Sunday, June 8, 2025
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केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया लोकपर्व हरेला

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देहरादून ,पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में आज वृक्षारोपण कर हर्षोल्लास के साथ लोकपर्व हरेला मनाया गया !

विद्यालय में आज सुबह से ही बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उत्साह का माहौल था , बच्चे विद्यालय परिसर में पेड़ पौधों के साथ चहल कदमी कर रहे थे , प्रार्थना सभा में बच्चों ने अपने द्वारा विद्यालय में लाये गये पौधों के साथ ईश्वर की वन्दना करते हुए पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिये सभी को सद्बुद्धि देने की ईश्वर से वन्दना की
प्राथना सभा में बच्चों को संबोधित करते हुए प्राचार्य बसन्ती खम्पा ने हरेला पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला , उन्होंने कहा जीवन को जीवन प्रदान करने के लिये धरती को हरा भरा रखना हम सबका दायित्व है और इसके लिये हमें युद्ध स्तर पर प्रयास करने होंगे तभी धरती पर जीव जन्तु और हम सुरक्षित रह पाएंगे
हरेला अवसर पर बच्चों ने विद्यालय परिसर में पेड़ लगाकर विद्यालय और वातावरण को हरा भरा बनाने की शपथ ली !
इस अवसर पर प्राचार्य बसन्ती खम्पा , उप प्राचार्य मनीषा मखीजा , डी एम लखेड़ा, देवेंद्र सिंह सीमा श्रीवास्तव, मुख्य अध्यापिका आरती उनियाल, हिमानी मेहता, गौरव रावत, रचना पंत, सुमित कुमार आदि शिक्षकों ने वृक्षारोपण में सहयोग प्रदान किया

हरेला पर्व पर यूकॉस्ट ने टोंस नदी के किनारे वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया

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हरेला पर्व के शुभ अवसर पर, उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में, वन विभाग के साथ मिलकर प्रकृति और संस्कृति को समर्पित हरेला महोत्सव मनाया गया । इस कार्यक्रम में कई गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर यूकॉस्ट ने टोंस नदी के किनारे स्थानीय लोगों और जल वायु टॉवर सोसाइटी के साथ मिलकर एक वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया। प्रमुख प्रतिभागियों में कमांडर सौगत चट्टोपाध्याय, लेफ्टिनेंट रमेश चंद्र, शिक्षाविद् डा रीमा पंत, पुष्कर सिंह रावत और अन्य सदस्य शामिल थे। परिषद प्रांगण में भी महानिदेशक, प्रो दुर्गेश पंत के मार्गदर्शन में स्कूल के विद्यार्थियों और अन्य प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया । उत्सव की शुरुआत शक्ति, संस्कृति रचनात्मकता और कला के प्रतीक भगवान शिव की भव्य नटराज मूर्ति की स्थापना के साथ हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ । प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता श्री सच्चिदानंद भारती ने हरेला त्योहार के महत्व पर अपने विचार साझा किये । इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन के स्वामी स्वरूपानंद जी ने विद्यार्थियों को वर्षभर वृक्षारोपण और प्रकृति संरक्षण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री शैलेन्द्र जी ने सभी को हरेला की शुभकामनाएँ प्रेषित की और पर्यावरण संरक्षण में वृक्षों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रेरक कहानियाँ भी साझा की । प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकास्ट ने वृक्षारोपण पहल में उनकी भागीदारी और समर्पण के लिए सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त कर्नल गिरिजा शंकर मुंगाली और सुरेंद्र मित्तल भी उपस्थिति रहे । उत्सव का समापन अतिथियों को स्वीकार स्मृति चिन्ह वितरण के साथ हुआ। यूकॉस्ट ऐसे सार्थक आयोजनों के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हरेला का लोकपर्व हमें प्रकृति संरक्षण की जिम्मेदारी की हमें याद दिलाता है। कार्यक्रम में आईटीआईटीआई झाजरा, रामकृष्णमिसन मिशन देहरादून, स्वामी रामतीर्थ गर्ल्स स्कूल के छात्र- छात्राओं, शोधकर्ताओं, विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के अधिकारियों, यूकॉस्ट और आरएससी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया, और कार्यक्रम को सार्थक बनाने में सहयोग किया ।

