हरिद्वार ( कुलभूषण) चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और आयुर्वेदिक नर्सेस संघ के पदाधिकारियों ने एक सप्ताह में चार माह से नही मिलने वाले वेतन न मिलने पर दी आंदोलन की चेतावनी और चिकित्सको की सेवानिवृत्त की उम्र65वर्ष करने पर माननीय मुख्यमंत्री जी व माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कर्मचारियों की सेवानिवृती की उम्र62 वर्ष करने की मांग की।
आज दिनाँक 24जून को चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ के कर्मचारियों और नर्सेस संघ, लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों ने चार माह से कर्मचारियों का वेतन न मिलने पर परिसर निदेशक डा डी सी सिंह से वार्ता की उनके द्वारा तत्काल निदेशालय एवं कुलसचिव से वार्ता कर कर्मचारियों के वेतन के संबंध में वार्ता की और उन्होंने कहा कि कर्मचारी नाराज हैं और मुझे घेरा हुआ है किंतु वहां से संतोषजनक जबाब नही मिलने के कारण डा डी सी सिंह द्वारा बुधवार को स्वयं जाकर वेतन के मुद्दे में वार्ता करने का आश्वासन दिया।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा,आयुर्वेदिक नर्सेस संघ की संरक्षक आनन्दी शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर,उपशाखा के अध्यक्ष छत्रपाल सिंह मिनिस्ट्रियल संघ के अमित कुमार ने कहा कि कर्मचारियों के सब्र का बांध टूट गया है कर्मचारियों के परिवार में विवाह है, मकान बन रहा है बैंक में चार माह से लोन की क़िस्त न जाने के कारण डिफाल्टर हो गए हैं राजकीय कर्मचारियों का हाल ठेके के कर्मचारियों से भी हाल बुरा हो गया है इतना शोषण विश्विद्यालय द्वारा किया जा रहा है एक सप्ताह में वेतन नही मिला तो आंदोलन निश्चित है।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर, उपशाखा अध्यक्ष छत्रपाल, मनोज पोखरियाल ने कहा कि कर्मचारियों की स्थिति देखते हुए कर्मचारियों ने मा0 कुलपति एवं कुलसचिव से मांग की की अगर इसी तरह हमारा शोषण होता रहा तो हमे विश्विद्यालय से हटाकर निदेशक आयुर्वेद के अंतर्गत करजनपद हरिद्वार में समायोजित कर दिया जाए जहां समय से वेतन तो मिलेगा दिनेश लखेडा ने बताया कि अभी चार माह का बजट इस शर्त के साथ दिया जा रहा है कि आपके द्वारा जो भी विश्विद्यालय में बजट का गलत उपयोग किया गया है उसका हिसाब दें नही तो फिर से वेतन रोक दिया जाएगा गलती अधिकारी संवर्ग की ओर भुगतान करना पड़ रहा है कर्मचारियों को जो न्याय विरुद्ध है इसका घोर विरोध किया जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तेश्वर ने चिकित्सको की सेवानिवृती की आयु 65 वर्ष आयु करने का स्वागत करते हुए कहा कि आप प्रदेश के मुखिया हैं कर्मचारियों की भी मांग है कि कर्मचारियों की सेवानिवृती की आयु62 वर्ष करने की कृपा करेंगे।
कर्मचारियों द्वारा द्विपक्षीय वार्ता में सर्व श्री दिनेश लखेडा, आनंदी शर्मा,राजेन्द्र तेश्वर, छत्रपाल सिंह, मोनिका, उपासना,चंद्रकला जमलोकी,मनोज Problems, राकेश, कल्लू, पप्पू,विनोद,चंद्रपाल, अजय कुमार,रामपाल, इत्यादि उपस्थित थे।
वेतन भुगतान व लंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों ने किया विरोध प्रर्दशन
नगर निगम सोता रहा और अवैध बस्तियां बनती रही
काठ-बंगला बस्ती में घरों से ज्यादा नियम कानून का ध्वस्तीकरण : अभिनव थापर
देहरादून, राजपुर स्थित काठ बंगला बस्ती का ध्वस्तीकरण किया गया। सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा कई ऐसे गरीबों के घरों को उजाडा गया जो एनजीटी के आदेशानुसार 11.03.2016 से पहले से बसे थे और उनको इस कार्यवाही पर छूट थी।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि एनजीटी के आदेशों में स्पष्ट उल्लेख है कि 11.03.2016 से पहले वालों पर कार्यवाही नहीं होगी। फिर भी कई 2016 से पहले के निर्माण तोड़े गए। सरकार को ध्वस्तीकरण से पहले पुनर्वास का कार्य करना चाहिए। गरीबों को बरसात में उजाड़ने से पहले सरकार को उनके छत की व्यवस्था बनानी चाहिए थी। नगर निगम सोता रहा और अवैध बस्तियां बनती रही किन्तु वो आज इन अवैध बस्तियों को बसाने वाले जिम्मेदार नेता कहां हैं ?
कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने मौके पर जाकर शासन-प्रशासन से वार्ता की और समाधान के प्रयास किए। कांग्रेस की तरफ से प्रवक्ता अभिनव थापर, महामंत्री गोदावरी थापली, महानगर अध्यक्ष डा. जसविंदर सिंह गोगी, पार्षद उर्मिला थापा, पार्षद संगीता गुप्ता, सूरज छेत्री आदि ने मौके पर जन-समस्या सुनी।
रचनाशीलता के लिए कमरे की परिकल्पना अद्भुत है : सुभाष पंत
“सुरेश उनियाल द्वारा संपादित पुस्तक ‘मेरा कमरा’ भाग-2 का हुआ लोकार्पण”
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से सोमवार शाम वरिष्ठ साहित्यकार सुरेश उनियाल द्वारा संपादित एवं काव्यांश प्रकाशन, ऋषिकेश से प्रकाशित पुस्तक ‘मेरा कमरा’ भाग-2 का शहर के साहित्यप्रेमियों के बीच लोकार्पण किया गया । इस पुस्तक में हिंदी के 17 श्रेष्ठ रचनाकारों के ‘कमरे’ के इर्दगिर्द घूमती विचार श्रृंखला को अत्यंत रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है ।
पुस्तक के संपादक सुरेश उनियाल ने इस पुस्तक की रचनाओं के बारे में प्रकाश डाला और बतलाया कि इस पुस्तक के लिए किसी निश्चित विधा एवं मापदंड से इतर रचनाकार के ‘कमरे’ को आधार बनाकर जीवन और साहित्य के विभिन्न पहलुओं को इन साहित्यकारों की नजर से यथार्थपरक ढंग से देखना मुख्य उद्देश्य था । पाठकों तक अपनी बात कितनी सफलता से हम पहुंचा पाए हैं, यह पाठकों की प्रतिक्रिया ही बतलायेगी । पुस्तक के रचनाकारों की साफगोई पाठकों को अवश्य पसंद आएगी ।
इस अवसर पर गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए लोकप्रिय कथाकार सुभाष पंत ने कहा कि रचनाशीलता के लिए कमरे की परिकल्पना अद्भुत है । किसी भी रचनाकार के लिए वास्तव में विचार और परिकल्पना मुख्य है, जो सामाजिक यथार्थ और मूल्यबोधों से उत्पन्न होती है । मुख्य अतिथि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने पुस्तक को अत्यंत रोचक और कमरे की कल्पना के चारों ओर बुनी गई रचनाकार के वास्तविक जीवन की सच्ची घटनाओं का संमरणात्मक दस्तावेज बताया ।
गोष्ठी में वक्ता नवीन कुमार नैथानी, शिव प्रसाद जोशी आदि ने भी अपने विचार ब्यक्त करते हुए इस पुस्तक को रोचक कथा के रूप में रचनाकार के ब्यक्तिगत जीवन और वैचारिक संघर्षों का प्रतिबिम्ब बतलाया । उल्लेखनीय है कि प्रकाशक प्रबोध उनियाल ने इस पुस्तक के प्रथम भाग में 40 रचनाकारों के कथारूपी आलेखों को 2 वर्ष पूर्व खुद के संपादन में प्रकाशित किया है ।
गोष्ठी का संचालन साहित्यिक संस्था ‘संवेदना’ के संयोजक समदर्शी बड़थ्वाल ने किया । कार्यकम आरम्भ होने से पूर्व दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के अवसर पर कृष्णा खुराना, गुरुदीप खुराना,अरविन्द शेखर , दिनेश चंद्र जोशी, जितेंद्र शर्मा, सुंदर सिंह बिष्ट, डॉली डबराल, सुधा रानी पांडेय, सविता मोहन, विद्या सिंह, चंद्रनाथ मिश्रा, धीरेन्द्रनाथ तिवारी, राजेश पाल, राजेश सकलानी, मनमोहन चड्ढा, सतीश धौलाखंडी, विजय भट्ट,विनोद रतूड़ी आदि उपस्थित थे ।
उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन एक सूत्रीय मांग को लेकर एक जुलाई को जिला मुख्यालयों में करेगा धरना-प्रदर्शन
देहरादून, राज्यव्यापी आव्हान पर उत्तराखंड़ त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारियों को सौपा।
उन्होंने “एक देश एक चुनाव” की तर्ज पर हरिद्वार के साथ 12 जिलों का पंचायत चुनाव कराने की मांग की। प्रदेश सरकार ने दो वर्ष कार्यकाल बढाने की मांग स्वीकार नहीं किया तो एक जुलाई को 12 जिलों के मुख्यालयों में इस एक सूत्रीय मांग के समर्थन में धरना-प्रदर्शन होगा।
संगठन के कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के 12 जिलों के 89 विकास खंड मुख्यालयों में 70 हजार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने आज आंदोलन में भाग लिया। उन्होने बताया कि संगठन के आवाहन पर पहली बार एक सूत्रीय मांग को लेकर राज्य के वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्य सहित क्षेत्र प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष एक साथ मिलकर आंदोलन कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ही एक वर्ष तीन माह कार्यकाल बढ़ाकर बिना प्रशासक के पंचायतों के कार्य करने का उदाहरण है। उन्होंने आज 1996 में हुए पंचायत चुनाव के बोर्ड की फोटो जारी की।
उन्होंने कहा कि 12 जिलों के त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बढ़ाए जाने के तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों को कार्य करने का पर्याप्त कानूनी आधार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष तक बढ़ा सकती है।
देश में बहुत राज्यों ने अध्यादेश लाकर पंचायतों का कार्यकाल छः-छःमाह करके दो वर्ष तक बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि राज्य की धामी सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के एक देश एक चुनाव के विजन के लिए उत्तराखंड में “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” पर एतिहासिक कदम उठाना चाहिए। मर्तोलिया ने कहा कि सरकार नहीं मानी तो उत्तराखंड के गांव- गांव में इस मांग के समर्थन में आंदोलन नजर आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोई पहल नहीं किए जाने पर संगठन एक जुलाई को राज्य के 12 जिला मुख्यालयों पर विशाल धरना-प्रदर्शन की तैयारी में जुट गया है।
