देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश के राजकीय व अशासकीय महाविदयालय के साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में छात्राओं को पचास फीसद प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके साथ ही छात्रसंघ में मेधावी छात्र छात्राओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिसके निर्देश विभागीय मंत्री डा धन सिंह रावत ने प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दे दिए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अंतर्गत छात्रसंघ एवं छात्र परिषदों में छात्राओं को 50 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ सिर्फ राजनीति के लिए नहीं अपितु रचनात्मक गतिविधियों एवं शैक्षिणिक माहौल तैयार करने का काम करेंगे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परिसरों एवं महाविद्यालयों के छात्रसंघों एवं छात्र परिषदों में मेधावी छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 152387 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें छात्राओं की संख्या 100272 जबकि छात्रों की संख्या 52115 है। यानी 65.8 फीसद छात्राएं हैं और 34.2 छात्र हैं। जिसमें से राजकीय महाविद्यालय परिसरों में कुल 97997 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें 30130 छात्र व 67867 छात्राएं शामिल हैं। वहीं अशासकीय में 34590 में 14730 छात्र व 19860 छात्राएं हैं। विश्वविद्यालयी परिसरों में कुल 19800 विद्यार्थी हैं जिसमें 7255 छात्र व 12545 छात्राएं शामिल हैं।
डॉ रावत ने बताया कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप चुनाव कराए जाएंगे। विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ संविधान में जो भी बदलाव अपेक्षित हैं उन्हें करने के लिए संबंधित संस्थानों के कुलपतियों को निर्देश दिए गए हैं।
छात्र संघ चुनाव में छात्राओं को मिलेगा 50 फीसद प्रतिनिधित्व: डॉ धन सिंह रावत
फर्जी एग्रीमेंट दिखा जमीन बेचने की डील कर 38 लाख रुपये
देहरादून(आरएनएस)। फर्जी एग्रीमेंट दिखा जमीन बेचने की डील कर दो आरोपियों ने 38 लाख रुपये हड़प लिए। मामले में एसएसपी कार्यालय में दी गई तहरीर के आधार पर बसंत विहार थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसओ बसंत विहार महादेव उनियाल ने बताया कि रोहित अग्रवाल निवासी जीएमएस रोड ने तहरीर दी। कहा कि अगस्त 2022 में वह मुकेश राणा निवासी जीएमएस रोड, निकट ओम सार्थक अपार्टमेंट से मिले। उसने बताया कि उसके पास 1200 गज जमीन बहल चौक के पास उपलब्ध है। बताया कि जमीन में उनके साथ नवीन अग्रवाल निवासी गंगानगर, ऋषिकेश एग्रीमेंट का पार्टनर है। जमीन को बेचने के लिए सात करोड़ रुपये में डील की। पीड़ित एडवांस के तौर पर 38 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद पता लगा कि आरोपियों ने अपने नाम जो पंजीकृत एग्रीमेंट दिखाकर रकम ली उसे पहले ही कैंसिल कराया जा चुका है। इसके बाद पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी। आरोपियों ने उनकी रकम का भुगतान नहीं किया, उल्टा जान से मारने की धमकी दी। एसओ महादेव उनियाल ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ जमीन फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
सीएम धामी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों की शिकायतों और समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो भी जन समस्याएं आ रही हैं, उनका समयबद्धता से निस्तारण किया जाए।मुख्यमंत्री ने अधिकांश जन समस्याओं और शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया। कुछ जन समस्याओं को संबंधित विभागों को कार्यवाही करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। जन समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान के लिए विभिन्न विभागों को भेजे गये पत्रों पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि जनहित के कार्यों को प्राथमिकता में रखा जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों ने सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता एवं अपने क्षेत्रों की विभिन्न समस्याओं को रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी की समस्याओं का यथासंभव समाधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरकारी कार्यालयों में अनावश्यक रूप से न आना पड़े, सरकार द्वारा अधिकांश सेवाएं ऑनलाईन माध्यम से दी जा रही है। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की है कि अपुणि सरकार पोर्टल के माध्यम से दी जा रही विभिन्न ई-सेवाओं का लाभ उठायें। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को तहसील दिवस और बीडीसी की नियमित बैठकें करने के निर्देश दिये गये हैं। इसका मुख्य उद्देश्य ब्लॉक, तहसील और जनपद स्तर पर ही जन समस्याओं का समाधान करवाना है। सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में जनसुनवाई करने के निर्देश दिये गये हैं।
दून घाटी के संरक्षण को लेकर सार्थक पहल : शहीद स्मारक से अमर शहीदों को नमन् कर “दून डायलॉग” अभियान का हुआ शुभारंभ
“हर दून वासी से लिए जाएंगे देहरादून को बेहतर बनाने के सुझाव”
देहरादून (एल मोहन लखेड़ा), दून घाटी के संरक्षण को लेकर दून घाटी जनसंघर्ष समिति ने शनिवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी परिषद के साथ कचहरी स्थित “शहीद स्मारक” में कश्मीर में शहीद हुये सैनिकों को नमन करके राज्य आन्दोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर “दून डायलॉग” अभियान का शुभारंभ किया । इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दून घाटी का संरक्षण और दून घाटी को पहले की तरह बेहतर देहरादून पूर्नस्थापित करने हेतु जन जागरण करना, जनता की समस्यओं व उनके समाधानों पर कार्य करने का होगा।
दून डायलॉग में सभा को संबोधित करते हुए दून घाटी जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की आज देहरादून ने अपनी पुरानी चमक खो दी है, उन्होंने बताया की एक समय पहले देहरादून अपनी लीची, बसंती चावल, चाय बागान व अन्य बेहतरीन चीज़ों के लिए जाना जाता था, लेकिन आज देहरादून में जगह जगह कूड़े के ढेर लगे है। देहरादून आज भारत में मुख्य 10 प्रदूषित शहरों में आता है फिर भी सरकार ने दून घाटी अधिसूचना 1989 को निष्क्रिय कर दिया है जिसकी रक्षा के लिए मैने पीएमओ को पत्र दिया है। इस पत्र के क्रम में प्रधान मंत्री कार्यालय हस्तक्षेप के बाद MoEF ने अभी अग्रेतर कार्यवाही रोक दी है, मगर कब तक ? रोज दून डायलॉग के जरिये देहरादून व आस पास के क्षेत्रों में आम जनता को हो रही समस्याओं हेतु समाधान हेतु सुझाव भी लिए जाएंगे और आने वाले समय में दून घाटी जनसंघर्ष समिति द्वारा हस्ताक्षर अभियान व विभिन्न जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से आम जनता को इस मुहिम से जोड़ा जाएगा और सभी दूनघाटी वासियों के साथ मिलकर इस मुहिम को आगे बढ़ाएंगे।
उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा की पहले हमने उत्तराखंड बचाने की लड़ाई लड़ी थी और अब हम दून डायलॉग के माध्यम से दून घाटी बचाने की लड़ाई लड़ेंगे।
सिटिजन फ़ॉर ग्रीन दून के अध्यक्ष हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि अभी हमने संघर्ष करके 200 पेड़ बचाये दिलाराम मार्च से किन्तु भविष्य में दून डायलॉग के माध्य्म से हमको संगठित होकर अनियोजित विकास ने नाम पर हजारों पेड़ों के कटान को रोकना होगा। एसडीसी के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि पर्यावरण को जनजागरण से जोड़ना होगा और राजनीतिक पार्टियों को भी हरित एजेंडे पर काम करना होगा। उन्होंने तथ्यों के साथ देहरादून दून घाटी पर भविष्य में आने वाले खतरे से चेताया।
हिमालय बचाओ संस्था के अध्यक्ष समीर रतूड़ी ने कहा कि ईकोलाॕजी आधारित विकास पर जोर देने से ही दून घाटी और उत्तराखंड का भला हो सकता है।दून डायलॉग को दून घाटी के बाद पूरे प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में कार्य करने की सलाह दी।
कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश भंडारी ने कहा कि बड़ी मात्रा में वन भूमि को परियोजनाओं के लिए उजाड़ा जा रहा है अतः दून डायलाग से इस विषय को भी आगे बढ़ाना है।
ऋषिकेश से जयेंद्र रमोला ने कहा कि ऋषिकेश में प्रदूषण की मात्रा दिन-ब-दिन बढ़ रही है, गंगा किनारे लोग अतिक्रमण कर रहे है और ये दून घाटी अधिसूचना हटने से तो भारतवर्ष व हिन्दू धर्म की ऐतिहासिक नगरी ऋषिकेश का अस्तित्व ही खतरे में आ जायेगा।