मुख्यमंत्री धामी के जागेश्वर आगमन एवं मेले की तैयारियों का डीएम ने लिया जायजा

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अल्मोड़ा।  जागेश्वर धाम में लगने वाले प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ 16 जुलाई को होगा। श्रावणी मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाएगा। जिलाधिकारी विनीत तोमर ने सोमवार को जागेश्वर पहुंचकर मेले की तैयारियों का जायजा लिया। साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगमन को लेकर भी तैयारियां करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जिलाधिकारी द्वारा टीआरसी जागेश्वर में ली गई बैठक में मेले के दौरान यातायात व्यवस्था, कानून व्यवस्था, साफ सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रसिद्ध श्रावणी मेले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आगमन होगा, इसलिए सभी तैयारियों को चाक चौबंद किया जाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने मंदिर परिसर का निरीक्षण भी किया तथा मेले के शुभारंभ के लिए की जा रही तैयारियों को परखा। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री के लिए मंच, टेंट, बैरिकेडिंग आदि की समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि मेले में देश भर से श्रद्धालुओं का आगमन होगा, इसलिए किसी भी व्यवस्था में कोई कमी न रहे। उन्होंने जिला पंचायत के अधिकारियों को साफ सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने आम लोगों, श्रद्धालुओं एवं स्थानीय व्यापारियों से भी अपील की है कि मेले की सभी व्यवस्थाओं को बनाए रखने में अपना सहयोग दें, गंदगी इधर उधर न फैलाएं एवं सभी निर्देशों का पालन करें। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को भी निर्देश दिए कि मेले के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था रहे। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, डीएफओ हेमचंद्र गहतोड़ी, उपाध्यक्ष मंदिर समिति नवीन चंद्र भट्ट, उपजिलाधिकारी द्वाराहाट सुनील राज, जैंती भनोली एनएस नगनयाल, प्रबंधक मंदिर समिति ज्योत्सना पंत, पुजारी प्रतिनिधि पंडित नवीन चंद्र भट्ट समेत अन्य संबंधित अधिकारी एवं स्थानीय व्यापारी उपस्थित थे।

असम रेजिमेंट के पूर्व सैनिकों ने की राज्यपाल से मुलाकात

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देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में असम रेजिमेंट के पूर्व सैनिकों ने मुलाकात की। राज्यपाल ने असम रेजिमेंट में सेवाएं दी हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों से सेवा के दौरान अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। राज्यपाल ने कहा कि सेना में आपसी समन्वय के साथ किस प्रकार रहना होता है यह सीखा जाता है। उन्होंने कहा की सेवा के दौरान एक-दूसरे से जो सीखा है, आज उसका आभार प्रकट किया गया। उन्होंने कहा कि मुलाकात में सेना के अनुभवों और आने वाली चुनौतियों के बारे में बात की गई। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड  सैन्य बाहुल्य प्रदेश है और सैन्य भूमि है, यहां बहादुरी का एक अलग ही जज्बा है। पूर्व सैनिकों से मुलाकात के दौरान उन्होंने अग्निपथ योजना के बारे में भी चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि अग्निवीर के रूप में आने वाले हमारे योद्धाओं का प्रशिक्षण और उनकी क्षमता ऊंचे दर्जे की है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी के अनुभवों के आधार पर अग्निवीर एक बेहतर योजना है इससे हमारे सशस्त्र बलों में यूथफुल प्रोफाइल(युवा वर्ग) बढ़ेगा। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने अग्निवीरों को प्रशिक्षित करने वाले कमांडरों से बात की है, और बताया कि अग्निवीरों के प्रशिक्षण का स्तर, आपसी प्रतिस्पर्धा और राष्ट्र प्रथम की भावना उच्च स्तरीय है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने यूनिट और ट्रेनिंग सेंटर में जाकर अग्निवीरों से बात की और यह देखकर गर्व होता है कि उनके अंदर राष्ट्र प्रथम की भावना और देश की सुरक्षा लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है।

