हरिद्वार ( कुलभूषण) भारतीय जनता पार्टी कनखल मंडल के कार्यकर्ताओं द्वारा आज कांग्रेस के खिलाफ दक्ष मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया और वहां पर गंगाजल से ब्राह्मणों के मंत्रोचार के साथ शुद्धिकरण अभियान चलाया गया
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता कनखल स्थित दक्ष मंदिर के बाहर एकत्रित हुए इस अवसर पर हरिद्वार नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष सुनील अग्रवाल गुड्डू ने कहा की तीर्थ नगरी हरिद्वार में कांग्रेस जहां-जहां भी जिस स्थान पर भी कॉरिडोर के नाम पर झूठ बोलने का काम कर रही है और हरिद्वार जैसी पावन धरती को अपवित्र कर जनता को भ्रमित करने का घृणित प्रयास कर रही है अगले ही दिन उसी स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता गंगाजल छिड़क कर शुद्धिकरण अभियान चला रहे हैं और सच्चाई जनता के सामने ला रहे हैं उन्होंने कहा कि वे यह मांग करते कि पूर्व मेयर पति अशोक शर्मा के द्वारा अपने कार्यकाल में किए गए जिओ कंपनी भूमिगत केबिल घोटाला,फूल फरोशी घोटाला,होर्डिंग टेंडर घोटाला,उषा ब्रैको रोप–वे लीज घोटाला आदि की जांच की जाए
भाजपा के प्रदेश सह–संयोजक धर्म संस्कृति प्रकोष्ठ पंडित नितिन शुक्ला ने कहा कॉरिडोर को लेकर हरिद्वार कांग्रेस के स्थानीय नेता दो गुटों में बटे हुए हैं और आपस में ही वर्चस्व की लड़ाई और महापौर पद का टिकट पाने की होड़ में हरिद्वार की जनता से झूठ बोल रहे हैं उन्होंने कहा कि जब सरकार और प्रशासन द्वारा कोरोडोर पर अभी तक किसी प्रकार का कोई नोटिफिकेशन या नोटिस आदि जारी ही नहीं हुए हैं तो कांग्रेस किस आधार पर हरिद्वार के व्यापारियों को भ्रमित करने का कार्य कर रही है आज कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है
भाजपा के कनखल मंडल अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा की कांग्रेस और उनके नेताओं ने 60 साल सत्ता में रहते हुए भी हरिद्वार के विकास के लिए कुछ नहीं किया और भारतीय जनता पार्टी और और उनकी सरकार ने हरिद्वार विधायक मदन कौशिक से प्रयासों से हरिद्वार को आधुनिक हरिद्वार बनाने का काम किया है कांग्रेस हर प्रकार की विकास योजना का हमेशा से विरोध करती आई है
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और इस अभियान के संयोजक विकास तिवारी ने कहा की इसी प्रकार कांग्रेस की झूठ बोलने की नीतियों का पर्दाफाश होता रहेगा और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जनता के सामने सच्चाई रखते रहेंगे और इसी प्रकार हरिद्वार की पावन धरती को कांग्रेस के झूठ से अपवित्र नहीं होने देंगे
आज के प्रदर्शन में विधायक प्रतिनिधि राजकुमार अरोड़ा, मयंक गुप्ता,अजय कुमार अखिलेश पंवार,राघव गुप्ता,धीर सिंह,कपिल वालियाँन,सर्वेश भूपेन्द्र कुमार,अमित प्रजापति, संजीव त्यागी,अनिमेष शर्मा राजेश कश्यप,तरुण सिंह आदि उपस्थित रहे!
