Monday, April 28, 2025
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सनातन धर्म प्रहरी के रूप में सहायक निदेशक डॉ. घिल्डियाल को मिला परशुराम सम्मान

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देहरादून, सनातन धर्म के संरक्षण के लिए सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल को वैदिक ब्राह्मण सभा ने परशुराम सम्मान से सम्मानित किया है।

भगवान परशुराम जन्मोत्सव समारोह के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन अवसर पर राजधानी के आई आरटीसी सभागार में आयोजित राष्ट्रीय अलंकरण समारोह में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी एवं टपकेश्वर महादेव पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद गिरी महाराज ने उन्हें यह महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि वास्तव में डॉक्टर घिल्डियाल शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक होने के साथ-साथ ज्योतिष एवं श्रीमद् भागवत के अद्भुत विद्वान है, और वह अपनी विद्वत्ता से उत्तराखंड ही नहीं अपितु देश एवं विदेशों में भी सनातन धर्म प्रहरी के रूप में धर्म की पताका फहराने का कार्य कर रहे हैं।

सम्मान मिलने पर डॉक्टर घिल्डियाल ने वैदिक ब्राह्मण सभा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निरंतर प्रयास वैदिक धर्म को नई पीढ़ी में हस्तांतरित करने के लिए विभिन्न माध्यमों से जारी रहेगा, उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मान मिलने से जिम्मेदारी का अधिक बोध होने लगता है।

इस अवसर पर वैदिक ब्राह्मण सभा द्वारा न्याय, व्यापार, प्रशासन, चिकित्सा जैसे क्षेत्रों से भी कुछ विशिष्ट लोगों को सम्मानित किया गया ।
मौके पर कैंट विधायक सविता कपूर, भूतपूर्व मेयर सुनील उनियाल, प्रसिद्ध कथावाचक सुभाष जोशी,पूर्व प्राचार्य ओमप्रकाश भट्ट ,आचार्य पवन कुमार शर्मा, इंजीनियर ओमप्रकाश वशिष्ठ, भरत राम तिवारी, उत्तराखंड विद्वतसभा के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मंमगाई सहित दिल्ली ,उत्तर प्रदेश और हरियाणा,पंजाब से भी सैकड़ो लोग उपस्थित थे।

खास खबर : शिक्षा विभाग के पांच सीईओ और 12 बीईओ पर बड़ी कार्यवाही

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देहरादून, प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पीएम श्री स्कूलों को लेकर आयोजित कार्यशाला में न आने वाले 5 सीईओ, 12 बीईओ पर शनिवार को कार्रवाई की गई। डीजी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने सभी 17 अफसरों को वर्ष 2024-25 के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी।
यह कार्यशाला इसी माह छह से आठ मई तक देहरादून में हुई थी। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार सभी शिक्षा अफसरों का आना अनिवार्य था। डीजी का कहना है कि कार्यशाला से गैरहाजिरी विभागीय कार्य के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि भी धूमिल हुई है।

इन पर हुई कार्रवाई…

सीईओ: अंबादत्त बलोदी अल्मोड़ा, गजेंद्र सौन बागेश्वर, अशोक कुमार जुकारिया पिथौरागढ़, कुंवर सिंह रावत यूएस नगर, जगमोहन सोनी नैनीताल।
बीईओः हरेन्द्र शाह, डीसी सती, हेमलाता गौड़, अयाजुद्दीन, कैना, सुलोहिता नेगी, दीप्ति यादव, गणेश ज्याला, अतुल सेमवाल, मोनिका बम, दमयन्ती रावत, पूनम चौहान।

 

विवेक अग्रवाल बने जनरल मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान

देहरादून, जनरल मर्चेंट्स एसोसिएशन की एक आम सभा जैन धर्मशाला गांधी रोड पर आज संपन्न हुई जिसमें नई कार्य करणी का चुनाव हुआ चुनाव अधिकारी श्री सुधीर जैन एवं महावीर प्रसाद गुप्ता ने चुनाव संपन्न करवाया |
नवनिर्वाचित कार्यकारिणी में प्रधान विवेक अग्रवाल उप प्रधान सुधीर अग्रवाल महामंत्री अशोक ठाकुर कोषाध्यक्ष अजय गर्ग उप मंत्री आयुष जैन सर्व समिति से चुने गए। इसके अलावा सम्मानित कार्यकारिणी सदस्य निम्न प्रकार से चुने गए
संरक्षक श्री सुधीर कुमार जैन एवं पूर्व प्रधान श्री महावीर प्रसाद गुप्ता के साथ स्टोर्स इंचार्ज राजकुमार गोयल सदस्य कार्यकारिणी मोहनलाल विरमानी ज्ञान प्रकाश, मनीष विरमानी, राजेंद्र वाधवा,मोहित मित्तल, अनिल गोयल, हरि ओम महावर, दीपक तायल, सौरव भटनागर, सुरेंद्र गोयल, प्रदीप नागलिया इसके अलावा दो सदस्य विशेष आमंत्रित में धन प्रकाश गोयल और राजकुमार अरोड़ा को लिया गया।
आज के सभा में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट से पीसी जोशी एवं उनकी टीम उपस्थित थी, जिन्होंने सभा में उपस्थित सभी सदस्यों को फूड सेफ्टी के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन और कैंप में उन्होंने शामिल रहने की बात कही चुनाव के बाद नवनिर्वाचित प्रधान विवेक अग्रवाल ने बताया कि इस साल जनरल मर्चेंट एसोसिएशन अपने मेंबर्स के लिए मेडिकल फ्री चेकअप कैंप लगाएगी, पांच दिवसीय योगा कैंप का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें मधुमेय और उच्च रक्तचाप से संबंधित योगासन सदस्यों एवं उनके परिवारों को सिखाए जाएंगे। 20 सितंबर को अयोध्या में रामलला जी के दर्शन कराने की भी व्यवस्था संस्था करेगी।

 

 

परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है : आचार्य पवन नंदन

 

