Thursday, June 19, 2025
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25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाकर कांग्रेस ने किया लोकतंत्र का चीर हरण :मदन कौशिक

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हरिद्वार( कुलभूषण) भारतीय जनता पार्टी विधानसभा हरिद्वार के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस द्वारा 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लगाए जाने के विरोध में आपातकाल की बरसी बनाई और कैंडल मार्च निकालकर उन शहीदों को श्रद्धांजलि जिन्होंने आपातकाल में अपने प्राण गवाए है
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में लोकतंत्र की हत्या का दिन गिना जाता है। कहा कि कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 की रात को केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी और संविधान का गला घोट दिया। आपातकाल लगाने के बाद राजनीतिक नेताओं, पत्रकारों और अन्य को जेल में डाल दिया । उन्होंने कहा कि देश को बदनाम करने के लिए कांग्रेस साजिश कर रही है और संविधान सहित कई संस्थाओं को भी अपनी राजनीति का शिकार बना रही है।
आज ही के दिन देश में आपातकाल लगाने की घोषणा तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की देर रात आकाशवाणी पर एक प्रसारण में की थी। इससे कुछ घंटों पहले, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सदस्य के रूप में इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सशर्त रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा गांधी से कहा था कि, वह संसदीय कार्यवाही से दूर रहें। हालांकि, उन्‍होंने कुछ और ही सोच रखा था। यह आपातकाल देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी।
भाजपा महिला मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनु कक्कड़ ने कहा की संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रपति देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा-चाहे वह युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से हो- होने पर आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
भाजपा जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी ने आपातकाल को लोकतंत्र पर लगा ‘काला धब्बा’ करार देते हुए आज मंगलवार को कहा कि इसकी 50वीं बरसी के मौके पर देशवासी यह संकल्प लें कि भारत में फिर कभी कोई ऐसा कदम उठाने की हिम्मत नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “आज 25 जून है, जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित है, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं… उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिवस है। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ठाकुर सुशील चौहान ने कहा की 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नयी पीढ़ी इस बात को कभी नहीं भूलेगी कि उस समय कैसे देश के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था। देश को जेल खाना बना दिया गया था और लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।
भाजपा ने सोमवार को कहा कि वह कांग्रेस की तानाशाही और संविधान के प्रति उसकी सोच का ‘पर्दाफाश’ करने के लिए 1975 के आपातकाल की बरसी के मौके पर एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम प्रत्येक मंडल में आयोजित कर रही है
“आपातकाल भारत के महान लोकतंत्र का एक काला अध्याय है जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश में लोकतंत्र का गला घोंटते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश पर ‘आपातकाल’ थोप दिया था।”
वर्ष 1975 में 25 जून को ही पूरे देश में आपातकाल लगाई गई थी। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के इशारे पर सरकारी एजेंसियों ने तमाम विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था। आम लोगों के अधिकारों पर कैंची चलाई गई और विरोध करने वालों को हाशिये पर डाल दिया गया। इसे भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है। बीजेपी हर साल इस दिन को इमरजेंसी के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करती है

भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश शर्मा और तरुण नैय्यर ने कहा कि वर्ष 25-26 जून 1975 की मध्य रात्रि में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था जिसमें विपक्ष के नेताओं को जेलों में डाल दिया गया. इसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई , पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत देश के अनेकों राजनेताओं को जेलों में डाल दिया गया था . इतना ही नहीं समाचार पत्रों मीडिया पर भी पाबन्दी लगा कर लोकतंत्र का गला घोंटा गया . खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई गयी. न्यायपालिका को अपने अधीन कर देश में आम जनता को बंधक बनाने का कार्य उन दिनों के कांग्रेस काल में हुआ जो घोर निंदनीय था .
कहा कि 1975 से 1977 लगभग 19 माह के कार्यकाल में कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर देश की संस्थागत संस्थाओं पर अपना अधिकार जमा लिया. यह सब उन्होंने रायबरेली लोकसभा चुनाव में जीत को हाई कोर्ट बेंच ने स्थगित कर दिया और वह सुप्रीम कोर्ट चली गई. 11 अगस्त को उनका रायबरेली सीट का निर्णय आना था उस निर्णय से भयभीत होकर इंदिरा गाँधी ने पूरे देश में आपातकाल लगाया और उन्होंने देश को 19 माह तक कानून व्यवस्था न्यायपालिका शासन प्रशासन को अपने हाथ में लेकर विपक्ष के नेताओं को और उनके खिलाफ में बोलने वाले सभी नेताओं को पूरे देश से लगभग डेढ़ लाख लोगों को जेलों में पहुंचा दिया .
आज के कार्यक्रम में महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष मृदुल सिंघल मंडल महामंत्री आकाश चौहान पार्षद अनिरुद्ध भाटी सपना शर्मा सपना शर्मा नेपाल सिंह मोनिका सनी सरोज जाखड़ निशा पुंडीर विजय पाल सिंह निशा पुंडीर हर्षित त्रिपाठी हर्षित त्रिपाठी की बीपी सिंह देवेश मुंबई सुनील शेट्टी प्रशांत सैनी आदि उपस्थित थे

कृषि मंत्री से मांगा स्पष्टीकरण : क्या है ? अदानी समूह के निवेश का असली राज

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देहरादून, उत्तराखंड़ कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी एवं प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कृषि मंत्री से अदानी समूह द्वारा उत्तराखंड में 500 करोड़ का निवेश किए जाने पर स्पष्टीकरण मांगा है। दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड़ के कृषि मंत्री कह रहे हैं कि अडानी समूह उत्तराखंड के कृषि क्षेत्र में कृषि उपज को खरीदने के लिए 500 करोड रुपए का निवेश करेगा लेकिन हरियाणा, पंजाब के किसान हों या देश के किसान, लगातार अडानी और अंबानी समूह के खिलाफ मुखर विरोध कर रहे हैं क्योंकि अदानी समूह मनमाने तरीके से किसानों की फसल को खरीदने का काम करता है और फिर मनमाने दामों पर उसको बाजार में बेचने का काम करता है। दसौनी ने कहा की इसलिए हमें आशंका है कि सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूरी कृषि उपज मनमाने तरीके से उद्योगपति मित्रों के हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी की जा रही है और राज्य सरकार बताए की आखिर ये काम क्यों उत्तराखंड के बेरोजगार नौजवानों को नहीं सौंपा जा सकता और तो और सरकार क्यूं स्वयं की जिम्मेदारियां को नहीं समझ रही है ?सरकार को अगर भंडारण केंद्र ही बनाने हैं, कोल्ड स्टोरेज बनाने हैं तो अपने दम पर क्यों नहीं बना रही ?
प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा की यह कार्य उत्तराखंड के किसानों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन देकर क्यों नहीं दिया जा सकता? आखिर ऐसा क्या है की इसके लिए भी उनको अदानी समूह में ही संभावनाएं नजर आ रही हैं और इसकी क्या गारंटी है कि आने वाले समय में उत्तराखंड की पूरी कृषि उपज , फलों की उपज मनमाने तरीके से अडानी समूह के हाथ में नहीं चली जाएगी? इस पर भी सरकार को अपना रवैया स्पष्ट करना चाहिए। या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि उद्यान घोटाले में संदेहास्पद भूमिका होने के चलते और सीबीआई का शिकंजा कसते देख ध्यान भटकाने के लिए कृषि मंत्री कोई नया पैंतरा चल रहे हो ?

