Sunday, June 8, 2025
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पौड़ी के ग्राम क्यार्क में हुआ गढ़वाल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज का शुभारंभ

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश कुंवर ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद किया कॉलेज का शुभारंभ”

पौड़ी, मंडल मुख्यालय पौड़ी के ग्राम क्यार्क में श्री शत चंडी जन कल्याण समिति की ओर से गढ़वाल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज का शुभारंभ हो गया है। कॉलेज का शुभारंभ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रमेश कुंवर ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह समिति की ओर से पैरामेडिकल क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्रदान करने का एक सराहनीय कार्य है। जिस तरह से पहाड़ों से लगातार पलायन हो रहा है। उसको देखते हुए संस्था का यह प्रयास लोगों को भी रिवर्स माइग्रेशन के लिए प्रेरित करने का काम करेगा।

क्वालिटी और सस्ती मेडिकल शिक्षा :

संस्थान के चेयरमैन कवींद्र इष्टवाल ने इसकी शुरूआत ऑप्टोमेट्री डिप्लोमा कोर्स के साथ ही गई थी, जो अब पैरामेडिकल सांइसेज कोर्सों तक पहुंच गया है। उनका कहना है कि यह कॉलेज उन स्टूडेंट्स को पहाड़ में ही क्वालिटी और सस्ती मेडिकल शिक्षा उपलबब्ध कराएगा, जो गरीबी के कारण बड़े शहरों में नहीं जा पाते हैं। अब उनके सपनांे को भी पंख मिलेंगे और वह भी ऊंची उड़ान भर पाएंगे। उनका यह भी कहना है कि जहां हर कोई एजुकेशन को बिजनस मानकर केवल देहरादून में ही कॉलेज खोलना चाहते हैं। वहीं, उन्होंने पौड़ी को चुना।

लोगों को पलायन करने से रोकने की सोच :

गढ़वाल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के पीछे उनकी सोच लोगों को पलायन करने से रोकने की है। उनका लक्ष्य जहां स्टूडेंट्स को सस्ती और क्वालिटी एजुकेशन देने का है। वहीं, रिवर्स माइग्रेशन के लिए भी लोगों को प्रेरित करने का मिशन भी है। इस मौके पर संस्था के महासचिव नृपेश तिवारी, सुरेश बहुगुणा, सुनील थपलियाल, अजय रतूड़ी, संस्थान की समस्त फैकल्टी और स्टाफ उपस्थित रहे।

स्टूडेंट्स मेडिकल फील्ड में कई अन्य कोर्स की मदद से जा सकते हैं, 12वीं पास करने वाले बच्चे यहां से आगे करियर चुनने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। वो उन विषयों से प्रोफेशनल कोर्सों में एडमिशन लेते हैं, जहां से उनको अपना करियर भी नजर आता है। मेडिकल के क्षेत्र में जाने की चाहत बहुत से स्टूडेंट्स की होती है। डॉक्टर बनने का सपना तो कई संजोते हें, लेकिन हर कोई नहीं बन पाता है। ऐसे स्टूडेंट्स मेडिकल फील्ड में कई अन्य कोर्स की मदद से जा सकते हैं।

मेडिकल कोर्स के लिए बड़े शहरों का रुख :

इन मेडिकल कोर्स को करने के लिए ज्यादातर बच्चे बड़े शहरों देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश या दिल्ली को रुख करते हैं। इसके लिए बहुत मंगी फीस भी भरते हैं। अधिकांश का सपना बड़ा शहर ही होता है। लेकिन, मंहगी फीस, कमरे का महंगा किराया हर कोई नहीं दे सकता। ऐसे स्टूडेंट्स पहाड़ में रहकर भी अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

ये कोर्स हो रहे संचालित :

गढ़वाल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस (Garhwal Institute of Paramedical Sciences-GIPS) आपको बीएससी ऑप्टोमेट्री (B.OPTOM), बैचलर इन फीजियोथेरेपी (BPT), बैचलर इन ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी (BOTT), बैचलर अन रेडियो इमेज टेक्नोलॉजी (BMRIT) और डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री (DOPTOM) जैसे कोर्स हैं।

सबसे काम फीस :

संस्थान आपको पूरे उत्तराखंड में सबसे कम फीस में यह कोर्स करने की मौका देता है। इसके अलावा आप अपनी फीस आसान किस्तों में भी जमा करा सकते हैं। रहने के लिए भी कमरे कम दरों पर उपलब्ध हो जाते हैं। बड़े शहरों का मोह छोड़कर अपने पहाड़ में ही क्यालिटी एजुकेशन मिल रही है।

शुरू हो चुके एडमिशन :
कॉलेज में इन दिनों एडमिशन चल रहे हैं। अगर आप भी अपने पसंद के कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आप गढ़वाल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेस की वेबसाइट http://www.garhwalinstitute.in पर ऑनलाइन फार्म भरकर एडमिशन ले सकते हैं। कॉलेज में जाकर भी आप एडमिशन ले सकते हैं। अगर आप भी पहाड़ में रहकर ही पढ़ाई करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए अच्छा मौका है।

for online admission form

https://garhwalinstitute.in/admission/

website: http://www.garhwalinstitute.in 
call-8273968106

खास खबर : एमकेपी की प्रबंधन कमेटी अवैध घोषित, प्रशासक तैनात

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“लम्बे समय से चल रहा था कॉलेज प्रबंधन में विवाद”