ई वेस्ट एकत्रित करने वाले सरकारी विभागों को नोटिस  : मुख्य सचिव

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  • – सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों को सख्ती से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एवं मेडिकल वेस्ट डिस्पॉजल की पुख्ता व्यवस्था के कड़े निर्देश
    – स्वच्छता कर्मियों को हाथों के दस्ताने, मास्क, गमबूट्स उपलब्ध करवाने के निर्देश
    – कचरा बीनने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश
    – प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की सख्त निगरानी हेतु औद्योगिक इकाइयों के नियमित निरीक्षण के निर्देश
    – बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के सम्बन्ध में प्रभावी सर्विलेंस सिस्टम विकसित करने के निर्देश
    – डिसेंट्रलाइज वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम को प्रोत्साहन
    देहरादून।   उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उन सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी करने जा रहा हैं जिनके द्वारा अनुपयोगी पुराने कम्पयूटर, प्रिन्टर, स्कैनर व मोबाइल जैसे ई वेस्ट अनावश्यक रूप से एकत्रित किए जा रहे हैं। सचिवालय में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में सख्त निर्देश दिए हैं। सीएस राधा रतूड़ी ने सभी सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों को सख्ती से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एवं मेडिकल वेस्ट डिस्पॉजल की पुख्ता व्यवस्था के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषरूप से सरकारी विभागों को इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना करने की सख्त हिदायत दी है। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कूड़ा प्रबन्धन एवं निस्तारण के कार्य में लगे स्वच्छता कर्मियों को हाथों के दस्ताने, मास्क, गमबूट्स तत्काल उपलब्ध करवाएं जाए।
    पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निधि के उपयोग के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के तहत ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण के लिए बुनयादी सुविधाएं तैयार करने, नाडेप पिट के माध्यम से जैव खादों के उत्पादन, सामूहिक सफाई अभियान को प्रोत्साहित करने, सेनेटरी वेस्ट एवं घरेलू खतरनाक अपशिष्ट के एकत्रीकरण व निपटान की व्यवस्था तथा सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में कचरा बीनने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
    मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट के तहत औद्योगिक ईकाईयों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जब्त किए गए एसयूपी के परिवहन, रिसाइकिलिंग व निस्तारण के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने ऐसे व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों एवं संस्थानों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं जो प्लास्टिक कूड़े के पर्यारवणीय हित में प्रबन्धन के लिए कार्य कर रहे हैं।
    मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेंट के सम्बन्ध में एक प्रभावी सर्विलेंस सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पेरामेडिकल कार्मिकों के लिए बायोमेडिकल वेस्ट के   सेगरिगेशन, स्टोरेज व  निस्तारण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए।
    मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खतरनाक अपशिष्ट प्रबन्धन के तहत ऐसे लोगो के लिए कौशल विकास एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं जो खतरनाक अपशिष्ट की हैण्डिलिंग, रिसाईकिलिंग व प्री प्रोसेसिंग के कार्यों को करते हैं। उन्होंने  संभावित खतरनाक अपशिष्ट दूषित स्थलों के आंकलन के भी निर्देश दिए हैं।
    मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कन्सट्रक्शन एण्ड डिमोलेशन वेस्ट मेनेजमेंट के तहत निर्माण एवं धवस्तीकरण अपशिष्ट की प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना एवं अपग्रेडेशन के निर्देश दिए हैं।
    सीएस राधा रतूड़ी ने घरेलू अपशिष्ट जल के उपचार के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं कि डिसेन्ट्रलाइज वेस्टवाटर ट्रीटमेंट सिस्टम को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही क्यूनिटी सेनेटरी कॉम्पलेक्स को भी प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने उपचारित जल का प्रयोग पीने के अलावा अन्य कार्यों में उपयोग हेतु प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। औद्योगिक अपशिष्ट जल के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि कॉमन ट्रीटमेंट प्लान्ट के स्थापना के लिए गैप फण्डिग का उपयोग किया जाए। जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण हेतु सीएस ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने भूमिगत जल को रिचार्ज करने हेतु विशेष प्रयास के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वायु प्रदूषण के प्रभावी नियंत्रण हेतु एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग नेटवर्क को सृदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं।
    बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

