Monday, June 9, 2025
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घूमने जा रहे दो युवकों की कार खाई में गिरी, दोनों घायल

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देहरादून, मसूरी मार्ग पर रविवार को मैगी प्वाइंट के पास दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। जिसमें घूमने जा रहे दो युवकों की कार खाई में गिर गई। हादसे में दोनों युवक बुरी तरह घायल हो गए। मिली जानकारी के अनुसार, एसडीआरएफ को सूचना मिली थी कि एक कार (संख्या BR 06DH 3402) खाई में गिर गई है। पोस्ट सहस्त्रधारा से उप निरीक्षक सावर सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया।
पुलिस की टीम द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों अनुराग चौधरी (28) पुत्र केदार सिंह चौधरी, निवासी पॉलिटेक्निक कॉलेज आमवाला देहरादून और नैतिक सिंह( 27) निवासी इंद्रेश बिहार ग्रेट नोएडा को स्ट्रेचर के माध्यम से घायल अवस्था में खाई से निकाला गया। टीम ने दोनों युवकों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा। दोनों की हालत अभी नाजुक बनी है ।

डंपर भागीरथी नदी में गिरा, चालक लापता

टिहरी, जनपद के थाना छाम के अंतर्गत सरोट के पास एक डंपर भागीरथी नदी में जा गिरा, हादसे में चालक लापता है, हादसे का कारण सड़क का पुस्ता धंसना बताया जा रहा है, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है. चालक के लिए सर्च अभियान जारी है l स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, मौके पर पहुंची पुलिस और एसडीआरएफ ने घटना स्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन डंपर से चालक लापता बताया जा रहा है l एसडीआरएफ की टीम ने चालक के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन, खड़ी और रेतीली पहाड़ी होने के कारण सर्च ऑपरेशन चैलेंजिंग हो गया है l बता दें कि जिस मार्ग से वर्तमान में रेत कार्यों में लगे डंपर की आवाजाही हो रही है, वह मार्ग पहले टिहरी से उत्तरकाशी को जोड़ने वाले बॉर्डर रोड का हिस्सा था, लेकिन टिहरी बांध झील बनने के बाद इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई थी, तहसीलदार कंडीसौड़ राजकुमार शर्मा ने बताया कि डंपर गिरने की सूचना प्राप्त हुई है. राजस्व उपनिरीक्षक को मौके पर भेजा गया है. तहसील से टीम भी मौके के लिए रवाना हो चुकी है, 108 एंबुलेंस, थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है सर्च ऑपरेशन चल रहा है l

मुख्यमंत्री की घोषणा को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर रखें विभाग : जिलाधिकारी