अधिकवक्ता संदीप चमोली ने कहा कि अब राज्य बने 24 साल हो गए हैं अतः देहरादून और उत्तराखंड बचाने की लड़ाई हम दून डायलॉग के माध्यम से करेंगे।
डोईवाला से मोहित उनियाल ने कहा राज्य सरकार पर दून घाटी एक्ट 1989 को भी खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा की दून घाटी अधिसूचना 1989 में 01 फरवरी 1989 को दून घाटी क्षेत्र को पर्यावरण मुक्त व अन्य पर्यावरण के विषय पर संवेदनशील होने के कारण इसको छेड़ना दून घाटी के भविष्य के लिये खतरनाक होगा। उन्होंने कहा कि दून dailgoue का अभियान डोईवाला और आसपास के क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी उर्मिला शर्मा ने कहा कि विकासनगर और आसपास के क्षेत्रों में अनियोजित खन्नन हो रहा है जिससे दून घाटी को विगत कुछ वर्षों में बहुत नुकसान हुआ है।
राज्य आंदोलनकारी संघ के प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने अपने संबोधन में कहा कि दून डायलॉग को हम देहरादून के 100 वार्डों से लेकर विकासनगर, मसूरी, ऋषिकेश और डोईवाला तक कार्यक्रम का विस्तार करेंगे, जिससे जनजागरण द्वारा समस्याओं के समाधान पर चर्चा हो।
आमसभा के सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा की हम देहरादून, मसूरी, सहसपुर, डोईवाला, ऋषिकेश , विकासनगर और आसपास का क्षेत्र जो दून घाटी के अंतर्ग्रत आता है उसको बचाने की लड़ाई हम हर स्तर पर लड़ेंगे। प्रधान मंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद भी यदि उत्तराखंड सरकार जाग नही रही है तो ये राज्य सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण रवैया है, उत्तराखंड में पहले ही रैणी, जोशीमठ, उत्तरकाशी और टिहरी बांध के आसपास व अन्य कई इलाकों में कई बार आपदा आ चुकी है और सेसमिक जोन 4 और फाॕल्ट लाइंस से लैस दून घाटी में पहले से ही अत्यधिक जनसंख्या का दबाव है जिससे आए दिन पर्यावरण में बदलाव हो रहा है अतः हमारा डबल इंजन सरकार से निवेदन है की इस दून घाटी क्षेत्र के पर्यावरण की रक्षा की ओर कार्य किए जाएं।
कार्यक्रम का संचालन दून घाटी जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर ने किया और कार्यक्रम में जगमोहन सिंह नेगी, हिमांशु अरोड़ा, अनूप नौटियाल, जयेंद्र रमोला, मोहित उनियाल, समीर रतूड़ी, यशवीर सिंह आर्य , संदीप चमोली, प्रदीप कुकरेती, केशव उनियाल , उर्मिला शर्मा , विजय लक्ष्मी काला, सरिता जुयाल, दिनेश भंडारी, उर्मिला शर्मा, पूरन सिंह लिंगवाल, जया सिंह, बीर सिंह रावत , अरुणा थपलियाल , गणेश डंगवाल , मनोज नौटियाल , विनोद असवाल , प्रभात डण्डरियाल , आदि अन्य गणमान्य नागरिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
गोमुख से जल नहीं भर सकेंगे शिवभक्त, गंगोत्री नेशनल पार्क ने लगाया मार्ग बंद होने का बोर्ड
उत्तरकाशी, गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से कनखू बैरियर पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है। इसमें लिखा गया है कि गोमुख मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसलिए उस पर आवाजाही बंद की गई है। वहीं पार्क प्रशासन के बोर्ड लगाने पर गंगोत्री धाम के व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत देवगाड़, चीड़बासा, भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण यहां स्थित पुलिया बह गई थी। इस दौरान यहां दिल्ली निवासी दो कांवड़िए बह गए थे। इसके साथ ही 38 लोग फंस गए थे। जिनको एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया था।
उसके बाद पार्क प्रशासन ने गोमुख मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी थी। वहीं अब कांवड़ियों के पहुंचने पर कई लोग गोमुख जाना चाह रहे थे। इसलिए खतरे को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने गंगोत्री धाम सहित कनखू बैरियर पर बोर्ड लगा दिए हैं। जिसमें गोमुख मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही पूरी जानकारी दी गई है।
वहीं बोर्ड लगने के बाद गंगोत्री धाम के व्यापारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है। धाम के सतेंद्र सेमवाल सहित दीपक राणा का कहना है कि इससे पहले भी बरसात में वहां पर पुलिया बही हैं, लेकिन कांवड़ यात्रा के समय कभी भी इस प्रकार से गोमुख मार्ग पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है।