त्रिस्तरीय पंचायत सदस्यों ने भरी हुंकार : अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया शुरू

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-दो वर्ष का बढ़ाओ कार्यकाल के लगे नारे
-70 हजार की ताकत दिखाने का ऐलान
-उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के बैनर पर हुए एकजुट

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), उत्तराखंड़ के 12 जिलों से पहुंचे त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्यों ने “एक चुनाव एक पंचायत राज्य” के नारे के साथ सोमवार से पंचायती राज निदेशालय पर एक सूत्री मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सदस्यों ने तीनों पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग के समर्थन में धरना देते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कार्यकाल बढ़ाए जाने का कानूनी आधार मौजूद है। सरकार को एक कदम आगे बढ़कर इस मांग पर अपनी सहमति देने के आगे आना चाहिए।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के बैनर तले राज्य के कोने-कोने से पहुंचे वार्ड मेंबर्स, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों के साथ क्षेत्र प्रमुखों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है।
स्थल पर हुई सभा में प्रदेश कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि संगठन कोई अनोखी मांग नहीं कर रहा है। राज्य सरकार इस राज्य में पहले भी अधिसूचना लाकर पंचायत का कार्यकाल बड़ा चुकी है। इस बढ़े कार्यकाल में निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही कार्य करने का अवसर दिया गया। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने कहा कि राज्य सरकार अध्यादेश या अधिसूचना लाकर कार्यकाल बढ़ा सकती सकती है। हम सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री “एक राष्ट्र एक चुनाव” की बात कर रहे है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को एक राज्य एक पंचायत चुनाव की मांग को स्वीकार करते हुए संगठन को वार्ता के लिए बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत एकजुट होकर आंदोलन कर रही है।
क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश संरक्षक तथा भीमताल ब्लॉक के प्रमुख डॉक्टर हरीश बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में तीनों पंचायतों के 70 सदस्य इस मांग पर अपनी मोहर लगा चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार को आगे आकर इन पंचायतों को 2 वर्ष का कार्यकाल देना चाहिए। एक राज्य एक चुनाव लागू होने से राज्य सरकार को भी बार-बार अधिसूचना के झंझट से सहूलियत मिलेगी।
धरना प्रदर्शन पर तय किया गया है कि जब तक सरकार वार्ता के लिए नहीं बुलाएगी तब तक अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। अगर सरकार ने बातचीत के रास्ते को बंद कर दिया तो प्रदेश की राजधानी सहित प्रदेश के 7995 गांव में आंदोलन का असर दिखेगा।
हरिद्वार जनपद के पंचायत साथियों से आंदोलन के लिए समर्थन मांगा गया है। इसके लिए संगठन की ओर से शीघ्र एक पत्र भी जारी किया जाएगा। धरना स्थल पर कहा गया कि हम हरिद्वार जनपद के साथ आंदोलन चाहते है। इसलिए हरिद्वार जनपद को भी हमारा साथ देना चाहिए।
धरना-प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा का संचालन ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ललित सुयाल ने किया।
सभा को बागेश्वर के केदार महर, अल्मोडा के प्रमोद जोशी, उत्तरकाशी के अरविंद पंवार, पौड़ी के सत्य हर्षवाल, पिथौरागढ़ के श्याम सुंदर सौन, चमोली के पान सिंह नेगी, रुद्रप्रयाग के देवेंद्र भंडारी, चम्पावत के खीमानंद बिनवाल, नैनीताल से हेमा आर्या, देहरादून से सोवन सिंह, टिहरी के सुंदर सिंह, सुनीता नेगी, मीनू क्षेत्री, बृजमोहन बहुगुणा आदि ने विचार व्यक्त किया।