देहरादून, राज्य के सबसे पुराने शैक्षिणक संस्थानों में शुमार एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून की प्रबंधन कमेटी को अवैध मानते हुये राज्य सरकार ने प्रशासक तैनात कर दिया गया है। इस संबंध में सोमवार को उच्च शिक्षा सचिव ने आदेश जारी कर देहरादून की जिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्ति किया है।

गौरतलब हो कि देहरादून स्थित एमकेपी पीजी कॉलेज के प्रबंधन कमेटी का वर्ष 2020 से विवाद चला आ रहा था। जिसका संज्ञान लेते हुये राज्य सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार कर आखिरकार जिलाधिकारी को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया है। वर्तमान में यह महाविद्यालय हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्र विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। लिहाजा सरकार ने प्रशासक को विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के वायलॉज में निहित सभी अधिकारों को प्रयोग करने की छूट दी है।
इस संबंध में उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि लम्बे समय से विवाद के चलते कॉलेज के कई कार्य प्रभावित हो रहे थे। जिसके मध्यनजर नई प्रबंधन समिति के गठन तक जिलाधिकारी देहरादून को प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है ताकि महाविद्यालय के सभी कार्य सुचारू रूप से चलते रहें।

सीएम धामी ने बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना कर डोली को कंधा देकर किया अयोध्या के लिये रवाना

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देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज परेड़ ग्राउण्ड में बाबा बौखनाग की डोली के अयोध्या धाम भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाबा की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा डोली को स्वयं कंधा देकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग डोली समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भी बाबा बौखनाग के प्रति गहरी आस्था है। बाबा की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है। इसका उदाहरण सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल निकासी है। इन्हीं की कृपा से यह असंभव कार्य संभव हो सका। उन्होने कहा कि सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी में आ रहे अवरोध के समय हम सब विचलित हो रहे थे। उस समय हमें बाबा का स्मरण करने से रास्ता मिला और सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दिन तीन घंटे के बजाय आधे घंटे में ही बाहर आए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन सिलक्यारा की सफलता में बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, प्रगाढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही पग-पग पर उनके सहयोग से विभिन्न संस्थानों, सेना के जवानों, रैट माइनर्स और ग्राउण्ड जीरो पर राज्य सरकार के समेकित प्रयासों से सुरंग में फंसे मजदूरों को जीवन बचाने में हम सफल हो पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय उन्होंने वहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, वह कार्य हो रहा है। शीघ्र ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़कोट पंपिंग पेयजल योजना के शीघ्र समाधान का आश्वासन देते हुए बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेले के रूप में आयोजित किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगुने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं।
इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, समिति के अध्यक्ष जयेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक राजकुमार, मनवीर चौहान, विनोद डोभाल, दीपक बिजल्वाण, सतेन्द्र राणा, अतोल रावत, चण्डी प्रसाद,यशवंत सिंह, गोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा के दीक्षान्त समारोह में 69 अधिकारी हुये पासआउट

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“उत्तराखण्ड़ की सुश्री विभू को मिला पीके सेन संरक्षण पुरस्कार”

