Saturday, April 26, 2025
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अमेरिका के नए राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन को पीएम मोदी’ ने दी बधाई

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नई दिल्ली, डोनाल्ड ट्रंप को हरा कर जो बाइडेन बने अमेरिका के प्रथम नागरिक। इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम अमेरिकी राजनीति के उन 11 राष्ट्रपतियों की सूची में शामिल हो गया है जो राष्ट्रपति रहते हुए दोबारा जीत हासिल नही कर सकें। साथ ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति बाइडेन को अमेरिकी जनता का पूरा साथ मिला । बाइडेन एक साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते रहें हैं। उनके राष्ट्रपति पद के चुनाव में जीत के बाद अब पूरी दुनिया से उन्हें बधाईयां मिल रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने पर जो बाइडेन को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि जो बाइडेन आपकी शानदार जीत पर बधाई साथ ही मैं आशा करता हूं की दोनो ही देश भारत-अमेरिकी संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निकटतापूर्वक एक साथ मिलकर काम करेंगें।

राज्य स्थापना दिवस : 25 हजार करोड़ से ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकसित होगा गैरसैंण

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गैरसैंण, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने घोषणा की है कि गैरसैंण परिक्षेत्र का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास के लिए अगले दस वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए खर्च किये जाएंगे। यहां के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी है। राजधानी के लिये जो जरूरी अवस्थापनात्मक विकास जरूरी होता है, उसके लिये मैं घोषणा करता हूँ कि हम आने वाले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए खर्च करेंगे। 25 हजार करोङ रूपए से ग्रीष्मकालीन राजधानी के पूरे परिक्षेत्र का विकास होगा।

उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भरडीसैण) मे 21 वां राज्य स्थापना दिवस (20वीं वर्षगांठ) बडे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। भराडीसैंण विधानसभा परिसर में आईटीबीपी और पुलिस के जवानों की भव्य रैतिक सेरेमोनियल परेड के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराडीसैंण) विधानसभा परिसर से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी। यह पहला मौका है जब प्रदेश के किसी मुखिया ने ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के बाद गैरसैंण मे राज्य स्थापना दिवस की सालगिरह मनायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखण्ड 21 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के भराङीसैण स्थित विधानसभा परिसर में हम संकल्प लेते हैं कि हम अपनी एक-एक बहन के सिर से घास का बोझ हटा देंगे। इसके लिये व्यापक स्तर काम चल रहा है। हमारी माताएं और बहनें बहुत मेहनती हैं। हमारी कोशिश है कि इनका स्किल डेवलपमेंट कर आर्थिक तौर पर सशक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही यहां की भावनाओं को समझते हुए उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का निर्माण दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से किया गया था। मैं बहुत से दूरस्थ और सीमांत गांवों में गया हूँ। जनभावनाओ का सम्मान करते हुए गैरसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन बनाया है। गैरसैंण प्रतीक है पहाङवासियों की पीङा का, दर्द का।

हमारी प्राथमिकता शुरू से ही दूरस्थ क्षेत्रों का विकास रहा है। इसी क्रम में हमने रूरल ग्रोथ सेंटर प्रारंभ किये। 104 को स्वीकृति दी जा चुकी है। 40 से अधिक शुरू भी हो गये हैं। बहनों को सशक्त करने के लिये हम महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दे रहे हैं।

राज्य में प्रकृति ने जो भी हमें दिया है, उनमें रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। हम स्वरोजगार को अभियान के तौर पर ले रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण और अनुदान की व्यवस्था है। जिलों में स्वरोजगार पर जिला योजना का 40 प्रतिशत खर्च करने के निर्देश दिये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रुपये में पानी का कनेक्शन दे रहे हैं। कैम्पा में 10 हजार लोंगो को रोजगार देने पर काम कर रहे हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में 5 लाख रूपये तक निशुल्क ईलाज की सुविधा दी गई है। महाविद्यालयों में 94 प्रतिशत फैकल्टी है। 500 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज हैं। 700 और स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज शुरू की जाएंगीं। कालेजों में वाई फाई कनेक्टीवीटी दी जा रही है। हमने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय और वृद्धावस्था, विधवा व विकलांग पेंशन में बढोतरी की है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि राज्य के उत्पादों में स्वयं सहायता समूह को रू. 5.00 लाख तक प्रोक्योरमेंट में वरीयता दी जायेगी। लगभग 500 सर्वाधिक पलायन वाले ग्रामों में स्थित स्वयं सहायता समूह को ब्याज मुक्त ऋण दिया जायेगा।