समाधान निकालने का किया अनुरोध :

त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने प्रदेश सरकार से टेबल वार्तालाप के लिए बुलाकर एक सूत्रीय मांग को लेकर समाधान का रास्ता निकालने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार को टकराव की स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए।”

पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद मौत का मामला : दून में राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने किया प्रदर्शन

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देहरादून, ऋषिकेश में पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद जेल में मौत के मामले की जांच और परिजनों के मुआवजे की मांग को लेकर विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने देहरादून कलैक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी से माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इसमें पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने या फिर सीबीआई को मामला सौंपने की मांग की गई। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही मृतक के परिजनों को समुचित मुआवजा देने की मांग भी की गई |
ऋषिकेश के ढालवाला निवासी रणवीर सिंह रावत को 22 जून को सादे कपड़ों में घर पहुंची पुलिस उठा कर ले गई। रणवीर सिंह पर स्कूटी चोरी का आरोप लगा। पुलिस ने 23 तारीख को रणवीर सिंह को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। 25 जून को रणवीर सिंह की जेल में मौत हो गई। आरोप है कि रणवीर सिंह की बुरी तरह से पिटाई के चलते मौत हुई है। परिजन इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
जिलाधिकारी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने वालों में आरयूपी, सीपीएम, यूकेडी, सीआईटीयू, उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद, एआईएलयू, एसएफआई, नेताजी संघर्ष समिति, भीम आर्मी, नवचेतना मंच आदि के प्रतिनिधियों के साथ ही मृतक रणबीर सिंह की पत्नी रीतादेवी भी शामिल हुईं।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि 22जून 2024 की सांय 5:30 कोतवाली ऋषिकेश देहरादून की पुलिस रणबीरसिंह के टिहरी जिले के अंतर्गत ढालवाला स्थित मकान पर गई और उन्हें घसीट कर साथ ले गई। अगले दिन 23 जून की दोपहर पति को तलाशते हुए पत्नी कोतवाली ऋषिकेश गई तो तब तक उसके पति की पुलिस अभिरक्षा में बुरी तरह पिटाई हो चुकी थी। आनन फानन में उन्हें ऋषिकेश कोर्ट में पेश कर जिला कारागार देहरादून भेज दिया गया। आरोप हैं कि 25 जून को जब रणबीर की पत्नी पति को मिलने जिला कारागार गई तो उसके पति हालात नाजुक थी। उसने अपनी पत्नी को कहा कि उसके जान खतरे में है। मुलाकात के बाद जब वह घर पहुंची तो जेल प्रशासन ने रणबीर सिंह की मृत्यु कि सूचना उन्हें दी। वक्ताओं ने कहा कि हकीकत यह है कि पुलिस एवं जिला प्रशासन के अमानवीय कृत्यों के परिणामस्वरूप रणबीरसिंह की मृत्यु जिला कारागार देहरादून में ही हो चुकी थी।
संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच के लिए रणबीर सिंह की पत्नी रीता देवी ने जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। इस बीच सामाजिक एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी से भेंटकर उन्हें यथास्थिति से अवगत कराया। इस प्रकरण में दो पुलिसकर्मियों निलंबित कर पुलिस ने अपने घृणित अपराध में पर्दा डालने की कोशिश की। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी की ओर से पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह को ज्ञापन सौंपा।

मांग के बिंदु :
-रणबीर सिंह की पुलिस अभिरक्षा में हुई संदिग्ध मृत्यु की हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच करवाई जाय।
-संभव हो सके तो इस संदिग्ध मृत्यु कि जांच सीबीआई से करवाई जाये।
-जांच के दायरे में कोतवाली ऋषिकेश पुलिस, पुलिस क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश, चिकित्साधिकारी ऋषिकेश हॉस्पिटल, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेल के स्टाफ, दून अस्पताल के चिकित्सक, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक तथा ऋषिकेश एजेएम कोर्ट की प्रक्रिया को शामिल किया जाये।
-मामले से जुड़े सभी के खिलाफ निलंबन तथा स्थानांतरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
-मृतक के परिजनों की जानमाल की सुरक्षा की जाये।
-रणबीर सिंह कि विधवा तथा तीन बच्चों के भरण पोषण के लिए सरकार समुचित दे।