त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के बैनर तले राज्य के 89 विकास खण्ड कार्यालयों में वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी एकजुटता दिखाई।
सोमवार को हुए आंदोलन में ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने उधमसिंहनगर, जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवान ने टिहरी, जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने उत्तरकाशी, क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश संयोजक डॉक्टर दर्शन सिंह दानू ने चमोली, संगठन के कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने पिथौरागढ़ में भाग लिया।
पर्यावरण संरक्षण के लिये संयुक्त नागरिक संगठन ने सरकार से की जन संवाद की मांग
देहरादून, संयुक्त नागरिक संगठन ने मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में पर्यावरण संरक्षण विषय पर दूनवासी पर्यावरण प्रेमिजनों के साथ जन संवाद मांग की है। वहीं दून के कंक्रीटीकरण के लिए जिम्मेदार चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव से दून को मुक्ति दिलाने तथा दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के चलते पेड़ों के कटान पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन ने सरकार को पत्र लिखा है |
संयुक्त नागरिक संगठन के महासचिव सुशील त्यागी ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि एमडीडीए, स्मार्ट सिटी, पीडब्लूडी, वन, शासन प्रशासन, नगर नियोजन विभाग आदि में वर्षों से जमे पर्यावरण के दुश्मन अधिकारियों से भी राजधानी को मुक्ति दिलाई जाए।
संगठन सचिव सुशील त्यागी ने पत्र में कहा है कि अधिकांश दूनवासी पर्यावरणीय सुविधाओं आबोहवा के लिए देशभर में विख्यात इस शहर के गगनचुंबी कंक्रीटकरण से पैदा घुटनभरे, अस्वच्छ, प्रदूषित वातावरण से अवसाद ग्रस्त हो गए हैं। दून के विकास को जिम्मेदार विभागों/अधिकारियों ने पर्यावरण संरक्षण विषय को कूड़े में फेंक कर जो योजनाएं बनाई वह सुनियोजित विकास नहीं था। भविष्य में शहर की बची एक प्रतिशत हरियाली को भी शहर का बढ़ता कंक्रीटीकरण शीघ्र निगल जायेगा।
इसके लिए जरूरी है कि सकारात्मक सुझाव के साथ आपस में बैठकर विचार-विमर्श करे तभी हम दून को फिर से हराभरा बना सकते है। संगठन ने अन्य सुझाव में कहा गया है कि मानसून के आगमन से पहले शासन के सभी विभागों को पर्यावरण संरक्षण की योजनाएं बनाने तथा धरातल पर आये इनके परिणामों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था मुख्य सचिव स्तर पर की जाए। शासन प्रशासन के निचले से उच्च स्तर तक वृक्षारोपण और उनके अनुरक्षण को सुनिश्चित करने हेतु सभी अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी सुनिश्चित किया जाना जरूरी होगा, अन्यथा विगत वर्षों में लाखों की संख्या में किए गए हवा-हवाई वृक्षारोपण की तरह आगामी अभियान भी फाईलों में दबकर अपनी जान दे देगा। त्यागी ने पर्यावरण संरक्षण के लिये सरकार से सार्थक एवं सकारात्मक कदम उठाने की भी अपील की है |
पिलखी अस्पताल के उच्चीकरण की जगी उम्मीद
टिहरी गढ़वाल, भिलंगना ब्लॉक के पिलखी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की उच्चीकरण की उम्मीद बलवती होती दिख रही है। स्थानीय पटवारी प्रवीण सिंह रावत ने अस्पताल संघर्ष समिति के पदाधिकारिओं की उपस्थिति में अस्पताल परिसर के कब्जे में उपलब्ध भूमि की पैमाइश की।
अस्पताल उच्चीकरण संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि कराई गयी पैमाइश में यह भूमि कुल 18 नाली से अधिक निकली है। इसके अलावा 8:30 नाली भूमि पहले ही स्थानीय काश्तकारों से खरीद कर अस्पताल प्रबंधन के नाम रजिस्ट्री की जा चुकी है। इस तरह से अब अस्पताल के पास कुल भूमि 27 नाली हो गई है।
इसके अलावा अस्पताल की सीमा से लगती हुई चार नाली भूमि एक अन्य काश्तकार अस्पताल को उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। अस्पताल के उच्चीकरण के लिए 20 नाली जमीन चाहिए।
इस अवसर पर राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र पंत ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए भारत सरकार के तय पैमानों के अनुसार पिलखी स्थित अस्पताल सभी शर्तें पूरी करता है। सामाजिक कार्यकर्ता बिशन कंडारी ने बताया कि इस अस्पताल से लगभग डेढ़ लाख से भी अधिक आबादी का क्षेत्र लाभान्वित होगा।
अस्पताल संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि पिलखी अस्पताल के उच्चीकरण तथा नवनिर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को जल्दी ही दूर करा लिया जाएगा।
इसके लिए संघर्ष समिति किसी भी प्रयास से पीछे नहीं हटेगी।
इस दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्य कृष्णा देवी, अमरीश नौटियाल तथा जयप्रकाश कंसवाल, प्रमोद डोभाल, विशन सिंह कंडारी तथा मनोज थपलियाल, अजय तिवारी, जितेंद्र थपलियाल, वीर सिंह चौधरी, मुरारी गैरोला आदि गणमान्य लोग शामिल थे।
मलवा आने के चलते टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेढ़ घंटे ठप रही आवाजाही