 

नदियों के पुनर्जीवन के नाम पर केवल बजट ठिकाने लगाने का इंतजाम कर रही सरकार : धस्मानाTeach children the lesson of unity in diversity Dhasmana - बच्चों को पढ़ाएं  अनेकता में एकता का पाठ : धस्माना, देहरादून न्यूज

ऋषिपणा और कोसी नदी पर पहले श्वेत पत्र जारी करे सरकार : सूर्यकांत

देहरादून, उत्तराखंड राज्य में जल संरक्षण अभियान के नाम पर नदियों को पुनर्जीवित करने का सरकार केवल ढकोसला कर रही है वास्तविकता यह है कि इस नाम पर केवल हजारों करोड़ रुपए के बजट को ठिकाने लगाने का इंतजाम किया जा रहा है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। राज्य सरकार के जलस्रोत नदी पुनर्जीवन प्राधिकरण सारा के द्वारा राज्य की पांच नदियों टिहरी देहरादून में सोंग, पौड़ी की पूर्वी व पश्चिमी न्यार,नैनीताल की शिप्रा, व चम्पावत में गौड़ी नदियों को पुनर्जीवित करने के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सूर्यकांत ने कहा कि पहले राज्य की सरकार श्वेत पत्र जारी कर राज्य की जनता को बताए कि।वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के तत्कालीन मुखिया श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा रिसपना नदी (जिसका उन्होंने नया नामकरण ऋषिपणा कर दिया था ) व कोसी नदी के पुनर्जीवन की घोषणा 2017 में की थी और पिछले सात वर्षों में कई सौ करोड़ रुपए इनके पुनर्जीवन के कार्यक्रम में खर्च किए गए किंतु इन दोनों नदियों का पुनर्जीवित होना तो दूर इनकी स्थिति बद से बदतर हो गई । उन्होंने कहा कि रिसपना का हाल तो यह है कि उसके स्रोत तक सरकार व शासन की नाक के नीचे अतिक्रमण हो गया जिस पर अब एन जी टी द्वारा संज्ञान लेने व सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद अब जा कर कुछ कार्यवाही की जा रही है । श्री धस्माना ने कहा कि सारा को निश्चित रूप से राज्य की नदियों के पुनर्जीवन व खत्म हो चुके जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का अभियान चलाना चाहिए किंतु इससे पहले उन कारणों को समाप्त करने की आवश्यकता है जिनके कारण हमारी नदियां व जल स्रोत सूख रहे व लुप्त हो रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि पिछले दस वर्षों में पहाड़ों में जिस तरीके से अंधाधुंध निर्माण हुए , ऋषिकेश से लेकर कर्णप्याग तक रेल लाइन बिछाने के लिए सुरंगें खोदी गई, चार धाम के लिए आल वैदर रोड के नाम पर पहाड़ों के सीने पर भारी मशीनें चलाई गईं व लंबी लंबी सुरंगें बनाई गई , लाखों हैक्टेयर जंगल जल कर राख हो गए ये मुख्य कारण हैं हमारी नदियों व जल स्रोतों के सूखने का। श्री धस्माना ने कहा कि श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ जी में जिस प्रकार से बुलडोजर व भारी मशीनें चलाई जा रही हैं उनसे उच्च हिमालई क्षेत्र में ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिनसे रैणी जैसी आपदाएं घट रही हैं। श्री धस्माना ने कहा कि बिना इन विषयों को संबोधित किए केवल नदियों व जल स्रोतों के पुनर्जीवन का अभियान केवल कागजी कसरत है जिनका परिणाम रिसपणा व कोसी जैसा ही होना तय है और इस अभियान का मकसद केवल मोटा बजट ठिकाने लगाना ही हो सकता है।