प्रदर्शनकारियों में राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी (आयूपी) के अध्यक्ष नवनीत गुंसाई, सीपीआई (एम) के जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू के जिला महामंत्री लेखराज, यूकेडी की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला रावत, एआईएलयू के प्रान्तीय महामंत्री शम्भू प्रसाद ममगाईं, बार कौंसिल से एडवोकेट रंजन सोलंकी, आन्दोलनकारी परिषद प्रवक्ता चिन्तन सकलानी, जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार, एसएफआई से नितिन मलेठा, नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डंडरियाल, नव चेतना मंच की संयोजिक दीप्ति रावत, भीम आर्मी के अध्यक्ष आजम खान, तरूणा जगुड़ी, सुभागा फर्सवाण, तारा पाण्डेय, सुधा, शोभा, सरला, रामपाल, अमित सिंह, सुनीता विरमानी, सुरेन्द्र पंवार आदि प्रमुख थे।

जीआईसी सेमिडीधार के गोपालमणि, धोपड़धार के अतुल की प्रतिभा का हुआ सम्मान

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नई टिहरी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डायट), नई टिहरी में शिक्षक गोपालदत्त बलोदी की स्मृति में शिक्षा प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी ने उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा 2023-24 में प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले जनपद के हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के मेधावी छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह् एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
एक सादे समारोह में शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं आगे भी ऐसे ही प्रतिभा के प्रदर्शन को बनाये रखे और देश-प्रदेश का नाम रोशन कर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि विद्यालय संरचना, शिक्षा की गुणवत्ता आदि को लेकर जिला प्रशासन द्वारा बेहत्तर कार्य करने के प्रयास किये जा रहे हैं। जनपद से प्रदेश की मेरिट सूची में हाईस्कूल के 10 एवं इण्टरमीडिएट के 05 छात्र-छात्राओं द्वारा स्थान प्राप्त किया गया।
हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं में एसबीबीबीवीएस जखधार के शुभम सिंह पंवार, नन्दनी डंगवाल, आस्था बिष्ट एवं अभिनव, पीवीएसवीएम ढालवाला के सुशान्त सेमवाल, अनिस जोशी, मदर मिराकल स्कूल मुनिकीरेती की अनविशका रतूड़ी, वीएसएमएस भण्डारी जीजीआईसी मलेथा की प्रिया, जीएचएसएस बहेड़ा के लक्की सकलानी, एसएसएसएसटीबीएसएम जीआईसी नकोट के कशीस शामिल हैं। जबकि इण्टरमीडिएट के छात्र-छात्राओं में जीआईसी सेमिडीधार के गोपालमणि, बीवी सरोवर बौराड़ी के अर्चना गुणसौला, जीआईसी धोपड़धार अतुल, एसवीएमआईसी उनियालसारी चम्बा के करण तनक तथा एनएमवीआईसी बीपुरम के रूचि रावत शामिल हैं। इस मौके पर डीईओ बेसिक वी.के. ढौंडियाल, प्राचार्य डायट हेमलता भट्ट, बसन्ती देवी पत्नी शिक्षक स्व. गोपालदत्त बलोदी, कार्यक्रम संयोजिका प्रभा रतूड़ी, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति रमेश चन्द्र रतूड़ी सहित दीपक रतूड़ी, राजेन्द्र बडोनी, राजेन्द्र बहुगुणा, रागनी भट्ट, अन्य शिक्षकगण, अभिभावक एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

‘जाड़ी’ संस्था ने बीज बम को आर्थिकी से जोड़ कर एक नयी पहल की : डा. ममगांई

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‘बीज बम अभियान के समापन पर ग्रामीणों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद बीज बम जंगलों में फेंके एवं पारंपरिक गीत भी गाए’