उनका आरोप है कि पार्क प्रशासन की ओर से पुलिया बनाने में जानबूझ कर देरी की जा रही है। जबकि देश के विभिन्न प्रदेशों से कांवड़िए गोमुख से जल भरने गंगोत्री पहुंचते हैं। इधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय का कहना है कि हमारे मजदूर चीड़बासा में मौजूद हैं। वहां पर नालों ने बरसात में विकराल रूप ले लिया है। इसलिए जब तक नालों में पानी का बहाव कम नहीं होता। तब तक निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। इसलिए ही बोर्ड लगाए गए हैं।
‘कविता में नव गुंजन’ कार्यक्रम में युवा रचनाकारों ने किया कविता पाठ
“यादें ज़हन में रहें बस फोन में नहीं, छोडो हम साथ में तस्वीरें नहीं लेते : मोहिनी जुगरान”
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में नवोदित युवा रचनाकारों के लिए कविता पाठ के कार्यक्रम का एक आयोजन किया गया, ‘कविता में नव गुंजन’ कार्यक्रम के तहत युवा रचनाकार अक्षत शर्मा, गौरव पंत, मोहिनी जुगराण और सुधान कैंतुरा ने एक से बढ़कर एक नज्म, गज़ल व गीतों की प्रस्तुति दी, उपस्थित श्रोताओं द्वारा उनके पाठ की मुक्त कंठ से सराहना की गयी | इस पाठ में वे कविगण भी शामिल रहे जिन्होंने इन युवाओं को प्रेरित किया, कार्यक्रम का संचालन साजिद हुसैन ने किया |
इस अवसर पर युवा रचनाकारों ने आम जनजीवन और सामाजिक सन्दर्भ से जुडी रचनाएं श्रोताओं के समक्ष रखी |
मोहिनी जुगरान ने बहुत सुंदर ढंग से कहा ” यादें ज़हन में रहें बस फोन में नहीं, छोडो हम साथ में तस्वीरें नहीं लेते ” वहीं सुधांशु कैंतुरा ने अपनी कविता में कहाँ ” बेटा चाहे कोसना या चाहे डांठना, मुझको भले ही काटना पर घर न बांटना, सबसे कम उम्र के युवा कवि ने यह ऊर्दू कविता सुनाकर सबकी तालियां बटोरी।” जब सिले से रग़बत थी हम पे शी खिंजा छाई, जब खिंजा से रग़बत की टैब कहीं बहार आई” ।
वहीं गौरव पन्त ने गिर्दा की कविताओं को याद करते हुए कहा ” गांव अगर गए तो आंगन चूम आना, चूमती फसलों का दामन चूम आना।” वहीं संचालक साजिद हुसैन ने सुनाया “दीवारों से सर टकराना जाया था, हमने सर को दे कर मारा कागज़ पे”।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने यवा कवियों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया. कार्यक्रम के अंत में निकोलस हॉफ़लैंड ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया |
इस अवसर पर, गीतकार नरेंद्र नेगी, राजीव लोचन साह, गोविंद पन्त राजू, डॉ.योगेश धस्माना, विमल नेगी, सुंदर बिष्ट, गणेश खुगशाल, डॉ. अतुल शर्मा सहित कई साहित्यकार, लेखक, पत्रकार, साहित्य प्रेमी, सहित युवा पाठक मौजूद थे |
दून को काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने की योजना पर संयुक्त नागरिक संगठन ने जताई आपत्ति
देहरादून, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में स्मार्ट सिटी दून को शामिल कर काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने की योजना पर संयुक्त नागरिक संगठन ने जताई आपत्ति। संगठन की ओर से शहरी विकास से संबंधित केंद्र तथा राज्य सरकार के मंत्रियों, विभागाध्यक्षों, सचिवों को भेजे गये सामुहिक बयान मे कहा गया है कि प्रस्तावित योजना में एनसीआर की बढ़ती आबादी का दबाव खत्म करने, दिल्ली जैसी बिजली पानी चिकित्सा शिक्षा, रेलवे कनेक्टिविटी, ऊचे दर्जे के इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उद्देश्यों को गूंथा गया है। इसमें पर्यावरणीय हितों की उपेक्षा की गयी है जबकी दून में कंक्रीटीकरण के परिणाम स्वरुप हरियाली एक प्रतिशत ही बची है।
दून में शहरी विकास विभाग, एमडीडीए, नगर निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, स्मार्ट सिटी आदि विभागों द्वारा बनाई गई योजनाओं से भी आम जीवन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने में कोई सफलता नहीं मिली है। यहां बढ़ता प्रदूषण, कूड़े कचरे का ऊंचा होता पहाड़, सड़कों पर लगता वाहनों का जाम, सड़कों बाजारों में अतिक्रमण, हाईराइज बिल्डिंग, रिस्पना बिंदाल की गंदगी ने पर्यावरण प्रेमियों और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियो की भावनाओं पर कुठाराघात किया है।