देहरादून(एल मोहन लखेड़ा), केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून द्वारा आज 36वें (2022-24) राज्य वन सेवा प्रवेश पाठ्यक्रम पूर्ण करने वाले राज्य वन सेवा अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों का दीक्षान्त समारोह वन अनुसंधान संस्थान के दीक्षान्त सभागार में आयोजित किया गया है। इस बैच में विभिन्न राज्यों द्वारा प्रायोजित 69 अधिकारी प्रशिक्षणार्थी थे, जिनमें महाराष्ट्र-24, उड़ीसा- 23, बिहार-7, त्रिपुरा-6, हिमाचल प्रदेश-5, उत्तराखण्ड-3 और उत्तरप्रदेश-1 राज्य से हैं। इस बैच में कुल 18 महिला अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
यह समारोह भा०व० से० (सेवानिवृत्त) सिद्धान्त दास, अध्यक्ष केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) मुख्य अतिथि की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। डॉ० जगमोहन शर्मा, भा०व०से०, निदेशक, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी, कंचन देवी, भा०व० से०, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (ICFRE), देहरादून, डॉ रेनू सिंह, भा०व०से०, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, मीनाक्षी जोशी, भा०व०से०, कार्यवाहक निदेशक, वन शिक्षा निदेशालय, देहरादून एवं प्रधानाचार्या, केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून एवं सभी संकाय सदस्य, केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून एवं अन्य सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी दीक्षांत समारोह में शामिल हुए।
केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून की प्रधानाचार्या मीनाक्षी जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि 36वें राज्य वन सेवा के अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम 02 वर्षों के दौरान 20 महीने सैद्धांतिक और अन्य विशिष्टताओं का प्रशिक्षण तथा क्षेत्र अनुभव के लिए 4 महीने का सेवा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
डॉ० जगमोहन शर्मा, भा०व०से०, निदेशक, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी ने भी अपने विचार व्यक्त किये, उन्होनें वन विभाग में महिलाओं की बढती भागीदारी पर खुशी व्यक्त की, साथ ही उनकी कार्यकुशलता पर संतोष व्यक्त किया। आपने देश की वर्तमान राजनैतिक, भौगोलिक, आर्थिक, पर्यावरणीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए देश में अमृतकाल में लिये गये पर्यावरणीय फैसलो जैसेः- एक पेड़ माँ के नाम, ग्रीन क्रेडिट कार्ड प्रोग्राम आदि का जिक्र किया साथ ही बढती जनसंख्या और प्राकृतिक संसाधनों के सत्त उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि भा०व०से० (सेवानिवृत्त) सिद्धान्त दास, अध्यक्ष केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) ने अपने सम्बोधन में कहा कि वर्तमान में विश्व की सबसे बडी समस्यां है जलवायु परितर्वन व विश्व उष्णन। ऐसे में वन अधिकारियों की जिम्मेदारी और भी बढ जाती है साथ ही उन्होनें एक अधिकारी के तौर पर EQ (भावनात्मक गुणक), IQ (बुद्धि गुणक), SQ (सामाजिक गुणक) AQ (प्रतिकूलता गुणक) और आध्यात्मिक चेतना की महत्वता को बताया और साहिर लुधयानवी के गीत-मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया से संदेश दिया की जीवन में असफलताओं का भी जश्न मनाना आना चाहिए क्योंकि वही सफलता की सीढी है।
दीक्षांत समारोह के दौरान भा०व०से० (सेवानिवृत्त) सिद्धान्त दास, अध्यक्ष, केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) ने अकादमी द्वारा प्रकाशित 4 पुस्तको जिसमें Safarnama, Darmiyaan,, Insecta एवं Learning from the Field का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर भा०व०से० (सेवानिवृत्त) सिद्धान्त दास, अध्यक्ष केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) के द्वारा सभी उत्तीर्ण वाले 69 अधिकारी प्रशिक्षणार्थियों को डिप्लोमा प्रमाण-पत्र तथा विशेष योग्यता प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणर्थियों को विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इन्हें मिला पुरस्कार :
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय का स्वर्ण पदक : डॉ० सत्यजीत कर (उड़ीसा), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय उत्कृष्ट ऑलराउंडर अधिकारी
प्रशिक्षणार्थी एवं अतिव्यावहारिक वन विद् रजत पदक : डॉ० सत्यजीत कर (उड़ीसा), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिर्वतन मंत्रालय का वन प्रबन्धन एवं कार्य योजना में कार्यकुशलता के लिए रजत पदक : डॉ० सत्यजीत कर (उड़ीसा), पारिस्थितिकी में कार्यकुशलता के लिए रजत पदक : विवेक उद्धवराव शिंदे (महाराष्ट्र), मृदा संरक्षण एवं भू-प्रबन्धन में कार्यकुशलता के लिए आर.सी. कौशिक पुरस्कार : अर्पणा शिवरतन पाटिल(महाराष्ट्र), इंजीनियर एवं सर्वेक्षण में कार्य कुशलता के लिए केन्द्रीय अकादमी राज्य वन सेवा संगठन पुरस्कार : मयूर जयसिंह शेलके (महाराष्ट्र), वन सुरक्षा तथा जन जातिय कल्याण के लिए पी. श्रीनिवास पुरस्कार : ओंकार दास(उड़ीसा), पी. के. सेन संरक्षण पुरस्कार : सुश्री विभू (उत्तराखण्ड)

 

पर्यावरण की रखवाली, घर-घर की हरियाली नारे के साथ उत्तरांचल उत्थान परिषद ने रैली निकाल किया वृक्षारोपणMay be an image of 3 people and text