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देहरादून, जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि सभी विभाग मुख्यमंत्री की घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखें।
आज यहां जिलाधिकारी सविन बसंल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टे्रट में जनपद में मुख्यमंत्री की घोषणा की समीक्षा की गई, जिसमें समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों से मुख्यमंत्री घोषणाओं की अघतन प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और प्रत्येक बिंदु पर विस्तार से समीक्षा की। डीएम ने निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में है, सभी अधिकारी इसमें पूर्ण गंभीरता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करें। डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री घोषणा के निस्तारण कार्यों से कोई समझोता नही किया जाएगा तथा इसमें किसी प्रकार का कोई तर्क वितर्क, देरी, लापरवाही क्षम्य नही नही है। डीएम ने कहा कि विभागों के मात्र कार्यवाही गतिमान; एचओडी /शासन पर लम्बित है जैस तर्क घोषणा पूर्ति हेतु नाकाफी है अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं। निस्तेज विभागों सीएम घोषणा के सम्बन्ध में की गई विशिष्ट सटीक कार्यवाही का विवरण कलेक्टे्रट में आकर अघतन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घोषणाएं मात्र संख्या न होकर क्षेत्र विशेष की जन आकांशाएं भी है तथा विकास का अधार है इसमें गंभीरता से कार्य करें। जनवरी से बगैर शासन की स्वीकृति घोषणाओं के अर्न्तविभागीय हस्तांतरण पत्र भेजने के पश्चात आनंदमय निद्रा में आए विभागों को डीएम ने निद्रा से बाहर किया। नगर निगम द्वारा घोषणाओं के विलोपन में दिए गए तर्क पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की तथा कहा विलोपन तब तक अनुमन्य नहीं, जब तक शासन से अनुमति न मिले तथा दूसरे विभाग को हस्तांतरण न हो। दूसरे विभाग को 75 प्रतिशत् घोषणाओं के विलोपन इतिश्री कर उपेक्षा कर रहे निगम देहरादून को डीएम ने कड़ी फटकार लगाई तथा सख्त निर्देश यदि विलोपन/ हस्तांतरण की स्वीकृति 01 माह तक नही मिली; तो आप स्वंय घोषणा निष्पादित करने के लिए विभाग बाध्य हैं। बैठक में यह जानकारी दी गई कि जिले में मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2021 से अब तक कुल घोषणाओं की 138 घोषणाएं की गई हैं। जिस पर विभागों द्वारा जानकारी दी गई कि इनमें कई घोषणा पर कार्य कार्य प्रगति पर है। लोनिवि की 23, सिंचाई विभाग की 23, शहरी विकास की 16, समाज कल्याण 14, शिक्षा 8, पर्यटन 7, संस्कृति 8, वन 5, ऊर्जा 3, सैनिक कल्याण विभाग 6 सहित अन्य समस्त विभागों की घोषणाओं के सम्बन्ध में विस्तृत समीक्षा की गई। लोनिवि के अधिकारियों ने अवगत कराया कि 18 घोषणाओं पर कार्य गतिमान है जिनमें 12 डीपीआर शासन को भेजी गई हैं, 06 पर कार्यवाही गतिमान है तथा 05 लम्बित है। वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि अधिकतर घोषणाओं पर कार्य गतिमान है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उप नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, लोनिवि, यूपीसीएल, पेयजल के अधीक्षण अभियंता सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने ‘हिन्द दी चादर’ नाटक मंचन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

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-गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित हुआ नाट्य मंचन

देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित नाटक ‘हिन्द दी चादर’ के मंचन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड सिक्ख कोऑर्डिनेशन कमेटी एवं श्री गुरू तेग बहादुर चैरिटेबल चिकित्सालय द्वारा नाटक ‘हिन्द दी चादर’ का मंचन कार्यक्रम दून मेडिकल कॉलेज में किया गया।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के अद्वितीय बलिदान और धर्मरक्षा के योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने उस समय प्राणों की आहुति दी, जब देश की संस्कृति, आस्था और आत्म सम्मान पर संकट गहराया हुआ था। उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए जो बलिदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी को ‘हिन्द दी चादर’ यूं ही नहीं कहा गया। उन्होंने राष्ट्र की एकता, धर्म की स्वतंत्रता और सामाजिक समरसता के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया। उनका साहस, बलिदान और उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
मुख्यमंत्री ने कह कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और राज्य सरकार सिख समाज के हितों की रक्षा तथा उनके धार्मिक स्थलों के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर, श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए पंजीकरण, वीर बाल दिवस की घोषणा, 1984 दंगा पीड़ितों को न्याय और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना जैसे निर्णयों का उल्लेख करते हुए उन्हें ऐतिहासिक बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को राज्यभर में भव्य रूप से मनाने हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का कार्य प्रगति पर है, जिससे श्रद्धालुओं को 45 मिनट में यात्रा सुलभ होगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नाटक के आयोजकों और कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस मंचन के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारे गौरवशाली इतिहास से जोड़ने का एक सशक्त प्रयास किया गया है। यह नाटक केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक सजीव प्रेरणा का स्रोत है।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री स. मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री गुरूदेव सिंह, नाटक मंचन के आयोजक एवं कलाकार उपस्थित थे।

पायलटों से गधों की तरह करवाया जा रहा है काम : मोहित डिमरी

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-हेली कंपनियां हुई बेलगाम, विक्रम-ऑटो की तरह चल रहे हेलीकॉप्टर