देहरादून, श्रीमद् भागवत सेवा जनकल्याण समिति क्लेमेंट टाउन सुभाष नगर देहरादून में आचार्य पवन नंदन जी महाराज के मुखारविंद द्वारा कथा के तीसरे दिन कथा सुनाते हुए कथा वाचक आचार्य पवन नंदन जी महाराज ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा। जीवन का लक्ष्य परमात्मा प्राप्ति हैं, भगवान से अपनापन से भगवान की प्राप्ति की जा सकती हैं
कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की।
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दौरान सकीर्तन में भक्त भक्ति में सराबोर हो गए, आज के कार्यक्रम में अध्यक्ष प्रेम सिंह भंडारी, सचिव नवीन जोशी, अभिषेक परमार, विनोद राई, प्रदीप राई, कैलाश चंद भट्ट, सुमित मेहता, केवलानंद लोहानी, प्रमिला नेगी, मालती राई, कैलाश भट्ट, गीता, विमला, ईश्वर सिंह नेगी, धन सिंह फर्त्याल, दीपक सिंह गोसाई आदि मौजूद रहे |

आरती की हत्या का सवाल : क्या शैलेंद्र की मौत के साथ दफन हो गया, पुलिस हर एंगल पर कर रही जांच

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देहरादून, आजकल की भौतिक वादी जिन्दगी में हर कोई अपने सपनों को पंख लगाने की भागदौड़ में लगा है, वहीं इस भागदौड़ में कई युवा जी तोड़ मेहनत में कर अपनी मंजिल पा रहे हैं वहीं कई ऐसे युवा हैं रास्ते से भटक कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर देते हैं, ऐसी ही एक घटना दून में घटित हुयी जिसने सभी को अचंभित कर दिया, यह ऐसी घटना थी कि जिस उम्र में युवा अपना कॅरियर बनाने की होड़ में लगे रहते हैं, वहीं शैलेंद्र भट्ट नामक युवा ने ऐसी घटना को अंजाम दे डाला, जिसे सुनकर ही दिल दहल उठता है। मूलरूप से टिहरी निवासी शैलेंद्र भट्ट ने ना सिर्फ दरोगा की बेटी आरती डबराल का बेरहमी से गला काटा, बल्कि उसके बाद खुद भी ऋषिकेश क्षेत्र की चीला नहर में कूदकर जान दे दी। जबतक शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद नहीं हो पाया था तो पुलिस उसके कहीं भाग जाने के कयास भी लगा रही थी। शैलेंद्र के विरुद्ध आरती की हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पुलिस एक तरफ चीला में उसके शव की तलाश कर रही थी, तो दूसरी तरफ अन्य विकल्पों पर भी आगे बढ़ रही थी। आरती की हत्या को लेकर जो सवाल दोनों के परिजनों से लेकर आमजन के मन में कौंध रहे थे, उनके जवाब तलाशने के लिए पुलिस भी निरंतर प्रयास में लगी रही। लेकिन शुक्रवार को चीला नहर से शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद कर लिए जाने के बाद हत्या के असल कारणों और शैलेंद्र के हैवान बनने और उसके बाद खुद की जान लेने जैसे सवाल भी हमेशा के लिए गुम हो गए हैं।
दूसरी तरफ दून पुलिस के दरोगा शिव प्रसाद डबराल की बेटी आरती की शैलेंद्र के जन्मदिन के बहाने हुई मुलाकात एक की जघन्य हत्या और दूसरे की आत्महत्या की वजह बन जाएगी। दरअसल, हत्या और आत्महत्या की इस दुःखद कहानी की शुरुआत सोमवार 06 मई 2024 की सुबह तब हुई, जब हरिद्वार राजमार्ग पर छिद्दरवाला स्थित तीन पानी पुल के पास 26 वर्षीय आरती डबराल का खून से सना हुआ शव मिला। आरती का बेरहमी से गला काटा गया था, सिर्फ गर्दन का आखिरी हिस्सा ही शरीर से चिपका हुआ था।

आरती की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए दून पुलिस आगे बढ़ी तो पता चला कि 20 बीघा (आइडीपीएल) ऋषिकेश निवासी आरती डबराल रविवार 05 मई को शाम करीब 06 बजे अपने मित्र शैलेंद्र भट्ट के जन्मदिन की पार्टी के लिए घर से निकली थी। पुलिस ने जांच की दिशा जन्मदिन की तरफ मोड़ी तो पता चला कि उसी दिन मूल रूप से भद्रास्यूं पुजारगांव टिहरी गढ़वाल निवासी शैलेंद्र भट्ट (26 वर्ष) अपने हाल निवास बसंत कॉलोनी श्यामपुर से शाम 5 बजे निकला था। यहां शैलेंद्र की बहन का घर है और वह पिछले 07-08 साल से यहीं रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।

चीला नहर से शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद करने के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए ले जाते एसडीआरएफ के जवान।
पुलिस की जांच तब फिर से ठिठक गई, जब पता चला कि शैलेंद्र भी 5 मई की शाम से घर नहीं लौटा है। जिस पर उसकी बहन ने ऋषिकेश कोतवाली में शैलेंद्र की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई है। जांच में सामने आया कि शैलेंद्र आखिरी समय तक अपने दोस्त मनीष के साथ था। मनीष ने पुलिस को बताया कि उसका दोस्त चीला नहर में कूदने की बात कह रहा था। संभवतः वह नहर में कूद गया है। पुलिस ने तत्काल एसडीआरएफ के गोताखोरों को शैलेंद्र का शव बरमाद करने के लिए चीला नहर में उतारा।
जब अगले दिन भी शव नहीं मिल पाया तो पुलिस आरती की हत्या और शैलेंद्र की स्थिति को लेकर अलग-अलग एंगल से जांच में जुट गई। शैलेंद्र के विरुद्ध आरती की हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही चीला नहर में भी निरंतर अभियान जारी रखा गया। इस दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि जो चाकू आरती के शव के पास से बरामद किया गया था, उसे शैलेंद्र ने हत्या से 02 दिन पहले पीजी कॉलेज के पास की दुकान से खरीदा था। तब वह इस चाकू से जन्मदिन के दिन मुर्गा काटने की बात कह रहा था।
वहीं शुक्रवार को चीला नहर से एसडीआरएफ ने शैलेंद्र भट्ट का शव बरामद किया तो कहानी का एक पहलू साफ हो गया। पर अब उन सवालों के जवाब नहीं मिल पाएंगे, जो आरती की हत्या की वजह बने। रायवाला के थानाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी के मुताबिक यह अपनी तरह का विरला मामला है, जिसमें आरोपी ने बिना ठोस कारण के हत्या को अंजाम दिया है। आरती और शैलेंद्र के बीच इतना गंभीर कुछ भी नहीं पाया गया, जो हत्या जैसे जघन्य अपराध करने को विवश कर दे।