देहरादून, उत्तरांचल उत्थान परिषद ने “पर्यावरण की रखवाली, घर-घर की हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली ” के उद्घोष के साथ नगर के विभिन्न भागों में प्रभात फेरी निकालते हुए हरेला 2024 का स्वागत किया। परिषद के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पर्यावरणविद् जगदीश बावला के नेतृत्व में गणता आश्वासन नियंत्रणालय रायपुर में संस्थान के सहयोग से व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम इस अवसर पर सम्पन्न किया।
हरेला लोक पर्व सावन की संक्रान्ति के दिन पूरे उत्तराखण्ड में हर्ष और उल्लास के साथ मनायजाता है। यह मानव और प्रकृति को जोड़ने वाला सांस्कृतिक लोकपर्व है। सावन-संक्रान्ति से नौ दिन पूर्व घर के पूजा स्थल पर सात धान्यों को टोकरी में बोने की परम्परा है। खेत से मिट्टी ला कर और हरेला की उपज को देख कर आने वाली फसल का तथा मिट्टी की उर्वरकता का पूर्वानुमान लगाया जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगदीश बावला ने बताया कि बढ़ती वैश्विक उष्णता को देखते हुए हरेला धरती की सुरक्षा का प्राकृतिक आश्वासन है। प्रतिवर्ष उत्तराखण्ड के जंगलों में लगने वाली आग से जैव विविधता नष्ट हो रही है। चीड़ के विस्तार को रोकना होगा, मिश्रित वनों को विकसित करना होगा। चीड़ की पत्तियां आग फैलाने का मुख्य कारक है। निजी भूमि से चीड़ के निस्तारण की अनुमति कास्तकार को मिलनी चाहिए।
हरेला हमें उद्यान से आत्म निर्भरता का भी संदेश देता है। हिमाचल जो हमारा पर्वतीय पडौसी राज्य है उससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए। उत्तराखण्ड़ के उद्यान कास्तकारों को हिमाचल की निर्भरता से मुक्त करना होगा, राज्य में ही समय से बीज, दवा पौध एवं प्रशिक्षण मिले यह आवश्यक है। फलोद्यान का विकास उत्तराखण्ड के पलायन को रोकने में सक्षम है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष जयमल सिंह नेगी ने बताया कि वृक्षारोपण करने के साथ ही उसकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। बढ़ते प्रदूषण को हम अधिकाधिक वृक्षारोपण कर रोक सकते हैं। हरेला कार्यक्रम के संयोजक यशोदानन्द कोठियाल ने बताया कि उत्तरांचल उत्थान परिषद पूरे सावन मास पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण का अभियान चलायेगी। महानगर में छः स्थानों पर अलग अलग तिथियों पर कार्यक्रम होंगे। श्री कोठियाल ने नगरवासियों से सहयोग की अपील की।

कार्यक्रम में डी.एन. उनियाल, प्रो. डी.डी. चौनियाल, ललित बुड़ाकोटी, चरण सिंह कण्डारी, नरेशचन्द्र कुलाश्री, मनोज बिष्ट, सुरेन्द्र नौटियाल, महेश चन्द्रा, शम्भू प्रसाद सती, विपुल जोशी, आनन्द सिंह रावत, राकेश राणा, देवेन्द्र दत्त उनियाल, गीता बिष्ट, उषा रावत, डा० मोहित बडोनी एवं राम प्रकाश पैन्यूली आदि का सहयोग रहा।

 

 

लोक संस्कृति के मर्मज्ञ डॉ. पुरोहित के व्यक्तित्व और कृतित्व पर पुस्तक का लोकार्पणMay be an image of 5 people, people smiling, hospital, dais and text

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के तत्वावधान में मंगलवार को पुस्तकालय के सभागार में सादे किंतु गरिमामय समारोह में विनसर पब्लिकेशन द्वारा लोक संस्कृति के मर्मज्ञ डॉ. डी.आर. पुरोहित के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
समारोह की अध्यक्षता दून पुस्तकालय के निदेशक प्रो. बी.के. जोशी ने की, जबकि मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल थी। उत्तराखंड के प्रख्यात लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार गिरीश सुंदरियाल ने किया। इससे पूर्व उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के उपलक्ष में दून पुस्तकालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
“संस्कृति और रंगमंच के पुरोधा डॉ. डी.आर. पुरोहित” पुस्तक का संपादन वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शास्त्री ने किया है। पुस्तक में अनेक विद्वान लेखकों ने डॉ. पुरोहित के व्यक्तित्व तथा कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति के उन्नयन में दिए गए योगदान और पारंपरिक रंगमंच को दिए गए विस्तार का विशद वर्णन किया गया है।
समारोह में आगंतुक अतिथियों का स्वागत हिमाद गोपेश्वर के उमाशंकर बिष्ट ने किया जबकि सुदूर सलूड डुंग्रा के निवासी और राजकीय इंटर कॉलेज गौचर के प्रधानाचार्य डॉ.कुशल भंडारी, गढ़वाली कविता की सशक्त हस्ताक्षर श्रीमती बीना बेंजवाल ने डॉ. पुरोहित के योगदान का उल्लेख किया।
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने डॉ. पुरोहित द्वारा लोक संस्कृति के क्षेत्र में की गई सेवाओं को अतुलनीय बताते हुए कहा कि उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें संगीत नाटक अकादमी जैसे सम्मान से अलंकृत किया है।
मुख्य अतिथि प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि प्रो. पुरोहित उनके गुरु रहे हैं और गुरु के सम्मान का साक्षी बनना उनके लिए गौरव का विषय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. बी.के. जोशी ने डॉ. पुरोहित को उत्तराखंड की अमूल्य निधि बताते हुए कहा कि लोक संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित किया जाना निसंदेह अच्छा कार्य है। उन्होंने डॉ. पुरोहित को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केंद्र के प्रो. डॉ. संजय पांडेय ने सदेई गायन की प्रस्तुति दी। उनके साथ हुडका और मोछंग पर सिद्धहस्त कलाकार रामचरण जुयाल ने संगत दी।
समारोह के मुख्य भाग ” उत्तराखंड में नंदा की गाथा – स्वरूप, महत्व और सार्वभौमिकता पर प्रो. पुरोहित ने विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रदेश की आराध्य भगवती नंदा के विविध स्वरूपों का विस्तार से प्रकाश डाला। उनके साथ जागर गायन में डॉ. शैलेंद्र मैठाणी ने संगत दी जबकि रामचरण जुयाल ने हुडके पर संगत दी।
समारोह में बड़ी संख्या में संस्कृति प्रेमियों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों, पत्रकारों ने भाग लिया।
इस अवसर पर दून पुस्तकालय के समन्वयक चंद्रशेखर तिवारी, डा.कुशल भंडारी, डॉ.नंद किशोर हटवाल, राष्ट्रीय सहारा तथा सहारा समय की स्टेट हेड ज्योत्सना, रियर एडमिरल ओ पी एस राणा, कुलानंद घनसाला, दिगपाल गुसाईं, साहित्यकार रमाकांत बेंजवाल, महिपाल गुसाईं, हरेंद्र बिष्ट, उमाशंकर बिष्ट, भूपत सिंह बिष्ट, डॉ. ओमप्रकाश जमलोकी, विनसर प्रकाशन के कीर्ति नवानी, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत, दिनेश जुयाल, वरिष्ठ रंगकर्मी, एस.पी. ममगाई, प्रो. पूनम सेमवाल, सुलोचना पयाल, दयाल सिंह बिष्ट, अतुल शर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

