकी फसलों व उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।
बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल, निकिता खण्डेलवाल एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

बिना पंजीकरण यमुनोत्री-गंगोत्री धाम न आएं तीर्थयात्री : सुंदरम

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-सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने लिया यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा

-ऋषिकेश और डामटा बैरियर पर पुलिस सख्ती से कराएं पंजीकरण का पालन

-यात्रा कंट्रोल रूम के हेल्पलाइन नंबरों का ज्यादा करें प्रचार प्रसार

-संकरे मार्गों पर 42 सीटर बसों को सुरक्षित स्थान पर रोकने से कम रहेगा दबाव

-यात्रा रूट पर वैकल्पिक पार्किंग स्थलों को विकसित करने पर दिया जाए ध्यान

उत्तरकाशी, सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को उत्तरकाशी में यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने पुलिस-प्रशासन को निर्देश दिए कि बिना पंजीकरण धामों की यात्रा करने वालों को सख्ती से निपटें और सीधा चेकिंग बैरियर से वापस भेजें। इसके लिए बैरियरों तथा अन्य स्थानों पर सख्ती से चेकिंग की जाए। उन्होंने यमुनोत्री धाम में बिना पंजीकरण के डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चरों के संचालन पर भी प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
यमुनोत्री और गंगोत्री धाम में रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों के पहुंचने से उत्पन्न स्थिति पर सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी बुधवार को उत्तरकाशी पहुंचे। यहां आईटीबीपी मातली के सभाकक्ष में जिले के अधिकारियों की बैठक लेते हुए सचिव ने कहा कि रिकॉर्ड यात्रियों के पहुंचने से यात्रा मार्गों पर जाम और दबाव बढ़ रहा है।
उन्होंने साफ कहा कि बगैर पंजीकरण के किसी को भी धाम में न जाने दिया जाए। इसके लिए बैरियर पर सख्ती से जांच-पड़ताल कर ऐसे यात्रियों और वाहनों को सीधे वापस भेजें। इसके अलावा पंजीकरण तिथि से पहले और बाद में भी पंजीकरण को कतई स्वीकार न करें। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा कंट्रोल रूम, आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम के फोन नम्बरों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें।
उन्होंने यात्रा रूट पर सुरक्षित और अतिरिक्त पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जिन स्थानों पर सड़क संकरी है, वहां 42 सीटर और बड़ी बसों को पहले रोक दें। ताकि जाम की स्थिति पैदा न हो। बैठक में जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि यमुनोत्री धाम में हर दिन 10 हजार से ज्यादा यात्री पहुंच रहे हैं। इसी तरह गंगोत्री धाम में 12 हजार से अधिक यात्री आ रहे हैं। दोनों धामों में क्षमता से अधिक यात्री आ रहे हैं।
जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि यमुनोत्री और गंगोत्री की धारण क्षमता और सड़कों की स्थिति के अनुसार यात्रियों की संख्या निर्धारित की जाए तो स्थिति सामान्य हो जाएगी। इससे न तो जाम लगेगा और न ही अन्य व्यवस्थाओं में समस्या होगी। जिलाधिकारी ने यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन के द्वारा भोजन, पानी की व्यवस्था और मेडिकल शिविरों की जानकारी दी।

बैठक में पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, एडीएम रज़ा अब्बास, एसडीएम डुंडा नवाजिश खालिक, सीएमओ डॉ. बी०एस०रावत, जनपद आपदा प्रबंधक अधिकारी देवेंद्र पटवाल सहित बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।

बैठक के बाद सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट तथा पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी और मुख्य विकास अधिकारी जयकिशन के साथ हर्षिल, धराली, भैरवघाटी और गंगोत्री धाम में यात्रा व्यवस्था देखने गए। यहां तीर्थयात्रियों से भी प्रमुख सचिव ने बातचीत कर यात्रा का फीडबैक लिया। साथ ही श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात कर बैठक की।

सचिव ने मंदिर समिति को तीर्थयात्रियों की व्यवस्था एवं अन्य समस्याओं पर बातचीत की। इस दौरान मंदिर समिति से भी रिकॉर्ड यात्रियों के आने पर सहयोग की अपेक्षा की गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने प्रमुख सचिव को भरोसा दिया कि वह यात्रा व्यवस्था में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धाम में सभी व्यवस्थाएं ठीक हैं। लेकिन संकरे मार्ग को चौडीकरण, प्रमुख पड़ावों पर पार्किंग स्थल बनाकिने का सुझाव दिया। ताकि वाहनों का दवाव बढ़ने पर सुरक्षित पार्किंग कराई जाए।

 