चम्पावत, टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलवा आने के चलते सोमवार 24 जून की सुबह करीब डेढ़ घंटे तक आवाजाही ठप रही। मलवे के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक टनकपुर-चम्पावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर चम्पावत से 51 किलोमीटर दूर सूखीढांग के समीप मलबा आ गया। सोमवार सुबह 7.33 बजे आए मलबे से डेढ़ घंटे से अधिक समय तक सड़क पर आवाजाही ठप रही। टनकपुर से चम्पावत और पहाड़ी क्षेत्रों तथा पहाड़ से मैदान को जाने वाले लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा। मशीनों के जरिए मलवा हटाकर सुबह 9.06 बजे एनएच को आवाजाही के लिए सुचारु किया जा सका। वहीं बीते 24 घंटों में लोहाघाट में 6 मिलीमीटर बारिश हुई है। सोमवार सुबह से जिले के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश हो रही है।
आकाशीय बिजली गिरने से धान की रोपाई कर रहे दो भाई-बहन की मौत
रुद्रपुर, खटीमा से एक दुखद खबर सामने आई है। यहां सैजना गांव में आकाशीय बिजली गिरने से परिजनों के साथ खेत में धान की रोपाई कर रहे भाई-बहन की मौत हो गई है।
सैजना गांव में सोमवार सुबह खेत में आकाशीय बिजली गिरने से धान की रोपाई लगा रहे भाई-बहन की दर्दनाक मौत हो गई है। घटना से इलाके में हड़कंप मचा है।
मृतक सुमित राणा (19) और बहन सुहावनी राणा (24) सुबह करीब 10:00 बजे अपने खेत में धान की रोपाई लगा रहे थे साथ में उनकी माता संक्रांति देवी और बड़ा भाई गोविंद सिंह भी रोपाई लगा रहे थे।
अचानक आकाशीय बिजली गिरने से सुमित और सुहावनी की मौके पर ही मौत हो गई। आकाशीय बिजली गिरने की सूचना से गांव में सा हड़कंप मच गया। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए खटीमा उप जिला अस्पताल ले जाया गया।
तहसीलदार हिमांशु जोशी का कहना है कि परिजनों को देवीय आपदा और कृषि मंडी समिति से मुआवजा दिया जाएगा।
अज्ञानता के अंधकार से निकलकर ज्ञान के उजाले में जीवन जीना ही भक्ति है-निरंकारी राजपिता रमित जी
देहरादून, निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में नरेंद्र नगर शहर में आयोजित हुए निरंकारी संत समागम में श्रद्धालुओं एवं भक्तों ने सम्मिलित होकर आध्यात्मिक आनंद को प्राप्त किया।
विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुए निरंकारी राजपिता जी ने फरमाया कि धर्म का वास्तविक महत्व ब्रह्म की जानकारी प्राप्त करने के उपरांत ही समझ में आता है और इस परमात्मा से नाता जुड़ने के उपरांत समाज में सद्भावना और एकत्व के सुंदर भाव को विस्तारित किया जा सकता है।
भक्ति की अवस्था का ज़िक्र करते हुए उन्होंने समझाया कि संतों और भक्तों ने हर युग में धर्म के महत्वपूर्ण संदेशों को सांझा किया है। पहले भी जीवन में प्रेम और नम्रता को महत्व दिया जाता था और आज भी भक्ति की अवस्था को और ऊंचा करने के लिए जीवन में प्रेम एवं नम्रता जैसे मानवीय गुणों का होना अत्यंत आवश्यक बताया है। यह दिव्य भाव केवल ईश्वर से नाता जुड़ने के उपरांत ही हमारे जीवन में प्रकट होते है और एक भक्त को सहज एवं सरल बनाकर जीने का ढंग सिखाते है।
सतगुरु के ज्ञान से जीवन में रोशनी आती है और हमारा हर पल भक्ति के रंगों से भर जाता है। फिर हम अज्ञानता रूपी अंधकार से निकलकर ब्रह्मज्ञान रूपी प्रकार के ज्ञान से युक्त जीवन जीते है। यही परमधर्म है जो हमें केवल जोड़ना सिखाता है। इस एक परमात्मा को जानकर इसे मानते हुए एक हो जाने के संुदर भाव से हमें अवगत करता है। सही अर्थो में यही सच्चा धर्म है।
स्थानीय संयोजक कल्याण सिंह नेगी ने निरंकारी राजपिता रमित जी एवं समस्त साध संगत का हृदय से आभार व्यक्त किया एवं प्रशासन द्वारा किए गए सराहनीय सहयोग हेतु धन्यवाद दिया।
महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं, को-ऑपरेटिव बैंकों में 33 प्रतिशत आरक्षण, धामी कैबिनेट की मंजूरी
* सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी: डॉ. धन सिंह रावत
* एकल परिवार का सहकारी संस्थाओ में नियंत्रण एवं भाई भतीजावाद का हुआ अंत, सबको मिलेगी संस्थाओं में अवसर की समानता : डॉ. धन सिंह रावत
देहरादून, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार, सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म कर दी गई है |
डॉ. रावत ने कहा कि सत्ता के इस असंतुलन को दूर करने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शासन संरचना का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। महिलाएं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से नेतृत्व के पदों पर कम प्रतिनिधित्व मिला है, सहकारी संस्थाओं के प्रभावी कामकाज की दिशा में एक अनूठा दृष्टिकोण और योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि , सहकारी समितियों के उच्च स्तरों पर निदेशक मंडल और अध्यक्षों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी जरूरी है। इससे महिलाओं के निर्णय लेने की प्रक्रिया में विचारों और अनुभवों की विविधता भी आएगी। महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे , जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा देश का उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33% आरक्षण की मंजूरी दी गई है।
सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि धामी कैबिनेट ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सहकारी क्षेत्र में नेतृत्व के पदों पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. रावत की अटूट लगन और दृढ़ संकल्प ने पिछले दो वर्षों में आयोजित एक दर्जन से अधिक समीक्षा बैठकों के बाद आखिरकार फल दिया है।
उत्तराखंड, कई अन्य राज्यों की तरह, लैंगिक असमानता और निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी के मुद्दों से लंबे समय से जूझ रहा है। राज्य में 10 जिला सहकारी बैंक, शीर्ष सहकारी संस्था, 670 एमपैक्स ( बहुद्देश्यीय सहकारी समिति) संचालित होने के साथ, नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी।
डॉ. रावत के प्रयासों ने न केवल सहकारी क्षेत्र में अधिक लैंगिक विविधता और समावेशिता का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय मिसाल कायम की है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए आवाज उठाकर उन्होंने सार्थक बदलाव लाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति और वकालत की शक्ति का प्रदर्शन किया है। यह देखकर खुशी होती है कि उत्तराखंड में महिलाओं की आवाज सुनी जा रही है और उनके योगदान को मान्यता दी जा रही है। सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राज्य सरकार की प्रगतिशील मानसिकता और इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।
*उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 के अंतर्गत निबंधित सभी प्रकार की सहकारी समितियों एवं संस्थाओं में, यह संशोधन लागू होंगे :
सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्था
*उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
*उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ (UCF)
*उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ
*प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन (PCU)
*उपभोक्ता सहकारी संघ
*उत्तराखंड रेशम फेडरेशन
*उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन
*उत्तराखंड भेड़ -बकरी एवं शशक फेडरेशन
*उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ
*श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ
*उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ
*उत्तराखंड साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ
*उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ
*10 जिला सहकारी बैंक
*670 एम पैक्स (बहुद्देश्यीय सहकारी समिति)
भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को कैंट विधायक एवं कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि
देहरादून, कैंट विधानसभा कार्यालय में भारतीय जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को कैंट विधायक एवं कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दी ।
इस अवसर पर श्रीमति सविता कपूर ने कहा की भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद जी को हम सभी कार्यकर्ता नमन करते है और उनकी ही विचार धारा पर हम आगे बढ़ रहे है । श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने कहा था एक देश में दो विधान दो निशान दो प्रधान नही चल सकते , और उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। आज वार्ड 39 इंदिरा नगर के सभी कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है और हम सभी अखंड भारत निर्माण के संकल्प को सिद्ध. करना चाहते है ।
इस अवसर पर विनोद रावत,सूरज सिंह बिष्ट, बूथ अध्यक्ष जय प्रकाश रावत, अजय नैथानी, अंब्रीश कुमार, महिपाल राणा, ढौंडियाल जी,मनीष सेठी,शमीम अंसारी, कमल गोरख, मोहित अरोरा, आशीष कपूर आदि लोग मौजूद रहे ।
मुनस्यारी बचाओ संघर्ष समिति की बनी तदर्थ कमेटी : भूमि के खरीद फरोख्त पर रखेंगे नजर
-30 ग्राम पंचायतों में बनेगी ईकाई, समस्याओं को लेकर होगा संघर्ष
मुनस्यारी, चीन बॉर्डर क्षेत्र में “मुनस्यारी बचाओ संघर्ष समिति” की रविवार को पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक में 9 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी समिति के लिए एसओपी तैयार करने के साथ-साथ समिति के विधिवत गठन से पूर्व 30 ग्राम पंचायत में समिति की इकाई गठित करेगी। क्षेत्र के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की गई। समस्याओं के समाधान के लिए आगे जन संघर्ष भी किया जाएगा। बैठक में चीन बॉर्डर क्षेत्र की उपेक्षा पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया।
विकास खंड सभागार में आयोजित बैठक में मुनस्यारी बचाओ संघर्ष समिति बनाने के लिए जमा हुए विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने संघर्ष समिति की आवश्यकता जोर देते हुए कहा कि चीन बॉर्डर क्षेत्र की जबरदस्त उपेक्षा हो रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। शासन और सरकार के द्वारा इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की ताकत तथा संघर्ष ही इस क्षेत्र की जनता को न्याय दिला सकती है।
उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र में उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सक, शिक्षक, मानव डॉक्टर के साथ साथ सरकारी विभाग में दर्जनों पद रिक्त है।