अपहृत किशोरियां को पुलिस ने यूपी से किया बरामद, पांच आरोपी गिरफ्तार

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हल्द्वानी, पुलिस ने 6 दिन पूर्व अपहृत किशोरियों को यूपी से बरामद कर लिया गया है। इस मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें किशोरियों को अगवा करने वाले किशोर के साथ ही संरक्षण देने वाले उसके रिश्तेदार शामिल हैं।
मंगलवार की देर सायं एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा कोतवाली में किशोरियों के बरामद होने की जानकारी दी। बताया कि छह दिन पूर्व बनभूलपुरा थाने में जवाहर नगर क्षेत्र की दो नाबालिग लड़कियां गायब हो गई थी। उनके साथ बनभूलपुरा क्षेत्र के एक नाबालिग बालक के जाने का मामला भी दर्ज कराया गया था। इस मामले की रिपोर्ट वनभूलपुरा थाने में दर्ज की गई थी। पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए चार टीमों का गठन किया था।
सीसीटीवी फुटेज में दोनो लापता किशोरियां रोडवेज बस स्टेशन से एक युवक के साथ ई रिक्शा में सवार होकर मंगलपड़ाव की ओर जाती हुई दिखाई दी। पुलिस ने ई रिक्शे में सवार बालक के बारे में जानकाीर हासिल की तो उसकी पहचान 16 वर्षीय बालक निवासी जवाहर नगर वनभूलपुरा के रूप में हुई। पुलिस टीम ने बालक के रिश्तेदारो, दोस्तो, पहचान वालो आदि से गहन पूछताछ की, साथ ही गुमशुदा बालिकाओं और बालक के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर उनकी लोकेशन आदि के बारे में जानकाीर प्राप्त की। उनकी लोकेशन बदायूं के सहसवान में मिली तो एक टीम को बदायूं केे लिए रवाना कर दिया गया। इसके बाद दूसरी पुलिस टीमों को काशीपुर, मुरादाबाद, दिल्ली भेजकर गुमशुदाओ की तलाश की गयी और उन क्षेत्रो गुमशुदाओ व संदिग्ध बालक के रिशतेदार, पहचान वाले, दोस्तों के घर जाकर तलाश तथा पूछताछ की गयी।
पुलिस ने जांच में पाया कि दोनों बालिकाओं को पहले नाबालिग अपनी बहन निशा पत्नी उजैर उर्फ आसिफ निवासी मृदाटोला थाना सहसवान जिला बदायूं के पास ले गया। इस षड्यंत्र में मौ. अब्दुल शमी उर्फ भोला भी शामिल मिल रहा। पुलिस ने अपहृत बालिकाओं को रेलवे स्टेशन मंसूरपुर मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश से बरामद किया गया। साथ ही नाबालिग बालक को भी बरामद कर लिया गया। आरोपियों में आमिल निवासी ग्राम बिहारी थाना सिखेडा जिला मुजफ्फरनगर, निशा पत्नी उजैर निवासी मृदाटोला थाना सहसवान जिला बदायूं, उजैर निवासी मृदाटोला थाना सहसवान जिला बदायूं, अब्दुल समी निवासी लाइन नम्बर 17 थाना बनभूलपुरा और विधि विवादित किशोर शामिल हैं।

हृषिकेश मुखर्जी के जीवन उनकी फिल्मों पर वार्ता

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र कि ओर से आज शाम हृषिकेश मुखर्जी के जीवन उनकी फिल्मों पर एक वार्ता का कार्यक्रम किया गया।
कार्यक्रम में हृषिकेश मुखर्जी की फिल्मों पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विद्या सिंह और फ़िल्म विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंजानी ने अनाड़ी, अनुपमा, आशीर्वाद, सत्यकाम, गुड्डी, आनंद, अभिमान, नमक हराम, चुपके-चुपके, मिली, गोल माल और बेमिसाल, फिल्मों पर गहनता से बात की। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में मनोज माथुर द्वारा माउथ ऑर्गन पर उनकी फिल्मों कि धुन बजायी गयी और राधा पुंडीर के गीतों का गायन किया ।
कार्यक्रम के दौरान हृषिकेश मुखर्जी के साथ काम करने वाले लोगों के संदेश थिएटर कलाकारों के साथ ही विनीता ऋतुंजय और राहिला परवीन, रिशु, नीरज वर्मा हिमानी डांगी और पंकज शर्मा जैसे युवा छात्रों द्वारा पढ़े गए।
कार्यक्रम में अनेक फ़िल्म प्रेमी, लेखक, साहित्यकार सहित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के अनेक युवा पाठक उपस्थित रहे