अश्विन ने जीती शिमला माउंटेन बाइक रेस

– अंडर -16 में रहा प्रथम, मिली राइजिंग स्टार की जर्सी
– सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल का छात्र है अश्विन रौथाण

देहरादून, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल के छात्र अश्विन रौथाण ने शिमला में आयोजित 11वीं शिमला माउंटेन बाइक रेस प्रतियोगिता जीत ली। उन्होंने अंडर-16 आयु वर्ग में पहला स्थान हासिल किया। अश्विन को राइजिंग स्टार की जर्सी से भी नवाजा गया। बलूनी ग्रुप के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी ने अश्विन की इस उपलब्धि पर उसे सम्मानित किया । उन्होंने कहा कि स्कूल के छात्र विभिन्न खेलों में अपना, स्कूल और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने अश्विन की इस उपलब्धि पर खुशी जतायी और उसे शुभकामनाएं दीं।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 10 से 12 मई में 11वीं शिमला माउंटेन बाइक रेस का आयोजन किया गया था। 130 किलोमीटर लंबी इस प्रतियोगिता में देश के 45 शहरों और चार विदेशी राइडर्स समेत 140 खिलाड़ियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि यह रेस प्रतिष्ठित क्रास कंट्री मैराथन और ओलंपिक की तर्ज पर आयोजित की जाती है। रेस सिंगल ट्रैक और जंगल के रास्ते से होकर भी गुजरी।

संयुक्त नागरिक संगठन की पहल : जलशोधन संयंत्र को लेकर अधिकारियों से पर्यावरण संरक्षकों ने किया संवाद

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“वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए विशाल स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना ही एकमात्र उपाय है जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सकेगा”

 

देहरादून, दून के रायपुर ब्लाक के खलांगा क्षेत्र में पर्यावरण के विनाश का सबब बनने वाले जलशोधन संयंत्र को निकटवर्ती क्षेत्र में लगाने की मांग पर बुधवार को दून की सामाजिक संस्थाओं ने एकजुट होकर विरोध कर अधिकारियों से संवाद स्थापित किया।
संयुक्त नागरिक संगठन की पहल पर संयंत्र निर्माण के लिए जिम्मेवार उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास और निर्माण निगम के कार्यालय में अधीक्षण अभियंता मोहम्मद वसीम अहमद सहित अन्य अधिकारियों के साथ आयोजित संवाद में विभाग द्वारा परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया गया कि दून में पेयजल आपूर्ति की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु बांध प्रस्तावित है। संवाद में पर्यावरण संरक्षकों ने सुझाव दिया कि सरकार की विकास योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण विषय प्राथमिकता में नही है जबकि यह विषय जनहित में सर्वोपरि बनाया जाना जरूरी है।अन्यथा भावी पीढियों के साथ वन्य जन जीवन, पशु पक्षियों की भी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी।
वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए विशाल स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना ही एकमात्र उपाय है जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सकेगा। सौंग नदी जो अधिकतर सूखी ही रहती है यहां बारिश का पानी रोक कर जलाशय उपयोगी हो सकता है, संवाद के दौरान ग्लोबल वार्मिंग से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से जलाशय कब तक लबालब भरे रहेंगे यह सुनिश्चित नहीं है। वक्ताओं ने कहा ग्रेविटी पर आधारित प्रस्तावित योजना पर पुनर्विचार करते हुए इसमें समाजिक संस्थाओ के सुझावों को शामिल कर ही अंतिम निर्णय लिया जाना आवश्यक होगा। वक्ताओं ने भूजल स्तर में गिरावट के लिए राजधानी में दिनोदिन उगते कंक्रीट के जंगलों को जिम्मेदार बताया और अब यह स्थिति कंट्रोल से बाहर हो चुकी है | सरकार को बेतहाशा बढ़ते भवन निर्माण की तरफ भी ध्यान न देना चाहिए | इस दौरान
अधीक्षण अभियंता मोहम्मद वसीम अहमद को एक ज्ञापन पत्र भी दिया गया |

संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी के नेतृतव आयोजित इस संवाद में मैती अभियान के पद्यश्री कल्याण सिंह रावत, गर्वमैंट पैशनर्स वेलफेयर संगठन के चौ.ओमवीरसिंह, आरटीआई क्लब के आर. एस. धुन्ता, सिटिजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा, मैड के आर्यन कोहली, नेचर बड़ी के अभिषेक रावत, इको के आशीष गर्ग, दून सिख वेलफेयर सोसाइटी के जीएस जस्सल, रूलक के पूर्व संगठक अवधेश शर्मा, पर्यावरणविद् मनोज ध्यानी, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, बैंक एम्पलाइज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेहंदीरता, समानता मंच के विनोद नौटियाल आदि शामिल थे।