देहरादून, उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के महासचिव और मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संस्थापक संयोजक मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी और लापरवाही को उजागर करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। डिमरी ने कहा कि हेलीकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी हैं, जिसके चलते कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें हाल ही में हुई एक घटना भी शामिल है।
मोहित डिमरी ने हेलीकॉप्टर संचालन को लेकर कई चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे। बार-बार हो रही घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि कंपनियां सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर रही हैं। डिमरी ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की तुलना ‘विक्रम-ऑटो’ से की, जो अनियंत्रित और असुरक्षित तरीके से चल रही हैं। पायलटों से “गधों की तरह” अत्यधिक काम लिया जा रहा है, जिससे उनकी थकान और तनाव बढ़ रहा है।
हेलीकॉप्टर उचित ऊंचाई बनाए रखने में विफल हो रहे हैं, जो हादसों का एक प्रमुख कारण बन रहा है और इससे वन्य जीवजन्तु प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग आम बात हो गई है, जिससे यात्रियों का शोषण हो रहा है। इन समस्याओं का असर यात्रियों की सुरक्षा और उत्तराखंड के विमानन क्षेत्र की साख पर पड़ रहा है। थके हुए पायलट और ऊंचाई के नियमों का पालन न करना हादसों को न्योता दे रहा है। वहीं, टिकटों की कालाबाजारी से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
डिमरी ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि केदारनाथ में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम स्थापित करने के लिए डीजीसीए और उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UKADA) को इन मुद्दों के बारे में कई बार पत्र लिखकर सूचित किया गया है। वे सख्त नियम लागू करने, बेहतर निगरानी और टिकटों की कालाबाजारी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है, जो चिंता का विषय है।
मोहित डिमरी ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा, “स्थिति चिंताजनक है। हम इन मुद्दों को अब और नजरअंदाज नहीं कर सकते।
यात्रियों की सुरक्षा और हमारे विमानन क्षेत्र की अखंडता दांव पर है। जल्द ही कंपनी की मनमानी कब खिलाफ़ आंदोलन किया जायेगा” उनका यह बयान अधिकारियों के लिए एक जोरदार चेतावनी है कि अब कार्रवाई जरूरी हो गई है।

“मैड” ने 14 वीं वर्षगांठ पर आयोजित की मैडथॉन, मेयर सौरव थपलियाल ने दिखाई हरी झंडी

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देहरादून, मैड द्वारा अपनी 14वीं वर्षगांठ पर आयोजितय ‘मैडथॉन’ दौड़ मेयर सौरव थपलियाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौड़ का मुख्य उद्देश्य देहरादून की सिकुड़ती और सिमटती जल धाराओं के पुनर्जीवन हेतु एक विशाल जन अभियान का सूत्रपात करना और सरकार से इस विषय पर उचित नीति-नियोजन करने का आह्वान करना था।
इस दौड़ में प्रतिभाग करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग दून के परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। प्रातःकाल 5:30 बजे से 6:30 बजे के बीच ही परेड ग्राउंड प्रतिभागियों के जोश से भर गया। बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस भी परेड ग्राउंड पहुंची। आयोजकों ने पहले से ही दौड़ के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर ली थी। दौड़ में बच्चों के अलावा कई वरिष्ठ नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस ‘मैडथॉन’ का मुख्य आकर्षण यह था कि यह पूरी तरह से प्लास्टिक-मुक्त मैराथन थी। प्रचार-प्रसार हेतु जो बैनर छपवाए गए थे, वे मैड के स्वयंसेवकों द्वारा खुद कपड़े के ऊपर तैयार किए गए थे। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों के लिए सैंडविच और रिफ्रेशमेंट इत्यादि की व्यवस्था भी मैड के स्वयंसेवकों ने खुद रात को अपने ही सदस्यों के घरों में तैयार करके की, ताकि किसी भी प्रकार की प्लास्टिक पैकेजिंग या प्लास्टिक रैपर का उपयोग न हो।
दौड़ के आयोजन के लिए परेड ग्राउंड को इस तरीके से सजाया गया था, जिसमें देहरादून की नदियों, मुख्य रूप से रिस्पना और बिंदाल की पूरी कहानी – उनके मुख्य उद्गम से लेकर गंगा में उनके विलय तक की व्याख्या की जा सके।
मैराथन दौड़ में पुरुषों में सबल कंडारी, कलम सिंह बिष्ट, लक्ष्मण लामा और नितिन भंडारी विजेता रहे। महिलाओं में मीणा कंधारी, कांति और अलका ने जीत हासिल की। सभी लोगों को प्रतिभाग के लिए उत्साहित करने हेतु विशेष रूप से अन्य आयु सीमा भी रखी गई थी।
इस आयोजन में एक ओर हजारों प्रतिभागियों ने मैड की मैराथन में भाग लिया, वहीं दूसरी ओर कई वरिष्ठ नागरिक और बुद्धिजीवी भी मैड की मैराथन से अपनी सहानुभूति व्यक्त करने और संस्था के 14 वर्ष पूर्ण होने पर अपनी बधाई देने पहुंचे। इनमें प्रमुख रूप से समाजसेवी और चिपको आंदोलनकारी पी.सी. तिवारी, समाजसेवी अभिनव थापर, संयुक्त नागरिक संगठन के चंद्रगुप्त विक्रम, मेजर एमएस रावत, अवधेश शर्मा, सुशील त्यागी, निखिल शर्मा, प्रमेंद्र बर्थवाल, नवीन कुमार, उमेश्वर सिंह रावत, परमजीत कक्कड़, पार्थ त्यागी रवि चोपड़ा शामिल थे।