फिर गरजा पीला पंजा, अवैध निर्माणों पर हुई कार्रवाई, 26 मकान किये गये ध्वस्त

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देहरादून, एकबार फिर से दून में आजकल पीला पंजा गरज रहा है, लगातार अवैध निर्माणों पर हो रही कार्यवाही से जहां कई बस्तीवासी खौफ में रातें गुजार रहे हैं, वहीं एनजीटी के आदेश पर एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एमडीडीए की टीम ने ये कार्रवाई की। एमडीडीए को आगामी 30 जून तक कार्रवाई कर एनजीटी के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इस दौरान एमडीडीए के अधिकारी को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। जहाँ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोग गुस्से का इजहार करते रहे वे कभी एमडीडीए तो कभी सरकार पर सवाल उठाते रहे। वहीं अधिकारी जांच के आधार पर तैयार की गई सूची का हवाला देते रहे। जिसके बाद पुलिस फोर्स ने मोर्चा संभाला और जेसीबी ने अपना काम शुरू कर दिया। एक-एक कर शाम तक 26 मकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सर्वे के लिए साल 2016 से पहले बिजली पानी के कनेक्शन और अन्य सरकारी सुविधाओं को आधार बनाया है और इसी को देखते हुए इन सभी निर्माण को अवैध करार कर उनको तोड़ा जा रहा है। साथ ही बताया कि पहले नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई थी और अब एमडीडीए की तरफ से कार्रवाई की जा रही है।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी बताते हैं कि अधिकारियों को अवैध भवनों को ही ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, कार्रवाई पूरी होने तक अभियान अगले दो-तीन दिन जारी रहेगा।

सदमे में महिला की मौत :

रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद किए गए अवैध निर्माण पर एमडीडीए की कार्रवाई काठबंगला बस्ती से शुरू हो गई है। विरोध के बीच भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एमडीडीए की टीम ने अभी तक 30 से ज्यादा अतिक्रमण ध्वस्त किए |
रिवरफ्रंट डेवलपमेंट की भूमि पर रिस्पना किनारे कुल 250 अतिक्रमण पर कार्रवाई की जानी है। ध्वस्तीकरण शुरू होने से मलिन बस्तियों में हड़कंप मचा हुआ है। कई विपक्षी दलों ने भी कार्रवाई का विरोध करते हुए सड़क जाम करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़कर कार्रवाई जारी रखी। इस समय भी काठबंगला बस्ती के ही शेष हिस्से में कार्रवाई जारी है वहीं पास की बस्ती में हो रही तोड़फोड़ सोनम को गहरा सदमा दे गई। तबीयत बिगड़ी और कुछ ही समय में 25 वर्षीय सोनम की मौत हो गई। बस्ती में महिला की मौत के बाद आज लोगों ने सड़क पर जाम लगाया है |

क्षत-विक्षत हालत में शव मिलने से इलाके में सनसनी, पुलिस जांच में जुटी

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देहरादून, शिमला बाई पास रोड से सटे बडोवाला (आर्केडिया ग्रांट) क्षेत्र में कूड़े की खाई में संदिग्ध अवस्था में क्षत-विक्षत शव मिलने से सनसनी घटना सामने आयी है, जानकारी के अनुसार बडोवाला शनि मंदिर शिमला-पाउंटा मेन हाइवे के पास बंद पड़े एक वेडिंग पॉइंट के पीछे कूड़े वाले खाले से पुलिस ने सड़ा-गला शव बरामद किया हैं. फिलहाल जिस व्यक्ति का शव मिला है,उसकी अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है.पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है |
बताया जा रहा हैं कि कूड़े की खाई में मिलने वाले व्यक्ति शव पूरी तरह से सड़े-गले हालत में पाया गया हैं, यही कारण हैं कि पुलिस को शिनाख्त करने में समस्या हो रही हैं, पुलिस जांच-पड़ताल में लगी है |

सेक्सुअल हेल्थ एवं वैलनैस सर्वे के चौथे एडिशन की रिपोर्ट जारी

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• दो दशकों में दुनिया भर में 118,000 से ज़्यादा लोगों ने इसके ग्लोबल सेक्स सर्वे में हिस्सा लिया

हरिद्वार,  ड्यूरेक्स अपनी शुरुआत की 95वीं सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर हुए दुनिया के इस सबसे व्यापक सेक्सुअल हेल्थ एवं वैलनैस सर्वे के चौथे एडिशन में पता चला कि, कंडोम अभी भी दुनिया का सबसे लोकप्रिय गर्भनिरोधक उपाय बना हुआ है। विशेष रूप से पहली बार सेक्स करने वालों के बीच यह सबसे अधिक लोकप्रिय है।