आम जनमानस की कठिनाईयों के निराकरण हेतु जनपद स्तरीय विकास प्राधिकरणों (DDA) द्वारा भवन निर्माण का मानचित्र पास करने की व्यवस्था की प्रक्रिया का सरलीकरण एवं शिथिलीकरण किया जायेगा।

शहरी इलाको में गरीब व्यक्तियों हेतु पेयजल कनेक्शन रू. 100 पर उपलब्ध कराया जायेगा। भ्रष्टाचार से लड़ने हेतु एक टोल फ्री हैल्प लाईन की स्थापना की जायेगी।

महिला एवं बच्चों हेतु मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना प्रारम्भ की जायेगी। इसके अन्तर्गत First Born को सौभाग्यवती किट दी जायेगी। राज्य की निर्यात नीति (Export Policy) बनायी जायेगी। …

उत्तराखंड़ : विस्तारा ने शुरू की दिल्ली-देहरादून के बीच नई फ्लाइट

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देहरादून, राज्य स्थापना दिवस के मौके पर विमानन कंपनी विस्तायेरा ने दिल्ली से देहरादून के बीच नई फ्लाइट शुरू कर दी है। सोमवार को पहले दिन फ्लाइट से 49 यात्री देहरादून आए और 53 यात्री दिल्ली गए। इसमें इकोनॉमी क्लास का 2400 रुपये और बिजनेस क्लास का 12 हजार रुपये प्रति किराया है। विमान में यात्रियों को फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी। फ्लाइट सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शनिवार को चलेगी। देहरादून में जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर फ्लाइट के आने का समय दोपहर 2:40 बजे होगा। जबकि फ्लाइट 3:20 बजे वापसी दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी। उत्तराखण्ड़ से विस्तारा एयरलांइस की सेवा शुरू होने से अब कुल शेड्यूल एयरलांइस की संख्या छह हो गई है। बता दें कि लॉकडाउन के बाद 25 मई से हवाई सेवाओं को शुरू कर दिया गया था।

इसके बाद धीरे-धीरे हवाई सेवाओं को विस्तार होना शुरू हो गया। विस्तारा एयरलांइस ने बीते मार्च माह से हवाई सेवा देने का शेड्यूल बनाया था। लेकिन कोरोना के कारण फ्लाइट शुरू नहीं हो सकी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट डायरेक्टर डीके गौतम ने कहा कि हवाई सेवा शुरू होने से यात्रियों को देहरादून से दिल्ली के बीच यात्रा के लिए फ्लाइट चयन का एक और विकल्प उपलब्ध हो गया है। इससे हवाई यात्रियों की आवाजाही में इजाफा होगा।

निदेशक माध्यमिक शिक्षा से मिला उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद का प्रतिनिधि मंडल, वेतन भुगतान भुगतान सहित कई बिन्दुओं पर हुई वार्ता

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देहरादन, उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारियों का प्रतिनिधि मंडल निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आर के कुंवर एवं संयुक्त निदेशक श्री भूपेंद्र सिंह नेगी के मध्य निम्नांकित मांगों के संदर्भ में वार्ता की गई l वार्ता के प्रथम बिंदु में परिषद द्वारा कार्यरत अर्हता प्राप्त प्रभारी प्रधानाचार्य को डाउनग्रेड पदोन्नति का अनुमोदन शीघ्र प्रदान करने हेतु मांग की गई जिस पर निदेशक महोदय ने अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल एवं कुमार मंडल को शिथिलता प्रदान करते हुए तथा शीघ्र डाउनग्रेड पद पर पदोन्नति करने हेतु निर्देशित किया है साथ ही परिषद द्वारा प्रभारी प्रधानाचार्य के पदोन्नति मैं शिथिलता प्रदान करने हेतु प्रस्ताव रखा । जिस पर शासन के नीतिगत मामला बताया l

मांग पत्र के द्वितीय बिंदु में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु पूर्व में भी कई बार परिषद द्वारा मांग की गई थी निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि अशासकीय विद्यालयों में राजकीय की भांति आउटसोर्सिंग के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्ति के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने को मंडलीय पर निदेशकों एवं मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है , साथ ही उपरोक्त पदों के वेतन भुगतान हेतु शासन को बजट की व्यवस्था हेतु मांग पत्र भेजा जा चुका है l मांग पत्र के तृतीय बिंदु में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सेवानिवृत्त हो रहे प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य को तदर्थ सेवाओं का लाभ सेवानिवृत्त देयको में प्रदान करने के लिए अवगत कराया गया जिसके लिए निदेशक महोदय ने अवगत कराया कि यह नीतिगत मामला है अतः इसमें शासन द्वारा ही निर्णय लिया जाना है ।