हाईवे पर बड़ा हादसा, तेज रफ्तार और गलत दिशा के कारण हुई बस कार की टक्कर

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बस में सवार अधिकतर लोग सुरक्षित, कार के चार यात्री घायल

ऋषिकेश, रविवार सुबह ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कौडियाला के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। दिल्ली से गोपेश्वर जा रही उत्तराखंड रोडवेज की बस और हरियाणा के यात्रियों से भरी एक कार की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में कई लोग घायल हुए, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल भेजा गया।
यह घटना सुबह करीब पांच बजे के आसपास की बताई जा रही है। रोडवेज बस नियमित सेवा के तहत कौडियाला होते हुए गोपेश्वर की ओर जा रही थी, तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रही कार ने नियंत्रण खो दिया और विपरीत दिशा में आकर बस से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार यात्रियों को बाहर निकालने के लिए स्थानीय लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार में चार लोग सवार थे, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें एंबुलेंस की मदद से तुरंत ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जा चुका है और जरूरी परीक्षण किए जा रहे हैं।
गनीमत यह रही कि रोडवेज बस में सवार अन्य करीब 30 यात्री बाल-बाल बच गए। हालांकि कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं, लेकिन किसी को गंभीर नुकसान नहीं हुआ। बस चालक ने दुर्घटना की सूचना तत्काल पुलिस और परिवहन विभाग को दी।

नैनीताल की 126 करोड़ 69 लाख लागत की 27 विकास परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण एवं शिलान्यास

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नैनीताल ,मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को लालकुआं, नैनीताल में आयोजित कार्यक्रम में नैनीताल जनपद की लगभग 126 करोड़ 69 लाख लागत की 27 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में शिक्षा, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई, सीवरेज, नगर विकास, सौंदर्यीकरण और निराश्रित गौवंश संरक्षण से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। इस दौरान 25.93 करोड़ की लागत से 9 योजनाओं का लोकार्पण और 100.76 करोड़ की लागत से 18 योजनाओं का शिलान्यास किया।

 

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ये परियोजनाएं क्षेत्र की आधारभूत संरचना को मजबूत बनाएंगी और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे देशव्यापी विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि भारत आज रक्षा, विज्ञान, खेल और अवसंरचना सहित प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’, धारा-370 की समाप्ति और कश्मीर में रेल ब्रिज के निर्माण का उल्लेख करते हुए देश की बदलती शक्ति और संकल्प का उल्लेख किया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल जनपद को आदर्श जिला बनाने की दिशा में मानसिक चिकित्सालय, कैंसर संस्थान, आयुष अस्पताल, ओपन जिम, अंबेडकर पार्क, रिंग रोड, बाईपास रोड, एस्ट्रो पार्क, पोलिनेटर पार्क और खेल विश्वविद्यालय जैसी परियोजनाएं तेज़ी से क्रियान्वित की जा रही हैं। हल्द्वानी को क्लीन एंड ग्रीन सिटी बनाने के लिए वेस्ट मैनेजमेंट और सीवरेज प्रबंधन योजनाएं शुरू की गई हैं, जबकि जाम की समस्या को दूर करने के लिए मल्टी-स्टोरी पार्किंग का निर्माण कराया जा रहा है। जमरानी बहुउद्देश्यीय बांध परियोजना और खुरपिया में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी जैसे प्रयास तराई क्षेत्र को दीर्घकालिक लाभ देंगे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार केवल विकास ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक समरसता की रक्षा के लिए भी पूर्णतः प्रतिबद्ध है। धर्मांतरण, लव जिहाद, लैंड जिहाद आदि के विरुद्ध कठोर कदम उठाए गए हैं। समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है और यहां देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू किया गया है। गौवंश संरक्षण हेतु “गौ संरक्षण कानून” के तहत ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई है और पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है। उन्होंने जनता से अपील की कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकास यात्रा में सभी नागरिकों को सहभागी बनना होगा।