ड्यूरेक्स हर साल दुनिया भर में सेक्स के 2 बिलियन मौकों पर मौजूद रहा है इसी के साथ ही पिछले दो दशकों में दुनिया भर में 118,000 से ज़्यादा लोगों ने इसके ग्लोबल सेक्स सर्वे में हिस्सा लिया है। सर्वे के नवीनतम 2024 एडिशन* दुनिया भर के 36 देशों में आयोजित किया गया था।
ड्यूरेक्स के ताजा ग्लोबल सेक्स सर्वे के अनुसार, भारत में अपने पहले यौन अनुभव के दौरान कंडोम का उपयोग करने वाले लोगों का प्रतिशत 2006 में 37% से बढ़कर 2024 में 59% हो गया है।

सर्वे के ताजा आंकड़ों से पता चला है कि 57% लोगों ने कहा कि वे भावनात्मक रूप से संतुष्ट हैं। वहीं 56% ने कहा कि वे अपने यौन जीवन से शारीरिक रूप से संतुष्ट हैं। यह आंकड़ा 2006 के बाद से भावनात्मक संतुष्टि में 12% और शारीरिक संतुष्टि में 21% की वृद्धि को प्रदर्शित करता है।

ड्यूरेक्स-ओनर में इंटिमेट वेलनेस ग्लोबल कैटेगरी के डायरेक्टर बेन विल्सन ने कहा, “यह देखना उत्साहजनक है कि इस साल के सर्वे में भाग लेने वाले कई देशों में इतने सारे लोग संतोषजनक, संतुष्टिदायक यौन जीवन का आनंद ले रहे हैं. हम जानते हैं कि अंतरंग सेहत हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हर किसी का यौन जीवन ऐसा हो जिसके बारे में वह पॉजिटिव महसूस करें. ड्यूरेक्स 95 सालों से इनोवेशन और कल्चर लीडरशिप में सबसे आगे रहा है, और यह हमारी बस शुरुआत है. इनोवेशन और ग्राहकों की इच्छाओं की लगातार बढ़ती समझ के साथ, अगले 95 साल हमें दुनिया भर में और भी ज्यादा लोगों तक सेक्स का बेहतरीन अनुभव प्रदान करने में मदद करेंगे.”

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर दी शुभकामनाएं

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देहरादून , मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर उन्हें तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त कर सम्पूर्ण विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को महासू मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।

प्रधानमंत्री श्री मोदी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु जल विद्युत परियोजनायें राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का मुख्य कारक है। राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भगीरथी तथा सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं के बारे में मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अन्तिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुर्नसमीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया ।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में भारत सरकार तथा उनकी एजेन्सियों के द्वारा सड़क निर्माण परियोजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है, क्योंकि वर्तमान में प्रचलित वन संरक्षण एवं सवंर्धन नियम, तथा गाईडलाईन 2023 के अनुसार उपरोक्त प्रयोजन हेतु केवल गैर वन भूमि को आधार बनाया गया है, जिसमें समतुल्य गैर वन भूमि में क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है। इसमें यह भी प्राविधान किया गया है कि राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि जो वन विभाग के नियत्रंण में नहीं है, में दो गुना वन भूमि पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड 67 प्रतिशत वन आच्छादित क्षेत्र है। राज्य के विकास कार्यों के लिये भूमि की उपलब्धता कम है। उत्तराखण्ड राज्य, अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से लगे एक सामरिक महत्व रखने वाला राज्य है। इसके महत्व के दृष्टिगत् राज्य में स्थित वन भूमि में भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों एन०एच०ए०आई०, बी०आर०ओ०, आई०टी०बी०पी०, रेलवे एवं सेना विभाग के द्वारा सड़क तथा अन्य संरचनाओं के निर्माण में वन संरक्षण एवं सवंर्धन अधिनियम, 2023 के तहत भूमि की अनउपलब्धता के कारण अनुमोदन प्राप्त किये जाने में विलम्ब हो रहा है।

इस संबंध में मुख्यमंत्री ने पुनः स्पष्ट किया कि उत्तराखण्ड के विशिष्ठ भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत् भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु अधिसूचित नियम, 2017 की व्यवस्था को यथावत रखते हुये पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ (आरक्षित एवं संरक्षित वन) में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराये जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर सम्बन्धित मंत्रालय को अनुमोदन प्रदान करने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री मोदी से मुख्यमंत्री ने किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिये Multi Model Logistics Park तथा औद्योगिक विकास हेतु BHEL हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तान्तरण का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण कलस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी भूमि का मूल्य रू 410 करोड़ है तथा सभी एनओसी प्राप्त है। मुख्यमंत्री ने Integrated Manufacturing Cluster, खुरपिया के अनुमोदन हेतु प्रधानमंत्री से आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। इन मंदिर मार्गों को 02 लेन करने और आपसी कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री जी से 01 हजार करोड़ रूपये की सहायता प्रदान करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया ।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखण्ड माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किये जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। गुंजी को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने हेतु छः घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिये हेली सेवायें उपलब्ध कराये जाने हेतु सर्वे कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से उत्तराखण्ड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिये देहरादून-मसूरी रेल लाईन परियोजना की स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय से करवाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखण्ड में प्रस्तावित ज्योलिकांग -वेदांग 05 किमी, सीपू-तोला 22 किमी. और मिलम- लैपथल 30 किमी टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध भी प्रधानंमंत्री से किया।

1 जुलाई से बदल जाएगा क्रेडिट कार्ड से बिल पेमेंट का तरीका, लागू होंगे आरबीआई के नए नियम

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नई दिल्ली ।  जून का महीना खत्म होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं इसके बाद जुलाई का महीना शुरू हो जाएगा। जुलाई महीना शुरू होते ही क्रेडिट कार्ड से बिल पेमेंट करने वाले लोगों के लिए बड़े अपडेट आ रहे हैं। 1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट को लेकर आरबीआई के कुछ नियम लागू होने वाले हैं जिनका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो क्रेडिट कार्ड के जरिए बिल पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं। इसका मकसद पेमेंट के प्रोसेस को सुव्यवस्थित करना और इसकी सुरक्षा बढ़ाना है। कुछ प्लेटफॉर्म के जरिये क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट में मुश्किल हो सकती है। इनमें क्रेड, फोनपे, बिलडेस्क जैसे कुछ प्रमुख फिनटेक शामिल हैं।
दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने निर्देश दिए हैं कि 30 जून के बाद सभी क्रेडिट कार्ड पेमेंट भारत बिल पेमेंट सिस्टम के जरिए से प्रोसेस की जानी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक ने बीबीपीएस एक्टिवेट नहीं किया है। वहीं इन बैंकों ने अभी तक निर्देशों का पालन भी नहीं किया है। अभी तक सिर्फ 8 बैंकों ने ही बीबीपीएस पर बिल पेमेंट एक्टिव किया है।
भारत बिल पेमेंट सिस्टम बिल पेमेंट का इंटीग्रेटेड सिस्टम है, जो ग्राहकों को ऑनलाइन बिल पेमेंट सर्विस देती है। यह बिल पेमेंट के लिए एक इंटरऑपरेबल प्लेटफॉर्म है। यह सिस्टम नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई के अंतर्गत काम करता है। क्कढ्ढ और क्रह्वक्कड्ड4 की तरह क्चक्चक्कस् को भी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने बनाया है। भारत बिल-पे एक इंटरफेस है, जो क्रेड, फोनपे, बिलडेस्क, भीम, पेटीएम, मोबिक्विक जैसे ऐप पर मौजूद है। इसके जरिए एक ही प्लेटफॉर्म पर सारे बिल का पेमेंट किया जा सकता है।
अभी तक 26 बैंकों ने इसे इनेबल नहीं किया है। पेमेंट इंडस्ट्री ने 90 दिन तक समय-सीमा बढऩे की मांग की है। पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस मामले में क्रक्चढ्ढ के पास याचिका दायर की है। हालांकि, अभी तक रेगुलेटर ने इसपर कोई भी फैसला नहीं किया है।