पूर्व मेयर पति अशोक शर्मा के द्वारा नगर निगम में किए गए घोटालों की जांच की जाए: सुनील अग्रवाल “गुड्डू”
नशे के खिलाफ विभिन्न जन संगठनों ने निकाला मार्च, सैकड़ों लोग हुए शामिल
“25 अगस्त को कौलागढ़ और 1 सितंबर को नेहरू ग्राम में निकाला जाएगा मार्च”
देहरादून, नशा विरोधी जन अभियान के द्वारा आज 11 अगस्त 2024 से प्रदेश व्यापी चलाए जाने वाले नशा विरोधी जन जागरण अभियान का आगाज किया गया I एफआरआई के प्रवेश द्वार पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज नशा विरोधी जन अभियान के द्वारा एक जन जागरण मार्च प्रातः 7:30 बजे प्रारंभ किया गया I
जोरदार बारिश व मौसम के बिगड़े हुए हालात के चलते हुए भी नशा विरोधी अभियान के कार्यकर्ताओं ने प्रातः 6:30 बजे से ही प्रवेश द्वार के सामने बाहर खड़े होना प्रारंभ कर दिया l लगातार बारिश के चलते हुए भी लोग वहां पर टस से मस नहीं हुए l इस बारिश के चलते लोग दूर-दूर से वहां पर इकट्ठा होने लगे साथ ही नारों व जन गीतों के साथ अभियान की शुरुआत की गई l “आंधी आए या तूफान जारी रहेगा यह अभियान, ” एक रहेंगे जुटे रहेंगे, अभियान को हम सफल करेंगे , “जन जन ने ये ठाना है ,नशे को भगाना है, नशा नहीं रोजगार दो, जीने का अधिकार दो, के नारों के गर्जन साथ मार्च करते हुए अभियान दल के कार्यकर्ता पंडित वाड़ी , बाजार से होते भुड़गांव , वहां से लवली मार्केट ,शहीद द्वार पर रुका I जहां पर नशा विरोधी अभियान दल द्वारा एक जनसभा आयोजित की गई l
जनसभा को अभियान टीम के नेतृत्वकारी त्रिलोचन भट्ट विमला अजय जोशी कमला पंत ने संबोधित किया व जनसभा का समापन अभियान दल टीम नेत्री उषा भट्ट द्वारा समापन किया गया l नशा विरोधी जन अभियान के बैनर तले पंडितवाड़ी के चौक पर पहुंचे सैकड़़ों लोगों की मौजूदगी में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। मार्च के दौरान लोगों से नशे के खिलाफ शुरू किये गये इस अभियान में शामिल होने की अपील की गई। अभियान नेत्री
राज्य आंदोलनकारी ऊषा भट्ट ने कहा कि हम लोगों ने पहाड़ की खुशहाली के लिए इस राज्य के लिए संघर्ष किया था, लेकिन आजं इस राज्य को नशे के चंगुल से छुड़ाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। यदि आज हम नशे के खिलाफ खड़े नहीं हुए तो आने वाले समय में हर घर में कोई न कोई नशेड़ी पैदा होगा। क्योंकि नशे के तस्करों की नजर हमारे घरों के एक-एक बच्चे पर है। उन्होंने कहा कि हर घर से एक-एक व्यक्ति को इस अभियान में शामिल होना होगा।
अभियान नेतृत्वकारी एक्टिविस्ट और पत्रकार त्रिलोेचन भट्ट ने कहा कि हम उत्तराखंड को शराब से मुक्त करने की लड़ाई लड़ते रहे और शराब के साथ सिंथेटिक नशा भी राज्य के दूर-दराज के गांवों तक पहुंच गया। सरकार, प्रशासन, पुलिस लगातार नशे के खिलाफ अभियान चलाने का दावा कर रहे हैं। इस मुद्दे को मीडिया भी लगातार उठा रहा है, इसके बावजूद राज्य में नशे का चलन बढ़ता जा रहा है।
उत्तराखंड़ महिला मंच की कमला पंत ने कहा कि नशा विरोधी अभियान को पूरे राज्य में फैलाने की जरूरत है, ताकि हम अपने बच्चों को नशे के नरक में फिसलने से बचा सकें। उन्होंने कहा कि शराब के साथ ही तमाम तरह के ड्रग्स पहाड़ों के गांवों तक पहुंच गये हैं और कई परिवार नशे के कारण अपने जवान बच्चों को गंवा चुके हैं। पुलिस प्रशासन और पुलिस को जिस तरह की सख्ती बरतनी चाहिए, उनमें कहीं न कहीं कोई कमी है। यदि ऐसा नहीं होता तो हमारी युवा पीढ़ी आज इस तरह बर्बाद नहीं होती।