 

*इन योजनाओं का किया गया लोकार्पण*

 

ओखलकांडा में क्षतिग्रस्त 11 नहरों का पुनर्निर्माण, भीमताल में जिला आयुर्वेदिक भवन, रामगढ़ में मल्ला सूफी-रूसानी-दीगड़-कफूवा लोधिया मोटर मार्ग, बेतालघाट में मल्ली सेठी लिफ्ट सिंचाई योजना, हल्द्वानी में पशु चिकित्सालय में वाहनों की पार्किंग एवं पशुओं हेतु ओटी निर्माण, कालाढूंगी में पशु चिकित्सालय भवन, गंगापुर कबडवाल में गौशाला निर्माण (फेज-1), रामनगर में राजकीय पॉलीटेक्निक भवन और पाण्डे नवाड़ हल्द्वानी में पुनर्वास केंद्र का जीर्णोद्धार।

 

*इन योजनाओं का किया गया शिलान्यास*

 

इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बाढ़ सुरक्षा कार्य, फतेहपुर, कमलुवागांजा, गुनीपुर, पनियाली एवं बच्चीनगर में क्षतिग्रस्त नहरों का निर्माण, कोटाबाग में पॉलीटेक्निक भवन, रामपुर चकलुवा में नलकूप निर्माण, कैंचीधाम परिसर का विकास, भवाली में पर्यटक आवास गृह की मरम्मत, नैनीताल में पर्यटन कार्यालय भवन निर्माण, ग्रामीण मोटर मार्गों का पुनर्निर्माण एवं सुधार, झीड़ापानी वाटरफॉल का विकास, विभिन्न स्थानों पर नलकूप निर्माण, हल्द्वानी में राजपुरा और पर्वतीय मोहल्ला सीवरेज योजनाएं, लालकुआं में गौशाला निर्माण (फेज-2) तथा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हल्द्वानी में पुस्तकालय का पुनरुद्धार कार्य।

 

इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, मोहन सिंह बिष्ट, रामसिंह कैड़ा, मेयर गजराज बिष्ट, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, रेनू अधिकारी, दिनेश आर्य, दीपक मेहरा, सुरेश भट्ट, शंकर कोरंगा, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, पान सिंह मेवाड़ी, रंजन बर्गली, कमलेश कबडवाल, दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा, पूर्व विधायक नवीन दुम्का सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय के आयुक्त/सचिव दीपक रावत, डीआईजी रिद्धिमा अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना सिंह, एसएसपी पीएन मीणा, अपर जिलाधिकारी विवेक रॉय और नगर आयुक्त ऋचा सिंह भी मौजूद थे।

नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर हुआ करोड़ों का वेतन घोटाला, दर्ज हुई एफआईआर

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आरटीआई से खुला भ्रष्टाचार का जाल, एडवोकेट विकेश सिंह नेगी की बड़ी भूमिका

 

 

(एल मोहन लखेड़ा)

 

देहरादून, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड़ का नारा कहना शायद बेनामी होगा, राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार कार्यकाल में कभी जमीन घोटाला तो कभी भर्ती घोटाला ने जहां एक के एक प्रश्न चिन्ह लगा दिये, वहीं राज्य के सबसे बड़े नगर निगम में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला आखिरकार सवा साल की देरी के बाद मुकदमे के रूप में दर्ज हो गया है। यह प्रकरण देहरादून नगर निगम की मोहल्ला स्वच्छता समितियों में 99 फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर लगभग 9 करोड़ रुपये के वेतन गबन से जुड़ा है। यह फर्जीवाड़ा 2019 से 2023 तक पांच वर्षों तक लगातार चलता रहा और किसी ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं की।