 

हरेला पर संयुक्त नागरिक संगठन ने किया वृक्षारोपण

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देहरादून, उत्तराखंड़ लोक पर्व हरेला पर संयुक्त नागरिक संगठन ने वन विभाग के मालदेवता क्षेत्र में पर्यावरण प्रेमी और वरिष्ठ नागरिकों के साथ वृक्षारोपण कर अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, वनमंत्री सुबोध उनियाल, सांसद नरेश बंसल, विधायक उमेश शर्मा, वन सचिव आरके सुधांशु, हाफ प्रमुख डॉ. धनंजय मोहन, राजीव धीमान, कहकहां नसीम, प्रशासनिक अधिकारी बीपी गुप्ता सहित भारी संख्या में विभागीय अधिकारी और कार्मिकों ने अपनी सहभागिता निभा कर वृक्षारोपण किया |
संगठन के सचिव सुशील त्यागी ने कहा बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिये वृक्षारोपण करना अाज पहली प्राथमिकता है, उन्होंने कहा कि संयुक्त नागरिक संगठन लोगों के बीच जाकर पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य करता रहेगा |

इस अवसर कैप्टन आर एस कैनथुरा,लेफ्टिनेंट कर्नल बीएम थापा, ब्रिगेडियर के.जी. बहल, मनोज ध्यानी,चौधरी ओमवीर सिंह, विशंभरनाथ बजाज, गिरीशचंद्र भट्ट, सुशील त्यागी, ठाकुर शेरसिंह, मोहनसिंह खत्री, अवधेश शर्मा आदि के साथ स्थानीय ग्रामीण, छात्र छात्राओं ने भी पौधारोपण में भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

रिश्वत प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन का हुआ निलम्बन

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* पौड़ी में शराबी शिक्षक के खिलाफ भी हुई निलम्बन की कार्रवाई

देहरादून, हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में विजीलेंस द्वारा रिश्वत प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी का संज्ञान लेते हुये सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बड़ा एक्शन लिया है।
आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर सीईओ कार्यालय हरिद्वार में सम्बद्ध कर दिया गया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों को जांच के भी निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा उन्होंने पौड़ी जनपद के कोट ब्लॉक के पूर्वमाध्यमिक विद्यालय राणाकोट में तैनात शिक्षक के वायरल वीडियो का भी संज्ञान लेकर शराबी शिक्षक के निलम्बित के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पौड़ी को दे दिये हैं।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एक ओर सरकार प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़करण में जुटी है वहीं दूसरी ओर कतिपय कर्मचारी विभाग की छवि धूमिल करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जायेगी। डा. रावत ने बताया कि हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में विगत शुक्रवार को विजीलेंस द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी अयाजुद्दीन को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ लिया था। जिसको तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। इसके साथ ही आरोपी बीईओ को सीईओ कार्यालय हरिद्वार से सम्बद्ध कर विभागीय जांच के निर्देश भी दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री डा. रावत ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे शराबी शिक्षक सुरेश कुमार नौटियाल के वीडियो का भी संज्ञान लिया है। वायरल वीडियो पौड़ी जनपद का है, जो कोट ब्लॉक के पूर्वमाध्यमिक विद्यालय राणाकोट में सहायक अध्यापक बताया जा रहा है। डा. रावत ने बताया कि शराबी शिक्षक को तत्काल निलम्बित करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पौड़ी को दे दिये गये हैं। साथ ही आरोपी शिक्षक को उप खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोट से सम्बद्ध कर विभागीय जांच करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि दोनों प्रकरणों की जांच गम्भीरता से की जायेगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लायी जायेगी ताकि शिक्षा विभाग के अंतर्गत भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।

दिल्ली में केदारनाथ मंदिर को लेकर छिड़ा विवाद : अब बढ़ने लगा, मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर आंदोलनकारियों ने दिया धरना

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रुद्रप्रयाग, तीर्थपुरोहित व अन्य लोग केदारनाथ मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। आंदोलनकारियों ने मंदिर की परिक्रमा कर जुलूस निकाला, श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से श्री केदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की।

दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक निर्माण को लेकर उत्तराखंड में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है तीर्थ पुरोहितों, हक हकूकधारियों, साधु संन्तो, प्रतिनिधियों में इस बात से आक्रोश है कि बाबा केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक स्वरूप को कैसे अन्य जगह स्थापित किया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली में बाबा केदारनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक स्वरूप मंदिर निर्माण का शुभारंभ सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 10 जुलाई को दिल्ली में किया, सरकार के इस फैसले के खिलाफ अब अलग-अलग संगठनों में नाराजगी देखी जा रही है।
सोमवार को तीर्थपुरोहित व अन्य लोग केदारनाथ मंदिर परिसर में एकत्रित हुए। उन्होंने दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से श्री केदारनाथ धाम नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की अन्य लोगों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। आंदोलनकारियों ने मंदिर परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया। तीर्थपुरोहितों ने दिल्ली में केदारनाथ धाम नाम से मंदिर का निर्माण बंद होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर भी धाम की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

आंदोलनकारियों ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम के नाम से एक ट्रस्ट है, जो दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बना रहा है और सीएम पुष्कर सिंह धामी उसके शिलान्यास में शामिल होते हैं, जो सरासर धाम का अपमान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और बीकेटीसी पूरे मामले में अपने को बचाव का प्रयास कर रहे हैं।

परीक्षा केन्द्र के लिये इच्छुक शिक्षण संस्थाओं से राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने मांगे आवेदन

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देहरादून, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की अक्तूबर 2024 की माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक की सार्वजनिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी, संस्थान ने परीक्षा केन्द्र के रूप में कार्य करने के लिए इच्छुक स्कूल केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सरकारी और गैर सरकारी सीबीएसई (CBSE) मान्यता प्राप्त स्कूल और एन.आई.ओ.एस के अध्यन केन्द्र के प्रधानाचार्य https://exams.nios.ac.in में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में क्षेत्रीय निदेशक, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान डी. एन. उप्रेती ने बताया कि परीक्षा केन्द्र का पोर्टल 11 जुलाई 2024 से 31 जुलाई 2024 तक खुला रहेगा । जिसमें इच्छुक शिक्षण संस्थान अपना आवेदन कर सकते हैं ।
अन्य जानकारी के लिये क्षेत्रीय केन्द्र देहरादून से दूरभाष 0135-2532592 पर एवं ईमेल redehradun@nios.ac.in एवं rddehradun@nios.ac.in पर संपर्क किया जा सकता है ।

हरेला पर्व पर देवभूमि युवा संगठन ने पुलिस लाइन की बंजर भूमि पर किया वृक्षारोपण

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देहरादून, देवभूमि युवा संगठन ने उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के अवसर पर मंगलवार को पुलिस लाइन में एक वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और हरियाली को बढ़ावा देना था।
इस अभियान के दौरान, संगठन के सदस्यों ने पुलिस लाइन में मौजूद एक बंजर भूमि की जिम्मेदारी को लेते हुए उसे आने वाले कुछ महीनों में हरियाली में बदलने का भी निश्चय भरा संकल्प लिया। हेरला के अवसर पर देवभूमि युवा संगठन ने आज लगभग 250 पेड़ लगाए। संगठन ने यह प्रतिबद्धता जताई है कि वे इस क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे। इस सराहनीय कार्य के लिए आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल और डोईवाला सीओ अभिनय चौधरी ने संगठन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रमुख अतिथियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की और वृक्षारोपण में भाग लिया।
इस कार्यक्रम में आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, सीओ डोईवाला अभिनय चौधरी, एसपी ग्रामीण लोकजीत सिंह, देवभूमि युवा संगठन के संरक्षक श्री बीर सिंह पंवार, देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल, बेर्नीगाड़ हाइड्रो पावर लिमिटेड की कार्यकारी निदेशक भावना विश्वनाथ, मानव अधिकार संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष बबली चौहान और राज्य अध्यक्ष वीर नौटियाल उपस्थित थे एवं संगठन के सभी लोग मौजूद रहे।
देवभूमि युवा संगठन के अध्यक्ष आशीष नौटियाल ने इस मौके पर कहा, “हरेला पर्व उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो पर्यावरण के महत्व को दर्शाता है। इस पर्व पर वृक्षारोपण करना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। इस अभियान का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और हरा-भरा पर्यावरण प्रदान करना है।
पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा, “देवभूमि युवा संगठन द्वारा किया गया यह प्रयास प्रशंसनीय है। वृक्षारोपण अभियान से न केवल पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि इससे समुदाय में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है।
इस अभियान में स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और पौधों की देखभाल का संकल्प लिया।
देवभूमि युवा संगठन के सदस्यों ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और लोगों से अपील की कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें और पर्यावरण की रक्षा करें।यइस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया गया और भविष्य में भी ऐसे अभियानों के आयोजन का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर मोनिका पुंडीर, शालिनी नेगी, मिलन बिष्ट, आरती रमोला, शिल्पा राठौर, सरिता चौहान, आरके सकलानी, अलका दीक्षित, सुमित थपलियाल, बृजेश चंद्र, सक्षम भंडारी, प्रियांशु नौटियाल, आकांक्षा, पंकज उनियाल, अनूप घड़ियाल, जयवीर रावत, सुमित पनौली, सौरभ सेमवाल, धर्मवीर सिंह, आयुष पटवाल, अभिषेक पटवाल, प्रियांशु पवार , प्रियांशु रावत आदि अन्य कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