मार्च के अंत आयोजित नुक्कड़ सभा में आगामी 25 अगस्त को कौलागढ़ में और 1 सितंबर सहसपुर में मार्च निकालने का फैसला किया गया। इसके बाद सेलाकुई, धर्मपुर और नेहरूग्राम में भी वहां के लोगों से संपर्क कर मार्च निकालने का फैसला किया गया। इस अभियान को राज्यव्यापी अभियान बनाने की भी घोषणा की गई।
मार्च में उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा, नन्द नन्दन पांडे, पूरन बड़थ्वाल, श्रमयोग के अजय जोशी, विक्रम, इप्टा के हरिओम पाली, एडवोकेट जितेन्द्र्र, सुधीर बडोला, पीपुल्स फोरम उत्तराखंड के जयकृत कंडवाल, अनुज उपाध्याय, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, लक्ष्मी थापा, रूपा क्षेत्री, शांत नेगी, विजय नैथानी, कृष्णा सकलानी, वीना थापा, मातेश्वरी रजवार, परला पुरोहित, बीना डंगवाल, शांति सेमवाल, कमला कोली, पदमा गुप्ता, रीना थापा, नीलम पालीवाल सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।
उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने किया क्रमिक अनशन शुरू
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की माँग को लेकर जारी अनिश्चितकालीन धरना दसवें दिन भी जारी रहा। वहीं रविवार 11 अगस्त से आंदोलनकारियों ने क्रमिक अनशन प्रारम्भ कर दिया। आज क्रमिक अनशन के पहले दिन खुशपाल सिंह परमार, शकुंतला रावत व क्रांति अभिषेक बिष्ट बैठे।
इनके से समर्थन में बैठने वालों में उर्मिला शर्मा, ओमी उनियाल, जगदीश चौहान, ललित जोशी, क्रांति कुकरेती, अम्बुज शर्मा, विमल जुयाल, केशव उनियाल, शिवराज सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह, रामचंद्र नौटियाल, शांति शर्मा, लोक बहादुर थापा, मार्कडी प्रसाद, मुरारी लाल खंडेलवाल, राम कृष्णन, पुष्पा बहुगुणा, सुधीर नारायण शर्मा, सुनीता ठाकुर, जबर सिंह पावेल, सतेन्द्र नॉगई, लुसुन टोडरिया, राम किशन, प्रभात डंडरीयाल, हरि प्रकाश शर्मा,अनीता रावत, सुनील जुयाल, विनोद असवाल आदि लोग उपस्थित थे।
वेद उनियाल विचार मंच तृतीय उत्कृष्ट सम्मान : विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए विभूतियों का हुआ सम्मान
देहरादून (दीपिका गौड़), वेद उनियाल विचार मंच द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए विभूतियों को सम्मानित किया गया। उत्तरांचल प्रेस क्लब में वरिष्ठ पत्रकार एम. एम. लखेड़ा, जितेंद्र अंथवाल, संदीप गोयल तथा रंगकर्मी सतीश धौलाखंडी व पहाड़ी व्यंजन को प्रोत्साहित करने हेतु पूनम डोभाल को उत्कृष्ट सम्मान दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सुभाष शर्मा द्वारा की गयी। मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त उत्तराखंड योगेश भट्ट तथा विशिष्ट अतिथि में हर्षमणि व्यास, अजय राणा अध्यक्ष प्रेस क्लब, जगमोहन मेहंदीरत्ता, सुनील अग्रवाल, कवित्री व लेखिका नैना कंसवाल, आंदोलनकारी उर्मिला शर्मा मंचासीन रहे। संचालन मंच के संयोजक मनोरथ प्रसाद ध्यानी ने किया।
मुख्य अतिथि योगेश भट्ट ने कहा कि राज्य के असली अवधारणा के लिए एकबार फिर सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट होना पड़ेगा। स्व. वेद उनियाल के विचारों में राज्य विकास के लिए वेद भाई के विचारों को आगे लाना होगा, उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से उत्तराखंड की नैसर्गिकता के साथ खिलवाड़ हो रहा है इसके लिए आंदोलनकारी ताकतों को एकत्र एक मंच में होना पड़ेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी सुभाष शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड़ में हो रहे पर्यावरण परिस्थितिकी पर हमें गंभीर होना पड़ेगा। हिमालयी राज्यों को बचाने के लिए राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार को गंभीर होना पड़ेगा।