 

इस घोटाले का खुलासा जनवरी 2024 में तब हुआ जब जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी ने जांच शुरू की। जांच में साफ हुआ कि जिन कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकाला गया था, वे वास्तविकता में कभी मौजूद ही नहीं थे। जांच में यह भी सामने आया कि कई पार्षदों ने अपने रिश्तेदारों, पत्नियों और पार्टी पदाधिकारियों को सफाई कर्मचारी दर्शाकर, वर्षों तक उनके नाम से सरकारी वेतन प्राप्त किया ।

इस घोटाले को सार्वजनिक करने में आरटीआई एक्टिविस्ट और अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। नेगी ने सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से दस्तावेज मांगे और उन्हें खंगालने पर यह बड़ा घोटाला सामने आया। उन्होंने यह खुलासा किया कि न केवल फर्जी कर्मचारियों के नाम पर वेतन निकाला गया, बल्कि मोहल्ला स्वच्छता समितियों की आड़ में व्यवस्थित रूप से योजनाबद्व भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया।

विकेश नेगी ने अपने प्रयासों से न केवल इस पूरे तंत्र को बेनकाब किया, बल्कि कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के विरुद्व जन सुनवाई में साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। उनके निरंतर दबाव के चलते प्रशासन को मामले की जांच तेज करनी पड़ी। अब इस प्रकरण में नगर निगम के उपनगर आयुक्त गौरव भसीन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

एफआईआर में विशेष रूप से निम्न पक्षों की जांच की बात कही गई है- मोहल्ला स्वच्छता समितियों के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, निगम द्वारा रखी गई प्राइवेट कंपनी के माध्यम से नियुक्त कर्मचारी, वे पार्षद, जिनके परिजन फर्जी कर्मचारी के रूप में नामित पाए गए।

यह भी संभावना जताई जा रही है कि जांच का दायरा भविष्य में और भी व्यापक किया जाएगा और नगर निगम के कुछ अधिकारियों की सांठगांठ और मिलीभगत की भी जांच हो सकती है। देहरादून जैसे संवेदनशील शहर में इतने वर्षों तक बिना किसी रोक-टोक के इस तरह का भ्रष्टाचार होना शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह घोटाला न केवल सरकार को कठघरे में खड़ा करती है, मामला जनता के पैसों की बर्बादी के साथ यह भी दर्शाता है कि निगम स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी कमजोर है।

अब जब एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जनता और नागरिक संगठनों की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या दोषियों को वाकई सजा मिलेगी या फिर यह मामला भी अन्य भ्रष्टाचार मामलों की तरह कागजों में ही दम तोड़ देगा। विकेश सिंह नेगी जैसे एक्टिविस्टों के प्रयास यह साबित करते हैं कि जागरूक नागरिकों की भूमिका लोकतंत्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आर्यवीर दल आवासीय शिविर में वैदिक संस्कार एवं चरित्र निर्माण हेतु निकाली गई शोभायात्रा

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हरिद्वार ,आर्य समाज द्वारा आयोजित आर्यवीर दल आवासीय शिविर के अंतर्गत आज एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया । यह शोभायात्रा वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार और युवाओं में चारित्रिक निर्माण एवं नैतिक मूल्यों के संवर्धन हेतु निकाली गई ।

शिविर में विभिन्न स्थानों से आए युवाओं ने पूर्ण अनुशासन और गर्व के साथ वैदिक ध्वज, पथ संचलन, वेद मंत्रोच्चारण तथा देशभक्ति नारों के साथ नगर भ्रमण किया। शोभायात्रा में वेदों की महत्ता, स्वदेशी जीवनशैली, राष्ट्रभक्ति, समाज सेवा तथा चरित्र निर्माण जैसे संदेशों को जन-जन तक पहुंचाया गया ।

इस अवसर पर आर्य समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी, गुरुकुल आचार्य एवं समाजसेवियों ने भी सहभागिता की । यात्रा के मार्ग में नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर आर्यवीरों का स्वागत किया ।