मांग पत्र के मुख्य और चतुर्थ बिंदु में परिषद द्वारा अवगत कराया गया कि विगत 2 माह से अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों को बजट के अभाव में वेतन भुगतान नहीं हुआ है जिससे शिक्षक कर्मचारी एवं प्रधानाचार्य में आर्थिक संकट के कारण रोष उत्पन्न हो रहा है अतः तत्काल दीपावली से पूर्व वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाए , निदेशक महोदय द्वारा तत्काल दूरभाष से शासन में बजट निर्गत करने हेतु वार्ता की गई साथ ही सततीकरण का प्रस्ताव आज ही शासन को प्रेषित कर दिया गया । निदेशक महोदय द्वारा आश्वस्त किया गया कि 1 सप्ताह के के अंदर वेतन का भुगतान सुनिश्चित कर लिया जाएगा । परिषद के मांग पत्र के अगले बिंदु में राजकीय विद्यालयों की भांति अशासकीय विद्यालयों को भी कोविड-19 वैश्विक महामारी कोरोनावायरस स्वच्छता हेतु सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था के लिए धनराशि निर्गत करने का निवेदन किया गया जिस पर निदेशक महोदय द्वारा शासन को अवगत कराने का आश्वासन दिया गया है एवं सैनिटाइजेशन और स्वच्छता हेतु धनराशि की मांग शासन से करने की मांग की गई है ।

परिषद द्वारा मांग की गई कि राजकीय शिक्षक कर्मचारियों की भांति अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों को भी सामूहिक बीमा के वर्तमान व्यवस्था से आच्छादित किया जाए राजकीय विद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों को ग्रेड पे के अनुसार सामूहिक बीमा की कटौती एवं नई व्यवस्था से लाभान्वित किया जा रहा है जबकि अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों मैं पुरानी व्यवस्था आज भी लागू है उक्त विसंगति के लिए निदेशक महोदय द्वारा शासन एवं बीमा विभाग से वार्ता के पश्चात उक्त व्यवस्था को लागू करने हेतु आश्वस्तi किया गया अंत में निदेशक महोदय द्वारा अटल आयुष्मान योजना लागू करने हेतु प्रस्ताव शासन को भेजने हेतु निर्देशित कर दिया गया है ।

एक अलग मांग पत्र निदेशक महोदय को प्रेषित किया गया जिसमें प्रदेश के वरिष्ठतम जूनियर हाई स्कूल के शिक्षकों को डाऊनग्रेड प्रधानाध्यापक मैं पदोन्नति हेतु ज्ञापन दिया गया जिसमें निदेशक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि इस बाबत अपर शिक्षा निदेशक गढ़वाल मंडल एवं कुमाऊं मंडल को दिनांक 28 अगस्त 2020 को कार्रवाई करने हेतु प्रेषित कर दिया है ।
वार्ता में उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रकाश चंद्र सुयाल, प्रदेश महामंत्री श्री अवधेश कुमार कौशिक, देहरादून के जिला मंत्री श्री अवतार सिंह चावला आदि उपस्थित रहे l

राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की विकास पुस्तिका का विमोचन किया

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देहरादून . राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने सोमवार को राज्य स्थापना दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।
राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 06 पुलिस अधिकारियों और ‘‘राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक’’ से सम्मानित दो पुलिस कार्मिकों को अलंकृत भी किया। इनमें श्री पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक, श्री श्रीधर प्रसाद बडोला, (से.नि.) पुलिस उपाधीक्षक, श्री प्रकाश चन्द्र शर्मा (से.नि.) उपनिरीक्षक, श्री धनराम आर्य (से.नि.) पी.सी.विशेष श्रेणी पी.ए.सी., श्री आदित्यराम डिमरी (से.नि.) उप निरीक्षक एस.डी.आर.एफ. तथा श्री हीरा सिंह राणा (से.नि.) सहायक सेना नायक को राष्ट्रपति पुलिस पदक और श्री विनोद प्रसाद थपलियाल, उप निरीक्षक, श्री ममलेश सिंह, आरक्षी को राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने उपस्थित जन समूह को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने राज्य आन्दोलनकारियों को भी नमन किया। राज्यपाल ने अनुशासित और भव्य पुलिस परेड के लिए पुलिस परिवार को बधाई दी। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति की स्थापना में उत्तराखण्ड पुलिस अच्छा कार्य कर रही है। कोविड महामारी के समय में भी पुलिस ने अग्रिम मोर्चे पर रहकर जनता की सहायता की है। कर्तव्य निवर्हन करते हुए लगभग 1600 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी कोविड बीमारी से संक्रमित हुए। लेकिन इसके बाद भी हमारी पुलिस, डाक्टर्स, नर्सेज और सभी कर्मचारी अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें महिलाओं के समग्र कल्याण एवं सशक्तीकरण हेतु हर संभव कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रग्स हमारी युवा पीढ़ी के लिये बहुत बड़ा खतरा है। प्रदेश में एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बनाई गई है। इस टास्क फोर्स को अपनी पूरी क्षमता से कार्य करना होगा, जिससे देवभूमि से नशे के सौदागरों का समूल नाश हो। उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 तक हर घर तक नल से जल देने पर काम चल रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में 21वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज 20 वर्ष पूर्ण कर रहा है। राज्य निर्माण के बाद अन्य राज्यों की तुलना में राज्य की विकास की गति तीव्र हुई है। हमारा प्रदेश शिक्षा, स्वास्थ्य, अवस्थापना विकास, नारी उत्थान आदि के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य ने एक अच्छी दिशा पकड़ी है।
मुख्यमंत्री ने मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि राज्य के आंदोलन में महिलाओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था महिलाओं पर ही निर्भर करती हैं। प्रदेश सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को खेती के कार्य से अलग आगे बढ़ाने का कार्य किया है। आज राज्य में 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूह हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पहले 2 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा था जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रूपए किया जा रहा है। राज्य के विकास का मानक ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं शहरी अर्थव्यवस्था के अन्तर को कम करके आँका जाना चाहिए।
डी.जी.पी श्री ए.के.रतूड़ी ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकसित होता उत्तराखण्ड : बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। 164 पृष्ठों की रंगीन विकास पुस्तिका में उत्तराखण्ड सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों का विवरण शामिल किया गया है, जोकि आम जन के लिए निश्चित रूप से उपयोगी सिद्ध होगी। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस विभाग द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।
रैतिक परेड के प्रथम कमाण्डर डॉ. मंजूनाथ टी.सी., कमाण्डेंट आई.आर.बी. द्वितीय, उप सेनानायक सुश्री रेखा यादव तथा परेड एडजुटेंट पुलिस उपाधीक्षक सुश्री पल्लवी त्यागी थीं। रैतिक परेड के उपरांत उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा डॉग शो, एण्टीटेररिस्ट स्क्वाड डेमो, मोटर साइकिलिंग और घुड़सवारी के हैरतअंगेज प्रदर्शन दिखाकर सभी का मन मोह लिया गया।
कार्यक्रम में इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर देहरादून श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री कुंवर प्रणव सिंह ‘चैम्पियन‘, श्री हरबंस कपूर, श्री विनोद चमोली, श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, सचिव श्री आर.के.सुधांशु, सचिव श्री नितेश झा, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा, सचिव सूचना दिलीप जावलकर, सचिव श्री राज्यपाल बृजेश कुमार संत, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

भीमताल : बीस साल में बदली सिर्फ सियासत की शान और शौकत, दूरस्थ ओखलकांडा क्षेत्र में सड़क, स्वास्थ्य और पेयजल की समस्या जस की तस

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(चंदन बिष्ट) भीमताल / नैनीताल, उत्तराखंड प्रदेश को बने 20 साल हो चुके हैं पर परिस्थितियां आज भी वैसी ही बनी हुई हैं हां इस दौरान कई सरकारें सत्तारूढ़ हो चुकी हैं विकास के नाम पर नेताओं की मौज बन आई है । उनकी शान शौकत बदली है वही नौकरशाही का दबदबा भी पहले की अपेक्षा ज्यादा बढ़ा है ।

गली मोहल्लों व गांव में नेताओं की कतार खड़ी हुई है इससे बड़ा उत्तराखंड वासियों का दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि जिस राज्य के सपने का ताना-बाना बुना गया था वह छिन्न-भिन्न होता जा रहा है । आज भी उत्तराखंड की जवान रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं गांव व शहर सभी का एक हाल है उच्च शिक्षा शिक्षित लोग रोजगार के नाम पर ढोलीगांव से 140 किलोमीटर दूर सिडकुल की फैक्ट्रियों में बधुआ मजदूर बने हुए हैं । उनके लिए न तो जॉब की गारंटी है । और न हीं वेतन योग्यता अनुसार । वही प्रदेश की नीति नियंता विकास के लंबे चौड़े वादे करते हैं हकीकत में सब इसके उलट चल रहा है । योजनाएं कागज से धरातल तक आते-आते अस्तित्व खो रही हैं ।

★20 साल में बदली सिर्फ सियासत की शान और शौकत ।

★ढोलीगांव के लोग स्वास्थ्य की समस्या को लेकर आते हैं 120 किलोमीटर दूर हल्द्वानी

★विकास के नाम पर उत्तराखंड प्रदेश आज भी वहीं खड़ा है

वहीं चुनाव आते-आते सभी दलों को विकास की बातें याद आने लगती हैं उत्तराखंड में रोजगार व आय का सबसे बड़ा स्रोत पर्यटन भी दम तोड़ता नजर आ रहा है । गांव की दुकानों में प्रशासन की देखरेख में अवैध शराब का कारोबार और खनन पर भी माफियाओं का राज चल रहा है । चाहे इस बाबत सरकार दम भर रही हैं विकास के नाम पर सरकारें दावे ही करती है । और ढोलीगांव के आसपास भी कंक्रीट के जंगलों को जमकर आश्रय मिल रहा है । और खेतों में जंगली जानवरों का डेरा किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है नीति नियंताओं का इससे कोई लेना-देना नहीं है । वह तो अपनी सियासत के नफे नुकसान मैं ही मशगूल हैं यह तो सिर्फ प्रदेश के विकास का नमूना भर है जो नजर आ रहा है ।

निशुल्क पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस के जरिए, पे-प्वाइंट कर रहा है प्रवासी मजदूरों की मदद

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देहरादून, फाइनेंशियल सर्विसेज के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क के आखिरी-पड़ाव की भूमिका निभाने वाले पे-प्वाइंट इंडिया ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल के माध्यम से, प्रवासी श्रमिकों द्वारा अपने गांव में रहने वाले परिवार के सदस्यों को मनी ट्रांसफर करने पर उन्हें निरूशुल्क पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस का कवरेज दिया जा रहा है। यह इंश्योरेंस बीमा कवर बीमित व्यक्ति को आकस्मिक दुर्घटनाओं की स्थिति में 50,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करता है, जिसमें दुर्घटना के कारण होने वाली मौत, या दुर्घटना की वजह से आंशिक, अस्थायी, स्थायी और पूरी विकलांगता शामिल है।

शून्य प्रीमियम की लागत पर उपलब्ध यह इंश्योरेंस कवर, विशेष रूप से केवल पे-प्वाइंट इंडिया के ग्राहकों के लिए उपलब्ध है। यह पहल खास तौर पर सुविधाओं से वंचित भारत के विशाल ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मजदूरों के साथ-साथ अकुशल प्रवासी मजदूरों के लिए शुरू की गई है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए, ग्राहक को सिर्फ अपने नजदीकी पे-प्वाइंट स्टोर या पे-प्वाइंटज वॉलेट से पैसे भेजने हैं। इसमें मनी ट्रांसफर की राशि की कोई सीमा नहीं है, और हर महीने के बाद जब भी एक नया मनी ट्रांसफर किया जाता है, तब यह इंश्योरेंस कवर अपने आप ही रिन्यू हो जाता है।

अकुशल श्रमिकों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा सबसे ज्यादा हैरू इस इंश्योरेंस कवर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसका फायदा मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्रों एवं शहरों में रहने और कमाने वाले मजदूरों या कल-कारखानों, परिवहन, लोडिंग व अनलोडिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को मिले। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन अकुशल मजदूरों के अपने काम के घंटों के दौरान दुर्घटनाओं का शिकार होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

प्रवासी मजदूरों के जीवन में दुर्घटना बीमा की कमी को दूर करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस बेमिसाल पहल के बारे में टिप्पणी करते हुए, पे-प्वाइंट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, श्री निदेशक केतन दोशी ने कहा, ष्पारंपरिक रूप से भारत में पिछड़े तबके के लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है और वे इंश्योरेंस की सुविधाओं से वंचित हैं, जिसे देखते हुए हमने इस पहल के माध्यम से उन सभी लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा के दायरे के विस्तार को अपना लक्ष्य बनाया है, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। हमने इस सुविधा को मनी ट्रांजैक्शन से जोड़ दिया है, और हम चाहते हैं कि वे जागरूक बनें तथा उन्हें अपने परिवारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर गर्व का अनुभव हो।ष्

कोविड-19 महामारी के दौरान सामाजिक एवं वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करनारू कई अलग-अलग छळव् की रिपोर्टों के अनुसार, 25 मार्च से 31 मई तक पूरे देश में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान कम-से-कम 1,461 दुर्घटनाएं हुईं – जिसमें 198 प्रवासी मजदूरों सहित कम-से-कम 750 लोगों की मौत हुई थी। अभूतपूर्व संकट की इस घड़ी में सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई है, और ऐसे में एक्सीडेंटल इंश्योरेंस जैसे फायदे से प्रवासी मजदूरों को एक बड़ा सहारा मिल सकता है। पे-प्वाइंट ने 48,000 से अधिक डिजिटल रूप से सक्षम रिटेल स्टोर्स के अपने नेटवर्क के माध्यम से अगले साल तक 1 मिलियन ग्राहकों को कवर करने की उम्मीद जताई है।

श्री दोशी ने आगे बताया, ष्इस महामारी की वजह से प्रवासी मजदूरों के लिए बेहद कठिन हालात पैदा हो गए हैं। जनसंख्या के पिरामिड के सबसे निचले तल तक पहुंचने के अपने विजन के अनुरूप हमने इस पहल की शुरुआत की है, जो स्व-रोजगार करने वाले प्रवासियों की वित्तीय सुरक्षा को प्राथमिकता देता है तथा उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करता है।ष्

पे-प्वाइंट ग्राहकों को छोटे आकार की बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराता हैरू बड़ी-बड़ी बीमा एजेंसियां, कमीशन की बेहद कम दरों के कारण अक्सर ग्राहकों को छोटे आकार की बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराने से दूर भागती हैं, लेकिन पे-प्वाइंट ने शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में इस तरह की पॉलिसी की बिक्री में सफलता पाई है, जिससे बीमा का दायरा भी बढ़ा है। विभिन्न प्रकार की सेवाओं से प्राप्त पारितोषिक के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसमें पैसे भेजना, उपयोगिता सेवाओं के बिल के भुगतान, डीटीएच एवं मोबाइल रिचार्ज, हवाई यात्रा एवं बस के टिकट की बुकिंग, तथा इसी तरह की अन्य सेवाएं शामिल हैं।

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पिथौरागढ़ : आदमखोर मादा गुलदार को शिकारी जॉय हुकिल ने लगाया ठिकाने, क्षेत्रवासियों ने ली राहत की सांस

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पिथौरागढ़, उत्तराखंड़ के पिथौरागढ़ जनपद के बेरीनाग में आदमखोर के आतंक का हुआ खात्मा। ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना हो दुश्वार हो गया था ।

गौरतलब है कि विगत 7 अक्टूबर की शाम 6:15 बजे बेरीनाग के भट्टी गांव निवासी भगतराम की 6 वर्षीय बेटी हिमानी को घात लगाकर बैठा गुलदार घर के आंगन से उठाकर ले गया ,परिवारजनों द्वारा शोरगुल मचाए जाने पर आस-पड़ोस के लोग एकत्र हुए और गुलदार के पीछे भागे घर से करीब 100 मीटर दूर बच्ची का शव बरामद हुआ। उक्त घटना से बच्चे के परिजनों समेत पूरे गांव में दहशत व आक्रोश बना हुआ था।
ग्रामीणों के आक्रोश को दृष्टिगत रखते हुए वन विभाग द्वारा क्षेत्र में पिंजरा लगाने के साथ ही गुलदार को आदमखोर घोषित कर शिकारियों की टीम को बुला लिया था। राज्य के मशहूर शिकारी जॉय हुकिल 4 नवंबर से घटनास्थल के आसपास डेरा डाले हुए थे, रविवार रात उन्हें सफलता मिली।

राज्य के मशहूर शिकारी जॉय हुकिल नेे बताया कि वह विगत 4 नवंबर से घटनास्थल के आसपास डेरा डाले हुए थे , उन्होंने बताया रविवार को घटनास्थल के आसपास सर्चलाइट के माध्यम से गश्त की जा रही थी कि रात्रि 9:20 पर उक्त गुलदार दिखाई दिया और पहली गोली में ढेर हो गया। उन्होंने बताया मारा गया गुलदार मादा है जिसकी उम्र लगभग 7 वर्ष है। बता दें कि जॉय हुकिल का यह 40 वां शिकार है।

उप प्रभागीय वनाधिकारी नवीन चंद्र पंत ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि क्षेत्र में पिंजरे लगाने के साथ ही मचान बनाकर गुलदार के मूवमेंट को ट्रेस किया जा रहा था। उन्होंने बताया पिछले कुछ दिनों से उक्त गुलदार घटनास्थल के आसपास दिखाई दे रहा था। उन्होंने बताया आदमखोर गुलदार मादा है। जो रविवार देर रात शिकारी की गोली से ढेर हो गया है । आज गुलदार के शव पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। वन क्षेत्राधिकारी चंदा मेहरा ने बताया कि पिछले एक माह से वन विभाग की टीम क्षेत्र में दिन-रात गश्त करने के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक कर रही थी। इधर आदमखोर गुलदार के मारे जाने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस लेते हुए वन विभाग व शिकारी जॉय हुकिल का तहे दिल से आभार जताया है।

महिला आश्रम में बच्चियों के साथ मनाई दीपावली

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देहरादून। आज 9 नवंबर उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन एवम् हर्षल फाउंडेशन द्वारा लक्ष्मण चैक स्तिथ महिला आश्रम में बेटियों के साथ दीपावली मनाई गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती कमली भट्ट, अध्यक्ष महिला मोर्चा बीजेपी, विशिष्ट अतिथि श्री रवीन्द्र सिंह आनंद, वरिष्ठ समाजसेवी, अतिथि श्रीमती बिमला गौड़, पार्षद का संस्था की ओर से पटका पहनकर एवम् पौधा देकर स्वागत किया गया। बेटियों को संस्था के द्वारा लंच बॉक्स, मिठाई, नमकीन एवम् फल दिए गए। साथ ही सर्दी से बचाव के लिए चप्पल दी गई।

दीवाली के लिए दिए, बत्ती, तेल , खील, आदि भी दी। इस अवसर पर कमली भट्ट ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस दीपावली सभी को प्रेम और सौहार्द का संदेश देना चाहिए। वहीं रविंद्र आनन्द ने कहा कि इस कोरोना काल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है और एक बात की शिक्षा दी है कि प्रेम से रहें इसलिए इस दीपावली प्रेम का दीपक जला कर रौशनी फेैलाए। वहीं संस्था की अध्यक्ष रमा गोयल ने संस्था से जुड़ी सभी महिलाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्था की ओर से समय समय पर इस तरह के आयोजन होते रहते है ।

इस अवसर पर रमा गोयल, मीनाक्षी, वर्षा गोयल, प्रिया गुलाटी, मोनिका, रीना गर्ग, मिथलेश गोयल, बबीता गुप्ता, राखी गुप्ता, रचना शर्मा, संगीता, अमिता गोयल, प्रवीण शर्मा, सरिता रानी, आश्रम की माता जी, पूनम जी आदि सब उपस्थित थे। आश्रम के द्वारा संस्था के कार्य को सराहा गया।

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस : “बीस साल” में आठ जन नौ बार मुख्यमंत्री….!

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✒️प्रेम पंचोली

त्तराखंड राज्य अब एक लंबा सफर पूरा कर चुका है। यानी 20 बरस में जहां चार मुख्यमंत्री होने थे वहां 9 मुख्यमंत्री बने हैं, अर्थात 8 जनों ने 9 बार इस प्रदेश की कमान संभाली है।

उत्तराखंड की जनता ने जिस सपने को देखा था वह राजनीतिक दल और व्यक्ति के अहम् में जूझता दिखाई दिया। हालात यह हो गई कि जिस विधानसभा को शिष्टाचार पूर्वक चलना था वहां सदन के अंदर राजनीतिक झगड़ों के निपटारे हुए। यहां तक कि 2 बार अपनी अपनी सरकार को बचाने के लिए फ्लोर टेस्ट तक हुए। इस तरह सरकारों की अंह की लड़ाई में न्यायालय तक को हस्तक्षेप करना पड़ा। बता दें कि मुख्यमंत्री बनने की लड़ाई में राज्य के विकास यदि अवरुद्ध नहीं हुई तो अधूरे तो पड़े हुए ही हैं। उल्लेखनीय हो कि जिस राज्य की प्राकृतिक छटा लोगों को बरबस आमंत्रण देती है उस प्रकृति के संरक्षण के लिए भी यहां कोई खास कार्य दिखाई नहीं दिए। माना जाए यदि 20 बरस में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व दोहन के लिए विशेष योजना बनती तो इस राज्य में एक तरफ लोगों के हाथ में रोजगार होता है और दूसरी तरफ प्राकृतिक संसाधन पर्यटन व्यवसाय से राज्य का राजस्व बढ़ाते। मगर इस राज्य के ‘कर्णधार’ राजस्व कमाने के लिए शराब और कमीशन खोरी को हथियार बना रहे है।

इधर राज्य में कुमाऊँ की गरुड़ घाटी और गढ़वाल की यमुना घाटी कृषि के लिए बहुत विख्यात है। सरकारें आई और गई, लेकिन राज्य में कृषि विकास के लिए कोई खास कार्य सामने नहीं आ पाए। उदाहरण स्वरूप राज्य में जहां-जहां कृषि विकास केंद्र है वे सिर्फ रिपोर्ट लिखने तक या यूं कहें कि सेमिनार तक ही सिमट गए हैं।

उत्तराखंड़ के पूर्व मुख्यमंत्री और उनका कार्यकाल :

नित्यानंद स्वामी – नौ नवंबर 2000 – 20 अक्तूबर 2001
भगत सिंह कोश्यारी – 20 अक्तूबर 2001- 01 मार्च 2002
एनडी तिवारी – 02 मार्च 2002 – 07 मार्च 2007
बीसी खंडूड़ी – 08 मार्च 2007 – 23 जून 2009
रमेश पोखरियाल निशंक – 24 जून 2009 – 10 सितंबर 2011
बीसी खंडूड़ी – 11 सितंबर 2011- 13 मार्च 2012
विजय बहुगुणा – 01 फरवरी 2014- 27 मार्च 2016
हरीश रावत – 27 मार्च 2016- 18 मार्च 2017

इसके अलावा राज्य के 20 बरस के सफर में सरकारी रोजगार की कोई ठोस नीति सामने नहीं आ पाई है। सरकारी रोजगार के लिए रोजगार देना और व्यवस्थित कार्य को उस रोजगार प्राप्त व्यक्ति को देना जो जिस विभाग में सेवा दे रहा है के लिए स्थानांतरण नीति तक की माकूल आवश्यकता इस राज्य को थी, जो आज भी जस की तस पड़ी है। राज्य में आज भी यातायात की सुलभ व्यवस्था तक नहीं हो पाई है। उदाहरणतः उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को संचालन में अंतर दिखाई देता है। इनका परिचालन अव्यावहारिक तरीके से किया जा रहा है। जैसे पहाड़ पर चलने वाली बसें छोटी या कम सीटों वाली होनी चाहिए, बड़ी और लंबी बसे दिल्ली आदि मैदानों संचालित करनी चाहिए थी, सो नही हो रहा है। जबकि छोटी व नई बसें मैदानों में या दिल्ली तक दौड़ाई जा रही है, कह सकते हैं कि 20 बरस में एक विभाग को व्यवस्थित न करना इस राज्य की नाकामी कही जा सकती है।
हां इतना जरूर हुआ है की बहुत सारे लोग विधानसभा जैसी पवित्र सदन के हिस्सा बन गए। बहुत सारे लोगों को प्रोटोकॉल की सुविधा मिल गई। बहुत सारे लोगों को राजनीतिक पार्टियों ने अहूदे वाले पद दिए। जो अपने-अपने पदों पर राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में खूब गरियान लग गए। मगर राज्य में यातायात की सुलभ व्यवस्था और चिकित्सा, शिक्षा के लिए ठोस कार्यक्रम सामने नहीं आ पाए हैं। जबकि अधिकांश विकास के काम निर्माणाधीन है या आरंभ किए जा चुके हैं पर 20 बरस में पूरे नहीं हो पाए हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण डोबरा चांठी पुल है। 2003 में जब टिहरी बांध की अंतिम टनल बंद कर दी गई थी, टिहरी डूब चुका था, प्रताप नगर के लोग एक तरफ झील के कारण बंद हो चुके थे, इसलिए डोबरा चांठी पुल की मांग उठी। यानी 17 बरस बाद डोबरा चांठी पुल बनकर तैयार हुआ। फलतः विकास के काम समय पर पूरा ना होना ही राज्य का पिछड़ना ही साबित हुआ है।