शैलेंद्र ने आरती के मोबाइल में देखा अमन का नम्बर :

पुलिस की जांच में एक बात यह भी सामने आई है कि शैलेंद्र ने आरती के मोबाइल में किसी अमन का नम्बर देखा था। उसने इस बात पर एक दफा गुस्सा भी किया था। यह बात पुलिस को शैलेंद्र के दोस्त मनीष ने बताई। उसने यह भी बताया कि शैलेंद्र प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल न होने को लेकर परेशान रहता था। वह आरती को लेकर गंभीर था और चिंतित भी। उसे लगता था कि उसकी असफलता कहीं आरती को दूर न कर दे। शैलेंद्र ने मनीष से यह भी कहा था कि उसे किसी को मारना है। वह किसे मारने की बात कहता था और आरती की हत्या क्यों कर दी, इस कहानी के असल पहलू से शायद ही अब पर्दा उठ पाए। लेकिन अभी पुलिस हर एंगल से जांच का दायरा बढ़ा रही है |

शैलेन्द्र बैग के साथ नहर में कूदा था :

वहीं पुलिस के मुताबिक शैलेंद्र जब चीला नहर में कूदा था, तब उसके पास एक बैग भी था। चीला नहर से शैलेंद्र का शव तो बरामद कर लिया गया है, लेकिन अभी तक बैग नहीं मिल पाया है। पुलिस उसी बैग की तलाश में जुटी है, पुलिस मानती है कि बैग में कुछ ऐसा मिल जाए, जो आरती की मौत की वजह को लेकर कुछ तस्वीर साफ कर सके। हो सकता है कि बैग में शैलेंद्र और आरती के बीच के संबंध को लेकर कुछ और जानकारी मिल सके। लेकिन अभी इस संबंध में दोनों की मौत के बाद गुत्थी अभी उलझी है पुलिस जांच में जुटी है और देर सवेर तस्वीर साफ हो जायेगी |

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में धूमधाम से मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज़ दिवस

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“सिस्टर गुरप्रीत कौर, सिस्टर पूर्णिमा, सिस्टर शारदा, सिस्टर प्रेमलता व सिस्टर सोनम लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित”

देहरादून, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस 12 मई धूमधाम के साथ मनाया गया। नर्सिंग स्टाफ ने एक दूसरे को इस विशेष दिवस की बधाईयां एवम् शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में 20 से अधिक वर्षों से लगातार सेवाएं दे रहीं नसिंग स्टाफ सिस्टर गुरप्रीत कौर, सिस्टर पूर्णिमा, सिस्टर शारदा, सिस्टर प्रेमलता, सिस्टर सोनम को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 500 से अधिक नर्सिंग स्टाफ ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी नसिंग स्टाफ को अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज़ दिवस की बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
रविवार को श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल एण्ड हैल्थ साइंसेज़ के सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज़ दिवस 12 मई का शुभारंभ श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ अजय पंडिता, डाॅ गौरव रतूड़ी, नर्सिंग अधीक्षक अनीष नेे संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया। काबिलेगौर है कि 12 मई को हर साल इंटरनेशनल नर्सेज दिवस के रूप में मनाया जाता है। 12 मई को विश्व प्रसिद्ध नर्स एवम् नर्सिंग की प्रणेता फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज़ दिवस विश्व भर में कार्यरत समस्त नर्सिंग परिवार के प्रति सम्मान, उनके योगदान एवम् समर्पण को सम्मानित करने का भी दिवस है।
रविवार को सिस्टर एंंजिल व सिस्टर आराधना के स्वागत उद्बोधन से कार्यक्रम का आगाज हुआ। सिस्टर अक्षिता ने कृष्ण वन्दना के द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी। एजनस एण्ड ग्रुप के मैशअप ग्रुप डांस को दर्शकों का भरपूर समर्थन मिला। एलन के सोलन डांस ने भरपूर तालियां बटोरीं। सिस्टर तेंजिंग के सोलो डांस एवम् साक्षी के क्लासिकल डांस ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। निकिता एण्ड ग्रुप ने पंजाबी एवम् बालीवुड धुनों पर जोरदार प्रस्तुति दी। तिब्बतन पारंपरिक डांस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा.
पल्लवी, मिनी, अंकित एण्ड ग्रुप एवम् प्रिंयका के सोलो डांस को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया। नर्सिंग स्टाफ ने फैशन शो के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत एवम् वेशभूषा को रैंप पर आकर्षक ढंग से प्रस्तुत किया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले 8 नर्सिंग स्टाफ को कार्यक्रम में विशेष रूप से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन नर्सिंग स्टाफ ने विगत एक वर्ष में नर्सिंग केयर में विशेष योगदान एवम् उल्लेखनीय सेवा कार्य किए हैं।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डिप्टी नर्सिंग अधीक्षक विशाल राज एवम् डिप्टी नर्सिंग अधीक्षक गुरप्रीत काैर, अंजु बाला, ए.एन.एस. सिस्टर अर्चना राय, डी.एन.एस., सिस्टर शैली पाॅल, सिस्टर सिजा, ए.एन.एस. ब्रदर एल्डो, ए.एन.एस. जोयना सोनी का विशेष सहयोग रहा।

पांच दिवसीय ग्रीष्म कला उत्सव का समापन : अंतिम दिन नगीन तनवीर के सुरों से महक उठी शास्त्रीय संगीत की महफिल

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देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र’ की ओर से आयोजित पांच दिवसीय ‘ग्रीष्म कला उत्सव’ के समापन का दिन लोक गीत व शास्त्रीय संगीत के नाम रहा। साहित्य, कला गीत-संगीत और सिनेमाई कला के विविध पक्षों पर केन्द्रित इस आयोजन की श्रृंखला के तहत आज के प्रातःकालीन में सत्र कहानी वाचन और अभिनय का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस सत्र में युवा रंगकर्मी सिद्धांत अरोड़ा व उनके साथियों ने हबीब तनवीर के नाटक चरणदास चोर का परिचय दिया और उस कहानी से उद्धरित प्रमुख अंशो वाचन किया। कहानी के इन अंशों में नाटकीय प्रभाव का समावेश बहुत शानदार ढंग से किया गया।
चरणदास चोर यह नाटक सत्य के लिए मनुष्य को अडिग रहने का संदेश देता है। सुपरिचित पटकथा लेखक नाट्य निर्देशक हबीब तनवीर ने इस नाटक का लेखन किया है। चरणदास चोर एक ऐसे चोर की कहानी है जो आदतन चोर है। सोने की प्लेट चोरी करने से नाटक की कहानी शुरू होती है। चरनदास किसी गांव से सोने की थाली चोरी करके फरार हुआ है । पुलिस से बचने के लिए या यूं चरणदास एक गुरुजी के आश्रम में प्रवेश कर उनका शिष्य बनने की इच्छा प्रकट करता है। गुरुजी मान जाते हैं, और शर्त लेते हैं कि चरणदास हमेशा सच बोलने का प्रण लेगा। एक बात गुरु जी की भी माननी पड़ेगी कि तुम्हें झूठ बोलना छोड़ना होगा। पहले तो चरनदास इस प्रण के लिए ना-नुकुर करने लगता है, पर पुलिस से बचने के चक्कर मे यह प्रण कर लेता है कि मैं कभी झूठ नही बोलूंगा। चरनदास के इन्हीं वचनों पर नाटक के कथानक का ताना-बाना बुना गया मरते दम तक चरनदास अपने वचनों के पालन में खरा उतर जाता है।
वहीं दूसरी ओर सांध्यकालीन सत्र संगीत कार्यक्रम पर केन्द्रित रहा। इसमें छत्तीसगढ़ी लोक गीत एवं सुगम शास्त्रीय संगीत की बेहतरीन प्रस्तुतियां सुपरिचित कलाकार नगीन तनवीर ने दी। उन्होनें छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर उपस्थित संगीत प्रेमियों की वाहवाही बटोर ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की प्रस्तुति के बाद उन्होनें सुगम शास्त्रीय संगीत की सुर प्रस्तुतियों से संगीत की महफिल को यादगार बनाकर उसे महका दिया।
उल्लेखनीय है कि नगीन तनवीर सुपरिचित पटकथा लेखक नाट्य निर्देशक व कवि हबीब तनवीर की बेटी हैं। नगीन तनवीर का दिल और आत्मा हमेशा महत्वपूर्ण, संगीत के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने शास्त्रीय और हल्के शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण लिया है और यह दुर्लभ और मूल्यवान है। छत्तीसगढ़ी लोक संगीत का भंडार जिसे वह संगीत समारोहों में प्रस्तुत करती है। जब उनके पिता ने एक बार उनसे पूछा था कि क्या वह एक नाटक का निर्देशन करना चाहेंगी, तो उन्होंने मना कर दिया था। हालाँकि, उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने नया थिएटर की कमान संभाली है।

कार्यक्रम के आरम्भ में दून पुस्तकालय के अध्यक्ष प्रो. बी. के. जोशी ने मंचासीन अतिथियों और सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम में दीपक नागलिया, विजय भट्ट, हिमांशु आहूजा, कल्याण बुटोला,इरा चौहान अरुण कुमार, देहरादून के अनेक संगीत प्रेमी, साहित्यकार, बुद्धजीवी, पत्रकार, साहित्य प्रेमी और पुस्तकालय के पाठकगण उपस्थित रहे।

सरकारी बैंक में जॉब करने के चाहवानों के लिए गूड न्यूज , 12 हजार कर्मचारियों की भर्ती करेगा एसबीआई

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नई दिल्ली  ।  भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) 12 हजार कर्मचारियों की भर्ती करने वाली है जिन्हें आईटी सहित विभिन्न भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। बैंक के चेयरमैन दिनेश खारा ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
देश के सबसे बड़े बैंक में वित्त वर्ष 2023-24 की समाप्ति पर 2,32,296 कर्मचारी थे जो वित्त वर्ष 2022-23 के 2,35,858 कर्मचारियों की तुलना में कम है। खारा ने आज बैंक के वित्तीय परिणामों की घोषणा के मौके पर कहा, करीब 11-12 हजार कर्मचारियों को रखने की प्रक्रिया चल रही है। ये आम कर्मचारी हैं, लेकिन हमारे पास ऐसा सिस्टम है जिसमें एसोसिएट स्तर और अधिकारी स्तर में करीब 85 प्रतिशत इंजीनियर हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 24 प्रतिशत बढक़र 20,698 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि नये भर्ती किये गये लोगों को बैंकिंग की समझ विकसित करने के लिए अवसर किया जायेगा और इसके बाद बैंक उन्हें एसोसिएट की विभिन्न भूमिकाओं में नियुक्त करेगा। उनमें से कुछ को आईटी में भी रखा जायेगा।
बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 13.70 रुपये के लाभांश की घोषणा की है। उसने बताया कि 31 मार्च 2024 को उसका शुद्ध एनपीए एक साल पहले के 0.67 प्रतिशत से घटकर 0.57 प्रतिशत पर आ गया। चौथी तिमाही में कंपनी का राजस्व एक साल पहले के 1.06 लाख करोड़ रुपये से बढक़र 1.28 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