यात्रा में प्रमुख रूप से डॉ० महेंद्र आहूजा, वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा, आचार्य योगेन्द्र मेधावी (शिविर प्रमुख अधिष्ठाता), संरक्षक आर्य समाज भेल ओ.पी. बत्रा, मंत्री राकेश गुप्ता, कोषाध्यक्ष राजवीर सिंह आर्य, शिविर प्रमुख संयोजक मदन सिंह, शिविर शिक्षक – जीवन लाल आर्य, आचार्य निरंजन, आचार्य रणजीत आदि सम्मिलित रहे |

डॉ महेंद्र आहूजा ने बताया कि इस प्रकार की शोभायात्राएं समाज में वैदिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, युवाओं के नैतिक उत्थान और राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरणा स्रोत बनती हैं ।

कार्यक्रम का समापन देशभक्ति गीतों, योग प्रदर्शन तथा वैदिक मंत्रों के साथ हुआ ।

अमरनाथ यात्रा भारत की आत्मा का जागरण है, श्रद्धालु निर्भय होकर करे यात्राः अवधेशानन्द

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हरिद्वार ( कुलभूषण ) श्रीनगर में अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 49वीं बैठक जम्मू-कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। यह बैठक आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों को लेकर अत्यंत महत्वपूर्ण और दूरदर्शी रही, जिसमें यात्रा मार्गों की सुरक्षा, तीर्थयात्रियों की सुविधा और समग्र अनुभव को बेहतर बनाने पर विशेष बल दिया गया।

बैठक की गरिमा को श्रीमत् परमहंस परिव्राजकाचार्य, जूनापीठाधीश्वर, आचार्यमहामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज की उपस्थिति ने और अधिक प्रेरणादायक बना दिया।

 

स्वामी अवधेशानंद महाराज ने कहा— “अमरनाथ यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारत की सनातन संस्कृति का जीवंत उत्सव है, जो राष्ट्र की आत्मा और संवेदनशीलता को साकार करती है। यहाँ भक्त बाबा अमरनाथ शिव की उस अलौकिक और विराट दिव्यता के दर्शन करते हैं, जो भारत के हर हृदय में धड़कती है। यह यात्रा भारत की आत्मा को अनुभव करने का एक अनुपम अवसर है।”

 

“आज का कश्मीर नया कश्मीर है – शांति, शक्ति और सनातन संस्कृति की पुनर्जनन का प्रतीक अमरनाथ यात्रा इस परिवर्तन की जीवंत सिद्धि बनकर उभर रही है, जो हर भारतीय के हृदय को गर्व और आनंद से भर देगी।

 

 

बैठक में बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के पश्चात यात्रा मार्ग – विशेषकर पहलगाम और बालटाल – पूर्णतः सुरक्षित और व्यवस्थित हैं। एसएएसबीऔर प्रशासन द्वारा विश्वस्तरीय सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है, जिनमें अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, आरामदायक आवास, पौष्टिक भोजन और आपातकालीन सेवाएँ शामिल हैं।

 

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:यात्रा मार्गों पर आधुनिक चिकित्सा केंद्र और हेल्थ यूनिट की स्थापना- त्वरित आपदा प्रतिक्रिया दल की तैनाती- सूचना एवं सहायता केंद्रों का निर्माण- स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा बल और स्वैच्छिक संस्थाएँ एकजुट होकर कार्य करेंगे।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थायित्व की पुनर्स्थापना ने इस यात्रा को एक राष्ट्रीय गौरव का अवसर बना दिया है। इस वर्ष की यात्रा न केवल सुरक्षित और सुव्यवस्थित होगी, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए एक अलौकिक और अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बनेगी।

 

बैठक में जम्मू-कश्मीर के डीजीपी, मुख्य सचिव, सेना और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे, जिनके सुझावों और समन्वय से इस यात्रा की रूपरेखा को ठोस स्वरूप मिला।

 

SASB सभी श्रद्धालुओं से अपील करता है कि वे निर्धारित पंजीकरण प्रक्रिया का पालन करते हुए यात्रा में सम्मिलित हों और बाबा अमरनाथ के दिव्य दर्शन कर भारत की सनातन परंपरा का अनुभव करें।