आज के युग में पेड़ पौधों की प्राणवायु के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण: भूमिका आरती नैय्यर

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हरिद्वार(कुलभूषण) हरेला पर्व के अवसर पर भारत विकास परिषद की जाहन्वी शाखा ने अध्यक्ष आरती नैयर के नेतृत्व में कनखल में एक वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ावा देना था।
इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए, जिनमें फलदार, औषधीय और छायादार वृक्ष शामिल थे। स्थानीय समुदाय और परिषद के सदस्य भी बड़ी संख्या में इस पहल में भाग लेने के लिए इकट्ठा हुए।
अध्यक्ष आरती नैयर ने इस अवसर पर पर्यावरण के महत्व और वृक्षारोपण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल पर्यावरण को लाभ होता है, बल्कि यह समाज में जागरूकता भी बढ़ाती है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सदस्यों ने मिलकर पौधे लगाए और उन्हें संरक्षित रखने का संकल्प लिया।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष अनु कक्कड़ ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल पर्यावरण को सुधारने में मदद मिलती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास तिवारी, ललित नैयर,संस्था महासचिव मिनाक्षी भजोराम शर्मा, पूर्व पार्षद एकता गुप्ता, भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष मयंक गुप्ता, भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिला महामंत्री एकता सूरी,अंजू मल्ल, अनु सचदेवा, डोली रोहेला, अवंतिका राणा, अर्पिता भार्गव, हेमा गुलाटी, राधा चौधरी, दीप्ती गुप्ता, अंकुश रोहेला, और अंकुर राणा जैसे प्रमुख व्यक्ति उपस्थित थे।
इन सभी ने मिलकर वृक्षारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम में उपस्थित सभी ने पौधों को संरक्षण देने और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया। इस पहल ने न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाने में योगदान दिया, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया।

 

एक पौधारोपण जननी माँ के नाम एवं दूसरा पौधारोपण धरती माँ के नाम

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हरिद्वार(कुलभूषण) एस एम जे एन पी जी कालेज में आज हरिद्वार नागरिक मंच, अखिल भारतीय सनातन परिषद् एवं एस एम जे एन कालेज के पर्यावरण प्रकोष्ठ तथा आई क्यू ए सी के तत्वावधान में पौधारोपण कार्यक्रम का शुभारंभ करके हरेला पर्व की विधिवत शुरूआत की गयी। इस अवसर पर प्रसिद्ध समाज सेवी डॉ विशाल गर्ग मनोज कुमार पाल , प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा एवं श्रीमती नरेश रानी गर्ग ने रूद्राक्ष के पौधारोपण के द्वारा इस पर्व का शुभारंभ किया।
कालेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि प्रकृति हमारी माँ है और उसके बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। इस बार एक पौध जन्म देने वाली माँ एवं एक पौध धरती माँ के श्रृंगार के लिए लगानी है। प्रोफेसर बत्रा ने कहा कि हम यदि प्रकृति के विरूद्ध जायेंगे और अपने लालच की पूर्ति के लिए उसके ससांधनों का अंधाधुंध दोहन करेंगे तो हम अपने विनाश को निमंत्रण देंगे। अत: हमें अपनी मातृभूमि का श्रंगार पौधारोपण के द्वारा करना चाहिए। उन्होंने छात्र छात्राओं का आह्वान किया कि इस समय बहुत से फल जैसे आम, जामुन, लीची, आडू़,चीकू, मौसमी, आदि जिनके अन्तर्गत बीज होता है उन के बीज को मिटटी के साथ मिलाकर सीड बम बनाया जा सकता है तथा इस सीड बम को पौधारोपण करने के लिए ऐसे स्थानों पर डाला जा सकता है जो दुर्गम है। तथा इस माध्यम से हम प्रकृति का श्रंगार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकतें है। यह सीड बम विनाशक नहीं बल्कि उत्पादक है प्रकृति का मित्र हैं। डा बत्रा ने कहा कि हरेला पर्व को वृक्ष दिवस के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। इस अवसर पर हरिद्वार नागरिक मंच के महामंत्री डॉ सजंय माहेश्वरी ने अपने उदबोधन में कहा कि पर्यावरण के साथ सतत् विकास की अवधारणा को अपनाने की आवश्यकता है इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हरेला पर्व का संदेश पर्यावरण के संरक्षण का संदेश है। वृक्षों का मानव जाति के जीवन में बहुत अधिक महत्व है। वृक्षों का अस्तित्व हमारे जीवन और जीवनशैली दोनों से जुड़ा है। प्रकृति ने हमें अनेक प्रकार के वृक्ष और जड़ी बूटियाँ दी हैं, जो हमें प्राण वायु के रूप में आक्सीजन देते हैं। आज के पौधारोपण कार्यक्रम से हम कालेज में हरेला पर्व का शुभारंभ करके समस्त समाज को एक सार्थक सन्देश दे रहे हैं।
प्रोफेसर डा तेजवीर सिंह तोमर ने प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए सन्देश दिया।
इस अवसर पर डॉ सुगन्धा वर्मा ने छात्र छात्राओं को ई ब्रिक बनाने की विधि बताते हुए कहा कि इससे इधर उधर फैलीं हुईं पोलीथीन उत्पादों को सुव्यवस्थित तरीके से संकलन में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ तेजवीर सिंह तोमर, डॉ जे सी आर्य, डॉ सुषमा नयाल, डॉ मीनाक्षी शर्मा ज्ञडॉ लता शर्मा, डॉ मोना शर्मा, अंकित बसंल, डॉ रजनी सिंघल, डॉ पल्लवी राणा, विनीत सक्सेना,
डॉ पदमावती तनेजा, डॉ पूर्णिमा सुन्दरियाल, डा यादवेन्द्र सिंह, आकांक्षा पान्डेय, राज कुमार, कैलाश जोशी , डॉ अमिता मल्होत्रा, डॉ आशा शर्मा, डॉ विजय शर्मा, एम सी पान्डेय, देव शुक्ला, आयुष, सुमित सैनी, वंश कुमार, आश मौहम्मद, विशपेन्द् मलिक, सोमनाथ सिंह रवि यादव, सुशील कुमार राठौड़, मोनूराम आदि ने इस अवसर पर कालेज में एक एक पौधा माँ के नाम पर रोपित किया।