बैठक में तय किया गया कि समिति को सशक्त बनाने के लिए ग्राम स्तर पर समिति का ढांचा गठित होना आवश्यक है। इसके लिए ग्राम प्रधान मनोज मर्तोलिया (मल्ला घोरपट्टा), कृष्णा सिंह सयाना (तल्ला घोरपट्टा) महेश रावत (जैती) क्षेत्र पंचायत सदस्य ईश्वर सिंह कोरंगा, व्यापार संघ अध्यक्ष प्रमोद कुमार द्विवेदी, मल्ला जोहर विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम सिंह धर्मशक्तू, केदार सिंह मर्तोलिया, राजू पांगती को तदर्थ कमेटी का सदस्य बनाया गया है। कमेटी के संयोजक के रूप में जिला पंचायत जगत मर्तोलिया कार्य करेंगे। बैठक में तय किया गया है कि कमेटी द्वारा कार्य करने के लिए एक एसओपी का निर्माण किया जाएगा। इसी के साथ तहसील मुख्यालय के आसपास के 30 ग्राम पंचायतों में समिति की इकाइयां गठित की जाएगी।
बैठक में तय किया गया है कि भविष्य में प्रस्तावित नगर पंचायत सहित मुनस्यारी के समस्त ग्राम पंचायतों में समिति की इकाइयां बनाई जाएगी।
समिति मुनस्यारी के समस्त ग्राम पंचायतों का प्रतिनिधित्व करेगी। समिति के द्वारा विभिन्न मुद्दों पर जन जागरूकता के साथ-साथ जन संघर्ष भी किया जाएगा।
इसके लिए भी प्रस्तावना तैयार की जाएगी।
मुनस्यारी विकास खंड में लगातार बढ़ रहे भूमि खरीद फरोख्त के मामलों पर चिंता व्यक्ति की गई। इस पर भी समिति अपना रूप स्पष्ट करेगी।
इस अवसर पर समाजसेवी श्रीमती तारा पांगती, कर्नल मंगल सिंह सयाना, लोक बहादुर सिंह जंगपांगी, मनोहर सिंह टोलिया, केदार सिंह मर्तोलिया, प्रमोद द्विवेदी, ईश्वर सिंह कोरंगा ने अपने विचार व्यक्त किए। समिति की अगली बैठक 5 जुलाई को ग्राम पंचायत मल्ला घोरपट्टा के पंचायत घर में रखी गई है। जिसमें आज तक की प्रारूप पर बातचीत की जाएगी।
हम अन्तिम क्षण तक सभी दोषियों को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे : रमन शाह
देहरादून, कचहरी स्थित शहीद स्मारक में उत्तराखण्ड़ राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा सीबीआई कोर्ट मुजफ्फरनगर में मुजफ्फरनगर काण्ड की निःशुल्क पैरोकारी करने वाले अधिवक्ताओं का स्वागत कार्यक्रम व बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का संचालन पूरण सिंह लिंगवाल ने किया व अध्यक्षता जगमोहन सिंह नेगी द्वारा की गयी। इस बीच मुजफ्फरनगर बार के वरिष्ठ अधिवक्ता रजनीश चौहान के परिजन का देर रात देहान्त होने के कारण दोनों ही अधिवक्ता स्वागत हेतु दून शहीद स्मारक नहीं पहुँच पाये। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व महाधिवक्ता रमन शाह नैनीताल से सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुँच कर सभी राज्य आंदोलनकारियों का धन्यवाद दिया और बताया कि यह हमारी अस्मिता का सवाल हैं इसलिये सम्मान से जीने का हक सभी को हैं हम अन्तिम क्षण तक सभी दोषियों को सजा दिलाने का प्रयास करेंगे। जब इतने वर्षों तक न्याय ना मिलने से हमने सभी के सहयोग से दस्तावेज क्रमवार तैयार करने का प्रयास किया तो आन्दोलन से संबंधित रिट की स्टडी की साथ ही देहरादून में कई अधिवक्ताओं व राज्य आंदोलनकारी मंच के सहयोग के साथ नैनीताल बार के कई अधिवक्ताओं के साथ बैठक कर मुजफ्फरनगर बार के अधिवक्ताओं के साथ समन्वय बनाया और सबसे महत्वपूर्ण हमारे गवाहों के सहयोग से हम इतना आगे बढ़ पाये और सजा दिलवाने में सफल हो रहे हैं एवं यह क्रम जारी रहेगा।
प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व धीरेन्द्र प्रताप व रवीन्द्र जुगरान के साथ ही सभी मातृशक्ति व राज्य आंदोलनकारियों ने फूल मालाओं से रमन शाह का स्वागत किया साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता पृथ्वी सिंह नेगी व मसूरी से आये देवी गोदियाल का भी गुलदस्ता देकर स्वागत और धन्यवाद दिया। कोषाध्यक्ष जयदीप सकलानी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती द्वारा रमन शाह को मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
पूर्व राज्य मंत्री रवीन्द्र जुगरान व धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व पूर्व उप महाधिवक्ता श्री रमन शाह जी की मेहनत से नैनीताल बार के अधिवक्ताओं व मुजफ्फरनगर बार के अधिवक्ताओं के साथ बेहतरीन समन्वय बनाकर उनकी पहल पर मुजफ्फरनगर अधिवक्ताओं द्वारा पूरी मेहनत व शिद्दत के साथ मजबूती से राज्य आंदोलनकारियों का पक्ष रख रहें हैं।
जगमोहन सिंह नेगी के साथ द्वारिका बिष्ट व पुष्पलता सिलमाणा ने रमन शाह के साथ मुजफ्फरनगर के दोनों अधिवक्ताओं अनुराग वर्मा व रजनीश चौहान का विशेष धन्यवाद दिया कि उन्होंने शहीदों के परिजनों के साथ ही सभी राज्य आंदोलनकारियों में उम्मीद जागाने व न्याय दिलाने का कार्य किया हैं।
इस मौके पर धीरेन्द्र प्रताप , वरिष्ठ अधिवक्ता व सलाहकार पृथ्वी सिंह नेगी , कोटद्वार से महेन्द्र रावत , मसूरी से देवी गोदियाल , ऋषिकेश से डी एस गुसाईं , हरिद्वार से सूर्यकांत भट्ट , सतपुली से विशम्भर दत्त बौठींयाल , पौड़ी से स्व महावीर सिंह नेगी की पुत्री रेखा नेगी , युवा नेता मोहन भण्डारी , सचिवालय एथलीट संघ से ललित चन्द्र जोशी , सलाहकार केशव उनियाल , महासचिव रामलाल खंडूड़ी , प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती , महेन्द्र रावत , जयदीप सकलानी , प्रताप सिंह रावत , अभिनव थापर , नवीन रमोला , नरेन्द्र नौटियाल , चन्द्र किरण राणा , सुरेश नेगी , सतेन्द्र भण्डारी , मोहन खत्री , मनमोहन नेगी , सुनील नौगाँई , धर्मानंद भट्ट , विनोद असवाल , पुष्पलता सिलमाणा , पुष्पा नेगी , द्वारिका बिष्ट , तारा पाण्डे , सुभागा फर्स्वाण , राधा तिवारी , तारा पाण्डे , अरुणा थपलियाल , रेखा पंवार , उषा उनियाल , सरोजनी नौटियाल , साबी नेगी , आशा नौटियाल , भीम सिंह रावत , लोक बहादुर थापा , जितेन्द्र नेगी , विरेन्द्र गुसांई , मनोज नौटियाल , धर्मपाल सिंह रावत प्रेम सिंह नेगी , वीर सिंह रावत , विजय बलूनी , एच के पेटवाल , हेमंत मंझखोला , प्रभात डण्डरियाल , आशीष कण्डवाल , सुदेश सिंह , सुमित थापा , सुबोध सेमवाल आदि उपस्थित रहे।