उत्तरकाशी, खेल खेल में पर्यावरण संरक्षण एवं मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़े संघर्ष को कम करने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान ‘जाड़ी’ के द्वारा शुरू किए गए बीज बम अभियान सप्ताह का सोमवार को समापन हो गया, 9 जुलाई से शुरू हुये इस अभियान में ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा बनाए बीज बम को जंगलों में डाल कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया।
समापन के अवसर पर सिल्ला गांव में सांस्कृतिक भी आयोजित किया गया, जिसमें खंड विकास अधिकारी भटवाड़ी डा. अमित ममगांई के साथ ग्रामीणों ने बीज बम जंगलों में फेंके एवं पारंपरिक गीत भी गाए, इस मौके पर मुख्य अतिथि डा. अमित ममगांई ने कहा कि जाड़ी संस्था ने बीज बम को आर्थिकी से जोड़ कर एक नयी पहल की । जिसके तहत सिल्ला गांव में चल रहे होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को ट्रैकिंग के अवसर पर बीज बम का पैकेट दिया जाता है। प्रत्येक पैकेट में 5 बीज बम होते हैं जिसका 20 रुपए दाम लिया जाता है और पर्यटक ट्रैकिंग वाले रूटों पर बीज बम को फेंक पर्यावरण संरक्षण में अपनी सार्थक भागीदारी निभाते हैं, उन्होंने कहा कि इस वर्ष बीज बम अभियान सप्ताह से जुड़कर उत्तराखंड़ की 350 ग्राम पंचायत, 250 स्वैच्छिक संगठन, महाविद्यालय, इन्टर स्कूल अादि ने एक हजार स्थानों पर बीज बम अभियान अभियान सप्ताह मनाया। इस दौरान विभिन्न सब्जियों कद्दू, तोरी, लोकी, मक्का, शहतूत आदि के 1 लाख से अधिक बीज बम लोगों के द्वारा जंगलों में डाले गए। वहीं राज्य की समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया, इसके लिए अपर सचिव प्रशांत आर्य द्वारा पत्र भी जारी किया गया था।
इस अवसर पर बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बीज बम अभियान धीरे धीरे राज और समाज में पैठ बना रहा है। अभी हमारा फोकस दो बातों पर है एक तो सम्पूर्ण राज्य, समाज को अभियान का हिस्सा बनाना है, दूसरा वनों में ऐसे बीज बम डालने है जिससे कुछ न कुछ वन्य जीवों के लिए भोजन मिले, वह बेल, तना, पती फल , सब्जी जो भी हो बस जानवरों के आहार के लिए हो। सेमवाल ने कहा कि हमारा मकसद किसी तरह के बड़े पोधों व वनों को विकसित करना नहीं है अभी सिर्फ और सिर्फ वन्य जीवों के लिए भोजन उपलब्ध कराना एक मात्र मकसद है। उन्होंने बीज बम अभियान को गति देने वाले सभी संगठनों, विभागों, शिक्षक साथियों, पंचायत प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालय, महिला संगठनों एवं पत्रकार साथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर ग्राम प्रधान उमा राणा, मदन पंवार ग्राम विकास अधिकारी, संतोषी, आशुतोष दीप, त्रिलोक भंडारी, संदीप पंवार, मोहन राणा, आशीष राणा के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय महिलायें भी मौजूद रही |

पर्यावरण चितेरा बाबला : अब तक लगा चुके हैं 6 लाख पौधे, 1979 में शुरू हुआ सफर आज भी बदस्तूर जारी

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(एल मोहन लखेड़ा)