विशिष्ट अतिथि ओएनजीसी के रिटायर अधिकारी हर्षमणि व्यास ने कहा कि सरकारों की योजनाएं से प्राकृतिक क्षति के कारण आज आपदाओं का अम्बार लगा है। जिसके लिए सरकार ही नहीं आम जन को सचेत होना पड़ेगा। कवियत्री व लेखक नैना कंसवाल ने पलायन के कारणों पर विचार रखते हुए कविता के माध्यम से प्रस्तुति दी, सुनील अग्रवाल ने कहा कि युवाओं के बीच जनजागरण को करना होगा।
इस अवसर पर ओमी उनियाल, जगदीश चौहान, जगमोहन नेगी, प्रदीप कुकरेती, मोहन खत्री, पूरण सिंह लिंगवाल, एल मोहन लखेड़ा, बिजेंद्र रावत, राजेंद्र प्रधान, दीपक लिंगवाल, अशोक नेगी, प्रांजल नौडियाल, लुशुन, पुष्पा डोभाल, एम भंडारी, उषा चौहान, अनीता कोठियाल, रमा चौहान, जगदीश चौहान, रामपाल, प्रभात डंडरियाल, जय प्रकाश उपाध्याय, दीपक रावत, मनीष रावत, विनोद असवाल, मेजर महावीर रावत, गब्बर सिंह बिष्ट, अनिल डोभाल, निर्मल शाह, क्रांति कुकरेती, केशव उनियाल, संजय बलूनी आदि विभिन्न संगठनों से लोग उपस्थित रहे।
चौमासी से केदारनाथ पैदल ट्रेक को वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग में लाये जाने के लिए कयास शुरू
“केदारनाथ छैत्र में आपदाओं को देखते हुए जिला प्रशासन अब चौमासी से केदारनाथ पैदल मार्ग को बैकल्पिक मार्ग के रुप मे विकसित करने की योजना बना रहा है। इसके लिये जिलाधिकारी के निर्देशन में गठित टीम द्वारा चौमासी से पैदल ट्रेक का संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया गया। शीघ्र ही गठित टीम जिला प्रशासन को संयुक्त निरीक्षण आख्या सौंपेगी”।
रुद्रप्रयाग- आखिरकार जिला प्रशासन चौमासी से केदार नाथ पैदल मार्ग को यात्रा के लिये बैकल्पिक ट्रेक बनाने की कवायद मे जुट गया। इसके लिये जिलाधिकारी द्वारा संभावनो को तलासने के लिये जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार के नेतृत्व में टीम गठित कर पैदल मार्ग का निरीक्षण करने के निर्देश दिये है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने अवगत कराया कि केदार नाथ छैत्र में आपदाओं को देखते हुये जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में टीम का गठन किया गया जिसने द्बारा चौमासी से केदारनाथ पैदल ट्रेक का संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने अवगत कराया कि आपदा की दृष्टिगत चौमासी से केदारनाथ पैदल ट्रेक मार्ग एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिसे आपदा जैसी घटना घटित होने पर वैकल्पिक ट्रेक मार्ग के रूप उपयोग में लाये जाने के लिए इस पैदल ट्रेक मार्ग का निरीक्षण हेतु दिनांक 09-08-2024 को चौमासी से एक दल रवाना हुआ था, जिसमें उनके साथ नरेंद्र कुमार, सहायक अभियंता,लो.नि.वि., उखीमठ, जुगल किशोर चौहान, सहायक वन संरक्षक, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, गोपेश्वर डा. कृष्ण सिंह सजवाण, भू वैज्ञानिक, रुद्रप्रयाग मौजूद रहे इस टीम द्वारा रेका खर्क तक मौका मुआयना कर दिनांक 10-08-2024 को चौमासी वापस पहुंचे। संयुक्त टीम द्वारा अपनी निरीक्षण आख्या जल्द ही जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाएगी।
इस टीम मैं अन्य सदस्य मुलायम सिंह, ग्राम प्रधान, चौमासी डीडीआरएफ से जगमोहन व नरेंद्र वन विभाग से नवीन प्रसाद, वन आरक्षी अंशुल, बद्री आदि मौजूद रहे।
बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ने दिया इस्तीफा, प्रदर्शनकारियों ने दिया था अल्टीमेटम