दून में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

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देहरादून(आरएनएस)। पुलिस ने पटेलनगर क्षेत्र में शनिवार को एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए युवती समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यहां काम कर रहे 15 युवक-युवतियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। कॉल सेंटर से विदेशों में कॉल कर लोगों से लैपटॉप, कंप्यूटर ठीक करने के नाम पर धोखधड़ी की जाती थी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उन्हें पटेलनगर में महंत इंद्रेश अस्पताल के पास रिद्धिम टॉवर में अवैध इंटरनेशनल कॉल सेंटर के संचालन की सूचना मिली थी। इसपर सीओ सदर के नेतृत्व में एसओजी की एक टीम गठित की गई। टीम ने शनिवार को कॉल सेंटर में दबिश दी। यहां प्रथम तल पर बड़े हॉल में कुछ युवक, युवतियां लैपटॉप और कम्पयूटर के सामने बैठकर हैडफोन लगाकर कॉल पर बात कर रहे थे। जो स्वंय को माइक्रोसॉफ्ट ऑनलाइन सपोर्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों से उनके कम्पयूटर सिस्टम से वायरस/ बग हटाकर उनके बैंक खातों की जानकारी मांग रहे थे। पुलिस के पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वो विवेक निवासी ग्राम अगरोहा, हिसार, हरियाणा और निकिता निवासी सोनादा दार्जलिंग, पश्चिम बंगाल के लिए काम करते हैं। पुलिस ने विवेक और निकिता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, 15 युवक-युवतियों को 41 सीआरपीसी के नोटिस जारी किए गए हैं।
ऐसे करते थे ठगी:  कॉल सेंटर के कर्मचारी अपना नाम बदलकर स्वयं को माइक्रोसॉफ्ट का प्रतिनिधि बताकर विदेशी कॉल आने पर लोगों से बात करते थे। आरोपी खुद ही उनके सिस्टम में बग या वायरस भेजते थे और बाद में उसे ही ठीक करने के नाम पर अल्ट्रा व्यूवर का प्रयोग कर सिस्टम की एक्सेस प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद गिफ्ट कार्ड और क्रिफ्टो करेंसी में उनसे पेमेंट ली जाती थी।
धोखाधड़ी से मिलती थी अच्छी सेलरी:  कर्मचारियों ने बताया कि विवेक और निकिता द्वारा उन्हें धोखाधड़ी करने के लिए अच्छी सेलरी दी जाती थी। पुलिस ने मौके से 14 लैपटॉप, हेड फोन, सात मोबाइल फोन, ब्रॉडबैन्ड कनैक्शन से सम्बन्धित उपकरण आदि बरामद किए हैं।

महिला के घर से 90 हजार की नकदी और जेवर चोरी

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काशीपुर(आरएनएस)। बीमार देवर को लेकर भाई के घर गई एक महिला के मकान की ममटी का शीशा तोड़कर चोरों ने 90 हजार रुपये की नकदी और करीब तीन तोले सोने के जेवर चोरी कर लिए। चोरी की घटना 8 मई को हुई। कुंडा पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूर्या चौकी क्षेत्र के ग्राम गंगापुर निवासी मीना पत्नी स्व. सुनील ने कहा है कि वह अपने देवर मनोज कुमार के साथ रहती है। देवर मनोज कुमार तबियत खराब होने के कारण 3 मई को वह अपने घर पर ताला लगाकर इलाज कराने के लिए अपने भाई संजय विज के घर आ गई। इस दौरान वह बीच-बीच में घर जाकर देखती रही। 8 मई को पड़ोस में चक्की चलाने वाले व्यक्ति ने उसके घर के अंदर खटपट की आवाजें सुनीं। उसने फोन कर उसे इस बारे में जानकारी दी। उसने घर आकर देखा तो ममटी का शीशा और मेन दरवाजा टूटा हुआ था। घर के अंदर सामान बिखरा पडा था। चोर कमरे की अलमारी में रखी 90 हजार रुपये की नकदी और सोने के जेवर आदि चोरी कर ले गए। सूचना पर पहुंचे सूर्या चौकी प्रभारी मनोज धौनी ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

ग्रीष्म कला उत्सव का चौथा दिन : सत्ता संघर्ष के इतिहास को बखूबी से बयां करता है हरिसुमन बिष्ट का उपन्यास

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देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र’ की ओर से आयोजित पांच दिवसीय ‘ग्रीष्म कला उत्सव’ का चौथा दिन साहित्यिक विमर्श के नाम रहा।
सांध्यकालीन सत्र में आज प्रतिष्ठित उपन्यासकार हरिसुमन बिष्ट के उपन्यास ‘बत्तीस राग गाओ मोला’ पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की अध्यक्षता में शानदार बातचीत हुई। बीज वक्तव्य कवि प्रो. शैलेय ने दिया। बातचीत में मुख्य वक्ता के तौर पर आलोचक एवं शिक्षाविद प्रो. धीरेन्द्र नाथ तिवारी, वरिष्ठ कथाकार एवं शिक्षाविद प्रो. नवीन कुमार नैथानी, शिक्षाविद डा. सविता मोहन और वरिष्ठ रंगकर्मी डा. सुवर्ण रावत थे। मंच का संचालन भारती आनंद ने सफलतापूर्वक किया।
‘बत्तीस राग गाओ मोला’ लेखक हरिसुमन बिष्ट का हिंदी साहित्य में लीक से हटकर लिखा गया एक बेहतरीन उपन्यास है। यह उपन्यास अठारहवीं सदी के महान चित्रकार, गढ़वाल चित्र शैली के जनक कवि और गढ़ राज्य के मुद्राधिपति मोला राम तोमर के जीवन के एक विशेष कालखंड की एक ऐसी अवधि पर प्रकाश डालता है, जब दो भाई महराज प्रद्युम्न्न शाह और कुंवर पराक्रम शाह के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था और इसका फायदा गोरखा सैनिक ले रहे थे। कुमाऊँ के बाद गढ़ राज्य भी गोरखाओं के अधीन हो जाता है। उपन्यास तत्कालीन इतिहास को बयां करने के साथ उस समय के सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक और दोनों राज्यों की बदहाल आर्थिक स्थिति का भयावह चित्र खींचता है। बावजूद इसके लेखक ने इस उपन्यास को ‘मोला राम का अधूरा किस्सा’ कहा है। उपन्यास ‘बत्तीस राग गाओ मोला’ के सन्दर्भ में हरिसुमन बिष्ट ने अपने वक्तव्य में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह एक इतिहास नहीं अपितु पूर्ण रूप से मेरा एक उपन्यास है। यह उपन्यास सत्ता के संघर्षों और उन संघर्षों के बीच उपजे पारिवारिक कलह, गोरखा सैनिकों के आतंक व लूट के सामानांतर शौकीन मिजाज के मोला राम के कवि और चित्रकार रूप को बड़ी खूबसूरती के साथ सामने रखता है।
उल्लेखनीय है कि हरिसुमन बिष्ट हिंदी साहित्य में एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कथाकार के रूप में जाने जाते हैं. उनके अब तक आठ उपन्यास, आठ कहानी संग्रह,तीन यात्रावृतांत और कई नाटक प्रकाशित हुए हैं।वे कई फिल्मों की पटकथा, संवाद लिख चुके हैं। उनके उपन्यासों और कहानियों का अंग्रेजी सहित अन्य भारतीय भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है. डाॅ. बिष्ट हिंदी पाठकों में जितने चर्चित हैं उतने ही दूसरी भाषाओं में भी पढ़े जाते हैं। उनकी रचनाओं का देश भर में मंचन हुआ है।
पहाड़ के जीवन को उन्होंने अपने उपन्यासों और कहानियों की पृष्ठभूमि में प्रमाणिकता के साथ रखा है। ‘आसमान झुक रहा है’, ‘आछरी माछरी’, ‘होना पहाड़’ और ‘अपने अरण्य की ओर’ उपन्यास उत्तराखंड के जन जीवन को लेकर हैं। दूसरी ओर ‘बसेरा’ भारतीय जीवन में भू मंडलीकरण के बाद आये सामाजिक बदलाव का जीता जागता उदाहरण है, जिसे निठारी कांड का वीभत्स रूप में देख सकते हैं। ‘भीतर कई एकांत’ भी इसी भू मंडलीकरण से उपजी विकट परिस्थियों में एक वृद्ध की मनोदशा का चित्र खींचता है जो देश की आजादी के लिए संघर्ष का गवाह भी है। हरिसुमन बिष्ट को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। अपनी घुमक्कड़ वृति के लिए लेखक खूब जाने जाते हैं। साहित्य के क्षेत्र में आपको कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
कार्यक्रम में दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट ने प्रारम्भ में मंचासीन अतिथियों और सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वय निकोलस हॉफ़लैंड व बिजू नेगी, साहित्यकार जितेन्द्र शर्मा, दिनेश जोशी, मुकेश नौटियाल,डाॅ. नन्द किशोर हटवाल,समदर्शी बड़थ्वाल, अरुण कुमार असफल,सुन्दर सिंह बिष्ट सहित देहरादून के अनेक साहित्यकार, बुद्धजीवी, पत्रकार, साहित्य प्रेमी और पुस्तकालय के पाठकगण उपस्थित रहे।

 

व्यापारी हितों व व्यापारी एकता के लिए भारतीय व्यापार मण्डल उत्तराखंड में करेगा सुरक्षा कवच का कार्य : वैभव जैन

देहरादून, उत्तराखंड के व्यापारियों को एक मंच पर लाने के लिए भारतीय व्यापार मंडल ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। यह व्यापारियों का एक ऐसा संगठन है जो की पूरे भारतवर्ष में कार्य कर रहा है यह संगठन व्यापारियों के हित के लिए लगभग 18 राज्यों में व्यापारियों को एक को मंच पर ला चुका है ।

देहरादून में एक पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन ने कहा कि वैसे तो देश में बहुत सारे उद्योग और व्यापारी संगठन बने है, लेकिन वह व्यापारियों का हित नही कर पाए, इन व्यापार मंडल की विफलता रही कि ये सरकार के साथ कोई सामंजस्य नही स्थापित कर पाए,…यही कारण रहा कि सरकारी योजनाओं का व्यापारियों को लाभ नही मिल पाया और ना ही उनकी समस्याओं का निराकरण हो पाया ।

प्रदेश स्तर पर तो बहुत सारे व्यापारी संगठन हैं मगर राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी व्यापारी संगठन नहीं था जिसके लिए भारतीय व्यापार मंडल का गठन किया गया ।

भारतीय व्यापार मंडल का कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत है जिसके चलते देश के सभी व्यापारी वर्ग को जोड़ने का काम किया जा रहा हैं और अब तक 18 राज्यों के व्यापारियों को इस संगठन से जोड़ा जा चुका है इस संगठन का मुख्य कार्य छोटे-बड़े व्यापारियों की समस्याओं को लेकर एक मंच पर साझा करने का है जिससे कि व्यापारियों की समस्या का निराकरण किया जा सके और व्यापारियों के मुद्दों को सरकार तक आसानी से पहुंचाया जा सके।

वैभव जैन कहा कि आज का व्यापारी बहुत सारी दिक्कतों का सामना कर रहा है जिसमें सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स, जीएसटी तो कभी प्रदूषण के नाम पर तो कभी लेबर एक्ट को लेकर ऑनलाइन मार्केट जैसे मामले मुख्य रूप से सामने आ रहे हैं, वहीं कुछ छोटे व्यापारियों को व्यवसाय में घाटा होने पर किसी भी तरीके की आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है, जिसमें यह संगठन आगे आकर अपने व्यापारी भाइयों की मदद कर सकेगा |

भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन ने कहा कि अभी हम देहरादून के समस्त व्यापारियों से मिल रहे हैं उसके बाद हम पहाड़ के जितने भी व्यापारी हैं सभी से मिलकर उन सबको एक मंच पर लाने का काम करेंगे, जिससे कि भारतीय व्यापार मंडल की नीतियां और लाभ के बारे में उनको अच्छे से जानकारी साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी भागीदारी व्यापारियों की है। देश में कोई भी संकट या महामारी हो, हमारे देश का व्यापारी सबसे पहले आगे आकर मदद करता है, पर दुःख का विषय है कि वो आज भी अपने अधिकारों के लिए अकेला लड़ रहा है, भारतीय व्यापार मंडल व्यापारी की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर है।

इस संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक जफर सरेशवाला जी है और दूसरे संरक्षक डॉ. अनंत भागवत जी है जिनके मार्गदर्शन में ये संगठन काम कर रहा है।
भारतीय व्यापार मंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अंकुर सिंघल जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय जनमेजय जी की दूरदर्शिता से भी यह संगठन दिन और रात बढ़ रहा है।
पहाड़ में काम कर रही उद्यमी महिलाओं के लिए भी भारतीय व्यापार मंडल ने सुशीला खत्री को मंडल का महिला मोर्चा अध्यक्ष नियुक्त किया है…जो की महिलाओं के बीच में जाकर उनके व्यापार को आगे लाने का प्रयास करेंगी साथ ही महिलाओं के उत्थान के लिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा |
इस अवसर पर एसपी नौटियाल को भी गढ़वाल मंडल अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई।

 

अशासकीय महाविद्यालयों की सम्बद्धता में शिक्षा विभाग की हरकत से सरकार की छवि धूमिल : जुगरानउत्तराखंड: भाजपा नेता जुगरान ने कॉलेजों को असंबद्ध करने पर खड़े किए सवाल -  BJP leader Ravindra Jugran raised many questions on Union Ministry of  Education

देहरादून, याचिकाकर्ता व भाजपा नेता रवीन्द्र जुगरान ने कहा है की उनकी जनहित याचिका पर वर्ष 2021 में ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी अशासकीय महाविद्यालयों के पक्ष में निर्णय देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि सभी अशासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में यथावत बनी रहेगी। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि इसके उपरांत भी उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन लगातार इन अशासकीय महाविद्यालयों पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की संबद्धता लेने के लिए जो दवाब बना रहा है वह उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेश/ निर्णय की अवमानना की श्रेणी में आता है। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री की मान्यता विश्व व्यापी होती है जबकि राज्य के विश्व विद्यालय की नहीं। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड शासन को चाहिये की श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के आधार भूत ढांचे को सुदृढ़ करने में अपनी शक्ति लगाये और ध्यान केंद्रित करे क्योंकि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की स्थापना को एक दशक से भी ज्यादा हो गया है और आज भी यह आउट सोर्सिंग कर्मचारीयों के भरोसे चल रहा है और स्थायी कर्मचारियों की कमी के चलते अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में असफल साबित हुआ है और वर्तमान बोझ भी नहीं झेल पा रहा है। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन की इन हरकतों के कारण भाजपा सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि बार बार वेतन देने की बात कर रहा है जबकि उनकी रवीन्द्र जुगरान की जनहित याचिका पर निर्णय सुनाते हुए उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने स्पष्ट किया है कि संबद्धता तो हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में ही बनी रहेगी और वेतन का मसला राज्य और केंद्र सरकार मिलकर तय करें की वेतन देने का उत्तरदायित्व किसका रहेगा।

 

छात्रा प्रकाम्या का भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) थालासेरी, केरल के लिए हुआ चयन

– अंडर-15 में हासिल है आल इंडिया में पांचवीं रैकिंग

देहरादून, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल (एसबीपीएस) फेंसिंग एकादमी की छात्रा प्रकाम्या कोठारी का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) थालासेरी, केरल के लिए हुआ है। प्रकाम्या एसबीपीएस में सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसका चयन नेशनल लेवल पर उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर हुआ है। बलूनी ग्रुप के एमडी विपिन बलूनी ने प्रकाम्या की इस उपलब्धि पर उसे सम्मानित किया और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि स्कूल के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि प्रकाम्या की इस उपलब्धि से अन्य खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रकाम्या कोठारी सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसने तलवारबाजी में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित राष्ट्रीय तलवारबाजी अंडर-10 और अंडर -12 में दो बार गोल्ड मेडल हासिल किया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में आयोजित प्रतियोगिता अंडर-14 में उसे देश भर में पांचवीं रैंक हासिल हुई।
सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल फेंसिंग एकादमी के कोच प्रदीप कोठारी के अनुसार केरल स्थित थालासेरी केंद्र फेंसिंग के लिए देश भर में अग्रणी संस्थान है। यहां से देश के कई ओलपिंयन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिला है। प्रख्यात तलवार भवानी देवी ने भी इसी संस्थान से प्रशिक्षण हासिल किया है। स्कूल के शिक्षक, प्रशिक्षक और समस्त स्टाफ ने प्रकाम्या की उपलब्धि पर हर्ष जताया है और उसे शुभकामनाएं दी हैं।

 

सिद्धार्थ के सहयोग से हुआ निर्धन परिवार की बेटी का विवाह संपन्न

देहरादून, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने पिछले दिनों शिवाजी नगर वार्ड 24 में भीषण अग्निकांड हुआ था जिसमें कई परिवार के घर जल गए थे। उस समय मौके पर महानगर के अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल के द्वारा सभी परिवारों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लिया था। तभी मौके पर एक रविंद्र साहनी के परिवार जिसमें उनकी बेटी का विवाह होना था परिवार के द्वारा विवाह के लिए धनराशि एकत्र की गई थी जो की आग में जलकर राख हो गई थी। महानगर अध्यक्ष के इस बात को लेकर उनके परिवार के प्रति संवेदना रखते हुए उनकी बेटी सकीना का विवाह मोनी साहनी से करवा कर दोनों जनों को वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर अनुसूचित मोर्चे के अध्यक्ष विशाल कुमार पूर्व सभासद मुरली शर्मा जितेंद्र मिश्रा दशरथ सनी तुलसी साहनी रणजीत सिंह राजेश दास संजय वाल्मीकि अंकित वाल्मीकि हरि सिंह अनूप दयाल राकेश कोटियाल आदि स्थानीय क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

 

छात्र छात्राओं को वितरित की गयी लेखन सामग्री, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन ने उठाया बीड़ा

देहरादून, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा वार्ड 35 राजकीय प्राथमिक विद्यालय सरस्वती नगर में स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र एवं छात्राओं को दानदाताओं के सहयोग से लेखन सामग्री वितरित की गयी |
कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी वैभव गोयल, मीनू गोयल चौधरी, हिमांशु कपूर रहे… कार्यक्रम के अध्यक्षता सचिन जैन ने की | इस अवसर पर मीनू गोयल चौधरी ने कहा कि यह संगठन निरंतर निस्वार्थ भाव से जन सेवा में लगा रहता है संगठन के सभी सदस्य भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं यह संगठन निरंतर समाजिक कार्यो मे अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है जिसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त होता रहता है

इस मौके पर वैभव गोयल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि संगठन का कार्य वास्तव में सराहनीय है बच्चों के लिए वह हर वह सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं जिससे उनको उनके जो भविष्य में कोई बाधा ना आए और वह अपनी पढाई पूरी कर सके..इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन राजकुमार तिवारी विशंभर नाथ बजाज माधवी शर्मा प्रीति थपलियाल पूनम रानी मीरा शर्मा पाखी आदि लोग मौजूद रहे |

बिना विस्थापन बेकसूर लोगों को उजाड़ने पर आमादा है भाजपा सरकार : राजीव महर्षि

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“आरोप-भाजपा ने आठ साल तक वोटों की फसल काटी, अब उजाड़ने पर आमादा”

देहरादून, उत्तराखंड़ प्रदेश कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने बिना विस्थापन नदी-नालों के किनारे स्थित बस्तियों में रह रहे लोगों को उजाड़ने की तैयारी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि राज्य सरकार सिर्फ लोकसभा चुनाव संपन्न होने का इंतजार कर रही थी। चुनाव होते ही भाजपा की जनविरोधी चेहरा सामने आ गया है।
महर्षि ने आज जारी बयान में कहा कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने अनेक कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया था, यह प्रस्ताव विधानसभा से पारित हुआ था लेकिन अगले साल भाजपा की सरकार आने के बाद उस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। उसी का नतीजा है कि वर्षों से इन बस्तियों में रहने वाले लोगों का भविष्य आज दांव पर है। सरकार के पास कोई वैकल्पिक प्लान नहीं है जबकि उन बस्तियों में रह रहे लोग इस प्रदेश के नागरिक हैं।
उन्होंने कहा कि आज एनजीटी और हाईकोर्ट के नाम पर गरीब बेसहारा लोगों को उजाड़ने की तैयारी हो रही है, उन्होंने सवाल किया कि जब ये बस्तियां अस्तित्व में आ रही थी, तब सरकारी तंत्र क्यों सोया रहा। महर्षि ने साथ ही यह भी पूछा कि यदि उक्त बस्तियां अवैध हैं तो ऊर्जा निगम और जल निगम ने किस आधार पर वहां बिजली पानी के कनेक्शन दिए। उन्होंने कहा कि बिजली, पानी, सड़क की सुविधा अपने आप तो हुई नहीं, पिछले आठ साल से प्रदेश में भाजपा की सरकार है तो जाहिर है कि भाजपाइयों ने ही वोट की फसल काटने के लिए यह कुचक्र रचा और अब जिम्मेदारी लेने की बात आई तो बेकसूर लोगों को सड़क पर लाने की तैयारी की जा रही है।
महर्षि ने कहा कि वर्ष 2017 से लोकसभा, विधानसभा से लेकर नगर निगम तक के आधा दर्जन चुनाव हो चुके हैं, उन्होंने पूछा कि सबका साथ सबका विकास का राग अलापने वाली भाजपा ने पिछले आठ साल में क्यों नहीं इस मुद्दे का समाधान किया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी को अंधेरे में नहीं रखना चाहती और न ही एनजीटी अथवा अदालत की अवमानना का इरादा है, सवाल सिर्फ इतना है कि पिछले आठ साल से भाजपा सरकार ने क्यों अवैध बस्तियों के लोगों को अंधेरे में रखा।
राजीव महर्षि ने कहा कि पहले चरण में देहरादून नगर निगम द्वारा रिस्पना नदी के किनारे काठ बंगला से मोथरोवाला तक की 27 अवैध बस्तियां चिन्हित की गई हैं। उन्होंने पूछा कि सरकार बताए कि इन लोगों के भविष्य का क्या होगा? उनके बच्चों का क्या होगा और सबसे बड़ा सवाल यह है कि तपते मौसम ने वे लोग कहां जायेंगे जबकि इसी सरकार के कार्यकाल में स्थिति विकराल हुई है।
उन्होंने कहा कि यह तो पहले चरण का मामला है जबकि देहरादून नगर निगम क्षेत्र में इस तरह की कुल 129 बस्तियां हैं उनमें करीब 40 हजार से अधिक भवन हैं। यदि प्रत्येक घर में पांच लोगों की संख्या भी मान ली जाए तो इस तरह करीब दो लाख की आबादी पर बर्बादी की तलवार लटकी हुई है।
कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर ने आरोप लगाया कि वोट की खातिर भाजपाइयों ने अवैध बस्तियों को मौका दिया और अब चुनाव निपट जाने के बाद उन्हें उजाड़ने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रभावित होने वाले लोगों के जीवन जीने के अधिकार का हनन है और सरकार को इन बस्तियों को उजाड़ने से पहले उनके पुनर्वास का प्रबंध करना चाहिए, वरना कांग्रेस प्रभावित होने वाले लोगों के पक्ष में संघर्ष से पीछे नहीं रहेगी।