हरेला हमें प्रकृति से जोड़ने व इसे नजदीकी से समझने का अवसर प्रदान करता है –  पवांरMay be an image of 13 people, tree, grass and text

हरिद्वार(कुलभूषण) हरिद्वार गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के परिसर मे हरेला के अवसर पर पौधरोपण एन.सी.सी कैडेटस व शोध छात्रों द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में कैडेट्स को सम्बोधित करते हुए पीएसी के डिप्टी कमाडेंट सुरजीत सिंह पवांर ने कहा कि हरेला हमें प्रकृति से जोड़ने व इसे नजदीकी से समझने का अवसर प्रदान करता है। आज इस अवसर पर उपस्थित युवा कैडेट्स की भागीदारी इस बात को इंगित करता है कि हमारे युवा प्रकृति व पर्यावरण के प्रति सजग हैं। इसलिए यह सभी साधुवाद के पात्र है।
विश्वविद्यालय के एन.सी.सी.कैप्टन डा.राकेश भूटियानी ने कहा कि एन.सी.सी कैडेटस के जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है। आज पौधरोपण के अवसर पर कार्यक्रम में कैडेट्स का भाग लेना इस बात को इंगित करता है कि यह सब पर्यावरण के प्रति भी सजग व जागरूक है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डा.शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा की हम सभी को भौतिकतावादी विकास के साथ-साथ प्राकृतिक संतुलन व पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर जन्तु एवं पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक डॉ. गगन माटा फार्मेसी विभाग के प्राध्यापक विनोद नौटियाल व कपिल गोयल, गंगा विश्व धरोहर मंच के सदस्य बिंदेश्वरी तिवारी, मनोज भाकुनी संयोजक डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल, कुलभूषण शर्मा सहित विश्वविद्यालय के शोध छात्र ऋषभ भारद्वाज, आयुष राजपूत, संकित कुमार
व एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे।

स्पर्श हिमालय फाउंडेशन ने पूर्व सीएम निशंक के जन्मदिवस पर किया वृक्षारोपण

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देहरादून, सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्था स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तत्वाधान में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड़ डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के जन्मदिवस और हरेला पर्व के उपलक्ष्य में थानों स्थित सांस्कृतिक केंद्र “अटल लेखक गाँव” में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उत्तराखंड़ की लोकगायिका एवं पद्मश्री सम्मान से सम्मानित डा. माधुरी बड़थ्वाल ने शिरकत की l
इस अवसर पर स्पर्श् हिमालय् फाउंडेशन की उपाध्यक्ष  विदुषी निशंक, सनराइज़ अकादमी की प्रबंध निदेशक  पूजा पोखरियाल, बालकिशन चमोली सचिव स्पर्श् हिमालय् फाउंडेशन के साथ साहित्यकार डॉ. सविता मोहन, काउंसलर शक्ति मनोचा, बृज मोहन शर्मा जी पर्यावरणविद ,  लालिमा वर्मा सेवानिवृत असिस्टेंट कमिश्नर केंद्रीय विद्यालय संगठन और यूकॉस्ट से अमित पोखरियाल उपस्थित थे l
इस कार्यक्रम का मंच संचालन मोनिका शर्मा ने किया, डॉ. सविता मोहन और हिमांशु दरमोरा ने लेखक गाँव की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की सांस्कृतिक एवं कलात्मक गतिविधियों के केंद्र के रूप में स्थापित लेखक गाँव भावी पीढ़ी जिनमें कलात्मकता का अंश है उनके लिए लाभदायी एवं फलदायी सिद्ध होगा। सनराइज अकादमी के छात्र छात्राओं एवं बीएड विभाग की छात्राओं और प्रवक्ताओं ने भी इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया l