Saturday, April 26, 2025
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सोना खरीदने से पहले जान लें नया भाव, आज 10 ग्राम के लिए इतना बदल गया दाम

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नई दिल्ली. सोने के भाव (Gold Rate) में लगातार चौथे दिन भी तेजी देखने को मिली. एचडीएफसी सिक्योरिटीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, सोमवार को भी दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 277 रुपये प्रति 10 ग्राम चढ़ा है. आज चांदी के भाव (Silver Rate) में 650 रुपये प्रति किलोग्राम के करीब की तेजी देखने को मिली. अमेरिका में जो बाइडन को राष्ट्रपति निवार्चित किये जाने और प्रोत्साहन पैकेज की उम्मीद में दोनों कीमती धातुओं के भाव में तेजी देखने केा मिल रही है.

सोने की कीमतें (Gold Price, 9 November 2020) – सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के दाम में भी 277 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी के बाद यह 52,183 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. इसके पहले शुक्रवार को यह 51,06 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो यहां आज सोने का भाव 1,960 रुपये प्रति औंस पर रहा.

चांदी की कीमतें (Silver Price, 9 November 2020) – इसी प्रकार चांदी के भाव में तेजी देखने को मिल रही है. दिल्ली सर्राफा बाजार में ही चांदी का भाव 649 रुपये प्रति 10 ग्राम चढ़कर 65,699 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. इसके पहले शुक्रवार को भी यह तेजी के साथ 65,005 के स्तर पर बंद हुआ था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का भाव 25.75 डॉलर प्रति औंस पर नजर आया.

क्या है जानकारों का कहना?
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनलिस्ट्स कमोडिटीज तपन पटेल ने बताया, ‘सोने के दाम में तेजी कोरोना वायरस मामलों में इजाफा होने की वजह से भी देखने को मिला.’ मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटीज रिसर्च वीपी नवनीत दमानी का कहना है कि आज कारोबार के शुरुआती दौर में ही सोने में तेजी देखने को मिली. डॉलर में कमजोरी और बाइडन प्रशासन के अंतर्गत प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद में इसमें तेजी आई है.

कोरोना संकट में बेरोजगार हुए लोगों को सरकार का तोहफा, ऑनलाइन दावा कर उठाएं योजना का फायदा

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण बेराजगार हुए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी ) की अटल बीमा व्यक्ति कल्याण योजना के तहत 20 अगस्त को बड़ा एलान किया। केंद्र ने कहा कि योजना के तहत दावा करने पर इसका 15 दिन में ही निपटान कर दिया जाएगा।

सरकार ने नियमों को लचीला बनाते हुए यह फैसला लिया कि कोरोना संकट में नौकरी गंवा चुके औद्योगिक कामगारों को उनके तीन महीने के वेतन का 50 फीसदी तक बेरोजगारी हितलाभ के तौर पर दिया जाए। यह फायदा केवल उन कामगारों को मिलेगा जिन्होंने 24 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच अपनी नौकरी गंवाई है या गंवाएंगे। इससे पहले तक यह 25 फीसदी था। वहीं, केंद्र ने रविवार को एलान किया कि इस योजना के तहत क्लेम करने के लिए हलफनामा दाखिल करने की जरूरत भी खत्म कर दी गई है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईएसआईसी ने 20 अगस्त 2020 को हुई अपनी बैठक में अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना को एक जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2021 तक कर दिया था। शपथ-पत्र यानी एफिडेविट फॉर्म में दावा प्रस्तुत करने की शर्त को भी हटाया गया है। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि योजना के हितलाभार्थियों की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करते हुए यह पाया गया कि एफिडेविट फॉर्म में दावा प्रस्तुत करने की शर्त से दावेदारों को असुविधा हो रही है। इसलिए इस शर्त को हटाया गया है। अगर कोई लाभार्थी ऑनलाइन क्लेम के समय दस्तावेजों को अपलोड नहीं कर पाता है तो उसे उनके प्रिंटआउट्स पर हस्ताक्षर करके जमा कराने होंगे।

इन कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
ईएसआईसी के तहत योजना का फायदा निजी कंपनियों, फैक्ट्रियों और कारखानों के काम करने वाले कर्मचारियों को मिलता है। कर्मचारियों को सुविधा प्रदान करने के लिए ईएसआई कार्ड बनाया जाता है। इस कार्ड के जरिए लाभार्भी योजना का फायदा ले सकते हैं। इस योजना का लाभ सिर्फ 21 हजार रुपये या इससे कम सैलरी वाले कर्मचारियों को ही मिलता है। वहीं, दिव्यांग कर्मचारियों के लिए आय की सीमा 25 हजार रुपये है। इसके अलावा, कंपनी का ईएसआईसी के तहत पंजीकरण होना भी जरूरी है। ईएसआईसी से जुड़े कर्मचारी कॉरपोरेशन की किसी भी शाखा में इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि, अब आप ऑनलाइन क्लेम भी कर सकते हैं।

जोशीमठ : बुलेट सवार दो युवकों को ट्रक ने रौंदा, SDRF के जवान देवदूत बनकर आये सामने

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चमोली (जोशीमठ), चमोली में बलदौडा वाहन दुर्घटना में लापता व्यक्तियों की तलाश में गयी एनडीआरएफ टीम पोस्ट जोशीमठ वापस आ रही थी, तो रास्ते में मारवाड़ी- जोशीमठ के मध्य की सीधे टक्कर हुई,
दुर्घटना में दोनों सवार ट्रक से टकराकर गम्भीर रूप से घायल होकर सडक पर गिरे, SDRF टीम द्वारा बिना देरी किए दोनों घायलों(पंकज, पाण्डुकेश्वर तथा अक्षित पंवार, गोविन्द घाट) को तत्काल एक प्राइवेट वाहन में रखकर तुरंत CHC JSM लाकर इमरजेन्सी में दाखिल किया, साथ ही स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया |

प्रियंका गौ रक्षा वाहिनी की महिला प्रदेश अध्यक्ष बनीं

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देहरादून। भारतीय गौ रक्षा वाहिनी ने अधिवक्ता व संरक्षिका प्रभु श्री राम ट्रस्ट ने प्रियंका रानी को महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्ति दी है। इस अवसर पर वाहिनी के प्रदेश प्रभारी सादाब अली ने कहा कि अधिवक्ता प्रियंका रानी का कर्मठ व्यक्तित्व हमेशा से ही महिलाओं के लिए प्ररेणा श्रोत रहा है।

समाज सेवा के क्षेत्र में अधिवक्ता रानी ने अनेकों काम किए है। उनकी समाजसेवी छवि ने गौ रक्षा वाहिनी को भी अपनी ओर आर्कषित किया। जिसके बाद गौ रक्षा वाहिने ने प्रियंका रानी को महिला प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष मनोनीत किया है। उन्होंने आशा व्यक्ति की कि सुश्री प्रियका रानी की कर्मठ छवि वाहनी के कामों को आगे बढ़ाएगी। जिससे कि गौ वंश सुरक्षा के क्षेत्र में तेजी से काम किया जा सकेगा।

उत्तराखंण्ड को भारत का सिरमौर बनाना है: प्रो. त्रिपाठी

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हरिद्वार 09 नवम्बर (कुल भूषण शर्मा)उत्तराखण्ड संस्कृत विष्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति की ओर से उत्तराखण्ड राज्य स्थापनादिवस के अवसर पर ऑन लाइन संस्कृत हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रमका षुभारम्भ विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवीप्रसाद त्रिपाठी ने किया उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का उद्देष्य यहां की संस्कृति एव परम्परा का संरक्षण कर उसे विषिश्ट पहचान देने के साथ ही यहां के युवाओ ंको रोजगारपरक षिक्षा उपलब्ध करा कर उनके समुज्ज्वल भविश्य की नींव तैयार करना था। उन्होंने कहा कि पुराणों ेंमें उत्तराखण्ड को मानसखण्ड व केदारखण्ड के रूप में बताया गया है। ।

पर्वतीय समाज को सुषिक्षित एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए मिलकर काम करना है। क गंगा संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण व परम्परा संरक्षण के माध्यम से उत्तराखण्ड को पूरे भारत का सिरमौर बनाना है।
इस अवसर पर कुलसचिव गिरीष कुमार अवस्थी, प्रो. मोहनचन्द्रबलोदी, डॉ. विन्दुमती द्विवेदी, डॉ. अजय परमार, डॉ.हरीषचन्द्रतिवारी, डॉ. रामरत्न खण्डेवाल, डॉ. रत्नलालकौषिक, डॉ. रामभूशणबिजल्वाण, डॉ. प्रदीपसेमवाल, डॉ. उमेषचन्द्र षुक्ला, डॉ. धीरज षुक्ला, मनमीतकौर आदि उपस्थित रहे।

 

दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए सख्ती से लागू करने होंगे कानून- एयर क्वालिटी मैनेजमेंट पैनल

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दिल्ली की एयर क्वालिटी सोमवार को लगातार पांचवें दिन “गंभीर” बनी हुई है, इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने कहा कि निजि परिवहन के सीमित उपयोग और प्रदूषण कम करने के लिए गैर-जरूरी यात्र पर रोक, जैसे मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) को सख्ती से लागू करने की तत्काल आवश्यकता है, ताकी प्रदूषण को कम किया जा सके.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आयोग ने कहा, “हमें मौजूदा कानूनों, दिशानिर्देशों को लागू करने की आवश्यकता है. आपातकालीन स्थिति के आधार पर वायु प्रदूषण को कम करने, व्यक्तिगत परिवहन के उपयोग को कम करने और यात्रा को प्रतिबंधित करने की भी जरूरत है.”

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले महीनों में कोयले के उपयोग को कम करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में कोयला उपयोग करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है. मालूम हो कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर को आधी रात से लेकर 30 नवंबर को आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तर प्रतिबंध लगा दिया है.

एयर एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने भी फैसला किया है कि दिल्ली में अगर कोई पटाखे जलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी, जिसके तहत डेढ़ साल से छह साल तक सजा भी हो सकती है.

दरअसल बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों, नगर निगम, परिवहन विभाग और जिला अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की. गोपाल राय ने कहा कि पटाखों से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सरकार एयर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी और एयर एक्ट के तहत FIR दर्ज की जाएगी. राय ने कहा, “इसमें मजिस्ट्रेट को आर्थिक दंड देने के साथ-साथ कम से कम डेढ़ साल और अधिक से अधिक 6 साल सजा का प्रावधान भी होगा.”

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं आईएजी उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में आपदा प्रबंधन हेतु विचार मंथन

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देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्राधिकरण एवं उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रहे संस्थाओं के समूह इंटर एजेन्सी ग्रुप (आई.ए.जी.) के पदाधिकारियों के बीच एक आवश्यक बैठक हुई। इस बैठक का आयोजन संयुक्त रूप से राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण एवं आई.ए.जी. उत्तराखण्ड ने किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव श्री एस.ए. मुरूगेशन ने आई ए जी के सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा एवं विचार विमर्श किया गया जिसमें सामाजिक संस्थाओं की राज्य में जनपद से राज्य स्तर तक कैसे समय-समय पर तालमेल एवं गठबंधन कर बेहतर आपदा प्रबंधन के कार्य सुनिश्चित किये जाएं।उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान या उसके बाद आपदा प्रभावी क्षेत्रों में महिलायें बुजुर्ग, बच्चे जो अधिकतर अनाथ हो जाते हैं तथा मानसिक और शारीरिक रूप से निःशक्त या चैलेंजिग वातावरण झेलने वाले समुदाय के लिए उत्तराखण्ड में विशेष रूप से अभिनव प्रयोग किये जाएंगे इसके लिए सरकार जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों, शोध संस्थानों, रेड क्राॅस एवं भारत स्काउट गाइड, नेहरू युवा केन्द्र, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल के साथ-साथ ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों केा भी विशेष रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उन्होंने सैद्धान्तिक रूप से हैम रेडियो के आपदा के दौरान उपयोग से सम्बन्धित भारत स्काउट एवं गाइड्स के प्रस्ताव के साथ-साथ प्रदेश में कोरोना कोविड से सम्बन्धित स्फियर इंडिया की कोविड एकेडमी के वेबिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी सहमति प्रदान की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए एस0डी0एम0ए0 के कार्यकारी निदेशक डाॅ0 पीयुष रौतेला ने आई0ए0जी0 की सदस्य संस्थाओं को विकासखण्ड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक समय-समय पर वांछित सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया और कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों को सम्बन्धित जनपद में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं के साथ बैठक आयोजित कर कार्य नीति बनाई जाएगी।

आई0ए0जी0 की समन्वयक कुसुम घिल्डियाल के प्रस्तुतिकरण पर चर्चा करते हुए सचिव राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण श्री मुरूगेशन ने कहा कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद के जिला प्रबंधन अधिकारी के साथ त्रैमासिक बैठकें सुनिश्चित की जाएंगी, इसी तरह राज्य स्तर पर अगली बैठक जनवरी के प्रथम सोमवार को अनिवार्य रूप से सचिवालय में आयोजित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रदेश में कहीं भी कोई आपदा नहीं है ऐसे समय में भी लगातार शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यक्रम आपदा प्रबंधन में सहयोग करने वाली सामाजिक संस्थाओं के साथ नेटवर्किंग, अध्ययन, चर्चा और विचार-विमर्श लगातार जारी रहेंगे।

अपर सचिव आपदा प्रबंधन डाॅ0 आनन्द श्रीवास्तव ने आई0ए0जी0 की सदस्य संस्थाओं से अपील की कि वे आपदा प्रबंधन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता के कार्यक्रम निस्वार्थ भाव से चलाते रहें।
आई0ए0जी0 के सदस्य डाॅ0 अनिल जग्गी ने सुझाव रखा कि एडवांस सूचना तकनीक और मोबाइल एप्प के सहयोग से आपदा प्रबंधन में सुगमता संभव है। सीड्स की अनीता चैहान ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा हरिद्वार और देहरादून के 100 स्कूलों में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण, फस्र्ट एड का प्रशिक्षण के साथ स्कूलों में स्ट्रेचर की व्यवस्था की जा रही है। जे0पी0 मैठाणी ने कहा कि किसी भी आपदा के बाद बुजुर्ग व्यक्तियों और मवेशियों के पुनर्वास, उपचार की प्रक्रिया को भी प्राथमिकता के स्तर पर आपदा प्रबंधन में शामिल किया जाना चाहिए।
आज की इस बैठक में रेड क्राॅस देहरादून के उपाध्यक्ष अनिल वर्मा, बिन्दु संस्था से रश्मि पैन्यूली, हीरा संस्था से दिलीप सिंह, पर्वतीय बाल मंच से सुधीर भट्ट, स्फियर एकेडमी से गौरव सुयाल, आपदा प्रबंध प्राधिकरण से मेजर राहुल जुगरान, डाॅ0 पी0डी0माथुर, ज्योति नेगी के अलावा भारत स्काउट्स एंड गाइड्स और रेडक्राॅस के प्रतिनिधि मौजूद थे।

कोरोना अपडेट : उत्तराखण्ड़ में 398 नए संक्रमित मिले, आंकड़ा 65677 पहुँचा

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देहरादून | उत्तराखंड में 09 नवम्बर को हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार कोरोना मरीजो की संख्या हुई 65677 आज कुल 398 नए मामले मिले , वही 59924 मरीज हुए है ठीक जब कि इस कोरोना संक्रमण से 1075 लोगो की मौत भी हुई है | आज अधिक संख्या में देहरादून में 90, पौड़ी में 61, नैनीताल में 46, पिथौरागढ़ में 26 , रुद्रप्रयाग में 20, उधमसिंहनगर में 31कोरोना के नए मामले मिले है |

नई दिल्ली : 15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी

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नई दिल्ली, 15वें वित्तीय आयोग ने अध्यक्ष एन के सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी। आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, प्रो. अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिड़ी और डॉ. रमेश चंद और आयोग के सचिव अरविंद मेहता भी अध्यक्ष के साथ आए थे।

विचारणीय विषय (टीओआर) की शर्तों के अनुसार, आयोग को 2021-22 से 2025-26 तक यानी पांच साल की अवधि के लिए 30 अक्टूबर, 2020 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करना अनिवार्य था। पिछले साल आयोग ने वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सिफारिशों वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जिसे केन्द्र सरकार ने स्वीकार कर लिया था और यह रिपोर्ट 30 जनवरी, 2020 को संसद के पटल पर रखी गई थी।

आयोग से अपने विचारणीय विषयों में अनेक विशिष्ट और व्यापक मुद्दों पर अपनी सिफारिशें देने के लिए कहा गया था। ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज कर विचलन, स्थानीय सरकारी अनुदान, आपदा प्रबंधन अनुदान के अलावा, आयोग को विद्युत क्षेत्र, डीबीटी को अपनाने, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसे अनेक क्षेत्रों में राज्यों के कार्य प्रदर्शन प्रोत्साहनों की जांच करने और सिफारिश करने के लिए भी कहा गया था। आयोग से यह जांचने के लिए कहा कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के वित्तपोषण के लिए एक अलग तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए और यदि ऐसा है तो इस तरह के तंत्र का संचालन कैसे किया जा सकता है। केंद्र सरकार को प्रस्तुत की जाने वाली इस रिपोर्ट में आयोग ने अपने सभी विचारणीय विषयों का निपटान करने की मांग की गई है।

यह रिपोर्ट चार खंडों में तैयार की गई है। खण्ड I और खण्ड II में विगत की तहत मुख्य रिपोर्ट और उसके साथ के अनुलग्नक संलग्न हैं। खण्ड III केंद्र सरकार को समर्पित है और इसमें मध्यम अवधि की चुनौतियों और आगे के रोडमैप के साथ प्रमुख विभागों की गहराई से जांच की गई है। खण्ड IV पूरी तरह से राज्यों के लिए समर्पित है। आयोग ने प्रत्येक बड़ी गहराई से प्रत्येक राज्य के वित्त का विश्लेषण किया है और प्रत्येक राज्य के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए राज्य विशिष्ट विचार-विमर्श को दर्शाया गया है।

इस रिपोर्ट में निहित सिफारिशों के बारे में स्पष्टीकरण ज्ञापन और कार्रवाई की गई रिपोर्ट के साथ एक बार केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने के बाद,यह रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध होगी। इस रिपोर्ट का कवर और शीर्षक ‘कोविड के दौरान वित्त आयोग’ भी विशिष्ट है। राज्यों और संघ के बीच संतुलन को दर्शाने के लिए कवर पर तराजू का उपयोग किया गया है।

वाराणसी की कनेक्टिविटी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : पीएम नरेन्द्र मोदी

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वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने आज 220 करोड़ रुपये की लागत वाली 16 योजनाओं का शुभारंभ किया। वाराणसी में 400 करोड़ रुपये लागत की 14 योजनाओं पर काम पहले ही शुरू हो चुका है।

आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, उनमें सारनाथ लाइट एंड साउंड शो, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, रामनगर का उन्नयन, सीवर से संबंधित कार्य, गायों की सुरक्षा और संरक्षण, बुनियादी ढांचा सुविधाएं, बहुउद्देशीय बीज भंडार गृह, 100 मीट्रिक टन के कृषि उपज वेयरहाउस, आईपीडीएस चरण 2, सम्पूर्णानंद स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए आवास परिसर, वाराणसी शहर में स्मार्ट लाइटिंग कार्य के साथ-साथ 105 आंगनवाड़ी केंद्रों और 102 गौ आश्रय केंद्र शामिल हैं।

इस आयोजन में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी में पर्यटन शहर की विकास योजना का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह विकास अपने आप में इस बात का उदाहरण है कि वाराणसी ने किस प्रकार गंगा नदी की सफाई, स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क, बुनियादी ढांचा, पर्यटन, बिजली, युवा, खेल और किसान जैसे हर क्षेत्र में विकास की गति हासिल की है। उन्होंने आज यह घोषणा की कि गंगा कार्य योजना के तहत सीवेज उपचार संयंत्र परियोजना के नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने वाराणसी में घाटों की सजावट, प्रदूषण को कम करने के लिए सीएनजी की शुरुआत, दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक प्लाजा जैसे बुनियादी ढांचा कार्यों को सूचीबद्ध किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के लिए किए गए ये प्रयास काशी के लिए संकल्प भरे और नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करने वाले हैं। धीरे-धीरे यहां घाटों की स्थिति सुधर रही है। उन्होंने कहा कि गंगा घाटों की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण के साथ-साथ सारनाथ को भी एक नया स्वरूप प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज सारनाथ में शुरू किया गया लाइट एंड साउंड कार्यक्रम सारनाथ की भव्यता को बढ़ाएगा।

प्रधानमंत्री ने आज यह घोषणा की कि काशी के अधिकांश हिस्से को बिजली के लटकते तारों की समस्या से भी मुक्त किया जा रहा है। बिजली के तारों को भूमिगत बिछाने के कार्य का दूसरा चरण आज पूरा हो गया है। इसके अलावा, स्मार्ट एलईडी लाइटें सड़कों को जगमग और सुंदर बनाएंगी।

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि वाराणसी की कनेक्टिविटी हमेशा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि नए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है ताकि काशी के लोग और पर्यटक यातायात जाम के कारण अपना समय बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि बाबतपुर को शहर से जोड़ने वाली सड़क भी वाराणसी की नई पहचान बन गई है। उन्होंने वाराणसी हवाई अड्डे में दो पैसेंजर बोर्डिंग पुलों के शुभारंभ को अति आवश्यक बताते हुए कहा कि छह साल पहले वाराणसी हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 12 उड़ानें होती थी, अब उड़ानों की संख्या बढ़कर प्रतिदिन 48 हो गई हैं। यहां रहने वाले और यहां आने वाले दोनों के जीवन को आसान बनाने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है। उन्होंने वाराणसी शहर में किए गए सड़क बुनियादी ढांचा कार्यों को सूचीबद्ध किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6 वर्षों के दौरान वाराणसी में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के निर्माण में अभूतपूर्व काम किया गया है। आज न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने वाराणसी क्षेत्र में राम नगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के आधुनिकीकरण जैसे स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में किए गए कार्यों को सूचीबद्ध किया।

प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की कि आज वाराणसी में चौतरफा विकास हो रहा है और पूर्वांचल सहित पूरा पूर्वी भारत इसका लाभ उठा रहा है। उन्होंने कहा कि अब पूर्वांचल के लोगों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी और पूर्वांचल के किसानों के लिए अंतर्राष्ट्रीय चावल संस्थान केन्द्र, मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट, पेरिशेबल कार्गो केन्द्र जैसी भंडारण से लेकर परिवहन तक की विभिन्न सुविधाएं जुटाई गई हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सुविधाओं से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि इस साल पहली बार वाराणसी क्षेत्र से फलों, सब्जियों और धान का विदेशों को निर्यात किया गया हैं। उन्होंने कहा कि आज लॉन्च किया गया 100 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता वाला वेयरहाउस काशी में किसानों के लिए भंडारण सुविधाओं का विस्तार करेगा। उन्होंने कहा कि जांसा में बहुउद्देश्यीय बीज गोदाम और प्रसार केंद्र की शुरुआत की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव के गरीब और किसान आत्मनिर्भर भारत अभियान के सबसे बड़े स्तंभ हैं और वे ही सबसे बड़े लाभार्थी भी हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में किए गए कृषि सुधार किसानों को सीधे ही लाभ पहुंचाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत, स्ट्रीट वेंडरों को आसान ऋण मिल रहे हैं, ताकि वे महामारी के बाद अपना काम फिर से शुरू कर सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन और घरों पर कानूनी अधिकार प्रदान करने के लिए, ‘स्वामित्व योजना’ शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत संपत्ति कार्ड जारी होने के बाद, गांवों में संपत्ति विवाद की संभावना नहीं रहेगी। अब गांव के घर या जमीन पर बैंक से ऋण लेना आसान हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं और उनसे अनुरोध किया है कि वे दीपावली के लिए ‘लोकल’ सामान को बढ़ावा दें और ‘लोकल’ सामानों का भी गर्व के साथ प्रचार करें इससे स्थानीय पहचान मजबूत होगी।