देहरादून, पर्यावरण संरक्षण के लिये समर्पित एक चितेरा आज भी अपनी इस मुहिम को 70 वर्ष की उम्र में जारी रखे, पर्यावरण संरक्षण को लेकर जहां राज्य में हरेला पर्व की तैयारी जोर शोर से चल रही है, ऐसे में हम आपको रूबरू कराते हैं उत्तराखंड़ के इस चितेरे पर्यावरण प्रेमी से, जिसके द्वारा रोपित किये गये पौधे आज वृक्ष का आकार ले चुके हैं, पेड़ों से अपने बच्चों की तरह प्रेम करने वाले इस पर्यावरण प्रेमी नाम है जगदीश बाबला, वह आज 70 साल की उम्र में भी वृक्षारोपण करते नजर आते हैं. उन्होंने 1979 से वृक्षारोपण का सफर शुरू किया था, उन्हें इस क्षेत्र में कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है, उन्हें इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं. जगदीश अब तक 6 लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं |
एक मुलाकात में समाजसेवी और पर्यावरण प्रेमी जगदीश बाबला ने कहा कि वह एक स्कूल में कार्यरत थे, एक बार वह बच्चों के साथ घूमने गए और तेज धूप में उन्होंने पेड़ की छांव ढूंढने की कोशिश की लेकिन उन्हें वहां पेड़ नहीं मिले, उन्होंने बच्चों से कहा कि यहां हम पौधारोपण करेंगे | बच्चों के साथ वह फिर वहां गए और कुछ पौधों को लगाया | इसके बाद उनका मन पर्यावरण के प्रति रुचि लेने लगा, पुरानी किसी फिल्म के सीन में उन्होंने देखा कि दोनों ओर फूलों के पेड़ हैं और उसके बीच से गाड़ी चल रही है, यह देख उनके मन में भी आया कि देहरादून में भी एक ऐसी रोड हो जिसके दोनों और फूलों के पेड़ हों और लोगों को बेहतरीन सफर का आनंद मिल सके |

अभियान में लगाए 27,200 पौधे :

पर्यावरण प्रेमी जगदीश बाबला ने बताया कि उन्होंने इसके बाद तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख हीरा सिंह बिष्ट से पवेलियन ग्राउंड और परेड ग्राउंड के बीच के रास्ते के लिए अनुमति मांगी | उन्होंने यहां ऐसा करने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने धोरन गांव में 27 एकड़ की जगह पर उन्हें पेड़ लगाने के लिए कहा. यह एक बड़ा क्षेत्रफल था, जिसके लिए मैनपावर की जरूरत थी, इसीलिए उन्होंने एक अभियान शुरू कर दिया, वह स्कूलों, कॉलेजों के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों के पास जाते और इस अभियान में जुड़ने की अपील करते थे, गांव के तत्कालीन प्रधान ललिता प्रसाद की मदद से डेढ़ महीने तक चले इस अभियान में 27,200 पौधों को लगाया गया |

 

अपने साथ लेकर चलते थे पौधे :

उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने अपने ही जैसे पर्यावरण प्रेमियों के साथ मिलकर हिमालय पर्यावरण सेवा संस्था बनाई, ओएनजीसी के अधिकारी से लेकर कई विभागों के अधिकारी तक इस मुहिम में उनके साथ जुड़ते थे, इतना ही नहीं, जब वह टूर पर जाते थे, तब भी कई पौधे अपने साथ लेकर चलते थे और जहां भी जगह मिलती, वहां उन्हें लगा देते थे और लोगों को भी जागरुक करते थे | लोग भी उनके साथ पौधारोपण करते थे, आज भी देहरादून के कई क्षेत्रों और सरकारी परिसरों में जगदीश बाबला द्वारा लगाए गए पेड़ लहलहाते नजर आते हैं, उनका यह सफर आज भी जारी है |

बाबला को मिल चुके हैं कई प्रतिष्ठित पुरस्कार :

दून के 70 वर्षीय जगदीश बाबला ने पर्यावरण और समाज के लिए अहम योगदान निभाया है और आज भी वह पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक करते हैं और वर्तमान हालात देखकर चिंतित भी होते हैं, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई बार सम्मानित किया जा चुका है, उन्हें पर्यावरण के लिए सर्वोच्च सम्मान इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से भी नवाजा गया है, इतना ही नहीं, उनके इस योगदान के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी उनकी सराहना की थी |