गुस्से में दूनवासी : रोड़ चौडीकरण के नाम पर वृक्षों का कटान अब मंजूर नहीं
“पर्यावरण को बचाने के लिए निकली विशाल जन जागरूकता अभियान रैली”
देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून शहर में विकास के नाम पर सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों के कटान से दूनवासी गुस्से में हैं, इसी गुस्से का इजहार करते हुये रविवार की सुबह हजारों पर्यावरण प्रेमी सड़क पर उतर आये और दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक रोड़ चौडीकरण के दौरान काटे जाने वाले 244 वृक्षों को बचाने और दून घाटी के पर्यावरण को बचाने के लिए आज एक विशाल जन जागरूकता अभियान चलाया गया, रविवार सुबह 7 बजे पदयात्रा शुरू होने से पहले सिटीजंस फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि पर्यावरण बचाओ आांदोलन /पदयात्रा हमारे नेताओं और नीति निर्माताओं को समग्र रूप से जागरूक करने का एक सामूहिक प्रयास है साथ ही आम जनमानस को सामान्य रूप से जागरूक करने का भी प्रयास है | देहरादून घाटी के पर्यावरण को सुरक्षित रखने और बचाने के लिए एक जंग जागरूकता अभियान के रूप में शुरू किया गया है |
यहां यह भी कहना जरूरी है कि दूनघाटी का जनमानस पर्यावरण, जल संसाधनों की बर्बादी के साथ साथ हमारे प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा कर आया और उन्हें क्षति पहुंचाकर विकास नहीं चाहता है | बल्कि विकास की प्रक्रिया में आम जनमानस के हितों और पर्यावरण का ध्यान रखना अनिवार्य होगा, इसलिए उत्तराखंड़ के मूल निवासियों के हितों और सुझावों के आधार पर ही विकास होना चाहिए, ना ही ऐसे लोग हमारे राज्य के विकास का सुझाव दें जिनका इस राज्य की मूल भावना से कोई लेना देना नहीं है, जनता सतत् और स्थाई विकास चाहती है। डॉ. रवि चोपडा, जगमोहन मेहंदी रत्ता, विजय भट्ट, अनूप नौटियाल , ईरा चौहान, हिमांशु अरोड़ा, तन्मय ममगाईं , हिमांशु चौहान, अभिजय नेगी , जया सिंह, कमला पन्त ने भी अपनी बात जनता के सामने रखी। समूह ने बल्लुपुर से पांवटा साहिब, आशारोडी से झाझरा, भानियावाला से ऋषिकेश और सुद्दोवाला से मसूरी के लिए बनने वाले मार्गों पर काटे जाने वाले हजारों पेड़ पौधों को बचाने का आह्वान किया |
जन जागरूकता के इस कार्यक्रम में जयदीप सकलानी और सतीश धौलाखंडी ने जनगीत गाये, मैड संस्था, पराशक्ति और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, पराशस्ति, आगाज़ फैडरेशन, यूथ क्लब के सदस्यों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किये और नाटकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के सन्देश दिए |
कार्यक्रम के अंतिम चरण में ऋतू चटर्जी ने पर्यावरण सुरक्षा की शपथ दिलवाई, कार्यक्रम का संचालन ईरा चौहान ने किया ।
कार्यक्रम में आरटीआई क्लब देहरादून, सिटीजंस फॉर ग्रीन दून, दून सिटिजन फोरम, फ्रेंड्स ऑफ़ दून, संयुक्त नागरिक संगठन, एसएफआई, एसडीसी धाद, बीटीडीटी, आर्यन ग्रुप के फैजी अलीम, अनीश लाल, रूचि सिंह राव, नेचर्स बड़ी, जे पी मैठाणी, हैरी, हिमांशु चौहान और शहर के कई वरिष्ठ नागरिकों और संगठनों ने भाग लिया |
जितना जरूरी है उतना सड़क का चौड़ीकरण होगा, लेकिन बिना पेड़ काटे : मुख्यमंत्री
देहरादून, उत्तराखण्ड़ राज्य बनने के बाद से देहरादून में जहां जमीनों की खरीद फरोख्त का धंधा खूब चलने लगा वहीं राज्य की अस्थायी राजधानी दून को जाम से निजात दिलाने और स्मार्ट दून बनाने कवायद भी जोरशोर से चल रही है, सुन्दर दून बनाने के चक्कर में सड़कों का चौड़ीकरण और इस हजारों की संख्या में खड़े पेड़ों के कटान की दून के नागरिक आक्रोशित हैं, कैंट रोड व खलंगा में हरे पेड़ काटे जाने पर बेशक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रोक लगा दी हो, लेकिन पर्यावरण प्रेमियों की चिंता अभी कम नहीं हुई है। दून में हरे पेड़ों को विकास की भेंट चढ़ने से कैसे रोका जाए, इसी संकल्प के साथ आज दिलाराम बाजार से सेंट्रियो मॉल तक पर्यावरण बचाओ पदयात्रा निकाली गई।
पदयात्रा में कई विभिन्न संगठनों के पर्यावरण प्रेमी एकत्रित हुए। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि हरियाली को होने वाले नुकसान से देहरादून का तापमान लगातार बढ़ रहा है। यहां के बाग-बगीचे खत्म हो गए और जलस्रोत सूख गए हैं। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि नदी-नालों पर अतिक्रमण हो गया है। सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है। सरकार को पेड़ों को काटने से बचाना होगा। पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा कहते हैं, अगर इसी तरह पेड़ों काे काटा जाता रहा तो 2047 में विकसित भारत बनने का सपना तो छोड़िए 2037 तक ये दून घाटी हरियाली विहीन हो जाएगी। यह पदयात्रा इसी संकल्प के साथ निकाली गई है।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर कहा कि न्यू कैंट रोड का चौड़ीकरण होगा लेकिन बिना पेड़ काटे। मीडियाकर्मियों ने उनसे सड़क के चौड़ीकरण में पेड़ों को काटे जाने के संबंध में प्रश्न किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना जरूरी है उतना सड़क का चौड़ीकरण होगा, लेकिन बिना पेड़ काटे।