बयान में आगे कहा गया की दून घाटी को यदि हम आज से 30-वर्ष पीछे पलटकर देखें तों हरे वृक्षों की लगातार घटती हुई कतार औऱ सड़कों से गायब होती हरियाली के साथ ही चारों ओर कंक्रीट का बढ़ता हुआ ज़ाल एवं सड़कों के साथ टेढ़ी मेढ़ी नालियां व गड्ढे दिखते हैं।यहा बढ़ते अतिक्रमण के साथ बिन्दाल व रिस्पना नदियों को गन्दे नाले में परिवर्तित होते हुये देखना दूनवासी की मजबूरी है।बयान मे सुझाव दिया गया है की स्मार्टसिटी दून मे जारी विकास योजनाओं को पूरा होने के बाद ही काउन्टर मैग्नेट सिटी की योजनाएं क्रियान्वित की जाए।
बयान के हस्ताक्षरकर्ताओं में आर एस धुन्ता, जगमोहन मेहंदीरता, लै.कर्नल बीएम थापा, आशा टम्टा, एसपी डिमरी, ब्रि.केजी बहल, दिनेश भंडारी, सुशील त्यागी, कर्नल केएस मान, प्रदीप कुकरेती,कर्नल बीके सिंह आदि शामिल है।
प्रधान के अपमान की घटना राजधानी में गूंजेगी
- -सीएम की चुप्पी आश्चर्यजनक,
चम्पावत पुलिस की भूमिका से नाराजगी
-सीएस तथा पुलिस महानिदेशक को ईमेल से भेजा पत्र
-गिरफ्तारी पर अड़े, नहीं सहेंगे अपमान - पिथौरागढ़, मुख्यमंत्री की विधानसभा की एक अनुसूचित जनजाति समुदाय की महिला ग्राम प्रधान के गले में जूते की माला डाले जाने की घटना पर राज्य के पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि 72 घंटा बीत जाने के बाद भी पुलिस ने एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है।
मुख्यमंत्री की विधान सभा में इतनी शर्मनाक घटना घटित हुई और वे चुपचाप है। सीएम खुशी जता रहे है या दुख। उनका पोजीशन जानने का हक राज्य की जनता को है। इसलिए वे चुप्पी तोड़े।
इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड के कोने-कोने पंचायत प्रतिनिधि राजधानी 15 जुलाई को पहुंच रहे, प्रतिनिधियों के आंदोलन में यह मामला गरमायेगा। चम्पावत पुलिस की लापरवाही पर देहरादून में मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक से भी शिकायत की जाएगी। पुलिस प्रशासन द्वारा ग्राम प्रधान को पुलिस सुरक्षा अभी तक उपलब्ध नहीं कराए जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई। महिला ग्राम प्रधान तथा उसके परिजनों को जान का खतरा बताया गया।
चंपावत जनपद के विकासखंड चंपावत के अंतर्गत एक ग्राम प्रधान को आपदा राहत साम्रगी बांटे जाने के कार्यक्रम में पहुंचने पर जूते की माला डाले जाने की घटना घटित हुई है। तहसीलदार तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की सूचना पर ग्राम प्रधान गयी थी, इस घटना के बाद उत्तराखंड के कोने-कोने में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को ईमेल के माध्यम से पंचायत संगठन द्वारा ज्ञापन भेजकर इस घटना के बाद पुलिस की भूमिका की निंदा की है।
संगठन के कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि घटना के बाद नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी ना होना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि किसके इशारों पर पुलिस इन आरोपियों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा तथा आपदा एक्ट के सुसंगत धाराओं को भी जोड़ते हुए 24 घटे के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर टनकपुर कूच का निर्णय लिया जाएगा।
विरोध स्वरूप टनकपुर में स्थित मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यकाल का घेराव किया जाएगा। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही घेराव स्थगित होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत कालखंड में इस तरह की घटना हमारे समाज को शर्मसार करता है।
उन्होंने सवाल उठाया कि उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री की विधान सभा को आदर्श विधान सभा बनाने का दावा करती है। क्या यह घटना भी उसका ही हिस्सा है।
चम्पावत पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि 72 घंटे के बाद भी पुलिस ने इस घटना का वीडियोज बनाने वाले मोबाइल को कब्जे में नहीं लिया है।
तहसीलदार ने आपदा एक्ट का उल्लंघन तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज की।
उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायतों के 70 हजार प्रतिनिधि डरे एवं सहमें हुए है। सभी को अपने साथ इस प्रकार की घटना होने का डर सता रहा है। पुलिस के निकम्मेपन तथा राजनैतिक संरक्षण के कारण आरोपी खुले आम घुम रहे है। इससे इस तरह की घटनाएं बढेगी। त्रिस्तरीय पंचायत ही नहीं विधान सभा तथा लोक सभा में बैठे जनप्रतिनिधि भी अब सावधान रहे।
लैक्मे सैलून ने देहरादून में शुरू करीं ट्रेंडसेटिंग सर्विसेज़
देहरादून, : भारत की पहली और अग्रणी ब्यूटी और वेलनेस सैलून चेन, लैक्मे सैलून ने आज राजपुर रोड, जाखन, देहरादून में अपना नया यूनिसेक्स सैलून लॉन्च किया। 1900 वर्ग फीट में फैला यह नया वन-स्टॉप ब्यूटी और ग्रूमिंग डेस्टिनेशन सभी को हेयर, मेकअप, स्किनकेयर, नेल्स और हाथ व पैरों की बेहतरीन सर्विसेज़ के साथ विश्व स्तरीय सैलून अनुभव प्रदान करेगा।
इस नये सैलून का उद्देश्य देहरादून के उन सभी निवासियों की ज़रूरतों को पूरा करना है जो ट्रेंडसेटिंग सर्विसेज़ का आनंद लेना चाहते हैं। इसके अलावा, यहाँ दुल्हन और दुल्हन की सहेलियों को लैक्मे सैलून की स्किन, मेकअप और हेयर एक्सपर्ट की टीम द्वारा तैयार किए गए बेहतरीन ब्राइडल एक्सपीरिएंस भी प्रदान लिए जाएँगे।
उद्योग जगत में 40 से अधिक वर्षों के नेतृत्व और देश भर के 160 शहरों में मौजूदगी के साथ, देश की इस अग्रणी और सबसे बड़ी सैलून चेन के प्रोफेशनल एक्सपर्ट्स आज के भारतीय कस्टमर्स के लिए लक्मे फैशन वीक के रैंप से बैकस्टेज और रनवे अनुभवों को लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सैलून कस्टमर्स को समग्र ब्यूटी सर्विसेज़ प्रदान करेगा। ग्राहकों को अद्भुत और बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने के लिए, लैक्मे सैलून ने डर्मोलॉजिका, श्वार्जकोफ प्रोफेशनल, के9, मिल्कशेक, मोरक्कन ऑयल आदि जैसे अग्रणी और सर्वश्रेष्ठ वैश्विक ब्रांडों के साथ सहयोग किया है।
लॉन्च के अवसर पर बोलते हुए, लैक्मे लीवर के सीईओ विपुल चतुर्वेदी ने कहा, “जैसे-जैसे लैक्मे सैलून राजपुर रोड, देहरादून में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है, हम रोजमर्रा की जिंदगी को रनवे की तरह ग्लैमरस बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए रोमांचित हैं। चार दशकों की विरासत के साथ, लैक्मे फैशन वीक बैकस्टेज टीम द्वारा प्रशिक्षित हमारे एक्सपर्ट्स क्वालिटी सर्विसेज़ देने के लिए तैयार हैं। हमारी प्रतिबद्ध फ्रेंचाइज़ी पार्टनर, वर्तिका बत्रा के साथ, हमारा लक्ष्य दूनवासियों को अपने आप में आत्मविश्वास से भरपूर बनाना है। हम लैक्मे सैलून की ट्रेंडसेटिंग सर्विसेज़ का अनुभव करने के लिए ग्राहकों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।”
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अन्तर्गत लंबित मामलों का समयबद्धता से निस्तारण हो : सीएम
देहरादून(आरएनएस)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का आयोजन 14 साल बाद किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस बैठक का आयोजन हर 06 माह में किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बैठकों में एससी एवं एसटी आयोग के अध्यक्षों को भी विशेष सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अन्तर्गत लंबित मामलों का समयबद्धता से निस्तारण हो, इसके लिए न्यायालयों में नियमित पैरवी की जाय। शिकायतें प्राप्त होने पर एफआईआर की कार्यवाही तत्काल की जाए और पुलिस द्वारा विवेचना तेजी से की जाय। अधिक समय से लंबित मामलों का मिशन मोड पर निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाय की पीड़ितों को अनुमन्य सहायता राशि यथाशीघ्र मिल जाय। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों की समस्याओं का गंभीरता से निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि ऐसी व्यवस्था की जाय कि 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन लगाने की व्यवस्था का सरलीकरण किया जाए, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी न हो। इसके लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का भी अध्ययन किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिये कि एससी एवं एसटी वर्ग की विभिन्न योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को एक ही प्लेटफार्म पर मिले, इसके लिए एकीकृत व्यवस्था बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, की जानकारी के लिए आमजन में समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए।