दूषित पानी की सप्लाई व बिजली कटौती के विरोध में सडक उतरे कांग्रेसी

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हरिद्वार ( कुलभूषण) हरिद्वार शहर में बिजली पानी की ख़राब आपूर्ति को लेकर अधिकारियो की मनमानी और सरकार के निकम्मेपन के खिलाफ ब्लॉक् कनखल के अध्यक्ष जतिन हांडा के नेतृत्व में मटका फोड़ प्रदर्शन किया।
कनखल के देशरक्षक चौक पर किये प्रदर्शन में प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे बाजी की गई। इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री डॉ संजय पालीवाल व पूर्व चेयरमैन प्रदीप चौधरी नें कहा कि इतना बुरा हाल शहर का कभी नहीं हुआ जितना धामी सरकार के कार्यकाल में हुआ हैं तथा शहर के लोग बिजली की कटौती, वोल्टेज की खराब व्यवस्था, ख़राब पानी, और पानी ना आना जैसी समस्या हरिद्वार में कभी नहीं हुई हैं।
ब्लॉक अध्यक्ष जतिन हांडा व पूर्व राज्य मंत्री रकित वालिया नें कहा कि जितना धन हरिद्वार के लिए खर्च किया जा रहा है वो कही नजर नहीं आता, बल्कि पुरानी व्यवस्था और खराब हो गई हैं। शहर बड़ा होता जा रहा है और बीजेपी नेताओं की सोच छोटी, शहर में पानी और बिजली के कार्यों में बड़े घोटाले हैं, जिसे स्थानीय लोग भुगत रहे हैं वहीं नगर विधायक भी लापता हैं
प्रदेश महासचिव अनिल भास्कर व पूर्व अध्यक्ष संजय अग्रवाल नें कहा कि सरकार कहा हैं विधायक कहां हैं, लोगो को पता ही नहीं हैं। बीजेपी की आपसी गुटबाजी से हरिद्वार बर्बाद हो रहा हैं नगर विधायक को इसके किये जनता के सामने आकर जवाब देना चाहिए। शहर की समस्याओ को लेकर बीजेपी नेताओं को कोई चिंता नहीं हैं।
महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव बिमला पांडे व पूर्व अध्यक्ष रवीश भटीजा नें कहा कि सरकार के निक्क्मेपन से सबसे अधिक समस्या महिलाओं को होती हैं और इस गर्मी के मौसम में घर के कामों को करने में दिक्कत आती है। थोड़ी बहुत व्यवस्था सुधारने के लिए पिछले दिनों कांग्रेस के नेताओं नें भागदौड़ की हैं, लेकिन सरकार आज भी सोई हुई हैं।
वरिष्ठ नेता अशोक शर्मा व पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष शुभम अग्रवाल नें कहा कि नीट परीक्षाओ जैसी परीक्षाओ से युवाओं का जीवन बर्बाद करने वाले बीजेपी नेता संवेदनहीन हैं।
किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष इरशाद अली व विनोद कश्यप नें कहा कि कांग्रेस संघर्ष करना जानती हैं और जनता के हित में सदैव कार्य करती रही हैं आज भी कर रही हैं और भविष्य में भी करती रहेगी।
इस अवसर पर पीसीसी सदस्य राहुल चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता हिमांशु बहुगुणा, किसान कांग्रेस शहर अध्यक्ष सोनू लाला, गोविन्द सिंह बिस्ट, सूनील सिंह, वसीम सलमानी, जितेंद्र सिंह, सुमित भाटिया, हरीश अरोरा, विमल सैनी, राकेश राजपूत, हरद्वारी लाल, बृजमोहन बर्थवाल, दिनेश पुंडीर, लव गुप्ता, नितिन कश्यप, ऐश्वर्या पंत संजय नासवा राजेंद्र त्रिपाठी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।