ढाका , । बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने न्यायपालिका के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को ढाका में सुप्रीम कोर्ट को घेर लिया। इसके बाद चीफ जस्टिस सहित सभी जजों को दोपहर 1 बजे तक इस्तीफा देने को कहा गया।
चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने उभरते हालात के बीच देश भर में सुप्रीम कोर्ट, उच्च न्यायालय और निचली अदालतों के न्यायाधीशों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीश भी इस्तीफा देंगे, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, यह उनका निर्णय है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर जज और चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन इस्तीफा नहीं देते हैं तो वे उनके आवासों पर धावा बोल देंगे। शेख हसीना के देश छोड़े जाने के बाद वहां मुहम्मद युनूस की अगुआई में नई सरकार बन चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मोदी ने त्रासदी का जायजा लेने के लिए केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया है। इस मोके पर उनके साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी मौजूद रहे। यह आपदा 30 जुलाई को आई थी, जिसमें 416 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग लापता हैं।वायनाड में मोदी अस्पतालों और कुछ राहत शिविरों में मरीजों से मिलेंगे, जहां भूस्खलन से प्रभावित 10,700 से अधिक लोग ठहरे हुए हैं।
इसके बाद मोदी एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में आरिफ मोहम्मद खान, विजयन और अन्य अधिकारी भाग लेंगे। फिर दोपहर करीब 3.30 बजे कन्नूर हवाई अड्डे लौटेंगे और फिर नई दिल्ली वापस आ जाएंगे।
पीएम मोदी के दौरे से पहले बचाव और राहत अभियान के लिए एनडीआरएफ, सेना, वायु सेना, नौसेना, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा आदि के 1,200 से अधिक बचावकर्मियों को वायनाड में तैनात किया गया था।
चिकित्सा सहायता और उपचार के लिए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ 100 से अधिक एम्बुलेंस तैनात की गई हैं।
भारतीय सेना ने वायनाड में 190 फुट लंबा बेली ब्रिज बनाया, जो भारी मशीनरी और एम्बुलेंस की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। इस पुल का निर्माण मात्र 71 घंटों में पूरा कर लिया गया, जिससे भारी वाहनों और मशीनरी को बचाव कार्य में काफी मदद मिली और करीब 200 लोगों को बचाया जा सका।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह दल पिछले दो दिनों से वायनाड में है और शनिवार को अपना दौरा पूरा करेगा।
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अंकिता हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य अल्मोड़ा जेल शिफ्ट, जेलर से की थी हाथापाई
गोपेश्वर/चमोली। अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य को चमोली के पुरसाड़ी कारागार से अल्मोड़ा जेल शिफ्ट कर दिया गया है। पुरसाड़ी कारागार में तलाशी के दौरान 20 जुलाई को पुलकित ने जेलर त्रिलोक चंद्र आर्य से हाथापाई कर दी थी। जिसके बाद जेलर ने पुलकित के खिलाफ चमोली कोतवाली में मामला दर्ज कराया था।
अंकिता हत्याकांड के बाद से मुख्य आरोपी पुलकित आर्य को चमोली जनपद के पुरसाड़ी कारागार में रखा गया था। यहीं से पुलकित को पेशी पर कोटद्वार ले जाया जाता था। बीते जुलाई माह में भी कोर्ट में पेश करने के बाद पुलकित को पुरसाड़ी कारागार लाया जा रहा था। कारागार के बाहर तलाशी के दौरान उसने जेलर के साथ ही हाथापाई कर दी थी। जेलर त्रिलोक चंद्र आर्य ने बताया कि कारागार में बंदियों को कोई भी सामान अपने साथ बैरक में ले जाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन पुलकित सामान को अपने साथ ले जाने लगा। रोके जाने पर उसने हाथापाई की। जिसके बाद इस मामले में चमोली कोतवाली में पुलकित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई।
उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच धरना 9वें दिन भी जारी, बनी दूसरे चरण के आंदोलन की रणनीति
देहरादून, उत्तराखंड़ राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच के तत्वावधान में राज्य आंदोलनकारियों को राज्याधीन सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और चिन्हीकरण के लंबित प्रकरणों के निस्तारण की माँग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आज 9वें दिन भी जारी रहा।
शनिवार को उत्तरकाशी, प्रताप नगर,टिहरी,पौड़ी व चमोली जिलों से पहुंचे आंदोलनकारियों ने एक बैठक कर आंदोलन के दूसरे चरण की रूपरेखा तैयार की गयी, जिसमें कल 11 अगस्त से चल रहा धरना क्रमिक अनशन में तब्दील किया जायेगा, जिसमें प्रतिदिन 2- 4 आंदोलनकारी अनशन पर बैठेंगे। एक संयुक्त समन्वयक समिति का गठन कर दिया जायेगा और अब इस आंदोलन को जिला स्तर पर ले जाने पर सहमति बनी।
इसके साथ ही प्रवर समिति में शामिल विधायकों समेत स्वयं को आंदोलनकारियों का हितैषी बताने वाले विधायकों का घेराव किये जाने पर भी सहमति बनी।
बैठक में केशव चंद्र उनियाल, नरेंद्र राणा, वीपी रावत, मोहन सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह पवार,रामचंद्र नौटियाल,बाल गोविंद डोभाल, खुशपाल सिंह परमार, दिनेश भारद्वाज, भानु रावत,गणेश डंगवाल,अंबुज शर्मा, वीरेंद्र(वीरी)रावत,संजय थापा,राधा तिवारी,आशीष उनियाल, तारा पांडे, प्रदीप कुकरेती, रेनू नेगी, शेर सिंह रावत, डॉ. सोनिया आनंद रावत, मुरारीलाल खंडेलवाल, सुधीर नारायण शर्मा, दुर्गा बहादुर क्षेत्री द्वारा वक्तव्य दिया गया।
इसके अलावा आज धरने में दमयंती, भावना, शैलेंद्र सिंह सुनीता ठाकुर, रामकिशन, प्रभात डंडरीयाल, क्रांति अभिषेक बिष्ट, गीता नेगी, आशीष चौहान, धर्मानंद भट्ट पुष्पा बहुगुणा,दुर्गा रतुड़ी, सुरेंद्र सिंह पवार, सुशील घिल्डियाल, हरि प्रकाश शर्मा, नरेश नेगी, विनोद असवाल,अनीता रावत हरीमनी भट्ट, प्रेमलता चौहान, सुशील विरमानी सुनील कुमार जुयाल, सुनील नेगी आदि लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम की व अध्यक्षता शिवराज सिंह रावत व संचालन धरने के मुख्य संयोजक क्रांति कुकरेती ने किया।
मंत्री रेखा आर्य ने आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों का मानदेय बढ़ाने की करी पैरवी
‘केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने की राज्य की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के साथ वर्चुअल मीटिंग,रेखा आर्या ने गिनाई योजनाएं,अन्य सुविधाओं को बढ़ाने का किया आग्रह’
देहरादून, सचिवालय में उत्तराखंड सरकार की महिला बाल विकास मंत्री मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी जी की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल बैठक में शामिल हुई। जहां उन्होंने बैठक में केंद्रीय मंत्री को राज्य सरकार द्वारा आंगनवाड़ी महिलाओं और नौनिहालों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। साथ ही राज्य की उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों की लगातार को बढ़ाने, अनुपूरक पोषाहार की धनराशि में बढ़ोतरी करने, आंगनवाड़ी बहनों के प्रशिक्षण के वित्तीय मानक में बढ़ोतरी,आंगनवाड़ी कार्यकर्ती व सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि को बढ़ाये जाने के संबंध में आग्रह किया। कहा केंद्रीय मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया कि राज्य हित के लिए समुचित प्रयास अवश्य किए जाएंगे।