उपचुनाव में इंडिया गठबंधन, सिविल सोसाइटी का कांग्रेस को समर्थन
देहरादून (आरएनएस)। बदरीनाथ, मंगलौर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने कांग्रेस प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिया। सभी ने कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने का संकल्प लिया। मजबूती से चुनाव लड़ने पर जोर दिया। कांग्रेस भवन में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठनबंधन ने संयुक्त रूप से बेहतर प्रदर्शन किया। बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में भी मजबूती से लड़ा जाएगा। संयुक्त रूप से एकजुटता के साथ चुनाव लड़कर भाजपा की विघटनकारी नीतियों के खिलाफ जीत दर्ज की जाएगी। कांग्रेस ने स्वच्छ छवि के जमीनी कार्यकर्ताओं को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों का इतिहास जनता के लिए संघर्ष का रहा है। दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशी अपनी मूल विचारधारा के खिलाफ वाले हैं। कहा कि लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को जीत नहीं मिल पाई, लेकिन कांग्रेस का वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है। कांग्रेस पिछले चुनाव की हार के अंतर को कम करने में कामयाब रही है। भाजपा ने अपना जनाधार खोया है। उपचुनाव में अब कांग्रेस बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी।
सीपीआई के नेशनल काउंसिल मेंबर समर भंडारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य एकजुटता के साथ उपचुनाव में भाजपा को हराना है। सीपीआई माले के प्रदेश सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि उपचुनाव में गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जीत का प्रयास किया जाएगा। इंसानियत मंच के रवि चोपड़ा ने कहा कि भाजपा की जन विरोधी, गरीब विरोधी, बेरोजगार नौजवान विरोधी नीतियों को जनता तक पहुंचाना है। सपा के राष्ट्रीय सचिव एसएन सचान ने कहा कि हमें संयुक्त रूप से जमीनी स्तर पर प्रयास करने होंगे। बैठक में भारत जोड़ो अभियान के उत्तराखण्ड संयोजक भुवन पाठक, महिला मंच की प्रदेश अध्यक्ष निर्मला बिष्ट, किसान सभा के सुरेन्द्र सजवाण, आनन्द रावत, शीशपाल सिंह बिष्ट, त्रिलोचन भट्ट, नन्दिनी आर्य, शंकर गोपाल मौजूद रहे।
गठबंधन की मंगलौर, गोपेश्वर में होगी बैठक
बैठक में तय हुआ कि नन्दिनी आर्य उपचुनाव में गठबन्धन एवं सिविल सोइटी की सोशल मीडिया इंचार्ज होंगी। गठबन्धन की अगली बैठक 29 जून को मंगलौर और एक जुलाई को गोपेश्वर में होगी।
उत्तराखंड में भारी बारिश का ऑरेंज-यलो अलर्ट, नैनीताल के लिए खास चेतावनी
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड में बीते दिनों हुई प्री-मॉनसून बारिश से मौसम बदल गया है। उम्मीद है कि उत्तराखंड में भी मानसून जल्द दस्तक देगा। इस बीच मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले सात दिन तक बारिश वाला मौसम रहने का पूर्वानुमान जताया है। अगले सात दिनों के दौरान उत्तरखंड के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से झमाझम बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी के मुताबिक, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में 25 से 27 जून के दौरान भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की गई है।
वहीं मौसम विभाग की ओर से नैनीताल जिले में 24 से 29 जून के दौरान आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की इस चेतावनी को देखते हुए नैनीताल जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। खासतौर पर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। अपर जिलाधिकारी पीआर चौहान ने बताया कि मौसम विभाग ने 24 से 26 जून और उसके बाद 29 जून तक मौसम को लेकर ऑरेज अलर्ट जारी किया है। IMD की ओर से जारी चेतावनी को देखते हुए जिले में अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस दौरान सभी अधिकारियों और कर्मचारियों उनके अपने-अपने मुख्यालय पर बने रहने को कहा गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों यह भी निर्देश हैं कि वे इस अवधि के दौरान अपने मोबाइल फोन को 24 घंटे खुला रखें। अधिकारी ने यह भी बताया कि भारी बारिश की स्थिति में सभी तहसीलों से हर घंटा की ताजा रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी सेंटर को मुहैया कराने को कहा गया है। संवेदनशील रास्तों और सड़कों पर जेसीबी मशीनों को तैयार रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। लोगों से खराब मौसम के दौरान बाहर निकलने से परहेज करने की सलाह दी गई है। खासतौर पर किसानों से बारिश और वज्रपात के दौरान खेती बाड़ी के काम में एहतियात बरतने की अपील की गई है।