बैठक में वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और विभागीय योजनाओं के बारे में लोगों को पूरी जानकारी हो इसके लिए जनपद स्तर पर आयोजित बहुउद्देशीय कल्याण शिविरों के माध्यम से और विकासखण्ड कार्यालयों में वॉल पेंटिंग एवं फ्लैक्स के माध्यम से भी प्रचार किया जाए।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोगों में कार्यों में तेजी लाने के लिए वरिष्ठ अथवा पी.सी.एस अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। उन्होंने बैकलॉग के पदों को भरने के लिए और तेजी लाने की बात कही।
बैठक में सचिव समाज कल्याण डॉ. नीरज खैरवाल ने विस्तृत रूप से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सुझावों पर तत्काल अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी प्रकार के मामलों को वर्गीकृत करते हुए अगली बैठक में विवरण प्रस्तुत किया जायेगा।
बैठक में विधायक खजान दास, दुर्गेश्वर लाल, भूपाल राम टम्टा, फकीर राम, सरिता आर्य, पार्वती दास, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव प्रकाश चन्द्र, भगवत किशोर मिश्रा, ओंकार सिंह, निदेशक समाज कल्याण आशीष भटगाई, निदेशक जनजाति कल्याण संजय सिंह टोलिया एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन द्वारा लैब संचालिका के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म का प्रयास : महिला आयोग ने लिया संज्ञान, एसएसपी को जल्द कड़ी कार्रवाई के दिये निर्देश
देहरादून, हल्द्वानी के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉक्टर द्वारा पैथोलॉजी लैब संचालिका के साथ दुष्कर्म के प्रयास व धमकी के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने संज्ञान लिया है।
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें खबरों के माध्यम से जानकारी मिली थी पीड़िता द्वारा कहा गया है कि डाक्टर महेश ने उसे खुद को पिथौरागढ़ का बताया और लैब के संचालन में उसकी मदद करने का आश्वासन दिया। डॉ शर्मा अक्सर अपनी पत्नी से न बनने, घरेलू कलह का हवाला देने व साथ ही पत्नी से अनबन होने और जल्द उससे तलाक लेने की बात कहते थे तथा अपने गृह जनपद की होने का हवाला देकर बहलाने की कोशिश करते थे।
वही पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि इसी साल 6 जून की रात डॉक्टर करीब 10 बजे पीड़िता के घर में घुस गए। उस समय वे शराब के नशे में धुत्त थे। पीड़िता किराए के मकान में रहा करती है तो उन्होंने बिना कलह किए शर्मा को वापस जाने को कहा तो डॉक्टर महेश का विरोध करने लगे। जब उसने रिकॉर्डिंग करने की कोशिश की तो डाक्टर ने उसका मोबाइल तोड़ दिया। बाद में डाक्टर उस रात पीड़िता के घर से लड़खड़ाते हुए वापस चले गए।
22 जून को जब वह सैंपल जांच का बकाया भुगतान लेने के लिए वह शाम 3:15 बजे डॉ के पास उनके अस्पताल पहुँची तो डॉ महेश ने उन्हें अपने चैंबर में इंतजार करने को कहा, कुछ समय बाद डॉक्टर शर्मा अपने चैंबर में आए और पीड़िता का हाथ पकड़ कर चैंबर में उससे अश्लील हरकतें की और जबरदस्ती करने का प्रयास किया। जब पीड़िता ने विरोध किया तो डाक्टर ने बकाया भुगतान न देने, सामाजिक छवि खराब करने और लैब बंद कराने के साथ जान से मारने की धमकी दे डाली।
मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने एसएसपी नैनीताल पी.एन.मीणा से फोन पर वार्ता करते हुए घटना में शीघ्र अति शीघ्र उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जिन डॉक्टरों को हम भगवान स्वरुप मानते है यदि उनके द्वारा इस प्रकार की गलत घटनाओं को अंजाम दिया जाएगा तो यह अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि पीड़िता के साथ यदि कही भी किसी भी प्रकार से गलत किया गया है तो गलत करने वाले आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए पीड़िता को न्याय दिलाया जाए। वहीं उन्होंने कहा कि यदि कार्यस्थल पर महिला सुरक्षित नही होगी तो परिवार में व समाज में महिलाओं के कार्य करने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने प्रकरण में स्पष्ट जांच करते हुए पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के निर्देश दिये है।
यह जीत संविधान और लोकतंत्र को जिन्दा रखने की जीत है : करन माहरा
“उत्तराखण्ड़ उप चुनाव में प्रत्याशियों के विजय होने पर कांग्रेसियों ने मिठाई बांटकर की खुशी जाहिर”
देहरादून, उत्तराखण्ड़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने बद्रीनाथ एवं मंगलौर के उपचुनाव में कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के विजय होने पर वहां की महान जनता एवं कांग्रेस कार्यकताओं को बधाई एवं शुभकामायें दी है। उन्होंने कहा कि यह जीत इंडिया गंठबन्धन की जीत हैं। गठबंधन के सभी सहयोगियों का इस जीत में योगदान है और भविष्य में भी हम इसी प्रकार एक जुटता के साथ लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष जारी रखेंगें। वह आने वाली चुनौतियों को सामुहिक रूप से मुकाबला करेंगे। करन माहरा ने कहा कि यह जीत संविधान और लोकतंत्र को जिन्दा रखने की जीत है। इस असवर पर करन माहरा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागणों एवं कार्यकर्ताओं एवं गठबंधन के सभी सहयोगी संगठनों को भी बधाई देते हुए कहा कि दोनों विधानसभाओं में सभी ने रातदिन मेहनत कर कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत दिलाये जाने का काम किया है इसके लिए सब बधाई के पात्र हैं।
करन माहरा ने बद्रीनाथ से श्री लखपत बुटोला एवं मंगलौर से काजी निजामुद्दीन को विधायक चुने जाने पर कांग्रेस भवन देहरादून में दोनों प्रत्याशियों के विजय होने पर पटाखे एवं मिठाई बांटकर खुशी जाहिर करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मा. अध्यक्ष श्री मलिकार्जुन खड़गे नेता प्रतिपक्ष लोकसभा श्री राहुल गांधी जी, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैजला एवं सह प्रभारी श्रीमती दीपिका पाण्डेय सिंह के सफल मार्गदर्शन के लिए उनका धान्यवाद व्यक्त किया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खगडे एवं जननायक श्री राहुल गांधी के सफल नेतृत्व में देश में लगातार कांग्रेस पार्टी संघर्ष कर रही है और नित नये आयाम गढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य सरकार के ईशारे पर चुनाव को प्रभावित करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा काम किया गया उसे पूरे राज्य ने देखा है। मंगलौर विधानसभा में भाजपा के जिन उपद्रवियों द्वारा मतदान के दौरान खुलेआम गोलियां चलाई गई वह आज भी खुलेआम घूम रहे है। अभीतक उन लोगों को गिरफतार नही किया गया है। जो चिन्ता का विषय है।
करन माहरा ने कहा कि जब से केन्द्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से देश में अराजकता का माहौल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार विरोधियों को डरा धमकाकर किसी भी हालत में सत्ता हथियाना चाहती है जिसे देश की जनता कभी भी साकार नही होने देगी।
उन्होंने कहा भाजपा के नेता तिल का ताड़ बनाने में माहिर है, झूठ बोलकर सत्ता केवल और केवल एक बार हासिल की जा सकती है। उन्होने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो देश को एक सूत्र में बॉधने का काम कर सकती है और ’’सर्वधर्म संभाव’’ को जिन्दा रख सकती है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, विधायक विक्रम सिंह नेगी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन/प्रशासन मथुरा दत्त जोशी, सूर्यकान्त धस्माना, अमरजीत सिंह, पूरन सिंह रावत, महामंत्री नवीन जोशी, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, प्रवक्ता शीशपाल ंिसह बिष्ट, गोदावरी थापली, विरेन्द्र पोखरियाल, प्रवीन त्यगी, मानवेन्द्र सिह, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगी, आशीष नौटियाल, प्रवक्ता मोहन काला, सुलेमान अली, सलीम खान, मनीष नागपाल, अभिनव थापर, दर्शन लाल, प्रदेश, राजेश चमोली,, विनोद डबराल, अवधेश पन्त, सुशील राठी, गिरिराज किशोर हिन्दवाण, अनूप कपूर, पिया थापा, ललित भद्री, अनुराग मित्तल, मो. बिरेन्द्र पंवार, नजमा खान, जगदीश धीमान, सरिता नेगी, सूरज क्षेत्री, आदर्श सूद, गुल मौहम्मद, शरीफ अहमद बेग, अनुराधा तिवाडी, सावित्री थापा आदि ने भी विजयी दोनों विधायकों को बधाई एवं शुभकामनायें दी है।