साथ ही कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य की समस्त आंगनवाड़ी बहनों और प्यारे बच्चों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मातृशक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाये जाने के साथ ही नौनिहालों के सर्वांगीण विकास हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में निदेशक प्रशांत आर्य, उपनिदेशक विक्रम सिंह, मुख़्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता, राज्य परियोजना अधिकारी आरती बलोदी, बाल विकास परियोजना अधिकारी तरुणा चमोला सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
धाद हरेला माह में “तपता हुआ शहर और असंतुलित विकास” पर विमर्ष का आयोजन
‘सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविदों ने जतायी असंतुलित विकास पर चिंता’
देहरादून, सामाजिक संस्था धाद और दून लाइब्रेरी रिसर्च सेंटर द्वारा हरेला माह में देहरादून के बढ़ते तापमान, असंतुलित विकास और घटती हुई हरियाली पर विमर्ष का आयोजन दून लाइब्रेरी में किया गया।
मुख्य वक्ताओं में से एक पर्यावरणविद डॉ. रवि चोपड़ा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन एक ग्लोबल चिंता है और देहरादून का तापमान 43 डिग्री जाना भी उसी का परिणाम है, इससे बचने का तरीका पेड़-पौधे और हरियाली ही है। हमें ज्यादा से ज्यादा लोकल संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए और पेड़ लगाने के साथ साथ उसके रख रखाव का ध्यान भी रखना चाहिए।
एक प्रश्न का जवाब देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता रीनू पॉल ने कहा दून वैलि नदियों, रिजर्व फॉरेस्ट, नहरों, नाले और खेतों की सुन्दर संरचना थी जो आज हीट आइलैंड बनता जा रहा है। इसका एक कारण देहरादून के आसपास के वनों का विभिन्न परियोजनाओं के चलते काटन होना और शिवालिक रेंज का कटाव भी है।
सिटिजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोड़ा ने धाद संस्था को इस तरह के सत्र आयोजित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के और आयोजन किये जाने की जरूरत है ताकि समाज में पर्यावरण को लेकर एक समझ बन सके। विकास की परियोजनाओं के चलते पेड़ों का कटान तो जोर-शोर से किया जाता है पर उसकी ऐवज में जो पेड़ लगने हैं उनकी बात आज तक कोई नहीं कर रहा। साथ ही उन्होंने बताया कि सहस्त्रधारा रोड़ के जिन पेड़ों का प्रतिरोपण का काम किया गया वो भी आज मरुस्थल बन गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे धाद के अध्यक्ष लोकेश नवानी ने कहा ज्यादातर विकासशील देशों में हो रहा अनियोजित विकास पर्यावरण असंतुलन को जन्म दे रहा है और हम सबका विकास की इस धुरी पर घूमना एक बड़ी विडंबना है। विकास के इस असंतुलित और विनाशकारी मॉडल में उस समावेशी दृष्टिकोण की कमी है जो प्रकृति के हर अंग में संतुलन कायम करता है। इस वर्ष देहरादून में तापमान 43 डिग्री के पार जाना और दूसरी जगहों पर सूखा, अतिवर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के साथ ही क्लाइमेट चेंज का एक बड़ा सवाल हमारे सामने खड़ा हो गया है। ऐसे में विचार करना जरूरी होगा कि आने वाले समय में हमारे विकास का मॉडल क्या हो? हमारी जीवनशैली में क्या बदलाव हो और हम एक नागरिक समाज के रूप में अपने शहर को इस आपदा से बचाने के लिए कैसी भूमिका निभाएं ?
धाद के सचिव तन्मय मंमगाई ने बताया कि संस्था हरेला माह के अंतर्गत दो अध्याय पहला हरेला वन जो उन शहरों की बात करता है जो असंतुलित विकास की पहली कड़ी बने हैं और दूसरा हरेला गाँव जो पहाड़ मे पलायन के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते खेतों और उत्पादकता की बात करता है। इसी क्रम में हमने इस बार सतपुलि संवाद में पौड़ी गढ़वाल के प्रगतिशील किसानों से भी बातचीत का सत्र आयोजित किया। सत्र का संचालन धाद की ओर से सुशील पुरोहित ने किया और प्रश्न हिमांशु आहूजा द्वारा पूछे गए।
इस अवसर पर डॉ एस एस खैरा, हर्ष मणि व्यास, सुरेश कुकरेती, अतुल शर्मा, सुरेंद्र अमोली, अवधेश शर्मा, गणेश उनियाल, उत्तम सिंह रावत, नरेंद्र सिंह रावत, ब्रिगेडियर के जी बहल, इरा चौहान, आशा डोभाल, रेखा शर्मा, रंजना शर्मा, चारू तिवारी, शिव प्रकाश जोशी, डॉ दयानंद अरोड़ा, विकास मित्तल, राजेंद्र विरमानी, आर के गुप्ता, राकेश अग्रवाल, महेंद्र ध्यानी, टी आर बरमोला, विजय भट्ट, मनोहर लाल, सविता जोशी, नरेंद्र उनियाल, बृज मोहन उनियाल, कमला कठैत, दयानंद डोभाल, साकेत रावत, इंदू भूषण सकलानी, आदि मौजूद थे I
पेरुमल मुरुगन और आधुनिक तमिल साहित्यिक परिदृश्य पर बातचीत
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं पेरुमल मुरुगन और आधुनिक तमिल साहित्यिक परिदृश्य विषय परएक वार्ता का आयोजन किया गया. इस सचित्र वार्ता में श्री निकोलस हॉफलैण्ड द्वारा युवा अध्येता अम्मार यासिर नक़वी से बातचीत की गई। इस बातचीत में दक्षिण भारतीय साहित्य के भौतिक, मानसिक परिदृश्यों पर विहंगम दृष्टि रखने का प्रयास हुआ। महत्वपूर्ण सवाल यह उठा कि क्या किसी समाज और उसके साहित्य के विकास को एक साथ समझा जा सकता है, और क्या साहित्य समाज में बदलाव का उतप्रेरक बन सकता है. निकोलस और अम्मार नकवी के मध्य इन सभी बिन्दुओं पर विमर्श किया गया। अम्मार नकवी ने तमिल क्षेत्र की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं को उसकी संपूर्ण महिमा के साथ प्रस्तुत किया ।
चर्चा का प्रारंभिक बिंदु पेरुमल मुरुगन के लेखन पर केन्द्रित रहा। इमायम, सीएस चेलप्पा, बामा, सलमा, जानकीरमन जैसे लेखकों पर भी चर्चा की गई। महिला और दलित साहित्य पर भी संक्षेप में चर्चा की गई। अम्मार नकवी ने साहित्य की लोकप्रियता और प्रचार-प्रसार पर पुरस्कार और प्रकाशनों की क्या भूमिका है? इस पर भी खास बात की।
कुल मिलाकर इस बातचीत में तमिल संस्कृति और साहित्य का परिचय, साहित्यिक शैली के रूप में इसका विकास और संगम की समृद्ध विरासत, विश्व इतिहास में इसका अद्वितीय स्थान और इसकी निरंतरता और विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक बात की गई। अंग्रेजी अनुवाद की भूमिका, उसकी शैलियाँ, स्वरूप और सामने आने वाली चुनौतियाँ पर भी गहराई से विमर्श हुआ। इसके साथ ही औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक भारत में जन साहित्य का विकास कैसे हुआ, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और साहित्यिक समाज की भूमिका पर भी चर्चा की गयी।
वार्ताकार अम्मार नक़वी पेशे से एक अकादमिक अनुवादक,लेखक, इतिहासकार, घुम्मकड़ और एक महत्वाकांक्षी शिक्षाविद हैं. अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय जैसे संगठनों के साथ-साथ अमन प्रकाशन और परिवर्तन प्रकाश जैसे कुछ क्षेत्रीय प्रकाशनों के लिए लेखक, अकादमिक प्रशिक्षक, अनुवादक, शोधकर्ता और संसाधन व्यक्ति के रूप में में काम कर रहे हैं. उन्होंने बंगाल के दूरदराज के हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रीय पुस्तकालयों की स्थापना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने अतिथियों वक्ता और उपस्थित प्रतिभागी लोगों का स्वागत किया और इस तरह की पहल को साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर अनेक युवा पाठक, लेखक, साहित्यकार व अन्य लोग उपस्थित थे।